Bihar Board Exam 2022 Pattern बोर्ड परीक्षा 2022 का पैटर्न जारी
Bihar Board Exam 2022 Pattern बोर्ड परीक्षा 2022 का पैटर्न जारी बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा मैट्रिक-इंटर के फाइनल बोर्ड परीक्षा के तारीखों की घोषणा कर दी गई। मैट्रिक की परीक्षा 17 फरवरी से लेकर 24 फरवरी 2022 तक आयोजित की जाएगी जबकि इंटर की बोर्ड परीक्षा 1 फरवरी से लेकर 14 फरवरी 2022 तक ली जाएगी। ऐसे में हर वर्ष बोर्ड परीक्षा से पहले बिहार बोर्ड के द्वारा पैटर्न में बदलाव जरूर किया जाता है। आइए जानते हैं कि Bihar Board Exam 2022 Pattern में क्या-क्या बदलाव किया गया है। संपूर्ण जानकारी के लिए इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़े।
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Bihar Board Exam 2022 Pattern
हालांकि इस वर्ष बोर्ड परीक्षा के पैटर्न में ज्यादा बदलाव नहीं किया गया है। इस बार मैट्रिक के सभी विषयों के प्रश्न पत्र पर विषय कोड दिया जाएगा। विषय कोड को छात्रों को OMR और उत्तर पुस्तिका पर लिखना होगा। छात्र से विषय कोड लिखने में किसी तरह की गलती ना हो, इसके लिए बोर्ड द्वारा विषय कोड दिया जाएगा। अगर सामाजिक विज्ञान का विषय कोड 211 होगा, तो विज्ञान का विषय कोड 112 होगा।
Bihar Board 10th Exam 2022
मैट्रिक बोर्ड परीक्षा के हर प्रश्न पत्र में तीन सेक्शन होंगे। छात्र को हर सेक्शन के प्रश्न का उत्तर देना होगा। अगर एक सेक्शन का जवाब देते हैं और दूसरे का नहीं देते हैं तो अंक कट जाएगा। बिहार बोर्ड द्वारा मैट्रिक परीक्षा के लिए प्रश्न पत्र पैटर्न जारी किया गया है। Students बोर्ड के आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर देख सकते हैं।
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Bihar Board Exam 2022 New Pattern
पहले सेक्शन में वस्तुनिष्ठ प्रकार के प्रश्न रहेंगे। वहीं लघु उत्तरीय और दीर्घ उत्तरीय के लिए अलग-अलग सेक्शन रहेंगे। मैट्रिक वार्षिक परीक्षा 17 फरवरी से लेकर 24 फरवरी तक लिए जाएंगे। छात्र हित में बोर्ड द्वारा प्रश्न पत्र पैटर्न जारी किया गया है। पैटर्न से छात्रों को किस चैप्टर से किस तरह के प्रश्न आ सकते हैं, इसकी जानकारी मिलेगी। इसके अलावा किस सेक्शन में कितने प्रश्न रहेंगे और कितने प्रश्न का जवाब देना है, इसकी जानकारी भी मिलेगी।
Mobile का Pattern Lock कैसे तोड़े, लॉक मोबाइल कैसे खोलें?
Android Smartphone का उपयोग हम सभी करते हैं. अपने फोन में सुरक्षा के लिए हम कई तरह के लॉक लगा देते हैं जैसे नंबर वाला लॉक, पैटर्न वाला लॉक या फिर फेस लॉक. फेस लॉक वैसे महंगे मोबाइल में आता है. अधिकतर लोग आजकल पैटर्न लॉक का उपयोग करते हैं. पैटर्न लॉक का उपयोग करना और उसे सेट करना काफी आसान काम है लेकिन मुश्किल तो तब होती है जब हम पैटर्न लॉक भूल जाते हैं. तब हमारा मोबाइल लॉक हो जाता है और किसी काम का नहीं रहता. मोबाइल पैटर्न लॉक होने पर क्या करें? फिर हम सब यही चीज ढूंढते रहते हैं.
मोबाइल में पैटर्न लॉक कैसे लगाते हैं?
