Meaning of Trading in Hindi | Types of Trading in Hindi

अगर आपने हमारी पिछली पोस्ट को पढ़ा होगा , तो आपको पता चल गया होगा की Investing क्या है और यह कैसे काम करती है | आज के article मैं हम देखेंगे की trading क्या है , यह कितने प्रकार की होती है | एकदम सरल और आसान भाषा में |

Trading क्या है ?

Trading का मतलब है “व्यापार” आमतौर पर जब कोई वस्तु या सेवा मुनाफा कमाने के उद्देश्य से खरीदी या बेचीं जाती है, तो उसे ट्रेडिंग कहा जाता है| अगर stock market के sense में कहें तो कोई stock इस मकसद से खरीदना की बाद में उसे बेचकर मुनाफा कमाया जा सके, तो इसे शेयर ट्रेडिंग कहा जाता है यानि ” शेयरों का व्यापार “

मान लीजिये आज आपने 100 शेयर 100 रु की market price पर खरीदें और आज ही के दिन आपने उन शेयरों को 105 रु में बेच दिया , तो ऐसे में इसे ट्रेडिंग कहा जायेगा|

आमतौर पर ट्रेडिंग ” Investing ” की तुलना में काफी short term के लिए की जाती है, दरअसल ट्रेडिंग का सफर ही कुछ घंटों से लेकर इंट्राडे ट्रेडिंग में दो प्रकार के व्यापार कुछ महीनो तक का होता है| इसी समय अवधि के भीतर ट्रेडिंग करके मुनाफा कमाना होता है|

हालाँकि ट्रेडिंग से अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है लेकिन इसी के साथ यहाँ risk भी उतना ही बढ़ जाता है जितना की profit , इसलिए ट्रेडिंग की पूरी जानकारी होने के बाद ही इसे करना चाहिए|

Trading के प्रकार –

जैसा की हम जानते है की ट्रेडिंग समय सिमा पर आधारित है, इसलिए इसे समय सिमा के अनुसार ही चार भागों में बांटा गया है, जो की इस प्रकार है –

1. Intraday trading

भारतीय शेयर बाजार सुबह के 9:15 से दोपहर के 3:30 तक खुला रहता है, जिस दौरान इसमें ट्रेडिंग की जाती है| Intraday Trading में शेयरों को same day पर खरीदकर same day पर बेचने होतें है, इसलिए इसे डे ट्रेडिंग भी कहा जाता है| इंट्राडे ट्रेडिंग में छोटी-छोटी trade ली जाती है जैसे 1-2 घंटे की और इसी दौरान stock price में होने वाले fluctuations से मुनाफा कमाया जाता है| इंट्राडे ट्रेडिंग में ब्रोकर की तरफ से margin Trading की सुविधा भी दी जाती है, जिसे Trading session के अंत तक मुनाफा कमा के stock broker को वापस कर सकते है|

यहाँ पर ध्यान देने वाली बात यह है की आपको वो शेयर्स उसी दिन sell करने पड़ते है जिस दिन अपने वो शेयर्स खरीदें होते है| आपको नुकसान हो या मुनाफा इससे stock broker को फ़र्क़ नहीं पड़ता , अगर आप ऐसा नहीं करतें है तो 3:30 से 20 मिनट पहले ही आपका ब्रोकर खुद-ब-खुद आपकी सभी positions square off कर देगा|

2. Scalping trading

आमतौर पर scalping Trading ” Intraday Trading की तरह ही है, यहाँ पर 5-10 मिनट के भीतर ही शेयर्स की खरीद और बिक्री करनी होती है और कई बार तो यह कुछ सेकंड से लेकर कुछ मिनटों तक ही होती है| scalping trading में stock price में होने वाले बहुत छोटे-छोटे movement से मुनाफा कमाया जाता है| आमतौर पर scalping Trading ” Trading day ” के दौरान कई बार की जाती है|

यहाँ पर ध्यान देने वाली बात यह है की scalping trade तभी लिए जाते है, जब मार्किट में बहुत ज्यादा volatility हो|

