Elon Musk का अगला कारनामा Jio की करदेगा छुट्टी
धरती के सबसे अमीर अरबपति एलन मस्क (Elon Musk) अब इंटरनेट की दुनिया में तहलका मचाने की पूरी तैयारी कर चुके हैं। विश्वभर में इलेक्ट्रिक कारों के बाजार पर राज करने वाले अरबपति एलन मस्क ने अब इंटरनेट मार्केट पर कब्जा करने के ‘महाप्लान’ को पूरा करने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास तेज कर दिया है। यही नहीं इस प्लान को पूरा करने में उन्हें दुनिया के सबसे दिग्गज उद्योगपति ज्योफ बेजोस से टक्कर लेनी पड़ रही है। एलन मस्क को अपनी इस योजना में भारत समेत विश्व के कई देशों में तेजी से कामयाबी भी मिलनी शुरू हो गई है। स्पेसएक्स कंपनी (SpaceX) के मालिक अरबपति एलन मस्क अपनी योजना में अगर सफल रहते हैं तो भारत जैसे देश से रिलायंस जिओ और एयरटेल जैसी कंपनियों की छुट्टी हो सकती है। आइए जानते हैं क्या है अरबपति एलन मस्क का महाप्लान……
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जिओ की ‘छुट्टी’ करने का एलन मस्क ने बनाया ‘महाप्लान’
मस्क ने दुनियाभर से जिओ, एयरटेल जैसी कंपनियों की छुट्टी करने के लिए एक महाप्लान पर तेजी से काम करना शुरू कर दिया है। इसके तहत स्पेसएक्स ने स्टारलिंक इंटरनेट सर्विस के लिए करीब 1000 सैटेलाइट छोड़े हैं। इसी के साथ अब मस्क धरती का चक्कर काट रहे एक चौथाई उपग्रहों के मालिक बन गए हैं। पिछले दो साल में कंपनी ने एक दर्जन से ज्यादा Starlink मिशन भेजे हैं। सैटलाइट ट्रैकर सेलेसट्रैक के मुताबिक धरती की कक्षा में 946 स्टारलिंक सैटलाइट हैं जो कुल ऐक्टिव सैटलाइट का 27.3 प्रतिशत है। मस्क की कंपनी 40 हजार सैटलाइट भेजना चाहती है जिससे हाई-स्पीड इंटरनेट तैयार किया जा सके। Space X के पास अगले कुछ साल में 12000 स्टारलिंक सैटलाइट भेजने की इजाजत है। वहीं, 40 हजार सैटलाइट का सिस्टम तैयार करने के लिए उसे संयुक्त राष्ट्र के इंटरनैशनल टेलिकम्यूनिकेशन यूनियन से इजाजत की उम्मीद है। स्पेसएक्स को तेज गति से इंटरनेट देने के लिए अपने उपग्रहों को निचली कक्षा में करना जरूरी है ताकि सिग्नल को धरती तक पहुंचने में ज्यादा दूरी तय नहीं करनी पड़े। इसीलिए बड़ी तेजी से उपग्रह इस कक्षा में छोड़े जा रहे हैं।
अमेरिका से लेकर भारत तक पूरी दुनिया में हाई स्पीड इंटरनेट
एलन मस्क के सबसे लेटेस्ट सैटलाइट्स में लेजर लगी हैं जिन्हें सैटलाइट्स के बीच सिग्नल भेजने के लिए ग्राउंड इन्फ्रास्ट्रक्चर की जरूरत नहीं है। कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक हालिया लॉन्च और आने वाले वक्त में विस्तार से 2021 में पूरी दुनिया को Internet Service देने का प्लान है। इस तरह अगर मस्क की योजना सफल रहती है तो उन्हें पूरी दुनिया में कहीं इंटरनेट की सुविधा देने में महारत हासिल हो जाएगी। इससे अफ्रीका और एशिया के उन दूरदराज इलाकों तक