Split Pins

PIN कोड सेटअप (WPS) का उपयोग करके Wi-Fi सेटिंग्स करना

आप नेटवर्क की जानकारी देने वाली शीट पर प्रिंट किए गए PIN कोड का इस्तेमाल करके उसे वायरलेस राउटर से कनेक्ट कर सकते हैं। अगर वायरलेस राउटर WPS (Wi-Fi प्रोटेक्टेड सेटअप) में चालू है, तो आप यह तरीका आज़माकर सेटअप कर सकते हैं। वायरलेस राउटर में PIN कोड डालने के लिए कंप्यूटर का इस्तेमाल करें।

प्रिंटर पर बटन को कम से कम सात सेकंड के लिए दबाए रखें।

नेटवर्क स्थिति पत्रक प्रिंट हो जाता है।

बटन को दबाकर रखने के दौरान, बटन को तब तक दबाएं जब तक कि लाइट और लाइट बारी-बारी से जलने न लगे।

नेटवर्क की जानकारी देने वाली शीट के [WPS-PIN Code] कॉलम पर प्रिंट किया गया PIN कोड (आठ अंकों की एक संख्या) अपने कंप्यूटर का इस्तेमाल करके दो मिनट के अंदर वायरलेस राउटर में डालें।

जब कनेक्शन स्थापित होता है, तो लाइट जल जाती है।

PIN कोड डालने के बारे में ज़्यादा जानकारी के लिए वायरलेस राउटर के साथ दिए गए दस्तावेज़ देखें।

जब लाइट और लाइट एक साथ जलती-बुझती हैं, तब प्रिंटर कनेक्शन त्रुटि स्थिति में होता है। प्रिंटर पर बटन को दबाकर प्रिंटर में होने वाली गड़बड़ी को ठीक करने के बाद, वायरलेस राउटर को फिर से बूट करें, इसे प्रिंटर के पास रखें और फिर से कोशिश करें। यदि तब भी सफलता न मिले, तो एक नेटवर्क कनेक्शन रिपोर्ट प्रिंट करें और समाधान जांचें।

Windows Taskbar की पूरी जानकारी हिंदी में

Taskbar एक आडि आयताकार पट्टी होती हैं जो Windows Desktop पर सबसे नीचे लगी होती हैं. यह Desktop की तरह Windows के कारण छिपती नही हैं. यह हमेशा Visible और Highlight रहती हैं इसलिए आसानी से देखी जा सकती हैं.

Taskbar की By Default Position Bottom Set रहती हैं. जिसे Top, Right, Left में बदला भी जा सकता हैं. और इसे एक जगह Lock भी किया जा सकता हैं. इसकी बनावट और दिखावट Windows OS Version पर निर्भर करती हैं. जो Version के हिसाब से भिन्न-भिन्न हो सकती हैं.

Windows Taskbar in Hindi

Taskbar में मुख्यत: चार भाग होते हैं. जिन्हे आप ऊपर Image में देख सकते हैं.

  1. Start Button
  2. Icons
  3. Notification Area
  4. Show Desktop Button

Start Button

Taskbar पर सबसे पहला और मुख्य भाग Start Button होता हैं. जो बांए तरफ नीचे कोने में स्थित रहता हैं. इसे Menu Button भी कहते हैं. इसकी बनावट भी Windows Version पर निर्भर करती हैं. यह गोल, वर्गाकार, आयताकार हो सकता हैं.

Start Button की सहायता से सभी Programs, Folders और Settings तक पहुँचा जाता हैं. यहाँ से अपने मन पसंद Program को ढूंढकर उसे Run कर सकते हैं और उसका Desktop Shortcut बना सकते हैं.

Taskbar Buttons or Middle Section

Taskbar के Middle Section पर कुछ Buttons भी Pinned रहते हैं. इन्हे Start Button के बाद देखा जा सकता हैं. By Default यहाँ कुछ ही Buttons Pinned रहते हैं जिन्हे जरूरत के अनुसार कम या ज्यादा भी किया जा सकता हैं.

