डीमैट अकाउंट - अर्थ, प्रकार, लाभ, डीमैट खाता ऑनलाइन कैसे खोलें

डीमैट अकाउंट - अर्थ, प्रकार, लाभ, डीमैट खाता ऑनलाइन कैसे खोलें

डीमैट खाता क्या है?

डीमैट खाता एक ऐसा खाता है जो निवेशकों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में शेयरों या प्रतिभूतियों को रखने की एक डीमैट खाता क्या है? अनुमति एक डीमैट खाता क्या है? देता है। खरीदे गए शेयरों को डीमैट खाते में जमा किया जाता है और इसी तरह बिक्री के समय, प्रतिभूतियों को खाते से डेबिट किया जाता है। इस खाते का उपयोग शेयरों, ईटीएफ, म्यूचुअल फंड, बॉन्ड, सरकारी बॉन्ड, आदि जैसे निवेश का एक विस्तृत विकल्प रखने के लिए किया जाता है।

इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडों का न्यायिक उपयोग करने के लिए 1996 में शेयरों के डीमैटरियलाइजेशन की प्रक्रिया शुरू की गई थी। डीमैटरियलाइज्ड या डीमैट खाता इलेक्ट्रॉनिक मोड में शेयरों को रखने में मदद करता है और लोगों को सुरक्षित तरीके से बिक्री के मामले में शेयरों को खरीदने और आय एकत्र करने में मदद करता है।

डीमैट खाते के प्रकार:

डीमैट खाते की तीन अलग-अलग श्रेणियां हैं जो नीचे उल्लिखित हैं:

1. नियमित डीमैट खाता

नियमित डीमैट खाता एक प्रकार का डीमैट खाता है जो उन निवेशकों या व्यापारियों के लिए उपयुक्त है जो भारतीय निवासी हैं।

2. प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता

प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता एक प्रकार का डीमैट खाता है जो उन निवेशकों या व्यापारियों के लिए उपयुक्त है जो अनिवासी भारतीय (NRI) हैं। इस प्रकार का डीमैट खाता विदेशों में पूंजी स्थानांतरित करने की अनुमति देता है। हालांकि, गैर-निवासी एक्सटर्नल (NRE) बैक खाते की आवश्यकता है।

3. गैर-प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता

गैर-प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता एक प्रकार का डीमैट खाता है जो फिर से अनिवासी भारतीयों (NRI) के लिए उपयुक्त है, लेकिन विदेशों में धन का हस्तांतरण नहीं हो सकता है। इस प्रकार के डीमैट खाते के साथ संबद्ध होने के लिए एक अनिवासी आयुध (NRO) बैंक खाते की आवश्यकता होती है।

डीमैट खाते के लाभ:

डीमैट खाते के कई लाभ हैं जो नीचे उल्लिखित हैं:

1. सुगमता

डीमैट खाते नेट बैंकिंग के माध्यम से निवेश और लेनदेन के स्टेटमेंट की आसान पहुंच प्रदान करते हैं। डीमैट खाते के माध्यम से लेनदेन और निवेश का विवरण आसानी से ट्रैक किया जा सकता है।

2. प्रतिभूतियों का सरल डिमटेरियलाइजेशन

डिपॉजिटरी प्रतिभागी (DP) के अनुरोध पर, भौतिक रूप में प्रमाणपत्र आसानी से इलेक्ट्रॉनिक रूप में परिवर्तित किए जा सकते हैं, और इसका विपरीत भी संभव है।

3. कम जोखिम

भौतिक रूप में प्रतिभूतियों को रखने से चोरी या नुकसान का जोखिम होता है। लेकिन इन जोखिमों को पूरी तरह से डीमैट खाते के माध्यम से खारिज कर दिया जाता है जो निवेशक को इलेक्ट्रॉनिक रूप में प्रतिभूतियों को संग्रहीत करने देता है।

4. शेयरों के हस्तांतरण में आसानी

ट्रेडों पर शेयरों एक डीमैट खाता क्या है? का हस्तांतरण भी डीमैट खाते के माध्यम से एक बहुत ही सरल प्रक्रिया बन गई है क्योंकि भौतिक प्रतिभूतियों जैसे स्टैंप ड्यूटी और अन्य शुल्कों में किए गए एक डीमैट खाता क्या है? कुछ खर्चों को समाप्त कर दिया गया है। निवेशक के खाते में स्थानांतरण के लिए ली गई कुल लागत और समय भी कम हो गया है।

