सभी म्यूचुअल फंड के बारे में
स्टॉक और बॉन्ड जैसी संपत्ति हासिल करने के लिए, एक परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी (एएमसी) एक म्यूचुअल फंड स्थापित करने के लिए विभिन्न व्यक्तियों और फर्मों से धन एकत्र करती है। एएमसी द्वारा जमा किए गए निवेश की निगरानी के लिए फंड मैनेजरों को नियुक्त किया जाता है। संक्षेप में, म्यूचुअल फंड कई प्रतिभागियों के पैसे को बॉन्ड, इक्विटी और अन्य तुलनीय उत्पादों में निवेश करने के लिए जमा करते हैं। म्यूचुअल फंड में निवेशकों को उनके द्वारा निवेश की गई राशि के आधार पर फंड यूनिट आवंटित की जाती हैं। केवल मौजूदा शुद्ध परिसंपत्ति मूल्य पर ही निवेशक फंड यूनिट खरीद या बेच सकते हैं। अंतर्निहित होल्डिंग्स की अस्थिरता के जवाब में एक म्यूचुअल फंड का शुद्ध परिसंपत्ति मूल्य (एनएवी) प्रतिदिन बदलता है। म्युचुअल फंड भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा कड़ाई से नियंत्रित होते हैं और इसलिए, जोखिम मुक्त निवेश विकल्प के रूप में माना जा सकता है।
--> --> --> --> --> (function (w, d) < for (var i = 0, j = d.getElementsByTagName("ins"), k = j[i]; i
Polls
- Property Tax in Delhi
- Value of Property
- BBMP Property Tax
- Property Tax in Mumbai
- PCMC Property Tax
- Staircase Vastu
- Vastu for Main Door
- Vastu Shastra for Temple in Home
- Vastu for North Facing House
- Kitchen Vastu
- Bhu Naksha UP
- Bhu Naksha Rajasthan
- Bhu Naksha Jharkhand
- Bhu Naksha Maharashtra
- Bhu Naksha CG
- Griha Pravesh Muhurat
- IGRS UP
- IGRS AP
- Delhi Circle Rates
- IGRS Telangana
- Square Meter to Square Feet
- Hectare to Acre
- Square Feet to Cent
- Bigha to Acre
- Square Meter to Cent
- Stamp Duty in Maharashtra
- Stamp Duty in Gujarat
- Stamp Duty in Rajasthan
- Stamp Duty in Delhi
- Stamp Duty in UP
These articles, the information therein and their other contents are for information purposes only. All views and/or recommendations are those of the concerned author personally and made purely for information purposes. Nothing contained in the articles should be construed as business, legal, tax, accounting, investment or other advice or as an advertisement or promotion of any project or developer or locality. Housing.com does not offer any such advice. No warranties, guarantees, promises and/or representations of any kind, express or implied, are given as to (a) the nature, standard, quality, reliability, accuracy or otherwise of the information and views provided in (and other contents of) the articles or (b) the suitability, applicability or otherwise of such information, views, or other contents for any person’s circumstances.
Housing.com shall not be liable in any manner (whether in law, contract, tort, by negligence, products liability or otherwise) for any losses, injury or damage (whether direct or indirect, special, incidental or consequential) suffered by such person as a result of anyone applying the information (or any other contents) in these articles or making any investment decision on the basis of such information (or any such contents), or otherwise. The users should exercise due caution and/or seek independent advice before they make any decision or take any action on the basis of such information or other contents.