मोबाइल में पैटर्न लॉक लगाना काफी आसान काम है. इसके लिए आपको अपने मोबाइल की सेटिंग में जाना है और security या फिर lock ऑप्शन को ढूँढना है. इसमें आपको कई तरह के लॉक दिखाई देंगे जैसे, नंबर लॉक, अल्फा न्यूमेरिक लॉक और पैटर्न लॉक. बस पैटर्न लॉक पर क्लिक करें और आगे बढ़ें. आगे आपको पैटर्न लॉक को सेट करना है. इसमें आपको पैटर्न एक बार बार पैटर्न क्या है बनाना है. आप जिस पैटर्न को बना सकते हैं और याद रख सकते हैं उसे यहाँ पर बनाएँ. इसके बाद आपका मोबाइल एक बार और पैटर्न लॉक बनाने के लिए कहेगा उसे फिर से बनाएँ और कन्फ़र्म करें. बस लग गया आपके मोबाइल में पैटर्न लॉक.
मोबाइल में पैटर्न लॉक भूलने पर क्या करें?
मोबाइल में कई बार ऐसा होता है की हम जो पैटर्न लॉक लगाते हैं उसे भूल जाते हैं या फिर घर में कोई और बार-बार गलत पैटर्न ड्रॉ कर देता है जिससे की आपका मोबाइल लॉक हो जाता है. अब ऐसी स्थिति में आप या तो मोबाइल कंपनी जाएंगे या फिर किसी मोबाइल वाले को दिखाकर अपना फोन सुधारवाएंगे. लेकिन आप खुद भी घर पर इस पैटर्न लॉक की समस्या से निजात पा सकते हैं.
अगर आप कंपनी जाएँगे या फिर किसी मोबाइल रिपेयरिंग वाले के पास जाएंगे तो वो आपसे इस लॉक को खोलने के पैसा लेगा और आपका डाटा भी डिलीट हो जाएगा. अगर आप अपना पैसा बचना चाहते हैं तो आप खुद भी मोबाइल में लगे पैटर्न लॉक को तोड़ सकते हैं. इसके लिए आपको न किसी कम्प्युटर की जरूरत है और न ही किसी दूसरी डिवाइस की. बस इतना ध्यान रखें की अगर आप इसका लॉक तोड़ते हैं तो आपका सारा डाटा डिलीट हो जाएगा और आपका मोबाइल वैसा हो जाएगा जैसा वो उस दिन था जिस दिन आपने उसको खरीदा था.
मोबाइल का पैटर्न लॉक कैसे तोड़े?
मोबाइल का पैटर्न लॉक तोड़ने का तरीका बहुत ही आसान है. इसके लिए आपको बस थोड़ा सा दिमाग लगाना है. सबसे पहली बात तो ये ध्यान रखें की अगर आप पैटर्न लॉक भूल गए हैं या फिर आपका मोबाइल पूरी तरह लॉक हो गया है तो घबराए नहीं. कई लोग ऐसे होते हैं जो घबरा जाते हैं और उल्टी सीधी हरकत कर बैठते है. जिसमें कभी-कभी बच्चों की पिटाई भी हो जाती है. तो ऐसा तो बिलकुल न करें. आपके मोबाइल में जो लॉक लगा है वो आसानी से टूट सकता है इसलिए चिंता न करें.
मोबाइल का पैटर्न लॉक तोड़ने का तरीका
मोबाइल में पैटर्न लॉक लग जाने पर सबसे पहले तो अपने मोबाइल को स्विच ऑफ कर लें. इसके बाद किसी दूसरे मोबाइल से इन्टरनेट पर देखें की आपका जो मोबाइल है उसे recovery mode में लाने के लिए आपको किन बटन को दबाना होगा. अगर आपको पहले से पता है तब तो अच्छा है. अगर नहीं पता है तो आप अपने फोन का नाम और मॉडल नंबर लिखकर recovery mode के बारे में पता कर सकते हैं. वैसे अधिकतर फोन में रिकवरी मोड पावर बटन, और वॉल्यूम अप/डाउन बटन को एक साथ दबाकर रखने से आ जाता है.
सबसे पहले तो आपको मोबाइल को स्विच ऑफ करना है और उसके बाद रिकवरी मोड पर ले जाना है. जब आप रिकवरी मोड पर ले जाएंगे तो आपके सामने कुछ ऑप्शन आएंगे. इनमें से आपको factory data reset या wipe out को चुनना है. रिकवरी मोड में ऊपर नीचे जाने के लिए वॉल्यूम अप और डाउन बटन का उपयोग करें और ऑप्शन को चुनने के लिए पावर बटन का उपयोग करें. रिकवरी मोड में आपकी टच काम नहीं करेगी.
