भारत में Cryptocurrency Tax का भुगतान कैसे करें?
पिछले एक दशक में, क्रिप्टोक्यूरेंसी काफी विकसित हुई है.
लोग इसे अब millennials या Generation-Z’s की के रूप में नहीं देखते हैं.
बिटकॉइन और अन्य डिजिटल टोकन लंबे समय तक रहने के लिए यहां हैं.
हालांकि क्रिप्टोक्यूरेंसी बाजार में कुछ समय के लिए कथित तौर भारत में क्रिप्टोकरंसी टैक्स पर उदास है, लंबे समय तक निवेशकों को चुनौतियों से परेशान किया जाता है.
Tax का मौसम समाप्त होने के साथ, आप में से कई लोग आश्चर्यचकित हो सकते हैं या Cryptocurrency Tax का भुगतान करने में कठिन समय था.
इस लेख में,आईये जानते है की आप भारत में Cryptocurrency Tax का भुगतान कैसे कर सकते है .
क्रिप्टोक्यूरेंसी की वैधता और उन पर कैसे Tax लगाया जाता है?
आम शब्दों में, क्रिप्टोक्यूरेंसी एक डिजिटल मुद्रा है जिसका उपयोग ऑनलाइन चीजों या धन को खरीदने, बेचने या व्यापार करने के लिए किया जाता है.
बिटकॉइन पहला डिजिटल टोकन है जो सफल ब्लॉकचेन कार्यान्वयन से बाहर निकला है.
2009 में अपनी स्थापना के बाद से, बिटकॉइन ने कई परिवर्तनों और गोद लेने के चरणों से गुजरना शुरू किया है.
लेकिन क्रिप्टोक्यूरेंसी की वैधता एक अनुत्तरित प्रश्न है.
दुनिया भर के कई देशों को पता चल रहा है कि विकेंद्रीकृत माध्यम पर कर कैसे लगाया जाए जबकि भारत भी इसी रन पर है.
2018 में, देश के सबसे अग्रणी बैंक, रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) ने अन्य बैंकों को क्रिप्टो ट्रेडिंग्स के लिए पैसा लगाने से रोककर क्रिप्टोक्यूरेंसी पर प्रतिबंध लगा दिया है.
सौभाग्य से, प्रतिबंध को बाद में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा खारिज कर दिया गया था.
अब तक, न तो वित्त मंत्रालय और न ही आयकर विभाग एक प्रभावी रणनीति के साथ सामने आया है.
इसका मतलब यह नहीं है कि भारतीय क्रिप्टोक्यूरेंसी का व्यापार कर सकते हैं, उससे लाभ प्राप्त कर सकते हैं, और फिर भी कर का भुगतान नहीं कर सकते हैं.
क्रिप्टोक्यूरेंसी को ‘मुद्रा’ या ‘परिसंपत्ति’ के रूप में मानने पर अभी भी भारी बहस चल रही है.
यूके और यूएस इसे ‘परिसंपत्ति’ के रूप में लेबल करने के लिए एक समाधान के साथ आए हैं क्योंकि वे सरकार के रडार के तहत ‘मुद्रा’ के रूप में नहीं आते हैं.
दूसरी ओर, भारत उन संपत्तियों को देखता है जो तीन साल से अधिक समय तक दीर्घकालिक संपत्ति और अन्य अल्पकालिक संपत्ति के रूप में आयोजित की जाती हैं.
सामान्य तौर पर, निवेशकों को क्रिप्टोक्यूरेंसी बेचने से मिलने वाले लाभ पर भारत में कर लगाया जाता है.
वर्तमान में, चूंकि कोई स्पष्ट दृष्टिकोण नहीं है, इसलिए निवेशक देश में अपने मुनाफे के लिए स्पष्ट भारत में क्रिप्टोकरंसी टैक्स रूप से कर का भुगतान कर रहे हैं.
किस आधार पर Cryptocurrency Tax लगाया जाता है?
क्रिप्टोक्यूरेंसी अपने मुनाफे के लिए स्पष्ट रूप से कर जोड़ने के लिए एक एकल फ्रेम नहीं है.
