मध्य प्रदेश सरकारी नौकरी में आयु सीमा में छूट का आदेश - age limit Relaxation Order in MP government jobs

मध्य प्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय, वल्लभ भवन भोपाल द्वारा सरकारी नौकरियों में नियुक्ति के लिए निर्धारित अधिकतम आयु सीमा में छूट का आदेश जारी कर दिया गया है। इससे पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान ने केवल MPPSC के लिए इसकी घोषणा की थी परंतु उनकी घोषणा के साथ ही सभी शासकीय सेवाओं में आयु सीमा में छूट का प्रश्न स्वाभाविक रूप से उपस्थित हो गया था।

मध्यप्रदेश के राज्यपाल के नाम से तथा आदेशानुसार (शैलबाला ए. मार्टिन) अपर सचिव मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा आदेश क्रमांक एफ 07-46 / 2021 / आ.प्र. / एक दिनांक 18 सितंबर 2022 जारी किया गया है जिसमें शासन के समस्त विभाग, समस्त विभागाध्यक्ष, समस्त संभागायुक्त, समस्त कलेक्टर, समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत को बताया गया है कि इस विभाग के संदर्भित परिपत्र (विभागीय परिपत्र क्रमांक सी-3-8 /2016/1 / 3 भोपाल दिनांक 04 जुलाई 2019) द्वारा राज्य शासन की सेवाओं में सीधी भर्ती से भरे जाने वाले पदों पर नियुक्तियों के लिये अधिकतम आयु सीमा संबंधी निर्देश जारी किये गये है।

कोविड-19 के कारण विगत तीन वर्षों से भर्ती परीक्षाएं नियमित आयोजित नहीं की जा सकी हैं, अतः अभ्यार्थियों के हितो को ध्यान में रखते हुए राज्य शासन दिसम्बर 2023 तक अभ्यार्थियों की अधिकतम लिमिट ऑर्डर क्या है? आयु सीमा में तीन वर्षों की छूट भरे जाने वाले पदों के संबंध में जारी प्रथम विज्ञापन में प्रदान करता है।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज क्या है? इतिहास, उद्देश्य और कार्य

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज क्या है? इतिहास, उद्देश्य और कार्य

दोस्तों, क्या आप जानते है शेयर मार्किट में एनएसई (NSE) क्या है? इसकी आवश्यकता क्यों पड़ा? इसके क्या फायदे है? यह कैसे लिमिट ऑर्डर क्या है? काम करता है? आईये आज हम इसके विस्तार से जानते है। एनएसई (NSE) भारत का सबसे बड़ा वित्तीय बाजार है और दुनिया के टॉप 10 शेयर बाजार में से एक है। इसकी स्थापना 1992 में हुआ था और इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय शेयर बाजार में पारदर्शिता लाना है।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई)

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) क्या है ?

एनएसई (NSE) का पूरा नाम नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड है यह भारत का सबसे बड़ा वित्तीय बाजार है और दुनिया के टॉप 10 शेयर बाजार में से एक है। इसकी स्थापना 1992 में हुआ था और इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय शेयर बाजार में सरल और पारदर्शी बनाना है, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग शेयर बाजार में निवेश कर सके। सन 1994 में एनएसई (NSE) ने पहली बार भारतीय शेयर बाजार में इलेट्रॉनिक ट्रेडिंग की शुरुवात किया।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का इतिहास

1992 के प्रसिद्ध घोटाले के बाद, जिसमें एक प्रसिद्ध निवेशक ने भारतीय शेयर बाजार में हेरफेर किया गया था। तब वित्त मंत्रालय ने भारत सरकार तहत, निवेशकों तक शेयर बाजार को आसानी से पहुंचने के उद्देश्य से एनएसई की स्थापना का निर्णय लिया गया था। इसकी संस्था की स्थापना की सिफारिस M.J. शेरवानी समिति ने भी किया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज भारत का सबसे बड़ा और तकनीकी रूप से एक विकसित स्टॉक एक्सचेंज है। इसकी स्थापना सन 1992 में 25 करोड़ पूँजी के साथ मुंबई में किया गया। एनएसई का प्रमुख सूचकांक, निफ्टी 50 है, इसके अंतर्गत 50 कम्पनियाँ रजिस्टर्ड है। सूचकांक में सम्मिलित कंपनियों का समय-समय का आकलन किया जाता है और पुरानी कंपनियों के स्थान पर वे नयी सर्वोत्तम कम्पनीयों को शामिल किया जाता है | इसका उपयोग निवेशकों द्वारा बड़े पैमाने पर भारत और दुनिया भर में भारतीय पूंजी बाजार के बैरोमीटर के रूप में किया जाता है। एनएसई (NSE) द्वारा 1996 में NIFTY 50 इंडेक्स आरम्भ किया गया था।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का उद्देश्य

