Intraday Trading क्या है? और ये कैसे काम करता है?
लोग अक्सर यह धारणा रखते हैं कि व्यापार वित्तीय फर्मों और अनुभवी व्यापारियों के लिए होता है। हालांकि, जैसे-जैसे अधिक निवेशक बाजारों का पता लगाते हैं और व्यापार की मूल बातें सीखते हैं, यह धारणा बदलने लगी है। इस बदलाव का श्रेय इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग और मार्जिन ट्रेडिंग को दिया जाता है।
आज, किसी के लिए भी ट्रेडिंग में प्रवेश करना आसान है। यहां, हम इंट्राडे ट्रेडिंग की अवधारणा का पता लगाएंगे और इस अवधारणा के आसपास के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डालेंगे।
Intraday Trading क्या है?
इंट्राडे ट्रेडिंग या डे ट्रेडिंग का अर्थ है एक ही दिन में स्टॉक या अन्य प्रतिभूतियों की खरीद और बिक्री। नियमित ट्रेडिंग के विपरीत, जो निवेशक ऑर्डर को इंट्राडे ट्रेडिंग के रूप में निर्दिष्ट करते हैं, उन्हें प्रतिभूतियों का स्वामित्व नहीं मिलता है।
इंट्राडे ट्रेडिंग का असली मकसद उसी दिन के ट्रेडिंग घंटों के भीतर ट्रेडिंग को बेच और बंद करके मुनाफा कमाना है। भारत में, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में इक्विटी बाजार के लिए सामान्य ट्रेडिंग समय सुबह 9:15 बजे से दोपहर 03:30 बजे (सोमवार से शुक्रवार) के बीच है।
Intraday Trading और Regular Trading में क्या अंतर हैं?
एक नियमित व्यापार और एक इंट्राडे व्यापार के बीच एक महत्वपूर्ण अंतर स्टॉक की डिलीवरी लेने के साथ करना है। चूंकि इंट्राडे ट्रेडिंग पोजीशन उसी दिन चुकता कर दी जाती है, एक ट्रेडर का सेल ऑर्डर दूसरे के बाय ऑर्डर के साथ ऑफसेट हो जाता है।
इस प्रकार, इंट्राडे ट्रेडिंग में शेयरों के स्वामित्व का हस्तांतरण शामिल नहीं है। इसकी तुलना में, कुछ दिनों में एक नियमित व्यापार का निपटारा किया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप खरीदार और विक्रेता डीमैट खातों के माध्यम से शेयरों की डिलीवरी होती है।
इंट्राडे ट्रेडिंग के क्या फायदे हैं?
- रातोंरात समाचार या ऑफ-घंटे ब्रोकर चाल से जोखिम से स्थिति अप्रभावित रहती है।
- नियमित व्यापारियों के पास बढ़े हुए उत्तोलन तक पहुंच है।
- टाइट स्टॉप-लॉस ऑर्डर पोजीशन की रक्षा कर सकते हैं।
- सीखने के अनुभव पर कई ट्रेड हाथ बढ़ाते हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग के नुकसान क्या हैं?
