छीजता विदेशी मुद्रा भंडार
भारत के पास विदेशी मुद्रा भंडार में कमी पर जताई जा रही चिंता को खारिज करते हुए मंगलवार को आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने कहा कि विदेशी मुद्रा भंडार में कमी की बात इस विदेशी मुद्रा रुझान मुद्दे को जरूरत से ज्यादा तूल देने जैसी बात है।
गौरतलब है कि विदेशी मुद्रा भंडार लगातार सातवे सप्ताह घटा है, और यह 16 सितम्बर को समाप्त आलोच्य सप्ताह में कम होकर 545.65 अरब डॉलर पर आ गया जबकि मार्च, 2022 में यह 603.31 अरब डॉलर था। सेठ ने कहा कि बेशक, आंकड़े विदेशी मुद्रा भंडार में कमी की बात कह रहे हैं, लेकिन विदेशी मुद्रा भंडार इतना पर्याप्त है कि मौजूदा स्थिति से पार पाया जा सके। दरअसल, हाल के महीनों में भारतीय मुद्रा में तेज गिरावट ने ऐसे चिंताजनक हालात पैदा कर दिए कि भारतीय रिजर्व बैंक को रुपये की गिरावट को थामने के लिए डॉलर का उपयोग करना पड़ा। वैश्विक गतिविधियां भारतीय मुद्रा के मूल्य में गिरावट का प्रमुख कारण हैं।
विदेशी मुद्रा प्रवाह में कमी और व्यापार घाटा बढ़ना वे अन्य कारण हैं, जिनके चलते रुपया कमजोर हुआ। हालांकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रुपए को अभी भी अन्य देशों के मुकाबले बेहतर स्थिति में होने की बात कही है। भारतीय अर्थव्यवस्था की वृहद् आर्थिक बुनियाद को मजबूत करार देते हुए सरकार की तरफ से दावा किया गया है कि चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 6.4 प्रतिशत के स्तर पर रखने का लक्ष्य हासिल किया जा सकेगा। इस बीच, वैश्विक मंदी की आहट ने वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक को चौकन्ना कर रखा है।
हालांकि केंद्रीय बैंक ने इस बाबत कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है, लेकिन 30 सितम्बर को आरबीआई गर्वनर डॉ. शक्तिकांत दास मौद्रिक नीति की घोषणा करेंगे। उम्मीद है कि मौद्रिक नीति पर मंदी की आहट का असर दिखेगा। केंद्रीय बैंक की सर्वाधिक चिंता भारतीय मुद्रा की गिरावट को लेकर है। कारण, यदि गिरावट का रुझान बना रहा तो विदेशी मुद्रा भंडार के तेजी से छीजने की आशंका है। ऐसे में मंदी के हालात भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए मुश्किल भरे हो सकते हैं। ऐसे में विदेशी मुद्रा का प्रवाह मंद पड़ेगा और विदेशी मुद्रा भंडार को पर्याप्त बनाए रखने की प्रबल चुनौती उठ खड़ी होगी। बहरहाल, मौद्रिक नीति पर सबकी नजर है।
विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट मजबूत डॉलर से मूल्यांकन में बदलाव का नतीजा: सीतारमण
वाशिंगटनः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट की मुख्य वजह अमेरिकी डॉलर की मजबूती के कारण मूल्यांकन में बदलाव आना है। सीतारमण ने अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक वित्त समिति (आईएमएफसी) को शुक्रवार को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 23 सितंबर 2022 तक 537.5 अरब डॉलर था जो अन्य समकक्ष अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में बेहतर है। अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने से मूल्यांकन में आए बदलाव ने इस भंडार में आई गिरावट में दो-तिहाई योगदान दिया है।''
उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में विदेशी मुद्रा भंडार में 4.6 अरब डॉलर का भुगतान संतुलन (बीओपी) आधार पर संचयन हुआ है। विदेशी मुद्रा रुझान अन्य बाहरी संकेतकों में शुद्ध अंतरराष्ट्रीय निवेश स्थिति और लघु अवधि का कर्ज भी कम संवेदनशीलता के सूचक हैं। उन्होंने कहा कि इस स्थिति के बावजूद भारत का बाहरी कर्ज और जीडीपी का अनुपात प्रमुख उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं में सबसे कम है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की एक रिपोर्ट के अनुसार 30 सितंबर तक भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 4.854 अरब डॉलर की गिरावट के साथ 532.664 अरब डॉलर था।
