Stop Loss kya hai | Stoop Meaning in Hindi
हेल्लो दोस्तों, आज हम इस post में जानगे की Stop Loss kya hai और Stoop Meaning in Hindi का मतलब क्या है ! ये तो आपको पता ही है की कोई भी ऐसा व्यक्ति नही है जोकि पैसे के नुक्सान को अच्छा समझता हो ! जिसके चलते जितने भी शेयर मार्किट में इन्वेस्टर है वो शेयर मार्किट में पैसे को निवेश करने से पहले एक planing बनाते है ! जिससे की वो अपनी limit से ज्यादा पैसा न खो दे ! जिसके चलते बहुत से लोग शेयर मार्किट में अपना profit बुक करने के लिए Stop Loss Meaning in Hindi का उपयोग करते है !
ऐसे में यदि आपको नही पता है की Stop Loss kya hai और Stop Loss in Hindi का मतलब क्या है तो आप हमारे साथ इस post में शुरू से लेकर अंत तक जरुर बने रहे ! जिससे की हम आपको आसानी से समझा सके की Stop Loss क्या है और इससे जुड़े लाभ और हानि क्या है ! जिससे की आप भी in सभी बातों का ध्यान रखते हुए शेयर मार्किट में शेयर को खरीदते समय Stop Loss kaise lagay जान कर अपने profit को बुक कर सको !
Stop Loss kya hai ?
Stop Loss in Hindi आपके शेयर को एक निर्धारित कीतम सेट करने का अवसर प्रदान करता है ! जिससे की आप in सुविधाओं का उपयोग कर Stop Loss को अपने शेयर को एक limit तक ही शेयर के price को expand करने की अनुमति प्रदान करता है ! जिससे की आप अपने शेयर की कीमत में गिरावट से अपने धन की रक्षा कर सकते है !
चलो हम इसको एक example के साथ समझते है मान लो आपने किसी एक कंपनी के शेयर ख़रीदे है ! जिसके एक शेयर का दाम 100 रूपये है ! ऐसे में आपने Stop Loss 140 से 80 के बिच में लगाया है ! ऐसे में यदि क्यों एक स्टॉप लॉस रणनीति है? आपके ख़रीदे हुए शेयर का दाम 80 से निचे जायेगा तो आपके ख़रीदे हुए शेयर अपने आप बिक (Sell) हो जायेगे और वही यदि 140 से उपर भी अगर आपके शेयर के दाम जायेगे तो ऐसे में भी आपके शेयर अपने आप sell हो जायेगे ! यानि की Stop Loss आपके द्वारा निर्धारित कीमत के अनुसार आपके शेयर को लाभ प्रदान करने की कोशिश करता है ! जिसे हम Hindi Meaning of Loss के नाम से जानते है !
Stop loss meaning in hindi ?
Stop Loss का मतलब आपके द्वारा सेट की हुई एक निर्धारित कीमत पर आपके शेयर अपने आप बिक जाते है ! जिससे की आपके द्वारा सेट की हुई कीमत से न ही कम हो सके या ज्यादा हो सके ! जिसके चलते हम अपने धन के नुक्सान से बच सकते है ! Stop Loss कहलाता है !
Stop Loss kaise lagay ?
यदि आप Stop Loss in hindi लगाना चाहते है लेकिन आपको नही पता की stop loss kaise lagaye तो आप हमारे द्वारा बताये गये निम्नलिखित points को step by step follow कर सकते है ! जिससे की हम आपको आसानी से समझा सकेगे की Stop Loss lagaya jata hai.
- सबसे पहले आपको किसी भी स्टॉक ब्रोकर app जैसे Zerodha, 5 Paisa, Upstox आदि को open करना है और उसके बाद आपको शेयर को सेलेक्ट करना है ! जिस कंपनी के आप शेयर खरीदना चाहते हो !
- सेलेक्ट करने के बाद आपको buy और sell का आप्शन दिखाई देगा, अब आपको buy पर क्लिक करना है !
- buy पर क्लिक करते ही आपके सामने Stop Loss का आप्शन दिखाई देगा ! आपको अब Stop Loss के लिए अपने शेयर की एक निर्धारित लिमिट करनी है ! Limit सेट करते ही आपका शेयर buy हो जायेगा !
Stop Loss के लाभ और नुक्सान क्या है ?