इसमें विभिन्न चैनल हैं और इसे बेचने के लिए एक क्रिप्टोक्यूरेंसी उत्पन्न करने से शुरू होता है, बहुत सारी प्रक्रियाएं शामिल हैं.
इसलिए, क्रिप्टोक्यूरेंसी कराधान उन सभी के लिए कक्ष प्रदान करना चाहिए.
क्रिप्टोकरेंसी ज्यादातर ‘mining’ नामक एक प्रक्रिया के माध्यम से उत्पन्न होती है, जो डिजिटल टोकन बनाने में मदद करती है.
Miners कोड को अनलॉक करने और डिजिटल टोकन पर अपने हाथ प्राप्त करने के लिए ब्लॉकचेन पर जटिल एल्गोरिदम, कोड या समीकरणों को हल करते हैं.
दूसरी ओर, लोग फिएट मुद्राओं का उपयोग करके एक्सचेंजों से क्रिप्टोक्यूरेंसी खरीदते हैं और उन्हें crypto wallets में स्टोर करते हैं.
अंत में, विक्रय चरण है जहां निवेशक संभावित रूप से लाभ प्राप्त करते हैं. हालांकि, संभावना है कि वे भी नुकसान का सामना कर सकते हैं.
क्रिप्टो ट्रेडिंग को टैक्स के दायरे में लाने की संभावना तलाशने के लिए सरकार ने बनाया पैनल – रिपोर्ट
Cryptocurrency Taxation in India: भारत में क्रिप्टोकरेंसी की लोकप्रियता जैसे-जैसे बढ़ रही है, वैसे ही सरकार भी इसको लेकर तमाम संभावित नियमों और क़ानूनों के लिए व्यापाक समीक्षा करने के प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में अब सामने आई कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ सरकार क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग व आय को भी टैक्स के दायरे में लाने पर विचार कर रही है।
जी हाँ! माना ये जा रहा है कि एक बार क्रिप्टोकरेंसी को लेकर एक स्पष्ट क़ानून बनने के बाद क्रिप्टो ट्रेडिंग व इस क्रिप्टो ईकोसिस्टम को भी टैक्स के दायरे में लाया जा सकता है।
ऐसी तमाम ख़बरें सबसे पहले पाने के लिए जुड़ें हमारे टेलीग्राम चैनल से!: (टेलीग्राम चैनल लिंक)
कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक़ वित्त मंत्रालय ने क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग को टैक्स के दायरे में लाने की संभावनाओं की तलाश करने के लिए एक पैनल भी बना दिया है।
Govt panel will examine scope of taxation on cryptocurrency trade in India
रिपोर्टों की मानें तो ये पैनल इन संभावनाओं की जांच करेगा कि भारत में क्रिप्टोकरंसी टैक्स क्या क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग से होने वाली आय पर पूंजीगत लाभ के रूप में टैक्स लगाया जा सकता है या इसके लिए एक नई कैटेगॉरी बनाने की ज़रूरत है?
कहा ये जा रहा है कि इस पैनल को 4 हफ़्तों में अपनी रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए गए हैं। लेकिन सबसे दिलचस्प है इस पैनल को बनाने का वक़्त।
असल में ये ऐसे वक़्त में हुआ है जब सरकार नए क्रिप्टोकरेंसी बिल (Cryptocurrency Bill) तैयार करने की प्रक्रिया में है।
इस बिल के आगामी शीतकालीन सत्र में संसद में पेश किए जाने की उम्मीद है, जिसके तहत क्रिप्टोकरेंसी को एक संपत्ति/वस्तु के रूप में मान्यता दी जा सकती है।
इस बात में कोई शक नहीं है कि 21वीं सदी की सबसे लोकप्रिय परिसंपत्ति के रूप में उभरी क्रिप्टोकरेंसी भारत में भी तेज़ी से अपनायी जा रही है। आँकड़ो पर नज़र डालें तो क़रीब 1.5 करोड़ से अधिक भारतीय फ़िलहाल ₹1,500 करोड़ से अधिक मूल्य की क्रिप्टो संपत्ति रखते हैं।