मोबाइल को जैसे ही आप factory reset या wipe data करेंगे तो वो लॉक हट जाएगा और आपके मोबाइल में मौजूद सारा डाटा डिलीट हो जाएगा. इसमें सिर्फ वो ऐप बचेंगे जिन्हें कंपनी की तरफ से आपके मोबाइल में दिया गया था. तो इस तरह आप अपने मोबाइल का पैटर्न लॉक तोड़ सकते हैं. बस इसका नुकसान ये होगा की उसमें मौजूद डाटा सारा डिलीट हो जाएगा. अगर आपका डाटा किसी भी हालत में इसमें नहीं बच पाएगा. अगर आप डाटा बचाना चाहते हैं तो आपको अपना पैटर्न लॉक या फिर लॉक का पासवर्ड याद रखना पड़ेगा. तब ही आप अपने मोबाइल के डाटा को डिलीट होने से बचा पाएंगे.
बोर्ड एग्जाम और सी.सी.ई. पैटर्न, दोनों में क्या है अंतर और कौन सा सिस्टम है बेहतर?
इस लेख में हम कक्षा 10वीं में अपनाए जाने वाले पूर्व व वर्तमान मुल्यांकन प्रणालियों का विश्लेषण करते हुए यह जानने की कोशिश करेंगे कि बोर्ड एग्जाम और सी.सी.ई. पैटर्न में क्या अंतर है और दोनों में से कौनसा पैटर्न ज़्यादा बेहतर है.
बोर्ड ऑफ सैकेंडरी एजुकेशन (सी.बी.एस.ई.) ने अकादमिक सेशन 2017-2018 से कक्षा 10वीं में सतत समग्र मूल्यांकन यानी सी.सी.ई. पैटर्न को समाप्त करते हुए बोर्ड की परीक्षा को सभी छात्रों के लिए अनिवार्य बना दिया था। बोर्ड के इस फैसले पर अध्यापक व पेरेंट्स की प्रतिक्रिया मिली-जुली रही. कुछ ने इसे छात्रों के लिए एक सही फैसला बताते हुए कहा कि इससे देश भर में एक समान परीक्षा का आयोजन करने से हर छात्र को विभिन्न स्कूलों के छात्रों की तुलना में अपना लेवल पता चलेगा और उन्हें आने वाले बड़े इम्तिहानों के लिए आवशयक आत्मविश्वास भी मिलेगा. वहीं दूसरी ओर कुछ लोगों का कहना था कि इससे पहले हर विषय के पाठ्यक्रम को दो हिस्सों में बाँटते हुए परीक्षा ली जाती थी जिससे छात्रों पर पढ़ाई का कम दबाव पड़ता था लेकिन बोर्ड एग्जाम के लिए उन्हें पूरे साल के विशाल पाठ्यक्रम को एक बार में तैयार करना होगा जो कि काफी मुश्किल है. इस तरह सभी हितधारकों की सकारात्मक और नकारात्मक प्रतिक्रियाओं के बीच, दसवीं कक्षा में नई मूल्यांकन योजना की शुरुआत की गई जिसके तहत वर्ष 2017-2018 की बोर्ड परीक्षा का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया. हालांकि कुछ विषयों में पेपर लीक के मामले सामने आने से परीक्षा में खलल ज़रूर पड़ा.
एक बार फिर से नये सेशन, 2018-2019 की शुरुआत होने जा रही है जिसमे विद्यार्थी अपनी अगली कक्षा में प्रवेश करेंगे. इसके साथ ही एक बार फिर से बोर्ड परीक्षा की पुर्नस्थापना के साथ मूल्यांकन प्रणाली में किये गये बदलाव पर चर्चा होगी. अब इस प्रणाली में सम्बंधित प्राधिकरण (authority) की तरफ से अन्य बदलाव लाने तक कक्षा 10वीं में यह असेसमेंट पैटर्न आने वाले कुछ वर्षों तक जारी रहेगा. यहाँ हम कक्षा 10वीं के वर्तमान व पूर्व अस्सेमेंट पैटर्न्स के नुकसान व फ़ायदों के बारे में जानने की कोशिश करेंगे.
