बायनेन्स और अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों पर टैक्स रिपोर्टिंग कैसे प्राप्त करें
टैक्स रिपोर्टिंग आपको अपनी क्रिप्टो गतिविधि पर नजर रखने की सुविधा देती है ताकि आप यह सुनिश्चित कर सकें कि आप अपने नियामक निकायों द्वारा निर्धारित रिपोर्टिंग आवश्यकताओं को पूरा कर रहे/रही हैं। बायनेन्स के साथ, अब आप हमारे टैक्स टूल फंक्शनलिटी से अपने सभी लेनदेन को ट्रैक और स्वचालित रूप से लेखांकन करने में सक्षम हैं।
अस्वीकरण: बायनेन्स टैक्स सलाह प्रदान नहीं करता है। देश के नियामक ढांचे के आधार पर, जब आप वस्तुओं का व्यापार करते/करती हैं, और इससे आपको पूंजीगत लाभ (या हानि) होती है, तो आपको टैक्स का भुगतान करना होगा। क्रिप्टो मुद्रा (क्रिप्टोकरेंसी) के टैक्स के लिए नियामक ढांचा अलग-अलग देशों में अलग-अलग है, इसलिए हम आपको दृढ़तापूर्वक सलाह देते हैं कि आप अपनी व्यक्तिगत टैक्स परिस्थितियों के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने व्यक्तिगत टैक्स सलाहकार से संपर्क करें।
API के माध्यम से टैक्स के लिए स्वचालित रूप से फाइल कैसे करें?
यदि आपको टैक्स फाइल करने और 1 वित्तीय वर्ष से अधिक के विवरण और लेनदेन रिकॉर्ड बनाने की आवश्यकता है,तो आप हमारे टैक्स टूल फंक्शनलिटी API का इस्तेमाल तीसरे पक्ष के टैक्स टूल वेंडर के जरिए अपने आप टैक्स फाइल करने के लिए कर सकते/सकती हैं।
कृपया ध्यान दें कि प्रत्येक उपयोगकर्ता केवल एक टैक्स रिपोर्ट API बना सकते हैं और टैक्स टूल फंक्शनलिटी केवल पठन एक्सेस को सपोर्ट करती है।
3. आपको टैक्स रिपोर्ट के लिए अपनी अनूठी API और गुप्त कुंजी प्राप्त होगी। आप कुंजी को बाद में तृतीय-पक्ष टैक्स विक्रेताओं पर एकीकृत करने के लिए कॉपी कर सकते/सकती हैं।
4. एक तृतीय-पक्ष टैक्स टूल चुनें (अर्थात कोइनली, बेयरटैक्स) जिसका आप उपयोग करना चाहते/चाहती हैं। हम एक उदाहरण के रूप में कोइनली का उपयोग करेंगे।
नोट: बायनेन्स किसी विशेष तृतीय-पक्ष टैक्स टूल सॉफ्टवेयर का समर्थन नहीं कर रहा है। गाइड और साथ में स्क्रीनशॉट केवल एक उदाहरण हैं। तृतीय-पक्ष टैक्स टूल का चयन करते समय कृपया अपने विवेक का इस्तेमाल करें और/या अपनी व्यक्तिगत टैक्स परिस्थितियों और आवश्यकताओं के आधार पर अपने व्यक्तिगत कर सलाहकार से परामर्श करें।
7. आप एक सेटअप बायनेन्स API पॉप अप देखेंगे/देखेंगी। बायनेन्स टैक्स रिपोर्ट API से प्राप्त अद्वितीय API कुंजी और गुप्त कुंजी दर्ज करें। फिर, [सुरक्षित आयात]पर क्लिक करें।
8. API कुंजी आपके लेनदेन इतिहास को स्वचालित रूप से डाउनलोड करेंगी और आपके डेटा को सिंक में रखेंगी। आपके टैक्स फॉर्म जल्द ही तैयार हो जाएंगे।
यदि आपको अपने क्रिप्टो मुद्रा (क्रिप्टोकरेंसी) निवेश के लिए टैक्स फाइल करने की आवश्यकता है, तो आप 3 महीने तक के लेनदेन रिकॉर्ड के साथ एक खाता विवरण तैयार कर सकते/सकती हैं। अधिक जानकारी के लिए, कृपया बायनेन्स खाता स्टेटमेंट कैसे जेनरेट करें देखें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
