CRYPTOCURRENCY से करोड़पति बनाने का लालच देकर 100 करोड़ की ठगी, JABALPUR से दंपत्ति गिरफ्तार

भोपाल। दुनिया की सबसे महंगी मुद्रा BITCOIN, जिसका कोई ठोस आधार ही नहीं है, और ऐसी ही तमाम मुद्राओं को CRYPTOCURRENCY कहते हैं। शेयर बाजार की तरह इन 'क्रिप्टो करेंसी' का भी एक बाजार होता है जहां ये मुद्राएं खरीदी और बेची जातीं हैं। इन मुद्राओं को करोड़पति बनने का शॉर्टकट कहा जाता है। इसी अवैध कारोबार के एक रैकेट का खुलासा हुआ है। मप्र पुलिस ने जबलपुर से एक दंपत्ति को गिरफ्तार किया है जो आभाषी मुद्रा का फर्जी कारोबार कर रहे थे। जबलपुर गिरफ्तार हुई महिला का मायका है।

CRYPTOCURRENCY: 50 करोड़ से ज्यादा की ठगी का अनुमान

मध्य प्रदेश एसटीएफ ने प्रतिबंधित मुद्रा 'क्रिप्टो करेंसी' का कारोबार कर करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह के सरगना को उसकी पत्नी के साथ जबलपुर से गिरफ्तार किया गया है। गिरोह के अन्य सदस्य अभी फरार हैं। एसटीएफ का अनुमान है कि ये गिरोह करीब 50 करोड़ से अधिक की ठगी कर चुका है। गिरोह के तार हांगकांग, चीन, मलेशिया और थाइलेंड से जुड़े हुए हैं। खास बात ये है कि गिरोह के सरगना डिप्लोमा धारी और एयरकंडीशनर के टेक्नीशियन हैं। इन्होंने ठगी की रकम को फिल्मों में भी निवेश किया है।

HONG KONG STOCK EXCHANGE की फर्जी वेबसाइट बनाई

मंगलवार को भोपाल में आयोजित पत्रकारवार्ता में विशेष पुलिस महानिदेशक एसटीएफ पुरूषोत्तम शर्मा ने बताया कि आरोपियों ने लोगों को ठगने के लिए हांगकांग के शेयर बाजार की एक वेबसाइट भारत में बनाई। इसका सर्वर जयपुर में लगाया। देखने में ये वेबसाइट बिलकुल हांगकांग के शेयर बाजार की तरह ही लगती थी। लोग भ्रमित होकर इस वेबसाइट को हांगकांग के शेयर बाजार की समझ क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने लगे।

BRAJESH RAIKWAR व SEEMA दिल्ली से ठगी के कारोबार चलाते थे

भोपाल के भी एक शख्स ने इस फर्जी साइट के जरिए क्रिप्टो करेंसी में लाखों रुपए निवेश किया। लेकिन जब उसने क्रिप्टो करेंसी को बेचने के लिए एप्लाई किया तो ऐसी नहीं हो सका। इसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस से की। उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता ने शिकायत की थी कि पीजीयूसी कंपनी जिसका मुख्यालय हांगकांग में है। क्रिप्टो करेंसी की खरीदी बिक्री कर रही है। एसटीएफ ने आरोपियों के अकाउंट से Cryptocurrency के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य तीन करोड़ रूपए ठगी की रकम के लेनदेन का पता चला है। ठगी के इस कारोबार को दिल्ली से बृजेश रायकवार व उसकी पत्नी सीमा और साथियों के साथ में अंजाम दिया करता था।