इंटरनेट की सुविधा मिलेगी जो अभी तक इससे महरूम हैं। SpaceX ने हाल ही में इतिहास बना दिया था जब एक ही मिशन पर कंपनी ने 143 सैटलाइट लॉन्च कर डाली थीं। इनमें से 133 कमर्शल और सरकारी सैटलाइट थीं। फ्लोरिडा के केप कनेवरल स्पेस फोर्स स्टेशन से SpaceX ने अपनी 10 स्टारलिंक सैटलाइट भी लॉन्च कीं। माना जा रहा है कि जिस स्पीड से कंपनी मिशन लॉन्च कर रही है, अगले साल तक कंपनी की कुल सैटलाइट 50% तक पहुंच सकती हैं।
भारत समेत दुनिया के एक ट्रिल्यन बाजार पर मस्क की नजर
एलन मस्क की नजर अब भारत समेत पूरी दुनिया की Telecom Industry पर है। SpaceX ने निवेशकों से कहा है कि स्टारलिंक की नजर इन-फ्लाइट इंटरनेट, मैरिटाइम सर्विसेज, भारत और चीन में डिमांड और रूरल कस्टमर्स पर है। यह पूरा बाजार एक ट्रिलियन डॉलर का है। स्पेसएक्स स्टारलिंक प्रॉजेक्ट के जरिए पूरी दुनिया में इंटरनेट सेवा देने की योजना बना रही है। अब एलन मस्क 100 MBPS सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट सेवा के जरिए तेजी से बढ़ रही भारतीय टेलीकम्युनिकेशन इंडस्ट्री में अपनी किस्मत आजमाना चाहते हैं। एलन मस्क ने भारत सरकार को देश में सैटेलाइट आधारित इंटरनेट सेवा देने की अनुमति देने का अनुरोध भी किया है। ट्राई ने भारत में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए पिछले साल अगस्त में एक कंसल्टेशन पेपर जारी किया था। इसके जवाब में SpaceX की सैटेलाइट गवर्नमेंट अफेयर्स पैट्रीशिया कूपर ने कहा कि स्टारलिंक के हाई स्पीड सैटेलाइट नेटवर्क से भारत के सभी लोगों को ब्रॉडबैंक कनेक्टिविटी से जोड़ने के लक्ष्य में मदद मिलेगी।
दुनियाभर में एलन मस्क की कंपनी को मिले 10 हजार यूजर
बताया जा रहा है कि एलन मस्क की कंपनी ने ट्रायल शुरू किया है जिसमें उसे दुनियाभर से अब तक 10 हजार यूजर मिल भी गए हैं। कंपनी अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा में धड़ाधड़ ग्राहकों के साथ साइन करने में लगी है। एयरोस्पेस और डिफेंस इंडस्ट्रीज पर नजर रखने वाली कंपनी Alvaraez & Marsal के एमडी Luigi Peluso ने कहा कि लोग कंपनी की सर्विस से खुश हैं। स्टारलिंक लोगों को सस्ते मे सेवा दे रही है। स्पेसएक्स ने अपने सॉल्यूशंस की व्यावहारिकता साबित की है। पिछले साल स्पेसएक्स के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर Gwynne Shotwell ने कहा कि स्टारलिंक ऐसा बिजनस है जिसे पब्लिक किया जा सकता है। पिछले साल टेस्ला इंक को बाजार ने हाथोंहाथ लिया था और कंपनी के शेयरों में उछाल की बदौलत मस्क दुनिया के सबसे बड़े रईस बन गए। इस बीच आसमान में इतने सारे आर्टिफिशल ऑब्जेक्ट होने से ऐस्ट्रोनॉमर्स परेशान हैं। इस समस्या के समाधान दुनिया के सबसे अमीर अरबपति उद्योगपतियों की सफलता का राज के लिए काफी समय से मांग उठती रही है।