एनएसई (NSE) के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित है।

  1. सभी निवेशकों को शेयर बाजार में निवेश करने तथा शेयर खरीदने और बेचने की सुविधा प्रदान करना |
  2. सभी निवेशक सामान रूप से प्रतिभूति को खरीद और बेच सके।
  3. शेयर बाजार को निष्पक्ष, पारदर्शी और दक्ष बनाना।
  4. ख़रीदे और बेचे गए शेयर को अल्प समय में हस्तानांतरित करना।
  5. प्रतिभूति बाजार को अंतरास्ट्रीय मानदंडों के अनुरूप स्थापित करना।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के कार्य

दोस्तों ,अब हम नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड के कार्य प्रणाली के बारें में विस्तार से जानेंगे।

अगर कोई निवेशक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से शेयर बाज़ार में निवेश करना चाहता है तो सबसे पहले उसको मार्किट आर्डर के द्वारा आर्डर देना होता है , और कंप्यूटर ट्रेडिंग जो एक स्वचालित प्रक्रिया है के माध्यम से आपके आर्डर का मिलान किया जाता है। जब कोई निवेशक मार्किट आर्डर देता है तो उसे एक नंबर दिया जाता है जिसको यूनिट नंबर कहा है। कंप्यूटर ट्रेडिंग में खरीदने और बेचने व्यक्ति का नाम गुप्त रखा जाता है। खरीदने वाले व्यक्ति को बेचने वाले व्यक्ति को कोई जानकारी नहीं रहता है और बेचने वाले व्यक्ति को खरीदने वाले व्यक्ति की कोई जानकारी नहीं रहता है।

जब आपका आर्डर को कोई मिलान नहीं मिलता है तो आर्डर के क्रम को मिलाने के लिए आर्डर सूची से जोड़ा जाता है, और यह प्राइस टाइम (Price time) के प्राथमिकता के आधार पर निर्धारित किया जाता है। सर्वोत्तम मूल्य के आर्डर को पहले प्राथमिकता दिया जाता है और एकसमान मूल्य वाले आर्डर को पहले आर्डर के आधार पर प्राथमिकता दिया जाता है।

जब निवेशक का आर्डर एक्सचेंज मार्किट में पूरा हो जाता है तो निवेशक के डीमैट अकाउंट में खरीद आर्डर या बेच आर्डर में स्वतः ही देखने लगता है। इस तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज निवेशकों के शेयर के लेन देन को पारदर्शी बनता है। डीमैट अकाउंट किसी भी स्टॉक ब्रोकर के द्वारा ओपन किया जा सकता है जो ट्रेडिंग की सुविधा प्रदान करता है। जो ट्रेडिंग सिस्टम में ऑर्डर देते हैं। एनएसई द्वारा घोषित छुट्टियों को छोड़कर, एक्सचेंज मार्केट सप्ताह में पांच दिन सोमवार से शुक्रवार तक उपलब्ध रहता है।

दोस्तों, हमने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड के बारें में विस्तार से समझा। अब आप समझ गए है कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज स्थापना प्रतिभूति बाज़ार को निष्पक्ष, पारदर्शी और दक्ष बनाने के लिए किया गया, जिससे सभी निवेशक विश्वास के साथ प्रतिभूति बाज़ार में निवेश कर सके। अगर आप भी शेयर मार्किट में निवेश करने के लिए सोच रहे है और आपको शेयर बाज़ार के बारें में ज्यादा जानकारी नहीं है तो आप सेबी से पंजीकृत निवेश सलाहकार की सहायता ले सकते है यह आपको सही शेयर खरीदने में सहायता करेगा।

