Trade setup for today: बाजार खुलने के पहले इन आंकड़ों पर डालें एक नजर, मुनाफे वाले सौदे पकड़ने में होगी आसानी
24 नवंबर को भारतीय बाजारों में विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 1231.98 करोड़ रुपए की खरीदारी की। वहीं, इस दिन घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 235.66 करोड़ रुपए की बिकवाली की
18000 की स्ट्राइक पर 97.73 लाख कॉन्ट्रैक्ट का अधिकतम पुट ओपन इंटरेस्ट देखने को मिला है जो दिसंबर सीरीज में अहम सपोर्ट लेवल का काम करेगा
SUNIL SHANKAR MATKAR
24 नवंबर को मंथली एक्सपायरी वाले दिन घरेलू बाजार में अच्छी तेजी देखने को मिली। सेंसेक्स-निफ्टी 1 फीसदी से ज्यादा की बढ़त लेकर बंद होने में कामयाब रहे थे। अच्छे ग्लोबल संकेतों और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से बाजार को सपोर्ट मिला था। FOMC के मिनट के बाद वोलैटिलिटी में लगातार आ रही कमी ने भी निवेशकों के सेंटीमेंट को बूस्ट दिया है। कल के बुल रन में सभी सेक्टरों की भागीदारी रही। हालांकि दिग्गजों की तुलना में छोटे-मझोले शोयरों का प्रदर्शन कमजोर रहा। कल के कारोबार में निफ्टी मिडकैप और स्मॉलकैप में करीब 0.5 फीसदी की बढ़त देखने को मिली थी। कारोबार के अंत में बेंचमार्क इंडेक्स ट्रेंड ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी रिकॉर्ड हाई पर बंद हुए। Sensex 762 अंकों की तेजी लेकर 62273 के स्तर पर बंद हुआ तो Nifty 217 अंकों की बढ़त के साथ 18484 के ट्रेंड ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी ट्रेंड ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी ने कल डेली चार्ट पर लगातार दूसरे दिन हायर हाई हायर लोज कायम रखते हुए बुलिश कैंडल बनाया।
HDFC Securities के नागराज शेट्टी का कहना है कि डेली चार्ट पर एक लॉन्ग बुल कैंडल के बनने से संकेत मिलता है कि 18400 के आसपास स्थित बड़ी बाधा को तोड़ने की कोशिश हुई है। इससे ये संकेत भी मिलता है कि पिछले 2 हफ्तों के सीमित दायरे से निकल कर ऊपर जाने की कोशिश हो रही है। डेली चार्ट पर हायर टॉप और हायर बॉटम जैसे पॉजिटिव चार्ट पैटर्न कायम हैं। 18133 के नए स्विंग लो को अब इस क्रम का नया हायर बॉटम माना जा सकता है। यहां से आने वाली कोई नई तेजी निफ्टी को नए हायर टॉप की ओर ले जा सकती है।
Trade setup for today: बाजार खुलने के पहले इन आंकड़ों पर डालें एक नजर, मुनाफे वाले सौदे पकड़ने में होगी आसानी
12 अक्टूबर को भारतीय बाजारों में विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 542.36 करोड़ रुपए की बिकवाली की। वहीं, इस दिन घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 85.32 करोड़ रुपए की खरीदारी की
17000 की स्ट्राइक पर 41.42 लाख कॉन्ट्रैक्ट का अधिकतम पुट ओपन इंटरेस्ट देखने को मिला है जो अक्टूबर सीरीज में अहम सपोर्ट लेवल का काम करेगा
पिछले तीन दिनों की गिरावट से उबरते हुए बाजार 12 अक्टूबर को एक बार फिर से वापसी करता दिखा। चौतरफा खरीदारी के दम पर निफ्टी 17000 के मनोवैज्ञानिक स्तर के ऊपर बंद होने में कामयाब रहा। कारोबार के अंत में ट्रेंड ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी Sensex करीब 480 अंक बढ़कर 57626 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी 140 अंक बढ़कर 17124 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी ने कल डेली चार्ट पर एक बुलिश कैंडल या इनसाइड बार जैसा पैटर्न बनाया।