यदि आप शेयर मार्किट में अपने पैसे निवेश करते ही तो ऐसे में आपको अपने नुक्सान को कम करने के लिए Stop Loss को लगाना होता है ! ऐसे में यदि आपको नही पता है की Stop Loss के लाभ और नुक्सान क्या है तो आप हमारे द्वारा बताये गये निम्नलिखित स्टेप्स को step by step follow कर सकते हो ! जिससे की हम आपको आसानी से समझा सकेगे की Stop Loss के लाभ और नुक्सान क्या है !
- यदि आप trading के समय Stop Loss का उपयोग करते है तो ऐसे में आप अपने पैसे को खोने व् डूबने से बचा सकते है !
- Stop Loss आपके द्वारा सेट की गयी रणनीति के हिसाब से काम करता है !
- Stop Loss लगाने से आपके शेयर की कीमत में गिरावट होते समय आपके द्वारा सेट हुए हुए दाम पर जब उस शेयर प्राइस का दाम आ जाता है जिसको आपने buy कर रखा है तो ऐसे में आपके द्वारा ख़रीदे हुए शेयर automatic sell हो जाते है !
- यदि आप शेयर प्राइस पर Stop Loss लगा कर उसकी एक सीमा तय कर देते है तो ऐसे में यदि उस शेयर के दाम आपके द्वारा सेट किये हुए लाभ की लिमिट से उपर जाता है तो ऐसे में आपके द्वारा शेयर अपने आप sell हो जाते है ! जोकि आपको लाभ लेने से वंचित कर देता है !
मैं आशा करता हूँ, आप सभी को Stop Loss kya hai और Stop loss meaning in hindi अच्छे से समझ आया होगा ! यदि अभी भी आपके मन में कोई भी सवाल हो तो आप हमें कमेंट्स में जरुर बता सकते है ! हमें आपके सभी सवालों का जवाब देते हुए बहुत ख़ुशी होती है !
Syan Gyan काफी समय से Money Investment , Money Management , Finacial , Share market , Mutual Fund रिलेटेड जानकारी के लिए बुक्स स्टडी कर रहे है और Finance related आर्टिकल लिख रहे है। यह हमारा मकसद आसान भाषा में Share market , Finace रेलतद जानकारी देना है। धन्यावाद।
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अगले 3 सप्ताह में इन शेयरों से हो सकती है अच्छी कमाई
बाजार में भले निराशा दिख रही है, मगर कमाई के कई मौके अब भी मौजूद हैं.
बाजार में भले निराशा दिख रही है, मगर कमाई के कई मौके अब भी मौजूद हैं. दिग्गज विश्लेषकों से बात कर ईटी लेकर आया है कुछ ऐसे ही शेयर, जो आने वाले दो से तीन सप्ताह की भीतर आपको शानदार रिटर्न दे सकते हैं:
सलाहकार: राजेश भोंसले, तकनीकी विश्लेषक, एंजेल ब्रोकिंग
| हीरो मोटोकॉर्प | खरीदें | टार्गेट प्राइस: 2,700 रुपये | स्टॉप लॉस: 2,490 रुपये |
दैनिक चार्ट्स पर इस शेयर ने मजबूत मांग के चलते 2,500 से 2,515 रुपये का दायरा तोड़ा है. इस शेयर में तेजी के संकेत मिल रहे हैं. साप्ताहिक चार्ट्स पर इस शेयर की स्थिति ठोस है. कम कीमत पर इस शेयर में निवेश बढ़ाया जा सकता है.
| JSW Steel | खरीदें | टार्गेट प्राइस: 337 रुपये | स्टॉप लॉस: 293 रुपये |
नौ महीने तक ठोस दायरे में कारोबार करने के बाद इस शेयर ने अच्छी वापसी करते हुए तेजी के संकेत दिए हैं. दैनिक चार्ट्स पर इसका वॉल्यूम बढ़ते हुए नजर आ रहा है. इस शेयर की तेजी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.