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बायनेन्स वेबसाइट पर स्पॉट व्यापार कैसे करें

उपयोगकर्ता एक विशिष्ट स्पॉट मूल्य तक पहुंचने पर ट्रिगर करने के लिए अग्रिम रूप से स्पॉट व्यापार तैयार कर सकते/सकती हैं, जिसे सीमित ऑर्डर के रूप में जाना जाता है। आप हमारे ट्रेडिंग पेज इंटरफेस के माध्यम से बायनेन्स पर स्पॉट व्यापार कर सकते/सकती हैं।

2. सीधे संबंधित स्पॉट ट्रेडिंग पेज पर जाने के लिए होम पेज पर किसी भी क्रिप्टो मुद्रा (क्रिप्टोकरेंसी) पर क्लिक करें। आप सूची के निचले भाग में [अधिक बाजार देखें] पर क्लिक करके एक बड़ा चयन पा सकते/सकती हैं।

How India Swiggy'd 2022: बेंगलुरु के व्यक्ति ने मंगाया 16 लाख रुपये का सामान, समोसा और बिरयानी रहे टॉप ऑर्डर

नाश्ते में भारतीयों ने सबसे ज्यादा समोसा, पॉपकॉर्न, फ्रेंच फ्राइज, गार्लिक ब्रेड स्टिक, हॉट विंग्स और टाकोज ऑर्डर किए गए। इस साल सबसे ज्यादा लोगों ने बिरयानी का ऑर्डर किया।

How India Swiggy'd 2022

डिजिटल जमाने में अब ऑनलाइन शॉपिंग के साथ ऑनलाइन खाना ऑर्डर करने का चलन भी तेजी से बड़ा है। हम कई बार ऑफिस और घर में ऑनलाइन खाना ऑर्डर करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक व्यक्ति ने एक साल में ही 16.6 लाख रुपये का ऑनलाइन खाने का सामान ऑर्डर कर दिया। जी हां, स्विगी की वार्षिक ट्रेंड रिपोर्ट के अनुसार, बेंगलुरु के एक व्यक्ति ने इस साल स्विगी इंस्टामार्ट के माध्यम से 16.6 लाख रुपये के किराने का सामान और जरूरी सामान का ऑर्डर दिया। कंपनी ने अन्य ऑनलाइन खाना ऑर्डर का डाटा और इंटरेस्टिंग जानकारी भी शेयर की है।

कंपनी की वार्षिक ट्रेंड रिपोर्ट 'How India Swiggy'd 2022' के अनुसार, बेंगलुरु के एक अन्य यूजर ने दिवाली के दौरान एक ही ऑर्डर में 75,378 रुपये का सामान खरीदा। वहीं पुणे के एक व्यक्ति ने ऑफिस में अपनी पूरी टीम को बर्गर और फ्रेंच फ्राइज देने के लिए 71,229 रुपये खर्च किए।

कंपनी की वार्षिक ट्रेंड रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि इस साल सबसे ज्यादा लोगों ने बिरयानी का ऑर्डर किया है। बिरयानी, खाने लिमिट ऑर्डर क्या है? के ऑर्डर पर हावी रही और लगातार सातवें साल सबसे ज्यादा ऑर्डर किए जाने वाली डिश के रूप में उभरी। 2022 में प्रति मिनट लगभग 137 बिरयानी के ऑर्डर दिए गए। क्लासिक मसाला डोसा जैसे अन्य व्यंजन दूसरे स्थान पर रहे, जबकि चिकन फ्राइड राइस, पनीर बटर मसाला और बटर नान स्विगी पर टॉप-डिश लिस्ट में शामिल रहे।

नाश्ते में भारतीयों ने सबसे ज्यादा समोसा, पॉपकॉर्न, फ्रेंच फ्राइज, गार्लिक ब्रेड स्टिक, हॉट विंग्स और टाकोज ऑर्डर किए गए। इस साल टॉप-10 मिठाइयों की टॉप-लिस्ट की बात करें तो इसमें गुलाब जामुन, रसमलाई, चोको लावा केक, रसगुल्ला और चॉको-चिप्स आइसक्रीम शामिल हैं।

