अनधिकृत विदेशी मुद्रा कारोबार प्लेटफॉर्म न करें लेनदेन : आरबीआई

मुंबई। रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोशल मीडिया, सर्च इंजन, ओवर द टॉप (ओटीटी) और गेमिंग ऐप पर लोगों को विदेशी मुद्रा व्यापार की सुविधा प्रदान करने वाले अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (ईटीपी) के भ्रामक विज्ञापनों के झांसे में आकर कोई भी लेनदेन नहीं करने की हिदायत दी है।

आरबीआई ने गुरुवार को कहा कि सोशल मीडिया, सर्च इंजन, ओवर द टॉप (ओटीटी) और गेमिंग ऐप पर विदेशी मुद्रा व्यापार की सुविधा प्रदान करने वाले अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (ईटीपी) कानूनी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स के भ्रामक विज्ञापनों से सावधान रहें। ऐसे ईटीपी एजेंटों के बारे में खबरें आई हैं, जो विदेशी मुद्रा व्यापार एवं निवेश योजनाओं को शुरू करने के लिए भोले-भाले लोगों से व्यक्तिगत रूप से संपर्क करते हैं और उन्हें आय से अधिक रिटर्न के वादे के साथ लुभाते हैं। साथ ही इस तरह की धोखाधड़ी की सूचनाएं भी प्राप्त हुई हैं कि अनधिकृत ईटीपी एवं पोर्टल पर कई लोगों को इस तरह के व्यापार या योजनाओं के माध्यम से पैसे गंवाने पड़े हैं।

उसने कहा कि विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा), 1999 के अनुसार, देश के नागरिक केवल अधिकृत व्यक्तियों के साथ और अनुमति प्राप्त उद्देश्यों के लिए ही विदेशी मुद्रा का लेनदेन कर सकते हैं। आरबीआई द्वारा समय-समय पर निर्दिष्ट नियमों और शर्तों के अनुसार, अनुमति प्राप्त विदेशी मुद्रा लेनदेन इलेक्ट्रॉनिक रूप से निष्पादित किए जा सकते हैं। उन्हें केवल आरबीआई या मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड, बीएसई लिमिटेड और मेट्रोपॉलिटन स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड) द्वारा इस उद्देश्य के लिए अधिकृत ईटीपी पर ही किया जाना चाहिए।

आरबीआई ने स्पष्ट किया कि फेमा के तहत बनाई गई उदारीकृत प्रेषण योजना (एलआरएस) के तहत विदेशी एक्सचेंजों या विदेशी प्रतिपक्षकारों को मार्जिन के लिए विप्रेषण की अनुमति नहीं है। अधिकृत व्यक्तियों और अधिकृत ईटीपी की सूची रिजर्व बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध है। साथ ही विदेशी मुद्रा लेनदेन पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों (एफएक्यू) का एक सेट भी जनता के सामान्य मार्गदर्शन के लिए वेबसाइट पर उपलब्ध कराया गया है।

रिजर्व बैंक ने लोगों को सावधान करते हुए कहा कि वे अनधिकृत ईटीपी पर विदेशी मुद्रा लेनदेन न करें या ऐसे अनधिकृत लेनदेन के लिए धन जमा न करें। उसने चेतावनी दी कि फेमा के तहत अनुमति प्राप्त उद्देश्यों के अलावा या आरबीआई द्वारा अधिकृत नहीं किए गए ईटीपी पर विदेशी मुद्रा लेनदेन करने वाले लोगों पर फेमा के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

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पूर्व कर्मचारियों की जांच के कारण एन्क्रिप्टेड ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म हॉटबिट ने सेवा बंद कर दी

इस निर्णय की व्याख्या करने के लिए, हॉटबिट का दावा है कि अप्रैल में कंपनी छोड़ने वाले एक पूर्व प्रबंधन कर्मचारी ने पिछले साल एक परियोजना में भाग लिया था, और कानून प्रवर्तन अधिकारियों को अब संदेह है कानूनी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स कि परियोजना कानून का उल्लंघन करती है। हॉटबिट ने कहा कि परियोजना कंपनी के आंतरिक सिद्धांतों का उल्लंघन करती है और उस समय इसकी जानकारी नहीं थी।