Pinned Items के Icon के अलावा Currently Open Programs, Files, Folders या अन्य Items भी Taskbar पर दिखाई देते हैं.

Notification Area

Notification Area Taskbar में दांए तरफ स्थित रहता हैं. जो Users को कम्प्युटर से आने पिन बार सेटअप आकार वाले विभिन्न Notifications और Messages को दिखाता हैं. पहले तो Notification Area में कुछ ही Icons दिखाई देते हैं. Upward Arrow पर क्लिक करके Hidden Icons को भी देखा जा सकता हैं.

Taskbar Notification Area in Hindi

Notification Area के कई अलग-अलग भाग होते हैं जिनका अलग-अलग कार्य होता हैं. इन्हे आप ऊपर Picture में देख सकते हैं.

  1. Language Icon – यह Icon Windows की Language Setting को Represent करता हैं. यहाँ पर Computer की Current Language को देखा जा सकता हैं. और Language Bar को Customize भी किया जा सकता हैं. Language Icon एक से अधिक Input Method Installed होने पर ही दिखाई देता हैं.
  2. Upward Arrow Icon – यह आईकन Hidden Items को Represent करता हैं. इस Arrow पर क्लिक करके Hidden Items को देखा जा सकता हैं.
  3. Flag Icon यह आईकन Operating System से आने वाले संदेशों को दिखाता हैं. जिन्हे Users इस आईकन पर क्लिक करके देख एवं Solve कर सकते हैं.
  4. Network Icon – यहाँ से Network पिन बार सेटअप आकार and Sharing Center को Open किया जा सकता हैं. यह आईकन दर्शाता हैं कि वर्तमान में कम्प्युटर में इंटरनेट चल रहा हैं या बंद हैं.
  5. Volume Icon – यह आइकन Volume Setting को दर्शाता हैं. इस पर क्लिक करके Volume को Adjust किया जा सकता हैं.
  6. Date and Time – इस जगह पर वर्तामान Date और Time को दिखाया जाता हैं. Users इस आइकन पर क्लिक करके Date and Time Setting को Access कर सकता हैं.

Show Desktop Button

यह बटन Taskbar में दांए तरफ जोने में स्थित होता हैं. इसका आकार आयताकार होता हैं. जो Windows Version के अनुसार अलग-अलग हो सकता हैं. इसे Notification Area से एक खडी लाईन अलग करती हैं.

इस बटन पर क्लिक करके Users सीधे डेस्क्टॉप पर पहुँच जाते हैं. और सभी खुली हुई Windows Minimize हो जाती हैं. इस बटन पर माउस करसर को ले जाने पर खुली हुई Windows पारदर्शी हो जाती हैं. जिनसे Desktop को आसानी से देखा जा सकता हैं.

Taskbar पर Buttons को Pin करना

Taskbar पर किसी भी Item के बटन को दो तरीको से Pin किया जा सकता हैं. यानि लगाया जा सकता हैं.

  1. Right Click द्वारा
  2. Mouse Drag द्वारा

Right Click द्वारा Programs को Taskbar पर Pin करना

  • सबसे पहले आप जिस Item को Taskbar पर Pin करना चाहते है उसके ऊपर Mouse की Right Click दबाईये.
  • ऐसा करने पर आपके सामने एक Menu Open होगी.
  • यहाँ से आपको उपलब्ध विकल्पों में से Pin to Taskbar के विकल्प पर क्लिक करना हैं.
  • ऐसा करते ही वह Item Taskbar पर लग जाएगा.

Mouse Drag द्वारा Programs को Taskbar पर Pin करना

  • Mouse Dragging द्वारा Item को Pin करने के लिए आप पहले उस Item पर Left Click दबाकर रखिए.
  • इसके बाद उस Item को पकडकर Taskbar पर खींच लाइये और छोड दीजिए.
  • ऐसा करने पर वह Item Taskbar पर Pin हो जाएगा.