नॉन-वेज के मामले में सबसे ज्यादा लोगों ने चिकन को ऑर्डर किया। पूरे भारत में इस साल चिकन के 29.86 लाख ऑर्डर दिए गए थे। मीट डिलीवरी कैटेगरी में बैंगलोर मुंबई, दिल्ली एनसीआर, पुणे, कोयंबटूर और कोलकाता से सबसे ज्यादा ऑर्डर किए गए।

स्विगी इंस्टामार्ट ट्रेंड 2022 के अनुसार, यूजर्स ने इस साल 50 लाख किलोग्राम से अधिक जैविक फलों और सब्जियों का ऑर्डर देकर हेल्दी फूड भी पसंद किया। सबसे ज्यादा ऑर्डर किए जाने वाले आइटम में तरबूज, केला और टमाटर शामिल थे और इनमें से ज्यादातर ऑर्डर बैंगलोर, मुंबई, हैदराबाद और पुणे से आए थे। रिपोर्ट के अनुसार गिल्ट-फ्री फूड को सर्च करने वालों में 23 प्रतिशत की वृद्धि भी सामने आई और ऐसे अधिकांश ऑर्डर दिन के दौरान दिए गए।

रिपोर्ट के अनुसार, केरल में एक स्विगी पार्टनर ने 8,300 ऑर्डर डिलीवर किए, जबकि अन्य दो लोगों ने ने करीब 6,000 ऑर्डर दिए। इस साल ग्राहकों ने पूरे देश में डिलीवरी पार्टनर्स को 53 करोड़ रुपये के टिप्स देकर धन्यवाद दिया। रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ कि इस साल 1 लाख से ज्यादा रेस्टोरेंट और क्लाउड किचन स्विगी से जुड़े।

विस्तार

डिजिटल जमाने में अब ऑनलाइन शॉपिंग के साथ ऑनलाइन खाना ऑर्डर करने का चलन भी तेजी से बड़ा है। हम कई बार ऑफिस और घर में ऑनलाइन खाना ऑर्डर करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक व्यक्ति ने एक साल में ही 16.6 लाख रुपये का ऑनलाइन खाने का सामान ऑर्डर कर दिया। जी हां, स्विगी की वार्षिक ट्रेंड रिपोर्ट के अनुसार, बेंगलुरु के एक व्यक्ति ने इस साल स्विगी इंस्टामार्ट के माध्यम से 16.6 लाख रुपये के किराने का सामान और जरूरी सामान का ऑर्डर दिया। कंपनी ने अन्य ऑनलाइन खाना ऑर्डर का डाटा और इंटरेस्टिंग जानकारी भी शेयर की है।

कंपनी की वार्षिक ट्रेंड रिपोर्ट 'How India Swiggy'd 2022' के अनुसार, बेंगलुरु के एक अन्य यूजर ने दिवाली के दौरान एक ही ऑर्डर में 75,378 रुपये का सामान खरीदा। वहीं पुणे के एक व्यक्ति ने ऑफिस में अपनी पूरी टीम को बर्गर और फ्रेंच फ्राइज देने के लिए 71,229 रुपये खर्च किए।

हर मिनट हुए बिरयानी के 137 ऑर्डर

कंपनी की वार्षिक ट्रेंड रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि इस साल सबसे ज्यादा लोगों ने बिरयानी का ऑर्डर किया है। बिरयानी, खाने के ऑर्डर पर हावी रही और लगातार सातवें साल सबसे ज्यादा ऑर्डर किए जाने वाली डिश के रूप में उभरी। 2022 में प्रति मिनट लगभग 137 बिरयानी के ऑर्डर दिए गए। क्लासिक मसाला डोसा जैसे अन्य व्यंजन दूसरे स्थान पर रहे, जबकि चिकन फ्राइड राइस, पनीर बटर मसाला और बटर नान स्विगी पर टॉप-डिश लिस्ट में शामिल रहे।

समोसा भी रहा टॉप ऑर्डर

नाश्ते में भारतीयों ने सबसे ज्यादा समोसा, पॉपकॉर्न, फ्रेंच फ्राइज, गार्लिक ब्रेड स्टिक, हॉट विंग्स और टाकोज ऑर्डर किए गए। इस साल टॉप-10 मिठाइयों की टॉप-लिस्ट की बात करें तो इसमें गुलाब जामुन, रसमलाई, चोको लावा केक, रसगुल्ला और चॉको-चिप्स आइसक्रीम शामिल हैं।