आसान नहीं होगी मस्क की राह, जेफ बेजोस से कड़ी टक्कर
धरती के दो सबसे अमीर अरबपति स्पेसएक्स कंपनी के मालिक एलन मस्क और ऐमजॉन के संस्थापक जेफ बेजोस के दुनिया के सबसे अमीर अरबपति उद्योगपतियों की सफलता का राज बीच अंतरिक्ष पर ‘कब्जे’ को लेकर जंग छिड़ गई है। दरअसल, एलन मस्क और जेफे बेजोस दोनों ही बड़ी संख्या में सैटलाइट को लॉन्च करना चाहते हैं। इन सैटलाइट की ‘फौज’ की मदद से दोनों ही दिग्गज उद्योगपति धरती पर इंटरनेट की सप्लाई करेंगे। अंतरिक्ष की इस महत्वकांक्षी परियोजना को लेकर धरती पर संग्राम छिड़ गया है। एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने हाल ही में अमेरिका के फेडरल कम्युनिकेशन कमिशन से अनुमति मांगी है कि उनके स्टारलिंक सैटलाइट को पहले की योजना के विपरीत अंतरिक्ष के निचले कक्षा में आपरेट करने की अनुमति दी जाए। उधर, दूसरी ओर ऐमजॉन के मालिक जेफ बेजोस ने कहा कि एलन मस्क की कंपनी को अनुमति देने से उनके कूइपर सैटलाइट में हस्तक्षेप और टक्कर का खतरा पैदा हो जाएगा। ऐमजॉन के सैटलाइट भी अंतरिक्ष से इंटरनेट सेवा देने के लिए डिजाइन किए गए हैं। ऐमजॉन को कम्युनिकेशन कमिशन से पिछले साल ही 3,236 उपग्रहों की फौज को लॉन्च करने की अनुमति मिली है।
एलन मस्क (Elon Musk) बनाम मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) से सस्ती होगी इंटरनेट सेवा!
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स अगर भारत में एंट्री करती है तो यहां उसे मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो (Reliance Jio) से कड़ा मुकाबला करना होगा जो 5जी लॉन्च करने की तैयारी में है। बैंक ऑफ अमेरिका ग्लोबल रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार जियो 4जी रोलआउट भारत के इंटरनेट क्षेत्र के लिए गेम चेंजर साबित हुआ है। इसने किफायती दामों पर यूजर्स को इंटरनेट मुहैया कराया जिससे बड़े पैमाने पर डेटा उपयोग को बढ़ावा मिला। भारत में अब करीब 65 करोड़ इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं जो औसतन 12 GB डेटा प्रतिमाह इस्तेमाल करते हैं। जियो ने सस्ती कीमतों पर डेटा और सेवाएं प्रदान करके बाजार के आकार को बढ़ाया है। हालांकि एलन मस्क की कंपनी को इस फील्ड में कड़ी स्पर्द्धा का सामना करना पड़ेगा लेकिन गांवों में वह बढ़त बना सकते हैं जहां अभी भी लोग खराब स्पीड से लोग परेशान है। इसके लिए मस्क को कोई कोई केबल नहीं बिछाना पड़ेगा और वह सैटलाइट्स की मदद से भारत के दुनिया के सबसे अमीर अरबपति उद्योगपतियों की सफलता का राज गांवों में इंटरनेट क्रांति ला सकते हैं। मस्क के दबाव में भारतीय कंपनियों को भी अपने सेवा को सुधारना पड़ सकता है।
दुनिया के सबसे अमीर अरबपति उद्योगपतियों की सफलता का राज
मुकेश अंबानी का लगातार बढ़ता गया साम्राज्य लेकिन अनिल अंबानी का खजाना होता रहा खाली, जानिए वजह!
