यदि आप युवा हैं और आपमें जोखिम लेने की क्षमता है तो लाभ के समंदर के किनारे बैठे रहना समझदारी भी नहीं है।

दिवाली पर कीजिए म्यूचुअल फंड में निवेश का शुभारंभ, जानिए कहां खोलें अकाउंट और कैसे करें शुरुआत?

आज इंडिया टीवी पैसा की टीम आपके लिए म्यूचुअल फंड से जुड़ी पूरी जानकारी लेकर आया है। यहां आपको म्यूचअल फंड में निवेश की शुरुआत करने से लेकर सभी जानकारियां आसानी से मिल जाएंगी।

Edited by: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Updated on: October 23, 2021 16:06 IST

दिवाली पर कीजिए. - India TV Hindi

दिवाली पर कीजिए म्यूचुअल फंड में निवेश का शुभारंभ, जानिए कहां खोलें अकाउंट और कैसे करें शुरुआत?

भारतीय शेयर बाजार हर दिन नए रिकॉर्ड गढ़ रहा है। इसी हफ्ते सेंसेक्स 62000 का स्तर छूकर वापस लौटा है। अखबारों में छपने वाली इन मुनाफेभरी खबरों के बीच अब आम भारतीयों को भी बाजार पहले से अधिक लुभाने लगा है। लेकिन जहां अधिकतर लोगों को बाजार में निवेश को लेकर जानकारी नहीं है। वहीं अपनी छोटी कमाई पर दांव लगाने वाले नए निवेशकों के लिए उतार चढ़ाव से भरे बाजार में पैसे लगाना खतरों से खाली नहीं है। हालांकि यह भी ठीक नहीं है कि आप हाथ पर हाथ रखे दुनिया को मुनाफा उठाते देखते रहें।

यदि आप युवा हैं और आपमें जोखिम लेने की क्षमता है तो लाभ के समंदर के किनारे बैठे रहना समझदारी भी नहीं है।

बाजार के इन खतरों को कम करते हुए निवेश का आसान उपाय है म्यूचुअल फंड। आप जैसे किसी बैं;क की एफडी या पोस्टऑफिस स्कीम में निवेश करते हैं ठीक वैसे ही म्यूचुअल फंड में भी निवेश कर सकते हैं। यहां आप बाजार में सीधे पैसा नहीं कमाते, बल्कि आपकी ओर से बाजार के जानकार पैसा लगाते हैं। न तो आपको शेयर बाजार के रोज के उतार चढ़ाव पर नजर रखनी होती है और न हीं एक साथ ढेर सारा पैसा लगाना होता है। आप मात्र 500 रुपये की एसआईपी यानि हर महीने एक निश्चित रकम लगाकार शुरुआत कर सकते हैं।

आज इंडिया टीवी पैसा की टीम आपके लिए म्यूचुअल फंड से जुड़ी पूरी जानकारी लेकर आई है। यहां आपको म्यूचअल फंड में निवेश की शुरुआत करने से लेकर सभी जानकारियां आसानी से मिल जाएंगी।

क्या होता है म्यूचुअल फंड (What is Mutual Funds)

म्यूचुअल फंड जैसा कि इसके नाम से पता चल रहा है कि एक फंड में कई लोगों का पैसा लगाया जाता है। मान लीजिए आप म्यूचुअल फंड में पैसा लगाते हैं तो फंड कंपनी आपके पैसे से अलग अलग कंपनियों के शेयर खरीदती हैं। जब इन कंपनियों के शेयर बढ़ते या घटते हैं तो आपको उसी के हिसाब से नफा या नुकसान होता है। यहां आप सीधे पैसे नहीं लगाते हैं। आपकी ओर से अनुभवी फंड मैनेजर कंपनी की बैलेंस शीट और अन्य आंकड़े देखकर मजबूत शेयरों में पैसा लगाते हैं।

म्यूचुअल फंड में क्या फायदा है?

