13 नवंबर, 2021 को, पीएम मोदी ने क्रिप्टोकरेंसी के लिए आगे बढ़ने के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की और उसी के बारे फिएट क्रिप्टोकरेंसी के पक्ष में नहीं है आरबीआई में भ्रामक गैर-पारदर्शी विज्ञापन के मुद्दे को हरी झंडी दिखाई। यह कहते हुए कि क्रिप्टो बाजारों को मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग के लिए रास्ता नहीं बनने दिया जा सकता, सूत्रों ने संकेत दिया कि केंद्र सभी फिएट क्रिप्टोकरेंसी के पक्ष में नहीं है आरबीआई हितधारकों के साथ जुड़ना जारी रखेगा। 5 दिन बाद सिडनी डायलॉग में अपने मुख्य भाषण के दौरान पहली बार क्रिप्टोकरेंसी पर सार्वजनिक रूप से बोलते हुए, पीएम ने सभी लोकतांत्रिक देशों से यह सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया कि क्रिप्टोकरेंसी गलत हाथों में न जाए।
डेली न्यूज़
- 15 Sep 2017
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चर्चा में क्यों?
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फिएट क्रिप्टोकरेंसी के पक्ष में नहीं है आरबीआई
- विदित हो कि “नॉन-फिएट” क्रिप्टोकरेंसी (“non-fiat” cryptocurrencies) को लेकर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा गठित एक समूह, क्रिप्टोकरेंसी को वैधानिक मान्यता देने के मसले पर गंभीरता से विचार कर रहा है।
- आरबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने हाल ही में कहा है कि केंद्रीय बैंक को ‘फिएट क्रिप्टोकरेंसी’ से किसी तरह की कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन वह “नॉन-फिएट” क्रिप्टोकरेंसी जैसे कि बिटक्वॉइन को लेकर खासा चिंतित है, क्योंकि इस करेंसी को लेकर दुनियाभर में नियमाकीय जाँच चल रही है।
‘फिएट क्रिप्टोकरेंसी’ और ‘नॉन-फिएट क्रिप्टोकरेंसी’ में अंतर
क्या क्रिप्टोकरेंसी को खत्म कर देगा RBI का ई-रुपी, समझिए पूरा मामला
(आर श्रीधरण) भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI ने पिछले महीने अपनी डिजिटल करेंसी पर एक कॉन्सेप्ट नोट प्रकाशित किया. यह आरबीआई को कई केंद्रीय बैंकों (अंतिम गणना में 60 से ज्यादा) में से एक बनाता है, जो अत्यधिक संदिग्ध और अस्थिर क्रिप्टोकरेंसी के जवाब में अपनी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) पर काम कर रहे हैं. केंद्रीय बैंक अपनी CBDC के बारे में क्या सोच रहे हैं. जवाब साफ है. क्रिप्टोकरेंसी की लोकप्रियता ने उन्हें चिंतित कर दिया है. करीब 900 बिलियन डॉलर की वैश्विक पूंजी के साथ आज 20,000 से अधिक क्रिप्टोकरेंसी चलन में हैं (उनके मूल्यों में भारी गिरावट के बावजूद – 9 नवंबर, 2021 को अकेले बिटकॉइन का मार्केट कैप 1.28 ट्रिलियन डॉलर था).
ई-रुपी बनाम क्रिप्टो
इससे पहले कि हम जानें की ई-रुपी क्या है और यह कैसे काम करेगा, आइए सबसे पहले सारांश में ई-रुपी और क्रिप्टोकरेंसी के बीच का अंतर जान लें:
• बिटकॉइन के विपरीत ई-रुपी एक फिएट मुद्रा होगी, जिसके पीछे एक जारी करने वाला प्राधिकरण (अथॉरिटी) होगा. जबकि बिटकॉइन के पीछे कोई जारी करने वाला प्राधिकरण नहीं होता है.
• ई-रुपी का मूल्य पारंपरिक फिएट क्रिप्टोकरेंसी के पक्ष में नहीं है आरबीआई रुपये के बराबर होगा और इसमें विनिमय करने की शक्ति होगी, इसलिए यह क्रिप्टो की तरह अस्थिर नहीं होगा.
• ई-रुपी को क्रिप्टो की तरह एक डिस्ट्रीब्यूटेड पब्लिक लेजर (Ledger) की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि रिकॉर्ड रखने फिएट क्रिप्टोकरेंसी के पक्ष में नहीं है आरबीआई का काम केंद्रीय बैंक करेगा. हालांकि, यह मध्यस्थ बैंकों को खत्म करने के लिए स्मार्ट टोकन जैसी ब्लॉकचेन तकनीक की कुछ विशेषताओं का इस्तेमाल कर सकता है.
• क्रिप्टो की तरह, ई-रुपी लेन-देन को रफ्तार देगा और फिएट क्रिप्टोकरेंसी के पक्ष में नहीं है आरबीआई लेन-देन की लागत को कम या खत्म कर देगा. क्रिप्टो की तरह, टोकन-आधारित ईरुपी के मामले में अकाउंट को रखने वाला इसका स्वामी होगा.
सीबीडीसी कैसे काम करेगी?
अब अगर आप सोच रहे हैं कि ई-रुपी और डिजिटल बैंकिंग में क्या अंतर है, तो इसका जवाब यह है कि ई-रुपी केंद्रीय बैंक (रिजर्व बैंक) की देनदारी होगी, जो इसकी बही-खातों में दिखाई गई होगी. इसके विपरीत आपके कमर्शियल बैंक खाते में मौजूद डिजिटल पैसा बैंक की देनदारी होती है और वह अकेले ही लेनदेन का रिकॉर्ड रखता है. इसके अलावा बैंक में जमा पैसा आपको ब्याज से आय देता है, लेकिन ई-रुपी के साथ होल्डिंग्स पर ब्याज के भुगतान के पक्ष और विपक्ष दोनों के अपने तर्क हैं. कारण: सीबीडीसी को बैंक फिएट क्रिप्टोकरेंसी के पक्ष में नहीं है आरबीआई में जमा धन के साथ प्रतिस्पर्धा करने से रोकना है. आरबीआई आखिर में, जो भी निर्णय ले मगर यह निश्चित है कि ई-रुपी पारंपरिक रुपये के साथ सह-अस्तित्व में होगा.
