विदेशी मुद्रा भंडार से एक साल से अधिक के आयात खर्च की पूर्ति आसानी से की जा सकती है।

विदेशी मुद्रा भंडार

लगातार 9वें हफ्ता घटा विदेशी मुद्रा भंडार, क्या होगा घटते रिजर्व का असर

लगातार 9वें हफ्ता घटा विदेशी मुद्रा भंडार, क्या होगा घटते रिजर्व का असर

देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का सिलसिला लगातार 9वें दिन भी जारी रहा है. गिरावट के साथ अब देश का भंडार 2 साल के निचले स्तरों पर पहुंच गया है. रिजर्व बैंक पहले ही कह चुका है कि देश के रिजर्व में आ रही गिरावट का अधिकांश हिस्सा एक्सचेंज रेट की वजह से है. डॉलर के मुकाबले रुपया फिलहाल रिकॉर्ड निचले स्तरों पर पहुंच गया है. रिजर्व में लगातार आ रही गिरावट की वजह से चिंताएं बढ़ी हैं. हालांकि रिजर्व बैंक कह चुका है कि गिरावट के बावजूद विदेशी मुद्रा के मामले में भारत की स्थिति काफी मजबूत है. जानिए अगर रिजर्व एक सीमा से ज्यादा गिरता है तो अर्थव्यवस्था पर इसका क्या असर पड़ता है.

कहां पहुंचा विदेशी मुद्रा भंडार

देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का सिलसिला जारी रहने के बीच 30 सितंबर को समाप्त सप्ताह में यह 4.854 अरब डॉलर घटकर 532.664 अरब डॉलर रह गया है. भंडार इससे पिछले विदेशी मुद्रा कोष की नई चिंताएं सप्ताह में 8.134 अरब डॉलर कम होकर 537.518 अरब डॉलर पर रहा था. माना जा रहा है कि डॉलर के मुकाबले रुपये दर में गिरावट को रोकने के जारी प्रयासों के बीच विदेशी मुद्रा भंडार में यह कमी आई है. देश की विदेशी मुद्रा भंडार अक्टूबर 2021 में 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था.

आरबीआई की तरफ से शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, विदेशी मुद्रा आस्तियों (एफसीए) में गिरावट के कारण 30 सितंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आई है. एफसीए दरअसल पूरे भंडार का एक प्रमुख हिस्सा होता है. केंद्रीय बैंक ने कहा कि समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान एफसीए 4.406 अरब डॉलर घटकर 472.807 अरब डॉलर रह गया. डॉलर के संदर्भ में एफसीए में विदेशी मुद्रा विदेशी मुद्रा कोष की नई चिंताएं भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में वृद्धि या मूल्यह्रास का प्रभाव शामिल है.

क्या है कमजोर रिजर्व का असर

उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए घटता हुआ विदेशी मुद्रा भंडार बेहद चिंता का विषय है.दरअसल विदेशी मुद्रा की मदद से केंद्रीय बैंक घरेलू करंसी में तेज गिरावट के नियंत्रित कर सकते हैं. जब उतार-चढ़ाव का दौर रहता है तो तेज गिरावट की स्थिति में बैंक अपने भंडार का इस्तेमाल कर करंसी को संभाल सकते हैं. इससे अनिश्चितता के बीच करंसी को नियंत्रित दायरे में रखा जा सकता है. और आयात बिल देश के नियंत्रण में रहता है. हालांकि रिजर्व घटने ये क्षमता खत्म हो जाती है और करंसी में तेज गिरावट अर्थव्यवस्था में दबाव बढ़ा देती है.

वहीं मजबूत रिजर्व से विदेशी कारोबारियों और निवेशकों के बीच विदेशी मुद्रा कोष की नई चिंताएं अर्थव्यवस्था को लेकर भरोसा बढ़ता है. क्योंकि इससे संकेत जाता है कि अर्थव्यवस्था किसी छोटे मोटे झटके को आसानी से सहन कर सकती है. मजबूत रिजर्व विदेशी निवेश बढ़ाने और क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों का भरोसा जीतने में काफी मददगार साबित होता है. ऐसे जितने भी देश जिनका भंडार खत्म होने के करीब पहुंच गये हैं वहां से न केवल निवेशकों ने दूरी बना ली है साथ ही क्रेडिट रेटिंग घटने से नए कर्ज जुटाने में भी समस्या आ रही हैं.

रिपोर्टिंग वीक में 7.688 अरब डॉलर घटा एफसीए

विदेशी मुद्रा भंडार में एफसीए का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है. अगर एफसीए बढ़ती है तो भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में भी बढ़त देखने को मिलती है. वहीं अगर एफसीए घटती है तो देश के भंडार में भी कमी आती है. फॉरेन करेंसी एसेट्स में डॉलर के अलावा यूरो, पाउंड और येन जैसी मुद्राओं को भी शामिल किया जाता विदेशी मुद्रा कोष की नई चिंताएं है. रिपोर्टिंग वीक में भारत की एफसीए (FCA) 4.406 अरब डॉलर कम होकर 472.807 अरब डॉलर रह गया. इससे पहले 23 सितंबर को समाप्त हुए सप्ताह में एफसीए 7.688 अरब डॉलर घटकर 477.212 अरब डॉलर रह गया था.

आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन सप्ताह में भारत का स्वर्ण भंडार में भी कमी आयी है. 30 सितंबर को समाप्त हुए सप्ताह में गोल्ड रिजर्व 28.1 करोड़ डॉलर घटकर विदेशी मुद्रा कोष की नई चिंताएं 37.605 अरब डॉलर पर आ गया. इससे पहले भी भारत के स्वर्ण भंडार में 30 करोड़ डॉलर की कमी आयी थी. गिरावट के बाद भारत के खजाने में गोल्ड रिजर्व 37.886 अरब डॉलर रह गया था.