नतीजतन, जुलाई के अंत से कई हॉटबिट वरिष्ठ अधिकारियों को कानून प्रवर्तन द्वारा बुलाया गया है और जांच में सहायता कर रहे हैं। इसके अलावा, कानून प्रवर्तन ने हॉटबिट के कुछ फंडों कानूनी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स को फ्रीज कर दिया, जिससे प्लेटफॉर्म ठीक से काम करने में विफल रहा।

हॉटबिट की वेबसाइट के अनुसार, कंपनी हांगकांग और एस्टोनिया में पंजीकृत है, जिसमें मुख्य भूमि चीन, ताइवान और संयुक्त राज्य अमेरिका के अधिकांश कर्मचारी हैं।

हॉटबिट का मानना है कि मंच स्वयं और अन्य प्रबंधक परियोजना में शामिल नहीं हैं और किसी भी संबंधित अवैध गतिविधियों से अवगत नहीं हैं।

पासवर्ड धारकों की दहशत को कम करने के लिए, हॉटबिट ने पुष्टि की कि मंच पर सभी संपत्ति सुरक्षित हैं। हॉटबिट परिसंपत्तियों के विगलन के तुरंत बाद सामान्य सेवा फिर से शुरू करेगा और जांच के परिणाम उपलब्ध होते ही इसकी घोषणा की जाएगी।

इस निलंबन से कुछ दिन पहले, हॉटबिट सार्वजनिक होने की योजना बना रहा हैX टोकन त्रिभुजइसके वैश्विक भाग में। हालांकि, पंकाकस्वैप, यूनिस्वाप और अन्य शीर्ष DEX CEX पर सूचीबद्ध नए एन्क्रिप्शन टोकन एग्रीगेटर लिस्टिंगस्पाई ने 5 अगस्त को पाया कि लिस्टिंग के बाद, कानूनी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स इस “शिटकॉइन” का बाजार मूल्य ETH या BTC से अधिक था, और फिर गिर गया और वॉश द्वारा कारोबार किया गया। ListingSpy बताता है कि प्रतीकात्मक मूल्य चार्ट हास्यास्पद लगता है। क्रिप्टो डेटा वेबसाइट के अनुसार, टोकन की कीमत अब लगभग $1 तक गिर गई हैअर्थशास्त्र.

RBI ने जारी किया अलर्ट, इन Apps और वेबसाईट का इस्तेमाल पड़ेगा आपको महंगा, जानें यहाँ

हाल ही में आरबीआई ने एक नई लिस्ट जारी की है, लिस्ट में वैसे ऐप्स और वेबसाईट को शामिल किया गया है, जो फॉरेक्स लेन-देन और कानूनी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स सौदे के लिए रजिस्टर्ड नहीं है। इस लिस्ट में आरबीआई ने 34 प्लेटफॉर्म को शामिल किया है।

नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) अक्सर ग्राहकों की सुरक्षा देखते हुए नए-नए अपडेट देता है। इस बार भी सेंट्रल बैंक ने ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स के लिए अलर्ट जारी किया है। यदि आप भी ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के जुड़े है तो यह खबर जरूर पढ़े। हाल ही में आरबीआई ने एक नई लिस्ट जारी की है, लिस्ट में वैसे ऐप्स और वेबसाईट को शामिल किया गया है, जो फॉरेक्स लेन-देन और सौदे के लिए रजिस्टर्ड नहीं है। इस लिस्ट में आरबीआई ने 34 प्लेटफॉर्म को शामिल किया है।

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कुछ ऐसे प्लेटफॉर्म में हैं जो ग्राहकों को अधिक रिटर्न का वादा करके आकर्षित करते हैं, जो काफी खतरनाक होता है। इतना ही यदि आपको इन प्लेटफॉर्म का सही ज्ञान ना हो तो आप कानूनी मुसीबतों में फंस सकते है। आरबीआई के मुताबिक इन अनाधिकृत प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स पर भी मुकदमा चलाया जा सकता है। आरबीआई ने बयान जारी करते हुए लोगों को आगाह किया की वो किसी भी अनधिकृत ईटीपी पर विदेशी मुद्रा का लेन-दें या धन राशि जमा ना करें।

