सावधि जमा (FD) ब्याज दर

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फिक्स्ड डिपॉजिट

विशेषताएँ :

योजना कोड

TD002

पात्रता

कोई भी निवासी व्यक्ति – एकल खातों, संयुक्त खातों में दो या उससे अधिक व्यक्ति, अशिक्षित व्यक्ति, नेत्रहीन व्यक्ति, पर्दानशीन महिला, अवयस्क, एसोसिएशन, क्लब, सोसाइटी, आदि. आरबीआई द्वारा विशेष रूप से अनुमत ट्रस्ट, संस्थानों/एजेंसियां एकल/संयुक्त नाम से “सावधि जमा रसीद” खाता खोलने हेतु पात्र है.

न्यूनतम अवधि

अधिकतम अवधि

न्यूनतम जमाराशि

न्यूनतम राशि संबंधित मानदंड सरकार प्रायोजित योजनाओं की सब्सिडी, मार्जिन मनी, बयाना राशि और न्यायालय द्वारा जब्त/आदेशित राशि पर लागू नहीं होंगे.

अधिकतम जमाराशि

ब्याज दर

सावधि जमा रसीद पर बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध तालिका के अनुसार ब्याजदर देय होगा.

ब्याज भुगतानआवृति

ब्याज का भुगतान ग्राहक के निर्देशों पर त्रैमासिक या अर्ध-वार्षिक आधार पर देय किया जाएगा. यदि ब्याज भुगतान की तारीख अवकाश के दिन पर आती है तो ब्याज का भुगतान अगले कार्यदिवस पर किया जाएगा.

टीडीएस

दिशानिर्देशों के अनुरूप टीडीएस की कटौती की जाएगी.

ऋण सुविधा

नामांकन सुविधा

दिशानिर्देशों के अनुरूप उपलब्ध

स्वचालित नवीनीकरण

जमा परिपक्वता की तारीख पर किसी विशेष निर्देशों की न होने पर उसी अवधि के लिए लागू ब्याजदर के अनुसार फिक्स्ड डिपॉजिट नवीनीकृत कर दिया जाएगा.

परिपक्वता पूर्व बंदी

अनुमति है. चालू अवधि के लिए लागू दर के अनुसार ब्याज का भुगतान किया जाएगा और जुर्माना यदि कोई है.

परिपक्वता पूर्व बंदी पर दंड

रिटेल मीयादी जमा (रु.2.00 करोड़ से कम) के परिपक्वतापूर्व बंद करने के मामले में, जो 7 दिनों या उससे अधिक के लिए है, ब्याज को लागू दर (डिपॉज़िट खोलने की तिथि पर लागू) की तुलना में 1.00% से कम भुगतान किया जाएगा और उस अवधि के लिए जिसके लिए यह वास्तव फिक्स्ड डिपॉजिट में बैंक के पास है या अनुबंधित दर, जो भी कम हों.

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के पास योजना में परिवर्तन करने / संशोधन / रद्द करने का अधिकार है.

शॉर्ट / मीडियम टर्म डिपॉजिट में फिक्स्ड डिपॉजिट फंड की पार्किंग

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कोऑपरेटिव बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) : ऊंची ब्याज दरें हों तो भी, इसमें इन्वेस्ट करना कितना सही?

कोऑपरेटिव बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) : ऊंची ब्याज दरें हों तो भी, इसमें इन्वेस्ट करना कितना सही?

सावधि जमा योजना यानी फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर 9.50 फीसदी की सालाना ब्याज दर निश्चित तौर पर आकर्षित करेगी, खासतौर से ऐसी स्थिति में जब कमर्शल बैंक एफडी पर 7 से 7.5 फीसदी की ब्याज दर दे रहे हों. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया यानी एसबीआई (SBI)तीन साल की एफडी पर सालाना के हिसाब से 7 फीसदी की ब्याज दर दे रहा है. वहीं दूसरी ओर कोऑपरेटिव बैंक और म्यूनिसिपल कोऑपरेटिव बैंक इसी मच्योरिटी टर्म पर 8.50-9.50 फीसदी की दर से ब्याज दे रहे हैं.

इसका अर्थ यह हुआ कि यदि कोई व्यक्ति पांच साल फिक्स्ड डिपॉजिट के लिए 10 लाख रुपए की एफडी कोऑपरेटिव या म्यूनिसिपल कोपरेटिव बैंक में करता है तो वह अपेक्षाकृत बहुत अधिक यानी अन्य एफडी पर ब्याज की कमाई से 1 लाख रुपए अधिक ब्याज कमा सकता है. यही वजह है कि रिटायर होने वाले ज्यादातर लोग जो कि रेग्युलर मासिक इनकम चाहते हैं और इसके लिए बड़ी रकम निवेश में डालते हैं, वे पारंपरिक एफडी के मुकाबले कोऑपरेटिव बैंक के एफडी के प्रति ज्यादा आकर्षित होते हैं.