इस रिपोर्ट के मुताबिक कुल भंडार में प्रमुख हिस्सेदारी रखने वाले विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (एफसीए) में कमी आना ही 30 सितंबर को खत्म् हुए हफ्ते के दौरान भंडार में आई गिरावट की वजह है। सीतारमण ने कहा कि आयातित उच्च मुद्रास्फीति के दबाव घरेलू स्तर पर मुद्रास्फीति के भावी पथ के लिए अब भी जोखिम बना हुआ है। इसमें अमेरिकी डॉलर के लगातार महंगे होते जाने की अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि जनवरी 2022 से ही मुद्रास्फीति छह प्रतिशत के ऊपरी सहिष्णुता स्तर से ऊपर बनी हुई है।
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एक साल में करीब सौ अरब डॉलर और बीते सात दिन में ही आठ अरब डॉलर घटा भारत का विदेशी मुद्रा भंडार
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि अमेरिकी मुद्रा के मजबूत होने तथा अमेरिकी बांड के बढ़ने से विनिमय दर में बदलाव देखने को मिला है।
विदेशी मुद्रा भंडार में भारी गिरावट (प्रतीकात्मक फोटो)
देश के विदेशी मुद्रा भंडार में तेजी से कमी देखी जा रही है। पिछले 8 दिनों के अंदर विदेशी मुद्रा भंडार में करीब 8 अरब डॉलर की कमी आई है और यह अगस्त 2020 के बाद न्यूनतम स्तर पर है। वहीं पिछले 1 साल में विदेशी मुद्रा भंडार में करीब 100 विदेशी मुद्रा रुझान अरब डॉलर की कमी आई है। 23 सितंबर को समाप्त हुए सप्ताह के लिए कुल विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 537.518 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया। यह आंकड़े आरबीआई ने जारी किए हैं। यह लगातार आठवां सप्ताह है जब विदेशी मुद्रा भंडार में कमी देखी आई है।
देश के विदेशी मुद्रा भंडार में कमी का कारण फॉरेन करेंसी एसेट (FCA) में गिरावट है। 23 सितंबर को समाप्त हुए सप्ताह में फॉरेन करेंसी एसेट में 7.688 बिलियन डॉलर की गिरावट आई है और यह घटकर 477.212 बिलीयन डॉलर पर आ गया है। डॉलर में अभिव्यक्त विदेशी मुद्रा भंडार में रखे जाने वाली फॉरेन करेंसी एसेट में यूरो, पौंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में मूल्यवृद्धि अथवा डिप्रीशिएशन के प्रभावों को शामिल किया जाता है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि अमेरिकी मुद्रा के मजबूत होने तथा अमेरिकी बांड यील्ड के बढ़ने से विनिमय दर में बदलाव देखने को मिला है। वर्तमान वित्त वर्ष में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपए के मूल्य में काफी गिरावट हुई है। 2 अप्रैल को विदेशी मुद्रा भंडार 606.475 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। 23 सितंबर को यह घटकर 537.5 अमेरिकी डॉलर पर आ गया।
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पिछले वर्ष 3 सितंबर 2021 को विदेशी मुद्रा भंडार 642.45 बिलियन अमेरिकी डॉलर था और अपने उच्च स्तर पर था। लेकिन 23 सितंबर 2022 को यह घटकर 537.52 बिलियन डॉलर पर आ गया है। इन आंकड़ों से साफ पता चलता है कि पिछले 1 वर्ष में करीब 105 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कमी विदेशी मुद्रा भंडार में देखी गई है। जबसे रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण किया है उसके बाद से विदेशी मुद्रा भंडार में 94 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कमी देखी गई है।
चालू वित्त वर्ष में अब तक डॉलर के मुकाबले रुपये में 8.6 फीसदी की गिरावट आई है। वहीं चालू वित्त वर्ष में 28 सितंबर तक छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर में 14.5 फीसदी की तेजी आई है। विदेशी मुद्रा भंडार अगस्त 2020 के बाद अपने न्यूनतम स्तर पर है।
Foreign Exchange Reserves: देश का विदेशी मुद्रा भंडार 2 साल के निचले स्तर पर, 524.52 अरब डॉलर रह गया रिजर्व
RBI के आंकड़ों के अनुसार देश का फॉरेन करेंसी विदेशी मुद्रा रुझान असेट्स 465.075 अरब डॉलर और गोल्ड रिजर्व 37,206 अरब डॉलर रह गया.