GEPL Capital के विज्ञान सावंत का कहना है कि डेली टाइमफ्रेम पर निफ्टी ने बिग बियरिश कैंडल पैटर्न ट्रेंड ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी ट्रेंड ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी के बाद एक इनसाइड डे कैंडल पैटर्न बनाया है। ये शॉर्ट टर्म में 16950 के स्तर के करीब एक मजबूत डिमांड जोन का संकेत है। मोमोंटम इंडीकेटर RSI 45 के आसपास टिका हुआ है। ये शॉर्ट से मीडियम टर्म के लिए दिशा साफ न होने का संकेत है। ओवरऑल चार्ट पैटर्न और इंडीकेटर सेटअप को देखते हुए लगता है कि शॉर्ट से मीडियम टर्म में निफ्टी 16740-17430 के बड़े दायरे में घूमता दिखेगा।
कल दिग्गजों की तरह ही छोटे और मझोले शेयरों में भी खरीदारी देखने को मिली थी। Nifty Midcap 100 index कल 0.60 फीसदी की तेजी हासिल करने में कामयाब रहा था। वहीं, Smallcap 100 index 0.80 फीसदी की बढ़त के साथ बंद हुआ था।
कम समय में चाहते हैं मोटा मुनाफा, तो आप ट्रेडिंग ऑप्शन पर लगा सकते हैं दांव
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी से मोटा मुनाफा संभव है.
शेयर मार्केट के संबंध में अक्सर ट्रेंडिंग और निवेश शब्द सुनने को मिलते हैं. हालांकि, दोनों माध्यमों में निवेशकों का मकस . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : June 11, 2022, 14:52 IST
नई दिल्ली . शेयर मार्केट संबंधित चर्चा होते ही अक्सर ट्रेंडिंग और निवेश शब्द सुनने को मिलते हैं. कई लोग ट्रेडिंग और निवेश में फर्क नहीं कर पाते हैं. तो आपको बता दें कि ट्रेडिंग और निवेश के बीच सबसे अहम अंतर समय अवधि का है. निवेश की तुलना में ट्रेडिंग में समय अवधि काफी कम होती है. ट्रेडिंग कई प्रकार की होतीं हैं और ट्रेडर्स स्टॉक में अपनी पॉजिशन बहुत कम समय तक रखते हैं, जबकि निवेश वे लोग करते हैं, जो स्टॉक को वर्षों तक अपने पोर्टफोलियो में रखते हैं. अगर आप कम समय में मोटा मुनाफा चाहते हैं, तो ट्रेडिंग आपके लिए बेस्ट ऑप्शन साबित हो सकती है.
सिक्योरिटीज की खरीद-बिक्री की प्रक्रिया को ट्रेडिंग कहते हैं. फाइनेंसियल मार्केट की स्थिति और जोखिम के आधार पर ट्रेडिंग की विभिन्न स्ट्रेटेजी हैं. ट्रेडर्स अपने वित्तीय लक्ष्य के हिसाब से इनका चयन करते हैं. साथ ही विभिन्न प्रकार की ट्रेडिंग से जुड़े रिस्क और लागत को भी ध्यान में रखते हैं. आइए, यहां हम उन लोकप्रिय ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी की चर्चा करते हैं, जो अधिकतर ट्रेडर अपनाते हैं.
ये भी पढ़ें- LIC के शेयर में गिरावट से सरकार चिंतित, DIPAM सचिव बोले- अस्थायी है गिरावट
इंट्राडे ट्रेडिंग
शेयर बाजार में महज 1 दिन के कारोबार में भी मोटा प्रॉफिट कमाया जा सकता है. दरअसल, बाजार में एक ही ट्रेडिंग डे पर शेयर खरीदने और बेचने को इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday trading) कहते हैं. इस स्ट्रेटेजी के तहत शेयर खरीदा तो जाता है, लेकिन उसका मकसद निवेश नहीं, बल्कि 1 दिन में ही उसमें होने वाली बढ़त से प्रॉफिट कमाना होता है. इसमें चंद मिनटों से ले कर कुछ घंटे तक में ट्रेडिंग हो जाती है. हालांकि, यह जरूरी नहीं कि इंट्रोडे ट्रेडर्स को हमेशा प्रॉफिट ही होता हो. ट्रेडर्स अपना ट्रेड ट्रेंड ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी शेयर मार्केट बंद होने से पहले बंद करते हैं और प्रॉफिट या लॉस उठाते हैं. इसमें तेजी से निर्णय लेना होता है.