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यदि कोई भी ग्राहक फेमा के तहत आरबीआई द्वारा रजिस्टर्ड ना किए गए ईटीपी का इस्तेमाल करते हैं तो भविष्य की कार्रवाई के लिए वो खुद जिम्मेदार होंगे। आरबीआई ने यह जानकारी भी दी की अधिकृत व्यक्तियों आउए ईटीपी की लिस्ट आरबीआई के ऑफिशियल वेबसाईट पर उपलब्ध है। साथ ही आरबीआई ने यह भी कहा की फेमा के नियमों के मुताबिक निवानी व्यक्तियों को सिर्फ अधिकृत व्यक्तियों के साथ और अनुमत कारणों के लिए विदेशी मुद्रा के लेन-देन की इजाजत होती है। यहाँ दिए गए लिंक पर विज़िट करके आप अनाधिकृत प्लेटफॉर्म की लिस्ट देख सकते हैं-अलर्ट लिस्ट

कौन काटता चांदी, किनका होता डब्बा गोल!

अगर आप शेयरों की ट्रेडिंग में दिलचस्पी रखते हैं तो डब्बा ट्रेडिंग का कानूनी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स नाम ज़रूर सुना होगा। हर गैर-कानूनी काम की तरह यह भी हल्के-फुल्के मुंगेरीलाल टाइप लोगों को खूब खींचता है। कोई लिखा-पढ़ी नहीं, रिकॉर्ड नहीं, सारा लेनदेन कैश में, सारी कमाई काली। फिर इनकम टैक्स देने या रिटर्न भरने का सवाल ही नहीं। सारे सौदे स्टॉक एक्सचेंज के बाहर होते हैं तो सिक्यूरिटी ट्रांजैक्शन का सवाल ही नहीं उठता। साथ ही कोई दिक्कत आने या ठगे जाने पर एक्सचेंज या थाना-पुलिस से इसमें भाग लेनेवालों को कोई मदद नहीं मिल सकती। भारत सरकार ने डब्बा ट्रेडिंग को न तो मान्यता दे रखी है, न ही किसी रूप में इसे बढ़ावा देती है। लेकिन दशकों से यह धंधा इंदौर से लेकर सूरत, लुधियाना, कानपुर व रांची जैसे छोटे शहरों में बराबर चल रहा है।

जब हमारे स्टॉक एक्सचेंजों में इंट्रा-डे से लेकर डेरिवेटिव ट्रेडिंग तक की पूरी सहूलियत है, तब आखिर लोगबाग डब्बा ट्रेडिंग जैसे गलत व गैर-कानूनी काम करते ही क्यों हैं? इसके कुछ बड़े साफ कारण हैं। पहला तो यह कि डब्बा ट्रेडिंग करानेवाला ऑपरेटर गैरकानूनी ट्रेडिंग कर रहा है तो वह ट्रेड करनेवालों से कोई स्पैन मार्जिन, मार्क टू मार्केट रकम वगैरह नहीं लेता, न ले सकता है। वो बहुत हुआ तो लोगों ने मोटामोटी सांकेतिक या. टोकन सिक्यूरिटी डिपॉजिट ले लेता है और उन्हें जैसा चाहें, वैसा ट्रेड करने का मौका दे देता है। ट्रेड एक्सचेंज के बाहर होता है तो एसटीटी या किसी भी तरह का कोई दूसरा टैक्स वगैरह नहीं लगता। इसलिए थोड़ा पैसा बचाने और ज्यादा कमाने की लालच में आकर लोगबाग फंस जाते और उलझते जाते हैं।

अपने शेयर बाज़ार में सक्रिय डब्बा ऑपरेटर दो तरह के होते कानूनी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स हैं। एक जो आपके ट्रेड को एक्सचेंज के प्लेटफॉर्म पर ले जाता है। लेकिन आप से सारी रकम कैश में लेता है। अपने खाते में अपने नाम से ही कानूनी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स ट्रेड करता है। स्पैन से लेकर मार्क टू मार्केट मार्जिन तक देता है। यह ऑपरेटर चूंकि रिस्क ले रहा है तो इसके एवज में वो डब्बा ट्रेडर से पूरा ब्रोकरेज लेता है। दूसरा डब्बा ऑपरेटर वो है जिसके सौदे एक्सचेंज के सर्वर में जाते ही नहीं। वह बाहर ही बाहर ट्रेड करता है। डब्बा ट्रेडर के सामनेवाली पार्टी बन जाता है। डब्बा ट्रेडर को खरीदना हो तो ऑपरेटर बेचता है और बेचना हो तो खरीदता है। इस तरह ट्रेड पूरा कर लेता है। आधार स्टॉक एक्सचेंज के सौदे ही होते हैं। लेकिन सब कुछ एक्सचेंज के बाहर भरोसे पर सेटल होता है।

