(2) प्रमाणिक पाठ्य-पुस्तकों का अध्ययन -
पाठ्य वस्तु विश्लेषण का अर्थ, उदाहरण व स्त्रोत
pathya vastu vishleshan की अनेकों विधियाँ है। इनका विकास उद्देश्यों को व्यावहारिक रूप से लिखने की विधि के साथ हुआ है। मेगर तथा मिलर ने ( 1962) में उद्देश्यो को व्यावहारिक रूप में लिखने की विधियों का विकास किया। साथ ही ( 1962) मे होमे ने pathya vastu vishleshan की विधि का विकास किया। इसके बाद ' ग्लेसर ' ने ( 1963) तथा ' मेकसर ' ने ( 1965) में pathya vastu vishleshan की विधियों का विकास किया। ' डेवीज ' की अविधा अधिक उपयोगी मानी जाती हैं। pathya vastu vishleshan के लिये निम्नांकित बातों का बोध होना चाहिये। पाठ्य वस्तु विश्लेषण , pathya vastu vishleshan , विषय वस्तु क्या होता है , विषय वस्तु की रोचकता , आधारभूत विश्लेषण क्या है? व्याख्या और विश्लेषण , विषय वस्तु के प्रकार , विषय वस्तु का ज्ञान , विषय वस्तु का मतलब इंग्लिश में
जेईई मेन 2022 मार्क्स बनाम रैंक (JEE Main 2022 Marks vs Ranks)
जेईई मेन 2022 मार्क्स बनाम रैंक - जेईई मेन 2022 में प्राप्त अंकों के आधार पर जेईई मेन रैंक जानने के लिए जेईई मेन 2022 मार्क्स बनाम रैंक विश्लेषण (JEE Main marks vs rank analysis) सबसे अच्छा तरीका है। परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर रैंक का विश्लेषण करने के लिए जेईई मेन अंक बनाम रैंक 2022 विश्लेषण पर आधारित Careers360 के इस लेख की मदद ले सकते हैं। जेईई मेन परीक्षा के उम्मीदवारों की सभी शंकाओं का उत्तर देने के लिए जेईई मेन मार्क्स बनाम रैंक लेख तैयार किया गया है। जेईई मेन 2022 परीक्षा के लिए उपस्थित होने वाले बहुत से उम्मीदवारों का आधारभूत विश्लेषण क्या है? एक ही प्रश्न है कि किसी विशेष रैंक के लिए कितने अंक आवश्यक हैं या किस अंक के लिए कौन सा रैंक आवंटित किया जाएगा? IIT JEE Main 2022 का परिणाम सेशन 1 jeemain.nta.nic.in 2022 पर घोषित कर दिया गया है।
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लेखांकन का अर्थ एवं परिभाषाएँ (Meaning and Definitions of Accounting)
लेखांकन का अर्थ एवं परिभाषाएँ (Meaning and Definitions of Accounting) : आधुनिक युग में व्यवसाय के आकार में वृद्धि के साथ-साथ व्यवसाय की जटिलताओं में भी वृद्धि हुई है। व्यवसाय का सम्बन्ध अनेक ग्राहकों, आपूर्तिकर्ताओं तथा कर्मचारियों से रहता है और इसलिए व्यावसायिक जगत में सैकड़ों, हजारों या लाखों लेन-देन हुआ आधारभूत विश्लेषण क्या है? करते हैं। सभी लेन-देनों को मौखिक रूप से याद रखना कठिन व असम्भव है।
लेखांकन का अर्थ
अर्थ (Meaning) – सरल शब्दों में, लेखांकन का आशय वित्तीय स्वभाव के सौदों (या लेन-देनों) को क्रमबद्ध रूप में लेखाबद्ध करने, उनका वर्गीकरण करने, सारांश तैयार करने एवं उनको इस प्रकार प्रस्तुत करने से है जिससे उनका विश्लेषण (Analysis) व निर्वचन (Interpretation) हो सके। लेखांकन में सारांश का अर्थ तलपट (Trial Balance) बनाने से है और विश्लेषण व निर्वचन का आधार अन्तिम खाते (Final Accounts) होते हैं जिनके अन्तर्गत व्यापार खाता, लाभ-हानि खाता तथा चिट्ठा/स्थिति-विवरण या तुलन-पत्र (Balance Sheet) तैयार किए जाते हैं।
परिभाषाएँ (Definitions) – अमेरिकन इंस्टीट्यूट ऑफ सर्टिफाइड पब्लिक एकाउंटेंट्स (AICPA) ने 1961 में लेखांकन की परिभाषा निम्न प्रकार दी थी:
“लेखांकन सौदों एवं घटनाओं को, जो आंशिक रूप में अथवा कम-से-कम वित्तीय प्रवृत्ति के होते हैं, प्रभावपूर्ण विधि से एवं मौद्रिक रूप में लिखने, वर्गीकृत करने और सारांश में व्यक्त करने तथा उनके परिणामों की व्याख्या करने की कला है।”
आधारभूत विश्लेषण क्या है?