पॉजिशनल ट्रेडिंग
पॉजिशनल ट्रेडिंग (Positional trading) स्टॉक मार्केट की एक ऐसी ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी है, जिसमें स्टॉक को लंबे समय तक होल्ड किया जाता है. इस स्ट्रेटेजी के तहत ट्रेडर्स किसी स्टॉक को कुछ महीने से लेकर कुछ साल तक के लिए खरीदते हैं. उसके बाद उस स्टॉक को बेच कर प्रॉफिट या लॉस लेते हैं. उनका मानना होता है कि इतनी अवधि में शेयर के दाम में अच्छी बढ़ोतरी होगी. निवेशक आमतौर पर फंडामेंटल एनालिसिस के साथ टेक्निकल ग्राउंड को ध्यान में रखकर फंडामेंटल एनालिसिस के साथ टेक्निकल को ध्यान में रखकर यह स्ट्रेटेजी अपनाते हैं.
स्विंग ट्रेडिंग
स्विंग ट्रेडिंग (Swing trading) में टाइम पीरियड इंट्राडे से अधिक होता है. कोई स्विंग ट्रेडर अपनी पॉजिशन 1 दिन से अधिक से लेकर कई हफ्तों तक होल्ड कर सकता है. बड़े टाइम फ्रेम में वोलैटिलिटी कम होने के साथ प्रॉफिट बनाने की संभावना काफी ट्रेंड ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी अधिक होती है. यही कारण है कि अधिकतर लोग इंट्राडे की अपेक्षा स्विंग ट्रेडिंग करना पसंद करते हैं.
टेक्निकल ट्रेडिंग
टेक्निकल ट्रेडिंग (technical trading) में निवेशक मार्केट में मूल्य परिवर्तन की भविष्यवाणी करने के लिए अपने टेक्निकल एनालिसिस ज्ञान का उपयोग करते हैं. हालांकि, इस ट्रेडिंग के लिए कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं है. इसमें पॉजिशन 1 दिन से लेकर कई महीने तक रखा जा सकता है. शेयर मार्केट में कीमतों में उतार-चढ़ाव को निर्धारित करने के लिए अधिकतर ट्रेडर्स अपने टेक्निकल एनालिसिस स्किल का उपयोग करते हैं. टेक्निकल एनालिसिस के तहत देखा जाता है कि किसी खास समय अवधि में किसी शेयर की कीमत में कितना उतार-चढ़ाव आया. इस अवधि में इसकी ट्रेड की गई संख्या में क्या कभी कोई बड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
Trading Tips: बाजार में सही लेवल पर एंट्री करने का क्या है आसान फॉर्मूला? जानें अनिल सिंघवी से टिप्स
Index Trading Tips: इंडेक्स में ट्रेड करने वालों के लिए यह समझना जरूरी है कि पहले सपोर्ट लेवल और इंम्पॉर्टेंट लेवल में क्या अंतर है और इन लेवल पर कब खरीददारी करनी चाहिए. इस पर ही मार्केट गुरु अनिल सिंघवी आपको टिप्स दे रहे हैं.