3. Swing trading

swing Trading एक ऐसा Trading style है, जिसमे शेयर्स की delivery ली जाती है कुछ दिनों से लेकर कुछ सप्ताहों तक की, इसलिए इसे delivery based t rading भी कहा जाता है| स्विंग ट्रेडिंग में strong fundamentals कंपनियों के stocks चुने जातें है|

आमतौर पर ट्रेडर swing Trading में कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ़्तों तक के अंतराल में stock price में होने वाले fluctuations से मुनाफा कमाते है, अगर आप beginner है और 5-10 % तक का मुनाफा कमाना चाहते है, तो स्विंग ट्रेडिंग एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है|

ध्यान दें, स्विंग ट्रेडिंग में स्टॉक ब्रोकर की तरफ से कोई मार्जिन ट्रेडिंग की सुविधा नहीं दी जाती, यहाँ पर सारे पैसे आपको अपनी जेब से लगाने पड़ते हैं|

4. positional Trading

यह एक ऐसा Trading style जिसमे stock price के movement पर ज्यादा ध्यान न देतें हुए, कंपनी के fundamentals पर ज्यादा ज़ोर दिया जाता हैं, जैसा की नाम से ही पता चलता हैं की इसमें किसी stocks की positions ली जाती हैं, जो की 6 महीनों से लेकर 1 या 2 साल तक की हो सकती हैं|

Trading के फायदें-

आमतौर पर ट्रेडिंग के कोई फायदे या नुक्सान नहीं होते| ट्रेडिंग से किसी को फायदा होगा या नुक्सान, यह निर्भर करता हैं उसके अनुभव और उसके द्वारा अपनाई जाने वाली ट्रेडिंग स्टाइल पर| अगर आप beginner हैं, तो पहले इसे समझिये और पूरी जानकारी लेने के बाद ही इसे शुरू कीजिये|

आमतौर पर ट्रेडिंग से होने वाले फायदे कुछ इस प्रकार हैं :-

1. अगर आप 5-10 % तक का मुनाफा कमाना चाहतें हैं, तो स्विंग ट्रेडिंग एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता हैं|

2. जहाँ इंट्राडे ट्रेडिंग में दो प्रकार के व्यापार पर Investing में किसी बेहतर stocks को ढूंढ़ने में उसका fundamentals analysis बहुत जरुरी होता, जो की एक time consuming process हैं| वहीं पर ट्रेडिंग में आपको stock की price और movement पर ज्यादा ध्यान देना होता हैं|

3. ट्रेडिंग का सबसे बड़ा फायदा यह हैं की, यहाँ पर आपको डे ट्रेडिंग में मार्जिन ट्रेडिंग की सुविधा मिल जाती हैं, जिसके जरिये अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता हैं|

उम्मीद करतें हैं इस पोस्ट के माध्यम से दी गयी जानकारी जैसे ( Trading क्या हैं, Trading के प्रकार और Trading के फायदे इत्यादि ) आपके लिए उपयोगी साबित होगी|

अगर आपके पास इस पोस्ट से जुड़े अभी भी कोई सवाल हैं, तो उसे आप हमसे निचे दिए गए comment section पूंछ सकतें हैं|

क्‍या शेयरों इंट्राडे ट्रेडिंग में दो प्रकार के व्यापार इंट्राडे ट्रेडिंग में दो प्रकार के व्यापार के ट्रेड-टू-ट्रेड सेगमेंट के बारे में जानते हैं आप?

ट्रेड-टू-ट्रेड (T2T) एक ऐसा सेगमेंट है जहां शेयर केवल अनिवार्य डिलीवरी के आधार पर ट्रेड किए जा सकते हैं.

Investement

ट्रेड-टू-ट्रेड (T2T) एक ऐसा सेगमेंट है जहां शेयर केवल अनिवार्य डिलीवरी के आधार पर ट्रेड किए जा सकते हैं. इसका मतलब यह है कि ट्रेड-टू-ट्रेड शेयर की इंट्राडे ट्रेडिंग नहीं हो सकती है. इस सेगमेंट के हर एक खरीदे/बेचे गए शेयर की पूरा पेमेंट देकर डिलीवरी लेनी पड़ती है. इस सेगमेंट में उपलब्ध शेयरों का निपटान ट्रेड-टू-ट्रेड आधार पर किया जाता है.

