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संस्थापक के नेतृत्व वाली कंपनियों में विशेष रूप से निवेश करना चाहते हैं? उसके लिए एक ईटीएफ है

अपने संस्थापकों के नेतृत्व वाले व्यवसायों को वॉल स्ट्रीट और शिक्षा जगत में महत्वपूर्ण ध्यान दिया जाता है। उदाहरण के लिए, हार्वर्ड बिजनेस फंड का कंपेरिजन रिव्यू में प्रकाशित बैन एंड कंपनी के शोध के अनुसार:

" S&P 500 कंपनियों का एक सूचकांक जिसमें संस्थापक अभी भी गहराई से शामिल है, पिछले 15 वर्षों में बाकी की तुलना में 3.1 गुना बेहतर प्रदर्शन किया।"

इसी तरह, फिडेलिटी इन्वेस्टमेंट्स फंड का कंपेरिजन यह भी सुझाव देते हैं कि संस्थापक के नेतृत्व वाली फर्मों को "प्रतिस्पर्धी लाभ" से लाभ हो सकता है। उदाहरण के लिए, इन कंपनियों को प्रबंधकीय मायोपिया से कम फंड का कंपेरिजन नुकसान होने की संभावना है, जैसे कि अल्पकालिक रिपोर्टिंग लक्ष्यों को पूरा करने के लिए निवेश में कटौती।

फाउंडर-लेड स्टॉक्स के उदाहरण

Investment Tips: Mutual Funds का चयन करते समय रखें इन बातों ख्‍याल, फायदे में रहेंगे आप

Investment Tips: Mutual Funds का चयन करते समय रखें इन बातों ख्‍याल, फायदे में रहेंगे आप

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। शेयर बाजारों में भारी उथल-पुथल रहने के चलते पिछले कुछ सालों से निवेशक म्युचुअल फंड में ज्यादा रूचि दिखा रहे हैं। यहां निवेशकों को जोखिम भी कम उठाना पड़ता है और रिटर्न भी एफडी आदि लोकप्रिय निवेश विकल्पों से अच्छा मिल जाता है। कम जोखिम वाला होने के कारण युवाओं में भी म्युचुअल फंड्स को लेकर अच्छा आकर्षण देखने को मिल रहा है। हालांकि, म्युचुअल फंड्स की कई कैटेगरीज, कई फंड हाउसेज और विभिन्न स्कीम्स उपलब्ध होने के कारण एक निवेशक के लिए उचित म्युचुअल फंड का चयन करना आसान काम नहीं फंड का कंपेरिजन होता है। आज हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि अपने फायदे के लिए एक म्युचुअल फंड का चयन कैसे करना चाहिए।

निवेश की अवधि

कम अवधि के लिए निवेश को आप डेट फंड में करना चाहिए। यहां पर रिस्क कम होता हैं साथ ही साथ रिटर्न भी थोड़ा कम होता हैं। मगर छोटी अवधि यि तीन साल से कम की अवधि के लिए डेट फंड में निवेश कर सकते हैं। हालांकि जरूरी नहीं है कि आप छोटी अवधि के लिए ही डेट फंड में निवेश करें, यदि आप कम रिस्क के साथ लंबे समय के लिए निवेश करना चाहते हैं तब भी आप डेट फंड में निवेश कर सकते हैं।
तीन साल से अधिक समय के निवेश करने के लिए इक्विटी म्युचुअल फंड बहतर होते हैं। इक्विटी फंड में रिस्क ज्यादा होता हैं इसके साथ रिटर्न भी ज्यादा मिलता हैं। बहुत से इक्विटी म्युचुअल फंड लंबे समय फंड का कंपेरिजन में कई गुना तक रिटर्न देते हैं।

फंड मेनेजमेंट के हाथों में ही आपकी रकम को संभालने की जिम्मेदारी होती है। इसलिए किसी भी फंड में रकम निवेश करने से पहले फंड को संभालने वाले प्रबंधक की जानकारी आपको होनी चाहिए। पिछले कुछ वर्षों का ट्रैक रिकॉर्ड उनके बारे में पर्याप्त जानकारी दे सकता हैं। उनका अनुभव व पिछले प्रदर्शन से उनकी योग्यता को समझ सकते हैं। अच्छा म्यूचुअल का चुनाव करते समय फंड मेनेजर का पिछला रिकॉर्ड व योग्यता को ध्यान में जरूर रखना चाहिए।

