तृतीय लिंग समुदाय के लोगों के लिए राज्य सरकार ने न केवल नीतियों का निर्माण किया है, बल्कि उनके पुनर्वास के लिए भी कदम उठाए है। छत्तीसगढ़ में वर्ष 2019 से उभयलिंगी व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम-2019 को लागू किया गया है। इस वर्ग के हितों की रक्षा और उनके कल्याण के लिए नीतियां बनाने तृतीय लिंग कल्याण बोर्ड का गठन किया गया है। जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति का भी गठन किया गया है। खास बात ये है कि इन बोर्ड और समितियों में समुदाय के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया गया है। योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के उद्देश्य से टास्क फोर्स गठित किया गया है। इस समुदाय के लोगों के आवास, शिक्षा, रोजगार, आय और स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों की पूर्ति के लिए राज्य के बजट में अलग से प्रावधान किया गया है। राजस्व और तकनीकी दृष्टिकोण छत्तीसगढ़ में तृतीय लिंग समुदाय के सभी लोगों तक योजनाओं का लाभ पहंुचे, इसके लिए उन्हें चिन्हिंत कर परिचय पत्र दिया जा रहा है, साथ ही उनका डेटा बैंक भी तैयार किया जा रहा है। राज्य में कुल 3,060 तृतीय लिंग के व्यक्ति चिन्हांकित किए गए है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर एक नवम्बर 2022 से उभयलिंगी समुदाय के व्यक्तियों की हर प्रकार की समस्या के समाधान के लिए हेल्पलाईन नम्बर 155326 और टोल फ्री नम्बर- 1800-233-8989 का संचालन भी शुरू किया गया है।
छत्तीसगढ़ के तृतीय लिंग समुदाय में जागा आत्मविश्वास
रायपुर। भारतीय संविधान धर्म, जाति और लिंग के भेदभाव के बिना सभी के लिए सम्मानपूर्वक जीवन निर्वाह करने का अधिकार सुनिश्चित करता है, लेकिन आजादी के 75 वर्षों बाद भी समाज बहुत सी रूढ़ियों और पूर्वाग्रहों से मुक्त नहीं हो पाया है। यही वजह है कि समाज के कुछ वर्गों तक उनके संवैधानिक अधिकार नहीं पहुंच पाए हैं। इसे ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने लिंग आधारित भेदभाव को खत्म करने के लिए तृतीय लिंग समुदाय के सामाजिक उत्थान के लिए अनेक स्तरों पर प्रभावी कदम उठाए हैं। इस दिशा में बड़ी पहल तृतीय लिंग समुदाय के लोगों की शासकीय सेवाओं में भर्ती कर की गई है। छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जिसने पुलिस और सुरक्षा दस्तों में तृतीय लिंग समुदाय के लोगों की भर्ती करके उनमें आत्मविश्वास जगाने की दिशा में पहल की है। छत्तीसगढ़ पुलिस बल में तृतीय लिंग समुदाय के 13 और नक्सल पीड़ित बस्तर जिले में गठित विशेष-बल बस्तर फाइटर्स में 09 राजस्व और तकनीकी दृष्टिकोण व्यक्तियों की भर्ती तो शुरूआत भर है। छत्तीसगढ़ में मिल रहे प्रोत्साहन और सहयोग से आने वाले दिनों में इस विशेष वर्ग का प्रतिशत शासकीय सेवा में बढ़ने लगेगा। इनका परीक्षाओं में चयन हो सकें इसके लिए समाज कल्याण विभाग द्वारा निःशुल्क कोचिंग की व्यवस्था भी की गई है, जिसका लाभ चयनितों को मिला।
NCPCR का BYJUs को समन