Taskbar पर Buttons को Unpin करना

  • Taskbar पर Pinned Buttons को Unpin करने के लिए उस बटन पर Right Click दबाइये जिसे Unpin करना हैं.
  • ऐसा करने पर आपके सामने कुछ विकल्पों की सूची खुलेगी.
  • यहाँ से आपको “Unpin this program from taskbar” पर क्लिक करना हैं.
  • ऐसा करते ही वह Item Button Taskbar से Unpin हो जाएगा.

आपने क्या सीखा?

इस Tutorial में हमने आपको Windows Taskbar के बारे में पूरी जानकारी दी हैं. आपने Taskbar के विभिन्न भागों के बारे में जाना है. और Taskbar पर Items को Pin और Unpin करना भी सीखा हैं. हमे उम्मीद हैं कि यह Tutorial आपके लिए उपयोगी साबित होगा.

फोन अनलॉक होने पर भी कोई नहीं कर पाएगा तांका-झांकी, ये सेटिंग आपके फोन को बना देगी Super Safe

एंड्रॉइड फोन में एक खास फीचर मौजूद हैं। इस फीचर को ऑन कर आप इस परेशानी से बच सकते हैं और अपने दोस्तों या दूसरे लोगों से अपना निजी डाटा फोन अनलॉक होने के बाद भी छिपा सकते हैं। तो चलिए जानते हैं इस फीचर के बारे में।

pin feature.

हाइलाइट्स

  • एंड्रॉइड फोन का सीक्रेट फीचर
  • स्क्रीन पिनिंग फीचर करेगा मदद
  • कोई नहीं देख पाएगा आपका डाटा
  • इसके लिए आपको फोन की सेटिंग्स में जाना होगा।
  • फिर आपको Security & Lock स्क्रीन का ऑप्शन नजर आएगा। आपको इस पर पिन बार सेटअप आकार क्लिक करना होगा।
  • यहां आपको प्राइवेसी से जुड़े कुछ विकल्प दिखाई देंगे। इसमें आपको नीचे की तरफ Pin the Screen या Screen Pinning नाम का ऑप्शन नजर आएगा।
  • इस पर टैप कर दें। इसे आपको ऑन करना होगा।
  • बता दें कि हर फोन के विकल्प अलग-अलग होते हैं तो आप इस फीचर को सर्च में जाकर सीधा भी ढूंढ सकते हैं।
  • ऊपर वाला प्रोसेस पूरा होने के बाद आपको जिस ऐप को पिन करना है उसे ओपन कर बंद कर दें।
  • फिर रीसेंट ऐप्स में जाकर उस ऐप पर लॉन्ग प्रेस करें।
  • फिर पिन के विकल्प को सेलेक्ट करें। इसके बाद इस ऐप के अलावा कोई और ऐप ओपन नहीं हो पाएगी।

इसे हटाने के लिए आपको Home और Back बटन दोनों को एकसाथ दबाना होंगे। फिर लॉक स्क्रीन का पासवर्ड डालें। इसके बाद पिन की गई ऐप हट जाएगी।

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What is Pins

Pins एक Temporary Fastening बनाने का Object है जो Cylindrical or Taper आकार की हो सकती हैं जो जोड़ी आने वाले अंगों के Hole में डालकर एक Temporary Fastening बनाया जाता है। इसके प्रयोग द्वारा हम बहुत से बड़े नुकसान से बच सकते हैं मान लीजिए यदि मेरा Soft किसी दूसरे Soft से जोड़ा है I

और ज्यादा लोड पड़ने के कारण हमारा Soft टूट जाए तब क्या होगा उसमें हमारा खर्चा बहुत ही बढ़ जाएगा लेकिन यदि हम Pins का प्रयोग किए रहेंगे तो ज्यादा लोड पड़ने पर हमारा पिन ही टूटेगा और हमारा Soft बचा रह जाएगा l यह Mild Steel का बना होता है I इसकी Hardening की जाने वाली वस्तु के अनुसार की जाती है Hardening के लिए Heat Treatment का प्रयोग किया जाता है

Type of Pins.

Quick Release pin Fasteners.