आप जो पैसा निवेश करते हैं उससे म्यूचुअल फंड कंपनियां शेयर, बॉन्ड और कई अन्य वित्तीय उपकरण खरीदती हैं। परिणामस्वरूप, व्यक्ति म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश करके, विभिन्न उपकरणों में निवेश कर सकते हैं। इसका फायदा यह होता है कि आपका पैसा एक जगह नहीं लगाया जाता। मान लीजिए कि आपको शेयरों में नुकसान हुआ और बॉण्ड में फायदा तो आपका नुकसान की संभावना बहुत कम होगी।

कैसे खुलवाएं खाता

पहले करवाएं केवाइसी

म्यूचुअल फंड्स में निवेश करना इतना आसान और सरल हो गया है कि कोई व्यक्ति निवेश करने के बारे में सोच सकता है। म्यूचुअल फंड में पहली बार निवेश करने वाले निवेशकों को अपना केवाईसी पूरा करना होगा जो एक बार की प्रक्रिया है। केवाईसी का मतलब है कि आपको अपनी जानकारी देनी होगी, आपका आधार और पैनकार्ड इसमें मदद करते हैं। केवाईसी सत्यापन पूरा करने में आपकी मदद करने के लिए आप किसी डिस्ट्रिब्यूटर या निवेश सलाहकार के पास जा सकते हैं या आप ऑनलाइन ई.केवाईसी कर सकते हैं।

कहां खरीद सकते हैं म्युचुअल फंड

केवाईसी सत्यापन के बाद निवेश करने के लिए तैयार होने पर, आप किसी म्यूचुअल फंड डिस्ट्रिब्यूटर, रजिस्टर्ड निवेश सलाहकार, स्टॉक मार्केट ब्रोकर या बैंक जाकर भी म्युचुअल फंड खरीद सकते हैं। ऑनलाइन के जमाने में आप सीधे कंपनी की वेबसाइट पर जाकर फंड चुन सकते हैं।

सलाहकार के साथ शुरुआत करना बेहतर

सीधे निवेश करने या किसी डिस्ट्रिब्यूटर के माध्यम से निवेश करने के बीच चुनाव आपका फैसला है। अगर आपको खुद अपने निवेश करना पसंद है, तो आप बेशक फंड की वेबसाइट या किसी ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से ऑनलाइन निवेश कर सकते हैं। लेकिन अगर आप सलाह लेना चाहते हैं या आपको निवेश करने में मदद की ज़रूरत है, तो आप किसी प्रतिनिधि के माध्यम से निवेश कर सकते हैं, जैसे डिस्ट्रिब्यूटर, निवेश सलाहकार या बैंक आदि।

म्यूचुअल फंड कितने प्रकार के होते हैं?

म्यूचुअल फंड तीन प्रकार होते हैं- इक्विटी म्यूचुअल फंड, डेट म्यूचुअल फंड, हाइब्रिड म्यूचुअल फंड।इक्विटी फंड सीधे शेयर बाजार में पैसा लगाते हैं। वहीं डेट फंड आपका पैसा कंपनियों द्वारा जारी ऋणपत्रों में पैसा लगाते हैं। यह इक्विटी के मुकाबले कम जोखिम भरा होता है। वहीं तीसरे हाइब्रिड फंड में इक्विटी और डेट दोनों का समावेश होता है। इसके अलावा ओपन एंडेड फंड, क्लोज एंडेड फंड, सक्रिय रूप से प्रबंधित फंड, पैसिवली मैनेज्ड फंड।

म्यूचुअल फंड कैसे काम करता है?

इसमें निवेशक एकमुश्त रकम फंड में लगाते हैं। इसके बाद एक तय समय अंतराल पर उस स्कीम से थोड़ा-थोड़ा निवेश इक्विटी स्कीम में ट्रांसफर करते रहते हैं। डेट फंड में एकमुश्त पैसा लगाने से सुरक्षित रिटर्न मिलता रहता है, वहीं एक तय अवधि में आपका पैसा धीरे धीरे ज्‍यादा रिटर्न देने वाली इक्विटी स्कीम में ट्रांसफर हो जाता है।

अत में. क्या म्यूचुअल फंड सही है?

