बिटकॉइन के बर्थडे (Bitcoin Birthday) पर लोगों में एक राय नहीं है. इस क्रिप्टोकरेंसी का व्हाइटपेपर (Bitcoin Whitepaper) 28 अक्टूबर 2008 को जारी हुआ था, लेकिन इसकी मिंट डेट (Bitcoin Mint Date) 3 जनवरी 2009 है. इस कारण कुछ लोग 28 अक्टूबर को बिटकॉइन का बर्थडे मानते हैं, जबकि कई सारे लोग 3 जनवरी को इसका जन्मदिन मनाते हैं. बहरहाल जन्मदिन की तारीखों पर भले विवाद हो, लेकिन इस बात में दो मत नहीं है कि इसने क्रिप्टोकरेंसी के संसार को पंख लगा दिए.
Cryptocurrency की भारत में आज की कीमत
क्रिप्टो करेंसी ऑनलाइन भुगतान का एक तरीका है जिसे वस्तु और सेवाओं के बदले दिया जाता है. दरअसल क्रिप्टो करेंसी नेटवर्क आधारित डिजिटल मुद्रा है. कुछ कंपनियों ने अपनी क्रिप्टो करेंसी भी जारी की है. जिसे टोकन्स कहते हैं. इन टोकन्स का प्रयोग आमतौर बिटकॉइन कहां खर्च करें पर कंपनी के ही गुड्स और सर्विसेस खरीदने के लिए होता है.
वास्तविक मुद्रा और क्रिप्टो करेंसी में बेसिक फर्क यही है कि आप जिस पैसे को बाजार में खर्च करते हैं उसे देश का केंद्रीय बैंक जारी करता है. जबकि क्रिप्टो करेंसी को कोई व्यक्ति या कंपनी जारी कर सकती है.
डिसेंट्रलाइज्ड तकनीक क्या है?
डिसेंट्रलाइज्ड तकनीक रिसोर्स का एलोकेशन है. आसान भाषा में समझें तो ये कहा जा सकता है कि किसी वस्तु या रिसोर्स का नियंत्रण किसी एक व्यक्ति, संस्था या सेंट्रल टीम के पास नहीं होता है बल्कि उसका विकेंद्रीकरण यानी डिसेंट्रलाइजेशन होता है. क्रिप्टो करेंसी में जिस तकनीक ब्लॉकचेन का इस्तेमाल किया जाता है, उससे उस क्रिप्टो करेंसी पर किसी एक व्यक्ति या संस्था का नियंत्रण नहीं रहता, बल्कि डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी के जरिये उसे बहुत से कम्प्यूटर के जरिये अलग-अलग लोकेशन से मैनेज किया जाता है और ट्रांजेक्शन रिकॉर्ड किया जाता है. यह तकनीक जितनी मजबूत होगी वो क्रिप्टो करेंसी उतनी ही सिक्योर होगी.
CryptoCurrency या डिजिटल करेंसी एक वर्चुअल करेंसी है. इसका यूज भी डिजिटल लेन-देन के लिए किया जा सकता है. इसे आप ना देख सकते हैं ना ही छू सकते हैं. इसका पूरा बिजनेस ऑनलाइन ही होता है. बाकी देशों की करेंसी की तरह इसे कोई कंट्रोल नहीं करता है. इसे नेटवर्क के जरिए ऑनलाइन ऑपरेट किया जाता है. इस वजह से इसकी कीमत में लगातार उतार-चढ़ाव देखा जा सकता है.