जो डब्बा ऑपरेटर स्टॉक एक्सचेंज के जरिए और ब्रोकर को शामिल करके आपके डब्बा ट्रेड कानूनी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स को अंजाम देता है, वह यकीनन गैर-कानूनी काम करता है। लेकिन जो डब्बा ऑपरेटर एक्सचेंज का सहारा नहीं लेता, वह इससे कहीं ज्यादा खतरनाक है। वह चूंकि एक्सचेंज या किसी ब्रोकर को शामिल नहीं करता तो उसे न किसी तरह का मार्जिन देना होता है और न ही कोई ब्रोकरेज, इसलिए आपसे बहुत कम शुल्क लेता है। लेकिन वह अपनी कोई पूंजी नहीं लगाता और केवल आपकी पूंजी से खेलता है। आप जो भी डब्बा ट्रेड करते हैं, उसमें सामने की पार्टी वो डब्बा ऑपरेटर खुद होता है। आपका फायदा उसका नुकसान और आपका नुकसान ही उसका फायदा होता है। इसलिए उसके जरिए डब्बा ट्रेड करना अपना सिर शेर के मुंह में डाल देने जैसी मूर्खता है।

डब्बा ट्रेडिंग में ऐसे भी मामले होते हैं कि एक्सचेंज के सर्वर पर कोई सौदा होता ही नहीं। क्लाएंट को घाटा हो रहा होता है, फिर भी वह सौदा नहीं कानूनी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स काटता। वह घाटे पर सौदा काट भी दे तो ऑपरेटर उसे क्रेडिट दे देता है। दरअसल, उसका सारा तंत्र हवा-हवाई होता है। बिना किसी सौदे के उसे क्लाएंट को चूना लगाना होता है। आपसे धन लेना होगा तो ऑपरेटर आपके घर रिकवरी एजेंट भेज देगा। लेकिन उसको धन देना होगा तो वह साफ बोल देगा कि नहीं देता, तू क्या कर लेगा मेरा, जो करना हो, कर ले। और, सचमुच आप उसका कुछ भी नहीं बिगाड़ सकते क्योंकि सौदे की कहीं कोई लिखत-पढ़त है नहीं। इसलिए न स्टॉक एक्सचेंज, न पूंजी बाज़ार नियामक सस्था सेबी और न ही कोई सरकारी महकमा ऑपरेटर के खिलाफ आपकी मदद कर सकता है।

शेयर बाज़ार में हो रही गैर-कानूनी डब्बा ट्रेडिंग से ट्रेड करनेवाले क्लाएंट को कोई फायदा नहीं होता। इसमें ऑपरेटर ही कमाते हैं। वे अपने जाल में कमज़ोर हैसियत वाले लोगों को फांसते हैं और उन्हें निचोड़ डालते हैं। अगर क्लाएंट ने कभी कमा भी लिया तो ऑपरेटर उसे भुगतान नहीं करता। फिर भी सेबी की सख्ती के बावजूद डब्बा ट्रेडिंग चल रही है तो इसकी वजह है मूर्ख लोगों की लालच और मक्कार ऑपरेटर का जाल। निष्कर्ष साफ है कि न तो आपको कभी डब्बा ट्रेडिंग करनी चाहिए और न ही किसी जान-पहचान वाले को ऐसा करने देना चाहिए। शेयर बाज़ार में ट्रेडिंग करनी है तो सेबी और एक्सचेंज़ के नियमों का पालन करते हुए आधिकारिक रूप से उपलब्ध सुविधा का उपयोग करें। इसमें लागत थोड़ी ज्यादा है, लेकिन सुरक्षा पूरी है।