वर्तमान अस्सेमेंट पैटर्न
वर्तमान अस्सेमेंट पैटर्न के अनुसार विद्यार्थियों के प्रदर्शन का मूल्यांकन 100 अंक के फाइनल एग्जाम के आधार पर किया जाता है जिसमें से 80 अंक बोर्ड परीक्षा के लिए रखे गए हैं और अन्य 20 अंक इंटरनल असेसमेंट के लिए. आइए यहाँ जानते हैं इस पैटर्न के कुछ मुख्य फ़ायदे व नुकसान.
फ़ायदे:
- बोर्ड एग्जाम्स छात्रों को अपने स्कूल व कम्फर्ट लेवल से बाहर जाकर किसी नये स्कूल में, नये छात्रों के साथ परीक्षा लिखने का मौका देते हुए उन्हें पैन इंडिया एग्जाम्स के लिए तैयार करते हैं.
- एक ही बोर्ड द्वारा पुरे देश में परीक्षा का आयोजन करने से, परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता आती है.
- स्कूल एग्जाम्स में पक्षपात की संभावना रहती है क्योंकि कुछ स्कूलों में प्रश्न पत्र काफी आसान लेवल के हो सकते हैं जबकि कुछ अन्य में मुश्किल. जबकि बोर्ड परीक्षा में सभी छात्रों को एक समान दर्जे पर टेस्ट किया जाता है.
- क्योंकि वर्तमान मूल्यांकन प्रणाली के अनुसार छात्रों को प्रत्येक विषय के पूरे पाठ्यक्रम के आधार पर बोर्ड परीक्षा लिखनी होती है, एक बार बार पैटर्न क्या है तो उसे अपने पाठ्यक्रम को कई बार दोहराने का मौका मिलता है जिससे छात्र के अकादमिक आधार को मजबूत बनाने में मदद मिलती है.
- कक्षा 10वीं में दिए जाने वाले बोर्ड एग्जाम्स कक्षा 12वीं के बोर्ड एग्जाम्स के लिए पूर्व परीक्षण का काम करते हैं और छात्रों को बेहतरीन प्रदर्शन के लिए तैयार करते हैं.
नुकसान:
- बोर्ड परीक्षा में अधिक से अधिक अंक लाने के महत्त्व पर अतिरिक्त ज़ोर देने से छात्रों में रटने की प्रक्रिया को बढ़ावा मिल रहा है.
- वर्तमान प्रणाली में बोर्ड परीक्षा को 80% भार दिया गया है जिससे परीक्षा केंद्रित शिक्षा पर ज़्यादा फोकस किया जाता है और गैर अकादमिक गतिविधियों पर कम जोर दिया जाता है.
- छात्रों के बोर्ड रिजल्ट को लेकर पेरेंट्स व टीचर्स की बड़ी उम्मीदों की वजह से छात्रों के ऊपर मानसिक दबाव बढ़ता है.
- sesssesaaaबहुत से छात्रों को साल के अंत में एक साथ सम्पूर्ण पाठ्यक्रम पढ़ने की वजह से बोर्ड परीक्षा के लिए तैयारी करने में मुश्किल होती है.
पूर्व अस्सेमेंट पैटर्न (सी.सी.ई. पैटर्न)
पूर्व असेसमेंट पैटर्न सतत समग्र मूल्यांकन (सी.सी.ई.) पर आधारित था जिसमें विद्यार्थी के सम्पूर्ण विकास पर जोर दिया जाता था. इसमें अकादमिक व गैर अकादमिक दोनों गतिविधियों को एक समान महत्त्व दिया जाता था. इसमें चार तिमाही टेस्ट व दो छिमाही टेस्ट शामिल थे जिन्हें क्रमशः फॉरमेटिव अस्सेमेंट और सम्मेटिव अस्सेमेंट का नाम दिया गया था. मूल्यांकन की यह प्रणाली भी कई फ़ायदों व नुकसानों के साथ आई.
फ़ायदे:
- इस अस्सेमेंट पैटर्न में छात्रों की लर्निंग संबंधित जरूरतों व उनकी क्षमता पर अधिक ध्यान दिया जाता था.
- इस सिस्टम से छात्रों की सीखने की प्रगति को सतत (continuous) तौर पर मॉनिटर करने में एक बार बार पैटर्न क्या है काफी मदद मिलती थी.
- हर फॉरमेटिव व सम्मेटिव अस्सेमेंट में छात्रों को अपने प्रदर्शन को और बेहतर करने का मौका मिलता था.
