सेंसेक्स के तीस शेयरों में टाइटन, टेक महिंद्रा, मारुति सुजुकी इंडिया, विप्रो, नेस्ले इंडिया, टीसीएस, लार्सन एंड टूब्रो, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, टाटा स्टील और एचडीएफसी में शेयर बाजार संकेतक के प्रकार गिरावट रही.दूसरी तरफ, लाभ में रहने वाले शेयरों में डा. रेड्डीज लेबोरेट्रीज, एशियन पेंट्स, रिलायंस इंडस्ट्रीज लि., भारती एयरटेल, भारतीय स्टेट बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक शामिल हैं सेक्टर इंडेक्स में रियल्टी इंडेक्स में सबसे ज्यादा बढ़त देखने को मिली इंडेक्स आज 1.22 प्रतिशत बढ़कर बंद हुआ है. वहीं सरकारी बैंकों में आधा प्रतिशत की बढ़त रही है. ऑयल एंड गैस, मीडिया और मेटल भी आज हरे निशान में रहे हालांकि इनकी बढ़त आज सीमित थी. दूसरी तरफ कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेक्टर करीब 2 प्रतिशत और आईटी सेक्टर इंडेक्स एक प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट के साथ बंद हुआ है. ऑटो, हेल्थकेयर और एफएमसीजी सेक्टर में आधा प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली.

Sovereign Gold Bond and Gold ETF.

शेयर बाजार में लगातार तीसरे दिन गिरावट, सेंसेक्स 233 अंक गिरकर बंद

शेयर बाजार में लगातार तीसरे दिन गिरावट, सेंसेक्स 233 अंक गिरकर बंद

शेयर बाजार में शुक्रवार (stock market today) को लगातार तीसरे दिन गिरावट रही और प्रमुख इंडेक्स (Sensex and nifty) आज करीब आधा प्रतिशत नुकसान में रहे. वैश्विक शेयर बाजारों में मिले-जुले शेयर बाजार संकेतक के प्रकार रुख के बीच सूचकांक में मजबूत हिस्सेदारी रखने वाले एचडीएफसी बैंक, टीसीएस और इन्फोसिस में गिरावट से बाजार नीचे आया. आज के कारोबार में तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 233.48 अंक यानी 0.41 प्रतिशत की गिरावट के साथ 57,362.20 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान एक समय यह 495.44 अंक लुढ़क कर 57,100.24 पर पहुंच गया था. इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी (Nifty) 69.75 अंक यानी 0.40 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,153 अंक पर बंद हुआ.

क्यों आई शेयर बाजार संकेतक के प्रकार बाजार में गिरावट

शेयर बाजार में आज की गिरावट विदेशी बाजारों से मिले कमजोर संकेतों की वजह से देखने को मिली है. जुलियस बेअर के कार्यकारी निदेशक मिलिंद मुचाला ने कहा, ‘‘भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का दौर जारी है. वैश्विक मार्चे पर खासकर भू-राजनीतिक स्थिति तथा फेडरल रिजर्व के फिर से नीतिगत दर बढ़ाने की खबरों को लेकर बाजार में प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. बाजार के लिये अल्पकाल में दो प्रमुख चुनौतियां मुद्रास्फीति दबाव का बने रहना और बांड प्रतिफल में तेजी है.’’एशिया के अन्य बाजारों में चीन में शंघाई कंपोजिट सूचकांक और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहा जबकि जापान का निक्की और दक्षिण कोरिया का कॉस्पी मामूली लाभ में रहे. अमेरिकी शेयर बाजार बृहस्पतिवार को बढ़त के साथ बंद हुआ. इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड का भाव 1.44 प्रतिशत की गिरावट के साथ 117.32 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया.

Share Market Recession : दुनियाभर के शेयर बाजार में मंदी के संकेत, भारतीय बाजार पर भी असर, 4 दिनों से लगातार जारी गिरावट

आंकड़ों से प्राप्त जानकारी के अनुसार वैश्विक शेयर बाजार (Share Market) में मंदी (Recession) के आसार नजर आ रहे हैं। दुनिया के लगभग सभी छोटे-बड़े देश इस मंदी के असर से प्रभावित हैं। भारत भी इस अंतर्राष्ट्रीय मंदी के प्रभाव से बचता नजर नहीं आ रहा है। जहां एक ओर भारतीय मुद्रा में लगातार डॉलर के मुकाबले गिरावट जारी है, वहीं भारतीय शेयर बाजार में भी पिछले चार दिनों से लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है।

सरकार का दावा मजबूत है स्थिति

भारत सरकार की ओर से दावा किया गया था कि देश की आर्थिक स्थिति वर्तमान में काफी मजबूत है और किसी प्रकार की मंदी देश में नहीं है, जबकि शेयर बाजार के जानकार और अर्थशास्त्री सरकार के इस दावे का समर्थन करते नजर नहीं आ रहे हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी भारतीय मुद्रा के अन्य देशों की मुद्राओं की तुलना में अधिक मजबूती का दावा कर रही हैं, जबकि डॉलर की तुलना में रुपया शेयर बाजार संकेतक के प्रकार लगातार गिरता जा रहा है।

बेरोजगारी में वृध्दि

इस वैश्विक आर्थिक मंदी का सीधा शेयर बाजार संकेतक के प्रकार प्रभाव दुनियाभर के रोजगारों पर पड़ता दिखाई दे रहा है। भारत सहित दुनिया के सभी छोटे और बड़े देशों में आर्थिक मंदी की वजह से लाखों करोड़ो लोगों की नौकरियां चली गई हैं। इसके साथ ही नए रोजगारों की संभावना भी बहुत ही कम निर्मित हो रही है। बेरोजगारी की बढ़ती समस्या से आने वाले समय में इस आर्थिक मंदी में और भी अधिक गिरावट के संकेत बन रहे हैं, जोकि एक चिंताजनक विषय है।

