निष्कर्ष
कई फायदे और लाभ, क्रिप्टोकरेंसी को सभी गेमर्स के लिए एक आकर्षक विकल्प बनाते हैं। फलस्वरूप ऑनलाइन गेमिंग एक ऐसा उद्योग है जो क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग से लाभान्वित होता है। यह गेमिंग उद्योग को पैसा कमाने का एक सुरक्षित और आसान माध्यम प्रदान करता है। क्रिप्टोकरेंसी ने न केवल इस व्यापार को संभव बनाया है बल्कि ऑनलाइन खेलने के लिए अविश्वसनीय फायदे भी दिए हैं। ऑनलाइन गेमों में क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल अभी प्रारंभिक चरण में है, लेकिन भविष्य निश्चित रूप से उज्ज्वल है।

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What is Digital Rupee: जानें क्या है डिजिटल करेंसी, क्या क्रिप्टोकरेंसी से है अलग, जानें इसके फायदे

भारत (India) की पहली डिजिटल करेंसी यानी डिजिटल रुपया (Digital Rupee) आ रहा है। ये एक भौतिक मुद्रा नहीं है बल्कि भारत का रुपया डिजिटल रूप में उपलब्ध होगा। ये आपको जेब में रखने की जरूरत नहीं है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भारत की पहली डिजिटल मुद्रा यानी डिजिटल रुपया का पहला पायलट परीक्षण शुरू कर दिया है।

ई-आरयूपीआई एक नकद और संपर्क रहित भुगतान मोड है। जो क्यूआर कोड और एसएमएस स्ट्रिंग पर आधारित है, जो ई-वाउचर के रूप में काम करता है। उपयोगकर्ता को इस सेवा के तहत भुगतान करने के लिए न तो कार्ड, डिजिटल भुगतान ऐप और न ही इंटरनेट बैंकिंग एक्सेस की आवश्यकता होगी। इससे ज्यादा से ज्यादा लोग डिजिटल रुपये का इस्तेमाल कर सकेंगे।

कैसे है डिजिटल रुपया क्रिप्टोकरेंसी से अलग

ऑनलाइन गेमिंग में क्रिप्टोकरेंसी के क्रिप्‍टोकरेंसी के फायदे फायदे

आज जब गेमिंग उद्योग की हम बात करें तब पिछले कुछ वर्षों में इस क्षेत्र में जो विकास हुआ है, वह अविश्वसनीय है। टेक्नोलॉजी के विकास के साथ ऑनलाइन गेमों का प्रचलन दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहा है। आजकल ऑनलाइन गेम केवल मनोरंजन तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह एक आय का स्रोत भी बन गया है। इन गेमों को खेलकर लोग अपनी सुविधानुसार घर बैठे अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं। जब बात असली पैसे से खेलने की आती है तब कहीं न कहीं खतरे की संभावना अधिक रहती है। असली पैसों का लेनदेन जोखिम भरा होता है। ऑनलाइन गेमिंग वेबसाइटों या ऑनलाइन कसीनो में खिलाड़ियों की व्यक्तिगत जानकारी और उनके द्वारा किए गए लेन-देन की सुरक्षा महत्वपूर्ण है और यह हर ऑनलाइन कसीनो या गेमिंग वेबसाइटों के लिए चिंता का बड़ा मुद्दा होता हैं। इसी खतरे को कम करने के प्रयास में क्रिप्टोकरेंसी का ऑनलाइन गेमों में और ऑनलाइन कसीनो में इस्तेमाल होना शुरू हुआ। क्रिप्टोकरेंसी में ब्लॉकचेन तकनीक का इस्तेमाल होता है, जो कि पीयर-टू-पीयर नेटवर्किंग में डिजिटल संपत्ति के अवैध व्यापार, हैकिंग के खतरे को रोकता है।

क्रिप्टोकरेंसी-बिटकॉइन आखिर है क्या? क्यों बन गई हैकर्स की पसंद?