छोटी अवधि में केवल ज्यादा रिटर्न के लिए इनमें निवेश करने पर आप नुकसान उठा सकते हैं। इनके साथ बहुत ज्‍यादा जोखिम होता है। नए निवेशकों को इन स्‍कीमों में पैसा लगाने की सलाह नहीं दी जाती है। मल्टीकैप म्यूचुअल फंड स्कीमों का सुझाव अक्सर उन निवेशकों को दिया जाता रहा है जो निवेश के साथ थोड़ा जोखिम ले सकते हैं।

Mutual Fund: मीनिंग, प्रकार और अर्थव्यवस्था के विकास में भूमिका

Mutual Fund; स्टॉक, बॉन्ड और अन्य अल्पकालिक निवेश साधनों में निवेश किया गया कई लोगों का सामूहिक निवेश पूल होता है. यह फंड आमतौर पर एक फंड मैनेजर द्वारा मैनेज किया जाता है, जो निवेशकों से उनके निवेश का ध्यान रखने के लिए फीस वसूलता है. आप किसी भी दिन कितने भी म्यूचुअल फंड खरीद और बेच सकते हैं.

Meaning of Mutual Fund

विकासशील देशों में पूँजी का सृजन एक बड़ी समस्या रहती है.अगर कोई निवेशक कोई बड़ा निवेश करना या उद्योग लगाना चाहता है तो पूँजी की कमी एक प्रमुख समस्या होती है. इस समस्या को चिट फण्ड, म्यूच्यूअल फण्ड, फिक्स्ड डिपॉजिट्स और बैंक जमा के माध्यम से पूरा किया जाता है.

म्युचुअल फंड का मतलब (Meaning of Mutual Fund)?
एक म्यूचुअल, फंड एक प्रकार का समूह निवेश होता है जिसमें कई लोगों (व्यक्ति,संस्था) द्वारा संयुक्त रूप से स्टॉक, बॉन्ड, अल्पकालिक निवेश या अन्य प्रतिभूतियों में निवेश किया जाता है.

यह फंड आमतौर पर एक फंड मैनेजर द्वारा मैनेज किया जाता है, जो फंड के निवेश को निर्धारित करता है और लाभ और हानि खाते को मैनेज करता है. यह मैनेजर, निवेशकों से उनके निवेश का ध्यान रखने के लिए फीस वसूलता है. आप किसी भी दिन कितने भी म्यूचुअल फंड खरीद और बेच सकते हैं.

how-mutual-fund-works

ध्यान रहे कि म्यूचुअल फंड में कोई भी निवेश कर सकता है. म्यूचुअल फंड में न्यूनतम 500 रुपए से निवेश किया जा सकता है. भारतीय निवासी और NRI दोनों म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं. निवेशक, अपने जीवनसाथी या बच्चों के नाम पर भी निवेश कर सकते हैं.

म्यूचुअल फंड के प्रकार (Types of Mutual Fund):-

म्यूचुअल फंड को जोखिम, रिटर्न, आकार और निवेश के आधार पर कई श्रेणियों में बांटा गया है. हमने यहां सिर्फ चार श्रेणियां बताई हैं;

1. इक्विटी फंड (Equity funds)

2. फिक्स्ड-इनकम फंड (Fixed-Income Funds)

3. हाइब्रिड म्यूचुअल फंड (Hybrid Mutual Fund)

4. समाधान उन्मुख म्युचुअल फंड (Solution Oriented Mutual Fund )

आइये अब इनके बारे में एक एक करके जानते हैं

1. इक्विटी फंड (Equity Fund):-यह स्कीम सीधे शेयरों में पैसा लगाती हैं. ये स्कीम शॉर्ट टर्म में रिस्की हो सकती हैं, लेकिन लॉन्ग टर्म में यह आपको बेहतरीन रिटर्न कमाने में मदद करती है. कंपनियों के आकार के आधार पर उन्हें स्माल कैप, मिड कैप और लार्ज-कैप में विभाजित किया जाता है. इस प्रकार के म्यूचुअल फंड उन लोगों द्वारा पसंद किए जाते हैं जो ज्यादा जोखिम लेना पसंद करते हैं.

