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विदेशी मुद्रा परिचालन

एसआईटीबी में विदेशी मुद्रा डीलिंग डेस्क, सभी आधुनिक संचार सुविधाओं, रिउटरस स्वचालित-डीलिंग प्रणाली के माध्यम से अपनी सभी अधिकृत शाखाओं के साथ विदेशी मुद्रा लेनदेन के लिए ऑनलाइन भाव प्रदान करता है.

बैंक निर्यात और आयात के व्यापार में लगे हुए अपने ग्राहकों की विदेशी मुद्रा की आवश्यकताओं को पूरा करता है और एसआईटीबी सभी विश्व की प्रमुख मुद्राओं जैसे अमेरिकी डॉलर ($), स्टर्लिंग पाउंड, यूरो, स्विस फ्रैंक (स्विस फ्रैंक), जापानी येन और अन्य विदेशी मुद्राओं के रूपांतरण के लिए दरें प्रदान करता है. बैंक के ग्राहकों की सेवाओं में विभिन्न डेरिवेटिव उत्पाद और फॉरवर्ड कवर उपलब्ध कराने के द्वारा विदेशी मुद्रा जोखिम की हेजिंग शामिल हैं.

अपनी अधिकतर विदेशी शाखाएं उन स्थानों पर स्थित होने के कारण जहां अधिक मात्रा में अनिवासी भारतीय रह रहे हैं, बैंक अपने एनआरआई ग्राहकों को तुरंत और कुशलतापूर्वक अपने उत्पाद वितरित करने की स्थिति में है. उत्पाद की रेंज में प्रेषण सुविधाएं और भारतीय रुपए (एनआरई/एनआरओ) में जमा राशि की स्वीकृति के साथ नामित विदेशी मुद्राओं (एफसीएनआर) शामिल हैं. निवासी के साथ साथ भारत लौटने वाले भारतीय निवासी विदेशी मुद्रा खातों (आरएफसी) का लाभ उठा सकते हैं.

ट्रेजरी (विदेशी मुद्रा) उत्पाद के मामले में सहायता के लिए आप एसआईटीबी, मुंबई में हमारे निम्नलिखित प्रभारियों से संपर्क कर सकते है.

रूस ने भारत के साथ राष्ट्रीय मुद्राओं में व्यापार तेज करने के संकेत दिए

नयी दिल्ली, एक अप्रैल (भाषा) रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने शुक्रवार को कहा कि रूस ने पश्चिमी प्रतिबंधों से संबंधित बाधाओं को दूर करने के लिए भारत और अपने अन्य भागीदारों के साथ राष्ट्रीय मुद्राओं में व्यापार करने की दिशा में आगे बढ़ना शुरू कर दिया है। उन्होंने द्विपक्षीय रणनीतिक संबंधों की गति को जारी रखने का संकल्प लिया। लावरोव ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ व्यापक बातचीत के बाद यह टिप्पणी की। दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच हुई इस बैठक में रूस-यूक्रेन संघर्ष और मॉस्को एवं नयी दिल्ली के संबंधों के लिए इसकी जटिलताओं को

लावरोव ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ व्यापक बातचीत के बाद यह टिप्पणी की। दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच हुई इस बैठक में रूस-यूक्रेन संघर्ष और मॉस्को एवं नयी दिल्ली के संबंधों के लिए इसकी जटिलताओं को लेकर चर्चा हुई।

अमेरिका द्वारा रूस के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंधों को "विफल करने" के प्रयासों के परिणाम भुगतने की चेतावनी दिए जाने के एक दिन बाद यह वार्ता हुई है।

पत्रकारों के एक चुनिंदा समूह के साथ ब्रीफिंग में यह पूछे जाने पर कि क्या रूस और यूक्रेन के बीच क्या भारत में मुद्राओं का व्यापार अवैध है? संघर्ष को कम करने में भारत मदद कर सकता है, लावरोव ने कहा कि अगर भारत अंतरराष्ट्रीय समस्याओं के प्रति अपने "न्यायसंगत और तर्कसंगत दृष्टिकोण" के साथ ऐसी प्रक्रिया का समर्थन करना चाहता है, तो कोई भी इसके खिलाफ नहीं होगा।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उन्होंने भारत से इस बारे में कुछ नहीं सुना है।

इस सवाल पर कि क्या बातचीत में रूबल-रुपया भुगतान प्रणाली पर चर्चा की गई, लावरोव ने कहा कि भारत और चीन जैसे देशों के साथ व्यापार के लिए ऐसी व्यवस्था कई साल पहले शुरू की गई थी और पश्चिमी भुगतान प्रणालियों को दरकिनार करने के प्रयास अब तेज किए जाएंगे।