Investment Tips : हाइब्रिड फंड्स में करेंगे निवेश तो कम जोखिम में मिलेगा ज्यादा रिटर्न
मुंबई। शेयर बाजार Share Market में रेकॉर्ड तेजी से एग्रेसिव हाइब्रिड फंड्स Aggressive Hybrid Funds की चमक फिर से लौटी है। वर्ष 2021 में पहली बार जुलाई में इस श्रेणी के म्यूचुअल फंड्स mutual funds में अच्छा पूंजी प्रवाह दर्ज किया है। जुलाई में निवेशकों ने एग्रेसिव हाइब्रिड फंड्स में 741 करोड़ का निवेश हाइब्रिड फंड क्या हैं किया। 2017 से पहले हाइब्रिड श्रेणी निवेशकों के बीच बेहद पसंदीदा थी, क्योंकि इसमें इक्विटी फंड्स के मुकाबले कम जोखिम और बेहतर रिटर्न मिलता है।
हाइब्रिड फंड क्या हैं
Hit enter to search or ESC to close
Aggressive Hybrid Fund: जानें किस फंड ने दिया बेहतर रिटर्न और किसका प्रदर्शन बेंचमार्क से भी रहा पीछे
बिज़नेस न्यूज़ डेस्क - आक्रामक हाइब्रिड फंड के तीन सबसे बड़े फंडों में एसबीआई म्यूचुअल फंड का रिटर्न सबसे कम है। इसने निवेशकों को निफ्टी 50 हाइब्रिड डेट बेंचमार्क हाइब्रिड फंड क्या हैं की तुलना में कम रिटर्न भी दिया है। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल फंड की इसी स्कीम ने टॉप थ्री फंड्स में सबसे ज्यादा रिटर्न दिया है। वैल्यू रिसर्च डेटा के मुताबिक, मार्च 2022 तक एसबीआई इक्विटी हाइब्रिड फंड का एवरेज एसेट हाइब्रिड फंड क्या हैं अंडर मैनेजमेंट (एएयूएम) रुपये होगा। 49,425 करोड़ जबकि आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल हाइब्रिड फंड का एयूएम रु। 18,928 करोड़। एचडीएफसी म्यूचुअल फंड हाइब्रिड फंड का एयूएम रु। 18,430 करोड़। आंकड़े बताते हैं कि एसबीआई की इस स्कीम ने एक साल में सिर्फ 3.38 फीसदी, दो साल में 20.78 फीसदी और तीन साल में 11.33 फीसदी का रिटर्न दिया है. आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल की हाइब्रिड स्कीम एक साल में 16.77 फीसदी, दो साल में 33.68 फीसदी और तीन साल में 17.20 फीसदी का रिटर्न देती है। इसी साल एचडीएफसी की हाइब्रिड स्कीम से निवेशकों को 4.31 फीसदी, 25.83 फीसदी और 11.41 फीसदी का फायदा हुआ है. स्कीम के बेंचमार्क निफ्टी 50 हाइब्रिड और डेट फंड ने एक साल में 4.71 फीसदी, दो साल में 20.29 फीसदी और तीन साल में 11.49 फीसदी का रिटर्न दिया है।
आंकड़ों के अनुसार 31 मई 2022 तक म्यूचुअल फंड में योजना का कुल एयूएम 1.44 लाख करोड़ रुपये था। 51.16 लाख फोलियो वाली कुल 32 योजनाएं हैं। फोलियो एक ग्राहक के म्यूचुअल फंड खाते को संदर्भित करता है। ज्यादातर रूढ़िवादी निवेशक इस फंड में आते हैं यानी वे जो कम जोखिम के साथ मध्यम रिटर्न चाहते हैं। एसबीआई म्यूचुअल फंड ने पिछले साल अगस्त में न्यू फंड ऑफर (एनएफओ) के जरिए हाइब्रिड फंड क्या हैं 14,500 करोड़ रुपये जुटाने का रिकॉर्ड बनाया था, लेकिन छह महीने में 6.78 फीसदी का नुकसान हुआ। म्युचुअल फंड उद्योग मई में 38.79 लाख करोड़ रुपये की कुल संपत्ति अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) के साथ अच्छी तरह से बढ़ रही है। एसबीआई म्यूचुअल फंड म्यूचुअल फंड उद्योग में सबसे बड़ा फंड हाउस रु। एयूएम के साथ 6.47 लाख करोड़ (मार्च 2022)। एयूएम के मामले में आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है। विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशकों को बेहतर रिटर्न वाले फंड हाउस की ओर रुख करना चाहिए। हालांकि, मुआवजे का आधार कंपनी के पोर्टफोलियो द्वारा निर्धारित किया जाता है और कंपनी से कंपनी में भिन्न हो सकता है।
Investment Tips : हाइब्रिड म्यूच्युअल फंड में निवेश करने जा रहे हैं? पहले जान लें ये जरूरी बातें
बाजार में विभिन्न प्रकार के हाईब्रिड फंड्स उपलब्ध हैं; लेकिन आपको किसमें निवेश करना चाहिए? यह जानना बहुत जरूरी है।