दरअसल, अब BYJUs अब सरकार की जांच के घेरे में भी आ गया है। जी हां, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने BYJUs के सीईओ बायजू रवींद्रन को एक समन जारी किया है। आयोग के द्वारा कुछ मीडिया रिपोर्ट्स को संज्ञान में लिया गया है, जिसमें ये आरोप लगाया गया कि कंपनी अपने पाठ्यक्रमों को गलत तरह से बेचकर छात्रों का शोषण कर रही है। बायजू रवींद्रन को 23 दिसंबर को दोपहर 2 बजे तक सभी दस्तावेजों के साथ आयोग के सामने पेश होना है।
आयोग के अनुसार, मीडिया रिपोर्ट में कुछ माता-पिता ने ऐसा दावा किया है कि BYJUs के द्वारा उनका शोषण करके उनको धोखा दिया गया है। BYJUs पर आरोप ये लगे है कि वो अपने कोर्सों को गलत तरीके से बच्चों को बेचकर उनका घोषण कर रही है। BYJUs के खिलाफ ऐसी कई शिकायतें मिली, जिसमें लोगों का कहना है कि BYJUs के कारण उन्होंने अपनी बचत खो दी और बच्चों को भविष्य को भी खतरे में डाल दिया। यही नहीं रिपोर्ट में ये भी आरोप लगाया गया है कि BYJUs ग्राहकों को पाठ्यक्रमों के लिए ऋण-आधारित समझौतों में प्रवेश करने के लिए ‘बरगलाने’ का भी प्रयास करता रहा है।
गरीब परिवारों को निशाना बनाता है BYJUs
अभी हाल ही में BYJUs की एक सार्वजनिक रेटिंग सामने आई थी, जिसमें समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने BYJUs के 22 ग्राहकों से एक ख़ास बातचीत की थी। इस बातचीत से पता चला था कि BYJUs ने बड़ी ही चालाकी से गरीब परिवारों को निशाना बनाया था। इसमें अधिकतर कम आय वाले परिवार शामिल थे, जिनका कहना था कि सेल्स के लोगों ने बहुत आक्रामकता से उन्हें कोर्स को खरीदने के लिए मजबूर किया और उनसे पैसे लेकर चले गए। वहीं अधिकतर लोगों का ये भी कहना है कि कंपनी के सेल्समेन ने उनकी अपने बच्चों को सर्वश्रेष्ठ शिक्षा उपलब्ध कराने की इच्छा का लाभ उठाया और उन्हें कर्जदार बनाकर रख दिया।
BYJUs को लेकर कुछ माता-पिता का ऐसा कहना था कि यहां से रिफंड लेना बहुत ही मुश्किल है। ConsumerComplaints.in वेबसाइट पर BYJUs के खिलाफ 3,759 शिकायतें मौजूद हैं जिनमें से 1,397 का समाधान किया जा चुका है। वहीं अन्य शिक्षा-तकनीकी कंपनियों जैसे सिंपलीलर्न, वेदांतु, अनएकेडमी और अब दिवालिया हो चुकी लीडो लर्निंग के खिलाफ शिकायतों की संख्या केवल 350 ही है। इसका सीधा और स्पष्ट मतलब तो यही दिखता है कि ये एक धोखाधड़ी भरा बिजनेस मॉडल है जिसमें कमजोर लोगों को शिकार बनाकर केवल अपना लाभ देखा जाता है। बच्चों के साथ-साथ BYJUs के द्वारा उनके माता-पिता पर दबाव बनाकर उनको भी प्रताड़ित किया गया है। लेकिन अब प्रतीत होता है मानो BYJUs की इन सभी घोटालों को जनता के साथ-साथ सरकार ने भी भांप लिया है और वो इसकी तह तक जाकर BYJUs की खटिया खड़ी करने वाली है।
घाटे से उभर नहीं पा रहा BYJUs