हाल में ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ये कहा था कि उन्हें क्रिप्टोकरेंसी बिल पर कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार है। वहीं यह भी जानकारी सामने आई थी कि वर्चूअल करेंसी से संबंधित चीज़ों का अध्ययन करने के लिए सचिव (आर्थिक मामलों) की अध्यक्षता बने अंतर-मंत्रालयी पैनल ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
ये सब क्यों अहम है, इसका अंदाज़ा इससे भी लगाया जा सकता है कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश पिछले साल अप्रैल में लगभग $923 मिलियन से बढ़कर इस साल मई में $6.6 बिलियन हो गया। ब्लॉकचेन डेटा प्लेटफॉर्म Chainalysis की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ भारत क्रिप्टोकरेंसी को अपनाने के मामले में 154 देशों में से दूसरे स्थान पर है।
Credits: Chainalysis Report
इतना ही नहीं बल्कि आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के अनुसार, आरबीआई साल के अंत तक अपनी पहली डिजिटल करेंसी (RBI e-Currency) की टेस्टिंग शुरू कर सकती है।
UPI पेमेंट में जुड़ेगी सिंगल-ब्लॉक और मल्टीपल डेबिट सुविधा, ई-कॉमर्स से लेकर शेयरों की खरीद-बिक्री होगी आसान
केन्द्रीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस UPI पेमेंट सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए 'सिंगल ब्लॉक' और 'मल्टीपल डेबिट' सुविधा शुरू करने का ऐलान किया है. इस सुविधा के तहत ग्राहक किसी मर्चेंट के लिए अपने बैंक खाते में एक फिक्स अमाउंट को ब्लॉक करा सकता है.
Single Block functions in UPI: केन्द्रीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस UPI पेमेंट सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए 'सिंगल ब्लॉक' और 'मल्टीपल डेबिट' सुविधा शुरू करने का ऐलान किया है. इस सुविधा के तहत ग्राहक किसी मर्चेंट के लिए अपने बैंक खाते में एक फिक्स अमाउंट को ब्लॉक करा सकता है. यह ब्लॉक राशि ग्राहक के खाते में शेष राशि का वह हिस्सा होता है, जिसे वे किसी खास काम के लिए बचाकर रखना चाहते हैं. यह भी पढ़ें: Cryptocurrency: टोकन जिन्हें आप भारत में खरीद सकते हैं और जिनकी विकास क्षमता 100 गुना है
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मॉनेटरी पॉलसी समीक्षा की जानकारी देते हुए कहा कि UPI की क्षमता बढ़ाकर ग्राहकों को सेवा देने के एवज में भुगतान के लिये राशि अपने खाते में ‘ब्लॉक’ करने की सुविधा देने का निर्णय किया गया है, इससे ई-कॉमर्स और प्रतिभूतियों में निवेश को लेकर भुगतान में आसानी होगी.
सिक्योरिटीज में निवेश करने में आसानी
आरबीआई के अनुसार, इससे ई-कॉमर्स क्षेत्र में भुगतान करने के साथ ही सेकंडरी कैपिटल बाजार में सिक्योरिटीज में निवेश करने में आसानी होगी. इसका मतलब है कि आम आदमी को जल्दी ही होटल बुकिंग, कैपिटल मार्केट में शेयरों की खरीद-बिक्री जैसे कई लेनदेन के लिये UPI के जरिए राशि अपने खाते में ‘ब्लॉक’ करने और भुगतान करने की सुविधा मिलेगी.
लेन-देन में बढ़ेगा लोगों का भरोसा
आरबीआई ने कहा कि इससे लेन-देन में बड़ा विश्वास पैदा होगा और व्यापारियों को समय पर भुगतान का आश्वासन मिलेगा, जबकि माल या सेवाओं की असल में डिलीवरी हो जाने तक पेमेंट की राशि ग्राहक के खाते में ही रहेगी. अभी ग्राहक यूपीआई के जरिए सिंगल ब्लॉक (Single Block) यानी एक क्लिक पर पेमेंट करके पैसों का भुगतान करते हैं. ग्राहक जब भी जरूरी हो पैसा काटे जाने के लिए अपने बैंक खातों में धनराशि निर्धारित कर संबंधित इकाई के लिए भुगतान को तय कर सकते हैं.
