ETH कहां से खरीदें
एक्सचेंज ऐसे व्यवसाय हैं, जो आपको पारंपरिक मुद्राओं का उपयोग करके क्रिप्टोकरंसी खरीदने देते हैं। आपके द्वारा खरीदे गए किसी भी ETH पर उनका तब तक नियंत्रण होता है, जब तक कि आप उसे आपके द्वारा नियंत्रित वॉलेट में नहीं भेज देते।
विकेन्द्रीकृत एक्सचेंज (DEX)
यदि आप अधिक नियंत्रण चाहते हैं, तो ETH पीयर-टू-पीयर खरीदें। DEX के साथ आप किसी केंद्रीय कंपनी को अपने धन का नियंत्रण दिए बिना ट्रेड कर सकते हैं।
कुछ वॉलेट आपको डेबिट/क्रेडिट कार्ड, बैंक हस्तांतरण या यहां तक कि Apple Pay के साथ क्रिप्टोकरंसी खरीदने देते हैं। भौगोलिक प्रतिबंध लागू होते हैं।
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आप किस एक केंद्रीकृत क्रिप्टो एक्सचेंज क्या है? देश में रहते हैं?
एक्सचेंज और वॉलेट पर प्रतिबंध हैं कि वे कहाँ पर क्रिप्टो बेच सकते हैं।
ETH खरीदने के लिए आप जिन वॉलेट और एक्सचेंज का उपयोग कर सकते हैं, उनकी सूची देखने के लिए अपना देश दर्ज करें
विकेन्द्रीकृत एक्सचेंज (DEX)
DEX क्या हैं?
विकेंद्रीकृत एक्सचेंज ETH और अन्य टोकन के लिए खुले बाज़ार हैं। वे खरीदारों और विक्रेताओं को सीधे कनेक्ट करते हैं।
लेन-देन में धन की सुरक्षा के लिए एक विश्वसनीय तीसरे पक्ष का उपयोग करने के बजाय, वे कोड का उपयोग करते हैं। भुगतान की गारंटी होने पर ही विक्रेता का ETH स्थानांतरित किया जाएगा। इस प्रकार के कोड को एक स्मार्ट अनुबंध के रूप में जाना जाता है। स्मार्ट अनुबंध के बारे में अधिक जानकारी एक केंद्रीकृत क्रिप्टो एक्सचेंज क्या है?
इसका मतलब है कि इसमें केंद्रीकृत विकल्पों की तुलना में कम भौगोलिक प्रतिबंध होते हैं। यदि कोई व्यक्ति जो आप चाहते हैं उसे बेच रहा है और आपके द्वारा प्रदान की जा सकने वाली भुगतान विधि को स्वीकार कर सकता है, तो आप ऐसा कर सकते हैं। DEX आपको ETH को अन्य टोकन, PayPal या यहां तक कि व्यक्तिगत रूप से नकदी की डिलीवरी के साथ खरीद सकते हैं।
एक केंद्रीकृत क्रिप्टो एक्सचेंज क्या है?
Vaishali Basu Sharma
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केंद्र सरकार द्वारा वर्चुअल डिजिटल एसेट्स से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत कर को हितधारकों ने निवेशकों को हतोत्साहित करने वाला बताया है . इनका मानना है कि आने वाला दौर डिजिटलीकरण और टेक्नोलॉजी का है , ऐसे में अगर भारत ने इसके लिए अनुकूल माहौल तैयार नहीं किया तो यह कुछ प्रमुख व्यवसायों और निवेशकों को खो देगा .
भारत में क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन के कर निहितार्थ के बारे में काफी एक केंद्रीकृत क्रिप्टो एक्सचेंज क्या है? अनिश्चितता के बाद केंद्र सरकार ने अंततः 2022-23 के केंद्रीय बजट में वर्चुअल डिजिटल एसेट्स ( वीडीए ) से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत के समग्र कर की घोषणा की .