- कुछ संपत्तियां सीमा से बाहर होती हैं, जैसे म्युचुअल फंड।
- बारंबार ट्रेडों का अर्थ है कई कमीशन लागत।
- नुकसान तेजी से बढ़ सकता है, खासकर अगर मार्जिन का इस्तेमाल खरीद के वित्तपोषण के लिए किया जाता है।
- किसी स्थिति को बंद करने से पहले लाभ प्राप्त करने के लिए पर्याप्त समय नहीं हो सकता है।
इंट्राडे ट्रेडिंग में महत्वपूर्ण इंडिकेटर
इंट्राडे ट्रेडिंग के कुछ महत्वपूर्ण तकनीकी संकेतक यहां दिए गए हैं:
मूविंग एवरेज
मूविंग एवरेज स्टॉक चार्ट पर लगाया गया एक संकेतक है। यह एक निर्दिष्ट अवधि में बाजार में औसत समापन दरों को जोड़ता है। अवधि जितनी लंबी होगी, इन औसतों की विश्वसनीयता उतनी ही अधिक होगी। यह बाजार में कीमतों की त्वरित गति का सारांश है।
मूविंग एवरेज व्यापारियों को स्टॉक की कीमतों की अस्थिरता और बाजार में प्रचलित रुझानों को बेहतर ढंग से समझने में मदद करता है। एक ट्रेडर इस इंडिकेटर का उपयोग करके ऊपर और नीचे का अनुमान लगा सकता है। प्रत्येक इंट्राडे ट्रेडर को मूविंग एवरेज पर अपडेट रहने का प्रयास करना चाहिए।
बोलिंगर बैंड
बोलिगर बैंड एक ऊपरी और निचली सीमा के साथ चलती औसत विवरण प्रदान करते हैं। माध्य मानों को ले जाने पर यह मानक विचलन के समान कार्य करता है। बोलिंगर बैंड उन कीमतों का प्रतिनिधित्व करते हैं जो औसत स्तरों से बढ़ती या घटती हैं।
व्यापारियों के लिए अस्थिरता एक महत्वपूर्ण पहलू है क्योंकि यह उस जोखिम की सीमा को इंगित करता है जो बाजार वहन करता है। व्यापार इस जोखिम पर निर्भर करता है, क्योंकि यह उच्च लाभ स्तरों तक पहुंच की अनुमति दे सकता है। यह इंट्राडे व्यापारियों के लिए सीमा निर्धारित करता है ताकि वे निर्धारित सीमा के भीतर व्यापार कर सकें और मुनाफा कमा सकें।
ओस्किलेटर
प्रत्येक व्यापारी बाजारों का अधिकतम लाभ उठाना चाहता है और इंट्राडे ट्रेडिंग के मामले में, यह ऑसिलेटर्स के माध्यम से संभव है। इससे व्यापारियों को बाजार की स्विंग ट्रेडिंग क्या होता हैं भावनाओं की कल्पना करने में मदद मिलती है ताकि वे सुरक्षित और लाभप्रद रूप से व्यापार कर सकें।
यह एक ट्रेडिंग रणनीति बनाने में इंट्राडे व्यापारियों की मदद करने के लिए स्टॉक की कीमतों में वृद्धि और गिरावट को पकड़ता है।
इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्ट्रेटेजीज क्या हैं?
ट्रेडिंग करते समय एक ट्रेडर जिन विभिन्न रणनीतियों का उपयोग कर सकता है, वे इस प्रकार हैं:
स्कल्पिंग
स्कैल्पिंग एक ऐसी रणनीति है जो दिन भर में छोटे मूल्य परिवर्तनों पर कई छोटे लाभ कमाने का प्रयास करती है।
रेंज ट्रेडिंग:
रेंज ट्रेडिंग एक रणनीति है जो मुख्य रूप से उनके खरीदने और बेचने के निर्णयों को निर्धारित करने के लिए समर्थन या प्रतिरोध स्तरों का उपयोग करती है।
न्यूज़ – बेस्ड ट्रेडिंग
न्यू-बेस्ड ट्रेडिंग एक ऐसी रणनीति है जो आम तौर पर समाचार घटनाओं के आसपास बढ़ी हुई अस्थिरता से व्यापार के अवसरों को जब्त या प्रतिबंधित करती है।
हाई – फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग स्ट्रेटेजीज
हाई-फ़्रीक्वेंसी ट्रेडिंग रणनीतियाँ उस प्रकार की रणनीति है जो छोटी या अल्पकालिक बाज़ार अक्षमताओं का फायदा उठाने के लिए परिष्कृत एल्गोरिदम का उपयोग करती है।
इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में जानने योग्य बातें
यहां कुछ अन्य चीजें हैं जो आपको इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में पता होनी चाहिए:
- निवेशकों को व्यापार से पहले तकनीकी और मौलिक दोनों आधार पर शेयरों का विश्लेषण करना चाहिए।
- आपको कभी भी अफवाहों के आधार पर कोई निर्णय नहीं लेना चाहिए। विशेषज्ञ का मार्गदर्शन लेने से इंट्राडे ट्रेडिंग में होने वाले नुकसान को कम करने में मदद मिल सकती है।
- इंट्राडे ट्रेडिंग में सफलता बढ़ाने के लिए सही स्टॉक चुनना महत्वपूर्ण है।
- अंत में, निवेशकों को नवीनतम स्टॉक समाचार और रुझानों के बारे में खुद को अपडेट रखना चाहिए।
निष्कर्ष
अगर सही तरीके से किया जाए, तो इंट्राडे ट्रेडिंग एक बहुत ही आर्थिक रूप से मजबूत करियर विकल्प हो सकता है, भले ही आप समय-समय पर किसी न किसी पैच को हिट कर सकते हैं। हालांकि, शुरुआती लोगों के लिए इंट्राडे ट्रेडिंग थोड़ी अधिक चुनौतीपूर्ण होती है, और शुरू करने से पहले आपको पूरी तरह से शोध और एक अच्छी रणनीति की आवश्यकता होती है।
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कितने प्रकार से की जाती स्विंग ट्रेडिंग क्या होता हैं हैं
S L kashyap मार्च 22, 2021 1
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Types of Trading |
आज हम समझेंगे Types of Trading Style कि हम कितने प्रकार से ट्रेडिंग कर सकते हैं जब एक बार आप शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने का निर्णय ले लेते हैं तो उसके बाद सबसे बड़ा निर्णय यह होता है कि आप किस प्रकार की शेयर ट्रेडिंग करना चाहते हैं शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने के बहुत सारे तरीके मौजूद हैं आज इन्ही तरीकों को समझने का प्रयास करेंगे ट्रेडिंग करने का कोई सा भी तरीका बहुत ज्यादा अच्छा या बुरा नहीं होता है बल्कि आपकी बाजार से उम्मीदें बाजार की जानकारी और रिस्क लेने की क्षमता के अनुसार ट्रेडिंग स्टाइल आपके लिए सही या गलत हो सकता है एक अच्छा ट्रेडिंग स्टाइल चुनने के लिए आपको आपके इमोशन Technical Analysis की जानकारी और ट्रेडिंग साइकोलॉजी का Analysis करना पड़ता है यह जानने के लिए कि कौन सा ट्रेडिंग स्टाइल आपके लिए अच्छा है ट्रेडिंग की शुरुआत में आप सभी ट्रेडिंग स्टाइल को ट्राई करके जरूर देखें और उसके बाद यह Analysis करिए कि कौन से ट्रेडिंग स्टाइल में आपका सक्सेस रेट अच्छा है उसके बाद जिस ट्रेडिंग स्टाइल पर आपको पूरा विश्वास है कि आप उसे सही तरीके से कर सकते हैं उसी ट्रेडिंग स्टाइल को चुनिए
तो चलिए अब हम कुछ ट्रेडिंग टाइप को समझ लेते हैं जो कि शेयर बाजार में बहुत ही पॉपुलर हैं सबसे पहले हम समझते हैं स्कल्पिन ट्रेडिंग को
दोस्तों यह ट्रेडिंग करने का सबसे छोटे समय का तरीका है स्कल्पिग ट्रेडिंग में शेयर्स को लेने के बाद कुछ सेकंड से लेकर कुछ मिनटओं में बेच दिया जाता है इससे बाजार में जो छोटे-छोटे मोमेंट आते हैं उनका फायदा उठाया जाता है और बाजार के बंद होने तक बहुत सारे ट्रेड किए जाते हैं उदाहरण के लिए मान लीजिए ABC शेयर का प्राइस ₹100 और आपने ₹100 के प्राइस पर 10000 शेयर खरीद लिए आप जैसे ही ABC शेयर का प्राइस ₹100 से बढ़कर ₹100.50 पैसे हो जाता है आप यह 10000 शेयर बेच देते हैं तो इसमें आपको ₹5000 का प्रॉफिट होगा इसे ही स्कल्पिग ट्रेडिंग कहते हैं