5. शेयरों का नकदीकरण

डीमैट खातों के माध्यम से शेयरों का नकदीकरण या बिक्री एक बहुत ही सरल और त्वरित प्रक्रिया बन गई है।

6. प्रतिभूतियों के आदान-प्रदान में ऋण

डीमैट खाता धारक खाते में रखी प्रतिभूतियों के बदले आसानी से ऋण प्राप्त कर सकता है। दूसरे शब्दों में, डीमैट खाते में प्रतिभूतियों का उपयोग ऋण प्राप्त करने के लिए संपार्श्विक के रूप में किया जा सकता है।

7. वैश्वीकरण का पहलू

डीमैट खाते वैश्विक निवेशकों को भारतीय शेयर बाजारों तक सरल पहुंच प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। और इसलिए, देश में विदेशी निवेश प्राप्त करने में मदद करता है।

ऑनलाइन डीमैट खाता कैसे खोलें?

डीमैट खाता खोलना, एक बहुत ही सरल और परेशानी रहित प्रक्रिया है। खाता खोलने के चरण नीचे दिए गए हैं:

1. डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) सेलेक्ट करें।

2. आवश्यक विवरण के साथ खाता एक डीमैट खाता क्या है? खोलने का फॉर्म भरें और इसके साथ आवश्यक दस्तावेज जमा करें। डीमैट खाता खोलने के लिए पैन कार्ड अनिवार्य है।

3. फॉर्म जमा करने के बाद, नियमों और विनियमों की प्रतिलिपि, समझौते की शर्तें, शुल्क जमाकर्ता प्रतिभागी द्वारा प्रदान किए जाएंगे।

4. इन-पर्सन सत्यापन भी अनिवार्य है और इसलिए, डीपी अधिकारी कर्मचारियों के एक सदस्य को खाता खोलने के रूप में प्रदान किए गए विवरण को सत्यापित करने के लिए व्यक्ति से संपर्क करना होगा।

5. सत्यापन के बाद, डीपी स्टाफ का सदस्य एक खाता संख्या या ग्राहक आईडी देगा। इन विवरणों को ऑनलाइन भी चेक किया जा सकता है।

6. डिमैट खाते के लिए एक वार्षिक रखरखाव शुल्क भी लिया जाता है जो खाता लेनदेन शुल्क को कवर करता एक डीमैट खाता क्या है? है। ये शुल्क डीपी द्वारा निर्धारित संरचना के अनुसार लागू होते हैं।

डीमैट खाता - अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. डीमैट खाते कितने प्रकार के होते हैं?

डीमैट खाते तीन प्रकार के होते हैं: नियमित डीमैट खाता, प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता और गैर-प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता।

2. क्या डीमैट खाते के माध्यम से ऋण लिया जा सकता है?

डीमैट खाताधारक अपने खाते में रखी प्रतिभूतियों के माध्यम से आसानी से ऋण प्राप्त कर सकते हैं।

3. डीमैट खाते में प्रतिभूतियों का न्यूनतम बैलेंस क्या है?

डीमैट खाते में आवश्यक प्रतिभूतियों की कोई न्यूनतम शेष राशि नहीं है।

4. DP क्या है?

DP का अर्थ है डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स जो NSDL और CDSL जैसी डिपॉजिटरी के बीच मध्यस्थ का काम करते हैं। एक बैंक के समान, व्यापारी अपने डीमैट खाते को DP के साथ अन्य सुविधाओं के साथ खोल सकते हैं जो उन्हें निवेश या व्यापार करने की सुविधा प्रदान करते हैं।

5. क्या पार्ट डीमैटरियलाइजेशन की अनुमति है?

हां, निवेशक अपनी होल्डिंग को पूरी तरह या आंशिक रूप से डीमैटरियलाइज कर सकते हैं।

Demat account meaning in Hindi | डीमैट खाता क्या है ?

Demat account meaning in Hindi

तो जल्दी करिए और यहा से जानिए free मे कैसे खुलवाए अपना Demat और Trading Account.