देश का सबसे धनी और चर्चाओं में रहने वाला परिवार है अंबानी परिवार। मुकेश और अनिल, ये दो ऐसे व्यक्ति हैं, जिनके नाम के आगे धीरूभाई अंबानी नाम जुड़ा है। भारत के सबसे अमीर लोगों में शुमार ये दोनों सगे भाई हैं। इनमें मुकेश अंबानी बड़े तथा अनिल अंबानी छोटे भाई हैं। फ़ोर्ब्स द्वारा जारी की गयी एक ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के सबसे अमीर अरबपति लोगों में मुकेश अंबानी 13वें पायदान पर पहुँच गए हैं तो दूसरी ओर उनके छोटे भाई अनिल 1349वें नंबर पर हैं। हालांकि दोनों की संपत्ति को मिलाकर देखा जाए तो अंबानी परिवार जल्द ही दुनिया का सबसे अमीर परिवार बन जाएगा। आज हम दोनों भाइयों की कुंडलियों का अध्ययन करके जानने की कोशिश करेंगे इनकी कुंडलियों में क्या विशेषताएँ हैं और क्या ख़ामियाँ।
मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी में क्यों है इतना अंतर
अगर दुनिया भर के अमीर लोगों की लिस्ट पर नज़र डालें तो दुनिया के बड़े उद्योगपतियों में आज मुकेश अंबानी का नाम सुनहरे अक्षरों में लिखा जा चूका है। वहीं अगर उनके भाई अनिल अंबानी की बात करें तो दुनिया की छोड़िये उनका नाम भारत के 10 सबसे अमीर लोगों की सूची में भी शामिल नहीं नज़र आता। वर्ष 2004 में हुई संपत्ति के बँटवारे के बाद दोनों भाइयों ने एक दूसरे से अलग होकर अपना-अपना भाग्य आज़माया। दोनों के हिस्से में लगभग एक बराबर संपत्ति आई लेकिन आज अनिल अंबानी, मुकेश अंबानी से काफी पीछे हैं। इसकी वजह बेशक इन दोनों के सोचने या काम करने का तरीका हो सकता है, लेकिन इसके साथ ही एक बड़ी वजह इनके सितारों की स्थिति भी है। तो आइए आज हम आपको बताते हैं कि इन दोनों की कुंडलियाँ क्या कहती हैं।
मुकेश अंबानी की जन्म कुंडली
मुकेश अंबानी का जन्म 19 अप्रैल, 1957 को रात्रि 7 बजकर 53 मिनट पर अदेन बेरेक नामक स्थान पर हुआ। जिसके अनुसार उनकी कुंडली वृश्चिक लग्न की है। इनकी चंद्र राशि धनु है। धनु राशि का स्वामी ग्रह बृहस्पति है जो इंसान को ज्ञानी और समझदार बनाता है। धनु राशि के लोग अक्सर अच्छे सलाहकार होते हैं यही गुण मुकेश अंबानी में भी देखा जाता है। इस राशि के लोगों में नेतृत्व की क्षमता बहुत अधिक होती है। यही बात मुकेश अंबानी के व्यवहार में भी देखी जा सकती है। मुकेश अंबानी का जन्म वृश्चिक लग्न में हुआ है और इस लग्न में जन्में लोगों की विशेषता होती है कि ये किसी भी अच्छे अवसर को तुरंत भाँप जाते हैं और उसके अनुसार कदम भी उठा लेते हैं। यही बात मुकेश अंबानी पर भी लागू होती है उन्होंने मार्केट और लोगों की जरूरतों को समझते हुए कई बार सही फैसले लिए हैं। लग्न का स्वामी ग्रह मंगल सप्तम भाव में बैठकर लग्न को पूर्ण दृष्टि से देख रहा है। इस कारण इनका लग्न काफी बलवान है और लग्न का बलवान होना व्यक्ति के व्यक्तित्व को मजबूत बनाता है।
मुकेश अंबानी की कुंडली का ज्योतिषीय विश्लेषण
