Share Buyback क्या होता है, शेयर बायबैक के फायदे

What Is A Stock Buyback

What is a share buyback साल 2022 में TCS और Gail जैसी बड़ी कंपनियों ने अपने शेयर बायबैक करने की घोषणा की थी. शेयर मार्केट में यदि आप रुचि रखते हैं या फिर लेनदेन करते हैं तो आपने इस तरह की खबरों को जरूर सुना होगा.

शेयर मार्केट में बायबैक क्या होता है? इस बारे में काफी कम लोग ही जानते हैं क्योंकि ये टर्म काफी कम बार उपयोग होती है और अधिकतर लोग इसका सही मतलब नहीं जान पाते हैं. शेयर मार्केट में रुचि रखने वाले लोगों को शेयर बायबैक क्या है? इस बारे में जरूर जानना चाहिए.

शेयर बायबैक क्या है? What is a share buyback

कोई भी कंपनी ग्रोथ करने के लिए या अपने बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए शेयर मार्केट में लिस्ट होकर अपने शेयर बेचती है और अपने बिजनेस के लिए पैसा जुटाती है. इस प्रोसेस में कंपनी को अपने शेयर बेचने होते हैं.

शेयर खरीदने वाले लोगों को investor कहा जाता है. ये अपना पैसा देकर कंपनी के शेयर खरीदते हैं. जब शेयर के दाम बढ़ते हैं तो इन्वेस्टर को फायदा होता है और जब शेयर के दाम घटते हैं तो इन्वेस्टर को घाटा होता है.

इस पूरी प्रोसेस में कंपनी को अपना Business आगे बढ़ाने का पैसा मिलता है और बदले में कंपनी की हिस्सेदारी शेयर मार्केट के फायदे लोगों के पास चली जाती है. मतलब जितने शेयर कंपनी के बिक जाते हैं उतनी हिस्सेदारी कंपनी खो देती है.

कोई भी कंपनी अपने एक दो शेयर को मार्केट में नहीं उतारती है बल्कि किसी भी कंपनी के लाखों और करोड़ों शेयर होते हैं. इन शेयर को मैनेज करना, इन्हें खरीदना-बेचना अपने आप में ही बहुत बडा काम है.

जब कोई कंपनी अपने शेयर को मार्केट से कम करना चाहती है यानि वो खुद ही अपनी हिस्सेदारी बढ़ाना चाहती है तो वो शेयर बायबैक करती है. मतलब वो मार्केट से शेयर को फिर से खरीदती है. ऐसा करने से वो खुद उन शेयर की मालिक बन जाती है जो उसने बेचे थे.

शेयर बायबैक कैसे होता है?

शेयर बायबैक का मतलब है ‘अपने शेयर फिर से खुद खरीदना’. अब ये दो तरीके से होता है.

पहला तरीका होता है टेंडर से शेयर बायबैक करने का. इसमें शेयरधारकों के लिए एक टेंडर जारी किया जाता है जिसमें बाजार मूल्य से ज्यादा मूल्य देकर एक तय अवधि में सभी शेयर को वापस खरीद लिया जाता है.

मतलब आपकी कोई कंपनी है और उसके शेयर मार्केट में लोगों के पास है. वर्तमान में आपके एक शेयर का रेट 150 रुपये है. तब आप टेंडर जारी करेंगे कि 20 अक्टूबर 2022 तक सभी शेयर धारक 180 रुपये प्रति शेयर के रेट पर शेयर को लौटा दें. इसमें शेयरधारकों को ही फायदा रहता है क्योंकि कंपनी वर्तमान रेट से ऊपर का भाव शेयर पर दे रही है.

टेंडर वाले तरीके में ये जरूरी नहीं कि कंपनी के पास सभी शेयर वापस आ जाए. आपके पास हैं और आप अभी शेयर को नहीं बेचना चाहते तो आप उसे बेचने के लिए बाध्य नहीं है. लेकिन कंपनी अगर बायबैक के लिए टेंडर निकाल रही है तो वो उसे तय समय तक कैंसिल नहीं कर सकती है.