RBI जल्द जारी करेगा निर्देश
आरबीआई ने कहा कि इस बारे में भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) को जल्दी ही निर्देश जारी किया जाएगा. गवर्नर शक्तिकांत दास ने भारत बिल भुगतान प्रणाली (BBPS) में सभी भुगतान और संग्रह शामिल कर इसका दायरा बढ़ाने की भी घोषणा की. अभी, बीबीपीएस के पास अलग-अलग समय पर होने वाले भुगतान या व्यक्तियों को मिलने वाले पैसे के भुगतान की सुविधा नहीं है.
इसी के साथ गवर्नर ने यह भी कहा कि पेशेवर सेवा शुल्क भुगतान, शिक्षा शुल्क, टैक्स पेमेंट, रेंट कलेक्शन इसके दायरे में नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि नई प्रणाली बीबीपीएस मंच को व्यक्ति से व्यक्ति (P2P) और व्यक्तियों से व्यवसायों (P2M) के व्यापक समूह के लिए आसान बनाएगी. इस संदर्भ में रिजर्व बैंक अलग से दिशानिर्देश जारी करेगा.
यूपीआई लेनदेन की बढ़ रही लोकप्रियता
यूपीआई देश में भुगतान का सबसे प्रचलित और पसंदीदा माध्यम बनकर उभरा है. UPI के पर्सन-टू-मर्चेंट (P2M) की इस साल जुलाई-सितंबर के दौरान कुल डिजिटल भुगतान लेनदेन में 42 प्रतिशत हिस्सेदारी रही है. वहीं, UPI की पर्सन-टु-व्यक्ति (P2P) ने जुलाई-सितंबर की अवधि के दौरान लेनदेन की मात्रा में 65 प्रतिशत हिस्सेदारी रखी. ताजा आंकड़ों के अनुसार, UPI के जरिये नवंबर में 7.30 अरब लेनदेन किये गए. इन लेनदेन की राशि 11.90 लाख करोड़ रुपये थी.
single block and multiple debit facility will be added to upi payment from e commerce to buying and selling of shares will be easy
बजट 2022 क्रिप्टो टैक्स : सभी डिजिटल एसेट्स पर 30% + 1% भारत में क्रिप्टोकरंसी टैक्स टीडीएस
पिछले कुछ वर्षों में डिजिटल संपत्ति में लेनदेन तेजी से बढ़ा है। बजट 2022 में माननीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने वर्चुअल एसेट क्लास में क्रांतिकारी बदलाव की घोषणा की है। सरकार ने पहली बार आधिकारिक तौर पर ‘वर्चुअल डिजिटल एसेट्स’ के तहत सभी क्रिप्टो संपत्ति सहित डिजिटल संपत्ति शामिल हैं। जैसे- बिटकॉइन, एथेरियम आदि और अन्य डिजिटल संपत्ति – अपूरणीय टोकन।
बजट 2022 में सरकार ने प्रस्तावित कर व्यवस्था में “क्रिप्टोक्यूरेंसी परिसंपत्तियों – डिजिटल संपत्ति” के हस्तांतरण पर 30% आयकर की घोषणा की है। तथा वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (क्रिप्टो परिसंपत्ति) के लेन-देन के पर – 1% टीडीएस
भारत में डिजिटल संपत्ति लेन-देन करने वाले निवेशकों और उद्यमियों को स्पष्टता प्रदान करने और क्रिप्टो उद्योग को विनियमित करने में सरकार का एक बड़ा कदम है।
भारत में 20 मिलियन से अधिक क्रिप्टो निवेशक है, कुल क्रिप्टो होल्डिंग लगभग 40,000 करोड़ रुपये है।
डिजिटल भारत में क्रिप्टोकरंसी टैक्स संपत्ति लेन-देन के परिमाण और आवृत्ति को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने बजट 2022 में डिजिटल संपत्ति उद्योग के लिए निम्नलिखित विशिष्ट कर व्यवस्था का प्रस्ताव किया है:
- किसी भी क्रिप्टो/डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण से होने वाली आय पर 30% की दर से कर लगेगा,
- एक निश्चित मौद्रिक सीमा से ऊपर, क्रिप्टो/डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण के लिए किए गए भुगतान पर 1% की दर से टीडीएस लगाया जाएगा,
