Forex/Currency Trading
Currency (करेंसी) का मतलब गुड्स और सर्विस खरीदने का ज़रिया (पैसे के बदले चीज़े खरीदना) जैसे की हम कोई सामान खरीदने के लिए रुपये पैसों का इस्तेमाल करते हैं तो रुपये एक करेंसी हैं ऐसे ही हर देश की अपनी currency होती हैं
Forex|Currency Market क्या होता हैं|what is Forex|Currency Market
Currency Market एक Marketplace हैं जहाँ अलग अलग Currency को Buy और Sell किया जाता हैं विभिन्न Market Participant द्वारा जैसे की Banks ,Investment Firms और Hedge Funds ,Forex Broker आदि।
Currency Future भारत में Cash Settled होते हैं इसका मतलब currency Trading Physically Settled नहीं होते क्यूंकि Expiry पे Actual Delivery नहीं होती हैं Forex Market सबसे बड़े Financial Market में से एक हैं ज़्यादातर Currency Trade में US Dollar Currency एक pair ट्रेडिंग करेंसी में involve होती हैं Forex Market में Demand और Supply का Role होता हैं
Currency Market Price कैसे काम करता हैं|How Currency Price Fluctuate
करेंसी प्राइस Fluctuation कई कारणों पर निर्भर करता हैं जैसे की Interest Rate में बदलाव ,Inflation दर और जीडीपी डाटा ये सभी फैक्टर Currency के Fluctuation में अहम् रोल अदा करती हैं Exports और Imports का बड़ा असर पड़ता हैं उस देश के करेंसी की वैल्यू में जिससे की करेंसी के प्राइस fluctuate होते हैं
Forex Trading कैसे की जाती हैं|How to do Forex Trading
Forex Trading में फॉरेक्स में एक प्रसार क्या है आपको Forex Trading Account और एक Bank Account की जरुरत होती हैं भारत में चार INR Currency Pair में आप Trade कर सकते हैं USD/INR, EUR/INR , GBP/INR and JPY/INR आप Cross Currency में भी trade कर सकते हैं जैसे EUR-USD, GBP-USD, & USD-JPY Forex Trading में करेंसी Buying और Selling Pairs के अलावा Fno में भी Trade कर सकते हैं क्यूंकि Cross Currency के Corresponding INR Pairs हैं
Forex Trading के लिए आपको एक Trading अकाउंट किसी Registered Broker के पास खोलना पड़ेगा Demat Account खोलने की आवस्यकता नहीं हैं Trading Account खोलने से पहले कुछ बातो का ध्यान रखना जरुरी हैं
1.Trading Platform-MetaTrader 4 & 5 trading platforms सबसे popular global forex trading platforms हैं
2.Leverage-Leverage पे ध्यान देना पड़ता हैं क्यूंकि लिवरेज आपको ज्यादा ट्रेड लेने की अनुमति देती हैं पर over position में ये नुकसानदायक भी हो सकती हैं
3.Minimum Initial फॉरेक्स में एक प्रसार क्या है Deposit-
Forex Market Terminology
BID-जब आप एक Currency pair को Buy करना होता हैं तो Quatoed Currency में जो amount हैं वो पे करना होता हैं एक यूनिट बेस करेंसी लेने के लिए
ASK-जब आप एक Currency pair को Sell करना होता हैं तो Quatoed Currency में जो amount हैं वो मिलता हैं एक यूनिट बेस करेंसी Sell करने के लिए.
Quote-Quote एक Currency Pair हैं जहाँ एक currency की value Reflect होती हैं फॉरेक्स में एक प्रसार क्या है दूसरी Currency की Value के द्वारा जैसे की GBP /USD- GBP एक Base Currency हैं और USD एक Quote Currency हैं
Spread-Ask Price और Bid Price के बीच का अंतर Spread कहलाता हैं
PIP-PIP एक सबसे छोटी Price की Movement हैं जो किसी Currency Quote में होती हैं
Forex Trading Order Types
Market Order-Market Order Exchange पे जो भी Current Rate चल रहा हैं उस भाव में position बनाना Market order कहलाता हैं Market Order उसी समय Execute जाते हैं
Limit Order-Limit Order में पहले से कुछ Price Rate सेट किया जाता हैं और उस स्वैछिक प्राइस पे Execute होने को Limit Order कहतें हैं इनमे समय लगता हैं क्यूंकि predefined rate से order match होता हैं
Stop Loss Order-Stop Loss Order Loss को रोकते हैं की एक certain point के ऊपर या निचे जाने से जिससे Loss Restrict हो जाता हैं
Most Tradeable Currency in India
1.USD-US Dollar सबसे ज्यादा Liquid और सबसे ज्यादा Trade होने वाली Currency हैं और ज्यादातर World Currencies के साथ Pair होती हैं
2.EUR-Euro US Dollar के बाद Liquid और सबसे ज्यादा Trade होने वाली Currency हैं और ज्यादातर Currencies के साथ Pair होती हैं
Note-इस ब्लॉग लेख में Currency ट्रेडिंग से सम्बंधित जो जानकारी दी गयी हैं वो केवल इनफार्मेशन और एजुकेशन के लिए हैं ट्रेडिंग एक जोखिम भरा बिज़नेस हैं आप इसके बारें में अपने फाइनेंसियल एडवाइजर से सलाह ले।
Q- Currency Trading क्या हैं?