रातों रात करोड़पति बनने का लालच देते थे

आरोपी प्रतिबंधित मुद्रा में इंवेस्टमेंट करने के नाम पर रकम दो गुनी करने का झांसा दिया करते थे। पुलिस दोनों जालसाजों की निशानदेही पर उनके साथियों की तलाश कर रही है। गिरोह के तार हांगकांग तक जुड़े हैं। हमे जानकारी मिली थी कि हांगकंग की कंपनी प्लस गोल्ड यूनियन कॉइन कंपनी क्रिप्टो करेंसी की खरीदी बिक्री कर रही है। भारत में इसके प्रमोटर ब्रजेश रैकवार व रूपेश राय है। इनकी गतिविधियां संदिग्ध है। मध्य प्रदेश पुलिस ने इसकी जांच एसटीएफ के सुपुर्द कर दी।

JABALPUR से हुआ गिरफ्तार:

दुबई से जब ब्रजेश अपनी सुसराल जबलपुर आया तो एसटीएफ ने उसे हिरासत में ले लिया। उसकी पत्नी के खातों से तीन से चार करोड़ रुपए का हिसाब मिला है। आरोपियों ने पहले अपनी कंपनी बनाई फिर हांगकाग निवासी केविन से दिल्ली की एक होटल में मिले। केविन की मदद से बृजेश और रूपेश ने लोगों को फंसाना शुरू कर दिया। इसके बाद जब इन लोगों की अच्छी खासी कमाई होने लगी तो तीनों मिलकर एक नई कंपनी बनाई। इसके लिए उन्होंने बेंगलुरू की एक साफ्टवेयर कंपनी से साफ्टवेयर तैयार कराया था।

बताया जाता है कि जबलपुर की दंपती ब्रजेश रैकवार और सीमा रैकवार तथा रूपेश राय ने क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से लोगों से निवेश लेने की शुरुआत की। राजीव शर्मा नामक व्यक्ति निवेश के लिए आने वालों को बताया करता था कि मल्टीलेबल मार्केटिंग बिजनेस है और Cryptocurrency के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य इसके प्रमोटर ब्रजेश व रूपेश राय हैं। राजीव के अलावा रूपेंद्र पाल सिंह, विनीत यादव एसोसिएट्स व पार्टनर हैं। इन लोगों ने हांगकांग के केविन और मलेशिया के डेनियल फ्रांसिस को भी अपने साथ जोड़ा। इसका नेटवर्क चीन और दुबई तक फैला है। हांगकांग की एक कंपनी जो, सी सेक्स एक्सचेंज में पंजीकृत थी, उसके द्वारा निवेशकों को लुभाया।

इन लोगों ने निवेशकों को लाने के लिए मुंबई, दिल्ली, चंडीगढ़, भोपाल, रायपुर, जालंधर, अमृतसर जैसे शहरों में मीटिंग कीं। मगर 2017-18 में आभास मुद्रा की कीमतें तेजी से गिरीं तो यह कारोबार भी प्रभावित हुआ। दिसंबर 2017 में सी सेक्स एक्सचेंज बंद हो गया तो ब्रजेश-रूपेश और उनके साथियों ने पीजीयूसी (प्लस गोल्ड यूनियन क्वाइन) शुरू किया जिसका जयपुर में सर्वर रखा। वहां से कारोबार चलाया। गिरोह के सरगना जबलपुर के रैकवार पति-पत्नी को गिरफ्तार कर लिया गया है। साथी रूपेश राय फरार है।

क्या है क्रिप्टो करेंसी

क्रिप्टो करेंसी एक ऐसी मुद्रा है जो कंप्यूटर एल्गोरिथ्म पर बनी होती है। यह एक स्वतंत्र मुद्रा है जिसका कोई मालिक नहीं होता। यह करेंसी किसी भी एक अथॉरिटी के काबू में भी नहीं होती। अमूमन रुपया, डॉलर, यूरो या अन्य मुद्राओं की तरह ही इस मुद्रा का संचालन किसी राज्य, देश, संस्था या सरकार द्वारा नहीं किया जाता। यह एक डिजिटल करेंसी होती है जिसके लिए क्रिप्टोग्राफी का प्रयोग किया जाता है। आमतौर पर इसका प्रयोग किसी सामान की खरीदारी या कोई सर्विस खरीदने के लिए Cryptocurrency के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य किया जा सकता है।

Cryptocurrency में पैसा लगाने की सोच रहे? तो पहले जानिए क्रिप्टोक्यूरेंसी में निवेश करने के नुकसान क्या है?