कई कोऑपरेटिव बैंक्स हालांकि असफल भी हुए हैं. कोऑपरेटिव बैंकों के मुकाबले कर्मशल बैंक अधिक नियम-कानूनों से बंधे होते हैं और संभवत: उनमें कस्टमर्स के हित अपेक्षाकृत अधिक सुरक्षित होते हैं. कर्मशल बैंक के मुकाबले कोऑपरेटिव बैंकों की वित्तीय स्थिति उतनी आसानी से उपलब्ध नहीं होती है. डील फोर लोन्स (Deal4Loans) के संस्थापक ऋषि मेहरा कहते हैं- अतीत में कई कोऑपरेटिव बैंक धराशायी हो गए हैं, ऐसे में बस कुछ 1.5-2 फीसदी अधिक ब्याज दर के लिए जोखिम लेना सही नहीं है. उनके मुताबिक, कोऑपरेटिव बैंक जिस एरिया में ऑपरेट करते हैं, वहां के स्थानीय किसानों और लघु उद्यम करने वालों को लोन देते हैं, ऐसे में वे इसलिए भी असफलता संबंधी जोखिम अधिक होता है क्योंकि लोन एक ही सेक्टर में दिए जा रहे हैं.

हालांकि निवेशक की निवेश की गई रकम का 1 लाख रुपया डिपॉजिट इंश्योरेंस स्कीम के तहत कोऑपरेटिव बैंकों में भी बीमित होता है, ठीक वैसे ही जैसे कि राष्ट्रीयकृत बैंकों के मामले में होता है. इसलिए विशेषज्ञ कहते हैं कि जितना भी पैसा निवेश करना है उसे विभिन्न बैंकों में करें, न कि एकसाथ किसी एक ही बैंक में करें. यदि आपको दो लाख रुपए निवेश करने हैं तो इसे दो कोऑपरेटिव बैंकों में डाल दें.

इसके अलावा एक और बात है. कभी कभी बैंक के फेल होने की दिशा में सरकार पैसा निकालने की सीमा तय कर देती है. मेहरा के मुताबिक, ऐसे में सरकार उस कोऑपरेटिव बैंक को संभलने के लिए वक्त देना चाहती है लेकिन यही बात कस्मटर्म के लिए झंझट बन जाती है.

1 ही हफ्ते में इस बैंक ने दो बार बढ़ाई FD की ब्याज दर, अभी उठाएं फायदा

Fixed Deposit Interest Rate: फिक्स्ड डिपॉजिट पर कोटक महिंद्रा बैंक की संशोधित ब्याज दरें 14 दिसंबर 2022 से प्रभावी हो चुकी हैं। संशोधित ब्याज दर घरेलू, एनआरओ और एनआरई जमा पर लागू है।

Updated Dec 15, 2022 | 03:29 PM IST

सस्ते में सोना बेचने वाली है सरकार? जानें- RBI कब लाएगा Sovereign Gold Bonds और आपको कितना मिलेगा ब्याज?

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Fixed Deposit Interest Rate: 1 ही हफ्ते में इस बैंक ने दो बार बढ़ाई फिक्स्ड डिपॉजिट FD की ब्याज दर

नई दिल्ली। एक ओर जहां भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) लगातार रेपो रेट में कटौती कर रहा है, वहीं बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) की ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर रहे हैं। एक बैंक ऐसा भी है जिसने एक ही हफ्ते में एफडी की ब्याज दर दो बार बढ़ाई है। अगर आप भी पैसे निवेश करने की सोच रहे हैं, तो यह आपके लिए बेहतरीन मौका साबिक हो सकता है। हम बात कर रहे हैं कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank) की। कोटक महिंद्रा बैंक ने 2 करोड़ रुपये से कम की राशि वाली एफडी पर दिए जाने वाले ब्याज दर में बढ़ोतरी कर दी है।

बैंक ने चुनिंदा अवधियों के लिए ब्याज दर में बढ़ोतरी की है। बैंक अब 180 दिनों की अवधि के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट पर 5.75 फीसदी की ब्याज दर की पेशकश कर रहा है। पहले यह दर 5.50 फीसदी थी। 181 से 269 दिनों की अवधि के लिए, 270 दिनों की अवधि के लिए और 271 से 363 दिनों की अवधि के लिए ब्याज दर 5.75 फीसदी है। 365 दिनों से 23 महीनों के कार्यकाल (विभिन्न अवधियों में) पर बैंक की ओर से 6.75 फीसदी ब्याज की पेशकश की गई है।

बैंक की वेबसाइट के अनुसार, सीनियर सिटीजन की फिक्स्ड डिपॉजिट की ब्याज दर एनआरओ या एनआरई अकाउंट पर लागू नहीं होती है। अगर एनआरई एफडी एक साल से कम की अवधि के लिए है, तो कोई ब्याज नहीं दिया जाएगा।

रिकरिंग डिपॉजिट (RD) की बात करें, तो बैंक नियमित नागरिकों को 6 महीने से 10 साल के लिए 5.75 फीसदी से 6.75 फीसदी के बीच और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 6.25 फीसदी से 7.25 फीसदी के बीच की ब्याज दर प्रदान कर रहा है।

(Disclaimer: यहां टाइम्स नाउ नवभारत द्वारा किसी भी योजना में निवेश की सलाह नहीं दी जा रही है। यह सिर्फ जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी योजना में निवेश करने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।)

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