Bitcoin ETF हो गया लॉन्च, आप कैसे और कहां कर सकते हैं निवेश-जानिए पूरी डिटेल
अमेरिका में Bitcoin का पहला Future बेस्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड शुरू हुआ है। इसकी लॉन्चिंग के साथ ही Bitcoin की कीमत 6 महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गई। ट्रेडर्स का कहना है कि ETF के आने से Cryptocurrency में निवेश बढ़ेगा।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। अमेरिका में Bitcoin का पहला Future बेस्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड शुरू हुआ है। इसकी लॉन्चिंग के साथ ही Bitcoin की कीमत 6 महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गई। ट्रेडर्स का कहना है कि ETF के आने से Cryptocurrency में निवेश बढ़ेगा।
ProShares Bitcoin Strategy ETF ने अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंज (Intercontinental Exchange) NYSE Arca पर मंगलवार से ट्रेडिंग शुरू की है। US सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमिशन ने इसकी इजाजत दी थी। Bitcoin Future कारोबार को कमोडिटी फ्यूचर्स ट्रेडिंग कमिशन देख रहा है जबकि ETF का नियंत्रण SEC के पास है। SEC प्रमुख गैरी जेंसलर ने कहा कि Bitcoin ETF काफी उथलपुथल वाला Asset है। निवेशक को सोच-समझकर निवेश करना चाहिए। Bitcoin की लिस्टिंग के बाद कीमत उछलकर 63337 डॉलर पर पहुंच गई। इसने अब तक 64895 डॉलर का High बनाया है।
पिज्जा खरीदें या वीडियो गेम्स… जानिए बिटकॉइन का कहां, कैसे हो रहा इस्तेमाल
बिटकॉइन का इस्तेमाल कई तरह के काम में हो रहा है. ट्रांजेक्शन से लेकर खरीदारी तक में. यहां तक कि लोग पिज्जा ऑर्डर भी बिटकॉइन से करते हैं. वीडियो गेम्स खरीदने की बात हो तो लोग रुपये और डॉलर खर्च करने की बजाय बिटकॉइन देते हैं. बिटकॉइन bitcoin जैसी क्रिप्टोकरंसी में जैसे लोगों की दिलचस्पी बढ़ रही है, वैसे-वैसे इनवेस्टमेंट बढ़ रहा है. इसी हिसाब से लोग इसका खर्च भी कर रहे हैं.
अब सवाल है कि जिन लोगों ने पहले से क्रिप्टोकरंसी जैसे कि बिटकॉइन आदि इकट्ठा किया है, उसे कैसे इस्तेमाल करें. उन्हें पता होना चाहिए कि बिटकॉइन को कहां-कहां खर्च कर सकते हैं. यह सवाल उनके लिए बड़ा है जिन्हें लगता है कि क्रिप्टो का चलन अभी डेली यूज में नहीं आया है. भारत में अभी इसे हरी झंडी नहीं मिली है लेकिन इसमें निवेश धड़ल्ले से हो रहा है. इसी तरह विदेशों में तो लोग छोटे खर्च के बिटकॉइन कहां खर्च करें लिए भी bitcoin का इस्तेमाल करते हैं.
दान में इस्तेमाल
इसका इस्तेमाल दान के रूप में कर सकते हैं. कोई चैरिटी का काम करना चाहते हैं तो ऑनलाइन बिटकॉइन bitcoin दान कर अपनी बड़ी जिम्मेदारी बिटकॉइन कहां खर्च करें निभा सकते हैं. कुछ लोग इसे गिफ्ट या सौगात देने का सबसे अच्छा जरिया बता रहे हैं. इसकी कीमतें जिस हिसाब से बढ़ी हैं और आगे बढ़ने की संभावना है, उसे देखते हुए गिफ्ट में उपयोग कर सकते हैं. गिफ्ट भी ऐसा कि कोई भारी-भरकम चीज हाथ में नहीं देना है बल्कि डिजिटल तरीके से बिटकॉइन दे देना है. कई लोग गुमनाम रहते हुए दान करते हैं. इन अनाम लोगों के लिए बिटकॉइन अच्छा स्रोत हो सकता है क्योंकि इसमें देने वाले का पता नहीं चलेगा.
