The 19,000,000th #bitcoin has been just been mined. — Documenting Bitcoin . (@DocumentingBTC) April 1, 2022
Bitcoin Kya Hai
इस दुनिया में कई मुद्राएं हैं जिनका उपयोग व्यापारिक सुविधाओं के लिए किया जाता है. रुपया, डॉलर, पाउंड यूरो और येन उनमें से कुछ हैं. ये मुद्रित मुद्राएँ और सिक्के हैं और आप अपने बटुए में इनमें से एक हो सकते हैं. लेकिन बिटकॉइन एक ऐसी मुद्रा है जिसे आप स्पर्श नहीं कर सकते आप देख नहीं सकते हैं लेकिन आप कुशलता से व्यापार सुविधाओं का उपयोग कर सकते हैं. यह एक इलेक्ट्रॉनिक रूप से संग्रहीत मुद्रा है. इसे वर्चुअल मोबाइल के रूप में आपके मोबाइल, कंप्यूटर या किसी भी स्टोरेज मीडिया में स्टोर किया जा सकता है. बिटकॉइन एक अभिनव और डिजिटल भुगतान प्रणाली है. यह एक क्रिप्टोक्यूरेंसी का उदाहरण है और वित्त में अगली बड़ी बात है.
बिटकॉइन का मूल्य
कागज का एक सामान्य टुकड़ा और एक मुद्रा नोट शारीरिक रूप से समान है लेकिन नोट का मूल्य एक प्राधिकरण या एक केंद्रीकृत सरकार द्वारा तय किया गया है. लेकिन बिटकॉइन एक ऐसी मुद्रा है जिसके मूल्य को नियंत्रित करने और तय करने के लिए कोई केंद्रीकृत सरकार या प्राधिकरण नहीं है. यह एक विकेंद्रीकृत डिजिटल मुद्रा है. अब तक 1 बिटकॉइन का मूल्य 114350.58 भारतीय रुपए है लेकिन यह मूल्य में उतार-चढ़ाव होता है क्योंकि नियंत्रण के लिए कोई केंद्रीकृत प्राधिकरण नहीं है. दिसंबर 2011 में, बिटकॉइन का मूल्य 2 अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान लगाया गया था दिसंबर 2013 में यह लगभग 1000 बिटकॉइन नेटवर्क को कैसे नियंत्रित किया जाता है? अमेरिकी डॉलर हो गया.
बिटकॉइन का इतिहास
सातोशी नाकामोटो को उस व्यक्ति या लोगों के लिए कलम नाम माना जाता है जिन्होंने मूल बिटकॉइन डिज़ाइन किया था. बिटकॉइन को पहली बार वर्ष 2009 में एक्सचेंज के माध्यम के रूप में पेश किया गया था. बिटकॉइन ने तब इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन के लिए एक प्रणाली बनाने के लिए एक सहकर्मी से सहकर्मी नेटवर्क के रूप में शुरू किया था. तब से उपयोग के साथ-साथ बिटकॉइन के मूल्य में तेजी से वृद्धि हुई है और यह डिजिटल मुद्रा की एक लोकप्रिय प्रणाली है.
बिटकॉइन लेनदेन कैसे काम करते हैं?
बिटकॉइन लेनदेन को सुरक्षा के लिए डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित किया जाता है. नेटवर्क पर सभी को लेनदेन के बारे में पता चल जाता है. एक लेनदेन में जानकारी के 3 टुकड़े होते हैं. पहले भाग में प्रेषक का बिटकॉइन वॉलेट पता होता है दूसरे भाग में जो राशि भेजी जाती है और तीसरे भाग में प्राप्तकर्ता का बिटकॉइन वॉलेट पता होता है. एक बिटकॉइन को एक अदृश्य मुद्रा के रूप में भी माना जा सकता है जिसमें विभिन्न पते के बीच केवल लेन-देन रिकॉर्ड होता है. बिटकॉइन का उपयोग करके किए गए हर लेनदेन को एक सार्वजनिक खाता बही में संग्रहीत किया जाता है जिसे ब्लॉकचेन कहा जाता है.