क्रिप्टो रिसर्च एजेंसी क्रेबैको (CREBACO) ने बताया है कि 30% टैक्स लागू होने के बाद पहले दो दिनों में भारतीय एक्सचेंज में इसके वॉल्यूम में लगभग 55% की और डोमेन ट्रैफिक में 40% से अधिक की गिरावट देखी है . यह कई मायनों में इस बात का संकेत है कि भारतीय क्रिप्टो स्पेस नए कर दिशानिर्देशों पर कैसे प्रतिक्रिया दे रहा है .
दूसरी ओर , एक केंद्रीकृत क्रिप्टो एक्सचेंज क्या है? भारत सरकार ने ग्यारह क्रिप्टो एक्सचेंज से चुकाई नहीं गई जीएसटी के 95.86 करोड़ रुपये (958 मिलियन डॉलर ) की वसूली की है . केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और एक केंद्रीकृत क्रिप्टो एक्सचेंज क्या है? सीमा शुल्क बोर्ड ( सीबीआईसी ) ने कई क्रिप्टो एक्सचेंज जैसे कॉइन डीसीएक्सम बाई यूकॉइन , कॉइन स्विच कुबेर , अनकॉइन और फ्लिटपे (Coin DCX, Buy Ucoin, Coin Switch Kuber, Unocoin , Flitpay) द्वारा बड़े पैमाने पर जीएसटी चोरी का पता लगाया था . हालांकि , ज़ानमाई लैब्स बड़ी चोरी का पता लगा था , जहां वज़ीरएक्स नाम का एक क्रिप्टो एक्सचेंज संचालित होता था .
जीएसटी की वसूली और क्रिप्टो लेनदेन से होने वाली आय पर 30% कर ने भारत में क्रिप्टो टैक्स पर चल रही बहस को बढ़ाया ही है .
30 प्रतिशत कर का नियम 1 अप्रैल , 2022 से एक केंद्रीकृत क्रिप्टो एक्सचेंज क्या है? प्रभावी हुआ है , लेकिन पिछले वित्तीय वर्ष (2021-22 की अवधि ) के लिए क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन पर भी कर लगाया जाएगा . इसके लिए आयकर अधिनियम , 1961 में एक नई एक केंद्रीकृत क्रिप्टो एक्सचेंज क्या है? धारा 115 BBH जोड़ी गई है .
वीडीए पर लगे अन्य करों में ट्रांसफर पर एक प्रतिशत टीडीएस , कोई बुनियादी छूट नहीं , किसी नुकसान पर कोई सेट - ऑफ नहीं , होल्डिंग अवधि के बावजूद कोई इंडेक्सेशन लाभ नहीं है और उपहार का लगने वाला टैक्स भी शामिल हैं .
भारत में स्टॉक और इक्विटी फंड से होने वाले लाभ पर 10-15 प्रतिशत और गैर - इक्विटी विकल्प , संपत्ति और सोने पर 20 प्रतिशत या मामूली दर से कर लगाया जाता है . वर्चुअल संपत्तियों पर इतनी ऊंची दर पर टैक्स लगाने को उद्योग के हितधारकों ने आक्रामक कदम माना है .
वीडीए पर लगे नए कर में क्रिप्टो संपत्तियां जैसे बिटकॉइन , डॉगकोइन आदि , नॉन - फंजीबाल टोकन ( एनएफटी ) और ऐसी कोई भी संपत्ति जो भविष्य में विकसित हो सकती है , शामिल हैं . गौर करने वाली बात यह है कि महज क्रिप्टोकरेंसी परिसंपत्तियों पर टैक्स लगाने से वे भारत में वैध नहीं हो जाते हैं . यहां परिभाषा , कराधान और गणना (computation) जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर स्पष्टता का व्यापक अभाव है .
यहां तक कि कुछ समय पहले भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने भी केंद्र से यह स्पष्ट करने के लिए कहा था कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी व्यापार या वर्चुअल डिजिटल मुद्रा वैध है या नहीं .