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Top trending stock: कोरोना से घबराया बाजार, लेकिन ये शेयर बना रहा मालामाल

नवभारत टाइम्स लोगो

नवभारत टाइम्स 1 दिन पहले

नई दिल्ली: कोरोना के बढ़ते बढ़तों के बीच निवेशकों को सता रहा डर शेयर बाजार में दिखने लगा। चीन में कोरोना मामलों का डर निवेशकों के शेयर बाजार संकेतक के प्रकार लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है। इसकी झलक दलाल स्ट्रीट में देखने को मिल रही है। व्यापक सूचकांक इस सप्ताह सबसे मजबूत सुधारों में से एक का सामना कर रहे हैं। जहां बाजार दवाब में है तो वहीं फर्मा सेक्टर में मजबूती दिख रही है। फार्मा सेक्टर में निवेशक खरीदारी को लेकर दिलचस्पी दिखा रहे हैं। कोरोना के समय जहां बाजार खतरे के बीच रहता है, वहीं ये सेक्टर सुरक्षित रहता है। इस प्रकार, सभी फार्मा शेयरों में मजबूत खरीदारी की भावना बनी हुई है और यह सेक्टर एक्सचेंजों पर शीर्ष प्रदर्शन करने वाले शेयरों में से एक है।

शेयर बाजार में तेज गिरावट, सेंसेक्स 443 और निफ्टी 132 अंक गिरे

शेयर बाजार में तेज गिरावट, सेंसेक्स 443 और निफ्टी 132 अंक गिरे

शेयर बाजार में गिरावट का दौर

शेयर बाजार में सोमवार की सुबह तेज गिरावट देखी गई. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 443 और निफ्टी का निफ्टी 50 करीब 132 अंक नीचे गिर गए. शेयर बाजार में आज बिकवाली का दबाव देखा जा रहा है. फिलहाल सेंसेक्स 61,737.75 पर और निफ्टी 18363 पर कारोबार कर रहा है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कमजोरी का रुख भारत में भी स्टॉक्स में गिरावट दर्ज की जा रही शेयर बाजार संकेतक के प्रकार है. करीब 9.42 पर सेंसेक्स में 418 अंकों की गिरावट देखी जा रही है और सेंसेक्स 61763 पर कारोबार कर रहा है. वहीं, निफ्टी 50 में 132 अंकों की गिरावट देखी जा रही है और निफ्टी 18364 पर कारोबार कर रहा है.

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शेयर बाजार के संवेदी सूचकांक सेंसेक्स में एक समय करीब 500 प्वाइंट की गिरावट भी दर्ज की गई थी लेकिन बाद में बाजार में लिवाली का दौर आरंभ हुआ और बाजार में नुकसान की भरपाई और निफ्टी समेत सेंसेक्स में सुधार देखा जा रहा है. सेंसेक्स में एशियन पेंट्स, टाइटन, बजाज फाइनेंस, इंफोसिस, बजाज फिनसर्व और अल्ट्राटेक सीमेंट गिरने वाले प्रमुख शेयरों में शामिल थे. दूसरी ओर, आईटीसी और डॉ. रेड्डीज में बढ़त हुई.

अन्य एशियाई बाजारों में सियोल, तोक्यो, शंघाई और हांगकांग के बाजार नुकसान में कारोबार कर रहे थे. अमेरिकी बाजार भी शुक्रवार को नुकसान में बंद हुए थे.

पिछले कारोबारी सत्र में, शुक्रवार को बीएसई का 30 शेयरों वाला मानक सूचकांक सेंसेक्स 389.01 अंक यानी 0.62 प्रतिशत टूटकर 62,181.67 अंक पर बंद हुआ था. इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 112.75 अंक यानी 0.61 प्रतिशत की गिरावट के साथ 18,496.60 अंक पर बंद हुआ था.

जानें- क्या है निवेश का बेहतर विकल्प?

सॉवरेन गोल्ड बान्ड (SGB) में निवेश की सिफारिश उन लोगों के लिए की जाती है जो लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं और कर लाभ प्राप्त करना चाहते हैं. SGB भारत सरकार द्वारा समर्थित बॉन्ड (सोने के ग्राम में मूल्यवर्गित) हैं. फिजिकल शेयर बाजार संकेतक के प्रकार गोल्ड रखने का यह विकल्प इश्यू प्राइस पर सालाना 2.5 फीसदी की दर से रिटर्न देता है. एसजीबी का मूल्य खरीद के दिन सोने की अंतर्निहित कीमत से जुड़ा होता है. ये बॉन्ड आठ साल की निर्धारित अवधि के लिए जारी किए जाते हैं. हालांकि, आरबीआई बायबैक विंडो खोलने के आधार पर पांचवें वर्ष से रिडेम्पशन विकल्प शुरू हो सकता है. इस प्रकार, एसजीबी में निवेश करना उन लोगों के लिए आदर्श है जो निश्चित ब्याज दर अर्जित करते हुए सोने में निवेश करना चाहते हैं.

SGBs सुरक्षित हैं क्योंकि यह सरकार द्वारा समर्थित हैं. जबकि ऐसे बांडों पर प्राप्त ब्याज अन्य स्रोतों से होने वाली आय के तहत कर योग्य होगा, यदि बांडों को परिपक्वता पर शेयर बाजार संकेतक के प्रकार भुनाया जाता है तो कर नहीं लगाया जाएगा. SGB में कम तरलता होती है.

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