अब हम समझते हैं दूसरा तरीका इसे कहते हैं BTSTऔर STBT मतलब कि Buy Today Sell Tomorrow, Sell Today Buy Tomorrow इस में शेयर्स को आज के दिन की आखरी कैंडल में खरीदा या बेचा जाता है और अगले दिन बाजार आज की कैंडल के क्लोज प्राइस से ज्यादा या कम ओपन होता है इसका फायदा उठाने को बीटीएसपी और एसटीबीटी ट्रेडिंग कहते हैं
उदाहरण:- के लिए मान लीजिए कि abc शेयर का प्राइस आज 10% गिर चुका है और आपको Technical Analysis की मदद से यह लगता है कि कल शेयर और गिरेगा यह शेयर बहुत गिर चुका है कल यह थोड़ा सा ऊपर जाएगा तो इस आधार पर अगर आप आज शेयर खरीदारी करते हैं या बिकवाली करते हैं और कल बाजार खुलते ही Exit कर लेते हैं इसे ही बीटीएसटी एंड एसटीबीटी ट्रेडिंग कहते हैं
अब हम समझते हैं इंट्राडे ट्रेडिंग को जिसे day ट्रेडिंग भी कहते हैं इंट्राडे ट्रेडिंग के अंदर शेयर्स को खरीदकर कुछ घंटों या मार्केट बंद होने से पहले बेंच दिया जाता है इसमें दिन के दरमियान आने वाले मोमेंट का फायदा उठाया जाता है
उदाहरण:- के लिए मान abc शेयर की कीमत ₹100 आपने इस शेयर को ₹100 की प्राइस पर खरीद लिया है अब बाजार बंद होने से पहले abc शेयर का जो भी प्राइस हो आपको प्रॉफिट हो या लॉस। बुक करके निकलना ही होगा इसे ही इंट्राडे ट्रेडिंग कहते हैं
हम समझते हैं स्विंग ट्रेडिंग को जब शेयर्स को कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक रखकर सेल कर दिया जाता है तो इससे स्विंग ट्रेडिंग कहते हैं उदाहरण:- के लिए मान लीजिए abc शेयर अभी 100 रुपए पर चल रहा है और शेयर ने आज ही breakout दिया है तो आने वाले 1 से 2 हफ्तों में जो शेयर का मोमेंट होगा उसका फायदा उठा कर पैसा कमाना स्विंग ट्रेडिंग कहलाता है
अब हम समझते हैं पोजीशनल ट्रेडिंग को इसमें किसी शेयर को खरीद कर कुछ हफ्तों से लेकर कुछ महीनों या 1 साल के अंदर बेच दिया जाता है इसे पोजीशनल ट्रेडिंग कहते हैं इसमें लंबे मूवमेंट का फायदा उठाकर प्रॉफिट कमाया जाता है
उदाहरण के लिए मान लीजिए कि abc शेयर्स जिसका प्राइस ₹100 और अपने कंपनी के फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस की मदद से यह जान लिया है कि abc शेयर आने वाले 8 से 10 महीनों में 140 से ₹150 तक जा सकता है और शेयर खरीदकर 10 महीने बाद बेच देते हैं इसे ही पोजीशनल ट्रेडिंग कहते हैं
अब हम समझते हैं मोमेंटम ट्रेडिंग को जब किसी शेयर में ब्रेक आउट होता है तो उस ब्रेकआउट पर ट्रेडिंग करने को मोमेंटम ट्रेडिंग कहते हैं ब्रेकआउट कई प्रकार के होते हैं
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ट्रेडिंग के कितने प्रकार होते है ? – Types Of Trading In Hindi
कुछ लोग Trading के अलग-अलग प्रकारों के बारे में जानते हैं, जिसके कारण वे अधिक लाभ कमाते हैं, परंतु कुछ अन्य लोगों को Types Of Trading In Hindi के बारे में जानकारी ना होने के कारण अपने पैसे Stock Trading में गवा देते हैं।
इसलिए सभी निवेशकों को Types Of Trading In Hindi के बारे में संपूर्ण जानकारी होना आवश्यक है। इसीलिए आज के इस लेख में हम ट्रेडिंग के सभी प्रकार को विस्तृत रूप से जानेंगे।