आपके द्वारा उपयोग किए जाने वाले तृतीय-पक्ष टैक्स टूल सॉफ्टवेयर के आधार पर, क्या आपको क्रिप्टो रखने के लिए टैक्स देना होगा वे आपसे अपनी सेवाओं के लिए शुल्क ले सकते हैं।
यह आपके देश की टैक्स लागू करने के नियमों पर निर्भर करता है। अधिक जानकारी के लिए, कृपया 2021 टैक्स गाइड देखें।
3. आपको टैक्स रिपोर्ट के लिए अपनी विशिष्ट API और गुप्त कुंजी प्राप्त होगी, जहां आप दोनों कुंजियों को तीसरे पक्ष के टैक्स विक्रेताओं पर एकीकृत करने के लिए कॉपी कर सकते/सकती हैं।
Cryptocurrency में निवेश से पहले न करें जल्दबाजी, जरूर याद रखें ये 10 बातें
Cryptocurrency Investment : क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों के बीच निवेश का एक पॉपुलर टूल बन गई हैं, लेकिन यह अब भी जबरदस्त उतार-चढ़ाव का शिकार होने वाला डिजिटल असेट है. ऐसे में इस बाजार में निवेश करने से पहले कुछ चीजें हैं जो जानना जरूरी है.
Cryptocurrency निवेश का पॉपुलर माध्यम बन चुकी हैं.
Cryptocurrency की दुनिया आज पिछले कुछ सालों के मुकाबले कहीं ज्यादा आम हो गई है. शंका, डर और अनिश्चितता के फेज़ से गुजरकर आज के वक्त में क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों के बीच निवेश का एक पॉपुलर टूल बन गई हैं. यहां तक कि इन्हें लेकर बड़ी कंपनियों में स्वीकार्यता भी बढ़ी है और पेमेंट के अल्टरनेट मोड में क्रिप्टोकरेंसी (payment in cryptocurrency) को स्वीकारा जाने लगा है. हालांकि, इस सबके बावजूद क्रिप्टोकरेंसी अब भी जबरदस्त उतार-चढ़ाव (highly volatile) का शिकार होने वाला डिजिटल असेट है. ऐसे में इस बाजार में निवेश करने से पहले कुछ चीजें हैं जो जान लीजिए और जिनके लिए खुद को तैयार कर लेना चाहिए.
1. गहरी रिसर्च जरूरी
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सबसे पहली बात है कि निवेश से पहले अपनी रिसर्च पक्की रखिए. पैसे-रुपयों के मामले में यह सबसे कॉमन बात है. कहीं भी पैसा लगाने से पहले आपको उस माध्यम की पूरी जानकारी होनी ही चाहिए. लेकिन क्रिप्टोकरेंसी के लिए यह और भी जरूरी है क्योंकि यह मार्केट अभी नया है और ट्रेडिशनल निवेश के माध्यमों या तरीकों से काफी अलग है. इसलिए अलग-अलग क्रिप्टोकरेंसी के बारे में जान लीजिए. ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को समझ लीजिए, जान लीजिए कि क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में कैसे क्या आपको क्रिप्टो रखने के लिए टैक्स देना होगा काम होता है.
2. हर इन्फॉर्मेशन को वेरिफाई करें
क्रिप्टोकरेंसी का मार्केट डिसेंट्रलाइज्ड मार्केट है और इसको कोई रेगुलेट भी नहीं करता. यानी कि इसको कोई एक संस्था या व्यक्ति कंट्रोल नहीं करता है, वहीं ट्रेडिशनल करेंसी की तरह कोई सरकार या सरकारी संस्था इसका नियमन भी नहीं देखती. यह पूरी तरह स्वतंत्र है. ऐसे में जवाबदेही आप पर ही आकर रुकती है. इसमें धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े का डर होता है. ऐसे में किसी की बात में न आएं, किसी स्कीम के चक्कर में तो बिल्कुल न पड़े. हर जानकारी किसी विश्वसनीय स्रोत से ही लें और वेरिफाई करें.