Ans-Currency Market एक Marketplace हैं जहाँ अलग अलग Currency को Buy और Sell किया जाता हैं Currency Trading के लिए
विदेशी मुद्रा व्यापार क्या है?
क्या आप उस समय को याद कर सकते हैं जब आप बचपन में नोट और सिक्के एकत्र किया करते थे? ज्यादातर, उस समय, बच्चों का झुकाव विदेशी मुद्रा की ओर अधिक था। सिग्नेचर से लेकर कलर तक सब कुछ आंखों में झिलमिलाहट दे रहा था।
और, जैसे-जैसे उनमें से कई बड़े हुए, उनमें एक मुद्रा का शेष विश्व की मुद्रा से संबंध का पता लगाने की जिज्ञासा होने लगी। यह अवधारणा विदेशी मुद्रा व्यापार के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसे विदेशी मुद्रा व्यापार भी कहा जाता है। अधिक जानने के लिए उत्सुक हैं? जानने के लिए आगे पढ़ें।
विदेशी मुद्रा बाजार क्या है?
विदेशी मुद्रा (एफएक्स) एक बाज़ार है जहाँ कई राष्ट्रीय मुद्राओं का कारोबार होता है। यह सबसे अधिक तरल और सबसे बड़ा हैमंडी दुनिया भर में हर दिन खरबों डॉलर का आदान-प्रदान हो रहा है। यहां एक रोमांचक पहलू यह है कि यह एक केंद्रीकृत बाजार नहीं है; बल्कि, यह दलालों, व्यक्तिगत व्यापारियों, संस्थानों और बैंकों का एक इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क है।
बड़े पैमाने पर विदेशी मुद्रा बाजार न्यूयॉर्क, लंदन, टोक्यो, सिंगापुर, सिडनी, हांगकांग और फ्रैंकफर्ट जैसे प्रमुख वैश्विक वित्तीय केंद्रों में स्थित हैं। संस्थाएं हों या व्यक्तिगत निवेशक, वे इस नेटवर्क पर मुद्राओं को बेचने या खरीदने का आदेश पोस्ट करते हैं; और इस प्रकार, वे एक दूसरे के साथ बातचीत करते हैं और अन्य पार्टियों के साथ मुद्राओं का आदान-प्रदान करते हैं।
यह विदेशी मुद्रा बाजार चौबीसों घंटे खुला रहता है, लेकिन किसी भी राष्ट्रीय या अचानक छुट्टियों को छोड़कर, सप्ताह में पांच दिन खुला रहता है।
विदेशी मुद्रा जोड़े और मूल्य निर्धारण
ऑनलाइन विदेशी मुद्रा फॉरेक्स में एक प्रसार क्या है व्यापार एक जोड़ी तरीके से होता है, जैसे EUR/USD, USD/JPY, या USD/CAD, और बहुत कुछ। ये जोड़े राष्ट्रीयता का प्रतिनिधित्व करते हैं, जैसे कि यूएसडी अमेरिकी डॉलर के लिए खड़ा होगा; सीएडी कैनेडियन डॉलर और अधिक का प्रतिनिधित्व करता है।
इस जोड़ी के साथ, उनमें से प्रत्येक के साथ एक मूल्य जुड़ा हुआ है। उदाहरण के लिए, मान लें कि कीमत 1.2678 है। अगर यह कीमत एक USD/CAD जोड़ी से जुड़ी फॉरेक्स में एक प्रसार क्या है है, तो इसका मतलब है कि आपको एक USD खरीदने के लिए 1.2678 CAD का भुगतान करना होगा। याद रखें कि यह कीमत तय नहीं है और उसी के अनुसार बढ़ या घट सकती है।
ट्रेडिंग कैसे होती है?