आरबीआई की नोट की तरह, सीबीडीसी के दो अलग-अलग यूजर्स होंगे: पहला, खुदरा (आप और मेरे जैसे लोग) और दूसरा थोक यानी बैंक. बैंक सीबीडीसी का इस्तेमाल दूसरे बैंकों से लेन-देन में करेंगे. जबकि आप और हम नियमित लेनदेन के लिए इसके टोकन-आधारिक वर्जन का इस्तेमाल करेंगे.
क्या सीबीडीसी क्रिप्टो को खत्म कर देगा?
क्रिप्टो जमा फिएट क्रिप्टोकरेंसी के पक्ष में नहीं है आरबीआई करने वाले सीबीडीसी पर पैनी नजर रखे हुए हैं. उन्हें केंद्रीय बैंकों के अपने क्षेत्र में दखल देने का विचार पसंद नहीं आ रहा है. आखिरकार, बिटकॉइन मौद्रिक रुपये को खत्म करने के उद्देश्य से सामने आया. यह किसी देश के मुद्रा पर कब्जे के खिलाफ एक विद्रोह जैसा था. बिटकॉइन के समर्थकों ने सवाल किया कि किसी मुद्रा को जारी करने, बढ़ाने या मूल्य कम करने की शक्ति केवल उसे जारी करने वाले देश के हाथ में ही क्यों हो? राष्ट्र के बजाय लोगों का फिएट क्रिप्टोकरेंसी के पक्ष में नहीं है आरबीआई एक समूह अपनी निजी मुद्रा क्यों नहीं चला सकता, जिसे राजनेताओं और नौकरशाहों की इच्छा के मुताबिक नहीं, बल्कि कंप्यूटर एल्गोरिथम के तर्क के अनुसार प्रबंधित किया जा सकता हो. विचार के रूप में तो यह बहुत ही अच्छा है मगर यह अनजाने खतरों से खाली नहीं है. क्रिप्टो बाजार में साल भर की उथल-पुथल ने यह साबित भी कर दिया है.
Cryptocurrency News: क्या क्रिप्टोकरेंसी पर लग जाएगा प्रतिबंध? जानिए क्या बताया निर्मला सीतारमण ने
क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने के पक्ष में रिजर्व बैंक (File Photo)
नई दिल्ली: क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने सोमवार को लोकसभा में बताया कि किसी देश की मौद्रिक (Monetary) और राजकोषीय (Fiscal) स्थिरता पर क्रिप्टोकरेंसी के अस्थिर प्रभाव से जुड़ी चिंताओं के मद्देनजर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इस क्षेत्र पर कानून बनाने की सिफारिश की है। वित्त मंत्री के अनुसार आरबीआई का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।
'RBI ने की क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश'; वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में दी जानकारी
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा को बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में है। वह वीसीके सांसद थोल थिरुमावलवन के एक अतारांकित प्रश्न का जवाब दे रही थीं, जिन्होंने इस बारे में जानकारी मांगी थी कि क्या आरबीआई ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्रिप्टोकरेंसी के प्रतिकूल प्रभाव पर चिंता फिएट क्रिप्टोकरेंसी के पक्ष में नहीं है आरबीआई दर्ज की थी। उन्होंने सीतारमण से यह स्पष्ट करने के लिए भी कहा कि क्या उन्होंने भारत में क्रिप्टोकरेंसी के प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए उपयुक्त कानून बनाने की सिफारिश की थी।
निर्मला सीतारमण ने जोर देकर कहा, "RBI ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्रिप्टोकरेंसी के प्रतिकूल प्रभाव पर अपनी फिएट क्रिप्टोकरेंसी के पक्ष में नहीं है आरबीआई चिंता दर्ज की है। RBI ने उल्लेख किया है कि क्रिप्टोकरेंसी एक मुद्रा नहीं है क्योंकि हर आधुनिक मुद्रा को सेंट्रल बैंक / सरकार द्वारा जारी किया जाना चाहिए। इसके अलावा, फिएट मुद्राओं का मूल्य मौद्रिक नीति और कानूनी निविदा के रूप में उनकी स्थिति द्वारा लंगर डाला गया है, हालांकि क्रिप्टोकरेंसी का मूल्य पूरी तरह से उच्च रिटर्न की अटकलों और अपेक्षाओं पर निर्भर करता है जो अच्छी तरह से लंगर नहीं डालते हैं, इसलिए इसका देश की मौद्रिक और राजकोषीय स्थिरता पर एक अस्थिर प्रभाव पड़ेगा।"
Cryptocurrency: क्या बिटकॉइन समेत सभी क्रिप्टोकरेंसी को सच में बैन कर पाएगी मोदी सरकार?
- 25 नवंबर 2021,
- अपडेटेड 5:41 PM IST
Cryptocurrencies: केंद्र सरकार निजी क्रिप्टोकरेंसीज पर शिकंजा कसने की तैयारी में है. इस बीच भारतीय रिजर्व बैंक अपना डिटिजल करेंसी लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है. सभी क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी लगाने के लिए सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में 'द क्रिप्टोकरेंसी ऐंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल 2021' (The Cryptocurrency & Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021) लाएगी.
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