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के चंदन तपाड़िया कहते हैं, "T2T सेगमेंट में इंट्राडे ट्रेडिंग की अनुमति नहीं है. शेयरों की डिलीवरी लेना और उनका पूरा भुगतान जरूरी होता है."

2. T2T सेगमेंट में शेयर के जाने का पैमाना क्या है?
सेबी के साथ विचार-विमर्श के बाद स्टॉक एक्सचेंज किसी शेयर को T2T सेगमेंट में डालने या उससे निकालने का फैसला करते हैं. स्टॉक एक्सचेंज और सेबी की वेबसाइटों पर इसके पैमाने लिस्ट हैं. इसकी समय-समय पर समीक्षा होती है. समीक्षा के दिन प्रतिभूति को कम से कम 22 कारोबारी दिनों के लिए 5 फीसदी के प्राइस फिल्टर बैंड में होना चाहिए. इस मापदंड को न पूरा करने पर शेयर 'T'सेगमेंट में नहीं जा सकता है.

3. क्या T2T सेगमेंट से बाहर आकर इंट्राडे ट्रेडिंग में दो प्रकार के व्यापार शेयर दोबारा सामान्य तरह से ट्रेड कर सकता है?
बिल्कुल. शेयर T2T सेगमेंट से बाहर आ सकता है. एक्सचेंज और सेबी के दिशानिर्देशों के अनुसार इसमें सामान्य तरह से ट्रेडिंग शुरू हो सकती है.

4. कौन-से शेयर अभी T2T सेगमेंट में हैं?
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के अनुसार, अभी Atlas Cycle, Tree House, Punj Lloyd, Rolta और Melstar जैसे शेयर T2T सेगमेंट में हैं.

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Traders Diary: इंट्राडे में कमाई के लिए तैयार करें लिस्ट, ये शेयर दिखा सकते हैं दम

Zee Business आपके लिए 1 अप्रैल को लाभदायक ट्रेड के लिए शेयरों की एक सूची लेकर आया है। इन शेयरों को शॉर्ट-टर्म, पोजीशनल और लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए कैश, F&O और टेक्नो सेगमेंट से चुना गया है। लाभदायक व्यापार के लिए शेयरों को खरीदने के लिए Traders Diary देखें।

Dhanteras 2022: इस धनतेरस 25 हजार करोड़ के गहने बिके, कुल 45 हजार करोड़ का हुआ कारोबार

Dhanteras 2022: ट्रेडर्स बॉडी CAIT ने कहा कि इस साल दो दिनों के धनतेरस में 25 हजार करोड़ के गहने बिके. कुल बिक्री 40 हजार करोड़ के करीब रहा. उम्मीद है कि दिवाली फेस्टिव सेल्स में कुल बिक्री का आंकड़ा 1.5 लाख करोड़ के पार पहुंचेगा.

Dhanteras 2022: इस साल कल और आज दोनों दिन धनतेरस का त्योहार मनाया जा रहा है. इसका मुहूर्त शनिवार दोपहर 2 बजे से रविवार शाम 6 बजे तक है. एक अनुमान के मुताबिक इस साल लगभग 45 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का व्यापार हुआ जबकि ज्वैलरी व्यापार दो दिनों में लगभग 25 हजार करोड़ के आस पास हुआ. बाकी लगभग 20 हजार करोड़ का व्यापार ऑटोमोबाइल, कम्यूटर और कंप्यूटर से संबंधित सामान, फर्नीचर, घर और कार्यालयों की साज सज्जा के लिए जरूरी सामान, मिठाई और नमकीन, किचन का सामान, सभी प्रकार के बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक्स, मोबाइल वस्तुओं में हुआ.

कोरोना के बाद ग्राहकों की अच्छी वापसी

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने बताया की कल और आज दो दिन देश भर के बाजारों में ग्राहकों की उमड़ी भीड़ और सामान खरीदने की उत्सुकता का आंकलन इस बात की पुष्टि करता है की दो वर्ष कोरोना के कारण बाजार से दूर रहने वाले ग्राहक अब फिर वापिस बाजार में पूरे जोर शोर से आ गए हैं.