3. अपनी रिसर्च पर भरोसा करें
क्रिप्टोकरेंसी मार्केट को लेकर अकसर कहते हैं कि 'इस बारे में कोई कुछ नहीं जानता है.' हालांकि, फिर भी मार्केट में ढेरों मार्केट एनालिटिक्स, ट्रेंड एक्सपर्ट्स और सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर हैं, जो आपको क्रिप्टो मार्केट पर स्ट्रेटजी और टिप्स देते हुए मिलेंगे. लेकिन आपके लिए जरूरी है कि आप हर किसी की बात पर भरोसा न करें, अपनी रिसर्च को देखें और अपने पर्सनल फाइनेंस को देखते हुए स्ट्रेटजी बनाएं.
4. छोटे निवेश से शुरू करें
क्रिप्टो निवेश में शुरुआत करते वक्त ध्यान रखें कि शुरुआती चरण में एक ही क्रिप्टो के साथ स्टिक करें. इधर-उधर पैर फैलाने की कोशिश न करें. क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखा जाता है, ऐसे में यही स्मार्ट होगा कि आप छोटे निवेश से शुरू करें. एक ही क्रिप्टो में निवेश करें और मार्केट की चाल को सीखें. जब थोड़ा कॉन्फिडेंट हो जाएं तब अपना निवेश बढ़ाएं.
5. थोड़ा धैर्य रखें
क्रिप्टोकरेंसी मार्केट की वॉलेटिलिटी यानी अस्थिरता के बारे में जितना चेताया जाए, उतना कम है. ऐसे में यह जरूरी है कि आप थोड़ा धैर्य रखें. मार्केट की चाल अच्छी है या बुरी, बदल जाएगी. हमेशा ठंडे दिमाग से रणनीति के तहत फैसले लें.
6. एक नई ईमेल ID रखना बेहतर
क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग, क्रिप्टो एक्सचेंज पर या peer-to-peer नेटवर्क पर होती है. प्लेटफॉर्म्स पर ट्रेडिंग के लिए आपको ईमेल आईडी के जरिए अकाउंट खोलना पड़ता है. डेटा सुरक्षित रखने के लिए जरूरी है कि आप क्रिप्टो का अपना पूरा निवेश और ट्रेडिंग वगैरह एक दूसरे आईडी पर रखें. इसके लिए एक अलग ईमेल आईडी बना लें.
7. क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट्स के बारे में पता होना चाहिए
क्रिप्टोकरेंसी को ऑनलाइन और ऑफलाइन वॉलेट में स्टोर किया जा सकता है. नए निवेशकों के लिए ऑनलाइन वॉलेट बेस्ट होता है, हालांकि, इसमें हैकिंग का डर ज्यादा होता है. ऐसे में दोनों वॉलेट को अच्छी तरह समझ लें और जो फिट लगे, वो चूज़ करें.
8. मोबाइल वॉलेट में अपनी पूरी करेंसी स्टोर न करें
इसमें कोई दोराय नहीं है कि मोबाइल वॉलेट्स बहुत ही सुविधाजनक होते हैं, लेकिन इनका हैक होना भी बहुत आसान होता है. ऐसे में कभी भी अपनी पूरी क्रिप्टोकरेंसी मोबाइल वॉलेट में स्टोर न करें.
9. क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स को मत भूलें
चूंकि क्रिप्टोकरेंसी पर किसी संस्था का नियमन नहीं होता है, ऐसे में इससे होने वाले प्रॉफिट पर आपको भारी टैक्स देना पड़ सकता है. ऐसे में क्रिप्टोकरेंसी निवेश और टैक्स को लेकर देश में क्या नियम हैं, वो सब जानने के बाद ही निवेश शुरू करें.
10. जल्दबाजी न करें
क्रिप्टोकरेंसी मार्केट लुभावना माध्यम है और बहुत से लोग हर दिन इसमें निवेश और ट्रेडिंग के लिए जुड़ रहे हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि आप भी इसमें कूद जाएं. अपने फाइनेंस का आकलन कर लें, नियमों को अच्छे से जान लें. इसके बाद निवेश शुरू करें. और क्रिप्टो को लेकर खबरों पर भी नजर रखें कि कहीं कुछ बदलाव तो नहीं हो रहे.
