भारी बारिश के कारण अमरनाथ यात्रा स्थगित
फिसलन के कारण बालताल एवं पहलगाम आधार शिविरों से आगे यात्रा स्थगित कर दी गयी है।
22 जुलाई 2010
वार्ता
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में कल शाम से जारी मूसलाधार बारिश की वजह से मार्गों पर फिसलन पैदा होने के कारण बालताल एवं पहलगाम आधार शिविरों से यात्रा स्थगित कर दी गयी है।
आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि किसी तरह की दुर्घटना से बचने के लिये दोनों आधार शिवरों से यात्रियों को आगे नहीं बढने दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पवित्र अमरनाथ गुफा का दर्शन करके लौट रहे श्रद्धालुओं को भी मौसम सुधरने तक नजदीकी शिविरों में रुकने के लिये कहा गया है।
सूत्रों के अनुसार मूसलाधार बारिश का दौर जारी है और मार्गों पर फिसलन बढ जाने के कारण यात्रियों को आगे बढने की अनुमति देना खतरनाक सिद्ध हो सकता है।
एक जुलाई से शुरू दो माह की यात्रा के दौरान देश के विभिन्न भागों से दो लाख 80 हजार से अधिक श्रद्धालु बाबा अमरनाथ के दर्शन कर चुके हैं।
MoneyControl News
First Published: Jul 22, 2010 2:34 PM
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त्रिपुरा: रिहैब सेंटर का कहना है कि 28 वर्षीय कैदी फिसल कर मर गया; परिवार रोता
उपलब्ध जानकारी के अनुसार नशे के आदी इस्माइल मिया को उनके पिता अब्दुल गफ्फूर मियां ने करीब दस दिन पहले मधुपुर स्थित एक नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराया था.
पुनर्वसन की पहचान मधुपुर के कुनाबन में एनजीओ द्वारा संचालित हमकोरई मैरुल बोडोल के रूप में की गई है, जिसने इस्माइल के परिवार को सूचित किया कि वह फिसलन के कारण बाथरूम में फिसल गया है।
"उन्होंने कहा कि मेरा बेटा फिसलन भरी सतह के कारण बाथरूम में फिसलन का कारण क्या हो सकता है? दुर्घटना का शिकार हो गया। हम वहां पहुंचे और सभी औपचारिकताओं जैसे सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर करने और सभी के बाद, उन्होंने मुझे बताया कि मेरा बेटा मर चुका है। उन्होंने कभी नहीं बताया कि वह पहले से नहीं थे। यह दिखाता है कि पुनर्वसन अधिकारी तथ्यों को छुपा रहे थे, "मिया ने कहा।
इस्माइल का पार्थिव शरीर गुरुवार को उसी जिले के विश्रामगंज इलाके में उनके आवास पर लाया गया, जिसके बाद उन्हें अंतिम संस्कार किया गया। शव को भी स्थानीय अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
"उसके हाथ और पैर फ्रैक्चर हो गए थे। उसके शरीर के विभिन्न हिस्सों पर चोट के निशान थे, जैसा कि निशान से पता चलता है। यदि कोई फिसलन भरी सतह पर गिर जाता है, तो हो सकता है कि उसकी मृत्यु न हो। या तो उन्होंने उसका इलाज कराने के लिए कोई प्रयास नहीं किया या पुनर्वसन केंद्र के अंदर उसे अमानवीय शारीरिक यातना दी गई, "मृतक के पिता ने कहा।
मधुपुर पुलिस स्टेशन के ऑन-ड्यूटी डॉक्टर निर्बन दास ने पुष्टि की कि इस्माइल के शरीर के विभिन्न हिस्सों में चोटें आई हैं।
"उसके पैरों में चोट के निशान थे, उसके शरीर के अन्य हिस्सों में भी खून बिखरा हुआ था। उनके प्राइवेट पार्ट में चोट के निशान भी देखे गए हैं। सभी नमूनों को जांच के लिए राज्य की फॉरेंसिक प्रयोगशाला भेजा गया है। हमें उसकी मौत के सही कारण का पता लगाने के लिए अंतिम रिपोर्ट का इंतजार करना होगा।"
इस बीच, मधुपुर पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी, बिस्बास दास ने ईस्टमोजो को बताया कि रविवार तक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट तैयार होने की संभावना है।
"पोस्टमॉर्टम एक कार्यकारी मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में किया गया था। हमने घटना के संबंध में अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद सब कुछ साफ हो जाएगा।'
योगाभ्यास के दौरान बार-बार योगा मैट से फिसल जाते हैं तो अपनाएं ये टिप्स
योगाभ्यास के लिए लोग योगा मैट का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन मैट पर योगाभ्यास करना तब मुश्किल हो जाता है, जब यह फिसलन भरा हो जाता है। योगा मैट पर फिसलन का कारण उस पर पसीना गिरना या फिर आपके कपड़े हो सकते हैं। ऐसे में जरूरी है कि इस परेशानी को कैसे दूर किया जा सकता है तो चलिए फिर आज हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बताते हैं, जिन्हें अपनाकर फिसलन का कारण क्या हो सकता है? आप योगा मैट पर फिसलने से बच सकते हैं।