फेस्टिव सीजन बिक्री का अनुमान 1.5 लाख करोड़

कैट का यह अनुमान है की इस वर्ष फेस्टिव सीजन की बिक्री का आंकड़ा 1 लाख 50 हजार करोड़ के पार होगा और विशेष रूप से देश भर के बाजारों में भारतीय सामान को ही खरीदने की प्रमुखता दी जा रही है. चीन को इस वर्ष दिवाली से संबंधित सामान की 75 हजार करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान होगा.

सितंबर तिमाही में गोल्ड मांग में 80% का उछाल

कैट के सहयोगी संगठन आल इंडिया ज्वेलर्स और गोल्डस्मिथ फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष, इंट्राडे ट्रेडिंग में दो प्रकार के व्यापार पंकज अरोरा ने बताया की भारतीय स्वर्ण उद्योग कोरोना संकट से पूरी तरह उबर चुका है. सोने की मांग अपने उच्चतम स्तर पर आ गई है. आर्थिक गतिविधियों में जोरदार उछाल और उपभोक्ता मांग में सुधार के बाद जुलाई-सितंबर तिमाही में भारत की सोने की मांग में सालाना आधार पर घरेलू बाजार में 80% तक की बढ़ोतरी हुई है.

सोना आयात में कमी आई है

अरोरा ने कहा कि 2021 के मुकाबले 2022 में भारत में सोने का आयात लगभग 11.72% की कमी आयी है. पिछले वर्ष जहां भारत में पहली छमाही में 346.38 टन सोना आयात किया गया जो अबकी 308.78 टन रह गया जिसकी भरपाई कोरोना काल से उत्पन्न संकट के रिजर्व स्टॉक से की गई. वहीं देश भर में बड़ी मात्रा में लोगो ने पुराने गहने देकर नए गहने , जिन्हे रीसायकल गोल्ड भी कहा जाता है. उन्होंने बताया की दो दिन के धनतेरस त्योहार के चलते देश भर में लगभग 25 हजार करोड़ रुपए के सोने चांदी और डायमंड जिसमे गहनों के साथ ही सोने-चांदी के सिक्के, नोट, मूर्तियां और बर्तन की बड़ी बिक्री हुई है.

किस सेगमेंट में कितनी बिक्री हुई?

भरतिया और खंडेलवाल ने कहा की एक अनुमान के अनुसार ज्वैलरी के अलावा कल और आज दो दिनों में ऑटोमोबाइल सेक्टर में लगभग 6 हजार करोड़, फर्नीचर में लगभग 1500 करोड़, कंप्यूटर और कंप्यूटर से संबंधित सामानों में लगभग 2500 करोड़, एफएमसीजी में लगभग 3 हजार करोड़, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान में लगभग 1 हजार करोड़, स्टेनलेस स्टील, एल्युमीनियम और पीतल के बर्तनों में लगभग 500 करोड़, किचन के उपकरण और किचन के अन्य सामन में लगभग 700 करोड़, टेक्सटाइल, रेडीमेड गारमेंट और फैशन के कपडे में लगभग 1500 करोड़ का व्यापार हुआ है जबकि दिवाली पूजा का सामान, घर और ऑफिस की साज सज्जा, बिजली और बिजली के उपकरण, स्टेशनरी, बिल्डर हार्डवेयर, लकड़ी और प्लाईवुड आदि में भी काफी बड़ा व्यापार हुआ है.

5 नवंबर तक फेस्टिव सीजन

कल 24 अक्टूबर को देश भर में दिवाली मनाई जाएगी. वही, 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण होने के कारण 26 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा और अन्नकूट महोत्सव, 27 अक्टूबर को भैया दूज और उसके बाद छठ पूजा तथा 5 नवम्बर को तुलसी विवाह के साथ फेस्टिव सीजन संपन्न होगा. देश भर के व्यापारियों को बड़ी उम्मीद है की अभी दिवाली त्योहार के बचे हुए दिनों में भी बिक्री में तेजी आएगी.

Trading Kya Hai in Hindi | Trading Meaning in Hindi [2022]

आज हम जानेगे Trading Kya Hai, Trading Meaning in Hindi और ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते है. दोस्तो शेयर बाजार में दो तरह के लोग हिस्सा लेते है Investor और Trader. जो व्यक्ति अपने पैसे का बड़ा हिस्सा निवेश करता है उसे Investor कहा जाता है. सरल भाषा में ट्रेडिंग का अर्थ है लाभ कमाने की आशा से कोई भी सामान या सेवा खरीदना और बेचना, यह एक प्रकार का बिजनेस ही होता है.

