विदेशी मुद्रा मोबाइल ट्रेडिंग
MT4 मोबाइल ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म वित्तीय बाजारों के लिए आपका प्रवेश द्वार है, यहां तक कि जब आप यात्रा पर होते हैं, तो आपको पुरस्कार विजेता मेटा ट्रेडर एक्सएनयूएमएक्स डेस्कटॉप प्लेटफॉर्म पर उपयोग करने वाले सभी ट्रेडिंग सुविधाओं का अवलोकन प्रदान करता है।
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3 सरल चरणों में अपने एफएक्ससीसी ट्रेडिंग खाते तक पहुंच प्राप्त करें - अपने एफएक्ससीसी खाता क्रेडेंशियल्स का उपयोग करके मोबाइल ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर डाउनलोड, इंस्टॉल और लॉगिन करें।
MT4 मोबाइल पर आप कर सकते हैं:
- कहीं से भी अपने ट्रेडिंग खाते से कनेक्ट करें;
- ट्रेडों को रखकर, संशोधित या बंद करके अपने बाजार में प्रवेश और निकास बिंदुओं को प्रबंधित करें;
- 30 तकनीकी संकेतक लागू करें;
- एक अत्याधुनिक मंच का उपयोग करके निवेश करें।
इसे प्राप्त करें गूगल प्ले
एफएक्ससीसी ब्रांड एक अंतरराष्ट्रीय ब्रांड है जो विभिन्न न्यायालयों में पंजीकृत और विनियमित है और आपको सर्वोत्तम संभव व्यापारिक अनुभव प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
सेंट्रल क्लियरिंग एलएलसी (www.fxcc.com) सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस में एक सीमित देयता कंपनी के रूप में शामिल है और पंजीकरण संख्या 2726 एलएलसी 2022 के साथ वित्तीय सेवा प्राधिकरण (एसवीजी एफएसए) द्वारा पंजीकृत है। पंजीकृत पता: सुइट 305, ग्रिफ़िथ कॉर्पोरेट केंद्र, बीचमोंट, किंग्सटाउन, सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस।
FX Central Clearing Ltd (www.fxcc.eu) पंजीकरण संख्या HE258741 के साथ साइप्रस निवेश फर्म (CIF) के रूप में पंजीकृत है और लाइसेंस संख्या 121/10 के तहत साइप्रस प्रतिभूति और विनिमय आयोग (CySEC) द्वारा वित्तीय साधनों में बाज़ार के अनुसार विनियमित है। निर्देश (MiFID)।
जोखिम चेतावनी: फ़ॉरेक्स और कॉन्ट्रैक्ट्स फ़ॉर डिफरेंस (सीएफडी) में ट्रेडिंग, जो कि लीवरेज्ड उत्पाद हैं, अत्यधिक सट्टा है और इसमें नुकसान का पर्याप्त जोखिम शामिल है। निवेश की गई सभी प्रारंभिक पूंजी को खोना संभव है। इसलिए, विदेशी मुद्रा और सीएफडी सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकते हैं। केवल उन पैसों से निवेश करें जिन्हें आप खो सकते हैं। तो कृपया सुनिश्चित करें कि आप पूरी तरह से समझते हैं जोखिम शामिल हैं। यदि आवश्यक हो तो स्वतंत्र सलाह लें।
Olymp trade, Binomo जैसे बाइनरी ट्रेडिंग एप से रहिए सावधान, कमाने के बजाय डूब जाएगा पैसा
आजकल सोशल मीडिया वेबसाइट्स पर बाइनरी ट्रेडिंग कराने वाले एप का प्रचार जोर शोर से हो रहा है। यह मोबाइल एप लोगों को जल्द से जल्द पैसा कमाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं, लेकिन वास्तविकता में इनमें अगर आप निवेश करते हैं, तो फिर पैसा बढ़ने के बजाए डूबेगा।
करते हैं लाखों रुपये कमाने का वादा