अगर आप शेयर बाज़ार से जुड़ी एसी ही जानकारी की Update free मे चाहते है, तो नीचे दिए गए Blue Color के (Subscribe to Updates) के Button को Click करके जो स्क्रीन खुलेगी उसमे yes का विकल्प select कर दीजिए।

By Gaurav

Gaurav Popat एक निवेशक, ट्रेडर और ब्लॉगर है, जो की शेयर बाज़ार मे बहुत रुचि रखता है। वह साल 2015 से शेयर बाज़ार मे है। पिछले 7 साल मे खुद अलग अलग जगह से सीख कर और अनुभव के आधार पर शेयर बाज़ार और निवेश के विषय मे यहा पर जानकारी देता है।

शेयर खरीदने के लिए जरूरी है डीमैट खाता, जानिए कितनी तरह के होते हैं Demat Account

Demat Account: शेयर बाजार में ट्रेडिंग के लिए 3 तरह के डीमैट अकाउंट होते हैं. निवेशकों की प्रोफाइल के हिसाब से इन्हें तैयार किया जाता है. इसकी पूरी देख आपकी ब्रोकिंग फर्म करती है.

शेयर बाजार में एंट्री करने वाले निवेशकों के लिए रेगुलर डीमैट अकाउंट किया जाता है.

Demat Account: शेयर ट्रेडिंग (Share trading) के लिए डीमैट अकाउंट (Demat account) भी होगा. निवेश के लिए डीमैट खाता सबसे आम और अनिवार्य बात है. बिल्कुल बैंक अकाउंट की तरह (जहां पैसे सेफ रखे जाते हैं) डीमैट अकाउंट में भी आपके शेयर इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में रखे जाते हैं. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि भारतीय शेयर बाजारों में निवेश के लिए कुल कितने तरह के Demat account होते हैं?

शेयर बाजार में ट्रेडिंग के लिए 3 तरह के डीमैट अकाउंट होते हैं. निवेशकों की प्रोफाइल के हिसाब से इन्हें तैयार किया जाता है. इसकी पूरी देख आपकी ब्रोकिंग फर्म करती है.

रेगुलर डीमैट खाता (Regular Demat account)

शेयर बाजार में एंट्री करने वाले निवेशकों के लिए रेगुलर डीमैट अकाउंट किया जाता है. भारतीय निवेशक और ट्रेडर्स देश में ही रहते हैं और यहीं के शेयर बाजार में निवेश करते हैं. आप ये रेगुलर डीमैट खाता (Demat Account) किसी भी डिपॉजिट्री-CDSL या NSDL पर रजिस्टर्ड ब्रोकर के एक डीमैट खाता क्या है? पास खुलवा सकते हैं. खाते से इलेक्ट्रॉनिकली शेयरों में निवेश और ट्रेड किया जाता है.

रिपाट्राइबल डीमैट अकाउंट (Repatriable Demat account)

रिपाट्राइबल डीमैट अकाउंट्स नॉन-रेजिडेंट इंडियन्स (NRIs) के लिए होते हैं. इसके जरिए NRIs भारतीय शेयर बाजार में निवेश करते हैं. ट्रेडर्स और निवेशक इस अकाउंट के जरिए विदेश में फंड ट्रांसफर भी कर सकते हैं. लेकिन, फंड ट्रांसफर के लिए निवेशकों के पास NRE बैंक खाता भी होना चाहिए. इस खाते में ज्वाइंट होल्डर भी शामिल कर सकते हैं, जिन्हें भारतीय नागरिक होना चाहिए. हालांकि, वे कहां रह रहे हैं उस पर कोई पाबंदी नहीं है. इस डीमैट खाते में भी नॉमिनेशन सुविधा होती है.

रिपाट्राइबल डीमैट खाता (Repatriable Demat Account) खुलवाने के लिए NRIs को पासपोर्ट की एक कॉपी, PAN कार्ड, वीजा, विदेश में अपना पता, पासपोर्ट साइज फोटो और साथ ही में FEMA डिक्लेरशन और NRE या NRO खाते का कैंसल्ड चेक भी देना होगा.

नॉन-रिपाट्रिएबल डीमैट अकाउंट

ये खाता भी NRIs के लिए ही होता है लेकिन इस खाते से विदेश में फंड ट्रांसफर नहीं किए जा सकते. इस खाते के लिए NRO बैंक अकाउंट की जरूरत होती है. ये खाता उनके लिए है जिनकी आय भारत और विदेश दोनों में है. देश के अंदर और विदेश की कमाई को एक साथ मैनेज करने के लिए NRO खाते का इस्तेमाल किया जाता है.

रेटिंग: 4.95
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 690