Disadvantages of Cryptocurrency: भारत में क्रिप्टोकरंसी ने युवा और बूढ़े निवेशकों के दिमाग में आशाजनक रिटर्न देने के ज्वलंत विचारों को अपने कब्जे में ले लिया है। लेकिन इसमें निवेश करने से आपको खामियाजा भी भुगतना पड़ सकता है। यहां ऐसे 5 कारण बताए गए है, जिस वजह से आपको क्रिप्टोक्यूरेंसी निवेश से दूर रहना चाहिए।

Disadvantages of Cryptocurrency in Hindi: दुनिया के महान निवेशक वॉरेन बफे जैसे सफल निवेशकों ने डिजिटल मुद्रा यानी क्रिप्टोक्यूरेंसी को 'अगला बुलबुला' के रूप में संदर्भित किया है। यह देखते हुए कि बुलबुले फूट रहे हैं, यह जानना महत्वपूर्ण है कि क्रिप्टोक्यूरेंसी में निवेश करने की कमियां (Disadvantages of Cryptocurrency) क्या हैं ताकि हम निवेश के बारे में सोच-समझकर निर्णय ले सकें। यहां ऐसे 5 नुकसान बताए गए, जिस वजह से आपको भी Cryptocurrency में निवेश से सावधान रहना चाहिए।

नुकसान 1 - स्केलिंग समस्याएं

भारत और पूरी दुनिया में क्रिप्टो करेंसी को लेकर काफी हाइप है। हालांकि, क्रिप्टोकरेंसी के बारे में सबसे बड़ी चिंताओं में से एक स्केलेबिलिटी से संबंधित है। यह अभी भी अन्य वित्तीय लेनदेन और संचालन जैसे मास्टरकार्ड या वीज़ा जैसे भुगतान आइकन की तुलना में उतना अधिक नहीं है। इसके अलावा, जिस गति से क्रिप्टो में लेन-देन किया जाता है, उसका मास्टरकार्ड और वीज़ा जैसे खिलाड़ियों के लिए कोई मुकाबला नहीं है। क्रिप्टोकुरेंसी में पैमाने की समस्याएं उनके इंफ्रास्ट्रक्चर में हैं और इस सेक्टर में इंडस्ट्री में सुधार के लिए बहुत जगह है।

नुकसान 2 - क्रिप्टो एक्सचेंज सिक्योरिटी

क्रिप्टोक्यूरेंसी डिजिटल टेक्नोलॉजी पर बहुत अधिक निर्भर करती है। इसके परिणामस्वरूप, यह साइबर सिक्योरिटी में उल्लंघनों के लिए खुला है। किसी भी क्रिप्टो एक्सचेंज से निपटने के बारे में कुछ चिंताओं में यह तथ्य है कि एकाउंट को हैक किया जा सकता है। कई ICO में हैकिंग की रिपोर्ट के साथ इसका पहले से ही जीवित प्रमाण है, जिसमें व्यक्तियों की लागत लाखों डॉलर है। इस प्रकार, सिक्योरिटी इंफ्रास्ट्रक्चर को वर्तमान की तुलना में बेहतर तरीके से कंट्रोल और मैनेज किया जाना है। ट्रेडिशनल बैंकिंग सिक्योरिटी उपाय डिजिटल करेंसी सिक्योरिटी रखरखाव के लिए इसमें कटौती नहीं करने जा रहे हैं।