कम निवेश में यह बाइनरी ट्रेडिंग एप लोगों को ज्यादा पैसा कमाने का वादा करते हैं। इन कंपनियों का कहना होता है कि लोग 10 डॉलर (700 रुपये) के छोटे से निवेश से एक माह बाद 10000 हजार डॉलर (7 लाख रुपये) विदेशी मुद्रा मोबाइल ट्रेडिंग तक कमा सकते हैं। हालांकि ऐसा हकीकत में कुछ भी नहीं होता है। यह एक तरह का छलावा है, जैसा हाल ही में क्लिक एंड लाइक, बाइक बोट, स्पीक एशिया ने लोगों के साथ किया था और लाखों लोगों के करोड़ों रुपये डूब गए थे।
क्यों है खतरनाक
बाइनरी ट्रेडिंग एप इसलिए भी खतरनाक हैं, क्योंकि इनको भारत में व्यापार करने के लिए किसी भी तरह की मान्यता सेबी, आरबीआई या सरकार से नहीं मिली है। वहीं अगर कोई व्यक्ति थोड़े बहुत पैसे भी इन बाइनरी एप से कमा लेता है, तो वो फेमा कानून के तहत फंस सकता है। दूसरी तरफ इन कंपनियों का रजिस्ट्रेशन टैक्स हैवेन देशों में हैं, जहां से आप किसी तरह की कोई मदद नहीं पा सकते हैं।
इन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म को अमेरिका और यूरोप के कई देशों ने भी अपने एक्सचेंज पर मान्यता नहीं दी हुई है। विदेश में इनका बिजनेस ठप सा पड़ गया है, इसलिए अब इन्होंने अपना रूख भारत की तरफ मोड़ लिया है। यह एक तरह का जुआ है, जिसमें 98 फीसदी लोग अपनी रकम को डूबा देते हैं। केवल दो फीसदी लोग ही कुछ पैसा कमा पाते हैं।
ऐसे काम होता है बाइनरी ट्रेडिंग में
बाइनरी ट्रेडिंग में विदेशी मुद्रा, क्रिप्टोकरेंसी और सोने-चांदी जैसी कमोडिटी में ट्रेडिंग करने का ऑप्शन दिया जाता है। यहां पर लोगों को अनुमान लगाना होता है कि फलां कमोडिटी कितना आगे या फिर नीचे जाएगी। मान लीजिए आपने डॉलर पर अनुमान लगाया कि वो अगले एक से पांच मिनट में नीचे जाएगा, और आपने 10 डॉलर के साथ स्ट्राइक लगाई। अब एक मिनट में जो डॉलर नीचे जा रहा था, वो एकदम से ऊपर चला जाएगा। इससे आपके वो 10 डॉलर भी डूब जाएंगे। आप जितना भी पैसा लगाएंगे वो डूबता ही चला जाएगा।
शुरुआत में यह कंपनियां रजिस्ट्रेशन करने के बाद 10 हजार डॉलर का वर्चुअल पैसा डालती हैं, जिससे लोग इसके बारे में पूरी तरह से ज्ञान ले लें। लोग वर्चुअल में जब खेलकर थोड़ा भी ज्ञान ले लेते हैं, तब इसमें पैसा निवेश करते हैं।
कम से कम 3000 डॉलर का निवेश
अगर आपने यहां से थोड़ा सा भी पैसा कमा लिया तो वो आप निकाल नहीं पाएंगे। इन ट्रेडिंग एप पर आपको कम से कम तीन हजार डॉलर (करीब 2,10,000 रुपये) का निवेश करना होगा, तभी वो व्यक्ति इन खातों से जीता हुआ पैसा निकाल सकेगा। अगर उसने इतना पैसा नहीं निवेश किया तो उसको खाते से पैसा निकालने के लिए अनुमति नहीं मिलेगी।
हालांकि लोगों को निवेश करने के लिए अपने डेबिट या फिर क्रेडिट कार्ड (वीजा या मास्टरकार्ड) से पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं। एक बार जहां आपने अपने कार्ड की डिटेल्स दे दी, तो समझ लीजिए कि आपका खाता हैक होने में देर नहीं लगेगी।
केवल नाम और ईमेल आईडी से सेकंडों में बनेगा खाता