Index Trading Tips: इंडेक्स पर ट्रेडिंग के लिए ट्रेडर्स को सही फॉर्मूला पता होना बहुत जरूरी है. इंडेक्स ट्रेडिंग स्टॉक ट्रेडिंग के मुकाबले कम बड़ा उतार-चढ़ाव देखता है, लेकिन यहां अमाउंट बड़ा होता है, जिसके चलते ट्रेडर्स को अपनी स्ट्रेटेजी सोच-समझकर बनानी चाहिए. अब अगर निफ्टी इंडेक्स (Nifty Index Trading) की बात करें तो एंट्री करने के लिए आपको सही लेवल पता होने चाहिए. इंडेक्स में ट्रेड करने वालों के लिए यह समझना जरूरी है कि पहले सपोर्ट लेवल और इंम्पॉर्टेंट लेवल में क्या अंतर है ट्रेंड ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी और इन लेवल पर कब खरीददारी करनी चाहिए. इस पर ही Zee Business के मैनेजिंग एडिटर और मार्केट गुरु अनिल सिंघवी आपको टिप्स दे रहे हैं.
1. प्राइस सेक्शन के हिसाब से पहला फॉर्मूला
जब आप करेक्शन के बाद ऊपर जाते हैं और आपको क्लोजिंग डे हाई पर मिलती है, तो इसका बड़ा फायदा होता है ट्रेंड ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी कि अगले दिन आपको ऊपर गैप मिलता है. तो आपको पता होता है कि आपका सपोर्ट लेवल क्या है. बाजार अगर डे लो पर बंद होता है तो आपको बॉटम लेवल भी पता होता है. आपको गैप से खुलने पर पहले सपोर्ट पर ही खरीदारी करनी चाहिए. आप कल की रिकवरी और आज का गैपअप देखकर पहले सपोर्ट लेवल पर खरीद सकते हैं.
नीचे की रिस्क और सेंटिमेंट के दम पर बाजार में कैसे करें ट्रेड?
बाजार में सही लेवल पर एंट्री करने का क्या है आसान फॉर्मूला?#Index में ट्रेड करने वाले जरूर देखें @AnilSinghvi_ का ये वीडियो.
2. सेंटीमेंट पर आधारित फॉर्मूला
दूसरा फॉर्मूला सेंटीमेंट को लेकर चल सकते हैं. अगर आपका सेंटीमेंट इतना मजबूत नहीं है कि जहां खुले वहां से ले लिया. अगर आपको पता है कि चार-पांच सेशन से खुलने पर हमेशा नीचे जा रहे हैं, तो सेंटीमेंट कमजोर रहेगा. लेकिन रिकवरी आने से कॉन्फिडेंस बढ़ता है तो सेंटीमेंट मजबूत होगा. यहां आप पहले सपोर्ट लेवल पर ले सकते हैं. अगर आपका सेंटीमेंट इंप्रूव नहीं है तो आपको इंपॉर्टेंट लेवल पर खरीदारी करनी चाहिए. पहला सपोर्ट लेवल जल्दी आता है, वहीं, इंपॉर्टेंट लेवल थोड़ा नीचे आता है. यह मजबूत डेटा पर आधारित होता है.
ये ध्यान रखें कि अगर आप ट्रेडिंग में सही एंट्री पॉइंट चुनते हैं तो आपका 80% काम तो ऐसे ही हो जाता है. अगर सही एंट्री पॉइंट नहीं रहा, तो आप बाकी फैक्टर्स में भले ही अच्छा कर रहे हों, लेकिन पैसा नहीं बनेगा.
Forex Trading Strategies in Hindi: फॉरेक्स ट्रेडिंग में मुनाफा कमाने के लिए इस तरह बनाएं स्ट्रेटेजी
Forex Trading Tips in Hindi: How To Invest in Foreign Stock: अगर आप भी फॉरेन स्टॉक में निवेश करना चाहते है लेकिन नहीं मालूम कि फॉरेक्स ट्रेडिंग से मुनाफा कमाने के लिए स्ट्रेटेजी कैसे बनाएं? तो ऐसे में यह लेख आपके लिए इस समस्या का समाधान करेगा। यहां हम Forex Trading Strategies in Hindi पर चर्चा करेंगे।
Best Forex Trading Strategy in Hindi: फॉरेक्स एक्सचेंज, ट्रेडिंग या टूरिज्म जैसे विभिन्न उद्देश्यों के लिए एक करेंसी को दूसरी मुद्रा में बदलने की प्रक्रिया है। एक FX या फॉरेन एक्सचेंज ट्रेडिंग ग्लोबल मार्केट स्पेस है जहां मुद्राओं (Currencies) का ट्रेंड ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी आदान-प्रदान एक सहमत मूल्य पर किया जाता है। Forex Trading में कई रणनीतियां (Strategy)हैं, लेकिन सवाल यह है कि सबसे अच्छी फॉरेक्स ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी (Best Forex Trading Strategies) कौन सी हैं जिनका पालन करने की आवश्यकता है? तो आइए इस लेख में समाझते है कि फॉरेक्स ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी क्या है? और अपने लिए सबसे बढ़िया फॉरेक्स ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी कैसे बनाएं? (How to Create a Forex Trading Strategy?)