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी
एक ब्लॉकचेन एक डिजिटल लेज़र या बस एक डेटाबेस है जिसे पूरे नेटवर्क में साझा किया जाता है. किसी भी बिटकॉइन लेनदेन को कभी भी निष्पादित किया गया है जो इस डेटाबेस में रिकॉर्ड या ब्लॉक के रूप में मौजूद है. यह एक बढ़ता हुआ डेटाबेस है. ब्लॉक को रैखिक, कालानुक्रमिक क्रम में ब्लॉकचेन में जोड़ा जाता है. यह एक सार्वजनिक नेतृत्वकर्ता है इसलिए यह पारदर्शी है और हर कोई इसे देख सकता है. यह ब्लॉकचेन कई मायनों में मदद करता है कोई मानवीय त्रुटियां नहीं हो सकती हैं या कोई और चूक नहीं हो सकती है. यह एक सुरक्षित डेटाबेस है इसलिए इसे दूषित नहीं किया जा सकता है.
आपके इलेक्ट्रॉनिक स्टोरेज में बिटकॉइन प्राप्त करने के 3 तरीके हैं -
1. Trade Money for Bitcoin
एक बिटकॉइन का मूल्य 1 लाख रुपये है इसलिए यदि आप एक बिटकॉइन चाहते हैं तो आप 1 लाख रुपये के स्थान पर एक बिटकॉइन का व्यापार कर सकते हैं. यह बिटकॉइन आगे आपके इलेक्ट्रॉनिक स्टोरेज मीडिया में संग्रहीत किया जाएगा जिसे आप आगे उपयोग कर सकते हैं.
2. Trade Goods for Bitcoin
एक बिटकॉइन का मूल्य 1 लाख रुपये है और आपके पास एक कमोडिटी है जिसका मूल्य 1 लाख रुपये है इसलिए आप बिटकॉइन के स्थान पर उस कमोडिटी का व्यापार कर सकते हैं और बिटकॉइन आपके इलेक्ट्रॉनिक स्टोरेज मीडिया में संग्रहीत किया जाएगा.
3. Mine Bitcoins
ट्रेडिंग के अलावा आप बिटकॉइन भी माइन कर सकते हैं. चूंकि यह एक विकेन्द्रीकृत मुद्रा है, इसलिए कोई भी प्राधिकरण नहीं है जो बाजार में बिटकॉइन लाता है. बिटकॉइन केवल बाजार में खनन करके आते हैं.
बिटकॉइन मार्केट में कैसे आए?
चूंकि बिटकॉइन एक विकेन्द्रीकृत मुद्रा है इसलिए वे मुद्रित नहीं होते हैं जैसे रुपये, वे लोगों द्वारा उत्पादित होते हैं और बड़ी कंपनियां, दुनिया भर में कंप्यूटर चला रही हैं सॉफ्टवेयर का उपयोग करके गणितीय समस्याएं हल करती हैं. बिटकॉइन वितरित नेटवर्क की कंप्यूटिंग शक्ति का उपयोग करके खनन किया जाता है. यह नेटवर्क बिटकॉइन का उपयोग करके किए गए लेनदेन को भी संसाधित करता है. चूंकि बिटकॉइन की गणना कंप्यूटिंग शक्ति के आधार पर की जाती है इसलिए उन्हें उत्पन्न होने में समय लगता है.
इसे मूल्यवान रखने के लिए यह कहा गया है कि खनिकों द्वारा केवल 21 मिलियन बिटकॉइन बनाए जा सकते हैं. वर्ष 2140 तक सभी बिटकॉइन बनाए जाएंगे. दुनिया भर में बहुत उच्च कंप्यूटिंग शक्ति वाले हजारों कंप्यूटर जटिल गणितीय गणनाओं को हल करके लेनदेन को संसाधित कर रहे हैं और नेटवर्क को सुरक्षित कर रहे हैं और बदले में नए बिटकॉइन एकत्र कर रहे हैं.