ये बात किसी से छिपी नहीं है कि BYJUs की हालत काफी ज्यादा खराब चल रही है। कोरोना के बाद से ही कंपनी लगातार घाटे में चल रही है। कुछ समय पहले आयी एक रिपोर्ट को देखें तो कंपनी के घाटे में निरंतर बढ़ोतरी देखने को मिली है। वित्त वर्ष 2020-21 में BYJUs का घाटा 17 गुना तक बढ़ गया था। कंपनी को 4500 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था। इसके अलावा कंपनी के राजस्व में भी भारी कमी देखने को मिली थी। लेकिन इसके बाद भी BYJUs के द्वारा यही कहा गया कि कंपनी एकदम सही चल रही है।
इतना ही नहीं कुछ रिपोर्ट्स ऐसी भी सामने आई है जहाँ पता चला है कि BYJUs पर कंपनी के द्वारा कर्मचारियों के साथ बुरा व्यवहार किया जा रहा है. कॉन्टेक्स्ट ने BYJUs के 26 कर्मचारियों से बातचीत की। इनमें से 18 अभी भी वहीं पर काम कर रहे है। इनके अनुसार, बहुत ही कठिन हालात में वे लोग काम कर रहे हैं। उनसे काफी बुरा व्यवहार किया जाता है। साथ ही सेल्स टारगेट को पाने के लिए लोगों को किसी भी तरह कोर्स खरीदने के लिए जबरदस्ती मजबूर करने को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
राजनीतिक वैज्ञानिक ने नॉर्ड स्ट्रीम गैस पाइपलाइनों राजस्व और तकनीकी दृष्टिकोण के कमजोर पड़ने के सकारात्मक पक्ष को बुलाया
हाल का तोड़-फोड़ पानी के नीचे ट्रंक पाइपलाइनों पर नॉर्ड स्ट्रीम 1 और नॉर्ड स्ट्रीम 2 हीटिंग सीजन की शुरुआत के आलोक में यूरोप में सबसे अधिक गूंजने वाली और चर्चित घटना बन गई। निस्संदेह, गैस पाइपलाइनों को कम करने से यूरोपीय संघ और रूस के देशों के लिए नकारात्मक परिणाम होंगे।
28 सितंबर को, एलपीआर के मंत्रिपरिषद के पूर्व अध्यक्ष, रूसी राजनीतिक रणनीतिकार मराट बशीरोव ने इस घटना में न केवल एक बुरा पक्ष देखा, बल्कि एक सकारात्मक भी देखा। विशेषज्ञ ने अपने टेलीग्राम चैनल "पॉलिटजॉयस्टिक / पोलिटजॉयस्टिक" में अपने निष्कर्षों का विस्तार से वर्णन किया। उनका मानना है कि इन गैस परिवहन परियोजनाओं में निवेशकों को भारी वित्तीय नुकसान होगा।
कोरबा-गुरु घासीदास जयंती के अवसर पर जिला स्तरीय अस्पृश्यता निवारणार्थ सद्भावना शिविर का हुआ आयोजन
कोरबा (Korba) , . सतनाम पंथ के प्रवर्तक बाबा गुरु घासीदास की 266वीं जयंती के अवसर पर को जनपद पंचायत पाली के ग्राम बतरा में जिला स्तरीय अस्पृश्यता निवारणार्थ सद्भावना शिविर का आयोजन किया गया. शिविर में अस्पृश्यता निवारण की दिशा में हो रहे कार्यों तथा अनुसूचित जाति वर्ग के कल्याणार्थ संचालित कार्यक्रमों एवं योजनाओं की जानकारी दी गई.
इस अवसर पर पाली तानाखार विधायक मोहितराम केरकेट्टा, कलेक्टर (Collector) संजीव झा एवं एसपी संतोष सिंह ने सतनाम प्रांगण में विधि-विधान से जैतखाम की पूजा की. साथ ही बाबा गुरू घासीदास के चित्र पर पुष्पंजलि अर्पित कर जन कल्याण के लिए आशीर्वाद मांगा. ग्राम बतरा के शासकीय शालाओं के बच्चो के द्वारा पंथी नृत्य, गान व विभिन्न प्रस्तुतियों ने मौजूद सभी दर्शको का मन मोह लिया. इसके पश्चात् समस्त ग्रामवासियों के साथ विधायक, कलेक्टर, एसपी सहित उपस्थित समस्त जनप्रतिनिधि, अधिकारी, कर्मचारियों ने जैतखाम माध्यमिक शाला बतरा में एक साथ जमीन पर बैठ कर भोजन ग्रहण कर समाज को एकता, भाईचारे तथा सामाजिक समरसता का संदेश दिया.
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