#NewsAlert | Doors ajar for virtual currency in India. Supreme Court quashes complete ban on crypto-currency. RBI's 2018 circular declared unreasonable, disproportionate & RBI's ban on banks to deal with crypto-currency set aside by SC. pic.twitter.com/1w0sFwUOYY
— News18 (@CNNnews18) March 4, 2020
Cryptocurrency News In India |Cryptocurrency पर लगेगा 30 % का फ्लैट टैक्स.
Cryptocurrency News In India : दोस्तो इस साल के बजट में क्रिप्टो में इन्वेस्ट करने वालो लोगो को थोड़ी राहत मिल गई है,अब क्रिप्टो में क्या राहत मिल गई है तो सुनो,नाही तो इस साल क्रिप्टोकरेंसी के उपर कोई बिल आ रहा है,और नाही क्रिप्टोकरेंसी को भारत में बैन किया जा रहा है.
रुको जरा अभी खुश मत हो जाओ जरा पूरा आर्टिकल पढ़ो फिर डिसाइड करो आपको क्या करना है.क्युकी भारत सरकार ने क्रिप्टो के उपर कुछ बड़े फैसले इस साल के बजट में लिए है.(Cryptocurrency on budget 2022).
Table of Contents
Cryptocurrency News In India
सरकार ने क्रिप्टो करेंसी के का पूरा सेट क्रिप्टोक्यूरेंसी उपर लिया बड़ा फैसला:1 फेब्रुवारी 2022 मंगलवार को Parliament में फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमन जी ने देश का बजट पेश किया.जिस में अलग अलग मुद्दो और डिपार्टमेंट के उपर बात की गई.उसके बाद बारी आती है Virtual Digital Asset की.
इस प्वाइंट पर निर्मला सीतारमन जी ने साफ साफ बोल दिया की किसी भी तरह की Virtual Digital Asset के उपर 30% टैक्स लगाया जाएगा.और Virtual Digital Asset में एथेरियम,Dogecoin,बिटकॉइन जैसे क्रिप्टो करेंसी शामिल होते है.तो एक तरह से आप ये बोल सकते हो की Cryptocurrency को टैक्स के दायरे में शामिल किया गया है.
आगे फाइनेंस मिनिस्टर ने कहा,नाही इस साल कोई क्रिप्टो करेंसी का कोई बिल आने वाला है,और नही क्रिप्टो भारत में बैन होनी वाली है.लेकिन क्रिप्टो में इन्वेस्ट करने वालो लोगो को अब टैक्स देना होगा.एक तरीके से आप ये बोल सकते हो की इंडियन गवर्मेंट, क्रिप्टो को टैक्स के दायरे में लेकर आ चुकी है.
कितना देना होगा टैक्स
Cryptocurrency News In India
फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में Virtual Digital Asset के उपर टैक्स लगाने वाला है,ये तो फाइनेंस मिनिस्टर ने बोल दिया.लेकिन कितना टैक्स देना है ?.तो इसका जवाब है फ्लैट 30%.देना होगा टैक्स.
फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमन जी ने अपने बजट के स्पीच में तो साफ साफ बोल दिया है,की Virtual Digital Asset में इन्वेस्ट करने वालो लोगो को फ्लैट 30% टैक्स देना होगा.और इसके अलावा लॉसेस को सेट ऑफ करने का बेनिफिट उनको नही मिलेगा.
कैसा होगा क्रिप्टो पर टैक्स का कैलकुलेशन.
अगर Virtual Digital Asset पर 30% फ्लैट टैक्स लगाया जाता है (Cryptocurrency 30% Tax In Hindi).तो कैसा होगा उसका कैलकुलेशन उसे समझ ते है.