अब कई वीडियो गेम्स कंपनियां बिटकॉइन ले रही हैं. माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनी ने वीडियो गेम्स ऑफर करने का काम शुरू किया है और इसके लिए पेमेंट सोर्स के तौर पर बिटकॉइन लिया जा रहा है. कुछ ऐप्स भी बिटकॉइन ले रहे हैं. अगर आप वीडियो गेम के शौकीन हैं और आपके पास बिटकॉइन है, तो इस तरीके से खर्च कर सकते हैं.
ट्रैवल
एक्सपीडिया और cheapAir जैसी ट्रैवल कंपनियां बिटकॉइन में पेमेंट ले रही हैं. आप क्रिप्टो का पेमेंट कर आसानी से होटल बुक कर सकते हैं या फ्लाइट का टिकट ले सकते हैं. कुछ कार डीलर कंपनियां भी बिटकॉइन लेने पर काम कर रही हैं. दुनिया के कुछ हिस्सों में गैस का पेमेंट बिटकॉइन से किया जा रहा है. आजकल कई सॉफ्टवेयर आ गए हैं जिसकी मदद से बिटकॉइन को खर्च किया जा सकता है.
ओवरस्टॉक एक रिटेल शॉप है जहां से आप बिटकॉइन से घर के सामान खरीद सकते हैं. यह पेमेंट प्रोसेस करने के लिए कॉइनबेस का उपयोग करता है. सबसे बड़ा काम वर्जिन अटलांटिक ने शुरू किया है जो स्पेस टूरिज्म को लेकर है. सभी लोग स्पेस में जाना चाहते हैं और इस इच्छा को वर्जिन अटलांटिक बखूबी पूरा करने जा रहा है. हैरत की बात नहीं कि वर्जिन को आगे चलकर लोग बिटकॉइन में ही पेमेंट करेंगे.
Happy Birthday Bitcoin: 13 साल का हो गया Bitcoin, 6 बिटकॉइन कहां खर्च करें पैसे से शुरू हुआ सफर अब 35 लाख रुपये का
- नई दिल्ली,
- 04 जनवरी 2022,
- (अपडेटेड 04 जनवरी 2022, 5:53 PM IST)
- 13 साल का हो गया बिटकॉइन
- छह पैसे से शुरू हुआ सफर लाखों में पहुंचा
सबसे लोकप्रिय और वैल्यूएबल क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) बिटकॉइन (Bitcoin) ने इस सप्ताह 13 साल पूरे कर लिए. बिटकॉइन ने 13 साल के इस सफर में इन्वेस्टर्स को जादुई रिटर्न दिया है. इसने 13 साल पहले मात्र छह पैसे से सफर की शुरुआत की, जो अभी करीब 35 लाख रुपये के स्तर पर पहुंच चुका है.
एक Bitcoin की ट्रांजेक्शन में खर्च हो जाती है 13000 रुपए से ज्यादा की बिजली
बिटकॉइन माइनिंग पर अब सालाना 204.50 Tbh बिजली की खपत हो रही है.
क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin बहुत ज्यादा बिजली की खपत कर रही है. इसी को देखते हुए कई देशों ने बिटकॉइन की माइनिंग पर प्रतिब . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : January 10, 2022, 11:33 IST
नई दिल्ली. बिटकॉइन (Bitcoin) अब कई देशों की बिजली व्यवस्था के लिए भी खतरा बनता जा रहा है. बिटकॉइन की माइनिंग (Bitcoin mining) में बेतहाशा बिजली खपत से परेशान कई देशों ने इसकी माइनिंग पर प्रतिबंध लगाया है. इस सूची में अब कोसोवो का नाम भी जुड़ गया है. चीन और ईरान पहले ही माइनिंग पर रोक लगा चुके हैं. बिटकॉइन पर बिजली खर्च बढ़ता जा रहा है. 8 जनवरी 2022 का सामने आये आंकड़ों के अनुसार बिटकॉइन माइनिंग पर अब सालाना 204.50 Tbh बिजली की खपत हो रही है. एक बिटकॉइन ट्रांजेक्शन पर 2293.37 kwh बिजली खर्च हो रही है.