नुकसान 3 - क्रिप्टोक्यूरेंसी मूल्य और अस्थिरता

भारत में क्रिप्टोकरंसी ने युवा और बूढ़े निवेशकों के दिमाग में आशाजनक रिटर्न देने के ज्वलंत विचारों को अपने कब्जे में ले लिया है। जबकि कई निवेशक क्रिप्टोक्यूरेंसी की लहर की सवारी कर रहे हैं, ऐसे कई लोग हैं जो यह पता लगा रहे हैं कि क्रिप्टोक्यूरेंसी की कीमतें एक हद तक अस्थिरता के लिए प्रवण होती हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि क्रिप्टोक्यूरेंसी अपने जन्मजात मूल्य में कुछ कमी दर्शाती है, क्योंकि डिजिटल करेंसी किसी भी मूर्त संपत्ति से जुड़ी नहीं है।

नुकसान 4 - रेगुलेशन का अभाव

जब वॉरेन बफे ने क्रिप्टोकरंसी की कमियों पर जोर दिया, तो अनुभवी निवेशक ने इस मार्केट में एसेट को कंट्रोल करने वाले किसी भी रेगुलेटरी अथॉरिटी की कमी पर जोर दिया। किसी भी मैनेजमेंट की स्पष्ट कमी के कारण, बफे ने जिस शब्द का इस्तेमाल किया, उसे उद्धृत करने के लिए सिस्टम "इम्पोड" करने के लिए बाध्य है। आप अंतर्निहित तकनीक को पूर्ण कर सकते हैं, लेकिन जब तक कोई नियामक संस्था क्रिप्टोकरंसी को नहीं अपनाती है, तब तक हमेशा बड़ा जोखिम बना रहेगा।

नुकसान 5 - टेक्नोलॉजी बदलने की चिंता

भारत और दुनिया भर में क्रिप्टोकुरेंसी में व्यापार की विशेष तार्किक समस्याएं हैं। ये काफी हद तक उस तकनीक से जुड़े हैं जिसमें डिजिटल मुद्रा शामिल है। उदाहरण के लिए, जब क्रिप्टोक्यूरेंसी से संबंधित तकनीक को बदलने की आवश्यकता होती है, तो प्रोटोकॉल को बदलने की आवश्यकता होती है। यह एक थकाऊ प्रक्रिया हो सकती है और इसमें लंबा समय लगता है। इसलिए, नियमित परिचालन और कार्यात्मक प्रवाह बाधित हो सकता है और अतिरिक्त मुद्दों का कारण बन सकता है।

हिन्दी वार्ता

MS Excel in Hindi, Make money online, Finance in Hindi

क्रिप्टो करेंसी के नए बिल में मल्टी लेवल मार्केटिंग और चिट फ़ंड पर कसी जाएगी नकेल

New Crypto Currency Bill in India to stop MLM and Chit Fund in Crypto coin market

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) सहित नियामकों ने एक संसदीय पैनल के सामने इस बात को लेकर चिंता जताई है कि कैसे कुछ व्यक्तिगत निवेशक Cryptocurrency के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य छोटे शहरों में क्रिप्टो संपत्ति (Crypto) में निवेश (Invest) के लिए चिट फंड से मिलते-जुलते बिजनेस मॉडल के साथ पैसा इकट्ठा कर रहे हैं।

भारत में RBI और SEBI ने उन व्यक्तियों और क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों द्वारा शुरू की गई कई निवेश योजनाओं को लाल झंडी दिखाने की तैयारी कर ली है जो चिट फंड, बहु-स्तरीय विपणन (MLM Multi level marketing) और व्यवस्थित निवेश योजनाओं (SIP) के समान हैं। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में जोखिम भरी क्रिप्टो संपत्ति (Crypto Assets) खरीदने वाली आबादी की सुरक्षा के लिए RBI और SEBI यह कदम उठाने जा रहे हैं।

New Crypto Currency Bill in India to stop MLM and Chit Fund in Crypto coin market

आरबीआई ने बताया है कि कैसे कुछ भारतीयों Cryptocurrency के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य ने निर्यात सेवाओं के लिए क्रिप्टोकरेंसी भुगतान स्वीकार करना शुरू कर दिया है जो एक व्यापक प्रणालीगत जोखिम (systematic risk) पैदा कर रहा है।