कंपनी ने टेंडर में जो जिस तारीख तक के लिए जो प्राइस फिक्स किया है उसे उसी प्राइस पर आने वाले सभी शेयर को खरीदना होगा. कंपनी इन्हें खरीदने से मना नहीं कर सकती.

शेयर बायबैक करने का दूसरा तरीका है ओपन मार्केट. शेयर मार्केट से जैसे आम निवेशक शेयर खरीदते हैं वैसे ही कंपनी के ब्रोकर भी एक बड़ी मात्रा में शेयर को खरीदते हैं. ओपन मार्केट में होने वाला शेयर बायबैक बहुत ही नॉर्मल होता है.

इसमें जो मार्केट में शेयर का रेट चल रहा है उसी रेट पर कंपनी उन्हें वापस लेती है. ओपन मार्केट में कंपनी शेयर बायबैक को कैंसिल करने का अधिकार भी रखती है. इसमें कंपनी पर शेयर को खरीदने की बाध्यता भी नहीं होती है. कंपनी अपनी मर्जी के मुताबिक जब तक चाहे ओपन मार्केट से शेयर को उठा सकती है और जब चाहे तब मना कर सकती है.

शेयर बायबैक करने का फायदा benefits of share buyback

खुद के शेयर खुद खरीदने से कंपनी को क्या फायदा होगा. उसे तो जेब से इन्वेस्टर को पैसा देना पड़ रहा है. ऐसे में शेयर बायबैक करने का कंपनी को क्या फायदा होता होगा?

शेयर बायबैक करना एक ऐसी प्रोसेस है जो कंपनी और इन्वेस्टर दोनों के लिए फायदेमंद साबित होता है. इसमें इन्वेस्टर का फायदा तो हो ही रहा है क्योंकि उसे मार्केट रेट से ज्यादा पर शेयर बेचने को मिल रहा है. मतलब उसकी भविष्य की रिस्क खत्म हो गई. उसने फायदे का सौदा किया.

दूसरी ओर लोगों को लगता है कि अपने ही शेयर कंपनी को खरीदने में घाटा है लेकिन ऐसा नहीं है. खुद के शेयर कंपनी यदि खरीदती है तो उसका फायदा ही होता है.

आप खुद सोचिए कि आपने कोई बिजनेस शुरू किया. इसमें कुल 10 लाख रुपये लगे. इन 10 लाख में से 7 लाख आपने अपनी जेब से लगाए और 3 लाख आपके दोस्त ने लगाए. और ये तय किया गया कि प्रॉफ़िट में से 10 प्रतिशत आपके दोस्त का रहेगा.

इस पूरे बिजनेस को आप संभालेंगे, उसमें मेहनत करेंगे, उसे आगे बढ़ाने का प्रयत्न करेंगे, दिन रात उसके लिए काम करेंगे लेकिन होने वाले प्रॉफ़िट में से 10 प्रतिशत प्रॉफ़िट आपको उस दोस्त को देना होगा जिसने 3 लाख रुपये लगाए हैं. ये कुछ समय तक तो आपको हजम होगा लेकिन बाद में आपको ये ठीक नहीं लगेगा क्योंकि पूरी मेहनत आप कर रहे हैं और प्रॉफ़िट कोई और ले जा रहा है.

ऐसे में आप चाहेंगे कि आप आपके दोस्त के 3 लाख वापस देकर पूरे 100 प्रतिशत प्रॉफ़िट को कमाएं. बस यही शेयर बायबैक करने पर कंपनी को भी होता है. शेयर के माध्यम से कंपनी आपको उनका प्रॉफ़िट ही तो दे रही है.