Bitcoin: कौन है बिटकॉइन क्रिएटर Satoshi Nakamoto? उसके बारे में हम क्या जानते हैं और क्या नहीं
31 अक्टूबर, 2008 को, सातोशी नाकामोतो ने क्रिप्टोग्राफरों के एक ग्रुप को एक पेपर भेजा, जिसमें बिटकॉइन नाम के "इलेक्ट्रॉनिक कैश" के बारे में बताया गया
13 साल पहले सतोशी नाकामोतो (Satoshi Nakamoto) नाम के एक व्यक्ति या ग्रुप ने बिटकॉइन (Bitcoin) नाम वाले नए सॉफ्टवेयर सिस्टम का जिक्र करते हुए एक पेपर रिलीज किया था। आज उसी बिटकॉइन की कीमत 1 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा है और इसने एक ऐसी घटना को जन्म दिया है, जिसके समर्थकों का मानना है कि यह पूरे ग्लोबल फाइनेंशिय नेटवर्क को फिर से जोड़ सकता है।
बिटकॉइन के क्रिएटर को लेकर अब भी है एक रहस्य
31 अक्टूबर, 2008 को, सातोशी नाकामोतो ने क्रिप्टोग्राफरों के एक ग्रुप को नौ पेज का एक पेपर भेजा, जिसमें बिटकॉइन नाम के "इलेक्ट्रॉनिक कैश" के एक नए फॉर्म की रूपरेखा तैयार की गई थी। उस समय किसी को भी नाकामोतो की पहचान से किसी को कुछ लेनादेना नहीं था। साथ ही उस ग्रुप के ज्यादातर लोगों को बिटकॉइन के आइडिया पर ही संदेह था।
हैल फिने, निक स्जाबो, डेविड चाउम और वेई दाई जैसे क्रिप्टोग्राफर और डेवलपर्स एक दशक से ज्यादा समय से कैश के इलेक्ट्रॉनिक वर्जन को डेवलप करने की कोशिश कर रहे थे। वे सभी कई कारणों के चलते इसमें फेल रहे।
Bitcoin के 1 करोड़ 90 लाख सिक्कों की माइनिंग पूरी! अब केवल 20 लाख ही माइनिंग के लिए मौजूद
बिटकॉइन की सप्लाई 21 मिलियन यानि 2 करोड़ 10 लाख कॉइन्स पर सीमित है.
माइनिंग के लिए अब केवल 20 लाख बिटकॉइन ही शेष हैं.
खास बातें
- कॉइन जारी करने में प्रति ब्लॉक 6.25 बिटकॉइन बढ़ जाते हैं।
- ब्लॉक क्रिएटर को इनाम में मिलता है BTC और ट्रांजैक्शन फीस।
- बिटकॉइन की सप्लाई 21 मिलियन यानि 2 करोड़ 10 लाख कॉइन्स पर सीमित है।
Bitcoin के 1.9 करोड़वें सिक्के की माइनिंग हो गई है. शुक्रवार तक 1 करोड़ 90 लाख बिटकॉइन अधिकारिक रूप से खनन किए जा चुके हैं. अब केवल 20 लाख बिटकॉइन का खनन होना बाकी है. बिटकॉइन को बनाने वाले व्यक्ति सातोशी नाकामोटो ने जब नेटवर्क बनाया तो इसकी अधिकतम सप्लाई को 2 करोड़ 10 लाख पर सेट किया था. इनमें से 1 करोड़ 90 लाख सिक्के अधिकारिक रूप से सर्कुलेशन में आ चुके हैं. अब केवल 20 लाख सिक्के और हैं जिनके लिए सर्कुलेशन में जगह बची हुई है.