Mr. विजय एक क्रिप्टो इन्वेस्टर है.और उन्होंने अभी के टाइम 1,00,000 रुपए के क्रिप्टो करेंसी में इन्वेस्ट किया है.जिसके चलते साल भर में उन्हे 10,000 रुपए की कमाई हुई.तो ये जो 10,000 रुपए की कमाई हुई है इसके उपर Mr. विजय को 30% के हिसाब से 3,का पूरा सेट क्रिप्टोक्यूरेंसी 000 रुपए का टैक्स देना होगा. यहां तक सिंपल कैलकुलेशन है.
लेकिन फाइनेंस मिनिस्टर ने आगे एक और बात की, क्रप्टो में नुकसान होने पर सेट ऑफ(SetOff) का बेनिफिट नहीं मिलेगा.तो इस लाइन का क्या मतलब है इसे समझ ते है.
अगर कोई इन्वेस्टर्स शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करता है,और उसे कुछ रुपए का लॉस हो जाता है,तो उसे उसकी दूसरी सैलरी या बिजनेस की इनकम में उसे Set Off करता है.
For Example :
अगर कोई बिजनेसमैन की साल की का पूरा सेट क्रिप्टोक्यूरेंसी इनकम 5,00,000 रुपए होती है,और शेयर मार्केट से उसे 50,000 रुपए का लॉस हो जाता है,तो वो बिजनेसमैन उस लॉस को अपनी दूसरे इनकम में सेट ऑफ करके उस लॉस का बेनिफिट ले सकता है.जैसे यह इस उदाहरण में 50,000 रुपए का लॉस हुआ है,तो वो उसकी दूसरी इनकम 5,00,000 रुपए में से कम कर दिए जायेंगे.जिस के चलते अब उसे सिर्फ 4,50,000 पर टैक्स देना होगा.
ठीक उसी तरह अगर आपको क्रिप्टो करेंसी से कोई लॉस होता है,तो उसे आप किसी दूसरे इनकम से सेट ऑफ नही कर सकते है.उसे अपनी मेन इनकम पर ही टैक्स देना होगा.
For Example
Mr. अजय की सैलरी इनकम 5,00,000 रुपए है,लेकिन उसे क्रिप्टो से 2,00,000 रुपए का लॉस हो गया.तो भी वो इस 2 लाख रुपए का Set Off का बेनिफिट नहीं ले सकता.इसके चलते उसे अपने पूरे 5,00,000 पर टैक्स देना होगा.
1% TDS Provision
लोगो के क्रिप्टो ट्रांजैक्शन को ट्रैक किया जा सके इसलिए गवर्मेंट ने इस के उपर 1 % का TDS प्रोविजन लगा दिया है.
मतलब अगर आप क्रप्टो करेंसी से रिलेटेड जो भी बैंकिंग ट्रांजैक्शन करोगे उस पर 1% का टीडीएस कट किया जाएगा.ताकि आपके ट्रांजैक्शन को ट्रैक किया जा सके.
आखरी बात
दोस्तो Virtual Digital Asset ये न्यू कॉन्सेप्ट है जो इस बार के बजट में पेश हो चुका है.जैसे जैसे वक्त बीतेगा इसके बारे और अच्छी खासी जानकारी मिल जाएगी.
अभी तो बजट के हिसाब से मुझे जितना समझ आया है.उतना मैने आपको आसान भाषा में बताने को कोशिश की है. उम्मीद करता हु आपको ये जानकारी अच्छी लगी होगी.
Cryptocurrency पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, अब भारत में कर सकेंगे Bitcoin का इस्तेमाल
सुप्रीम कोर्ट ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बड़ा फैसला सुनाते हुए इस पर लगे सभी प्रतिबंध हटा लिए है. अब देश के सभी बैंक इसक . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : March 04, 2020, 11:19 IST
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बड़ा फैसला सुनाते हुए इस पर लगे सभी प्रतिबंध हटा लिए है. अब देश के सभी बैंक इसका लेन-देन शुरू कर सकते है. आपको बता दें कि RBI (Reserve Bank Of India) ने साल 2018 में एक सर्कुलर जारी कर बैंकों को क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में कारोबार करने से मना कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भारतीय भी Bitcoin जैसी क्रिप्टोकरेंसी खरीद और बेच सकेंगे.