2. फिक्स्ड-इनकम फंड्स (Fixed-Income Funds):- इस प्रकार के म्यूचुअल फंड्स, मालिकों को निश्चित रिटर्न देते हैं. कुछ फ़िक्स्ड रिटर्न फंड्स हैं; कॉर्पोरेट बॉन्ड्स, सरकारी बॉन्ड्स या अन्य डेट इंस्ट्रूमेंट्स (debt instruments).म्यूच्यूअल फण्ड मैनेजर, मूल रूप से अपने निवेशकों को ब्याज आय देता है. इस प्रकार के म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश उन निवेशकों द्वारा किया जाता है जो जोखिम नहीं लेना चाहते हैं.

3. हाइब्रिड म्यूचुअल फंड (Hybrid Mutual Fund):- हाइब्रिड म्यूचुअल फंड या एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) एक से अधिक प्रकार की निवेश सुरक्षा, जैसे स्टॉक और बॉन्ड में निवेश करते हैं. ये म्यूचुअल फंड; स्कीम इक्विटी और डेट (debt) दोनों में निवेश करते हैं. इन योजनाओं को चुनते समय, निवेशकों को अपने जोखिम लेने की क्षमता का ध्यान रखना आवश्यक होता है.

4. सॉल्यूशन ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड (Solution Oriented Mutual Fund):- सॉल्यूशन ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड स्कीम एक विशिष्ट लक्ष्य या समाधान के अनुसार बनाई जाती हैं. इनमें सेवानिवृत्ति योजनाएं या बच्चों की शिक्षा और लड़की की शादी जैसे लक्ष्य हो सकते हैं. आपको इन योजनाओं में कम से कम पांच वर्षों के लिए निवेश करना आवश्यक है.

म्युचुअल फंड की सुविधाएँ और लाभ (Features & Benefits of Mutual Funds)

1. जोखिम का विविधीकरण:- इक्विटी और डेट सिक्योरिटीज में फंड का विविधीकरण

2. तरलता:- निवेशक अपनी आवश्यकता के अनुसार आंशिक या पूर्ण निकासी कर सकता है

3. ट्रान्सपैरेंसी:- इनवेस्टर्स को पता होता है कि पैसा कहां लगाया जा रहा है

4. कम लागत:- म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय कोई एंट्री शुल्क नहीं

5. व्यावसायिक प्रबंधन: - उद्योग विशेषज्ञ म्युचुअल फंड की निधियों का प्रबंधन करते हैं जिससे पैसा ज्यादा अच्छी जगह निवेश होता है.

6. प्रभावी दक्षता:- निवेशकों को इक्विटी और डेट फंड में कर छूट का लाभ मिलता है

7. लोचशीलता:- एक फंड से दूसरे फंड में निवेश फंड स्विच करने की स्वतंत्रता

आर्थिक विकास में म्युचुअल फंड की भूमिका (Role of Mutual Funds in the Economic Development)
जैसा कि म्यूचुअल फंड की परिभाषा कहती है कि विभिन्न निवेशकों और संस्थानों द्वारा सामूहिक निवेश का एक पूल अर्थात ऐसी जगह जहाँ पर कई लोगों का पैसा एक जगह इकठ्ठा होता है.

1. यह अर्थव्यवस्था में निवेश के उद्देश्य के लिए धन की व्यवस्था करने में मदद करता है.

2. यह निवेश के माध्यम से जनता की छोटी बचत को जुटाता है जिससे लोगों में बचत और निवेश करने की भावना का विकास होता है

3. हम जानते हैं कि भारत जैसे विकासशील देशों में पूंजी संचय का अभाव है.लेकिन म्यूच्यूअल फण्ड की मदद से देश में पूंजी संचय होता है और बड़े उद्योगों को पर्याप्त मात्रा में पैसा मिलता है. इसलिए म्यूचुअल फंड पूंजी संचय में मदद करते हैं जो भारत जैसे विकासशील देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण है.