- छात्रों को अकादमिक एक्टिविटीज़ के साथ-साथ एक्स्ट्रा करीकुलर एक्टिविटीज़ में हिस्सा लेने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाता था.
- सीबीएसई के विशाल पाठ्यक्रम को दो भागों में बांटकर उसके आधार पर छात्रों का टेस्ट लिया जाता था जिससे छात्रों से पाठ्यक्रम के बोझ को कम किया जा सके.
नुकसान:
- सी.सी.ई. पैटर्न की ज़्यादा आलोचना इस वजह से की गई कि इसकी वजह से छात्रों में बोर्ड परीक्षा के लिए गंभीरता कम हो रही थी.
- इस अस्सेमेंट पैटर्न में सतत मूल्यांकन (continuous evaluation) की वजह से छात्रों को पूरा साल पढ़ना होता था जिसके चलते उन्हें शायद ही फ्री टाइम मिल पाता था.
- इंटरनल एग्जाम पेपर्स स्कूल टीचर्स द्वारा ही सेट किये जाने की वजह से पक्षपात की संभावना बनी रहती थी.
तो इन सब बातों को जानने के बाद हम यह कह सकते हैं कि कोई भी सिस्टम परफेक्ट नहीं हो सकता जो कि समस्त हितधारकों को संतुष्ट कर सके. और बेहतर बनाने के संकल्प में हर सिस्टम में लगातार बदलाव होते रहेंगे.
NPS में साल में 4 बार निवेश के पैटर्न में कर सकेंगे बदलाव, जल्द ही सब्सक्राइबर्स के एक बार बार पैटर्न क्या है लिए मौजूद होगा ऑप्शन
ZEE Business Exclusive: सुप्रतिम बंद्योपाध्याय ने कहा कि NPS सब्सक्राइबर्स को एक साल में 4 बार इन्वेस्टमेंट पैटर्न बदलने की छूट मिलेगी. बाजार के उतार चढ़ाव में मार्केट की अच्छी समझ रखने वाले ये पैटर्न बदल सकेंगे. वो रिटर्न की बेहतर स्ट्रैटेजी तय कर सकते हैं.
बजट में नेशनल पेंशन सिस्टम का दायरा बढ़ाने का एलान किया गया था. (फोटो: PIB)
ZEE Business Exclusive: नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में अब साल में 4 बार निवेश के पैटर्न में बदलाव कर सकेंगे. अगले कुछ दिनों में ये ऑप्शन सब्सक्राइबर्स के लिए मौजूद होंगे. मार्केट के उतार चढ़ाव को देखते हुए में निवेश के विकल्प रहेंगे. खास बात ये है कि निवेश पैटर्न बदलने के लिए कोई चार्जेस नहीं लिया जाएगा. PFRDA के चेयरमैन सुप्रतिम बंद्योपाध्याय ने जी बिजनेस से खास बातचीत में ये जानकारी दी.
सुप्रतिम बंद्योपाध्याय ने कहा एक बार बार पैटर्न क्या है कि, NPS सब्सक्राइबर्स को एक साल में 4 बार इन्वेस्टमेंट पैटर्न बदलने की छूट मिलेगी. बाजार के उतार चढ़ाव में मार्केट की अच्छी समझ रखने वाले ये पैटर्न बदल सकेंगे. वो रिटर्न की बेहतर स्ट्रैटेजी तय कर सकते हैं और किसी भी तरह के चार्ज देने की जरूरत नहीं होगी.
बजट में हुआ था एलान
बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नेशनल पेंशन सिस्टम का दायरा बढ़ाने का एलान किया था. राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए NPS में किए जाने वाले निवेश पर डिडक्शन को 10% से बढ़ाकर 14% करने का एलान किया गया. राज्य सरकार के कर्मचारियों को टैक्स बेनिफिट मिलेगा.जिसके बाद अब प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए भी 14% तक डिडक्शन की मांग शुरू हो गई है.
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प्राइवेट सेक्टर के लिए भी 14% छूट की मांग
सुप्रतिम बंद्योपाध्याय के मुताबिक अभी तक राज्य सरकार के कर्मचारियों को टैक्स बेनिफिट नहीं मिल पा रहा था. लेकिन बजट में NPS से जुड़े एलान से इन कर्मचारियों को फायदा होगा. उन्होंने कहा कि प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर एंटरप्राजेज सभी के लिए 14% छूट होनी चाहिए. वहीं इसके लिए सरकार से मांग करेंगे. उन्होंने कहा कि छूट बढ़ने से सरकार को ज्यादा नुकसान नहीं होगा.