नॉन-वेज में ये डिश रहीं टॉप पर

नॉन-वेज के मामले में सबसे ज्यादा लोगों ने चिकन को ऑर्डर किया। पूरे भारत में इस साल चिकन के 29.86 लाख ऑर्डर दिए गए थे। मीट डिलीवरी कैटेगरी में बैंगलोर मुंबई, दिल्ली एनसीआर, पुणे, कोयंबटूर और कोलकाता से सबसे ज्यादा ऑर्डर किए गए।

हेल्दी फूड की भी बड़ी मांग

स्विगी इंस्टामार्ट ट्रेंड 2022 के अनुसार, यूजर्स ने इस साल 50 लाख किलोग्राम से अधिक जैविक फलों और सब्जियों का ऑर्डर देकर हेल्दी फूड भी पसंद किया। सबसे ज्यादा ऑर्डर किए जाने वाले आइटम में तरबूज, केला और टमाटर शामिल थे और इनमें से ज्यादातर ऑर्डर बैंगलोर, मुंबई, हैदराबाद और पुणे से आए थे। रिपोर्ट के अनुसार गिल्ट-फ्री फूड को सर्च करने वालों में 23 प्रतिशत की वृद्धि भी सामने आई और ऐसे अधिकांश ऑर्डर दिन के दौरान दिए गए।

रिपोर्ट के अनुसार, केरल में एक स्विगी पार्टनर ने 8,300 ऑर्डर डिलीवर किए, जबकि अन्य दो लोगों ने ने करीब 6,000 ऑर्डर दिए। इस साल ग्राहकों ने पूरे देश में डिलीवरी लिमिट ऑर्डर क्या है? पार्टनर्स को 53 करोड़ रुपये के टिप्स देकर धन्यवाद दिया। रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ कि इस साल 1 लाख से ज्यादा रेस्टोरेंट और क्लाउड किचन स्विगी से जुड़े।

Macbook की जगह घर पहुंचा डॉग फूड, सोच समझ कर और ध्यान से करें online order, रिफंड भी नहीं

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घर बैठे ऑनलाइन ऑर्डर करना किसे अच्छा नहीं लगता। खाने पीने से लेकर पहनने और इलेक्ट्रॉनिक्स की सभी सामान हम ऑनलाइन ही मंगाते हैं। यह एक तरह से सही भी है कि घर बैठे हम कुछ ही समय में अपने पसंद की चीजों का आर्डर कर देते हैं और हमारे घर पहुंचा दिए जाते हैं। लेकिन परेशानी तब शुरू होती है जब प्रोडक्ट की क्वालिटी आदि सही न हो।

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Macbook की जगह कुत्ते के खाने का फूड भेज दिया

बताते चलें कि कभी कभी हमारे सुविधा के लिए बनाई गई चीज हमारे ही खिलाफ काम कर जाती है। फिलहाल ऐसा ही कुछ हुआ है। एक व्यक्ति ने Macbook ऑर्डर किया था लेकिन जब ऑर्डर घर पहुंचा तो उन्हें अपनी आंखों पर यकीन नहीं हुआ। Macbook की जगह कुत्ते के खाने का फूड भेज दिया गया था।

पहले भी हुई है ऐसी घटनाएं

जानकारी के अनुसार एलॉन वुड ने यूके में 29 नवंबर को अमेजन से Macbook ऑर्डर किया था। उन्होंने यह ऑर्डर अपनी बेटी के लिए किया था जिसके लिए उन्होंने 1,200 पाउंड यानी कि करीब 1,20,000 रुपये अदा किए थे। कस्टमर सर्विस सेंटर से बातचीत लिमिट ऑर्डर क्या है? में कोई हल नहीं निकला।

यह पहली बार नहीं हुआ है, पहले भी इस तरह की घटनाएं सामने आई हैं जिसमें मंगवाया कुछ और गया था मगर आया कुछ और। एक व्यक्ति ने फ्लिपकार्ट से आईफोन मंगवाया था लेकिन उसे साबुन की टिकिया मिली थी। हालांकि फ्लिपकार्ट ने रिफंड कर दिया है।

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