फंड का पोर्टफोलियो

यदि आप बाजार की थोड़ी बहुत समझ रखते हैं तो आप फंड के पोर्टफोलियो को भी समझना चाहिए। आपके लिए जरूरी है कि आप जिस फंड में निवेश करना चाहते हैं उसके पोर्टफोलियो पर गौर करें। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि आपकी रकम फंड का कंपेरिजन किस जगह निवेश की जाएगी।
यदि आपको लगता हैं आने वाले समय में यह सेक्टर अच्छी ग्रोथ कर सकता हैं तो आप उस फंड को चुन सकते हैं। हालांकि इस तरह से चुनाव करने के लिए आपको बाजार का पर्याप्त ज्ञान होना चाहिए। जो एक सामान्य निवेशक के लिए थोड़ा मुश्किल होता हैं।

आप जिस फंड में निवेश करना चाहते हैं उसकी तुलना उसी सेक्टर के अन्य फंड के साथ कर सकते हैं। इससे आपको फंड का पिछला रिकॉर्ड, एक्सपेंस रेश्यो, रेटिंग आदि की जानकारी मिल जाएगी। इससे आप आसानी से जान सकते हैं कि किस फंड ने कैसा परर्फोम किया हैं।

फंड का सेक्टर

फंड किस सेक्टर से जुड़ा हुआ, यह बात हर किसी निवेशक के लिए बहुत जरूरी हैं। सेक्टराॅल/थीमेटिक फंड किसी एक सेक्टर में निवेश करते हैं। ऐसे फौड में निवेश करने से पहले यह बात पहले ही साफ होनी चाहिए कि जिस सेक्टर में फंड निवेश करता हैं उसमें आने वाले समय में ग्रोथ होने की संभावना है या नहीं।
सेक्टराॅल/थीमेटिक फंड में नये इन्वेस्टर्स को निवेश से बचना चाहिए। क्योंकि वे किसी ऐसे फंड का फंड का कंपेरिजन चुनाव कर सकते हैं जिसमें आने वाले समय में ग्रोथ की संभावना कम हों। इसलिए नये निवेशकों को फ्लैक्सी कैप में निवेश करना अच्छा विकल्प हो सकता हैं।

फंड का संचालन करने में आने वाले खर्च को एक्सपेंस रेश्यो कहा जाता हैं। इस खर्च को निवेशकों से ही वसूला जाता हैं। एक्सपेंस रेश्यो अधिक होने पर निवेशक को अधिक रकम का भुगतान करना होता हैं जबकि कम एक्सपेंस रेश्यो होने पर कम रकम का भुगतान करना होता हैं। हालांकि एक्सपेंस रेश्यो का भुगतान डेली बेसिस पर होता हैं जो हर दिन निवेशित रकम से काट लिया जाता हैं।
निवेश की गई रकम को फंड से निकालने पर भी कुछ शुल्क का भुगतान करना होता हैं। जिसे एग्जिट लोड कहा जाता हैं। हर फंड का एग्जिट लोड अलग अलग हो सकता हैं। वहीं एग्जिट लोड एक निश्चित अवधि के लिए भी लागू हो सकता हैं। निश्चित अवधि के दौरान निवेशित रकम को रिडीम करने पर एग्जिट लोड लागू होता हैं। जबकि इसके बाद एग्जिट लोड में छूट भी दी जा सकती हैं। इसलिए म्यूचुअल फंड का चुनाव करते समय एग्जिट लोड रेश्यो का भी ध्यान रखना चाहिए।

कोरोना रिलीफ फंड में एमजी मोटर्स देगी 2 करोड़ रुपये

MG Hector

एमजी इंडिया ने दो करोड़ रुपये में से एक करोड़ रुपये तो दान कर दिए हैं और वहीं बाकि की राशि कंपनी के कर्मचारी मिलकर दान करेंगे। डोनेशन के अलावा, एमजी अपने डीलरों को देश भर में अपने डीलरशिप और कर्मचारियों के लिए बीमा कवर में सुधार करने में भी मदद कर रहा है।

MG Hector

संकट की इस घड़ी में केवल एमजी ही इकलौती ऐसी ऑटोमोबाइल कंपनी नहीं है जो देश फंड का कंपेरिजन के साथ खड़ी है। कोरोना वायरस से निपटने के लिए महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद फंड का कंपेरिजन महिंद्रा ने भी अपनी ओर से एक एक्शन प्लान की घोषणा की है। आनंद ने क्लब महिंद्रा हॉलिडे रिसॉर्ट्स को अस्थायी मेडिकल सेंटर में तब्दील करने की पेशकश की है। यहां तक की भारत के बड़े बिजनेस टायकून में से एक आनंद महिंद्रा ने अपनी पूरी सैलेरी कोरोना रिलीफ फंड में दान कर दी है और कंपनी के कर्मचारियों से भी मदद की अपील की है।