निवेश की स्ट्रैटेजी खुद तय करते हैं पेंशन फंड्स
Pension Fund Regulatory and Development Authority के चेयरमैन का मानना है कि पेंशन फंड्स निवेश की स्ट्रैटेजी खुद तय करते हैं. IPO में निवेश के लिए रेगुलेटर ने शर्तों के साथ मंजूरी दी थी लेकिन एक बार बार पैटर्न क्या है न्यू ऐज कंपनी जौमेटो, Paytm में पेंशन फंड्स ने निवेश नहीं किया है. पेंशन फंड्स ने रिस्क को देखते हुए न्यू ऐज कंपनी में निवेश नहीं किया होगा.
लॉन्ग टर्म में इक्विटी देता है बेहतर रिटर्न
सुप्रतिम बंद्योपाध्याय ने कहा कि पेंशन में पैसा आने से लॉन्ग टर्म के लिए कैपिटल मार्केट को सपोर्ट मिलेगा. केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए इक्विटी निवेश लिमिट के लिए 75% तक का प्रस्ताव है. प्राइवेट सेक्टर कर्मचारियों के लिए 75% हिस्सा निवेश करने की छूट है. लॉन्ग टर्म में इक्विटी में सबसे बेहतर रिटर्न देता है. NPS में इक्विटी में CAGR रिटर्न 13.5% और कॉरपोरेट बॉन्ड 9.7% है.
CTET 2022: एग्जाम पैटर्न पर आधारित ‘बाल विकास’ के इन सवालों को हल कर, जांचें! अपनी तैयारी का स्तर
CTET Bal Vikas Practice Set 2022: शिक्षण के क्षेत्र में करियर बनाने की चाह एक बार बार पैटर्न क्या है रखने वाले लाखों युवा केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा 2022 के आयोजन का इंतजार कर रहे हैं, फिलहाल परीक्षा के आवेदन की प्रक्रिया सीबीएसई के द्वारा पूरी की जा चुकी है, किंतु परीक्षा प्रारंभ होने की तिथि अभी जारी नहीं की गई है यदि पिछले वर्ष आयोजित परीक्षा की बात की जाए तो यह परीक्षा 16 दिसंबर से प्रारंभ हो चुकी थी ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि इस वर्ष की परीक्षा का आयोजन दिसंबर के मध्य में शुरू हो सकता है.
शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET 2022) की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिए यहां हम बाल विकास (CTET Bal Vikas Practice Set 2022) के कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों का संकलन लेकर आए हैं जिनके परीक्षा में पूछे जाने की संभावना बेहद प्रबल है इसलिए निकला जरूर पढ़ें.
बाल विकास के ऐसे ही सवाल दिलाएंगे, सीटेट 2022 में बेहतर अंक—CTET Bal Vikas Practice set for paper 1 and Paper 2
Q.1 भाषा के अर्जन एवं विकास के लिए सर्वाधिक संवेदनशील अवधि कौन सी है?
(A) जन्म पूर्व अवधि
(B) प्रारंभिक बाल्यावस्था
(C) मध्य बाल्यावस्था
Ans- B
Q.2 निम्नलिखित में से कौन-सी लारेंस कोहलबर्ग के द्वारा प्रस्तावित नैतिक विकास की एक अवस्था है?
(B) सामाजिक अनुबंधन अभिविन्यास
(C) मूर्त संक्रियात्मक अवस्था
(D) उद्योग बनाम अधीनता अवस्था
Ans- B
Q.3 कक्षा में परिचर्चा के दौरान एक शिक्षक प्रायः लड़कियों की तुलना में लड़कों पर अधिक ध्यान देता है यह किसका उदाहरण है?
(C) जेंडर संबद्धता
Ans- A
Q.4 बच्चों में जेंडर रूढ़िवादिता एवं जेंडर भूमिका अनुरूपता को कम करने के लिएनिम्नलिखित में से कौन सी पद्धति प्रभावशाली है।
(A) जेंडर पक्षपात के बारे में परिचर्चा
(B) जेंडर विशिष्ट भूमिकाओं का महत्व देना
(C) जेंडर पृथक खेल समूह बनाना
(D) जेंडर पृथक बैठने की व्यवस्था करना
Ans- A
Q.5 निम्नलिखित में से किस मनोवैज्ञानिक ने बच्चों को ज्ञान की सक्रिय जिज्ञासु के रूप में देखते हुए उनके चिंतन पर सामाजिक एवं सांस्कृतिक विषय वस्तुओं के प्रभाव को महत्व दिया?
