कम्पोजिशन स्कीम की सीमा बढ़ाकर 1.5 करोड़ रुपये कर दी है. नई कम्पोजिशन स्कीम 1 अप्रैल 2019 से लागू हो जाएगी. (Image: Reuters)

GST: छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत; दोगुनी हुई जीएसटी छूट की लिमिट, जानिए पूरी डिटेल

IN DETAIL: 133 तरह के सामानों में से 66 पर घटा GST, छोटे कारोबारियों होगा फायदा

नई दिल्ली: जीएसटी काउंसिल की बैठक में रविवार को चटनी, अचार, मुरब्बा, इंसुलिन, स्कूल बैग, कलरिंग बुक्स, नोटबुक्स, कटलरी, ट्रैक्टर के टायर, अगरबत्ती और 100 रुपए मूल्य तक के सिनेमा छोटे व्यापारियों के लिए जेटली की योजना समेत 66 सामानों पर जीएसटी की दरें घटा दी गई हैं. ऐसा इंडस्ट्री से पिछली मीटिंग में तय किए गए रेट्स को रिवाइज करने की सिफारिश के बाद किया गया है. जीएसटी यानी पूरे देश को एक बाजार बनाने वाली व्यवस्था वस्तु व सेवा कर पहली जुलाई से लागू होगी. मझौले और छोटे किस्म के कारोबारियों को राहत राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हुई इस बैठक में परिषद ने छोटे उत्पादकों, व्यापारियों और रेस्तरां परिचालकों को राहत देते हुए 75 लाख रुपए सालाना तक कारोबार करने वाले कारोबारियों को कंपोजिशन (एकमुश्त कर) योजना की सुविधा प्रदान की है. गौरतलब है कि जीएसटी परिषद ने अभी तीन जून को ही अपनी बैठक में करीब 1,200 तरह की वस्तुओं को जीएसटी की विभिन्न दरों के दायरे में समायोजित किया था और इसे लेकर कुछ उद्योगों ने संशोधन की मांग उठायी थी.

झारखंड : रघुवर सरकार ने छोटे कारोबारियों को दी बड़ी राहत, सलाना 40 लाख के टर्नओवर पर GST नहीं

झारखंड सरकार ने छोटे कारोबारियों को राहत देते हुए माल एंव सेवा कर ( जीएसटी) से छूट की सीमा को बढ़ाकर दोगुना कर दिया. इसकी जानकारी मुख्यमंत्री रघुवर दास ने ट्वीट कर दी.

जानकारी के अनुसार झारखंड के 80 हजार छोटे मध्यम व्यापारियों को अब जीएसटी नहीं भरना होगा. वे टैक्स के दायरे से बाहर हो जायेंगे. राज्य में जीएसटी के लिए रजिस्ट्रेशन की सीमा 20 लाख वार्षिक से बढ़ाकर 40 लाख कर दी गयी है. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बुधवार को समीक्षा बैठक कर वाणिज्यकर सचिव को इस संबंध में निर्देश दिया है.

झारखण्ड के 80 हजार छोटे एवं मध्यम व्यापारियों को अब #GST नहीं भरना होगा। राज्य में जीएसटी रजिस्ट्रेशन की सीमा 20 लाख वार्षिक से बढ़ाकर 40 लाख कर दी गयी है।

छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत: सलाना 40 लाख के टर्नओवर पर GST नहीं

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। छोटे कारोबारियों को राहत देते हुये माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने बृहस्पतिवार को जीएसटी से छूट की सीमा को बढ़ाकर दोगुना कर दिया। इसके अलावा कम्पोजिशन योजना का लाभ लेने की सीमा को भी बढ़ा दिया गया है।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संवाददाताओं से कहा कि जीएसटी परिषद ने छोटे कारोबारियों को जीएसटी से राहत देते हुये छूट सीमा को 20 लाख से बढ़ाकर 40 लाख रुपये वार्षिक कर दिया है जबकि पूर्वोत्तर राज्यों के लिए इसे बढ़ाकर 20 लाख रुपये किया गया है।

इसके अलावा जीएसटी कम्पोजिशन योजना का लाभ लेने की सीमा भी बढ़ाई गई है। इस योजना के तहत छोटे व्यापारियों और कंपनियों को उत्पादों के मूल्यवर्धन के बजाय अपने कारोबार के हिसाब से छोटे व्यापारियों के लिए जेटली की योजना मामूली दर पर कर देना होता है। कम्पोजिशन योजना के लिये निर्धारित सीमा को एक करोड़ रुपये से बढ़ाकर डेढ़ करोड़ रुपये कर दिया गया है।

भारत सरकार की योजनाएं-मुद्रा बैंक : प्रधान मंत्री मुद्रा योजना Gk ebooks

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने वादे के मुताबिक 8 अप्रैल 2015 को 20 हजार छोटे व्यापारियों के लिए जेटली की योजना करोड़ रुपए के कॉर्पस फंड और 3,000 करोड़ रुपए के क्रेडिट गारंटी कॉर्पस के साथ माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी लिमिटेड (मुद्रा) बैंक का उद्घाटन किया। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने 2015-16 के बजट भाषण में इसकी घोषणा की थी, जिसे धरातल पर उतारा गया है।

मुद्रा बैंक छोटे व्यापारियों के लिए जेटली की योजना किस तरह अर्थव्यवस्था में अंतर पैदा कर सकता है ?

ज्यादातर लोग, खासकर भारत के ग्रामीण और छोटे व्यापारियों के लिए जेटली की योजना दूरस्थ हिस्सों में रहने वाले, औपचारिक बैंकिंग प्रणाली के लाभों के दायरे से बाहर हैं। इस वजह से वे छोटे व्यापार शुरू करने या उन्हें बढ़ाने में मदद के लिए बीमा, कर्ज, उधार और अन्य वित्तीय उपकरणों तक पहुंच ही नहीं पाते। उधार के लिए ज्यादातर लोग स्थानीय साहूकारों पर निर्भर रहते हैं। कर्ज पर बहुत ज्यादा ब्याज चुकाना होता है। अक्सर परिस्थितयां असहनीय हो जाती हैं। इस वजह से पीढ़ियों तक यह गरीब लोग कर्ज के तले दबे रहते हैं। जब व्यापार में नाकामी हाथ लगती है तो यह साहूकार अपनी ताकत और अन्य अपमानजनक तरीकों से कर्ज लेने वालों का जीना दूभर कर देते हैं।

अंडर कंस्ट्रक्शन फ्लैट, लॉटरी पर मंत्री समूह

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि अंडर कंस्ट्रक्शन फ्लैट और मकान पर जीएसटी की दर घटाने का फैसला टाल दिया गया है. इसके लिए कमेटी बनाई गई है. जीएसटी काउंसिल में रीयल एस्टेट और लॉटरी पर जीएसटी को लेकर मतभेद सामने आने के बाद इसपर विचार करने के लिए लिये मंत्रियों का समूह बनाया गया है.

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