3.85 अरब डॉलर की गिरावट के बाद देश का विदेशी मुद्रा भंडार 2 साल के सबसे निचले स्तर 524.52 अरब डॉलर रह गया है.
Foreign Exchange Reserves: भारत का विदेशी मुद्रा भंडार पिछले दो साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक 21 अक्टूबर को खत्म हुए हफ्ते में देश का विदेशी मुद्रा भंडार में 3.85 अरब डॉलर घटकर 524.52 अरब डॉलर रह गया है. जुलाई 2020 के बाद यह सबसे निचले स्तर पर है. इससे पिछले हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 4.50 अरब डॉलर की गिरावट के बाद 528.37 अरब डॉलर रह गया था. पिछले कई महीनों से विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट दर्ज की जा रही है.
एफसीए और गोल्ड रिजर्व में भी गिरावट
आरबीआई द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 21 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में मुद्राभंडार का महत्वपूर्ण घटक मानी जाने वाली फॉरेन करेंसी एसेट्स (FCA) 3.593 अरब डॉलर घटकर 465.075 अरब डॉलर रह गई है. इसके साथ ही देश के गोल्ड रिजर्व 24.7 करोड़ डॉलर घटकर 37,206 अरब डॉलर रह गया. केंद्रीय बैंक के मुताबिक स्पेशल ड्राइंग राइट्स (SDRs) 70 लाख डॉलर बढ़कर 17.44 अरब डॉलर हो गया है.
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रुपये में गिरावट को रोकने के प्रयास जारी
विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट की प्रमुख वजह अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरावट को रोकने के लिए RBI मुद्रा भंडार से मदद ले रहा है. अक्टूबर 2021 में देश का विदेश मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के साथ सबसे ऊंचे स्तर पर था. आरबीआई द्वारा घरेलू करंसी के मूल्य को गिरावट से बचाने के लिए पिछले एक साल में अब तक 115 अरब डॉलर की बिकवाली कर चुका है.
विदेशी मुद्रा भंड़ार में गिरावट का असर
कोई भी देश जरूरत पड़ने पर अपने देश की करंसी में आई तेज गिरावट को रोकने के लिए विदेशी मुद्रा भंड़ार की मदद लेता है. हालांकि इसमें गिरावट के नुकसान भी हैं. अगर मुद्रा भंड़ार ज्यादा कम हो जाता है, तो करंसी में अनियंत्रित गिरावट हो सकती है. इससे आयात पर निर्भर देशों पर बुरा असर पड़ता है, क्योंकि करंसी में गिरावट की वजह से आयात पर दिये जाने वाली लागत बढ़ जाती है.
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 4 सप्ताह में 31.17 अरब डॉलर बढ़ा, रिपोर्टिंग वीक में एफसीए में 9.694 अरब डॉलर का इजाफा
LagatarDesk : भारत का विदेशी मुद्रा भंडार चौथे सप्ताह भी बढ़ा है. 2 दिसंबर को खत्म हुए सप्ताह में यह 11.02 अरब डॉलर बढ़कर 561.16 अरब डॉलर पर पहुंच गया. साल की शुरूआत में विदेशी मुद्रा भंडार 632.7 अरब डॉलर पर था. इस तरह एक साल में देश का भंडार 71.54 अरब डॉलर घटा है. इससे पहले 25 नवंबर को समाप्त हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 2.89 अरब डॉलर की उछाल के साथ 550.14 अरब डॉलर पर आ गया. 18 नवंबर को खत्म हुए सप्ताह में भारत का कोष 2.54 अरब डॉलर बढ़कर 547.25 अरब डॉलर पहुंच गया. 1 नवंबर को समाप्त हुए सप्ताह में भारत का भंडार 14.72 अरब डॉलर के जबरदस्त उछाल के साथ 544.715 अरब डॉलर पर जा पहुंचा था. जो अगस्त 2021 के बाद सबसे अधिक इजाफा था. आरबीआई ने शुक्रवार को आंकड़ा जारी कर इस बात की जानकारी दी. (पढ़ें, पंजाब : तरनतारन में पुलिस स्टेशन पर रॉकेट लॉन्चर से हमला, बिल्डिंग क्षतिग्रस्त, जानमाल का नुकसान नहीं)
विदेशी मुद्रा भंडार में एफसीए का होता है महत्वपूर्ण योगदान
रिपोर्टिंग वीक में फॉरेन करेंसी एसेट्स (एफसीए) 9.694 अरब डॉलर के उछाल के साथ 496.984 अरब डॉलर पर जा पहुंचा. इससे पहले 25 नवंबर को खत्म हुए सप्ताह में एफसीए 3 अरब डॉलर बढ़कर 487.29 अरब डॉलर पर जा पहुंचा. इससे पहले 18 नवंबर को खत्म हुए सप्ताह में एफसीए 1.76 बिलियन डॉलर उछलकर 484.288 बिलियन डॉलर हो गया था. बता दें कि विदेशी मुद्रा भंडार में फॉरेन करेंसी एसेट्स का अहम हिस्सा होता है. इसके बढ़ने और घटने से देश के भंडार पर सीधा असर पड़ता है. फॉरेन करेंसी एसेट्स में डॉलर के अलावा यूरो, पाउंड और येन जैसी मुद्राओं को भी शामिल किया जाता है.