- क्रिप्टो/डिजिटल संपत्ति के उपहार पर प्राप्तकर्ता के हाथों कर लगाने का प्रस्ताव है।
बजट 2022 क्रिप्टो कराधान :
यह किसी वित्तीय वर्ष में क्रिप्टो /वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (क्रिप्टो परिसंपत्तियों) को स्थानांतरित करने वाले व्यक्ति पर लागू होती है।
जिसमें अल्पकालिक और दीर्घकालिक लाभ के बीच कोई अंतर नहीं होता है।
क्रिप्टो /वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (क्रिप्टो परिसंपत्तियों) के हस्तांतरण से होने वाले किसी भी लाभ पर 30% की दर से कर लगाया जाएगा।
क्रिप्टो से संबंधित लेनदेन पर उत्पन्न होने वाली किसी भी आय पर केवल कर लगाया जाएगा। और यदि कोई व्यक्ति क्रिप्टो / वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (क्रिप्टो परिसंपत्ति) रखना जारी रखता है, तो ऐसे अप्राप्त लाभ पर होल्डिंग कर योग्य नहीं है।
वित्तीय वर्ष के दौरान क्रिप्टो / वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (क्रिप्टो परिसंपत्ति) के लेन-देन के दौरान शुद्ध आय भारत में क्रिप्टोकरंसी टैक्स कर योग्य है|
कर योग्य आय (शुद्ध आय) = प्राप्त लाभ – हानि
सरकार ने स्पष्ट किया है कि अगर किसी को आभासी संपत्ति के हस्तांतरण से कोई नुकसान होता है, तो इसे किसी अन्य आय के खिलाफ सेट ऑफ नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा, सरकार ने यह स्पष्ट किया गया है कि क्रिप्टो के हस्तांतरण से होने वाले किसी भी नुकसान को अगले वित्तीय वर्ष तक आगे बढ़ाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
उदाहरण – यदि FY2022 की शुरुआत में क्रिप्टो / वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (क्रिप्टो परिसंपत्तियों) में INR 5,00,000 का निवेश किया गया, और FY2022 के अंत तक, क्रिप्टो को INR 5,50,000 में बेचा गया, INR 50,000 के आय लाभ पर एक फ्लैट 30% कर की दर लागू होती है। उस क्रिप्टो आय INR 50,000 पर 30% कर के रूप में INR 15,000 (अधिभार और उपकर) का भुगतान करने होंगे।
क्रिप्टो / वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (क्रिप्टो परिसंपत्ति) उपहार पर क्रिप्टो कराधान:
आभासी संपत्ति उपहार पर भी कर लगाया जाएगा और उपहार के प्राप्तकर्ता को 30% की समान दर (अधिभार और उपकर सहित) पर आयकर का भुगतान करना होगा। यह उन लोगों पर लागू होता है जो भारत में दोस्तों और परिवार को क्रिप्टो या एनएफटी जैसी आभासी संपत्ति उपहार में देते हैं।
वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के लेन-देन पर – 1% टीडीएस
बजट 2022 में वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (क्रिप्टो परिसंपत्ति) के लेन-देन पर – 1% टीडीएस
Dow Jones Industrial Average (DJI)
मालविका गुरुंग द्वारा Investing.com -- सिंगापुर स्थित एक्सचेंज SGX पर सूचीबद्ध निफ्टी 50 फ्यूचर्स, जो कि निफ्टी50 के लिए शुरुआती संकेतक है, गुरुवार को सुबह 8:54 पर 0.02% या 3.5 अंक.
पीटर नर्स द्वारा Investing.com - अमेरिकी शेयर बुधवार को कम खुलते हुए दिखाई दे रहे हैं, पिछले सत्र की बिकवाली जारी है, इस चिंता पर कि फेडरल रिजर्व को लंबी अवधि के लिए अपने आक्रामक.
मालविका गुरुंग द्वारा Investing.com -- सिंगापुर स्थित एक्सचेंज SGX पर सूचीबद्ध निफ्टी 50 फ्यूचर्स, निफ्टी50 के लिए एक शुरुआती संकेतक, बुधवार को सुबह 8:54 बजे 0.11% या 20 अंक नीचे.