क्या शेयर बाज़ार में चल रही डब्बा ट्रेडिंग से स्टॉक्स के भावों पर कोई असर पड़ता है? य़ह पता लगाना बेहद मुश्किल है क्योंकि कोई नहीं जानता कि इस गैर-कानूनी बाज़ार का टर्नओवर क्या है, इसमें कितना आता और निकलता है। हां, इतना ज़रूर कहा जा सकता है कि डब्बा ट्रेडिंग का जो हिस्सा ऑपरेटर एक्सचेंज पर ले जाते हैं, उसका थोड़ा असर स्टॉक्स के भावों पर पड़ता होगा। बताते हैं कि डब्बा ट्रेडिंग में शुक्रवार को मार्क टू मार्केट सिस्टम के हिसाब से भुगतान होता है। उसी दिन पता चलता है कि आपको लेना है या देना है। लेकिन जिन सौदों में डब्बा ऑपरेटर ही काउंटर पार्टी होता है, उससे यकीनन बाज़ार पर कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि रेत पर डंडा पीटने से समुंदर की लहरों पर कोई असर कैसे पड़ सकता है!

उम्मीद है कि डब्बा ट्रेडिंग पर दी गई जानकारी से आपकी जिज्ञासा शांत हुई होगी और इस गैर-कानूनी ट्रेडिंग का तिलिस्म टूट गया होगा। साफ समझ लें कि हम-आप ईमानदारी से टैक्स देनेवाले आम नागरिक हैं। हमें शेयर बाज़ार में निवेश या ट्रेडिंग के लिए मान्यता-प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों को ही चुनना चाहिए। आज तो इनका तंत्र ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के ज़रिए देश के कोने-कोने तक फैल चुका है। सौदे की लागत में ब्रोकरेज से लेकर, एक्सचेंज व सेबी के शुल्क और एसटीटी (सिक्यूरिटीज़ ट्रांजैक्शन टैक्स) को जोड़कर देखें। फिर गिनें कि कितना कमाने पर आपको फायदा होगा। हमेशा नियम-कायदों का पालन करते हुए सौदे करें। बाज़ार ने कमाने के लिए भरपूर मौके दे रखे हैं। वहां कोई अंधेरगर्दी नहीं। पूरा नियमन है और बाकायदा बाज़ार का नियामक है।

Cryptocurrency App: क्रिप्टोकरेंसी में पैसा लगाने के लिए इन ऐप का करें इस्तेमाल, मिनटों में खरीद-बेच पाएंगे सिक्के

Cryptocurrency App in india for trading: क्रिप्टोकरेंसी में पैसा लगाने के लिए भारत में कई ऐप हैं. आइए आपको बताते हैं कि आप कैसे इन ऐप के जरिए ट्रेडिंग कर सकते हैं.

By: abp news | Updated at : 16 Nov 2021 10:44 AM (IST)

Cryptocurrency app (फाइल फोटो)

Cryptocurrency Exchange Apps: आजकल भारत में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को लेकर काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. इसमें पैसा लगाकर निवेशक करोड़पति हो रहे हैं. क्रिप्टोकरेंसी के जरिए बंपर कमाई हो रही है. ऐसे में अगर आप भी इसमें पैसा लगाने का प्लान बना रहे हैं तो अब आप यह काम आसानी से कर सकते हैं. आजकल मार्केट में कई ऐसे ऐप मौजूद हैं, जिसके जरिेए आप पैसा लगा सकते हैं. इन पर करेंसी को आसानी से खरीद और बेच सकते हैं.

इंटरफेस है काफी आसान
इन सभी ऐप में INR में ट्रेडिंग कर सकते हैं. इसके अलावा इसमें USD का ऑप्शन भी रहता है. इन ऐप के जरिए निवेश करने वाले निवेशकों को लैपटॉप का इस्तेमाल करके क्रिप्टो को माइन करने की जरूरत नहीं है. इन सभी ऐप का इंटरफेस काफी आसान है. आप उसको आसानी से समझ सकते हैं. ये ऐप एंड्रॉयड और मोबाइल दोनों पर काम करते हैं. आपको बता दें भारत में क्रिप्टो की वैधता पर अभी तक कुछ साफ नहीं है यानी इसको कानूनी रूप से घोषित नहीं किया गया है.