इसका प्रयोग हम वहां करते हैं जहां Pins को बार-बार निकालना और लगाना पड़े यानी Joint को बार-बार खोलना और फिर लगाना पड़े I जैसे कि जब ट्रैक्टर और ट्राली को जोड़ा जाता है तो उस समय इस Pins का प्रयोग करते हैं

T-Hendle pin इस Pin को आसानी से निकाला वह लगाया जा सकता है जैसे कि चित्र में दिखाया गया सिर्फ हम पीले वाले भाग को ऊपर नीचे करते हैं और जो solid भाग है उसके छिद्र में डालकर इस Pin को लॉक कर देते हैं।

Semi Permanent Pin Fasteners इस Pins से हमें Joints बनाने में थोड़ी बहुत दिक्कत होती है हमें फोर्स लगाना पड़ता है तब जाकर यह pins जॉइंट बनाती हैं। यह दो प्रकार की होती हैं।

1-Machine Pins.

i-Dowel ii-Taper iii-Clevis. iv-Cotter or Split. v-Safety

2-Radial locking Pins

i- Dowel Pins

जैसा की figure में दिखाया जा रहा हैं डावल पीने बेलना कार होती हैं अपने आवश्यकता अनुसार बनाई जा शक्ति हैं इसके द्वारा दो वस्तुओं के बीच में सापेक्ष गति को रोका जाता है तथा इसके द्वारा किसी दूसरे Joint लगाने वाले Element को Support प्रदान किया जाता है यह प्राया मृदुल इस्पात की बनी होती है या फिर लगाए जाने वाले जॉइंट के हिसाब से हम Material को Select कर सकते हैं

ii-Taper पिन

जैसा की Figure में दिखाया गया है Taper पिन एक तरफ Diameter ज्यादा एक तरफ Diameter कम रहता है यह किसी भी Hole में आसानी से डाली जा सकते हैं और उसके बाद से उसके ऊपर हल्का प्रहार करके अंदर दबा के टाइप किया जा सकता है जिससे वह Joint बनाते हैं यह Generally मृदुल इस्पात की बनी होती है इसके अलावा हम इसे अपनी आवश्यकता अनुसार मटेरियल का बनाते हैं


यह Pins कभी-कभी नीचे साइड threaded होती है अपनी आवश्यकता अनुसार बनाया जाता है इसका प्रयोग हम साइकिल के Crank Shaft को जाम करने में करते हैं

3-Clevis पिन –

इस pin की आकृति फिगर में दिखाया गया है यह बेला कार होता है लेकिन इसके ऊपर हेड भी बना होता है इसके द्वारा जॉइंट लगाने के लिए हम hole में पिन को डाल देते हैं उसके बाद नीचे दिए गए Hole में एक split Pin डाल देते हैं और इसे मोड़ देते हैं split pin का Figer नीचे दिखाया गया है।

Split Pins

इसके अलावा भी बहुत सारी pins होते है जो बहुत कम use होते है I हमने पिन के बारे में थोडा बहुत जानने की कोसिस किये है I आपको मेरे साथ time बिताने के लिए धन्यवाद I

Balodabazar - Bhatapara

cm fund

बलौदा बाजार नगर की भौगोलिक स्थिति 21.300 54′ से 31.450 14′ उत्तरी अक्षांश तथा 42.020 17′ से 82.290 07′ पूर्वी देशांतर के मध्य समुद्र तल से 270मी. की ऊंचार्इ पर सिथत है। रायपुर संभाग में सिथत बलौदा बाजार जिले की सीमा बेमेतरा, मुंगेली, बिलासपुर, जांजगीर, सारंगढ़ – बिलाईगढ़, महासमुंद, व रायपुर जिले को स्पर्श करती है। बलौदा बाजार का नामकरण के संबंध में प्रचलित किवदंती अनुसार पूर्व में यहा गुजरात, हरियाणा, महाराष्ट्र, उड़ीसा, बरार आदि प्रांतों के व्यापारी बैल, भैंसा (बोदा) का क्रय विक्रय करने नगर के भैंसा पसरा में एकत्र होते थे। जिसके फल स्वरूप इसका नाम बैलबोदा बाजार तथा कालांतर में बलौदा बाजार के रूप में प्रचलित हुआ।

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