वृश्चिक लग्न होने से ये अपने लक्ष्य के प्रति केंद्रित होते हैं और उसको पाने के लिए किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं। साथ ही काल पुरुष की कुंडली में वृश्चिक अष्टम भाव की राशि होने से ये गुप्त तरीकों से किसी को अपने मन की बात बताए बिना एकाग्रचित्त होकर अपने काम में लगे रहते हैं। एक कहावत है कि ऐसा काम करो की सफलता खुद शोर मचाए। यह कहावत मुकेश अंबानी पर बिल्कुल सटीक बैठती है। रिलायंस जियो को लांच करने का उनका फायदा उनके लिए गेम चेंजर साबित हुआ और आज इससे उनको करोड़ों का मुनाफा हो रहा है। चंद्रमा मुकेश अंबानी की कुंडली में द्वितीय भाव में बैठा हुआ है इसलिए इनकी वाणी में सौम्यता भी दिखेगी और समझदारी भी क्योंकि इस भाव पर धनु राशि का आधिपत्य है जोकि गुरु बृहस्पति की राशि है। वाणी की सौम्यता इन्हें कारोबार में बड़ी सफलताएँ दिलाने में कारगार साबित होगी। मुकेश अंबानी की राशि धनु होने से इनकी ख़ासियत यह है कि ये किसी भी चीज में डूब जाने को प्रेरित रहते हैं और अपने जीवन के उद्देश्यों को निश्चित आंककर उन्हें पाने के लिए पूरा दम-खम लगा देते हैं। ऐसे लोग जो भी काम करते हैं उसे पूरी एकाग्रता और संयम के साथ करते हैं।
स्वामी ग्रह के रूप में, बृहस्पति आपको उन अवसरों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करता हैं, जो हमारे जीवन में आते हैं। एक साहसिक रूप में यह हमे विश्वास दिलाता हैं कि कुछ है जो आपसे भी बड़ा है। इनकी कुंडली में धन भाव द्वितीय तथा पंचम भाव के स्वामी बृहस्पति की दशम भाव से दृष्टि द्वितीय भाव पर, नवमेश चंद्रमा पर होने से अच्छे धन योग बनते हैं तथा दशमेश सूर्य पर दृष्टि होने से इन्हे सरकारी क्षेत्रों से भी अच्छा लाभ मिलता है जो इन्हे सत्ताधारी लोगों के निकट रहने में मदद करता है। इसके इलावा एकादशेश बुध पर भी गुरु की दृष्टि होने से अच्छा धन दुनिया के सबसे अमीर अरबपति उद्योगपतियों की सफलता का राज योग बनाता है।
गौतम अडानी की सफलता की कहानी
अम्बानी के बाद अडानी का दूसरा सबसे धनी परिवार है, लेकिन अन्य बिज़नेस टायकून के विपरीत, अडानी ने अपने पिता से भाग्य प्राप्त नहीं किया। इसके बजाय, उन्होंने अपनी किस्मत बदलने के लिए कड़ी मेहनत की। अगर आप गौतम अडानी की सफलता की कहानी देखते हैं, तो इससे उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति, व्यापार कौशल और कड़ी मेहनत का पता चलता है, जिसका इस्तेमाल उन्होंने अपनी सफलता की सीढ़ी बनाने के लिए किया था।
एक कॉलेज ड्रॉपआउट से एक बिजनेस टाइकून के लिए, उसकी कहानी उल्लेखनीय से कम नहीं है
अडानी, एक बच्चे के रूप में, उद्यमी लक्षणों का प्रदर्शन किया। उन्होंने कर्रिएर शुरू करने के लिए दूसरे वर्ष के बाद कॉलेज छोड़ दिया। वह अपने माता-पिता के सात बच्चों में से एक थे, जो आर्थिक रूप से कमजोर थे। उनके पिता एक कपड़ा व्यापारी थे।
अडानी हीरे की कुंडी का काम शुरू करने के लिए मुंबई चले गए। उनकी पहली नौकरी 2-3 साल तक चली, लेकिन तब तक, उन्होंने व्यापार की बारीकियों को समझ लिया था और यह बाजार के साथ कैसे बदल गया था। व्यापार के बारे में उनके ज्ञान ने उन्हें हीरे की दलाली लगाने में मदद की। यह पहला व्यवसाय था जिसमें उन्होंने अपने हाथों की कोशिश की। उनके जीवन का अगला ब्रेक तब आया जब उनके भाई महाशूख अडानी ने उन्हें अपने द्वारा शुरू की गई प्लास्टिक फैक्ट्री में काम करने के लिए वापस अहमदाबाद बुलाया। गौतम फर्म में शामिल हो गया, और जल्द ही वह भारत को पॉलीविनाइल क्लोराइड या पीवीसी आयात कर रहा था। इस घटना ने वैश्विक व्यापार क्षेत्र में उनके प्रवेश को चिह्नित किया।