सूती के मोजे और दस्ताने पहनें
अगर फिसलन का कारण क्या हो सकता है? आप बार-बार योगा मैट से फिसल जाते हैं तो इस परेशानी को दूर करने में सूती मोजे और दस्ताने आपकी काफी मदद कर सकते हैं। दरअसल, पैरों और हाथों से आने वाले पसीने की वजह से कई बार लोग योगा मैट से फिसल जाते हैं। इसलिए ऐसे में योगाभ्यास करते समय सूती के मोजे और दस्ताने पहनना बेहतर हो सकता है ताकि हाथों और पैरों में पसीना आने के बावजूद योगा मैट पर आपकी ग्रिप अच्छे से बनी रहे।
पानी का करें छिड़काव
अगर आप यह सोच रहे हैं कि योगा मैट पर पानी का छिड़काव करने से फिसलन बढ़ सकती है तो आपको बता दें कि योगा मैट पर पानी का छिड़काव करने से उस पर आपकी ग्रिप अच्छे से बन सकती है। हालांकि, इस बात का ध्यान रखें कि आपको पूरे योगा मैट पर पानी का छिड़काव नहीं करना है बल्कि पानी का छिड़काव बस उसी जगह पर करना है, जहां आपके पैर और हाथ अधिक समय तक रहते हैं।
जिम पाउडर का करें इस्तेमाल
शायद आपको यह बात पता न हो, फिसलन का कारण क्या हो सकता है? लेकिन जब जिम वेट लिफ्टिंग या पावर लिफ्टिंग जैसी एक्सरसाइज कराई जाती है तो उससे पहले व्यक्ति के हाथों में एक तरह का पाउडर लगाया जाता है ताकि एक्सरसाइज के दौरान व्यक्ति का हाथ न फिसलें। ठीक इसी तरह योगा मैट पर आप योगाभ्यास करने से पहले अपने हाथों और पैरों पर उस जिम पाउडर को लगा सकते हैं ताकि आप योगा मैट पर फिसलने से बच सकें।
एंटीस्किड योगा मैट का करें चयन
अगर ऊपर बताए गए हर टिप को फॉलो करने से बाद भी आपके योगा मैट पर फिसलन बनी हुई है तो ऐसे में आपको उसे बदल देना चाहिए और उसकी जगह एंटीस्किड योगा मैट को खरीद लेना चाहिए। एंटीस्किड ऐसे योगा मैट होते हैं, जिन पर फिसलने के गुंजाइश बिल्कुल भी नहीं होती है इसलिए बेहतर होगा कि आप योगाभ्यास के लिए इस योगा मैट का इस्तेमाल करें। यह आपको मार्केट से आसानी से मिल जाएगा।
दिल्ली में तेल की बारिश, सड़कों पर हुआ फिसलन, गाड़ी चलाना हुआ मुश्किल. Emergency कॉल लगातार मिलना शुरू
दीपावली के बाद रविवार की शाम को दिल्ली में हुई बारिश के बाद सड़कों पर फिसलन बढ़ गई। लिहाजा बड़ी संख्या में लोगों ने तेल की बारिश की शिकायत दिल्ली अग्निशमन विभाग के पास की। बारिश के बाद करीब एक घंटे के अंदर विभाग के पास तेल की बारिश संबंधी 57 कॉल आई। दिल्ली अग्निशमन विभाग के निदेशक अतुल गर्ग ने बताया कि ज्यातर कॉल मोटरसाइकिल चालकों ने की थी। माना जा रहा है कि बारिश के कारण वातारण में मौजूद धूल और अन्य रसायन पानी की बूंदों के साथ सड़कों पर आ गए होंगे। इसकी वजह से सड़कों पर फिसलन हो गई होगी।
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दमकल विभाग के पास आग लगने की आई 205 कॉल
बता दें कि दिल्ली में सरकार की मनाही के बावजूद जमकर आतिशबाजी हुई। कई इलाके पटाखों की आवाज से गूंज उठे। आतिशबाजी में कई जगह आग लगने की घटना भी हुई। कुल आग लगने की घटना की बात करें तो 205 जगह आग लगी। हालांकि पिछली दीपावली के मुकाबले इस बार कम आग लगने की घटना हुई। कई लोग सरकार की मनाही के बाद सामाजिक जिम्मेदारी निभाते दिखे और लोगों को भी मना कर आतिशबाजी करने से रोका। वहीं कुछ जगह बच्चे आतिशबाजी जरूर करते दिखे। इस दौरान मुंडका में कूलर गोदाम में आग के अलावा कोई बड़ी घटना नहीं घटी। कूलर गोदाम में आग लगने से एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि एक शख्स झुलस गया। इसके अलावा ज्यादातर आग छोटी-मोटी ही रही।
दीपावली पर हुई आतिशबाजी के बाद स्मॉग की चादर से ढका नोएडा
कहते है इंसान जो प्रकृति को देता है उसी का अक्स बनाकर प्रकृति वापस देती है। दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले लोग पिछले कई वर्षों से ठंड का मौसम शुरू होते ही प्रदूषण की मार झेल रहे हैं।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा पटाखा बिक्री पर रोक लगाए जाने के बावजूद दीपावली पर लोगों ने खूब आतिशबाजी की, जिस कारण वायु प्रदूषण बढ़ गया। हालांकि रविवार शाम की हुई बारिश के बाद प्रदूषण के स्तर में कुछ कमी आई।
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