चूंकि सप्ताह के दिनों में बाजार 24 घंटे खुला रहता है, आप किसी भी समय मुद्रा खरीद या बेच सकते हैं। पहले, मुद्रा व्यापार केवल तक ही सीमित थाहेज फंड, बड़ी कंपनियां, और सरकारें। हालांकि मौजूदा समय में कोई भी इसे जारी रख सकता है।
कई बैंक, निवेश फर्म, साथ ही खुदरा विदेशी मुद्रा दलाल हैं जो आपको खाते और व्यापार मुद्राएं खोलने का अवसर प्रदान कर सकते हैं। इस बाजार में व्यापार करते समय, आप किसी विशिष्ट देश की मुद्रा को दूसरे के लिए प्रासंगिकता में खरीदते या बेचते हैं।
हालांकि, एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में कोई भौतिक आदान-प्रदान नहीं होता है। इस इलेक्ट्रॉनिक दुनिया में, आमतौर पर, व्यापारी एक निश्चित मुद्रा में एक स्थिति लेते हैं और आशा करते हैं कि खरीदारी करते समय मुद्रा में ऊपर की ओर गति हो सकती है या बेचते समय कमजोरी हो सकती है ताकि इससे लाभ कमाया जा सके।
इसके अलावा, आप हमेशा दूसरी मुद्रा के लिए प्रासंगिकता में व्यापार कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप एक को बेच रहे हैं, तो आप दूसरा खरीद रहे हैं और इसके विपरीत। ऑनलाइन बाजार में, लेनदेन की कीमतों के बीच उत्पन्न होने वाले अंतर पर लाभ कमाया जा सकता है।
विदेशी मुद्रा व्यापार के तरीके
मूल रूप से, तीन तरीके हैं जो निगम, व्यक्ति और संस्थान विदेशी मुद्रा ऑनलाइन व्यापार करने के लिए उपयोग करते हैं, जैसे:
हाजिर बाजार
विशेष रूप से, यह बाजार सभी मुद्राओं को उनकी वर्तमान कीमत के अनुसार खरीदने और बेचने के लिए है। कीमत मांग और आपूर्ति से निर्धारित होती है और राजनीतिक स्थितियों, आर्थिक प्रदर्शन और वर्तमान ब्याज दरों सहित कई कारकों को दर्शाती है। इस बाजार में, एक अंतिम सौदे को स्पॉट डील कहा जाता है।
वायदा बाजार
हाजिर बाजार के विपरीत, यह अनुबंधों के व्यापार में एक सौदा है। वे उन पार्टियों के बीच फॉरेक्स में एक प्रसार क्या है ओटीसी खरीदे और बेचे जाते हैं जो खुद समझौते की शर्तों को समझते हैं।
वायदा बाजार
इस बाजार में, वायदा अनुबंधों को खरीदा और बेचा जाता हैआधार शिकागो मर्केंटाइल एक्सचेंज जैसे सार्वजनिक जिंस बाजारों पर उनके मानक आकार और निपटान की तारीख। इन अनुबंधों में कुछ विवरण शामिल होते हैं, जैसे कारोबार की गई इकाइयां, वितरण, मूल्य में न्यूनतम वृद्धि और निपटान तिथियां।
प्रशिक्षण की आवश्यकता
विदेशी मुद्रा व्यापार के गतिशील वातावरण में पर्याप्त प्रशिक्षण आवश्यक फॉरेक्स में एक प्रसार क्या है है। चाहे आप एक अनुभवी या मुद्रा व्यापार के विशेषज्ञ हों, लगातार और संतोषजनक लाभ प्राप्त करने के लिए अच्छी तरह से तैयार होना आवश्यक है।
बेशक, इसे करने से आसान कहा जा सकता है; लेकिन असंभव कभी नहीं। यह सुनिश्चित करने के लिए कि आप अपनी सफलता को न छोड़ें, अपना प्रशिक्षण कभी बंद न करें। एक मौलिक व्यापारिक आदत विकसित करें, वेबिनार में भाग लें और यथासंभव प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए शिक्षा प्राप्त करना जारी रखें।
विदेशी मुद्रा भंडार में बीते एक साल की सबसे तेज बढ़त, 6.5 अरब डॉलर से ज्यादा बढ़ गया रिजर्व
डॉलर के मुकाबले रुपये में तेज गिरावट को रोकने के आरबीआई के कदमों से फॉरेक्स रिजर्व में गिरावट देखने को मिली है. करीब एक साल में रिजर्व 645 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर से गिरकर 561 अरब डॉलर पर आ गया.
भारतीय अर्थव्यवस्था को काफी समय बाद फॉरेक्स रिजर्व की तरफ से बड़ी राहत की खबर मिली है. लगातार गिरावट का दबाव सह रहे भंडार में 28 अक्टूबर को खत्म हुए हफ्ते के दौरान मजबूत बढ़त देखने को मिली है. रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार देश का विदेशी मुद्रा भंडार 28 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में 6.56 अरब डॉलर बढ़कर 561.08 अरब डॉलर हो गया. ये सितंबर 2021 के बाद से किसी एक हफ्ते में दर्ज हुए सबसे तेज बढ़त है. वहीं इस बढ़त के साथ रिजर्व ने लगातार दो हफ्ते से जारी गिरावट का सिलसिला खत्म कर दिया है.