इन ऐप के जरिए क्रिप्टो में कर सकते हैं ट्रेडिंग-

  • WazirX
  • CoinSwitch Kuber
  • Unocoin
  • Bitbns
  • CoinDCX
  • Zebpay

WazirX App
WazirX एक यूजर फ्रैंडली ऐप है. भारत में ज्यादातर लोग इस ऐप का इस्तेमाल करते हैं. इस ऐप के जरिए क्रिप्टो में निवेश करना काफी आसान है. इसमें आप इंडियन करेंसी, अमेरिकी डॉलर, BTC और P2 का इस्तेमाल करके निवेश कर सकते हैं. इसके अलावा इस ऐप का अपना खुद का कॉइन भी है. इसमें ट्रेडिंग करने के लिए टेकर और मेकर से 0.2 फीसदी चार्ज लिया जाता है. इसके वॉलेट में पैसा ट्रांसफर करने के लिए आप NEFT, RTGS, IMPS और UPI का इस्तेमाल कर सकते हैं. यूपीआई के जरिए आप फ्री में पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं.

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CoinSwitch Kuber
CoinSwitch Kuber के जरिए ट्रेडिंग करना काफी आसान होता है. इसमें आप 100 से भी ज्यादा करेंसी में ट्रेड कर सकते हैं. इसमें भी आप NEFT, बैंक ट्रांसफर और UPI के जरिए पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं. इसका आसान यूजर इंटरफेस ने लोगों को काफी आकर्षित किया था. इसको आप एंड्रॉयड और आईओएस दोनों पर इस्तेमाल कर सकते हैं.

Unocoin App
Unocoin का इंटरफेस भी काफी आसाना है. इसको डाउनलोड करने के बाद आपको अपनी सारी डिटेल्स फिल करके वेरिफाई करना होता है. शुरुआत में 60 दिनों तक इस ऐप के जरिए खरीदारी-बिकवाली करने पर निवेशकों को 0.7 फीसदी की दर से चार्ज देना होता है. इसके बाद में आपको 0.5 फीसदी की दर से चार्ज देना होता है. इसके अलावा आप इसकी गोल्ड मेंबरशिप भी ले कानूनी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स सकते हैं. इसमें आपको मिनिमम 1000 रुपये जमा कराने होते हैं. इसके अलावा NEFT, RTGS, IMPS या UPI का इस्तेमाल करने पर कोई चार्ज नहीं देना होता है.

Zebpay App
Zebpay भी क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग करने का ऐप है. यह मार्केट का सबसे पुराना ऐप है. इसमें आपको अपनी सभी डिटेल्स फिल करके जानकारी देनी होती है. वेरिफिकेशन के बाद आप इस ऐप को इस्तेमाल कर सकते हैं. इसमें आप यूपीआई के जरिए मिनिमम 100 रुपये ट्रांसफर कर सकते हैं. Zebpay में 0.15 फीसदी मेकर फीस कानूनी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स और 0.25 फीसदी टेकर फीस लगती है. इसके अलावा ये प्लेटफॉर्म सभी विदड्रॉल के लिए 10 रुपये लेता है.

Bitbns App
Bitbns ऐप में भी 100 से ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी लिस्टेड हैं. इसमें आप बैंक ट्रांसफर, IMPS और UPI के पैसा डाल सकते हैं. इसको यूजर्स एंड्रॉयड और आईओएस दोनों पर इस्तेमाल कर सकते हैं.

CoinDCX
CoinDCX ऐप के जरिए भी आप क्रिप्टो में ट्रेडिंग कर सकते हैं. इसमें आप 200 से ज्यादा कॉइन खरीद सकतेहैं. इसमें मेकर और टेकर चार्ज 0.1 फीसदी है. इसके साथ ही NEFT, IMPS, RTGS, UPI और बैंक ट्रांसफर के जरिए पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं. यूजर्स CoinDCX को एंड्रॉइड स्मार्टफोन और आईफोन दोनों पर ही डाउनलोड कर सकते हैं.

Published at : 16 Nov 2021 10:44 AM (IST) Tags: Cryptocurrency app cryptocurrency app in india cryptocurrency apps list wazirx zebpay coinswitch kuber coindcx हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Technology News in Hindi

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