क्रिप्टोकरेंसी-बिटकॉइन आखिर है क्या? क्यों बन गई हैकर्स की पसंद?

हाल ही में पीएम मोदी के एक ट्विटर अकाउंट को हैकर्स ने हैक कर लिया और क्रिप्टोकरेंसी (बिटकॉइन) मांगने लगे. जुलाई में ट्विटर को एक बड़े क्रिप्टो हैक का सामना करना पड़ा था, जिसमें हाई-प्रोफाइल हस्तियों, राजनेताओं जैसे बराक ओबामा, एलन मस्क जैसी शख्सियतों के अकाउंट्स को हैक करके बिटकॉइन का प्रचार किया गया था.

पीएम मोदी के ट्विटर अकाउंट को हैक करते वक्त हैकर्स ने लिखा था-

मैं आप सभी से कोविड -19 के लिए पीएम नेशनल रिलीफ फंड में उदारतापूर्वक दान देने की अपील करता हूं, अब भारत क्रिप्टो करेंसी के साथ शुरुआत करेगा, कृपया दान करें.ईटीएच (इथेरियम).

वर्चुअल या क्रिप्टो करेंसी का मतलब क्या है ?

वर्चुअल या क्रिप्टो करेंसी एक तरह की डिजिटल करेंसी होती है, जिसे इनक्रिप्शन टेक्‍नोलॉजी की मदद से जेनरेट और रेगुलेट किया जाता है. इन करेंसी के क्रिएशन, निवेश, लेन-देन या फंड ट्रांसफर की प्रक्रिया में भारतीय रिजर्व बैंक या किसी भी दूसरे देश के बैंकिंग रेगुलेटर की प्रभावी भूमिका नहीं होती है. इन करेंसी पर न तो किसी देश की मुहर होती है और न ही इनके भुगतान के लिए किसी तरह की सॉवरेन यानी सरकारी गारंटी होती है.

दुनियाभर में बहुत सारी क्रिप्टो-करेंसी प्रचलित हैं, जिनमें बिटकॉइन सबसे मशहूर है.

उदाहरण से समझिए

गोल्ड एक धातु है जिसकी अपनी वैल्यू होती है. डॉलर कितना महंगा या सस्ता होगा यह अमेरिकी अर्थव्यवस्था की हालत पर निर्भर होता है.रुपए का वैल्यू हमारी अर्थव्यवस्था से जुड़ा है. पाउंड की सेहत यूके की अर्थव्यवस्था पर निर्भर जबकि येन का जापान की अर्थव्यवस्था पर. इसके अलग बिटकॉइन की कोई अपनी वैल्यू नहीं होती है. इसका इस्तेमाल सट्टेबाजी के लिए होता है, इसी आधार पर ही इसके दाम बढ़ते-घटते रहते हैं. ज्यादा सट्टेबाजी को ज्यादा उतार-चढ़ाव.

बिटकॉइन के चार्ट पर नजर डालें तो अब बिटकॉइन में रिकवरी देखने को मिल रही है. 2019 की शुरुआत में अपना लो बनाने के बाद बिटकॉइन में निचले स्तरों पर अच्छी रिकवरी देखने को मिलली है. मार्च में चौतरफा बिकवाली के बीच बिटकान में भी बिकवाली देखने को मिली थे लेकिन जिस तरह शेयर बाजार में खासी रिकवरी देखने को मिली. वैसी ही रिकवरी बिटकॉइन में देखने को मिली है. मार्च में बिटकॉइन 4500 डॉलर के स्तरों से अब 12000 डॉलर के स्तरों पर पहुंच गया है. जुलाई और अगस्त के महीने में बिटकॉइन में गजब की तेजी देखने को मिली है.

देश में इसकी कानूनी ‘हैसियत’ क्या है?