Cryptocurrency Update : रिजर्व बैंक क्रिप्टो पर लगाना चाहता है प्रतिबंध, पढ़ें वित्तमंत्री ने क्या दिया जवाब?
क्रिप्टोकरेंसी को आरबीआई ने इकॉनमी के लिए खतरा बताया है.
सरकार ने एक बार फिर क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अपना रुख जता दिया है. सीतारमण ने संसद में कहा कि रिजर्व बैंक इस करेंसी पर प . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : July 18, 2022, 15:40 IST
हाइलाइट्स
बिना ग्लोबल व्यवस्था के क्रिप्टो को किसी सीमा के भीतर रोक पाना मुमकिन नहीं है.
संसद के मानसून सत्र में क्रिप्टो को लेकर सरकार बिल पेश कर सकती है.
सरकार संसद में बिल रखने से पहले परामर्श पत्र लेकर आएगी, जो मई में तैयार हो गया है.
नई दिल्ली. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर एक बार फिर सख्त बयान दिया है. उन्होंने संसद में कहा है कि क्रिप्टो पर प्रतिबंध लगाने के लिए दुनियाभर के देशों का सहयोग चाहिए.
वित्तमंत्री ने कहा, रिजर्व बैंक काफी समय से क्रिप्टो के खिलाफ रहा है. उसकी मंशा क्रिप्टो के खिलाफ सख्त नियम बनाने और इसे प्रतिबंधित करने की है. आरबीआई क्रिप्टोकरेंसी को मौद्रिक नीति और राजकोषीय स्थिरता के खतरा बता रहा है. उसने इस सेक्टर के लिए सरकार से कानून बनाने की सिफारिश की है और क्रिप्टो पर रोक लगाने की भी मांग की है. आरबीआई के सुझावों पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है.
प्रतिबंध लगाना चुनौतीपूर्ण काम
वित्तमंत्री ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी का सीमारहित व्यापार इस पर प्रतिबंध लगाने की राह में सबसे बड़ी बाधा है. लिहाजा इसके लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग बहुत जरूरी है. क्रिप्टो पर कोई कानून तभी प्रभावी हो सकता है जब इसे कॉमन टैक्सोनॉमी और स्टैंडर्ड के साथ सभी देशों का सहयोग प्राप्त हो. बिना ग्लोबल व्यवस्था के क्रिप्टो को किसी सीमा के भीतर रोक पाना मुमकिन नहीं है.
बिल पेश करने से पहले पेपर लाएगी सरकार
केंद्र सरकार क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कानून बनाना चाहती है और इस पर विचार विमर्श भी चल रहा है. ऐसा अनुमान है कि संसद के मानसून सत्र में क्रिप्टो को लेकर सरकार बिल पेश कर सकती है. हालांकि, अभी तक तैयार प्रस्तावित विधेयकों में इसका नाम नहीं है. माना जा रहा है कि सरकार संसद में बिल रखने से पहले परामर्श पत्र लेकर आएगी, जिससे क्रिप्टो को लेकर सरकार की मंशा भी स्पष्ट हो जाएगी. परामर्श पत्र जल्द जारी होने से सबकुछ सामने आ जाएगा.
उहापोह की स्थिति में है सरकार
अभी तक सरकार खुलकर क्रिप्टो को लेकर अपना रुख नहीं बता रही है. सरकार की उलझन ये है कि क्रिप्टो को फाइनेंशियल एसेट माना जाए या अन्य किसी कैटेगरी में रखा जाए. सरकार लंबे समय से क्रिप्टो पर किसी ग्लोबल एक्शन के पक्ष में रही है. हालांकि, इस बीच रिजर्व बैंक ने अपनी डिजिटल करेंसी लाने की घोषणा कर दी है. ऐसे में माना जा रहा है कि आरबीआई की करेंसी आने के बाद क्रिप्टो का वजूद खत्म हो जाएगा.