Trading के प्रकार कौन से स्विंग ट्रेडिंग क्या होता हैं हैं ? ( Types Of Trading In Hindi )
मुख्य रूप से Trading के प्रकारों को पांच भागों में बांटा गया है। यदि हम Stock Trading की बात करें तो यह पांच प्रकार की होती है जो निम्नलिखित है।
- Intraday Trading
- Scalping
- Swing Trading
- Delivery Trading
- Optional Trading
- Momentum Trading
- Positional Trading
- Technical Trading
1. इंट्राडे ट्रेडिंग ( Intraday Trading )
Intraday Trading को हम Day Trading भी कहते हैं। इस Trading के अंतर्गत स्टॉक को एक ही दिन में बेचना और खरीदना शामिल होता है।
यदि कोई भी Investor या Trader Intraday Trading करता है, तो उसे दिन के आखिरी में बाजार बंद होने से पहले अपने सभी खरीदे गए शेयरों को जरूर भेजना होता है।
Intraday Trading सबसे ज्यादा Nav Value के छोटे पैमाने पर होने वाले उतार-चढ़ाव का फायदा उठाने के लिए लोकप्रिय है। यदि Trader अधिक Margin money का उपयोग नहीं करता है तो Intraday Trading बहुत ही कम जोखिम वाला होता है।
2. स्काल्पिंग ( Scalping )
स्काल्पिंग को Micro-Trading भी कहा जाता है, क्योंकि इस Trading को करते समय बहुत ही ज्यादा समय लगता है। स्काल्पिंग भी Intraday Trading की तरह ही की जाती है। बस इसके अंतर्गत Trader अपने Stock को कुछ सेकंड से लेकर कुछ मिनट तक hold रखता है।
जिस तरह Day Trading के अंतर्गत बाजार बंद होने से पहले सभी खरीदे गए स्टॉक को बेचना पड़ता है उसी प्रकार Scalp में भी बाजार बंद होने से पहले अपने पोजीशन को बंद करना पड़ता है।
Intraday Trading की तरह ही इसमें भी Technical Analysis बाजार से संबंधित ज्ञान और Price trend के बारे में जागरुकता और समझ बनती है।
3. स्विंग ट्रेडिंग ( Swing Trading )
स्विंग Trading का उपयोग Traders द्वारा Short Term Stock Fund और Pattern को Trade करने के लिए किया जाता है। साथ ही Traders इसका उपयोग कई दिनों में एक अच्छा लाभ कमाने के लिए करते हैं। क्योंकि Trading के इस प्रकार में हम 1 दिन से 7 दिन तक Trading कर सकते हैं।
इसमें Traders अपने शेयरों का Technical Analysis करते हैं ताकि वे अपने Investment के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए Stock Market के Pattern का पालन कर सकें।
4. डिलीवरी ट्रेडिंग ( Delivery Trading )
शेयर बाजार में सबसे ज्यादा उपयोग की जाने वाली Trading डिलीवरी Trading ही है, क्योंकि इसके अंतर्गत Investment सुरक्षित रहता है। डिलीवरी Trading लंबे समय के लिए की जा सकती है, जिसके अंतर्गत Investors अपने Stock को कुछ समय के लिए होल्ड कर सकते हैं।
इसके साथ ही डिलीवरी Trading के अंतर्गत Investors को स्टॉक के लिए पूरी राशि का भुगतान करना होता है। Trading के इस प्रकार के अंतर्गत Investor उस स्टॉक में निवेश कर सकता है जिससे उसे अधिक मुनाफा हो सके।
5. मोमेंटम ट्रेडिंग ( Momentum Trading )
Stock Trading का पांचवा प्रकार मोमेंटम Trading है जिसके अंतर्गत एक Investor या Trader बाजार के मोमेंटम का फायदा उठाता है। यहां पर Trader ऐसे स्क्रिप्ट को चुनता है जो Breakout हो रहे हैं या फिर Breakout हो जाएंगे।