फॉरेक्स ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी क्या है? | What is Forex Trading Strategy in Hindi
एक विदेशी Forex Trading Strategy एक ऐसा सिस्टम है जिसका उपयोग ट्रेडर यह निर्धारित करने के लिए करता है कि करेंसी का व्यापार कब करना है? लेकिन यह इतना मायने क्यों रखता है? फॉरेन करेंसी की वैल्यू हर दिन बदलती है, और सबसे अच्छी स्ट्रेटेजी व्यापारी को अधिकतम लाभ कमाने की अनुमति देती है।
यह निर्धारित करने के लिए कि फॉरेन करेंसी के लिए कौन सी स्ट्रेटेजी सबसे अच्छी है, व्यापारी कई मानदंडों का उपयोग करके उनकी तुलना करते हैं -
टाइम रिसोर्स की आवश्यकता
व्यापार के अवसरों की फ्रीक्वेंसी
लक्ष्य के लिए विशिष्ट दूरी
फॉरेक्स ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी कैसे बनाएं? | Forex Trading Strategies in Hindi
1) प्राइस एक्शन ट्रेडिंग (Price Action Trading)
प्राइस एक्शन ट्रेडिंग फॉरेक्स ट्रेडिंग और अन्य ट्रेडिंग द्वारा उपयोग किए जाने वाले मूल्य भविष्यवाणियों और अटकलों के लिए एक दृष्टिकोण है। इस दृष्टिकोण में ऐतिहासिक डेटा और पिछले प्राइस मूवमेंट में सभी टेक्निकल एनालिसिस टूल शामिल हैं जैसे चार्ट, बार, ट्रेंड लाइन, प्राइस बैंड, हाई और लौ स्विंग, टेक्निकल लेवल शामिल है।
प्राइस एक्शन ट्रेडिंग में रुझान विभिन्न समय-सीमाओं जैसे कि शॉर्ट टर्म, मीडियम टर्म और लॉन्ग टर्म पर निर्धारित किया जा सकता है। यह व्यापारी को कई समय-सीमाओं का उपयोग करके एनालिसिस करने और बेचने या खरीदने के लिए निष्कर्ष निकालने की सुविधा देता है। प्राइस एक्शन ट्रेडिंग में कई support/resistance लेवेक FX ट्रेडर को आगे बढ़ने में मदद करते हैं। उनमें से कुछ फाइबोनैचि रिट्रेसमेंट, कैंडल विक्स, ट्रेंड आइडेंटिफिकेशन, इंडिकेटर, ऑसिलेटर्स और अन्य प्रतीकात्मक पहचानकर्ता हैं।
2) रेंज ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी (Range Trading Strategy)
रेंज ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी सभी व्यापारिक बाजारों में लोकप्रिय ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी में से एक है, और FX ट्रेडर अक्सर इसका इस्तेमाल करते हैं। फॉरेक्स ट्रेडर रेंज ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी में सपोर्ट और रेसिस्टेंस पॉइंट की पहचान करते हैं और उसी के अनुसार ट्रेड करते हैं।
टेक्निकल एनालिसिस जैसे कि ऑसिलेटर्स का उपयोग रेंज ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी की कुंजी है, और यह स्ट्रेटेजी बिना किसी अस्थिरता या समझ के पूरी तरह से काम करती है, जो इसे बेस्ट फॉरेक्स ट्रेडिंग प्रैक्टिस में से एक बनाती है। इसका उपयोग प्राइस एक्शन ट्रेडिंग के संयोजन में किया जा सकता है और यह पर्याप्त संख्या में व्यापारिक अवसर प्रदान करता है।
3) ट्रेंड ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी (Trend Trading Strategy)