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वित्त मंत्री आज लोकसभा में पेश करेंगी फाइनेंस बिल संशोधन प्रस्ताव, Virtual Digital Assets पर जल्द ही आएगा अलग कानून
Finance Bill Amendment: क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स के नियमों में सरकार कोई ढील नहीं देना चाहती है. वित्त मंत्री आज फाइनेंस बिल में संशोधन को लेकर एक प्रस्ताव लोकसभा में पेश कर सकती हैं.
Finance Bill Amendment: क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स के नियमों को और कड़ा करते हुए सरकार ने गुरुवार को 'अन्य' वर्चुअल डिजिटल एसेट (VDA) के लाभ से किसी भी नुकसान को सेट-ऑफ नहीं करने की बात कही है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फाइनेंस बिल में संशोधन का यह प्रस्ताव गुरुवार को सदन में पेश किया.
क्रिप्टो पर टैक्स नियमों में की सख्ती
वित्त मंत्री सीतारमण शुक्रवार को फाइनेंस बिल से जुड़ा एक और प्रस्ताव सदन में पेश कर सकती हैं, जिसमें प्रस्ताव है कि क्रिप्टो एसेट और अन्य VDA की माइनिंग कॉस्ट या उनके ट्रांजैक्शन से होने वाले नुकसान के स्थान पर कोई टैक्स की कटौती या सेट-ऑफ उपलब्ध नहीं होगा. यह वित्त विधेयक, 2022 में प्रस्तावित 39 संशोधनों का हिस्सा है.
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फाइनेंस बिल में किया संशोधन का प्रस्ताव
लोकसभा में पेश किए गए फाइनेंस बिल,2022 में संशोधन के अनुसार, मिनिस्ट्री ने वर्चुअल डिजिटल एसेट में लाभ से होने वाले नुकसान की भरपाई से संबंधित खंड से 'अन्य' शब्द को हटाने का प्रस्ताव दिया है.
इसका मतलब यह होगा कि वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDA) के ट्रांजैक्शन से होने वाले नुकसान को दूसरे VDA के ट्रांजैक्शन से होने वाली आय के खिलाफ सेट-ऑफ करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
फाइनेंस बिल, क्या आपको क्रिप्टो रखने के लिए टैक्स देना होगा 2022 के अनुसार, VDA एक कोड या संख्या या टोकन हो सकता है जिसे इलेक्ट्रॉनिक रूप से स्थानांतरित, संग्रहीत या व्यापार किया जा सकता है.
बजट में क्रिप्टो पर लगा टैक्स
वीडीए में प्रचलित क्रिप्टोकरेंसी और अपूरणीय टोकन (NFT) शामिल होंगे, जिन्होंने पिछले कुछ वर्षों में लोकप्रियता हासिल की है. वित्त मंत्री ने 2022-23 के बजट में क्रिप्टो पर टैक्स लगाने के संबंध में स्पष्टता दी है.
1 अप्रैल, 2022 से क्रिप्टो से संबंधित ट्रांजैक्शन पर घुड़दौड़ या सट्टे की तरह 30 फीसदी टैक्स प्लस सेस और सरचार्ज भी लगाया जाएगा. साथ ही, वीडीए के हस्तांतरण से आय की गणना करते समय, किसी भी व्यय (अधिग्रहण की लागत के अलावा) या भत्ते के संबंध में कोई कटौती की अनुमति नहीं दी जाएगी.
इसके अलावा 1 जुलाई से एक वर्ष में 10,000 रुपये से अधिक की VDA के भुगतान और उपहारों के टैक्स और 1% TDS देय होगा. ऐसे लोगों जिनका TDS 50000 रुपये प्रति वर्ष हो आई-टी Act के तहत अपने खातों का ऑडिट कराना आवश्यक होगा.
विराग गुप्ता का कॉलम: क्रिप्टो संपत्ति नहीं है, यह सट्टेबाजी की तरह अवैध है, फिर टैक्स लगाकर इसे वैधता क्यों दी जा रही है?