केंद्रीय सांसदों के रिपोर्ट से परिचित एक व्यक्ति ने कहा, “यह देखा गया है कि कुछ व्यक्ति छोटे शहरों में जा रहे हैं और क्रिप्टोकरेंसी में शानदार रिटर्न के वादे के साथ मुख्य रूप से नकदी में लोगों से पैसे जुटा रहे हैं। यह बिना किसी ढांचे या नियमों के बिल्कुल चिट फंड की तरह है।”

नियामकों ने विशेष रूप से उत्तर प्रदेश और बिहार के आंतरिक इलाकों में ऐसे मामलों को चिह्नित किया है जहां क्रिप्टोकरेंसी में कथित निवेश के लिए सामूहिक निवेश योजनाएं या चिट फंड जारी किए गए हैं। क्रिप्टो एक्सचेंज ने भी केंद्रीय सांसदों के पैनल में प्रतिनिधित्व किया है। हालांकि इस मामले में सेबी और आरबीआई के अधिकारियों से टिप्पणी के लिए संपर्क नहीं किया जा सका है।

चिट फंड के अलावा, कुछ अनियमित संस्थाओं द्वारा MLM जैसी योजनाओं को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। क्रिप्टोकरेंसी रिसर्च फर्म क्रेबाको (CREBACO) के संस्थापक सिद्धार्थ सोगनी ने कहा, “भारत में, बहुत सारे घोटाले स्मार्ट अनुबंधों द्वारा संचालित होते हैं क्योंकि कोई भी अपना सिक्का लॉन्च कर सकता है और धन जुटा सकता है।”

“भारत में हर हफ्ते एक घोटाला होता है जहां धोखेबाज लोगों को एक ऐसी बहु-स्तरीय-विपणन (MLM multi level marketing scheme ) या सामूहिक निवेश योजना (collective Investment) में शामिल करने की कोशिश Cryptocurrency के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य कर रहे हैं जो लोगों को बहुत ज्यादा रिटर्न का वादा करता है।”

इसके अलावा, सरकार एक प्रारंभिक सिक्का पेशकश (Initial Coin Offering – ICO) के माध्यम से धन जुटाने का सिस्टम भी तैयार कर सकती हैं। ICO क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में IPO के समान ही है। CREBACO के सोगनी ने कहा, “अगर भारत में cryptocurrency को अनुमति मिलती है तो SEBI को ICO यानि Initial Coin Offering ) Cryptocurrency के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य को भी रेगुलेट करना चाहिए।

Cryptocurrency में पैसा लगाने की सोच रहे? तो पहले जानिए क्रिप्टोक्यूरेंसी में निवेश करने के नुकसान क्या है?

Disadvantages of Cryptocurrency: भारत में क्रिप्टोकरंसी ने युवा और बूढ़े निवेशकों के दिमाग में आशाजनक रिटर्न देने के ज्वलंत विचारों को अपने कब्जे में ले लिया है। लेकिन इसमें निवेश करने से आपको खामियाजा भी भुगतना पड़ सकता है। यहां ऐसे 5 कारण बताए गए है, जिस वजह से आपको क्रिप्टोक्यूरेंसी निवेश से दूर रहना चाहिए।

Disadvantages of Cryptocurrency in Hindi: दुनिया के महान निवेशक वॉरेन बफे जैसे सफल निवेशकों ने डिजिटल मुद्रा यानी क्रिप्टोक्यूरेंसी को 'अगला बुलबुला' के रूप में संदर्भित किया है। यह देखते हुए कि बुलबुले फूट रहे हैं, यह जानना महत्वपूर्ण है कि क्रिप्टोक्यूरेंसी में निवेश करने की कमियां (Disadvantages of Cryptocurrency) क्या हैं ताकि हम निवेश Cryptocurrency के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य के बारे में सोच-समझकर निर्णय ले सकें। यहां ऐसे 5 नुकसान बताए गए, जिस वजह से आपको भी Cryptocurrency में निवेश से सावधान रहना चाहिए।