अडानी एक ऐसे आदमी है जिसे एक अवसर की पहचान होती है जब वह आपके दरवाजे पर दस्तक देता है
दूरदर्शिता और अवसर को जब्त करने की क्षमता वे गुण हैं जो एक सफल व्यक्ति को द्रव्यमान से अलग करते हैं। अडानी इसका जीता जागता सबूत हैं। उन्होंने उन अवसरों की पहचान की जब भारतीय अर्थव्यवस्था ने भूमंडलीकरण के दरवाजे खोले। यह उनके लिए आशीर्वाद साबित हुआ। स्थिति का उपयोग करते हुए, उन्होंने नए बाजार पर कब्जा करने के लिए तेजी से विविधता लाई।
अडानी ने 1988 में अडानी समूह की स्थापना की, लेकिन उनकी कंपनी शुरू में कृषि उत्पादों और बिजली पर कारोबार कर रही थी। लेकिन, 1991 में यह बदल गया कि भारतीय अर्थव्यवस्था के नए युग की शुरुआत हो गई, अडानी ने बाजार की मांग में बदलाव को देखते हुए विविधता लाने का अवसर लिया। धीरे-धीरे अडानी समूह एक समूह के रूप में उभरा, जो बिजली उत्पादन और प्रसारण, कोयला व्यापार और खनन, गैस वितरण, तेल और गैस की खोज, बंदरगाहों और एसईजेड में विविधता ला रहा है।
अडानी ने समाज को वापस देने में विश्वास किया
एक शूटिंग स्टार की तरह अपनी सफलता के बावजूद, गौतम हमेशा अपनी जड़ों से जुड़े रहे। अपनी पत्नी, प्रीति अदानी, पेशे से दंत चिकित्सक और अडानी फाउंडेशन के प्रबंध ट्रस्टी के साथ, वह कई परोपकारी गतिविधियों में लगी हुई है। ट्रस्ट शिक्षा, सामुदायिक स्वास्थ्य, ग्रामीण अवसंरचना विकास, स्थायी आजीविका उत्पादन और अधिक सुधार लाने में काम करता है।
उनके जीवन का पाठ सभी के लिए
अगर हम उनके जीवन पर गौर करें, तो सबसे ऊपर गौतम की यात्रा आसान नहीं है। वह एक स्व-निर्मित अरबपति हैं। और इस पद को हासिल करने के लिए उन्हें सबकी तरह संघर्ष करना पड़ा। लेकिन वह एक दूरदर्शी व्यक्ति भी थे जिसने शुरुआती जीवन में अवसर आने पर अवसरों को जब्त करना सीख लिया था। यह वे पाठ है जो गौतम अडानी के जीवन से सीख सकते हैं।
एक अवसर की क्षमता को समझना महत्वपूर्ण है
अडानी एक दूरदर्शी हैं। उन्होंने महसूस किया कि अर्थव्यवस्था के विकास के लिए बंदरगाह कितने महत्वपूर्ण हैं। अडानी ने व्यापारी बंदरगाहों की क्षमता को समझा और खंड पर एकाधिकार स्थापित करने में सफल रहे। आज, वह भारत में सबसे बड़ा बंदरगाह मालिक है और देश और विदेश में नए बंदरगाहों का निर्माण जारी है।
विविधीकरण कुंजी है
शुरू से ही, उन्होंने बाजार बदलते ही अपने व्यवसाय में विविधता लाने पर ध्यान केंद्रित किया। कृषि और बिजली उत्पादों के निर्यात से शुरू करके, उन्होंने अपने व्यवसाय को बिजली उत्पादन और वितरण, तेल और गैस की खोज, रसद, बंदरगाह विकास जैसे अन्य क्षेत्रों में विविधता प्रदान की। जब भारत का आर्थिक दर्शन बदल गया, वह जल्दी ही व्यवसाय के अवसरों को पहचान लेते थे
उल्लेखनीय बातचीत और बातचीत कौशल ए - प्लस है
उन्होंने एक बार तत्कालीन रेल मंत्री, नीतीश कुमार से मुलाकात की और उन्हें रेलवे को बंदरगाहों को एकीकृत करने के महत्व को देखने के लिए आश्वस्त किया। उन्होंने पोर्ट-रेल लिंकेज नीति तैयार करने के लिए मंत्री को सफलतापूर्वक आश्वस्त किया। नीति ने बंदरगाह के मालिकों को निकटतम रेलहेड्स के लिए अपने स्वयं के रेल ट्रैक चलाने की अनुमति दी।
सीखना कभी भी बंद न करें