सलाहकार: मोहम्मद मजहर, मुख्य रणनीतिकार- तकनीकी विश्लेषण और ट्रेडिंग एडवाइजरी, चार्टव्यूइंडिया डॉट इन
| एक्साइड इंडस्ट्रीज | खरीदें | टार्गेट प्राइस: 227 रुपये | स्टॉप लॉस: 209 रुपये |
हालिया गिरावट के बाद इस शेयर को 209 रुपये की कीमत पर सपोर्ट मिला है. इस शेयर ने अच्छी वापसी की है और तेजी के ठोस संकेत दिए. कारोबारी अच्छी रणनीति अपनाते हुए इससे बढ़िया कमाई कर सकते हैं.
| DLF | खरीदें | टार्गेट प्राइस: 197 रुपये | स्टॉप लॉस: 169 रुपये |
143 रुपये से 209 रुपये तक चढ़ने के बाद यह शेयर 170 रुपये पर आ गया. इस शेयर का वॉल्यूम लगातार बढ़ा है, जो इसमें गिरावट के आसार को कम करता है. 170 रुपये से ऊपर बने रहने पर यह शेयर बेहतरीन मुनाफा दे सकता है.
सलाहकार: वैशाली पारेख, वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक, प्रभुदास लीलाधर
| भारत फोर्ज | खरीदें | टार्गेट प्राइस: 535 रुपये | स्टॉप लॉस: 455 रुपये |
दैनिक चार्ट्स पर इस शेयर को 456 रुपये की कीमत पर सपोर्ट हासिल है. यह लगातार अपनी मजबूती दर्शा रहा है.आने वाले समय में यह शेयर काफी तेजी हासिल कर सकता है. इस शेयर में कमाई की प्रबल संभवानाएं नजर आ रही हैं.
| रिलायंस इंडस्ट्रीज | खरीदें | टार्गेट प्राइस: 1,520 रुपये | स्टॉप लॉस: 1,350 रुपये |
इस शेयर ने 1,412 रुपये के पिछले उच्च स्तर को पार करते हुए शानदार मजबूती दिखाई है. इस शेयर का झुकाव तेजी की दिशा में है, जो इसे नए शिखर स्तर तक लेकर जा सकता है. इस शेयर के चार्ट्स बेहद आकर्षक नजर आ रहे हैं.
सलाहकार: नागराज शेट्टी, तकनीकी रिसर्च विश्लेषक, HDFC सिक्योरिटीज
| टाटा मोटर्स | खरीदें | टार्गेट प्राइस: 232 रुपये | स्टॉप लॉस: 195 रुपये |
हालिया समय में यह ऑटो शेयर काफी फिसला है. मौजूदा समय में यह वापसी के ठोस संकेत दे रहा है. इस शेयर में गिरावट की उम्मीद कम है. आने वाले समय में यह लंबी छलांग लगा सकता है.
| कोटक महिंद्रा बैंक | खरीदें | टार्गेट प्राइस: 1,535 रुपये | स्टॉप लॉस: 1,335 रुपये |
पिछले कुछ समय से यह शेयर लगातार चढ़ रहा है. इसने लगातार तेजी दर्ज करते हुए अपनी स्थिति को मजबूत किया है. 1,425 रुपये की कीमत पार करने के बाद से ही इसका वॉल्यूम बढ़िया रहा है. इस शेयर के चार्ट इसकी मजबूती पर मुहर लगा रहे हैं.
सलाहकार: आदित्य अग्रवाल, वरिष्ठ प्रबंधक- तकनीकी रिसर्च, यस सिक्योरिटीज
| फेडरल बैंक | खरीदें | टार्गेट प्राइस: 104-109 रुपये | स्टॉप लॉस: 92 रुपये |
दैनिक चार्ट्स पर यह शेयर अच्छी तेजी दिखा रहा है. इस शेयर ने लगातार अच्छी वापसी की है. साप्ताहिक चार्ट्स पर इसकी स्थिति काफी अच्छी नजर आ रही है. दैनिक चार्ट्स पर यह शेयर तेजी के क्यों एक स्टॉप लॉस रणनीति है? मजबूत संकेत दे रहा है.
| KNR कंस्ट्रक्शन | खरीदें | टार्गेट प्राइस: 270-280 रुपये | स्टॉप लॉस: 228 रुपये |
दैनिका चार्ट्स पर इस शेयर के लिए 248 रुपये का स्तर काफी अहम रहने वाला है. यह तेजी की दिशा में बढ़ सकता है. हालांकि, इस शेयर में छोटी-मोटी गिरावट संभव है, मगर शेयर का कुल रुझान तेजी का ही नजर आ रहा है.
(यहां शेयरों में निवेश के लिए दी गई सलाह विश्लेषकों की अपनी निजी राय है. ईटी मार्केट्स का इससे सहमत होना अनिवार्य नहीं है. शेयरों में किसी भी निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से राय अवश्य लें.
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सोयाबीन में गिरावट, कैसे बनाएं मुनाफे की रणनीति?