इतनी बिजली की खपत थाइलैंड पूरे साल में करता है. वर्ष 2021 में आई एक रिसर्च के अनुसार बिटॅकाइन फेसबुक (Facebook) से 8 गुणा ज्यादा बिजली का प्रयोग कर रहा है. दिनोंदिन यह खपत बढ़ता जा रहा है. पिछले दिनों ईरान में पैदा हुए गंभीर बिजली संकट के पीछे भी बिटकॉइन माइनिंग का हाथ माना गया था.
एक ट्रांजेक्शन पर 13,186 रुपये बिजली खर्च
digiconomist.net के अनुसार Cryptocurrency बिटकॉइन का एक ट्रांजेक्शन (Bitcoin transaction), यानि कॉइन खरीदने, बेचने या ट्रांसफर करने में 2293.37 kwh बिजली खर्च होती है. वर्ष 2021 में भारत में औसत घरेलू बिजली दर 5.75 रुपये थी. इस दर से अगर हिसाब लगाया जाये तो एक बिटकॉइन ट्रांजेक्शन पर लगभग 13,186 रुपये का बिजली खर्च हो रहा है. इतनी बिजली खर्च करके 2,414,380 VISA ट्रांजेक्शन किये जा सकते हैं या फिर 181,559 घंटे Youtube वीडियो देखे जा सकते हैं.
यही बिटकॉइन कहां खर्च करें नहीं बिटकॉइन का वार्षिक कार्बन फुटप्रिंट भी बहुत ज्यादा है. बिटकॉइन हर साल 97.14 Mt CO2 कार्बब फुटप्रिंट पैदा कर रहा है जो कुवैत द्वारा किये जा रहे कार्बन फुटप्रिंट के बराबर है. इलेक्ट्रॉनिक कचरा फैलाने में भी बिटकॉइन आगे है. इससे सालाना 26.31 kt इलेक्ट्रॉनिक कचरा पैदा कर रहा है. इतना कचरा नीदरलैंड्स की स्माल आईटी इंडस्ट्री हर साल निकालती है.
क्यों होती है इतनी बिजली खर्च
क्रिप्टोकरंसी की माइनिंग के लिए कई कंप्यूटर लगाए जाते हैं. कॉइन्स अपनी खुद की ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर चलती है. ब्लॉकचेन (blockchain) एक डिजिटल बहीखाता है. जिसपर ब्लॉक पर होने वाले ट्रांजेक्शन का डेटा स्टोर होता है. इसका कहीं भी कोई सेंट्रलाइज्ड डेटा सेंटर नहीं होता है. इसका डेटा दुनियाभर में फैले करोड़ों कंप्यूटर्स पर होता है.
बिटकॉइन माइनिंग में पजल का उपयोग होता है. इस पजल को सॉल्व करने के बाद ही अगला ब्लॉक बनता है. हर ब्लॉक अपने पिछले ब्लॉक से एक यूनीक हैश कोड के जरिए जुड़ा होता है. इस पजल को सॉल्व करने के लिए शक्तिशाली कंप्यूटरों से भरे गोदाम हैं, जो बड़ी संख्या में पजल सॉल्व करने के लिए तेज स्पीड से काम कर रहे हैं और इस प्रक्रिया में जबरदस्त मात्रा में बिजली खपत कर रहे हैं। इसके अलावा आज बिटकॉइन माइनिंग के लिए अत्यधिक विशिष्ट मशीनों, एक बड़ी जगह और लगातार चलने वाले हार्डवेयर को ओवरहीटिंग से बचाने के लिए पर्याप्त कूलिंग पावर की आवश्यकता है। इनमें भी खूब बिजली खर्च हो रही है.
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