Bitcoin नेटवर्क में लगातार नए कॉइन बनते रहते हैं. जब भी बहीखाते में ट्रांजैक्शन का एक नया ब्लॉक जोड़ा जाता है तो नया बिटकॉइन बनता है. हर ब्लॉक एक प्रोसेस के माध्यम से बनता है जिसे माइनिंग कहा जाता है. माइनिंग में यूजर्स ब्लॉक को पूरा करने के लिए कंप्यूटर पर एक गणितीय समस्या को सुलझाते हैं. जो भी सबसे पहले ब्लॉक को पूरा करता है उसे एक नया बिटकॉइन दिया जाता है और उससे जुड़ी सब तरह की ट्रांजैक्शन फीस भी बिटकॉइन नेटवर्क को कैसे नियंत्रित किया जाता है? दी जाती है.
ब्लॉक 730002 पर 1 अप्रैल को 1.9 करोड़वें बिटकॉइन का 16:21:29 (UTC) पर खनन किया गया था. क्रिएटर को इनाम के तौर पर 6.25 BTC और फीस में एक और 0.07 BTC मिला.
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बिटकॉइन की सप्लाई 21 मिलियन यानि 2 करोड़ 10 लाख कॉइन्स पर सीमित है. इसका सीधा अर्थ ये है कि वर्तमान में बिटकॉइन की 90 प्रतिशत सप्लाई सर्कुलेशन में है. बाकी बचे हुए 20 लाख कॉइन 2140 तक पूरी तरह से सर्कुलेशन में नहीं आ पाएंगे. ऐसा इसलिए है क्योंकि जिस दर से कॉइन्स का प्रोडक्शन होता है, वह हर 210,000वें ब्लॉक में आधे में कट जाता है.
बिटकॉइन की माइनिंग में आने वाली कठिनाई नियमित रूप से एडजस्ट होती रहती है ताकि औसतन हर दस मिनट में एक बार ब्लॉक बनाया जा सके. बाकी क्रिप्टोकरेंसी इस स्ट्रक्चर पर काम नहीं करती हैं, जिसमें क्रिएटर को कॉइन के रूप में इनाम दिया जाता है.
उदाहरण के लिए BNB एक नेट डिफ्लेशनरी क्रिप्टोकरेंसी है जो इसके यूजर्स को शुद्ध रूप से ट्रांजैक्शन फीस के तौर पर ही इनाम देती है. सितंबर 2020 में 18,500,000 मिलियन बिटकॉइन की माइनिंग की गई थी. वर्तमान में कॉइन जारी करने की दर 6.25 बिटकॉइन प्रति ब्लॉक है.
जब किसी माइनर को कोई ब्लॉक मिलता है, तो कॉइन जारी करने में प्रति ब्लॉक 6.25 बिटकॉइन बढ़ जाते हैं. लगभग हर दस मिनट में एक ब्लॉक ढूंढा जाता है. अब अगली ब्लॉक रिवॉर्ड हॉल्टिंग 3 मई, 2024 को या उसके आसपास होने की उम्मीद जताई गई है. अगले पड़ाव के बाद माइनर्स को प्रति ब्लॉक 3.125 बिटकॉइन मिलेंगे और उससे अगला पड़ाव 2028 में होगा.
जानिए कैसे कजाकिस्तान की अशांति ने दिया बिटकॉइन माइनिंग इंडस्ट्री को झटका
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कभी सोवियत संघ का हिस्सा रहा कजाकिस्तान इन दिनों जबरदस्त हिंसा से गुजर रहा है. इसकी शुरुआत पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत बढ़ने के विरोध के रूप में हुई और जल्दी ही इसने गृहयुद्ध का रूप ले लिया. इस हिंसा में 150 से ज्यादा लोग मारे गए, हजारों घायल हुए और हजारों गिरफ्तार किए गए हैं. भ्रष्टाचार, गरीबी, बेरोजगारी जैसी समस्याओं के कारण राष्ट्रपति कासिम जोमार्ट टोकायेव की सरकार के खिलाफ लोगों में काफी गुस्सा है.