सरकार ने स्पष्ट किया है कि भारत में वीडीए को विनियमित करने वाला एक कानून पेश किया जाएगा – लेकिन तब जब उनके विनियमन पर वैश्विक सहमति बन जाएगी . सरकार क्रिप्टोकरेंसी के संबंध में कानून पर काम कर रही है , लेकिन इसे तैयार होने में समय लग सकता है .
क्रेबैको के अनुसार , 105 मिलियन से अधिक लोग , जो भारत की कुल आबादी का 7.90 एक केंद्रीकृत क्रिप्टो एक्सचेंज क्या है? प्रतिशत है , वर्तमान में क्रिप्टोकरेंसी के मालिक हैं , जिनकी कुल संपत्ति 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है . उच्च कर दर बड़े निवेशकों को प्रभावित नहीं करेगी , जो थे पहले से ही 30 प्रतिशत टैक्स ब्रैकेट में थे लेकिन छोटे निवेशक और छात्र , जो अब तक क्रिप्टो निवेश पर टैक्स फ्री रिटर्न का लाभ ले रहे थे , अब प्रभावित होंगे .
देश के प्रमुख डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर ज़ेरोधा के संस्थापक और सीईओ नितिन कामथ का मानना है कि ‘ अन्य टोकन या कटौती के खिलाफ नुकसान को सेट - ऑफ करने के विकल्प एक केंद्रीकृत क्रिप्टो एक्सचेंज क्या है? के बिना 30% टैक्स टर्नओवर में गिरावट का कारण बन सकता है .’
1 जुलाई 2022 से नफे या नुकसान की स्थिति में किसी रेजिडेंट सेलर द्वारा वीडीए के ट्रांसफर पर एक प्रतिशत कर कटौती ( टीडीएस ) लागू होगा . हालांकि यह कटौती कुल देयता (liability) के साथ एडजस्ट हो जाती है और टैक्स रिटर्न दाखिल करते समय बाद में रिफंड का दावा किया जा सकता है . लेकिन हितधारकों की शिकायत है कि प्रावधान लिक्विडिटी को प्रभावित कर रहा है और ऐसे व्यापारी , जो ऐसी संपत्ति की लगातार खरीद - बिक्री में शामिल होते हैं , बड़े पैमाने पर प्रभावित होंगे . उदाहरण के लिए , यदि कोई व्यापारी एक वर्ष में 300 बार ट्रेड कर रहा है , तो उसकी पूरी पूंजी टीडीएस में लॉक हो सकती है .
इस प्रावधान को विभिन्न कारणों से सबसे अधिक समस्याग्रस्त माना जा रहा है . पूंजी का ऐसे लॉक हो जाना और अनावश्यक अनुपालन आवश्यकताओं को बढ़ाने के अलावा यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि ‘ ट्रांसफर ’ के दायरे में क्या - क्या आता है .
उल्लेखनीय है कि क्रिप्टो को न केवल खरीदा और बेचा जाता है , बल्कि एयरड्रॉप , फोर्किंग , स्टेकिंग , पी 2 पी लेंडिंग और वॉलेट ट्रांसफर के माध्यम से भी लेन - देन होता है . इसे वस्तुओं और सेवाओं के बदले भुगतान के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है . ऐसे में सरकार को यह स्पष्ट करने की आवश्यकता है कि क्या ट्रांसफर के ये सभी तरीके उन ट्रांसफर जिन पर टीडीएस कटौती लागू होगी , के दायरे में आएंगे .
2022-23 के केंद्रीय बजट में कहा गया है कि टीडीएस काटने और जमा करने की जिम्मेदारी खरीदार पर होगी . हालांकि , खरीदार के पास विक्रेता डेटा जैसे पैन आदि की अनुपलब्धता सरीखी लॉजिस्टिक कठिनाइयों के कारण यह जिम्मेदारी एक्सचेंज पर आ सकती है .
भारत में वीडीए पर टैक्स देते समय अधिग्रहण की लागत को छोड़कर किसी भी व्यय के लिए कोई कटौती की अनुमति नहीं होगी . इसी तरह , ऐसी संपत्ति के ट्रांसफर से लाभ कमाने वाले व्यक्ति
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