लोगों को इन ट्रेडिंग एप पर केवल अपना नाम और ईमेल आईडी देनी होती है, जिसके तुरंत बाद ही खाता बन जाता है। यह कंपनियां किसी भी तरह का पासवर्ड या एप को इंस्टॉल करने के बाद लॉगआउट का ऑप्शन भी नहीं देती हैं।
फिलहाल भारत में यह एप हो रहे हैं पॉपुलर
आजकल सोशल मीडिया वेबसाइट्स पर बाइनरी ट्रेडिंग कराने वाले एप का प्रचार जोर शोर से हो रहा है। यह मोबाइल एप लोगों को जल्द से जल्द पैसा कमाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं, लेकिन वास्तविकता में इनमें अगर आप निवेश करते हैं, तो फिर पैसा बढ़ने के बजाए डूबेगा।
करते हैं लाखों रुपये कमाने का वादा
कम निवेश में यह बाइनरी ट्रेडिंग एप लोगों को ज्यादा पैसा कमाने का वादा करते हैं। इन कंपनियों का कहना होता है कि लोग 10 डॉलर (700 रुपये) के छोटे से निवेश से एक माह बाद 10000 हजार डॉलर (7 लाख रुपये) तक कमा सकते हैं। हालांकि ऐसा हकीकत में कुछ भी नहीं होता है। यह एक तरह का छलावा है, जैसा हाल ही में क्लिक एंड लाइक, बाइक बोट, स्पीक एशिया ने लोगों के साथ किया था और लाखों लोगों के करोड़ों रुपये डूब गए थे।
क्यों है खतरनाक
बाइनरी ट्रेडिंग एप इसलिए भी खतरनाक हैं, क्योंकि इनको भारत में व्यापार करने के लिए किसी भी तरह की मान्यता सेबी, आरबीआई या सरकार से नहीं मिली है। वहीं अगर कोई व्यक्ति थोड़े बहुत पैसे भी इन बाइनरी एप से कमा लेता है, तो वो फेमा कानून के तहत फंस सकता है। दूसरी तरफ इन कंपनियों का रजिस्ट्रेशन टैक्स हैवेन देशों में हैं, जहां से आप किसी तरह की कोई मदद नहीं पा सकते हैं।
इन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म को अमेरिका और यूरोप के कई देशों ने भी अपने एक्सचेंज पर मान्यता नहीं दी हुई है। विदेश में इनका बिजनेस ठप सा पड़ गया है, इसलिए अब इन्होंने अपना रूख भारत की तरफ मोड़ लिया है। यह एक तरह का जुआ है, जिसमें 98 फीसदी लोग अपनी रकम को डूबा देते हैं। केवल दो फीसदी लोग ही कुछ पैसा कमा पाते हैं।
ऐसे काम होता है बाइनरी ट्रेडिंग में
बाइनरी ट्रेडिंग में विदेशी मुद्रा, क्रिप्टोकरेंसी और सोने-चांदी जैसी कमोडिटी में ट्रेडिंग करने का ऑप्शन दिया जाता है। यहां पर लोगों को अनुमान लगाना होता है कि फलां कमोडिटी कितना आगे या फिर नीचे जाएगी। मान लीजिए आपने डॉलर पर अनुमान लगाया कि वो अगले एक से पांच मिनट में नीचे जाएगा, और आपने 10 डॉलर के साथ स्ट्राइक लगाई। अब एक मिनट में जो डॉलर नीचे जा रहा था, वो एकदम से ऊपर चला जाएगा। इससे आपके वो 10 डॉलर भी डूब जाएंगे। आप जितना भी पैसा लगाएंगे वो डूबता ही चला जाएगा।
शुरुआत में यह कंपनियां रजिस्ट्रेशन करने के बाद 10 हजार डॉलर का वर्चुअल पैसा डालती हैं, जिससे लोग इसके बारे में पूरी तरह से ज्ञान ले लें। लोग वर्चुअल में जब खेलकर थोड़ा भी ज्ञान ले लेते हैं, तब इसमें पैसा निवेश करते हैं।
कम से कम 3000 डॉलर का निवेश