विद्रोह दबाने के लिए पूर्व राजधानी अलमाटी समेत कई शहरों में इंटरनेट और टेलीकम्युनिकेशन सेवाएं कई दिनों के लिए बंद कर दी गईं. अलमाटी में पांच दिनों बाद इंटरनेट सेवा तो बहाल कर दी गई, लेकिन कई शहरों में एहतियातन अभी अंकुश जारी है. इस अशांति ने एक नई उभरती इंडस्ट्री को बड़ा झटका दिया है और वह है क्रिप्टो करेंसी माइनिंग इंडस्ट्री.
18% बिटकॉइन की माइनिंग कजाकिस्तान में ही
पिछले साल बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो करेंसी की माइनिंग अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा कजाकिस्तान में ही हो रही थी. पूरी दुनिया में जितनी क्रिप्टो करेंसी की माइनिंग होती है, उसका 18 से 20 फीसदी कजाकिस्तान में ही किया जा रहा था. लेकिन इंटरनेट सेवा बंद होने से वहां क्रिप्टो माइनिंग लगभग ठप पड़ गई. इस साल 10 दिनों में बिटकॉइन की वैल्यू जो 47 हजार डॉलर से घटकर 40 हजार डॉलर पर आई है, उसकी एक वजह कजाकिस्तान भी है. वैसे चार महीने में बिटकॉइन की वैल्यू 68 हजार डॉलर से 40 फीसदी घटी है.
चीन में रोक के बाद कजाकिस्तान में माइनिंग
कजाकिस्तान करीब एक साल से ही क्रिप्टो करेंसी माइनिंग का हब बना है. खासकर जब चीन में इस पर अंकुश लगाया गया. बिटकॉइन सबसे ज्यादा चलन वाली क्रिप्टो करेंसी है. वर्षों तक चीन ही में ही इसकी सबसे ज्यादा माइनिंग होती थी. कैंब्रिज यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च के अनुसार 2019 में 75% बिटकॉइन की माइनिंग चीन में हुई थी. पिछले साल भी अप्रैल में दो-तिहाई बिटकॉइन की माइनिंग चीन में ही हुई थी. लेकिन उसके बाद चीन सरकार ने माइनिंग के साथ-साथ क्रिप्टो करेंसी के ट्रेड पर भी प्रतिबंध लगा दिया.
दरअसल क्रिप्टो करेंसी की माइनिंग में बहुत ज्यादा बिजली खर्च होती है, इससे कार्बन उत्सर्जन बढ़ता है. चीन ने कार्बन उत्सर्जन घटाने के लिए क्रिप्टो माइनिंग पर प्रतिबंध लगाया है. उसके बाद ही माइनिंग इंडस्ट्री ने कजाकिस्तान और कनाडा जैसे देशों में नया ठिकाना बनाया.
माइनिंग में शक्तिशाली कंप्यूटरों का इस्तेमाल
माइनिंग को मोटे तौर पर इस तरह समझा जा सकता है. क्रिप्टो करेंसी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित हैं. कंप्यूटरों के जरिए एक तरह की मैथमेटिक्स की पहेली को सुलझाना होता है. सुलझाने वाले को एक ‘ब्लॉक’ मिलता है. एक ब्लॉक का मतलब है 6.25 बिटकॉइन. इसी को माइनिंग कहते हैं.
बिटकॉइन के शुरुआती दिनों में घरों में इस्तेमाल होने वाले सामान्य कंप्यूटर से माइनिंग की जा सकती थी. लेकिन अब ऐसा नहीं है. अब इसके लिए शक्तिशाली हाइटेक कंप्यूटरों के नेटवर्क का इस्तेमाल किया जाता है. ये कंप्यूटर लगातार चलते रहते हैं और काफी बिजली खपत करते हैं. कंप्यूटर लगातार चलने से उनका हार्डवेयर ज्यादा गर्म ना हो जाए, इसके लिए कूलिंग की भी जरूरत पड़ती है. इसलिए अब बड़े डाटा सेंटर में माइनिंग की जाने लगी है.