नुकसान 1 - स्केलिंग समस्याएं

भारत और पूरी Cryptocurrency के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य दुनिया में क्रिप्टो करेंसी को लेकर काफी हाइप है। हालांकि, क्रिप्टोकरेंसी के बारे में सबसे बड़ी चिंताओं में से एक स्केलेबिलिटी से संबंधित है। यह अभी भी अन्य वित्तीय लेनदेन और संचालन जैसे मास्टरकार्ड या वीज़ा जैसे भुगतान आइकन की तुलना में उतना अधिक नहीं है। इसके अलावा, जिस गति से क्रिप्टो में लेन-देन किया जाता है, उसका मास्टरकार्ड और वीज़ा जैसे खिलाड़ियों के लिए कोई मुकाबला नहीं है। क्रिप्टोकुरेंसी में पैमाने की समस्याएं उनके इंफ्रास्ट्रक्चर में हैं और इस सेक्टर में इंडस्ट्री में सुधार के लिए बहुत जगह है।

नुकसान 2 - क्रिप्टो एक्सचेंज सिक्योरिटी

क्रिप्टोक्यूरेंसी डिजिटल टेक्नोलॉजी पर बहुत अधिक निर्भर करती है। इसके परिणामस्वरूप, यह साइबर सिक्योरिटी में उल्लंघनों के लिए खुला है। किसी भी क्रिप्टो एक्सचेंज से निपटने के बारे में कुछ चिंताओं में यह तथ्य है कि एकाउंट को हैक किया जा सकता है। कई ICO में हैकिंग की रिपोर्ट के साथ इसका पहले से ही जीवित प्रमाण है, जिसमें व्यक्तियों की लागत लाखों डॉलर है। इस प्रकार, सिक्योरिटी इंफ्रास्ट्रक्चर को वर्तमान की तुलना में बेहतर तरीके से कंट्रोल और मैनेज किया जाना है। ट्रेडिशनल बैंकिंग सिक्योरिटी उपाय डिजिटल करेंसी सिक्योरिटी रखरखाव के लिए इसमें कटौती नहीं करने जा रहे हैं।

नुकसान 3 - क्रिप्टोक्यूरेंसी मूल्य और अस्थिरता

भारत में क्रिप्टोकरंसी ने युवा और बूढ़े निवेशकों के दिमाग में आशाजनक रिटर्न देने के ज्वलंत विचारों को अपने कब्जे में ले लिया है। जबकि कई निवेशक क्रिप्टोक्यूरेंसी की लहर की सवारी कर रहे हैं, ऐसे कई लोग हैं जो यह पता लगा रहे हैं कि क्रिप्टोक्यूरेंसी की कीमतें एक हद तक अस्थिरता के लिए प्रवण होती हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि क्रिप्टोक्यूरेंसी अपने जन्मजात मूल्य में कुछ कमी दर्शाती है, क्योंकि डिजिटल करेंसी किसी भी मूर्त संपत्ति से जुड़ी नहीं है।

नुकसान 4 - रेगुलेशन का अभाव

जब वॉरेन बफे ने क्रिप्टोकरंसी की कमियों पर जोर दिया, तो अनुभवी निवेशक ने इस मार्केट में एसेट को कंट्रोल करने वाले किसी भी रेगुलेटरी अथॉरिटी की कमी पर जोर दिया। किसी भी मैनेजमेंट की स्पष्ट कमी के कारण, बफे ने जिस शब्द का इस्तेमाल किया, उसे उद्धृत करने के लिए सिस्टम "इम्पोड" करने के लिए बाध्य है। आप अंतर्निहित तकनीक को पूर्ण कर सकते हैं, लेकिन जब तक कोई नियामक संस्था क्रिप्टोकरंसी को नहीं अपनाती है, तब तक हमेशा बड़ा जोखिम बना रहेगा।