अगर आपने यहां से थोड़ा सा भी पैसा कमा लिया तो वो आप निकाल नहीं पाएंगे। इन ट्रेडिंग एप पर आपको कम से कम तीन हजार डॉलर (करीब 2,10,000 रुपये) का निवेश करना होगा, तभी वो व्यक्ति इन खातों से जीता हुआ पैसा निकाल सकेगा। अगर उसने इतना पैसा नहीं निवेश किया तो उसको खाते से पैसा निकालने के लिए अनुमति नहीं मिलेगी।
हालांकि लोगों को निवेश करने के लिए अपने डेबिट या फिर क्रेडिट कार्ड (वीजा या मास्टरकार्ड) से पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं। एक बार जहां आपने अपने कार्ड की डिटेल्स दे दी, तो समझ लीजिए कि आपका खाता हैक होने में देर नहीं लगेगी।
केवल नाम और ईमेल आईडी से सेकंडों में बनेगा खाता
लोगों को इन ट्रेडिंग एप पर केवल अपना नाम और ईमेल आईडी देनी होती है, जिसके तुरंत बाद ही खाता बन जाता है। यह कंपनियां किसी भी तरह का पासवर्ड या एप को इंस्टॉल करने के बाद लॉगआउट का ऑप्शन भी नहीं देती हैं।
RBI News: अवैध प्लेटफार्मों पर विदेशी करेंसी में लेन-देन करने वाले हो जाएं सचेत, आरबीआई ने दी ये चेतावनी
RBI Strict On Unauthorized Forex Trading Platforms: भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि जनता को अवैध इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (ईटीपी) पर विदेशी मुद्रा लेन-देन के मामले में बेहद सचेत रहने की जरूरत है। ये प्लेटफॉर्म लोगों को ऊंचे रिटर्न का भरोसा देते हैं और अपने झांसे में लेकर उनकी गाढ़ी कमाई पर हाथ साफ करते हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने विदेशी करेंसी में पैसा लगाने वाने लोगों को आगाह किया विदेशी मुद्रा मोबाइल ट्रेडिंग है। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि जनता को अवैध इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (ईटीपी) पर विदेशी मुद्रा लेन-देन के मामले में बेहद सचेत रहने की जरूरत है। बैंक की ओर से कहा गया है कि इस तरह का लेन-देन करने वाले व्यक्ति विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के तहत दंडात्मक कार्रवाई के पात्र होंगे।
ऊंचे रिटर्न का दिलाते हैं भरोसा
आरबीआई ने विदेशी करेंसी में निवेश करने या फिर लेन-देन करने वाले निवेशकों को सतर्कता बरतने की सलाह दी है। खास तौर पर ऐसे अवैध फॉरेन एक्सचेंज ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के प्रति चेताया है, जो हालिया दिनों में पैमाने पर उभरे हैं। ये प्लेटफॉर्म लोगों को ऊंचे रिटर्न का भरोसा देते हैं और अपने झांसे में फंसाते हैं। आरबीआई ने कहा है कि विदेशी मुद्रा अधिनियम (फेमा) के तहत निर्धारित उद्देश्यों से अलग अन्य जरूरतों के लिए अवैध ईटीपी के जरिए विदेशी करेंसी में लेन-देन पर जुर्माना लगाने की कार्रवाई भी की जा सकती है। आपको बता दें कि ईटीपी स्टॉक एक्सचेंजों से अलग ऐसे इलेक्ट्रॉनिक् सिस्टम हैं, जहां शेयर या विदेशी करेंसी की ट्रेडिंग की जा सकती है। हालांकि, इन प्लेटफॉर्म को आरबीआई से अनुमति लेना जरूरी है।
झांसे में आकर लोग गंवा रहे कमाई