स्वीडन से ज्यादा बिजली खर्च होती है बिटकॉइन में
जितनी ज्यादा बिटकॉइन या क्रिप्टो करेंसी बाजार में आती है, नए कॉइन की माइनिंग उतनी अधिक मुश्किल होती जाती है. तब नए कॉइन की माइनिंग में और ज्यादा बिजली खर्च होती है. अनुमान है कि बिटकॉइन की माइनिंग का 60% खर्च बिजली का ही होता है. हार्वर्ड बिजनेस रिव्यू ने मई 2021 में एक रिपोर्ट में बताया कि बिटकॉइन तैयार करने में हर साल 110 टेरा यूनिट बिजली खर्च होती है. यह दुनिया के कुल बिजली उत्पादन का 0.55% है.
दूसरे शब्दों बिटकॉइन नेटवर्क को कैसे नियंत्रित किया जाता है? में कहें तो मलेशिया और स्वीडन जैसे छोटे देशों में लोग हर साल जितनी बिजली खर्च करते हैं, उतनी बिजली सिर्फ बिटकॉइन बनाने में खर्च हो जाती है. बीते पांच वर्षों में क्रिप्टो करेंसी बनाने में बिजली का खर्च 10 गुना बढ़ा है. माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स ने न्यूयॉर्क टाइम्स के साथ एक इंटरव्यू में कहा था कि बिटकॉइन के हर काम में जितनी बिजली खर्च होती है, उतनी किसी और काम में नहीं होती.
इसलिए कजाकस्तान में बढ़ी क्रिप्टो माइनिंग
क्रिप्टो करेंसी की माइनिंग दुनिया में कहीं भी हो सकती है, लेकिन बिजली खपत अधिक होने के कारण माइनिंग इंडस्ट्री वहीं ठिकाना बनाती है जहां बिजली सस्ती हो. चीन के कुछ प्रांतों में बरसात के दिनों में पनबिजली सरप्लस हो जाती है. इसलिए भी चीन में क्रिप्टो माइनिंग बढ़ी. कजाकस्तान में दुनिया का तीन फीसदी तेल भंडार है.
इसके अलावा कोयला और गैस का भी विशाल भंडार है. इसलिए वहां बिजली सस्ती थी और माइनिंग इंडस्ट्री ने वहां डेरा जमाया था. लेकिन मांग ज्यादा बढ़ने के कारण हाल में बिजली कटौती होने लगी. विशेषज्ञों का अनुमान है कि नए घटनाक्रम के बाद यह इंडस्ट्री किसी सुरक्षित जगह का रुख कर सकती है.
क्रिप्टो माइनिंग में एक और समस्या ई-वेस्ट की है. क्रिप्टो करेंसी की माइनिंग में लगे लोग लगातार नए और बिटकॉइन नेटवर्क को कैसे नियंत्रित किया जाता है? तेज कंप्यूटर चाहते हैं, क्योंकि तभी उन्हें ‘ब्लॉक’ मिल पाएगा. एक अनुमान के मुताबिक हर डेढ़ से दो साल में माइनिंग हार्डवेयर की क्षमता की जरूरत दोगुनी हो जाती है. ऐसे में पुराने कंप्यूटर बेकार हो जाते हैं. इसलिए बिटकॉइन से जितना ई-वेस्ट निकलता है, वह कई देशों में निकलने वाले ई-वेस्ट से ज्यादा है.
(डिस्क्लेमर: ये लेखक के निजी विचार हैं. लेख में दी गई किसी भी जानकारी बिटकॉइन नेटवर्क को कैसे नियंत्रित किया जाता है? की सत्यता/सटीकता के प्रति लेखक स्वयं जवाबदेह है. इसके लिए News18Hindi उत्तरदायी नहीं है.)
सुनील सिंह वरिष्ठ पत्रकार
लेखक का 30 वर्षों का पत्रकारिता का अनुभव है. दैनिक भास्कर, अमर उजाला, दैनिक जागरण जैसे संस्थानों से जुड़े रहे हैं. बिजनेस और राजनीतिक विषयों पर लिखते हैं.
