सेवाऍं
भारतीय अर्थव्यवस्था
भारत जीडीपी के संदर्भ में विश्व की नवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है । यह अपने भौगोलिक आकार के संदर्भ में विश्व में सातवां सबसे बड़ा देश है और जनसंख्या की दृष्टि से दूसरा सबसे बड़ा देश है । हाल के वर्षों में भारत गरीबी और बेरोजगारी से संबंधित मुद्दों के बावजूद विश्व में सबसे तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में उभरा है । महत्वपूर्ण समावेशी विकास प्राप्त करने की दृष्टि से भारत सरकार द्वारा कई गरीबी उन्मूलन और रोजगार उत्पन्न करने वाले कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं ।
इतिहास
ऐतिहासिक रूप से भारत एक बहुत विकसित आर्थिक व्यवस्था थी जिसके विश्व के अन्य भागों के साथ मजबूत व्यापारिक संबंध थे । औपनिवेशिक युग ( 1773-1947 ) के दौरान ब्रिटिश भारत से सस्ती दरों पर कच्ची सामग्री खरीदा करते थे और तैयार माल भारतीय बाजारों में सामान्य मूल्य से कहीं अधिक उच्चतर कीमत पर बेचा जाता था जिसके परिणामस्वरूप स्रोतों का द्धिमार्गी ह्रास होता था । इस अवधि के दौरान विश्व की आय में भारत का हिस्सा 1700 ए डी के 22.3 प्रतिशत से गिरकर 1952 में 3.8 प्रतिशत रह गया । 1947 में भारत के स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात अर्थव्यवस्था की पुननिर्माण प्रक्रिया प्रारंभ हुई । इस उद्देश्य से विभिन्न नीतियॉं और योजनाऍं बनाई गयीं और पंचवर्षीय योजनाओं के माध्यम से कार्यान्वित की गयी ।
'सलामी स्लाइसिंग' रणनीति से नेपाल की जमीन कब्जा रहा चीन, हिंदुओं के मंदिरों में जाने से भी लगा रहा बैन
नेपाल की उत्तरी सीमा पर चीन ने 10 स्थानों पर 36 हेक्टेयर भूमि पर कब्जा कर लिया है। जानकार इसे चीन की 'सलामी स्लाइसिंग' का नतीजा बता रहे हैं। चीन 'सलामी-स्लाइसिंग नीति' का इस्तेमाल दूसरे देशों की जमीन काटने के लिए कर रहा है। भारत से उसका सीमा विवाद जग जाहिर है। लेकिन अब नेपाल की जमीन भी कब्जाता जा रहा है। नेपाली कृषि मंत्रालय द्वारा जारी सर्वे दस्तावेज के मुताबिक चीन ने उत्तरी सीमा पर 10 जगहों पर नेपाल की 36 हेक्टेयर जमीन पर कब्जा कर लिया। गृह मंत्रालय द्वारा किए गए अध्ययन से यह भी निष्कर्ष निकला है कि सीमा के मुद्दों को नेपाल की "राज्य नीति" में शामिल करना आवश्यक है।
अमेरिका को टक्कर: विदेशी मुद्रा भंडार को डॉलर मुक्त करने के रूस के फैसले से खुश है चीन
रूस के अपने विदेशी मुद्रा भंडार से डॉलर को हटाने का लक्ष्य पूरा कर लेने से चीन खुश है। उसका मनोबल इस बात से और ज्यादा बढ़ा है कि रूस ने अपने विदेशी मुद्रा भंडार में अब चीनी मुद्रा युवान को अधिक जगह देने का फैसला किया है। गौरतलब है कि बीते हफ्ते रूस ने अपने विदेशी मुद्रा भंडार में डॉलर का हिस्सा शून्य कर दिया। इसके पहले तक उसके भंडार में 35 फीसदी हिस्सा डॉलर का था। दूसरी तरफ रूस ने युवान का हिस्सा बढ़ा कर 30.4 फीसदी करने का फैसला किया। यूरो के बाद सबसे ज्यादा अहमियत रूस ने युवान को ही दी है। यूरो का हिस्सा 39.7 फीसदी रखने का फैसला किया गया है।
विस्तार
रूस के अपने विदेशी मुद्रा भंडार से डॉलर को हटाने का लक्ष्य पूरा कर लेने से चीन खुश है। उसका मनोबल इस बात से और ज्यादा बढ़ा है कि रूस ने अपने विदेशी मुद्रा भंडार में अब चीनी मुद्रा युवान को अधिक जगह देने का फैसला किया है। गौरतलब है कि बीते हफ्ते रूस ने अपने विदेशी मुद्रा भंडार में डॉलर का हिस्सा शून्य कर दिया। इसके पहले तक उसके भंडार में 35 फीसदी हिस्सा डॉलर का था। दूसरी तरफ रूस ने युवान का हिस्सा बढ़ा कर 30.4 फीसदी करने का फैसला किया। यूरो के बाद सबसे ज्यादा अहमियत रूस ने युवान को ही दी है। यूरो का हिस्सा 39.7 फीसदी रखने का फैसला किया गया है।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने बुधवार को कहा कि रूस के इस कदम से चीन के आर्थिक विकास में उसके भरोसे की झलक मिली है। साथ ही इससे यह जाहिर हुआ है कि रूस चीन के साथ अपने सहयोग को भविष्य में और बढ़ाने का पक्का इरादा रखता है। वांग ने कहा कि रूस और चीन के संबंध दोनों के लिए फायदेमंद हैं और चीन भी इसे बढ़ावा देता रहेगा।