What is Trading in Hindi

आपके अपार्टमेंट या आपकी गली में सब्जी बेचने आने वाले चाचा एक तरह से इन्वेस्टर है. वह भी सब्जी बेचने का धंधा करते है. क्योंकि वह बाजार से थोड़े कम दाम में सब्जियां खरीदते है और फिर आपको थोड़े ज्यादा दाम में बेचते है.

इससे दो काम हो जाते हैं, लोगों को घर बैठे सब्जी मिल जाती है और वही चाचा भी थोड़ी कमाई कर लेते है. यदि हम अपने चारों ओर देखें तो अधिकांश इंट्राडे ट्रेडिंग में दो प्रकार के व्यापार व्यापार का ही होता है. उस चाचा की तरह किराने की दुकान में जहां से आप किराने का सामान खरीदते है.

या वो मेडिकल स्टोर भाई जहाँ से आप कोई दवाई ख़रीदते हो और ऐसे सभी लोग किसी न किसी सामान का व्यापार करते हो. तो चलिए अब हम जानते हैं कि ट्रेडिंग क्या है

Trading Meaning in Hindi

Trading Kya Hai – शेयर बाजार में ट्रेडिंग का मतलब है मुनाफा कमाने की उम्मीद के साथ किसी कंपनी के स्टॉक यानि शेयरों की खरीद-बिक्री करना.

जैसे किसी कंपनी के शेयर खरीदे और फिर कुछ समय बाद उसे बेच दिया जब उसकी कीमत बढ़ गई. यह समय कुछ मिनटों से लेकर कुछ हफ्तों तक हो सकता है. जी हां, शेयर बाजार में चंद मिनटों में भी शेयर खरीदना और बेचना संभव है. क्योंकि दिन भर शेयर बाजार में कारोबार करने वाली कंपनियों के बारे में अच्छी और बुरी खबरें आती रहती है.

जिससे शेयर बाजार में उन कंपनियों के शेयरों के भाव हर सेकेंड में भी कई बार बदलते रहते है. इसका फायदा उठाकर कई लोग मिनटों में भी शेयर खरीद-बिक्री करते है. लेकिन इतनी जल्दी खरीद-फरोख्त के कारण जैसे खरीद-बिक्री में लाभ मिनटों में हो सकता है, वैसे ही नुकसान भी मिनटों में हो सकता है. इस कारण इस प्रकार के व्यापार को बहुत जोखिम भरा माना जाता है.

ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते है

मिला जुलाकर ट्रेडिंग पांच प्रकार के होते है लेकिन मुख्य रूप से इन तीन प्रकार के स्टॉक ट्रेडिंग को कहा जाता है

Intraday Trading,
Positional Trading
Short Term Trading या Swing Trading

Trading Kya Hai के इस पोस्ट मे हम सबसे पहले बात करेंगे इंट्राडे ट्रेडिंग की जिसे OneDay Trading भी कहते है. इस प्रकार की ट्रेडिंग काफी रिस्क वाली होती है.

Intraday Trading Kya Hai

यदि शेयर ट्रेडिंग करने वाला कोई ट्रेडर एक ही दिन में शेयर खरीद और बेच सकता है तो उस ट्रेडिंग को वन-डे या इंट्राडे ट्रेडिंग कहा जाता है.

भारत का शेयर बाजार सुबह 9:15 बजे से दोपहर 3:30 बजे तक खुला रहता है. अगर इन दोनों के बीच के समय में कोई शेयर खरीदा और बेचा जाता है, तो वह इंट्रा डे ट्रेडिंग हो जाएगा. हमने मिनटों में किए गए उपरोक्त ट्रेडिंग के बारे में जो बात की, वह भी इंट्राडे ट्रेडिंग है.

एक इंट्राडे ट्रेडर का लक्ष्य बाजार में आने वाली खुशखबरी से स्टॉक में तेज उतार-चढ़ाव का फायदा उठाना होता है. जिससे वह कम समय में मुनाफा कमा सके. लेकिन यह आवश्यक नही है कि वह केवल लाभ ही कमाता है, उसे हानि भी हो सकती है.