जब कंपनी आर्थिक रूप से सक्षम हो जाती है तो वो शेयर बायबैक करके अपनी हिस्सेदारी वापस ले लेती है और निवेशकों को उनके द्वारा निवेश किए गए धन से ज्यादा धन दे देती है. बस यही शेयर बायबैक का गणित होता है.

शेयर बायबैक करना किसी भी कंपनी के लिए फायदे का सौदा होता है, क्योंकि इसमें वो इन्वेस्टर को अपनी मर्जी की राशि देती है, मतलब शेयर पर पूरी तरह उनका कंट्रोल है. जितने शेयर उनके पास वापस आ जाएंगे उन पर फिर से कंपनी का कंट्रोल हो जाएगा

आपके फायदे की बात, SBI के शेयर खरीदने का सुनहरा मौका आने वाला है

SBI ने कुल 2,10,00,000 इक्विटी शेयर बेचने की जानकारी दी है जो 2.1 प्रतिशत हिस्सेदारी के बराबर है. हालांकि न्यूनतम मूल्य 725 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से 2.1 करोड़ शेयर बिक्री के जरिये एसबीआई के 1,522.50 करो़ड़ रुपये जुटाये जाने की संभावना है.

  • बहुत जल्द एसबीआई अपनी हिस्सेदारी बेचेगी
  • आम निवेशकों से पैसे लेने की है योजना
  • बेहद कम दाम है प्रति यूनिट शेयर

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नई दिल्ली: अगर आप शेयर बाजार में निवेश करने का मन बना रहे हैं तो आपके लिए एक अच्छी खबर है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) जल्द अपने शेयर बाजार में लाने वाला है. भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) ने मंगलवार को कहा कि उसने अपनी अनुषंगी एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस कंपनी में 2.1 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री पेशकश के जरिये बेची है. शेयरधारिता नियमों के अनुपालन के तहत यह हिस्सेदारी बेची गयी है.

बैंक ने शेयर बाजारों को दी सूचना में कहा कि बिक्री पेशकश (OFS) 12 जून और 15 जून,2020 को दो किस्तों में हुई. बैंक ने जुटायी गयी राशि का खुलासा नहीं किया है. बैंक ने कुल 2,10,00,000 इक्विटी शेयर बेचने की जानकारी दी है जो 2.1 प्रतिशत हिस्सेदारी के बराबर है. हालांकि न्यूनतम मूल्य 725 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से 2.1 करोड़ शेयर बिक्री के जरिये एसबीआई के 1,522.50 करो़ड़ रुपये जुटाये जाने की संभावना है. इन शेयरों का अंकित मूल्य दस रुपये है.

725 रुपये प्रति यूनिट होगा शेयर का दाम
इससे पहले, 11 जून को एसबीआई लाइफ ने सूचित किया था प्रवर्तक एसबीआई ने बिक्री पेशकश के लिये न्यूनतम मूल्य 725 रुपये प्रति शेयर तय किया है. एसबीआई ने कहा कि बिक्री सेबी (भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड) के न्यूनतम सार्वजनिक हिस्सेदारी के नियम को पूरा करने के लिये की गयी.

इस बिक्री के बाद स्टेट बैंक की एसबीआई लाइफ में हिस्सेदारी 55.50 प्रतिशत पर आ गयी है जो पहले 57.60 प्रतिशत थी.