लावरोव ने कहा, "मुझे याद है कि कई साल पहले हमने भारत, चीन (और) कई अन्य देशों के साथ अपने संबंधों में डॉलर और यूरो के उपयोग से राष्ट्रीय मुद्राओं के अधिक से अधिक उपयोग की ओर बढ़ना शुरू किया था। वर्तमान परिस्थितियों में, मुझे विश्वास है कि यह प्रवृत्ति तेज होगी जो स्वाभाविक और स्पष्ट है।"

उन्होंने कहा, "हम ऐसी व्यवस्था पर निर्भर नहीं रहना चाहते जो कभी भी बंद हो जाए और हम ऐसी व्यवस्था पर निर्भर नहीं रहना चाहते जिसके मालिक रातों-रात आपका पैसा चुरा सकें।"

रूसी विदेश मंत्री ने पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद द्विपक्षीय व्यापार की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए भारत और रूस के संबंधित मंत्रालयों के बीच "बहुत अच्छे संबंधों" के बारे में बात की।

उन्होंने कहा, "हमारे व्यापार मंत्रालयों, वित्त मंत्रालयों के बीच बहुत अच्छे संबंध हैं, और मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि पश्चिम द्वारा उत्पन्न किए जाने वाले अवैध और एकतरफा प्रतिबंधों जैसी कृत्रिम बाधाओं को दूर करने के लिए एक रास्ता खोजा जाएगा।"

उन्होंने कहा, "यह सैन्य-तकनीकी सहयोग के क्षेत्र से भी संबंधित है। हमें इसमें कोई संदेह नहीं है कि समाधान मिल जाएगा और संबंधित मंत्रालय इस पर काम कर रहे हैं।"

यह पूछे जाने पर कि क्या रूस से बड़ी मात्रा में कच्चे तेल की खरीद के लिए भारत की इच्छा पर चर्चा की गई, लावरोव ने कहा, "हम भारत को किसी भी सामान की आपूर्ति करने के लिए तैयार होंगे जो भारत खरीदना चाहता है।"

रूसी विदेश मंत्री ने संघर्ष पर भारत की स्थिति की भी सराहना की और कहा कि अधिकतर देश समझते हैं कि क्या हो रहा है और संकट का मूल कारण क्या है।

उन्होंने कहा, "पश्चिमी सहयोगियों ने इन दिनों अपना असली चेहरा उजागर किया है और मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि अधिकतर देश समझ रहे हैं कि क्या हो रहा है।"

लावरोव ने कहा कि प्रतिबंधों के बावजूद रूस भारत के साथ व्यापार के प्रवाह को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा, "पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंधों पर निर्णय लेना हमारे लिए एक स्वाभाविक मार्ग है। इस तरह की अनुचित प्रतिक्रिया के संदर्भ में, हमें इस दिशा में निष्पक्ष और स्वाभाविक रूप से काम करना होगा, व्यापार और आर्थिक क्षेत्रों में काम करना होगा।’’

लावरोव कहा, "यह कोई कल की बात नहीं है, बल्कि कई साल से हम पश्चिमी प्रतिबंधों से निपट रहे हैं और हमें इन परिस्थितियों में जीने का अनुभव है तथा हम ठीक हैं और हमारे साथी भी इसमें ठीक हैं।"

लावरोव ने कहा कि वार्ता कई दशकों में भारत के साथ विकसित संबंधों से प्रेरित है और क्या भारत में मुद्राओं का व्यापार अवैध है? दोनों पक्षों के बीच विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी है।

उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि भारत की विदेश नीति स्वतंत्रता और वास्तविक राष्ट्रीय वैध हितों पर ध्यान केंद्रित करने से प्रेरित है।"

लावरोव ने कहा कि रूस क्षेत्र के देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने और दक्षिण एशिया में पारस्परिक रूप से लाभकारी दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के भारत के प्रयासों का समर्थन करता है।

कई अन्य प्रमुख देशों के विपरीत, भारत ने अभी तक यूक्रेन पर आक्रमण के लिए रूस की आलोचना नहीं की है और उसने संयुक्त राष्ट्र के मंचों पर रूस की निंदा करने वाले प्रस्तावों पर वोट देने से परहेज किया है।