केंद्रीय बैंक की ओर से इस संबंध में जारी एक बयान में कहा गया है कि लोगों को अधिकृत प्लेटफॉर्म पर ही विदेशी करेंसी में लेन-देन करना चाहिए। आरबीआई ने कहा कि सोशल मीडिया, सर्च इंजन समेत गेमिंग एप तक पर अवैध ईटीपी के भ्रामक विज्ञापन बड़ी संख्या में दिख रहे हैं और ये लोगों को बरगलाने का काम कर रहे हैं। ये ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म लोगों से निजी संपर्क भी करते हैं और मोटे मुनाफे का झांसा देते हैं। हाल के दिनों में इस तरह की शिकायतों में काफी इजाफा हुआ है, जिनमें फ्रॉड के चलते निवेश करने वाले अपनी गाढ़ी कमाई गंवा दी।
विस्तार
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने विदेशी करेंसी में पैसा लगाने वाने लोगों को आगाह किया है। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि जनता को अवैध इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (ईटीपी) पर विदेशी मुद्रा लेन-देन के मामले में बेहद सचेत रहने की जरूरत है। बैंक की ओर से कहा गया है कि इस तरह का लेन-देन करने वाले व्यक्ति विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के तहत दंडात्मक कार्रवाई के पात्र होंगे।
ऊंचे रिटर्न का दिलाते हैं भरोसा
आरबीआई ने विदेशी करेंसी में निवेश करने या फिर लेन-देन करने वाले निवेशकों को सतर्कता बरतने की सलाह दी है। खास तौर पर ऐसे अवैध फॉरेन एक्सचेंज ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के प्रति चेताया है, जो हालिया दिनों में पैमाने पर उभरे हैं। ये प्लेटफॉर्म लोगों को ऊंचे रिटर्न का भरोसा देते हैं और अपने झांसे में फंसाते हैं। आरबीआई ने कहा है कि विदेशी मुद्रा अधिनियम (फेमा) के तहत निर्धारित उद्देश्यों से अलग अन्य जरूरतों के लिए अवैध ईटीपी के जरिए विदेशी करेंसी में लेन-देन पर जुर्माना लगाने की कार्रवाई भी की जा सकती है। आपको बता दें कि ईटीपी स्टॉक एक्सचेंजों से अलग ऐसे इलेक्ट्रॉनिक् सिस्टम हैं, जहां शेयर या विदेशी करेंसी की ट्रेडिंग की जा सकती है। हालांकि, इन प्लेटफॉर्म को आरबीआई से अनुमति लेना जरूरी है।
झांसे में आकर लोग गंवा रहे कमाई
केंद्रीय बैंक की ओर से इस संबंध में जारी एक बयान में कहा गया है कि लोगों को अधिकृत प्लेटफॉर्म पर ही विदेशी करेंसी में लेन-देन करना चाहिए। आरबीआई ने कहा कि सोशल मीडिया, सर्च इंजन समेत गेमिंग एप तक पर अवैध ईटीपी के भ्रामक विज्ञापन बड़ी संख्या में दिख रहे हैं और ये लोगों को बरगलाने का काम कर रहे हैं। ये ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म लोगों से निजी संपर्क भी करते हैं और मोटे मुनाफे का झांसा देते हैं। हाल के दिनों में इस तरह की शिकायतों में काफी इजाफा हुआ है, जिनमें फ्रॉड के चलते निवेश करने वाले अपनी गाढ़ी कमाई गंवा दी।
विदेशी मुद्रा का फ्लो बढ़ाने के उपायों को RBI ने किया नोटिफाइड, रुपये के मूल्य में गिरावट को थामने की है कवायद
Foreign Exchange Inflows: बैंक 8 जुलाई से 31 अक्टूबर, 2022 के बीच विदेशों से अंतरराष्ट्रीय मुद्रा में लिए गए कर्ज के जरिये जुटाये गए धन का इस्तेमाल भारत में ग्राहकों को विदेशी मुद्रा उधार देने में कर सकते हैं.