एनसीडीईएक्स पर जून डिलीवरी वाला कॉन्ट्रैक्ट 37 रुपये की कमजोरी के साथ 3660 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास कारोबार कर रहा था
देश में 50 फीसदी से भी ज्यादा सोयाबीन की पैदावार मध्य प्रदेश में होती है. वहीं महाराष्ट्र 35 फीसदी पैदावार के साथ दूसरे पायदान पर है. इस तरह से इन दो राज्यों में देश की 80 फीसदी से ज्यादा सोयाबीन की पैदावार होती है.
हेम सिक्योरिटीज की सीनियर रिसर्च एनालिस्ट आस्था जैन के मुताबिक, देश में सोयाबीन का उत्पादन बढ़ने का अनुमान है. लेकिन मानूसन को लेकर तस्वीर साफ न होने से इसमें तेजी दिख सकती है. जैन का कहना है कि सोयाबीन के जून वायदा में 3650 रुपये के भाव पर खरीदारी करनी चाहिए. 3-4 सत्रों में भाव 3700 के स्तर को छू सकता है. गौरतलब है कि ज्यादातर एग्री कमोडिटीज पर मानसून की चाल का भारी असर रहता है.
रेलीगेयर सिक्योरिटीज में रिसर्च विभाग के सीनियर मैनेजर अभिजीत बनर्जी का कहना है कि ब्राजील में सोयाबीन की कटाई का सीजन खत्म हो चुका है. घरेलू बाजार में दाम ऊपरी स्तर से काफी गिर चुके हैं. ब्राजील में नई फसल आती है तो घरेलू बाजार में दाम टूटते हैं. यह आमतौर पर होता है. इसके अलावा सोया मील की एक्सपोर्ट मांग बढ़ी है. साथ ही सरसों में मजबूती से भी सोयाबीन को सपोर्ट मिलता दिख रहा है. इन सब बुनियादी बातों को देखते हुए सोयाबीन में जुलाई वायदा में 3640-3660 रुपये के भाव पर खरीदें. जुलाई वायदा का भाव ऊपर में 3750-3775 रुपये प्रति क्विंटल तक जा सकता है.
तिलहन उद्योग के शीर्ष संगठन सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन (सोपा) के आंकड़ों के मुताबिक, अनुकूल मौसम की वजह से इस साल देश में सोयाबीन का उत्पादन 1.148 करोड़ टन रहेगा, जबकि पिछले साल यह 83.6 लाख टन के करीब था. विश्व में सोयाबीन के उत्पादन में भारत पांचवें स्थान पर है.
केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने क्यों एक स्टॉप लॉस रणनीति है? अपने पहले अग्रिम अनुमान में इस साल भारत में सोयाबीन का कुल उत्पादन 1.346 करोड़ टन रहने का पूर्वानुमान जताया है, जबकि 2017-18 में यह 1.098 करोड़ टन था.
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जानिए क्या होती है स्विंग ट्रेडिंग? क्या हैं इसके फायदे
Swing Trading: बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद आपको स्टॉक या इंडेक्स की सही दिशा का पता लगवाने में मदद करना होता है.
- nupur praveen
- Publish Date - August 31, 2021 / 12:52 PM IST
म्युचुअल फंड निवेश के मामले में भले ही काफी लोगों को अट्रैक्टिव लगते हों, लेकिन पुरानी धारणाओं के कारण लोग उनसे दूर रहना पसंद करते हैं. अगर आपने भी शेयर बाजार में हाल ही में शुरुआत की है तो स्विंग ट्रेडिंग आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है. स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) उन ट्रेडिंग टेक्निक्स में से एक है, जिसमें ट्रेडर 24 घंटे से ज्यादा समय तक किसी पोजीशन को होल्ड कर सकता है. इसका उद्देश्य प्राइस ऑस्कीलेशन या स्विंग्स के जरिए निवेशकों को पैसे बनाकर देना होता है. डे और ट्रेंड ट्रेडिंग में स्विंग ट्रेडर्स कम समय में अच्छा प्रॉफिट बनाने के लिए स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) का विकल्प चुनता है. स्विंग ट्रेडिंग टेक्नीक में ट्रेडर अपनी पोजीशन एक दिन से लेकर कई हफ्तों तक रख सकता है.