सरकार व संसद के सामने क्रिप्टो का संकट बड़ा बन गया है। आम बजट में आभासी संपत्ति यानी क्रिप्टो और एनएफटी पर 30 फीसदी टैक्स लगाने के साथ सरकारी आभासी मुद्रा जारी करने की बात की गई है। बजट के बाद रिजर्व बैंक के गवर्नर ने क्रिप्टो को संपत्ति मानने से इंकार कर दिया तो फिर टैक्स लगाकर उसको वैधता देने की क्या तुक है?
बजट के बाद सीबीडीटी के मुखिया ने एक इंटरव्यू में कहा कि इनकम टैक्स विभाग पिछले 5 सालों से क्रिप्टो के कारोबार पर नजर रखे है। अगर सरकार को इसकी 5 सालों से जानकारी थी तो खरबों डॉलर के कारोबार पर टैक्स लगाने का सिस्टम क्यों नहीं बनाया गया? अब 30 फीसदी के टैक्स और एक फीसदी टीडीएस के कानून से क्रिप्टो के पुराने व्यापार को भी वैधता मिलने से कारोबारियों की मनमांगी मुराद पूरी हो गई।
इस मसले पर दो बड़े सवाल हैं? क्रिप्टो संपत्ति नहीं है, इसकी कोई वैल्यू नहीं है, यह पोंजी स्कीम व सट्टेबाजी की तरह अवैध है तो टैक्स लगाकर इसे वैधता क्यों दी जा रही है? दूसरा यदि सरकार ने इसे संपत्ति का दर्जा दे दिया है तो 50 फीसदी से ज्यादा संपत्ति कर लगाकर सरकारी खजाने की आमदनी क्यों नहीं बढ़ाई जाती? आम लोगों को आयकर के साथ वित्तीय लेनदेन और संपत्ति के हस्तांतरण पर जीएसटी देना पड़ता है।
भारत में डेढ़ करोड़ से ज्यादा लोग 458 क्रिप्टो एक्सचेंज के माध्यम से 17436 क्रिप्टो करेंसीज में खरबों डॉलर का सालाना कारोबार करते हैं। लेकिन उनसे जीएसटी वसूली का सिस्टम नहीं बना। क्रिप्टो के कई एक्सचेंजों के खिलाफ हवाला और मनी लांड्रिंग की प्रवर्तन निदेशालय जांच कर रहा है। लेकिन सरकार के पास ना तो कोई आंकड़ा है और ना ही कोई रेगुलेटरी हस्तक्षेप।
27 जुलाई 2021 को राज्यसभा में सुशील कुमार मोदी के सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा था कि सरकार के पास क्रिप्टो एक्सचेंज की अवैध गतिविधियों के बारे में कोई जानकारी नहीं है। पूर्वी दिल्ली नगर निगम के नए नियम के अनुसार शादी और धार्मिक शोभायात्रा में शामिल होने के लिए घोड़ागाड़ियों को लाइसेंस लेने के साथ तीसरे पक्ष का बीमा कराना भी जरूरी है।
लोगों की हिफाजत के लिए केंद्र सरकार ने वाहन कंपनियों को कार की सभी सीटों पर 3 पॉइंट सीट बेल्ट लगाने का आदेश दिया है। लेकिन खरबों डॉलर के क्रिप्टो कारोबार से अर्थव्यवस्था और निवेशकों को सुरक्षित रखने के लिए रजिस्ट्रेशन और नियमन की ठोस व्यवस्था नहीं बनाई गई है। उसके बजाय क्रिप्टो के धुरंधर कारोबारियों ने सेल्फ रेगुलेशन बनाकर देश के संविधान और गणतंत्र को ठेंगा दिखाने का काम किया है।
क्रिप्टो के खिलाफ कानून नहीं बनाने के पीछे दो बड़ी दलीलें दी जा रही हैं। पहला ब्लाॅकचेन टेक्नोलॉजी देश के लिए उपयोगी है। शिक्षा के साथ ई-गवर्नेंस, जीएसटी और मेडिकल क्षेत्रों में ब्लॉकचेन के इस्तेमाल के लिए नीति आयोग और आईटी मंत्रालय काम कर रहे हैं। लेकिन क्रिप्टो के नियमन या बैन करने से ब्लॉकचेन टेक्नॉलॉजी पर प्रतिबंध तो नहीं लग जाएगा।