केंद्रीय बैंक ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के बॉन्ड बाजार में निवेश से संबंधित दो नोटिफिकेशन भी जारी की हैं.
Foreign Exchange Inflows: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बॉन्ड बाजार में विदेशी निवेश और बैंकों के विदेशी मुद्रा में कर्ज के लिए प्रावधानों में ढील देने को लेकर गुरुवार को नोटिफिकेशन जारी कर दी. यह रुपये के मूल्य में गिरावट को थामने के लिए किए गए उपायों का हिस्सा हैं. पीटीआई की खबर के मुताबिक, अमेरिकी विदेशी मुद्रा मोबाइल ट्रेडिंग डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर में गिरावट के बीच बुधवार को इन उपायों की घोषणा की गई. ऑथोराइज्ड डीलर कैटेगरी-1 बैंक के इंटरनेशनल मार्केट्स से विदेशी मुद्रा उधारी पर जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, बैंक 8 जुलाई से 31 अक्टूबर, 2022 के बीच विदेशों से अंतरराष्ट्रीय मुद्रा में लिए गए कर्ज के जरिये जुटाये गए धन का इस्तेमाल भारत में ग्राहकों को विदेशी मुद्रा उधार देने में कर सकते हैं.
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विदेशी मुद्रा में कर्ज लेने की सुविधा मिलने की उम्मीद
खबर के मुताबिक, फिलहाल बैंक अंतरराष्ट्रीय बाजार से विदेशी मुद्रा में उधार (ओएफसीबी) अपनी टियर-1 यानी शेयर पूंजी का 100 प्रतिशत या एक करोड़ डॉलर, जो भी ज्यादा हो, तक ले सकते हैं. इस प्रकार उधार ली गई धनराशि का इस्तेमाल एक्सपोर्ट को छोड़कर विदेशी मुद्रा में उधार देने के लिए नहीं किया जा सकता है. रिजर्व बैंक ने कहा कि इस उपाय से कर्ज लेने वाले उस बड़े तबके को विदेशी मुद्रा में कर्ज (Loan in Forex) लेने की सुविधा मिलने की उम्मीद है, जिनके लिए सीधे विदेशी बाजारों तक पहुंचना मुश्किल हो सकता है.
बॉन्ड बाजार में निवेश से संबंधित दो नोटिफिकेशन भी जारी
केंद्रीय बैंक ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के बॉन्ड बाजार में निवेश से संबंधित दो नोटिफिकेशन भी जारी की हैं. इसके तहत एफपीआई के 8 जुलाई से 31 अक्टूबर, 2022 के बीच सरकारी प्रतिभूतियों और कॉरपोरेट बॉन्ड में किए गए निवेश की मेच्योरिटी या ऐसे निवेशों की बिक्री तक अल्पकालिक निवेश की सीमा से छूट दी जाएगी.
एफपीआई के कॉरपोरेट बॉन्ड में निवेश के लिए भी छूट
फिलहाल एफपीआई का सरकारी प्रतिभूतियों (ट्रेजरी बिल और राज्य विकास ऋण सहित केंद्र सरकार की प्रतिभूतियों) और कॉरपोरेट बॉन्ड में अल्पकालिक निवेश किसी भी कैटेगरी में उस एफपीआई के कुल निवेश के 30 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होना चाहिए. एफपीआई के कॉरपोरेट बॉन्ड में निवेश के लिए भी छूट प्रदान की गई है और वे अब एक साल से कम अवधि के लिए भी ऐसे प्रोडक्ट्स खरीद सकते हैं.
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