कहां पहुंचा भारत का रिजर्व
भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक 28 अक्टूबर को खत्म हुए हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार की बढ़त एफसीए में आई रिकवरी की वजह से रही है.आंकड़ों के अनुसार, 28 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में फॉरेक्स में एक प्रसार क्या है मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण घटक मानी जाने वाली, फॉरेन करंसी एसेट्स यानि एफसीए 5.77 अरब डॉलर बढ़कर 470.84 अरब डॉलर हो गयीं हैं. एफसीए को डॉलर में दर्शाया जाता है और इसमें रिजर्व में रखे यूरो, पौंड और जापानी येन जैसे गैर डॉलर करंसी के मूल्य में आई कमी या बढ़त के प्रभावों को शामिल किया जाता है. यानि साफ है कि विदेशी मुद्राओं के मुकाबले रुपये के बेहतर प्रदर्शन का फायदा विदेशी मुद्रा भंडार को मिला है.
गोल्ड रिजर्व में भी आई बढ़त
आंकड़ों के अनुसार, देश का गोल्ड रिजर्व भी हफ्ते के दौरान बढ़ गया है. भंडार में मौजूद गोल्ड की वैल्यू 55.6 करोड़ डॉलर बढ़कर 37.76 अरब डॉलर तक पहुंच गई है. केंद्रीय बैंक ने कहा कि विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 18.5 करोड़ डॉलर बढ़कर 17.62 अरब डॉलर हो गया है. पिछले दिनों देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का रुख देखा गया. इससे पिछले सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार 3.84 अरब डॉलर घटकर 524.52 अरब डॉलर रह गया था.
एक साल पहले अक्टूबर, 2021 में देश का विदेश मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया था. देश के मुद्रा भंडार में गिरावट आने का मुख्य कारण यह है कि रुपये की गिरावट को थामने के लिए केन्द्रीय बैंक फॉरेक्स रिजर्व से मदद ले रहा है.
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Business News Headline: Forex reserve swells by USD 6.561 bn biggest weekly rise in a year
India's Forex Reserves: रुपया कमजोर होने से विदेशी मुद्रा भंडार 2 साल के निचले स्तर पर, क्या होगा गिरावट का असर?
Reserve Bank of India: देश के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार गिरावट आ रही फॉरेक्स में एक प्रसार क्या है है और यह घटकर दो साल के निचले स्तर पर पहुंच गए हैं. विदेशी मुद्रा भंडार 21 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में 3.847 अरब डॉलर घटकर 524.52 अरब डॉलर रह गया. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली. इससे फॉरेक्स में एक प्रसार क्या है पिछले सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 4.50 अरब डॉलर घटकर 528.37 अरब डॉलर रह गया था. पिछले कई महीनों से विदेशीमुद्रा भंडार में कमी होती देखी जा रही है.
अक्टूबर 2021 में सबसे ऊंचे स्तर पर था
एक साल पहले अक्टूबर 2021 में देश का विदेश मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था. देश के मुद्राभंडार में गिरावट का मुख्य कारण यह है कि रुपये की गिरावट को थामने के लिए केंद्रीय बैंक विदेशी मुद्रा भंडार से मदद ले रहा है. अक्टूबर 2021 से अब तक रुपये में गिरावट की वजह से आरबीआई घरेलू करेंसी के मूल्य को गिरावट से बचाने के लिए 100 अरब डॉलर से ज्यादा लगा चुका है.
SDR 70 लाख डॉलर बढ़कर 17.44 अरब डॉलर हुआ
रिजर्व बैंक की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार, 21 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण घटक मानी जाने वाली, विदेशी मुद्रा आस्तियां (FCA) 3.593 अरब डॉलर घटकर 465.075 अरब डॉलर रह गई. आंकड़ों के अनुसार देश का स्वर्ण भंडार मूल्य के संदर्भ में 24.7 करोड़ डॉलर घटकर 37,206 अरब डॉलर रह गया. केंद्रीय बैंक ने कहा कि विशेष आहरण अधिकार (SDR) 70 लाख डॉलर बढ़कर 17.44 अरब डॉलर हो गया है.
क्या होगा विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का असर?
विदेशी मुद्रा भंडार की मदद से कोई भी देश जरूरत पर अपनी करेंसी में आई गिरावट को थामने के लिए उचित कदम उठा सकता है. आयात पर निर्भर रहने वाले देशों पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ता है. दरअसल, मुद्रा में गिरावट से आयात महंगा हो जाता है और सामान के बदले ज्यादा कीमत चुकानी होती है. भुगतान की क्षमता पर असर पड़ने से आयात रुकने लगता है और देश में सामान की कमी हो सकती है. (भाषा)
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