शेयर बाजार में लगातार तीसरे दिन गिरावट, सेंसेक्स 61 हजार से नीचे फिसला

शेयर बाजार में लगातार तीसरे दिन गिरावट, सेंसेक्स 61 हजार से नीचे फिसला

मुंबई, 22 दिसंबर (एजेंसी) सकारात्मक वैश्विक रुख के बावजूद प्रमुख शेयर सूचकांक बृहस्पतिवार को शुरुआती बढ़त को कायम नहीं रख सके और बाजार लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में गिरावट के साथ बंद हुआ। इससे पहले, बुधवार को भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीतिक समिति की बैठक का ब्योरा जारी हुआ था, जिसका असर बाजार की धारणा पर पड़ा। सकारात्मक शुरुआत के बावजूद 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स बढ़त बरकरार नहीं रख सका और कारोबार के अंत में 241.02 अंक या 0.39 प्रतिशत की गिरावट के साथ 60,826.22 पर बंद हुआ। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 71.75 अंक या 0.39 प्रतिशत गिरकर 18,127.35 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के शेयरों में महिंद्रा एंड महिंद्रा, बजाज फिनसर्व, इंडसइंड बैंक, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, लार्सन एंड टुब्रो, एक्सिस बैंक और एनटीपीसी में नुकसान रहा। दूसरी ओर अल्ट्राटेक सीमेंट, इन्फोसिस, एशियन पेंट्स, कोटक महिंद्रा बैंक, सन फार्मा और भारती एयरटेल फायदे में रहे। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘वैश्विक बाजारों में सकारात्मक रुख भी घरेलू शेयर बाजारों में जोश भरने में विफल रहा। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक का ब्योरा जारी होने से भी घरेलू बाजार में बिकवाली हुई, क्योंकि इसमें केंद्रीय बैंक ने कुछ सख्त टिप्पणियां की हैं।'

शेयर बाजार ने शुरुआती बढ़त गंवाईं, लगातार तीसरे दिन नुकसान में हुए बंद

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मुंबई: सकारात्मक वैश्विक रुझानों के बावजूद प्रमुख शेयर सूचकांक शेयर मार्केट के फायदे बृहस्पतिवार को शुरुआती बढ़त को कायम नहीं रख सके और बाजार लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में गिरावट के साथ बंद हुआ. इससे पहले बुधवार को भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीतिक समिति की बैठक का ब्योरा जारी हुआ था, जिसका असर बाजार की धारणा पर पड़ा. सकारात्मक शुरुआत के बावजूद 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स बढ़त बरकरार नहीं रख सका और कारोबार के अंत में 241.02 अंक या 0.39 प्रतिशत की गिरावट के साथ 60,826.22 पर बंद हुआ.

इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 71.75 अंक या 0.39 प्रतिशत गिरकर 18,127.35 अंक पर बंद हुआ. सेंसेक्स के शेयरों में महिंद्रा एंड महिंद्रा, बजाज फिनसर्व, इंडसइंड बैंक, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, लार्सन एंड टुब्रो, एक्सिस बैंक और एनटीपीसी में नुकसान रहा. दूसरी ओर अल्ट्राटेक सीमेंट, इन्फोसिस, एशियन पेंट्स, कोटक महिंद्रा बैंक, सन फार्मा और भारती एयरटेल फायदे में रहे.

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि वैश्विक बाजारों में सकारात्मक रुख भी घरेलू शेयर बाजारों में जोश भरने में विफल रहा. रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक का ब्योरा जारी होने से भी घरेलू बाजार में बिकवाली हुई, क्योंकि इसमें केंद्रीय बैंक ने कुछ सख्त टिप्पणियां की हैं.

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि इस समय नीतिगत कार्रवाई को रोकने की गलती महंगी साबित हो सकती है. केंद्रीय बैंक ने कहा कि मुद्रास्फीति के खिलाफ लड़ाई खत्म नहीं हुई है.अन्य एशियाई बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की और हांगकांग का हैंगसेंग लाभ में रहे, जबकि चीन का शंघाई कम्पोजिट निचले स्तर पर बंद हुआ.

मध्य सत्र के सौदों में यूरोपीय बाजार तेजी के साथ कारोबार कर रहे थे. अमेरिकी बाजार बुधवार को बढ़त के साथ बंद हुए. अंतरराष्ट्रीय तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 0.99 प्रतिशत चढ़कर 83.01 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर पहुंच गया. शेयर बाजार के अस्थायी आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बुधवार को शुद्ध रूप से 1,119.11 करोड़ रुपये के शेयर बेचे.(भाषा)

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