अकसर निवेशकों के लिए जोखिम और रिटर्न के बीच में सही संतुलन तय करना मुश्किल काम साबित होता है। आप इनमें से किसी को भी नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं। यदि आप अपनी क्षमता से अधिक जोखिम लेते हैं, तो आपको हानि उठानी पड़ सकती है। दूसरी तरफ, यदि आप बिलकुल ही जोखिम नहीं उठाते तो संभव है आपको अपर्याप्त रिटर्न प्राप्त हों जिससे समय पर अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने की यात्रा में आपको देरी हो सकती है। इसलिए, यदि आप किसी ऐसे निवेश इंस्ट्रुमेंट की खोज कर रहे हैं जिसमें जोखिमों और रिटर्न के बीच में संतुलन स्थापित किया जा सके, तो आप हाईब्रिड म्यूचल फंड्स में निवेश हाइब्रिड फंड क्या हैं करने पर विचार कर सकते हैं। इन फंड्स से जोखिमों की प्रभावी व्यवस्था करने और वांछित रिटर्न प्राप्त करने के लिए आपको डेट और ईक्विटी एस्सेट्स क्लासेज़ के मिश्रण में निवेश करने में सहायता मिल सकती है।
बाजार में विभिन्न प्रकार के हाईब्रिड फंड्स उपलब्ध हैं; लेकिन आपको किसमें निवेश करना चाहिए? साथ ही, आपको हाईब्रिड फंड में कितने समय तक निवेश करना चाहिए? मैंने कुछ बातों पर चर्चा की है जो आपको उपयोगी लगेंगी यदि आप हाईब्रिड फंड में हाइब्रिड फंड क्या हैं निवेश करने पर विचार कर रहे हैं।
आपके लिए किस प्रकार का हाईब्रिड फंड उपयुक्त होगा?
हाईब्रिड फंड्स को उनके एस्सेट आवंटन अनुपात के आधार पर श्रेणीबद्ध किया जाता है। कुल मिलाकर छह प्रकार के हाईब्रिड फंड्स उपलब्ध हैं- कंजर्वेटिव हाईब्रिड हाइब्रिड फंड क्या हैं फंड्स, बैलेंस्ड हाईब्रिड फंड्स, एग्रेसिव हाईब्रिड फंड्स, डायनामिक एलोकेशन फंड्स, मल्टी-एस्सेट एलोकेशन फंड्स, और आर्बिट्रेज फंड्स। कुल आंवटन का कम से कम 75% कंजर्वेटिव फंड में डेट श्रेणी में निवेश किया जाता है। बैलेंस्ड फंड में, आमतौर पर डेट और ईक्विटी में एक ही अनुपात में आवंटन किया जाता है। एग्रेसिव फंड में कुल एस्स्टेस का कम से कम हाइब्रिड फंड क्या हैं 65% ईक्विटी एस्सेट्स मे निवेश किया जाता है। डायनामिक फंड में एस्सेट अनुपात बाजार की स्थितियों के अनुसार भिन्न भिन्न होता है। मल्टी-एस्सेट एलोकेशन फंड में दो से अधिक एस्सेट क्लासेज़ शामिल होती हैं। अंत में, आर्बिट्रेज फंड में, कुल एस्सेट्स का कम से कम 65% ईक्विटी हिस्सा होता है। फंड मैनेजर का फोकस विभिन्न बाजारों में कीमत में अंतर से लाभ कमाना होता है।
इसलिए, निवेशकों को अपनी जोखिम सहन करने की क्षमता और रिटर्न की उम्मीदों का सावधानी से मूल्यांकन करने के बाद हाईब्रिड फंड को चुनना चाहिए। उदाहरण के लिए, एग्रेसिव हाईब्रिड फंड्स के साथ उच्च जोखिम जुड़ा रहता है क्योंकि उनमें ईक्विटीज़ में अधिक निवेश किया जाता है, लेकिन उनसे कंजर्वेटिव फंड्स की तुलना में अधिक रिटर्न भी मिल सकते हैं।
वित्तीय लक्ष्यों के साथ तालमेल बनाते हुए निवेश करना महत्वपूर्ण होता है
आपके अनेक वित्तीय लक्ष्य हो सकते हैं, और आपको ऐसे हाईब्रिड फंड को चुनना चाहिए जो आपके लक्ष्यों के साथ मेल करता हो। उदाहरण के लिए, दीर्घकालिक लक्ष्य के लिए आप एग्रेसिव फंड में निवेश कर सकते हैं। मध्यावधि लक्ष्य के लिए और आपको हानि से बचने के लिए कंजर्वेटिव फंड को चुनना चाहिए। यदि आप रिटायर होने वाले हैं, तो आप हानि की संभावना को कम करने के लिए कंजर्वेटि हाईब्रिड फंड को पसंद कर सकते हैं ताकि आप निवेश पर ठीक-ठाक रिटर्न प्राप्त कर सकें।
निवेश करने से पहले व्यय अनुपात (एक्सपेंस रेशो) की जांच कर लें
एक्सपेंस रेशो से निवेश पर आपके रिटर्न में कमी हो सकती है। हाईब्रिड फंड को चुनते समय आपको इसके एक्सपेंस रेशो की जांच ज़रूर कर लेनी चाहिए। कुछ हाईब्रिड फंड्स एनएवी (NAV) ग्रोथ के मामले में आकर्षक दिखाई देते हैं, लेकिन चार्ज काटने के बाद, रिटर्न कम हो सकते हैं क्योंकि एक्सपेंस रेशो अधिक होता है।
आदर्श निवेश अवधि कितनी होती है?