यह सभी अनुभवी फॉरेक्स ट्रेडर द्वारा उपयोग किया जाता है, ट्रेंड ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी गति (Momentum) के सिद्धांत पर काम करती है। फॉरेक्स ट्रेडर्स का मानना है कि सुरक्षा उसी दिशा में गति बनाए रखेगी क्योंकि यह वर्तमान में इस रणनीति में चलन में है। दूसरे शब्दों में यह स्ट्रेटेजी मार्केट डायरेक्शन मोमेंटम का उपयोग करके प्रॉफिट जनरेट करने का प्रयास करती है।
फॉरेक्स ट्रेडर्स को पता है कि इस तरह की स्ट्रेटेजी थोड़े समय के लिए उपयुक्त नहीं है क्योंकि प्रवृत्ति में उतार-चढ़ाव होता रहता है। यह एक मध्यम या लंबी समय सीमा के लिए एक अच्छा विकल्प है जहां ज़ूम-आउट फ्रेम में प्रवृत्ति का विश्लेषण किया जा सकता है। इसमें बाहर निकलने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला रिस्क-रिवॉर्ड रेश्यो शामिल है, जबकि टेक्निकल एनालिसिस के लिए, RSI और CCI जैसे ऑसिलेटर्स का उपयोग किया जाता है।
4) पोजीशन ट्रेडिंग (Position Trading)
एक लंबी अवधि की स्ट्रेटेजी जो हाई रिटर्न और पॉजिटिव रिस्क-रिवॉर्ड रेश्यो में से एक साबित हुई है, फोरेक्स की सबसे उम्दा ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी में से एक है। इसके कांसेप्ट में इलियट वेव थ्योरी का उपयोग शामिल है, और चूंकि यह एक लॉन्ग टर्म स्ट्रेटेजी है, इसलिए छोटे बाजार में उतार-चढ़ाव को नजरअंदाज कर दिया जाता है।
पोजीशन ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी के लिए लंबी अवधि और व्यापक चार्ट पर तकनीकी और मौलिक विश्लेषण की उच्च समझ की आवश्यकता होती है।
यह समझना भी जरूरी है कि आर्थिक या सामाजिक आर्थिक कारक किसी विशेष देश के वातावरण में ट्रेंड ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी रुझानों या परिवर्तनों पर निरंतर नजर के माध्यम से व्यापारिक संख्याओं को कैसे प्रभावित करते हैं, व्यापारी लघु, मध्यम और लंबी अवधि में व्यापार कर रहा है।
5) डे ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी (Day Trading Strategy)
यह न केवल फॉरेक्स ट्रेडिंग बल्कि अन्य बाजारों जैसे स्टॉक में एक सामान्य स्ट्रेटेजी है। इस स्ट्रेटेजी में दिन के अंत तक निर्णय लिया जाता है, और ट्रेडर बाजार बंद होने से पहले सभी वस्तुओं को बेच देता है। दिन के अंत में दिन का व्यापार एक व्यापार तक सीमित नहीं है, और पूरे दिन के लिए इस रणनीति में कई व्यापार आम हैं। इसके अलावा, कोई यह समझ सकता है कि यह एक शॉर्ट टर्म स्ट्रेटेजी है और आमतौर पर 1:1 रिस्क-रिवॉर्ड रेश्यो के साथ समाप्त होती है।
टेक्निकल एनालिसिस एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिसके बिना यह एक अंधा व्यापार होगा और इसमें नुकसान हो सकता है।
Conclusion -
ये सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली और अच्छी Forex Trading Strategies in Hindi हैं जिनका उपयोग एक ट्रेडर टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस के साथ कर सकता है। उपरोक्त बताएं गए स्टेप द्वारा आप भी फॉरेक्स ट्रेडिंग के लिए रणनीति बनाकर मुनाफा कमा सकते है।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 778