क्या है Bitcoin और Cryptocurrency, कैसे होती है इसकी माइनिंग?
राज एक्सप्रेस। क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक ऐसी करेंसी है, जो ज्यादातर सुर्ख़ियों में बनी रहती है। इसको लेकर कई नियम निर्धारित किए गए हैं। क्योंकि, कई देशों में इसे अवैध माना जाता है। क्रिप्टोकरेंसी में सबसे ज्यादा नाम जो सुना जाता है वो बिटकॉइन (Bitcoin) का है और बिटकॉइन आज कल काफी ट्रैंड में चल रहा है। कई लोग तो ऐसा मानते हैं कि, सिर्फ Bitcoin ही एक क्रिप्टोकरेंसी है। जबकि मार्केट में कई अन्य क्रिप्टोकरेंसी भी शामिल हैं। हालांकि, आज भी ज्यादातर लोग Bitcoin में ही इन्वेस्ट करना पसंद करते हैं। इसलिए हम समझें कि आखिर क्या है Bitcoin? साथ ही विस्तार से इससे जुड़े तथ्य।
क्या है Bitcoin?
Bitcoin करेंसी तो है, लेकिन यह एक क्रिप्टोकरेंसी है। इसे 'सातोशी नकामोति' ने 2008 में बनाया था, लेकिन किसी को यह आज तक नहीं पता चल पाया है कि यह कोई इंसान है, या ऑर्गनाइज़ेशन है। सातोशी Bitcoin की एक कोड भी है। इसे पहली बार 2009 में ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में जारी किया गया था। हम यह कह सकते हैं कि Bitcoin एक कोड है। इसे एक डिजिटल डॉक्यूमेंट भी कहा जा सकता है। इसे ख़रीदा भी जा सकता है। हालांकि रिजर्व बैंक (RBI) ने इसे मान्यता नहीं दी है, लेकिन इसके बाद भी भारत में Bitcoin को ख़रीदा जा सकता है। सातोशी नकामोति ने दुनिया में टोटल 2.1 करोड़ Bitcoin बनाये हैं। Bitcoin सोने के भाव में बिकता है। इसके कोई बैंक या सरकार कंट्रोल नहीं करती है।
क्या है क्रिप्टोकरेंसी ?
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक तरह की करेंसी है। लेकिन इसे केवल इंटरनेट की मदद से ऑनलाइन ही बनाना संभव है।
Bitcoin की ग्रोथ :
अगर हम Bitcoin की ग्रोथ देखें तो इसकी शुरुआत में कोई ग्रोथ नहीं हुई थी। 2009 में Bitcoin को लांच किया गया था तब उसकी वैल्यू 0 डॉलर थी। ना कोई उसे खरीदता था न ही बेचता। इतना ही नहीं 2010 में भी इसकी वैल्यू 1 डॉलर तक नहीं पहुंची। यह केवल लगभग 32 पैसे पर आकर रुक गया था। 2010 यह 18 से 20 रुपये तक ही पंहुचा था। ऐसे ही 2012 में इसकी कीमत 850 रुपये, 2014 में 31000 रुपयेऔर 2014 में इसकी कीमत 58000 रुपये, 2017 में 61722 रुपयेतक पहुंची, लेकिन 2012 से 2017 तक इसकी ग्रोथ देखे तो यह 87000% तक पहुंच गई थी। हालांकि, उसके बाद से Bitcoin में उतार-चढ़ाव देखने को मिलता रहा, लेकिन अब काफी समय से इसमें गिरावट का दौर ही जारी है। बता दें, मार्केट में करीब डेढ़ करोड़ Bitcoins आ चुके हैं।
कैसे माइनिंग होता है Bitcoin ?