भारत कूटनीति और बातचीत के जरिए संकट के समाधान के लिए जोर देता रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 फरवरी, दो मार्च और सात मार्च को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ फोन पर बातचीत की थी।

मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से भी दो बार बात की थी।

पिछले हफ्ते, जयशंकर ने संसद में कहा था कि यूक्रेन संघर्ष पर भारत की स्थिति "दृढ़ और सुसंगत" रही है तथा वह हिंसा को तत्काल समाप्त करने की मांग करता रहा है।

आरबीआई ने जारी की अलर्ट लिस्ट: इन 34 फॉरेक्स क्या भारत में मुद्राओं का व्यापार अवैध है? ट्रेडिंग ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को अवैध घोषित किया

आरबीआई ने 34 विदेशी मुद्रा व्यापार ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की लिस्ट जारी की है. लिस्ट जारी करते हुए आीबीआई ने कहा है कि कोई भी अनधिकृत ईटीपी पर विदेशी मुद्रा लेनदेन न करें

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gnttv.com

  • नई दिल्ली,
  • 11 सितंबर 2022,
  • (Updated 11 सितंबर 2022, 2:22 PM IST)

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अनाधिकृत इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (ETPs) से विदेशी मुद्रा लेनदेन को लेकर चेतावनी दी है. आरबीआई ने उन संस्थाओं की एक 'अलर्ट लिस्ट' जारी की है. जो न तो विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (फेमा) के तहत विदेशी मुद्रा में सौदा करने के लिए अधिकृत हैं और न ही अपनी वेबसाइट पर विदेशी मुद्रा लेनदेन के लिए इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म संचालित करने के लिए अधिकृत हैं.

एक विज्ञप्ति में, केंद्रीय बैंक ने कहा कि जारी की गई 'अलर्ट सूची' में ऐसी कंपनियों के नाम है जो आरबीआई द्वारा अधिकृत नहीं हैं. आरबीआई ने बताया कि फेमा के तहत केवल अधिकृत व्यक्तियों के साथ और कुछ उद्देश्यों के लिए ही विदेशी मुद्रा लेनदेन कर सकते हैं. सभी कंपनियों को केवल आरबीआई या मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों जैसे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनएसई), बीएसई लिमिटेड और मेट्रोपॉलिटन स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड की तरफ से विदेशी मुद्रा में सौदा अधिकृत ईटीपी पर ही किया जाना चाहिए.

आरबीआई ने कहा कि जनता को एक बार फिर आगाह किया जाता है कि वे अनधिकृत ईटीपी पर विदेशी मुद्रा लेनदेन न करें या इस तरह के अनधिकृत लेनदेन के लिए क्या भारत में मुद्राओं का व्यापार अवैध है? धन जमा / जमा न करें. आरबीआई की तरफ से प्रतिबंधित 34 विदेशी मुद्रा व्यापार ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की पूरी लिस्ट यहां दी गई है.

फेमा के तहत अनुमत उद्देश्यों के अलावा या आरबीआई की तरफ से अधिकृत नहीं किए गए ईटीपी पर विदेशी मुद्रा लेनदेन करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

रूस ने कहा, कच्चे तेल को लेकर भारत पर भड़क रहे पश्चिम देश अपने गिरेबां में झांकें

भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव का कहना है कि पश्चिमी देश खुद रूस का तेल और गैस खरीद रहे हैं जबकि भारत की आलोचना करने पर तुले हैं. ऐसा करना पश्चिमी देशों के असैद्धांतिक रुख और उनके दोहरे मापदंड को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि इस साल के शुरुआती छह महीनों में दोनों देशों के बीच व्यापार 11.1 अरब डॉलर रहा जबकि 2021 में दोनों देशों के बीच व्यापार लगभग 13 अरब डॉलर था.

भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 29 अगस्त 2022,
  • (अपडेटेड 29 अगस्त 2022, 1:06 PM IST)

रूस का कच्चा तेल खरीदने पर पश्चिमी देश लगातार भारत की आलोचना कर रहे हैं. ऐसे में रूस ने भारत का बचाव करते हुए पश्चिमी देशों को खरी-खोटी सुनाई है. भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव का कहना है कि ऐसा करना पश्चिमी देशों के असैद्धांतिक रुख और उनके दोहरे मापदंड को दर्शाता है क्योंकि ये देश खुद अपने अवैध प्रतिबंधों से छूट पाकर रूस का तेल और गैस खरीद रहे हैं.