बल्कि इंट्राडे ट्रेडिंग में कुछ सफल ट्रेडर्स को छोड़कर ज्यादातर लोगों को नुकसान उठाना पड़ता है. इस कारण इंट्रा डे ट्रेडिंग में सफल होना एक बहुत ही मुश्किल काम है. हालांकि उन सफल व्यापारियों को भी नुकसान होता है, लेकिन उनका मुनाफा उनके नुकसान से काफी ज्यादा होता है. जिससे उन्हें सब कुछ मिलाकर तो ज्यादातर संजोगो में ही मुनाफ़ा मिलता है.

लेकिन ज्यादातर लोगों के साथ ऐसा नहीं होता है. जिससे बहुत ही कम लोग सफल इंट्रा डे ट्रेडर बन पाते है. इस ट्रेडिंग के लिए, ब्रोकर आपको आपके द्वारा जमा की गई राशि के 10 से 20 गुना के शेयर खरीदने और बेचने की अनुमति देता है. यानी अगर आपने 10 हजार रुपये जमा किए हैं तो आप 1 लाख से 2 लाख तक खरीद-बिक्री भी कर सकते हैं.

Positional Trading Kya Hai

एक अन्य प्रकार का स्टॉक ट्रेडिंग पोजिशनल ट्रेडिंग है. यदि कोई व्यापारी एक दिन में एक शेयर खरीदता है और फिर उसे उसी दिन बेचने के बजाय 1 दिन से लेकर एक सप्ताह के बीच में बेचता है, तो इसे पोजिशनल ट्रेडिंग कहा जाता है.

(यानी मार्केट के उतार चढ़ाव को परखने के बाद) ऐसा करने के लिए उस ट्रेडर को उस स्टॉक की डिलीवरी लेनी होती है. जिसके लिए ब्रोकर को उन शेयरों की पूरी राशि का भुगतान करना होता है, जिन पर उसने खरीदा है.

दो दिनों के भीतर वह हिस्सा उनके डीमैट खाते में आ जाता है. फिर वह जब चाहे उस शेयर को बेचकर अपना पैसा जुटा सकता है. हालांकि इस तरह के ट्रेडिंग में इंट्राडे की तुलना में कम जोखिम होता है, लेकिन इसमें रातोंरात जोखिम होता है.

कई बार बॉन्ड मार्केट में कोई अच्छी या बुरी खबर आने की वजह से अगले दिन पूरा बाजार या कुछ शेयर बहुत ज्यादा या बहुत कम खुलते है. इससे जुड़े जोखिम को ओवरनाइट रिस्क कहा जाता है. इंट्राडे ट्रेडिंग करते समय यह जोखिम नहीं होता है क्योंकि इंट्रा डे ट्रेडिंग में शेयरों की डिलीवरी लेने की आवश्यकता नहीं होती है.

Short Term Trading Kya Hai

तीसरे प्रकार का स्टॉक ट्रेडिंग शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग है. यदि कोई व्यापारी खरीदे गए स्टॉक को 1 सप्ताह से 4 सप्ताह तक या उससे ज्यादा रखता है और फिर उसे बेचता है, तो इसे शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग कहा जाता है.

इस ट्रेडिंग में एक ट्रेडर का लक्ष्य कुछ ही हफ्तों में शेयर की कीमत में उतार-चढ़ाव का फायदा उठाकर मुनाफा कमाना होता है. इस कारण इस ट्रेडिंग को स्विंग ट्रेडिंग भी कहा जाता है. स्विंग ट्रेडिंग में भी रातोंरात जोखिम बना रहता है, लेकिन इंट्राडे ट्रेडिंग की तुलना में इस प्रकार के व्यापार में जोखिम कम होता है.

तो अब आप उस इंट्राडे ट्रेडिंग में दो प्रकार के व्यापार पोस्ट को पढ़कर समझ ही गये होंगे कि Trading Kya Hai और ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते है. शेयर मार्केट से जुड़ी ऐसी ही जानकारी के लिए हमारे साथ जुड़े रहे.

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