उन्होंने शीर्ष व्यावसायिक स्कूलों से परिष्कृत प्रशिक्षण नहीं लिया। उन्होंने व्यापार की चाल को देखकर व्यापार सीखा, जिसने उन्हें मांग और आपूर्ति का महत्व सिखाया। वह एक उत्सुक पर्यवेक्षक है जो समझता है कि आगे की मांग कहां पैदा हो सकती है और शुरुआती अवसर को जब्त करने में विश्वास करता है।
अडानी ने अपने बंदरगाह में 2 किमी लंबी हवाई पट्टी का निर्माण किया, जो बड़े विमानों को पूरा करने में सक्षम दुनिया के सबसे अमीर अरबपति उद्योगपतियों की सफलता का राज था। यह हवाई पट्टी के लिए भारत का एकमात्र बंदरगाह है। उसके पास उच्च मूल्य, हीरे और दवा जैसे कम मात्रा के सामान के परिवहन का प्रबंधन करने के लिए इसे पूरी तरह कार्यात्मक बनाने की योजना है।
अपने मूल्यों पर अटल रहें
उन्हें एक मजबूत मूल्यों और एक अटूट रवैये के लिए जाना जाता है। उन्होंने कई मौकों पर टिप्पणी की कि 'सरकार के साथ काम करने का मतलब यह नहीं है कि आपको रिश्वत देनी होगी।
लंबी अवधि के मूल्य सृजन के लिए अपना ध्यान केंद्रित करें
उनकी मजबूत व्यापारिक समझ ने उन्हें दीर्घकालिक संभावनाओं और लाभ के लिए साथी उद्योगपतियों और प्रतियोगियों की मांग को समझने के महत्व का एहसास कराया। और उनकी सीखों ने अंततः उन्हें एकाधिकार स्थापित करने में मदद की।
अडानी को 2019 में इंडिया टुडे द्वारा भारत में तीसरा सबसे उल्लेखनीय व्यक्तिगत स्थान दिया गया। उनका जीवन इस बात की कहानी है कि कैसे फोकस और दृढ़ संकल्प एक आदमी को अपनी पीढ़ी के सबसे सफल उद्योगपतियों में से एक बनने के लिए अपनी विनम्र शुरुआत को बदलने में मदद कर सकता है।
कभी-कभी सफल व्यक्तित्व की कहानियों को पढ़ने से हमें जीवन में वह दिशा मिलती है जो हमने मांगी थी।
एक साल में 3,731 अरब रुपये बढ़ी गौतम अडानी की संपत्ति, विश्व के शीर्ष अमीर उद्योगपतियों से ज़्यादा
हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट के अनुसार, भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी ने पिछले साल अपनी संपत्ति में 49 अरब डॉलर जोड़े. उनकी संपत्ति शुद्ध रूप से दुनिया के शीर्ष तीन अमीर उद्योगपतियों- एलन मस्क, जेफ बेजोस और बर्नार्ड अर्नाल्ट से अधिक बढ़ी है. हालांकि, मुकेश अंबानी 103 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ सबसे धनवान भारतीय बने हुए हैं. The post एक साल में 3,731 अरब रुपये बढ़ी गौतम अडानी की संपत्ति, विश्व के शीर्ष अमीर उद्योगपतियों से ज़्यादा appeared first on The Wire - Hindi.
हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट के अनुसार, भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी ने पिछले साल अपनी संपत्ति में 49 अरब डॉलर जोड़े. उनकी संपत्ति शुद्ध रूप से दुनिया के शीर्ष तीन अमीर उद्योगपतियों- एलन मस्क, जेफ बेजोस और बर्नार्ड अर्नाल्ट से अधिक बढ़ी है. हालांकि, मुकेश अंबानी 103 दुनिया के सबसे अमीर अरबपति उद्योगपतियों की सफलता का राज दुनिया के सबसे अमीर अरबपति उद्योगपतियों की सफलता का राज अरब डॉलर की संपत्ति के साथ सबसे धनवान भारतीय बने हुए हैं.
गौतम अडानी. (फोटो साभार: स्क्रीनग्रैब/अडानी समूह वेबसाइट)
नई दिल्ली: भारत और एशिया के दूसरे सबसे धनी व्यक्ति गौतम अडानी की संपत्तियों में पिछले साल यानी साल 2021 में 49 अरब डॉलर का बड़ा इजाफा हुआ है.