नुकसान 5 - टेक्नोलॉजी बदलने की चिंता

भारत और दुनिया भर में क्रिप्टोकुरेंसी में व्यापार की विशेष तार्किक समस्याएं हैं। ये काफी हद तक उस तकनीक से जुड़े हैं जिसमें डिजिटल मुद्रा शामिल है। उदाहरण के लिए, जब क्रिप्टोक्यूरेंसी से संबंधित तकनीक को बदलने की आवश्यकता होती है, तो प्रोटोकॉल को बदलने की आवश्यकता होती है। यह एक थकाऊ प्रक्रिया हो सकती है और इसमें लंबा समय लगता है। इसलिए, नियमित परिचालन और कार्यात्मक प्रवाह बाधित हो सकता है और अतिरिक्त मुद्दों का कारण बन सकता है।

सामयिक - 30 June 2021

डेमोक्रेसी 11: जी-7 और अतिथि देशों द्वारा 'खुले समाज' (Open Societies) को लेकर एक संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर किये गए, जो ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हेतु मूल्यों की पुष्टि करता है, जो लोकतंत्र की रक्षा करता है और लोगों को भय और दमन से मुक्त रहने में मदद करता है।

  • संयुक्त बयान पर जी -7 देशों और भारत, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका द्वारा हस्ताक्षर किए गए, मेजबान ब्रिटिश प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन ने इन्हें 'डेमोक्रेसीज 11' (Democracies 11) नाम दिया है।

कार्बिज बे घोषणा: भविष्य की महामारियों को रोकने के उद्देश्य से जी-7 देशों ने ‘कार्बिज बे’ घोषणा (Carbis Bay Declaration) पर हस्ताक्षर किये।

  • इसके तहत, यूनाइटेड किंगडम जानवरों से मनुष्यों में फैलने वाले जूनोटिक रोगों को रोकने के लिए टीके विकसित करने के लिए एक नया केंद्र स्थापित करेगा।

अन्य तथ्य: जी- 7 देशों द्वारा 2030 तक जैव-विविधता के नुकसान को रोकने और इसकी भरपाई के वैश्विक मिशन के लिए प्रतिबद्धता तथा 2030 तक वैश्विक भूमि के कम से कम 30% और वैश्विक महासागर के कम से कम 30% के सुरक्षा या संरक्षण के लिए नए वैश्विक लक्ष्यों का समर्थन करने की प्रतिबद्धता भी की गई है।

अल सल्वाडोर बिटकॉइन को कानूनी मान्यता देने वाला दुनिया का पहला देश

9 जून, 2021 को मध्य अमेरिका में एक छोटा तटीय देश अल सल्वाडोर (El Salvador) औपचारिक रूप से बिटकॉइन (Bitcoin) को कानूनी रूप से वैध मुद्रा के रूप में अपनाने वाला पहला देश बन गया है।

महत्वपूर्ण तथ्य: बिटकॉइन को वैध बनाने संबंधी प्रस्ताव राष्ट्रपति नायिब बुकेले द्वारा रखा गया था, जिसे कांग्रेस द्वारा मंजूरी दे दी गयी। बिटकॉइन कानूनी तौर पर 7 सितंबर, 2021 से प्रभावी होगा तथा इसका उपयोग वैकल्पिक होगा।

  • बिटकॉइन की सहायता से विदेशों में रहने वाले अल सल्वाडोर के नागरिक, प्रेषण (remittance) आसानी से घर भेज सकते हैं। अमेरिकी डॉलर भी अल सल्वाडोर में कानूनी मुद्रा के रूप में जारी रहेगा।

क्रिप्टोकरेंसी: एक क्रिप्टोकरेंसी कम्प्यूटरीकृत डेटाबेस पर संग्रहीत एक डिजिटल परिसंपत्ति है।