उन्होंने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा कि भारत और रूस के बीच व्यापार तेजी से बढ़ा है. दोनों पक्ष के बीच भुगतान की कई प्रणालियां है. एशिया और मिडिल ईस्ट में कुछ साझेदारों के साथ किसी तीसरे देश की मुद्राओं का इस्तेमाल करने भी एक विकल्प है. ऐतिहासिक रूप से रूस पेट्रोल और डीजल के लिए भारत का सबसे प्रमुख स्रोत नहीं रहा है लेकिन पश्चिमी देशों की आपत्ति के बावजूद बीते कुछ महीनों में भारत ने रूस से रियायती दरों पर कच्चा तेल खरीदा है.

अलीपोव ने कहा, भारत की आलोचना करने वाले पश्चिमी देश न सिर्फ इस तथ्य पर चुप्पी साधे हुए हैं कि वे खुद को अपने अवैध प्रतिबंधों से छूट देकर सक्रिय रूप से रूस का तेल और गैस खरीद रहे हैं. ऐसा कर वे अपने असैद्धांतिक रुख और दोहरे मापदंड को स्पष्ट रूप से उजागर कर रहे हैं.

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राजदूत ने कहा कि सत्ता के लिए अमेरिका की महत्वकांक्षाओं के तुष्टीकरण के लिए यूरोप ने अपनी स्वतंत्र आवाज को पूरी तरह से खो दिया है. यूरोप अब बाकी दुनिया के लिए तेल और गैस की कीमतों में इजाफा कर अपने आर्थिक लाभ को जारी रखने की कोशिश कर रहा है.

उन्होंने यह भी कहा कि रूस पर पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों का भारत, रूस व्यापार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है. अलीपोव ने कहा कि इस साल के शुरुआती छह महीनों में दोनों देशों के बीच व्यापार 11.1 अरब डॉलर रहा जबकि 2021 में दोनों देशों के बीच व्यापार लगभग 13 अरब डॉलर था.

उन्होंने कहा, हमारे पास इस पर विश्वास करने के हरसंभव कारण हैं कि इस साल के अंत तक दोनों देशों के बीच व्यापार का ऐतिहासिक रिकॉर्ड होगा. यह बड़े पैमाने पर हाइड्रोकार्बन की सप्लाई की वजह से नहीं है , जिसकी सप्लाई 10 गुना से अधिक बढ़ी है.

अलीपोव ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार की भुगतान प्रणालियों (Payment Systems) का उल्लेख करते हुए कहा कि इनमें से एक राष्ट्रीय मुद्राओं का इस्तेमाल करना है. हाल के वर्षों में राष्ट्रीय मुद्राओं में व्यापार 40 फीसदी से अधिक बढ़ा है.

अलीपोव ने कहा, हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक विशेष सर्कुलर जारी कर भारतीय रुपये में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के इस्तेमाल की बात कही थी. उन्होंने कहा कि रूस की जिन कंपनियों और बैंकों पर प्रतिबंध नहीं लगाए गए हैं, वे अमेरिकी डॉलर और यूरो का इस्तेमाल कर कारोबार कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि रूस पर पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के दुष्प्रभावों का राजनीतिक और आर्थिक तौर पर गलत आकलन किया गया है. ईंधन और खाद्य सामग्रियों की कीमत बढ़ने से दुनियाभर में महंगाई बढ़ी है और विकसित देशों पर भी मंदी क्या भारत में मुद्राओं का व्यापार अवैध है? के बादल मंडरा रहे हैं.

रूस से तेल खरीदने के भारत के फैसले के बार में अलीपोव ने कहा कि भारत ने लगातार कहा है कि वह राष्ट्रीय हित में ऐसा कर रहा है. भारत का यह फैसला लगातार बढ़ रही भारतीय अर्थव्यवस्था और इसके लोगों की भलाई की जरुरतों को दर्शाती हैं.

यूक्रेन संकट को लेकर भारत के रुख के बारे में पूछने पर राजदूत अलीपोव ने कहा कि रूस, भारत के रुख का सम्मान और इसकी सराहना करता है. यूक्रेन संकट को लेकर भारत का रुख अंतर्राष्ट्रीय कानून की नींव और राष्ट्रीय हितों के रणनीतिक विजन पर आधारित है.

उन्होंने कहा कि भारत के साथ रूस की रणनीतिक क्या भारत में मुद्राओं का व्यापार अवैध है? साझेदारी की विशेषता यह है कि यह किसी के खिलाफ नहीं है. बता दें कि यूक्रेन पर रूस के हमले को लेकर भारत ने तटस्थ रुख अपनाया है और उसने रूस की आलोचना नहीं की.