यहां पर स्विंग ट्रेडिंग के जरिये एक ट्रेडर का लक्ष्य छोटे-छोटे प्रॉफिट के साथ लॉन्गर टाइम फ्रेम में एक बड़ा प्रॉफिट बनाने का होता है. जहां लॉन्ग टर्म निवेशकों को मामूली 25% लाभ कमाने के लिए पांच महीने तक इंतजार करना पड़ सकता है. वहीं स्विंग ट्रेडर हर हफ्ते 5% या इससे ज्यादा का भी प्रॉफिट बना सकते हैं बहुत ही आसानी से लॉन्ग टर्म निवेशकों को मात दे सकता है.
स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग में अंतर
शुरुआत के दिनों में नए निवेशकों को स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) और डे ट्रेडिंग एक ही लग सकते हैं, लेकिन जो स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग को एक दूसरे से अलग बनाता है वो होता है टाइम पीरियड. जहां एक डे ट्रेडर अपनी पोजीशन चंन्द मिनटो से ले कर कुछ घंटो तक रखता है वहीं एक स्विंग ट्रेडर अपनी पोजीशन 24 घंटे के ऊपर से ले कर कई हफ्तों तक होल्ड कर सकता है. ऐसे मे बड़े टाइम फ्रेम में वोलैटिलिटी भी कम हो जाती है और प्रॉफिट बनाने की सम्भावना भी काफी अधिक होती है जिसके कारण ज्यादातर लोग डे ट्रेडिंग की अपेक्षा स्विंग ट्रेडिंग करना पसंद करते हैं.
स्विंग ट्रेडिंग टेक्निकल इंडीकेटर्स पर निर्भर करती है. टेक्निकल इंडीकेटर्स का काम मार्किट में रिस्क फैक्टर को कम करना और बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद आपको स्टॉक या इंडेक्स की सही दिशा का पता लगवाने में मद्दत करना होता है. जब आप अपने निवेश को किसी विशेष ट्रेडिंग स्टाइल पर केंद्रित करते हैं तो यह आपको राहत भी देता है. और साथ ही साथ आपको मार्किट के रोज़ के उतार-चढ़ाव पर लगातार नजर रखने की भी जरुरत नही पड़ती है. आपको सिर्फ अपनी बनाई गई रणनीति को फॉलो करना होता है.
स्विंग ट्रेडिंग से जुड़े कुछ जरूरी टर्म्स
स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) में अक्सर इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ शब्दों में एंट्री पोइंट, एग्जिट पॉइंट और स्टॉप लॉस शामिल हैं. जिस प्वाइंट पर ट्रेडर अलग अलग टेक्निकल इंडिकेटर की सहायता से खरीदारी करते है उसे एंट्री प्वाइंट कहा जाता है. जबकि जिस प्वाइंट पर ट्रेडर अपनी ट्रेड पोजीशन को स्क्वायर ऑफ करते हैं. उसे एग्जिट प्वाइंट के रूप में जाना जाता है. वही स्टॉप लॉस जिसे एक निवेशक के नुकसान को सीमित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. ऐसा प्वाइंट होता है जहाँ आप अपने रिस्क को सीमित कर देते है. उदाहरण के लिए क्यों एक स्टॉप लॉस रणनीति है? जिस कीमत पर आपने स्टॉक खरीदा था. उसके 20% नीचे के लिए स्टॉप-लॉस ऑर्डर सेट करना आपके नुकसान को 20% तक सीमित कर देता है.
कितने टाइप के होते है स्विंग ट्रेडिंग पैटर्न
स्विंग ट्रेडर्स अपनी निवेश रणनीति तैयार करने के लिए बोलिंगर बैंड, फिबोनाची रिट्रेसमेंट और मूविंग ऑसिलेटर्स जैसे ट्रेडिंग टूल्स का उपयोग करके अपने ट्रेड करने के तरीके बनाते हैं. स्विंग ट्रेडर्स उभरते बाजार के पैटर्न पर भी नजर रखते हैं जैसे
– हेड एंड शोल्डर पैटर्न
– फ्लैग पैटर्न
– कप एंड हैंडल पैटर्न
– ट्रेंगल पैटर्न
– मूविंग एवरेज का क्रॉसओवर पैटर्न
भारत में सबसे लोकप्रिय स्विंग ट्रेडिंग ब्रोकरों में एंजेल ब्रोकिंग, मोतीलाल ओसवाल, आईआईएफएल, ज़ेरोधा, अपस्टॉक्स और शेयरखान शामिल है.
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