Dow Jones Industrial Average विश्लेषण
पिछले शुक्रवार को, मैंने कहा था कि आगामी कारोबारी सप्ताह की दूसरी छमाही बाजार की दिशा के लिए महत्वपूर्ण होगी। जैसा कि चीजें अभी खड़ी हैं, हम प्रतिरोध पर एक मंदी के उत्क्रमण को देख.
बीआईएस की त्रैमासिक समीक्षा एक उदाहरण के रूप में बांड संकट में बैंक ऑफ इंग्लैंड के हस्तक्षेप का हवाला देती है ताकत दिखाने वाले अमेरिकी आर्थिक आंकड़े फेड की आगे की कार्रवाई की.
जबकि तेजी के कारकों की संख्या बढ़ रही है, बाजार अभी भारत में क्रिप्टोकरंसी टैक्स भी मिश्रित संकेत भेज रहा है शुक्रवार का जॉब डेटा एक महत्वपूर्ण शॉर्ट-टर्म हेडविंड साबित हो सकता है दूसरी ओर, मौसमी निश्चित रूप.
संबंधित इंस्ट्रूमेंट्स
तकनीकी सारांश
Dow भारत में क्रिप्टोकरंसी टैक्स Jones Industrial Average परिचर्चा
जोखिम प्रकटीकरण: वित्तीय उपकरण एवं/या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग में आपके निवेश की राशि के कुछ, या सभी को खोने का जोखिम शामिल है, और सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। क्रिप्टो करेंसी की कीमत काफी अस्थिर होती है एवं वित्तीय, नियामक या राजनैतिक घटनाओं जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित हो सकती है। मार्जिन पर ट्रेडिंग से वित्तीय जोखिम में वृद्धि होती है।
वित्तीय उपकरण या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों एवं खर्चों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, आपको अपने निवेश लक्ष्यों, अनुभव के स्तर एवं जोखिम के परिमाण पर सावधानी से विचार करना चाहिए, एवं जहां आवश्यकता हो वहाँ पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
फ्यूज़न मीडिया आपको याद दिलाना चाहता है कि इस वेबसाइट में मौजूद डेटा पूर्ण रूप से रियल टाइम एवं सटीक नहीं है। वेबसाइट पर मौजूद डेटा और मूल्य पूर्ण रूप से किसी बाज़ार या एक्सचेंज द्वारा नहीं दिए गए हैं, बल्कि बाज़ार निर्माताओं द्वारा भी दिए गए हो सकते हैं, एवं अतः कीमतों का सटीक ना होना एवं किसी भी बाज़ार में असल कीमत से भिन्न होने का अर्थ है कि कीमतें परिचायक हैं एवं ट्रेडिंग उद्देश्यों के लिए उपयुक्त नहीं है। फ्यूज़न मीडिया एवं इस वेबसाइट में दिए गए डेटा का कोई भी प्रदाता आपकी ट्रेडिंग के फलस्वरूप हुए नुकसान या हानि, अथवा इस वेबसाइट में दी गयी जानकारी पर आपके विश्वास के लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं होगा।
फ्यूज़न मीडिया एवं/या डेटा प्रदाता की स्पष्ट पूर्व लिखित अनुमति के बिना इस वेबसाइट में मौजूद डेटा का प्रयोग, संचय, पुनरुत्पादन, प्रदर्शन, संशोधन, प्रेषण या वितरण करना निषिद्ध है। सभी बौद्धिक संपत्ति अधिकार प्रदाताओं एवं/या इस वेबसाइट में मौजूद डेटा प्रदान करने वाले एक्सचेंज द्वारा आरक्षित हैं।
फ्यूज़न मीडिया को विज्ञापनों या विज्ञापनदाताओं के साथ हुई आपकी बातचीत के आधार पर वेबसाइट पर आने वाले विज्ञापनों के लिए मुआवज़ा दिया जा सकता है। इस समझौते का अंग्रेजी संस्करण मुख्य संस्करण है, जो अंग्रेजी संस्करण और हिंदी संस्करण के बीच विसंगति होने पर प्रभावी होता है।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 491