देश में क्रिप्टोकरेंसी के कारोबार पर किसी भी तरह क्रिप्‍टोकरेंसी के फायदे का बैन नहीं है. हालांकि, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा बैंकिंग प्रतिबंध लगाया गया है. राज्यसभा में इस संबंध में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए वित्त और कॉरपोरेट कार्य राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा था कि "वर्तमान में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े मसलों से निपटने के लिए अलग से कोई कानून नहीं है. इस प्रकार आरबीआई, प्रवर्तन निदेशालय, आयकर प्राधिकरण जैसे सभी संबद्ध विभाग और काननू का अनुपालन करवाने वाली एजेंसियां मौजूदा कानून के अनुसार कार्रवाई करती हैं."

2009 में लॉन्च हुए बिटकॉइन हैकर्स या साइबर अपराधियों को दो फायदे देते हैं. पहला कि ये एक डिसेंट्रलाइज्ड करेंसी की तरह काम करता है और इसमें बैंक या क्रेडिट कार्ड कंपनी जैसा कोई बिचौलिया नहीं होता और इस वजह से इस्तेमाल करने वाला गुमनाम रहता है. दूसरा बिटकॉइन को वर्चुअल वॉलेट्स में रख सकते हैं, जिनकी पहचान सिर्फ एक नंबर से होती है.

ऑनलाइन गेमिंग में क्रिप्टोकरेंसी के फायदे

आज जब गेमिंग उद्योग की हम बात करें तब पिछले कुछ वर्षों में इस क्षेत्र में जो विकास हुआ है, वह अविश्वसनीय है। टेक्नोलॉजी के विकास के साथ ऑनलाइन गेमों का प्रचलन दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहा है। आजकल ऑनलाइन गेम केवल मनोरंजन तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह एक आय का स्रोत भी बन गया है। इन गेमों को खेलकर लोग अपनी सुविधानुसार घर बैठे अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं। जब बात असली पैसे से खेलने की आती है तब कहीं न कहीं खतरे की संभावना अधिक रहती है। असली पैसों का लेनदेन जोखिम भरा होता है। ऑनलाइन गेमिंग वेबसाइटों या ऑनलाइन कसीनो में खिलाड़ियों की व्यक्तिगत जानकारी और उनके द्वारा किए गए लेन-देन की सुरक्षा महत्वपूर्ण है और यह हर ऑनलाइन कसीनो या गेमिंग वेबसाइटों के लिए चिंता का बड़ा मुद्दा होता हैं। इसी खतरे को कम करने के प्रयास में क्रिप्टोकरेंसी का ऑनलाइन गेमों में और ऑनलाइन कसीनो में इस्तेमाल होना शुरू हुआ। क्रिप्‍टोकरेंसी के फायदे क्रिप्टोकरेंसी में ब्लॉकचेन तकनीक का इस्तेमाल होता है, जो कि पीयर-टू-पीयर नेटवर्किंग में डिजिटल संपत्ति के अवैध व्यापार, हैकिंग के खतरे को रोकता है।

क्या है Reliance Jio Coin , कैसे होगा यूज और क्या होंगे फायदे-नुकसान, जानिए खास बातें

Reliance JioCoin

रिलायंस जिओ अब अपनी खुद की बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी Jio Coin मुद्रा लाने की तैयारी कर रही है। मुकेश अंबानी के बड़े बेटे आकाश Reliance Jio Coin प्रोजेक्ट की टीम का नेतृत्व कर रहे हैं। इस ब्लॉकचेन तकनीक पर काम करने के लिए 50 युवा प्रोफेशनलों की टीम बनाई जा रही है। बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर युवाओं में काफी क्रेज है। एक सर्वे के मुताबिक भारत में Cryptocurrency के 6 लाख से ज्यादा सक्रिय ट्रेडर्स हैं। वहीं, 25 लाख लोगों ने देशभर की 9 क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों में खुद को पंजीकृत करा रखा है। ऐसे में अब रिलायंस जिओ कॉइन काफी चौंकाने वाला है। हम आपको बता रहे हैं जिओ कॉइन के बारे में कुछ खास बातें.

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