यदि बाजार का मोमेंटम ऊपर उठ रहा है तो Trader के पास जो स्टॉक है वह उन्हें बेच देता है और Average Return से भी ज्यादा रिटर्न प्राप्त करता है। और वहीं अगर बाजार का मोमेंटम नीचे गिर रहा है, तो Trader कई स्टॉक्स को खरीद लेता है ताकि वह उन्हें मोमेंटम बढ़ने पर बेच सके।
6. पोजीशनल ट्रेडिंग ( Positional Trading )
कुछ लोग इसे पोजीशन Trading भी कहते हैं। यह Trading भी Delivery Trading का ही एक रूप है, जिसके अंतर्गत Stocks को Buy and hold करने की Strategies अपनाई जाती है।
Positional Trading उन Traders के लिए ज्यादा बेहतर होती है, जो बाजार में नियमित रूप से भागीदार नहीं होते हैं यानी कि स्टॉक्स की खरीद बिक्री नियमित रूप से नहीं करते हैं।
Positional Trading के अंतर्गत लाभ तब होता है, जब स्टॉक बेचने से पहले उसे लंबे समय तक रखा जा सके।
7. फंडामेंटल ट्रेडिंग ( Fundamental Trading )
Trading के अंतर्गत Traders अच्छे कंपनी के स्टॉक्स ढूंढने के लिए Fundamental Analysis का उपयोग करता है। Traders कंपनी और उसके Financial Details पर अधिक ध्यान देते हैं। ताकि वे ऐसे स्टॉक का चुनाव कर सके जो भविष्य में उन्हें अधिक लाभ दे सके।
Fundamental Trading करने वाले Traders भी बाजार के अंदर अपनी पोजीशन को लंबे समय तक बनाए रखते हैं ताकि वे अधिक लाभ कमा सके।
8. टेक्निकल ट्रेडिंग ( Technical Trading )
Technical Trading के अंतर्गत Traders बाजार के चार्ट और डेटा का उपयोग करके अच्छे Stocks को ढूंढने का प्रयास करते हैं।
इस Trading में व्यापारियों के पास बाजार का ज्ञान और क्षमता होना चाहिए ताकि वह इस चार्ट और ग्राफ को समझ कर सही स्टॉक्स में निवेश कर सके।
FAQ’S:
प्रश्न 1 – ट्रेडिंग के पांच प्रकार कौन से हैं ?
प्रश्न 2 – किस प्रकार का Trading सबसे अच्छा है ?
प्रश्न 3 – स्विंग ट्रेडिंग क्या है ?
प्रश्न 4 – ऑनलाइन ट्रेडिंग क्या है ?
निष्कर्ष :-
आज के इस लेख में हमने Types Of Trading In Hindi के बारे में जानकारी प्राप्त की।
उम्मीद है, कि इस लेख के माध्यम से आपको Trading के प्रकारों के बारे में सभी जानकारियां मिल पाई होंगी।
यदि आप इस लेख से संबंधित और भी जानकारियां पाना चाहते हैं, तो स्विंग ट्रेडिंग क्या होता हैं हमसे कमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते हैं। जानकारी अच्छी लगी हो तो कृपया इस लेख को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।
सिर्फ 4 महीने में पैसे हुए 6.5 गुने, अब स्टॉक स्प्लिट और बोनस शेयर का तोहफा दे रही कंपनी
वैसे तो आपने कई कंपनियों के मल्टीबैगर रिटर्न के बारे में सुना होगा, लेकिन आज का शेयर कुछ अलग है. इस कंपनी ने रिटर्न भी तगड़ा दिया है, साथ ही अब स्टॉक स्प्लिट और बोनस शेयर का तोहफा दे रही है.
आयरन एंड स्टील प्रोडक्ट्स के बिजनेस से जुड़ी एक कंपनी के शेयर ने शानदार रिटर्न दिया है. इस कंपनी का नाम है रेहतन टीएमटी (Rhetan TMT), जिसके शेयर तेजी से भाग रहे हैं. हालांकि, पिछले दिनों में शेयर बाजार की गिरावट का असर इस कंपनी पर भी दिखा है और शेयर थोड़ा गिरे हैं. हालांकि, लंबे वक्त में इस कंपनी ने मल्टीबैगर रिटर्न (Multibagger Stock) दिए हैं. इस कंपनी के शेयरों में तेजी की एक बड़ी वजह है बोनस शेयर (Bonus Share) और स्टॉक स्प्लिट (Stock Split) की घोषणा.