4. यह घर में पैसे की बेकार होर्डिंग को हतोत्साहित करता है.पुराने समय में लोग पैसों को जमीन में गाड़कर रखते थे लेकिन अब ऐसा नहीं होता है.

5. यह देश में निवेश का वातावरण बनाने में मदद करता है.

6. यह रोजगार सृजन में सहायक है

इसलिए निष्कर्ष में, यह कहना बुद्धिमानी है कि म्यूचुअल फंड देश में कई बड़ी निवेश परियोजनाओं को शुरू करने के लिए धन इकठ्ठा करने में मदद करता है.

Debt Mutual Fund क्या है और इसमें निवेश करने पर क्या होते हैं फायदे, जानिए यहां

Mutual Fund Update

Mutual Fund Update: बाजार में मौजूद निवेश के विकल्पों में से एक म्यूचुअल फंड (MF) में निवेश करके पैसे को कई गुना बढ़ाया जा सकता है. बता दें कि मौजूदा समय में निवेशकों के लिए मार्केट में कई तरह के म्यूचुअल फंड (MF) मौजूद हैं. उन्हीं में से एक हैं डेट फंड (Debt Mutual Fund). डेट फंड में निवेश करके आपका पैसा सुरक्षित तो रहता ही है साथ ही रिटर्न भी अच्छा खासा मिलता है. डेट फंड की क्या खासियत है और इसमें निवेश करके निवेशकों को क्या फायदा मिलता है. इन सभी बातों पर आज हम इस रिपोर्ट में जानने की कोशिश करते हैं.

डेट फंड- Debt Fund
Debt Fund की रकम को म्यूच्यूअल फंड क्या है मुख्य रूप से बॉन्ड्स (Bonds) और कॉर्पोरेट फिक्स्ड डिपॉजिट (Corporate Fixed Deposit) में निवेश किया जाता है. किसी Debt Mutual Fund के साथ यह अनिवार्य शर्त है कि उसका कम से कम 65 फीसदी रकम बॉन्ड या बैंक डिपॉजिट में निवेश किया जाए. डेट म्यूचुअल फंड के तहत Government Bonds, Company Bonds, Corporate Fixed Deposits और Bank Deposits में निवेश किया जाता है. इसके अलावा बचे हुए पैसे को Equity यानि शेयर्स में निवेश किया जाता है.

अन्य म्यूचुअल फंड के मुकाबले डेट फंड सुरक्षित
डेट फंड्स (Debt Funds) का पैसा फिक्स्ड रिटर्न (Fixed Return) देने वाले बॉन्ड में लगाया जाता है. इसलिए इनमें नुकसान का खतरा कम रहता है. हालांकि इस तरह के फंड में निवेश से आप ज्यादा से ज्यादा रिटर्न की उम्मीद भी नहीं करें. एक्सपर्ट्स का कहना है कि Bank Fixed Deposits के मुकाबले debt funds में अच्छा रिटर्न मिलने की संभावना रहती है.

3 साल बाद निकालने पर LTCG
डेट फंड को 3 साल बाद भुनाने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (LTCG) लगता है. लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स की दर बिना इंडेक्सेशन (Indexation) के 10 फीसदी होगी और Indexation के साथ 20 फीसदी. इंडेक्सेशन निवेश के मुनाफे पर टैक्स देनदारी को कम करने का जरिया है. इस तरीके में निवेश पर लगी रकम को महंगाई के अनुपात में बढ़ा लिया जाता है. निवेश की रकम ज्यादा दिखाने से मुनाफा कम आता है और फिर टैक्स की देनदारी भी कम हो जाती है.

3 साल पहले निकालने पर STCG
3 साल के पहले डेट म्यूचुअल फंड यूनिट्स को बेचने पर हुई आमदनी पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स चुकाना पड़ेगा. इस शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन को आपकी कुल आमदनी में जोड़ा जाएगा और फिर Tax Slab के हिसाब से Tax की गणना की जाएगी.