(D) लारेंस कोहलबर्ग
Ans- B
Q.6 जिग्सा पहेली को करते समय 5 वर्ष की नज्मा स्वयं से कहती हैं नीला टुकड़ा कहाँ है? नहीं यह वाला नहीं गाढे रंग वाला जिसमें यह जूता पूरा बन जाएगा ।
इस प्रकार की वार्ता को वाइगोत्सकी किस तरह से संबोधित करते हैं?
(A) व्यक्तिगत वार्ता
Ans- A
Q.7 बच्चों को संकेत देना तथा आवश्यकता पड़ने पर सहयोग प्रदान करना निम्नलिखित में से किसका उदाहरण है?
Ans- D
Q.8 निम्नलिखित व्यवहारों में से कौन-सा जीन पियाजे के द्वारा प्रस्तावित मूर्त संक्रियात्मक अवस्था को विशेषित करता है?
(A) परिकल्पित निगमनात्मक तर्क संघात्मक विचार
(B) संरक्षण कक्षा समावेशन
(C) आस्थगित अनुकरण पदार्थ यायित्व
(D) प्रतीकात्मक खेल विचारों की अनुत्क्रमणीयता
Ans- B
Q.9 बच्चों के संज्ञानात्मक विकास के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सी पियाजे की संरचना है?
Ans- A
Q.10 आकलन की प्राथमिक उद्देश्य क्या होना चाहिए?
(A) विद्यार्थीयो के लिए श्रेणी निश्चित करना
(B) संबंधित अवधारणाओं के बारे में बच्चों को स्पष्टता तथा भ्रांतियों को समझना
(C) विद्यार्थियों के प्राप्तांक के आधार पर उनको नामांकित करना
(D) रिपोर्ट कार्ड में उत्तीर्ण या अनुत्तीर्ण अंकित करना
Ans- B
Q.11 निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा बुद्धि के बारे में सही है?
(A) बुद्धि एक निश्चित योग्यता है जो जन्म के समय ही निर्धारित होती है
(B) बुद्धि को मानकीकृत परीक्षणों के प्रयोग से सटीक रूप से मापा एवं निर्धारित किया जा सकता है
(C) बुद्धि एक एकात्मक कारक तथा एक एकांकी विशेषक है।
(D) बुद्धि बहू आयामी होते है तथा जटिल योग्यताओं का एक समूह है
Ans- D
Q.12 रुही हमेशा समस्या के एकाधिक समाधानों के बारे में सोचती है। इनमें से काफी समाधान मौलिक होते हैं रूही किन गुणों का प्रदर्शन कर रही है?
(A) सृजनात्मक विचारक
(D)आत्म केंद्रित विचारक
Ans- A
Q.13 शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में वंचित समूह में संबंधित विद्यार्थियों के द्वारा सहभागिता कम होने की स्थिति में एक शिक्षक को क्या करना चाहिए ?
(A) बच्चों को विद्यालय छोड़ने के लिए कहना चाहिए
(B) इस स्थिति को जैसे है स्वीकार कर लेना चाहिए
(C) इन विद्यार्थियों से अपनी अपेक्षाओं को कम करना चाहिए
(D) अपनी शिक्षण पद्धति एवं पर विचार करना चाहिए तथा बच्चों कीसहभागिता में सुधार करने के लिए नए तरीके ढूंढने चाहिए
Ans- D
Q. 14 एक समावेशी कक्षा में एक शिक्षक को विशिष्ट शैक्षिक योजनाओं को
(A) तैयार नहीं करना चाहिए
(B) कभी-कभी तैयार करना चाहिए
(C) सक्रिय रूप से तैयार करना चाहिए
(D) तैयार करने के लिए हतोत्साहित होना चाहिए
Ans- C
Q.15 पठनवैफल्य बच्चों के प्राथमिक लक्षण क्या हैं?
(A) न्यून अवधान विकार
(B) अपसारी चिंतन पढ़ने में धारप्रवाहिता
(C) धाराप्रवाह पढ़ने की अक्षमता
(D) एक ही गतीविषयक कार्य को बार-बार दोहराना
Ans- C
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