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वंशागति तथा विविधता के सिद्धान्त
वंशावली विश्लेषण क्या है ? य .
Updated On: 27-06-2022
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Solution : वंशावली विश्लेषण : इसमें व्यक्ति के किसी विशेष ट्रेट का कई - कई पीढ़ी का कुल चक्र प्रदर्शित होता है ।
1. इसके द्वारा पूर्वको के लक्षणों, व्यवहार क्रियाकलापों से सम्बंधित अभिलेख का पता चलता है ।
2. इसकी सहायता से पीढ़ी - दर - आधारभूत विश्लेषण क्या है? पीढ़ी संचरण करने वाले गुणों की तथा भावभिव्यक्ति का पता लगाया जा सकता है ।
3. मानव वंशावली विश्लेषण में प्रयुक्त चिन्हो की सहायता से आनुवंशिक गुणों, रोग आदि का ज्ञान होता है ।
Step by step video & image solution for [object Object] by Biology experts to help you in doubts & scoring excellent marks in Class 12 exams.
कार्बोहाइड्रेट की जांच
मोलिस अभिकर्मक α-नैफथोल का 10% अल्कोहलिक विलयन होता है। कार्बोहाइड्रेट की उपस्थिति का पता लगाने के लिए किया जाने वाला यह आम रासायनिक परीक्षण है। कार्बोहाइड्रेट सल्फ्यूरिक अम्ल से निर्जलीकरण से गुजरते हैं जिससे फरफ्युरल (फरफ्युरलडीहाइड) बनता है जो α-नैफथोल के साथ अभिक्रिया करता है जिससे बैंगनी रंग का एक उत्पाद बनता है।
अपचयनकारी शर्करा की उपस्थिति का पता लगाने के लिए किया जाने वाला यह महत्वपूर्ण परीक्षण है। फेलिंग का विलयन A कॉपर सल्फेट का विलयन होता है और फेलिंग का विलयन B पोटेशियम सोडियम टार्ट्रेट होता है। गर्म करने पर, कार्बोहाइड्रेट कॉपर (II) आयनों के गहरे नीले विलयन का अघुलनशील कॉपर ऑक्साइड के लाल तलछट में अपचयन कर देता है।
बेनेडिक्ट परीक्षण>
बेनेडिक्ट परीक्षण अपचयनकारी शर्करा से गैर अपचयनकारी शर्करा को अलग करता है। बेनेडिक्ट अभिकर्मक में नीले रंग का कॉपर (II) आयन (Cu2 +, क्युप्रिक आयन) होता है जो कार्बोहाइड्रेट द्वारा कॉपर (I) आयन (Cu+, क्युप्रस आयन) में अपचयित हो जाता है। लाल रंग के क्यु्प्रस (कॉपर (I) ऑक्साइड) के रूप में आधारभूत विश्लेषण क्या है? आधारभूत विश्लेषण क्या है? ये आयन तलछट का निर्माण करते हैं।
टॉलेन परीक्षण
टॉलेन अभिकर्मक आधारभूत विश्लेषण क्या है? अमोनियायुक्त सिल्वार नाइट्रेट का विलयन होता है। कार्बोहाइड्रेट के साथ अभिक्रिया करने पर विलयन में से तात्विक सिल्वर, कभी कभी अभिक्रिया के बर्तन की भीतरी सतह पर अवक्षेपित हो जाती है। इससे अभिक्रिया के बर्तन की भीतरी दीवार पर चांदी के दर्पण का निर्माण होता है।
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