रिपोर्टिंग वीक में स्वर्ण भंडार बढ़कर 41.025 अरब डॉलर हो गया
आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन सप्ताह में गोल्ड रिजर्व भी बढ़ा है. यह 1.086 अरब डॉलर बढ़कर 41.025 अरब डॉलर पर जा पहुंचा. वहीं आईएमएफ के पास जमा फंड में 75 मिलियन डॉलर की कमी आई है और ये 5.108 अरब डॉलर रहा है. 25 नवंबर को खत्म हुए सप्ताह में स्वर्ण भंडार 7.3 करोड़ डॉलर घटकर 39.94 अरब डॉलर पर आ गया है. 18 नवंबर को खत्म हुए सप्ताह में स्वर्ण भंडार 31.5 करोड़ डॉलर बढ़कर 40.011 अरब डॉलर पर पहुंच गया था.
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आईएमएफ में मिला एसडीआर और आरक्षित मुद्रा भंडार में गिरावट
हालांकि इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी आईएमएफ (IMF) में मिला देश का एसडीआर यानी स्पेशल ड्राइंग राइट और आईएमएफ में रखा आरक्षित मुद्रा भंडार में भी गिरावट आयी है. 2 दिसंबर को खत्म हुए सप्ताह में आईएमएफ में मिला एसडीआर 16.4 करोड़ डॉलर घटकर 18.04 अरब डॉलर रह गया. जबकि आईएमएफ में रखा आरक्षित मुद्रा भंडार 7.5 करोड़ डॉलर घटकर 5.108 अरब डॉलर रह गया. बता दें कि हाल के दिनों में आरबीआई ने डॉलर की जबरदस्त खरीदारी की है. जिसका असर विदेशी मुद्रा भंडार में देखने को मिला.
अक्टूबर-नवंबर में भारत का कोष 4 बार घटा और तीन बार बढ़ा
आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, 4 नवंबर को समाप्त हुए सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 1.09 अरब डॉलर घटकर 529.99 अरब डॉलर रह गया था. वहीं 28 अक्टूबर को खत्म हुए सप्ताह में यह 6.56 अरब डॉलर बढ़कर 561.08 अरब डॉलर पर पंहुच गया था. जबकि इससे पहले देश का कोष लगातार घट रहा था. 21 अक्टूबर को खत्म हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 3.85 अरब डॉलर घटकर 524.52 अरब डॉलर पर आ गया था. 14 अक्टूबर को खत्म हुए हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 4.50 अरब डॉलर घटकर 528.37 अरब डॉलर पर आ गया था. 7 अक्टूबर को खत्म हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 20.4 करोड़ डॉलर बढ़कर विदेशी मुद्रा रुझान 532.868 अरब डॉलर पर पंहुच गया था. वहीं 30 सितंबर को खत्म हुए सप्ताह में यह 4.854 अरब डॉलर घटकर 532.66 अरब डॉलर पर पहुंच गया. जबकि 3 सितंबर 2021 को विदेशी मुद्रा भंडार 642.45 बिलियन डॉलर के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया था.
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