रिपोर्टिंग वीक में केवल आईएमएफ में मिला एसडीआर में आयी बढ़त

आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, आलोच्य सप्ताह में इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी आईएमएफ (IMF) में मिला देश का एसडीआर यानी स्पेशल ड्राइंग राइट (Special Drawing Rights) में बढ़ोतरी हुई है. रिपोर्टिंग वीक में यह 16.7 करोड़ डॉलर बढ़कर 17.427 अरब डॉलर पर जा पहुंचा. इससे पहले आईएमएफ (IMF) में मिला देश का एसडीआर 93 करोड़ डॉलर घटकर 17.594 अरब डॉलर पर पहुंच गया था. आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन सप्ताह में आईएमएफ के पास रखा देश का आरक्षित विदेशी मुद्रा भंडार में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है. आरक्षित विदेशी मुद्रा भंडार 4.826 अरब डॉलर पर ही है.

आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, 9 सितंबर को खत्म हुए सप्ताह में भंडार 2.23 अरब डॉलर कम होकर 550.87 अरब डॉलर हो गया था. वहीं 16 सितंबर को खत्म हुए हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 5.22 अरब डॉलर घटकर 545.652 अरब डॉलर पर पहुंच गया था. जबकि 23 सितंबर को समाप्त हुए सप्ताह में देश का कोष 8.134 अरब डॉलर घटकर 537.518 अरब डॉलर रह गया था. वहीं 30 सितंबर को समाप्त हुए सप्ताह में यह 4.854 अरब डॉलर घटकर 532.66 अरब डॉलर पर पहुंच गया. इस तरह सितंबर माह में भारत का कोष 20.738 अरब डॉलर कम हो गया.

अगस्त माह में 11.932 अरब डॉलर कम हुआ कोष

आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, 26 अगस्त को हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा कोष की नई चिंताएं भारत का कोष 3.007 अरब डॉलर घटकर 561.046 अरब डॉलर रह गया था. इससे पहले 19 अगस्त को समाप्त हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 6.687 विदेशी मुद्रा कोष की नई चिंताएं अरब डॉलर घटकर 564.053 अरब डॉलर रह गया था. जबकि 12 अगस्त को खत्म हुए सप्ताह में यह 2.23 अरब डॉलर घटकर 570.74 अरब डॉलर पर आ गया था. वहीं 5 अगस्त को सप्ताह हुए सप्ताह में भारत का कोष 89.7 करोड़ डॉलर घटकर 572.978 अरब डॉलर रह गया. इस तरह अगस्त महीने में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 11.932 अरब डॉलर की गिरावट आयी. वहीं इससे पहले जुलाई माह में यह 21.6938 अरब घटा था.

आरबीआई के अनुसार, विदेशी निवेशकों की बिकवाली और डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट को थामने के लिए वो लगातार डॉलर बेच रहा है. जिसकी वजह से विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आयी है. हालांकि आरबीआई का यह उपाय कारगर साबित नहीं हो रहा है. डॉलर को बेचने के बावजूद भारतीय करेंसी लगातार गिर रही है. बताते चलें कि सितंबर 2021 यानी एक साल पहले देश का विदेशी मुद्रा भंडार 642 अरब डॉलर था. जो एक साल विदेशी मुद्रा कोष की नई चिंताएं बाद यानी सितंबर 2022 में 545.652 अरब डॉलर रह गया. इस तरह एक साल में भारत का कोष 100 अरब डॉलर कम हुआ है.

विदेशी मुद्रा कोष की नई चिंताएं

लगातार पांचवें हफ्ते विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 564.1 अरब डॉलर पर

लगातार पांचवें हफ्ते विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 564.1 अरब डॉलर पर

-देश के विदेशी मुद्रा भंडार में पांचवें हफ्ते 2.91 अरब डॉलर का इजाफा

नई दिल्ली, 16 दिसंबर (हि.स)। आर्थिक र्मोचे पर राहत देने वाली खबर है। लगातार पांचवें हफ्ते विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी दर्ज हुई है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार 9 दिसंबर को समाप्त हफ्ते में 2.91 अरब डॉलर बढ़कर 564.06 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी है।

आरबीआई के शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश का विदेशी मुद्रा भंडार 9 दिसंबर को समाप्त हफ्ते में 2.91 अरब डॉलर उछलकर 564.06 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इससे पहले हफ्ते 2 दिसंबर को विदेशी मुद्रा भंडार 11 अरब डॉलर बढ़कर 561.16 अरब डॉलर पर पहुंच गया था। हालांकि, अक्टूबर, 2021 में देश का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था।

विदेशी मुद्रा भंडार लुढ़क कर पहुंचा 23 महीने के न्यूनतम स्तर पर, गोल्ड रिजर्व की वैल्यू भी घटी

Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। देश में जितना भी विदेशी मुद्रा भंडार और स्वर्ण भंडार जमा होता है, उसके आंकड़े समय-समय पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी किए जाते हैं। इन आंकड़ों में हमेशा ही उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है। विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) में एक बार फिर गिरावट का दौर लगातार जारी है। इस गिरावट के साथ यह 23 महीने के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है। वहीं, स्वर्ण भंडार (Gold Reserves) विदेशी मुद्रा कोष की नई चिंताएं का हाल भी कुछ ऐसा ही रहा है। इस बात का खुलासा RBI द्वारा जारी किए गए ताजा आंकड़ों से होता है। बता दें, यदि विदेशी मुद्रा परिस्थितियों में बढ़त दर्ज की जाती है तो, कुल विदेशी विनिमय भंडार में भी बढ़त दर्ज होती है।

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