Bitcoin जारी करने की प्रक्रिया “माइनिंग” कहलाती है। Bitcoin को माइन करने के लिए 2 key होती हैं। एक भेजने के लिए और दूसरी प्राप्त करने के लिए। इसका सिस्टम ठीक एक लाटरी जैसा होता है। लाटरी सिस्टम से जो कोई जटिल गणित के सवाल का उत्तर दे पाएगा उसको कुछ Bitcoin इनाम में मिलेंगे। जैसे-जैसे Bitcoin बढ़ते जाते हैं वैसे-वैसे गणित के सवाल और भी जटिल होते जाते हैं। Bitcoin से जुड़ा लेनदेन बिटकॉइन से जुड़े हर इंसान को पता रहता है लेकिन किसने ख़रीदा और किससे ख़रीदा इस बात की गोपनीयता बनी रहती है। इससे धोखाधड़ी की शिकायतें कम हो जाती हैं। आप Unocoin द्वारा Bitcoin खरीद सकते हैं।
Bitcoin के लेन-देन का लेज़र:
Bitcoin के लेन-देन का एक लेज़र बनाया जाता है। यह एक ओपन लेज़र होता है। इसके लेज़र से पूरी जानकारी (पहले बिटकॉइन से लास्ट तक) प्राप्त की जा सकती है। बिटकॉइन का जो सबसे लम्बा लेज़र मेंटेन करता है उसी का लेज़र माना जाता है और उसे ही इनाम के तौर पर बिटकॉइन मिलते हैं। ऐसे बहुत लोग लेज़र मेंटेन करते हैं। बिटकॉइन का लेज़र मेंटेन करने के लिए भी आपको कुछ इनाम दिया जाता है। लेज़र मेंटेन करने से आप धोखाधड़ी के शिकार नहीं होते है। Bitcoin का कोड बहुत कठिन होता है। जिसे हैक करना बहुत मुश्किल है।
Bitcoin से लेनदेन :
कई लोग यह सोचते हैं कि यह एक न दिखने वाली करेंसी है तो क्या इससे लेन-देन संभव होगा? तो हम आपको बताते हैं कि, जी हाँ Bitcoin से लेन-देन बिलकुल संभव है। Bitcoin द्वारा सबसे पहले पिज्जा खरीदा गया था और आज लगभग 1 लाख से भी ज्यादा व्यपारी Bitcoin से लेन-देन करते हैं। Bitcoin का भुगतान किसी ऐप के द्वारा भी किया जा सकता है। Dell, PayPal, Microsoft, जैसी कंपनिया भी Bitcoin को स्वीकार करती हैं। Bitcoin के लेनदेन का एक नुकसान यह है कि इससे कहीं-कहीं ड्रग्स का भी लेनदेन किया जा रहा है। क्योंकि इससे पता नहीं चलता की कौन खरीद रहा है कौन बेच रहा है।
Bitcoin से जुड़ी कुछ बातें:
दिसम्बर 2017 में Bitcoin की वैल्यू एक लाख डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद की जा रही थी।
देशभर के Bitcoin एक्सचेंजों पर IT विभाग ने दिसम्बर 2017 में छापेमारी की थी।
Bitcoin की कीमत में भारी गिरावट भी दर्ज की जाती है।
कभी-कभी Bitcoin में निवेश करना मंहगा पड़ जाता है।
Bitcoin लोगो को बहुत जल्दी आकर्षित करता है।
हम Bitcoin को पेमेंट सिस्टम भी कह सकते हैं।
Bitcoin से एक बार अमिताभ बच्चन को 100 करोड़ से ज्यादा का फायदा हुआ था लेकिन इसमें गिरावट आने से उनको करोड़ों रुपए का नुकसान भी उठाना पड़ा था।
आज तक किसी को नहीं पता चल पाया है कि Bitcoin बढ़ता कैसे है।
अगर आपके पैसे Bitcoin द्वारा डूब गए तो इसकी कहीं कोई सुनवाई नहीं की जाएगी।
Charlie Munger ने कहा था कि, 'Bitcoin एक बीमारी की तरह है।'
Warren Buffet ने 2014 में कहा था कि, 'Bitcoin एक धोका साबित हो सकता है।'
Benjamin Graham ने कहा था कि, 'Bitcoin लोगों को धोखे में लेकर डूबेगी।'
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