Policybazaar की पेरेंट कंपनी का IPO आज खुला, जानें क्या लगाना चाहिए पैसा

Policybazaar की पेरेंट कंपनी का IPO आज खुला, जानें क्या लगाना चाहिए पैसा

Policybazaar IPO: PB Fintech का इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) आज सब्सक्रिप्शन के लिए खुल गया है. यह कंपनी ऑनलाइन इंश्योरेंस प्लेटफॉर्म पॉलिसीबाजार (Policybazaar) और क्रेडिट कंपेरिजन ऑफरिंग पैसाबाजार (Paisabazaar) का संचालन करती है. तीन दिन की शेयर की फंड का कंपेरिजन फंड का कंपेरिजन सेल के लिए 940-980 रुपये का प्राइस बैंड तय किया गया है. इश्यू 3 नवंबर को बंद होगा. कंपनी ने शुक्रवार को उसने अपने आईपीओ के लॉन्च से पहले एंकर इन्वेस्टर्स से 2,569 करोड़ रुपये की राशि जुटाई है.

पहले दिन, सुबह 11.25 बजे तक, पॉलिसीबाजार आईपीओ को 0.09 गुना सब्सक्राइब किया गया है, जिसमें रिटेल कैटेगरी 0.46 गुना बुक की गई है. बीएसई के डेटा के मुताबिक, क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs) गुना बुक किए गए हैं.

GMP की डिटेल्स

5,710 करोड़ रुपये के IPO में 3,750 करोड़ रुपये का इक्विटी शेयरों का फ्रैश इश्यू शामिल है. इसके फंड का कंपेरिजन साथ मौजूदा हितधारकों से करीब 1,960 करोड़ रुपये की ऑफर फॉर सेल शामिल है. PB फिनटेक इंश्योरेंस और लोन प्रोडक्ट्स के लिए बड़ा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है, जिससे इंश्योरेंस, क्रेडिट और दूसरे फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स को एक्सेस मिलता है.

बाजार के जानकारों के मुताबिक, पॉलिसीबाजार के शेयर आज ग्रे मार्केट में 150 रुपये के प्रीमियम (GMP) पर उपलब्ध है. कंपनी 15 नवंबर को बड़े स्टॉक एक्सचेंज NSE और BSE पर 15 नवंबर को लिस्ट करने की योजना बना रही है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?

जानकारों का कहना है कि इंश्योरेंस सेक्टर के मैक्रो और PBFL के फंडामेंटल सकारात्मक हैं. कंपनी की डिजिटल इंश्योरेंस और क्रेडिट बाजार में मजबूत स्थिति है. इसकी वजह से कंपनी को दोनों बाजारों में बेहतर कारोबारी अवसरों से फायदा मिलने की उम्मीद है. उसने आगे कहा कि 980 रुपये के ऊंचे प्राइस बैंड पर, PBFL 40.5 गुना की EV/TTM सेल्स की डिमांड कर रही है. कंपनी के मुताबिक, इन बातों को देखते हुए, वे इश्यू के लिए लंबे समय के लिए सब्सक्राइब करने की रेटिंग देते हैं.

फ्रेश इश्यू से मिली राशि को कंपनी के ब्रांड्स की मौजूदगी और जागरूकता को बढ़ाने की ओर इस्तेमाल किया जाएगा. इसकी मदद से ग्रोथ की मुहिमों को बढ़ाने के लिए नए अवसरों को तलाशा जाएगा. कंपनी इसकी मदद से अपने कंज्यूमर बेस को बढ़ाएगी, जिसमें ऑफलाइन मौजूदगी शामिल है.

Goldman Sachs, Nomura, ब्लैकरोक ग्लोबल फंड्स, मॉर्गन स्टैनली, कनाडा पेंशन प्लान इन्वेस्टमेंट बोर्ड, Fidelity, अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी, ICICI प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड (MF), SBI MF, एक्सिस MF और UTI MF एंकर इन्वेस्टर्स में शामिल हैं, जिन्हें शेयरों का आवंटन किया गया है.

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