महीने भर में दिया 96 फीसदी रिटर्न
यह शेयर इसी साल सितंबर के महीने में बीएसई एसएमई पर लिस्ट हुआ था. कंपनी का आईपीओ 70 रुपये की कीमत पर आया था. इस शेयर में पिछले एक महीने में करीब 96 फीसदी की तेजी देखी गई है. करीब महीने भर पहले यह शेयर 233 रुपये के लेवल पर था, जो अब 28 दिसंबर को 458 रुपये के लेवल पर पहुंच चुका है.
आईपीओ के मुकाबले दिया 563 फीसदी रिटर्न
अगर इस कंपनी के आईपीओ के मुकाबले देखा जाए तो अब तक कंपनी का शेयर करीब 550 फीसदी रिटर्न दे चुका है. मतलब करीब 4 महीने में ही कंपनी का शेयर करीब 6.5 गुना चढ़ गया. इस शेयर में जिसने आईपीओ के दौरान 1 लाख रुपये लगाए होंगे, आज उसके पैसे करीब 6.5 लाख हो चुके हैं.
स्टॉक स्प्लिट और बोनस शेयर का तोहफा
हाल ही में रेहतन टीएमटी के निदेशक मंडल ने कंपनी के हर शेयर को 10 इक्विटी शेयरों में बांटने की मंजूरी दे दी है. इसके बाद 10 रुपये की फेस वैल्यू वाला हर शेयर 1-1 रुपये की फेस वैल्यू वाले 10 शेयरों में बंट जाएगा. इतना ही नहीं, कंपनी ने हर 4 शेयरों के बदले 11 बोनस शेयर देने की भी घोषणा की है. हालांकि, अभी रेकॉर्ड डेट फाइनल नहीं है, लेकिन कंपनी की इस घोषणा से इसके शेयरों में तगड़ी तेजी देखी जा रही है.
शेयर बाजार में अच्छा स्टॉक कैसे चुनें?
शेयर बाजार में निवेश करने में सबसे अहम होता है शेयरों का चुनाव. आपको जिस भी कंपनी का शेयर खरीदना है सबसे पहले उसके बारे में पूरी एनालिसिस करें. देखें कि कंपनी का बिजनस क्या है और कैसा चल रहा है. चेक करें कि कंपनी को फायदा हो रहा है या नुकसान. ये भी देखें कि कंपनी भविष्य को लेकर क्या प्लान बना रही है. इतना ही नहीं, कंपनी के मैनेजमेंट के बारे में भी जरूर स्टडी करें, क्योंकि अगर मैनेजमेंट में ही गड़बड़ होगी तो तगड़ा मुनाफा देने वाली कंपनी भी भारी नुकसान का सबब बन सकती है.
शेयर बाजार में पैसा लगाने का मतलब अधिकतर लोग ये समझते हैं कि हर रोज सुबह से शाम तक शेयर बाजार ही देखते रहें. उन्हें लगता है कि जैसे ही दाम बढ़ेंगे, शेयर बेचकर मुनाफा कमा लेंगे. कई लोग एक ही दिन में शेयर खरीद कर बेच देते हैं, जिसे इंट्रा डे ट्रेडिंग कहा जाता है. वहीं कुछ लोग कुछ दिनों, हफ्तों या महीनों में मुनाफा काट लेते हैं, जिसे स्विंग ट्रेडिंग कहते हैं. वहीं सबसे तगड़ा मुनाफा मिलता है निवेश से, जो लंबे वक्त के लिए किया जाता है. राकेश झुनझुनवाला से लेकर वॉरेन बफे तक सभी निवेश की सलाह देते हैं. कभी-कभी ट्रेडिंग बुरी बात नहीं, लेकिन अधिकतर समय निवेश के बारे में सोचना चाहिए तभी मल्टीबैगर रिटर्न मिलते हैं.
शेयर बाजार में रोज भिड़ते हैं ये 2 'जानवर', कभी होती है मोटी कमाई तो कभी लाखों करोड़ हो जाते हैं स्वाहा
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