  • इन डिजिटल सिक्कों को सुरक्षित रखने के लिए मजबूत कूटलेखन (cryptography) का उपयोग करके डिजिटल लेजर या बही खाते में दर्ज किया जाता है। बही खाते को विश्व स्तर पर वितरित किया जाता है, और क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग करके किए गए प्रत्येक लेनदेन को ब्लॉक के रूप में संहिताबद्ध (codified) किया जाता है और एक दूसरे को जोड़ने वाले कई ब्लॉक वितरित लेजर पर एक ब्लॉकचेन बनाते हैं।
  • क्रिप्टोकरेंसी 'माइनिंग' (mining) नामक एक प्रक्रिया के माध्यम से तैयार की जाती है।

बिटकॉइन: यह विकेन्द्रीकृत डिजिटल मुद्रा है, जिसमें केंद्रीय बैंक या एकल प्रशासक का अभाव है। बिटकॉइन सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी या डिजिटल सिक्का है।

भरितलासुकस तपनी

भारतीय सांख्यिकी संस्थान, कोलकाता में संग्रहीत जीवाश्म नमूनों में से कुछ का अध्ययन करके, एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने एक मांसाहारी सरीसृप पर प्रकाश डाला है, जो 240 मिलियन वर्ष पहले अस्तित्व में था। उन्होंने इसका नाम 'भरितलासुकस तपनी' (Bharitalasuchus tapani) रखा है।

महत्वपूर्ण तथ्य: 20वीं शताब्दी के मध्य में, भारतीय सांख्यिकी संस्थान, कोलकाता के शोधकर्ताओं ने येरापल्ली संरचना की चट्टानों (वर्तमान तेलंगाना में) पर व्यापक अध्ययन किया था, जिसमें कई जीवाश्मों को अध्ययन किया गया था।

  • तेलुगु भाषा में, 'भरि' का अर्थ है विशाल, 'तला' का अर्थ है सिर और 'सुकस' मिस्र के मगरमच्छ के सिर वाले देवता का नाम है।
  • प्रजाति का नाम येरापल्ली संरचना के चार पैर वाले जीवों पर व्यापक कार्य के सम्मान में जीवाश्म विज्ञानी 'तपन रॉय चौधरी' के नाम पर रखा गया है।
  • यह सरीसृप 'एरिथ्रोसुकिडाइ' (Erythrosuchidae) नामक विलुप्त सरीसृपों के परिवार से संबंधित था।
  • भरितलासुकस तपनी बड़े सिर और बड़े दांतों वाले मजबूत जानवर थे, वे लगभग एक वयस्क नर शेर के आकार के थे और अपने पारिस्थितिक तंत्र में संभवत: सबसे बड़े Cryptocurrency के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य परभक्षी (predators) थे।
  • 1905 में दक्षिण अफ्रीका में पहले एरिथ्रोसुकिडाइ अवशेष खोजे गए थे और उसके बाद चीन और रूस में पाए गए थे। दक्षिण अफ्रीकी अवशेष लगभग 245 मिलियन वर्ष पुराना है, जबकि चीन और रूस का अवशेष लगभग 240 मिलियन वर्ष पुराना है। एरिथ्रोसुकिडाइ का भारतीय अवशेष सबसे नवोदित जीवाश्म रिकॉर्ड (youngest fossil records) में से एक है।

भारत का प्रथम स्वदेशी विमानवाहक पोत अगले साल तक होगा कमीशन

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 25 जून, 2021 को कोच्चि में भारत के प्रथम स्वदेशी विमानवाहक पोत के निर्माण कार्य की प्रगति की समीक्षा की। इसे 2022 की पहली छमाही में ‘आईएनएस विक्रांत’ के रूप में नौसेना में कमीशन किया जाएगा।

महत्वपूर्ण तथ्य: यह विमानवाहक पोत मिग-29के लड़ाकू विमान (MiG-29K fighter aircraft), कामोव-31 एयर अर्ली वार्निंग हेलीकॉप्टरों (Kamov-31 Air Early Warning Helicopters) का संचालन करेगा।

रेटिंग: 4.47
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 522