कुछ लोग इंटरनेट की तर्ज पर क्रिप्टो की तरफदारी करते हैं लेकिन क्रिप्टो का कारोबार इंटरनेट की तरह पारदर्शी और जवाबदेह नहीं है। क्रिप्टो का नियमन नहीं करने के पक्ष में दूसरा तर्क है कि यह इंटरनेट आधारित मुद्रा या संपत्ति है। इसलिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को नियमन की पहल करना चाहिए। यह तर्क निराधार और गलत है। यूरोप और अमेरिका में नग्नता, वेश्यावृत्ति, सट्टेबाजी और शराब के विज्ञापन आदि कानूनी तौर पर वैध हैं।
इसके बावजूद भारत में उनके खिलाफ अनेक प्रतिबंध हैं। भारत एक सार्वभौमिक देश और संवैधानिक गणतंत्र है, जहां पर आयात, निर्यात और मुद्रा के लिए अनेक नियम-कानून बने हैं। देशवासियों और अर्थव्यवस्था के हित में क्रिप्टो के खिलाफ भारत को उचित नियमन और प्रतिबंध लगाने का पूरा हक है। उसके बावजूद डार्क नेट और ऑनलाइन से क्रिप्टो का व्यापार यदि हो तो उसके खिलाफ रिजर्व बैंक, आईटी मंत्रालय और प्रवर्तन निदेशालय को सख्त कदम उठाना होगा।
बजट में सरकार ने सरकारी डिजिटल मुद्रा जारी करने का ऐलान किया है। इसे जारी करने से पहले अनेक कानूनों में बदलाव भी करना होगा, जिसके बारे में रिजर्व बैंक या सरकार के पास कोई स्पष्टता या रोडमैप नहीं है। तकनीकी दृष्टि से देखें तो क्रिप्टो का विकेंद्रीकृत होना जरूरी है, इसलिए सरकार-नियंत्रित मुद्रा को क्रिप्टो नहीं कहा जा सकता। सरकारी आभासी मुद्रा लाने के पीछे अगर डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने का मकसद है तो उसके लिए यूपीआई, पेटीएम, गूगल-पे और फोन-पे खूब तरक्की कर रहे हैं।
वैसे भी सरकारी कर्मचारियों को अभी तक एनआईसी का सरकारी ईमेल नहीं मिला तो सरकार या रिजर्व बैंक डिजिटल करेंसी को कैसे मैनेज करेगी? सुप्रीम कोर्ट के जज खानविलकर ने पीएमएलए के हालिया मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि पैसा बिजली से तेज दौड़ता है, इसलिए धन शोधन के मामलों की तेज जांच होनी चाहिए। प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री, वित्त सचिव और आरएसएस प्रमुख आदि अलग-अलग प्लेटफार्म से क्रिप्टो को अर्थव्यवस्था के लिए खतरनाक बता चुके हैं।
बजट के बाद आरबीआई के डिप्टी गवर्नर ने तो पोंजी से खतरनाक बताते हुए क्रिप्टो पर प्रतिबंध लगाने की बात कही। तत्कालीन वित्त सचिव गर्ग ने 2019 में क्रिप्टो को बैन करने के लिए कानून का मसौदा भी बनाया था। फिर देश की अर्थव्यवस्था से क्या आपको क्रिप्टो रखने के लिए टैक्स देना होगा खिलवाड़ करने वाले क्रिप्टो को बैन नहीं करने के पीछे बहुमत की सरकार की क्या लाचारी हो सकती है?
बढ़ रही है मंदी और असमानता
टाइम मैगजीन की रिपोर्ट के अनुसार कोरोना के पिछले दो सालों के आर्थिक संकट के दौर में अमीरों की संपत्ति में 50 गुना और आमदनी में 10 गुना इजाफा हुआ है। कानून और टैक्स के मोर्चे पर सरकार की विफलता का फायदा उठाकर रईस व भ्रष्ट लोगों ने स्विस खातों की तर्ज पर क्रिप्टो से अकूत लाभ और संपत्ति बनाने का जो खेल शुरू किया है, उससे मंदी व असमानता दोनों बढ़ रहे हैं।
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