यह दुनिया के टॉप-तीन सबसे अमीर उद्योगपतियों एलन मस्क, जेफ बेजोस और बर्नार्ड अर्नाल्ट की संपत्तियों में शुद्ध रूप से हुई वृद्धि से अधिक है.
हुरुन ग्लोबल की बुधवार को जारी अमीरों की सूची में यह जानकारी दी गई है.
वहीं, रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख मुकेश अंबानी 103 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ सबसे धनवान भारतीय बने हुए है. उनकी संपत्ति में सालाना आधार पर 24 फीसदी की वृद्धि हुई है.
दूसरी तरफ, बंदरगाह से लेकर ऊर्जा समेत विभिन्न कारोबार से जुड़े अडानी समूह के प्रमुख गौतम अडानी 81 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ दूसरे स्थान पर हैं. उनकी संपत्तियां 153 फीसदी बढ़ी हैं.
हुरुन की अमीरों की सूची के अनुसार, पिछले 10 साल में अंबानी की संपत्ति 400 फीसदी और अडानी की संपत्ति 1,830 फीसदी बढ़ी है. एचसीएल के शिव नादर 28 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ भारतीय अमीरों की सूची में तीसरे स्थान पर हैं.
इसके बाद सीरम इंस्टिट्यूट के साइरस पूनावाला 26 अरब अमेरिकी डॉलर के साथ चौथे और इस्पात क्षेत्र के दिग्गज लक्ष्मी निवास मित्तल 25 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ पांचवें स्थान पर हैं.
एम3एम हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट ने एक बयान में कहा कि दुनिया के अमीरों की सूची में 59 साल के गौतम अडानी की संपत्ति सबसे ज्यादा बढ़ी है. उन्होंने पिछले साल अपनी संपत्ति में 49 अरब डॉलर जोड़े. उनकी संपत्ति शुद्ध रूप से दुनिया के शीर्ष तीन सबसे अधिक अमीर उद्योगपतियों एलन मस्क, जेफ बेजोस और बर्नार्ड अर्नाल्ट की संपत्तियों से अधिक बढ़ी है.
नवीकरणीय ऊर्जा कंपनी अडानी ग्रीन के सूचकांकों पर लिस्ट होने के बाद अडानी की संपत्ति में कई गुना का इजाफा हुआ है.
बयान के अनुसार, अंबानी की संपत्ति 2021 में 20 अरब डॉलर बढ़ी है. कॉस्मेटिक ब्रांड नायका की संस्थापक फाल्गुनी नायर 7.6 अरब डॉलर के साथ हुरुन की अमीरों की सूची में शामिल होने वाली सबसे अमीर नई सदस्य हैं.
बयान के अनुसार, ‘2022 एम3एम हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट’ में 69 देशों की 2,557 कंपनियों के 3,381 अरबपतियों को शामिल किया गया है.
हुरुन इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य शोधकर्ता अनस रहमान जुनैद ने कहा कि भारत न केवल अरबपतियों की संख्या के आधार पर, बल्कि उन अमीरों की संख्या के मामले में भी तीसरे स्थान पर है, जिन्होंने अपनी संपत्ति में कम से कम एक अरब डॉलर जोड़े हैं.
उन्होंने कहा कि भारत में दुनिया की आबादी का 18 फीसदी और दुनिया के ‘ज्ञात’ अरबपतियों का 8 फीसदी है. यह पांच साल पहले 4.9 फीसदी था. भारत में अरबपतियों की संख्या 215 है, जबकि चीन में यह 1,133 तथा अमेरिका में 716 है.
बयान के अनुसार, साल 2022 की सूची में अडानी ने सर्वाधिक संपत्ति जोड़ी. उसके बाद क्रमश: गूगल के सह-संस्थापक लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन तथा लग्जरी सामान से जुड़े समूह एलवीएमएस के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी बर्नार्ड अर्नाल्ट (39 अरब अमेरिकी डॉलर जोड़े) का स्थान है. संपत्ति जोड़ने के मामले में अंबानी आठवें स्थान पर हैं.
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