क्या है मामला- आरबीआई के सर्कुलर को चुनौती देने के लिए इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IAMAI) द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. कोर्ट में सुनवाई के दौरान आईएएमएआई द्वारा कहा गया कि केंद्रीय बैंक के इस कदम से क्रिप्टोकरेंसी में होने वाली वैध कारोबारी गतिविधियों पर प्रभावी रूप से पाबंदी लग गई है. जिसके जवाब में आरबीआई ने कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया. आरबीआई ने कहा कि उसने क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से मनी का पूरा सेट क्रिप्टोक्यूरेंसी लांड्रिंग और आतंकी वित्त पोषण के खतरे के मद्देनजर यह कदम उठाया है.
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Cryptocurrency पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, अब भारत में कर सकेंगे Bitcoin का इस्तेमाल
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नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बड़ा फैसला सुनाते हुए इस पर लगे सभी प्रतिबंध हटा लिए है. अब देश के सभी बैंक इसका लेन-देन शुरू कर सकते है. आपको बता दें कि RBI (Reserve Bank Of India) ने साल 2018 में एक सर्कुलर जारी कर बैंकों को क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में कारोबार करने से मना कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भारतीय भी Bitcoin जैसी क्रिप्टोकरेंसी खरीद और बेच सकेंगे.
क्या है मामला- आरबीआई के सर्कुलर को चुनौती देने के लिए इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IAMAI) द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई का पूरा सेट क्रिप्टोक्यूरेंसी थी. कोर्ट में सुनवाई के दौरान आईएएमएआई द्वारा कहा गया कि केंद्रीय बैंक के इस कदम से क्रिप्टोकरेंसी में होने वाली वैध कारोबारी गतिविधियों पर प्रभावी रूप से पाबंदी लग गई है. जिसके जवाब में आरबीआई ने कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया. आरबीआई ने कहा कि उसने क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम का पूरा सेट क्रिप्टोक्यूरेंसी से मनी लांड्रिंग और आतंकी वित्त पोषण के खतरे के मद्देनजर यह कदम उठाया है.
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डिजिटल करेंसी और डीएफआई स्थापित करने के लिए बिल लाएगी सरकार
सरकार देश की बुनियादी ढांचा के विकास से जुड़ी जरूरतों को पूरा करने के लिए नेशनल बैंक फॉर फाइनेंसिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट (का पूरा सेट क्रिप्टोक्यूरेंसी NaBFID) की स्थापना करेगी.
शुक्रवार को पेश किए गए इकोनॉमिक सर्वे में यह भी बताया गया है कि इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश अधिक तेजी से और समावेशी आर्थिक विकास के लिए सर्वोत्कृष्ट है, जिससे बुनियादी ढांचा क्षेत्र के मजबूत पिछड़े-फॉरवर्ड संपर्क अच्छी तरह से स्थापित हो जाते हैं. नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (एनआईपी) परियोजना का वित्त वर्ष 2015 से वित्त वर्ष 2015 के बीच 111 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव है.
सरकार आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2021 की क्रिप्टोक्यूरेंसी और विनियमन भी पेश करेगी, जो भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण के लिए एक सुविधाजनक ढांचा तैयार करना चाहती है. बयान में कहा गया है, "विधेयक भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने का भी प्रयास करता है.
हालांकि, यह क्रिप्टोक्यूरेंसी की अंतर्निहित तकनीक और इसके उपयोग को बढ़ावा देने के लिए कुछ छूट की अनुमति देता है." सरकार सार्वभौमिक पेंशन कवरेज का पूरा सेट क्रिप्टोक्यूरेंसी सुनिश्चित करने के साथ-साथ पीएफआरडीए (PFRDA) को मजबूत करने के लिए पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक 2021 भी पेश करेगी.
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