(Disclaimer: निवेशक निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की सलाह जरूर लें. न्यूजनेशनटीवीडॉटकॉम की खबर को आधार मानकर निवेश करने पर हुए लाभ-हानि का newsnationtv.com से कोई लेना-देना नहीं होगा. निवेशक स्वयं के विवेक के आधार पर निवेश के फैसले लें)

सुप्पंडी : एपिसोड 4 म्युचुअल फंड्स क्या हैं?

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Mutual Fund : हर महीने सिर्फ 1500 रुपए जमा कर बना सकते हैं 53 लाख का फंड, जानिए क्या है निवेश की प्रक्रिया

रुपयों को तेजी से डबल करने के लिए म्यूचुअल फंड एक अच्छा विकल्प है. इसमें दूसरे स्कीमों के मुकाबले ज्यादा रिटर्न मिलता है.

Mutual Fund : हर महीने सिर्फ 1500 रुपए जमा कर बना सकते हैं 53 लाख का फंड, जानिए क्या है निवेश की प्रक्रिया

इंवेस्टमेंट के लिए वैसे तो कई तरह की स्कीम्स उपलबध हैं, लेकिन तेजी से पैसा बढ़ाने के लिए म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) एक पॉपुलर तरीका है. इसमें दूसरी योजनाओं के मुकाबले रिटर्न ज्यादा मिलता है. अगर एसआईपी के जरिए निवेश किया जाए तो जोखिम भी कम रहता है. इसमें आप छोटे अमाउंट से एक तय वक्त तक अच्छा अमाउंट जोड़ सकते हैं. इस फंड से आप आराम से अपने बच्चों की शादी व उनकी पढ़ाई का खर्चा उठा सकते हैं.

कैसे बना सकते हैं मोटा फंड

अगर आप 50 लाख से ज्यादा का फंड तैयार करना चाहते हैं तो हर महीने सिर्फ 1500 रुपए जमा करने होंगे. यानी आपको रोजाना 50 रुपए की बचत करनी होगी. फ्रेंकलिन टेम्पलटन ऑफ इंडिया वेबसाइट पर दिए गए कैलकुलेटर के हिसाब से अगर इस पर 12 फीसदी तक रिटर्न मिलता है तो 30 साल बाद आपको करीब 53 लाख रुपए मिलेंगे. वहीं अगर आप म्यूचुअल फंड स्कीम में हर महीने सिर्फ 1000 रुपए का निवेश करते हैं तो 20 साल बाद आपके पास 20 लाख रुपए का म्यूच्यूअल फंड क्या है फंड तैयार हो जाएगा.

कितने तरह के होते हैं म्यूचुअल फंड्स

आमतौर पर म्यूचुअल फंड्स चार तरह के होते हैं. जिनमें इक्विटी म्यूचुअल फंड, डेट म्यूचुअल फंड, हाइब्रिड म्यूचुअल फंड और सॉल्यूशन ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड शामिल हैं. हर एक के फायदे और नुकसान है. निवेशक अपनी पसंद एवं कंपनी के बैकग्राउंड के हिसाब से इसमें निवेश करते हैं. विशेषज्ञों के अनुसार जो बेहतर रिटर्न वाले म्यूचुअल फंड्स हैं उनमें लंबी अवधि के लिए मौजूदा स्तर में निवेश करना बेहतर रहता है.

कैसे करें निवेश

अगर आप किसी म्यूचुअल फंड में निवेश की प्लानिंग कर रहे हैं तो आपक उस कंपनी की वेबसाइट से सीधे जानकारी हासिल कर इंवेस्ट कर सकते हैं.आप चाहें तो किसी म्यूचुअल फंड एडवाइजर की सेवा भी ले सकते हैं. खुद से सीधे निवेश करने पर म्यूचुअल फंड स्कीम के डायरेक्ट प्लान में निवेश कर सकते हैं. वहीं एडवाइजर की मदद से निवेश करने पर आप रेगुलर प्लान में निवेश करते हैं. डायरेक्ट प्लान में निवेश करने का फायदा यह है कि आपको कमीशन नहीं देना पड़ता है.

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