विदेशी मुद्रा सहसंबंध रणनीति
मुद्रा सहसंबंध कुछ मुद्रा जोड़े द्वारा प्रदर्शित व्यवहार है जो या तो एक ही दिशा में (सकारात्मक रूप से सह-संबंधित) या विपरीत दिशाओं में (नकारात्मक रूप से सहसंबद्ध) एक ही समय में चलते हैं:
- जब दो या दो से अधिक मुद्रा जोड़े एक ही समय में एक ही दिशा में चलते हैं तो एक मुद्रा जोड़ी को एक सकारात्मक सहसंबंध दिखाया जाता है। उदाहरण के लिए, EURUSD और GBPUSD सबसे लाभदायक विदेशी मुद्रा रणनीति क्या है? ऐसा अधिकतर समय करते हैं। जब EURUSD का व्यापार हो रहा है, तो आप GBPUSD का व्यापार भी देखेंगे।
- एक नकारात्मक सहसंबंध तब होता है जब दो या दो से अधिक मुद्रा जोड़े विपरीत दिशाओं में व्यापार करते हैं और एक अच्छा उदाहरण EURUSD और USDCHF है। जब EURUSD का व्यापार हो रहा है, तो आप देखेंगे कि USDCHF गिर रहा होगा। वे विपरीत दिशाओं में जाते हैं।
मुद्रा सहसंबंध आपको लाभप्रद रूप से व्यापार करने में कैसे मदद करता है
मुद्रा सह-संबंधों का ज्ञान यह सुनिश्चित करेगा कि आप दो स्थितियाँ न लें जो एक दूसरे के विरुद्ध हों। उदाहरण के लिए, यदि आप EURUSD पर एक खरीद व्यापार करते हैं और उसी समय USDCHF पर एक खरीद व्यापार करते हैं, बिना यह महसूस किए कि ये दो मुद्राएँ नकारात्मक रूप से सहसंबद्ध हैं, तो आप इस समस्या में पड़ जाएँगे:
- एक मुद्रा जोड़ी पर एक व्यापार लाभदायक होगा
- और अन्य व्यापार लाभहीन होगा।
मुद्रा के संबंध को पूरी तरह से समझने में आपकी विफलता आपको एक व्यापार के साथ छोड़ देगी जिसे आपको पहले स्थान पर नहीं लेना चाहिए था। यह गलती आमतौर पर की जाती है नौसिखिया सबसे लाभदायक विदेशी मुद्रा रणनीति क्या है? विदेशी मुद्रा व्यापारी.
विदेशी मुद्रा सहसंबंध रणनीति नियम
मुद्रा जोड़े: केवल सकारात्मक रूप से सहसंबद्ध मुद्रा जोड़े जैसे EURUSD और GBPUSD के लिए।
समय सीमा: 15 मिनट और उससे अधिक, कम समय सीमा वास्तव में विश्वसनीय नहीं है।
अतिरिक्त जानकारी: जब दो सकारात्मक रूप से सहसंबद्ध जोड़े एक पर सहसंबंध से बाहर हो जाते हैं प्रमुख समर्थन या प्रतिरोध स्तर हम उम्मीद कर सकते हैं उलट। यह उत्क्रमण 25 जितना छोटा हो सकता है पिप्स लेकिन अधिक बार इसका परिणाम बड़ी चालों में नहीं होता है। इसलिए आपको समर्थन और प्रतिरोध स्तरों के आसपास होने वाले इस प्रकार के सेटअपों को देखना चाहिए।
'सलामी स्लाइसिंग' रणनीति से नेपाल की जमीन कब्जा रहा चीन, हिंदुओं के मंदिरों में जाने से भी लगा रहा बैन
नेपाल की उत्तरी सीमा पर चीन ने 10 स्थानों पर 36 हेक्टेयर भूमि पर कब्जा कर लिया है। जानकार इसे चीन की 'सलामी स्लाइसिंग' का नतीजा बता रहे हैं। चीन 'सलामी-स्लाइसिंग नीति' का इस्तेमाल दूसरे देशों की जमीन काटने के लिए कर सबसे लाभदायक विदेशी मुद्रा रणनीति क्या है? रहा है। भारत से उसका सीमा विवाद जग जाहिर है। लेकिन अब नेपाल की जमीन भी कब्जाता जा रहा है। नेपाली कृषि मंत्रालय द्वारा जारी सर्वे दस्तावेज के मुताबिक चीन ने उत्तरी सीमा पर 10 जगहों पर नेपाल की 36 हेक्टेयर जमीन पर कब्जा कर लिया। गृह मंत्रालय द्वारा किए गए अध्ययन से यह भी निष्कर्ष निकला है कि सीमा के मुद्दों को नेपाल की "राज्य नीति" में शामिल करना आवश्यक है।
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