ईडी ने अवैध ऑनलाइन विदेशी मुद्रा व्यापार के लिए OctaFX से संबंधित 21 करोड़ रुपये से अधिक के खातों को फ्रीज क्या भारत में मुद्राओं का व्यापार अवैध है? किया

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कई बैंक खातों को सील कर दिया है। ऑनलाइन विदेशी मुद्रा (विदेशी मुद्रा) व्यापार में अवैध रूप से लिप्त होने के लिए मेसर्स OctaFX और संबंधित संस्थाओं से संबंधित 21.14 करोड़ शेष।

इससे पहले, ईडी ने अंतरराष्ट्रीय दलालों, अर्थात् OctaFx ट्रेडिंग ऐप और वेबसाइट www.octafx.com के माध्यम से अवैध ऑनलाइन विदेशी मुद्रा व्यापार के लिए मेसर्स OctaFX इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और संबंधित कंपनियों के विभिन्न परिसरों में तलाशी ली थी।

विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत अधिकारियों द्वारा की गई जांच के अनुसार, उपरोक्त ऑनलाइन ट्रेडिंग ऐप और वेबसाइट भारत में मेसर्स ऑक्टाएफएक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से काम कर रही हैं। लिमिटेड फॉरेक्स ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म, जिसे सोशल नेटवर्किंग साइटों पर व्यापक रूप से प्रचारित किया जा रहा है, उपयोगकर्ताओं को अपने प्लेटफॉर्म पर आकर्षित करने के लिए रेफरल-आधारित प्रोत्साहन मॉडल का पालन कर रहा है।

यह देखा गया है कि मुख्य रूप से यूपीआई/स्थानीय बैंक हस्तांतरण के माध्यम से उपयोगकर्ताओं से एकत्रित धन को विभिन्न नकली संस्थाओं के बैंक खातों में डाला जाता है और लेयरिंग के उद्देश्य से घरेलू स्तर पर अन्य बैंकों में स्थानांतरित किया जाता है। लेयरिंग जटिल वित्तीय लेनदेन की परतों के उपयोग के माध्यम से आपराधिक गतिविधि की आय को उनके मूल से अलग करने की प्रक्रिया है, जिससे धन को ट्रैक करने की प्रक्रिया को पूरा करना अधिक कठिन हो जाता है।

जांच के अनुसार, धन का उपयोग सीमा पार लेनदेन के लिए भी किया गया है। जांच में अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन विदेशी मुद्रा व्यापार दलालों और उनके भारतीय भागीदारों/एजेंटों के बीच सांठगांठ का भी पता चला है।

OctaFX ऐप और इसकी वेबसाइट को फॉरेक्स ट्रेडिंग में डील करने के लिए RBI द्वारा अधिकृत नहीं किया गया है। विदेशी मुद्रा व्यापार का संचालन और संचालन (किसी मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज पर नहीं किया जा रहा है) अवैध है और फेमा नियमों का भी उल्लंघन करता है।

जांच के दौरान, यह सामने आया कि विभिन्न भारतीय बैंकों के कई खाते निवेशकों/उपयोगकर्ताओं को OctaFX ट्रेडिंग ऐप और वेबसाइट पर फॉरेक्स ट्रेडिंग को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से फंड इकट्ठा करने के लिए दिखाए जा रहे थे। संचित धन को एक साथ कई ई-वॉलेट खातों जैसे नेटेलर, स्क्रिल या डमी संस्थाओं के बैंक खातों में स्थानांतरित कर दिया गया था।

इसके अलावा, यह भी सामने आया है कि ट्रेडिंग ऐप पर धोखाधड़ी की गई राशि का एक बड़ा हिस्सा मैसर्स ज़ानमाई लैब्स प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से क्रिप्टो मुद्राओं/संपत्तियों को खरीदने के लिए इस्तेमाल किया गया था।

मेसर्स ज़ानमाई लैब भारतीय रुपये में प्राप्त राशि को वज़ीरक्स वॉलेट में जमा करने के लिए बैंकिंग चैनल और एक पुल प्रदान कर रहा है, जिसने राशि को बिनेंस एक्सचेंज (केमैन द्वीप में उपयोग किया जाने वाला एक क्रिप्टो एक्सचेंज) में स्थानांतरित कर दिया, जिससे भारतीय मुद्रा के हस्तांतरण की सुविधा हुई। क्रिप्टो मुद्राओं के रूप में विदेशी संस्थाएं। आगे की जांच की जा रही है।

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