हाईब्रिड फंड्स उन निवेशकों के लिए उपयुक्त हाइब्रिड फंड क्या हैं होते हैं जो मध्यम से दीर्घ अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं। ईक्विटी-ओरिऐंटेड हाईब्रिड फंड्स जैसे एग्रेसिव हाईब्रिड फंड्स, हाइब्रिड फंड क्या हैं दीर्घकाल के निवेश के लिए आदर्श होते हैं, जबकि डेट और बैलेंस्ड फंड को मध्यम अवधि के लिए भी चुना जा सकता है।
हाईब्रिड फंड्स रिटर्न पर लागू कर को समझें
ऐसे हाईब्रिड फंड्स जिनमें कुल एस्सेट एलोकेशन का 65% ईक्विटी क्लास में निवेश किया जाता है उन पर ईक्विटी म्यूचल फंड्स की तरह ही कर लगाया जाता है। यदि ईक्विटी एस्सेट में 65% से कम आंवटन किया गया है, तो कर की गणना के लिए ऐसे फंड्स को डेट फंड माना जाता है। ईक्विटी-ओरिएंटेड हाईब्रिड फंड्स में एक वित्तीय वर्ष के दौरान 1 लाख रूपये तक के दीर्घकालिक पूंजी लाभ (LTCG) को कर से छूट प्रदान की गई है और 1 लाख रूपये से अधिक पर 10% की दर से कर लगाया जाता है। ईक्विटी-ओरिऐंटेड हाईब्रिड फंड्स पर अल्पकालिक पूंजी लाभ (STCG) पर 15% की दर से कर लगाया जाता है। डेट-ओरिऐन्टेड हाईब्रिड फंड्स पर एलटीसीजी पर 20% की दर से कर लगाया जाता है, और साथ ही इंडेक्सेशन लाभ भी प्रदान किया जाता है, जबकि एसटीसीजी पर निवेशक पर लागू होने वाली टैक्स स्लैब दर के अनुसार कर लगाया जाता है।
अंत में, व्यावहारिक निवेश एप्रोज से आपको हाईब्रिड फंड्स के माध्यम से वांछित जोखिम-एडजस्टेड रिटर्न प्राप्त करने में सहायता मिल सकती है। अपने फैसले को अंतिम रूप देने से पहले अपने चुने गए फंड्स की रेटिंग, उनके रिटर्न ट्रैक-रिकॉर्ड, एसोसिएटेड जोखिम तथा एस्सेट क्लास की टाइप और गुणवत्ता, की जांच जरूर कर लें। यदि आप सूचित निर्णय नहीं कर पाते हैं, तो किसी सर्टिफाइड निवेश सलाहकार से परामर्श करने में न हिचकिचाएं।
इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर: यह जानकारी एक्सपर्ट की रिपोर्ट के आधार पर दी जा रही है। बाजार जोखिमों के अधीन होते हैं, इसलिए निवेश के पहले अपने स्तर पर सलाह लें।) ( ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)
Times Now Navbharat पर पढ़ें Business News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 552