क्या होगा दूसरा चरण?
जानें योग मुद्राओं को
योग अनुसार आसन और प्राणायाम की स्थिति को मुद्रा कहा जाता है। बंध, क्रिया और मुद्रा में आसन और प्राणायाम दोनों का ही कार्य होता है। योग में मुद्राओं को आसन और प्राणायाम से भी बढ़कर माना जाता है। आसन से शरीर की हडि्डयां लचीली और मजबूत होती है जबकि मुद्राओं से शारीरिक और मानसिक शक्तियों का विकास होता है। मुद्राओं का संबंध शरीर के खुद काम करने वाले अंगों और स्नायुओं से है।
मुद्राओं की संख्या को लेकर काफी मतभेद पाए जाते हैं। मुद्रा और दूसरे योगासनों के बारे में बताने मुद्रा क्या है और इसके कार्य क्या है? वाला सबसे पुराना ग्रंथ 'घेरण्ड संहिता' है। हठयोग पर आधारित इस ग्रंथ को महर्षि घेरण्ड ने लिखा था। घेरंड में 25 और हठयोग प्रदीपिका में 10 मुद्राओं का उल्लेख मिलता है, लेकिन सभी योग के ग्रंथों की मुद्राओं को मिलाकर कुल 50 से 60 हस्त मुद्राएं हैं।
धन के लिए कुबेर मुद्रा:
भारत में, देवी लक्ष्मी के अलावा कुबेर को भी धन और समृद्धि का देवता माना जाता है।इसलिए, मुद्रा को कुबेर मुद्रा या समृद्धि मुद्रा कहा जाता है। इसके साथ, मुद्रा को हिंदू उत्सवों, योग और भारतीय नृत्य में प्रयुक्त प्रतीकात्मक हाथ के हावभाव को परिभाषित किया गया है।
कुबेर मुद्रा के अभ्यास से व्यक्ति रचनात्मक, सक्रिय, सतर्क और अपने कार्य को सचेत रहता है, इससे उसे लक्ष्य प्राप्त करने में सहायता मिलती है। जिन लोगों की धनी बनने की इच्छा हैं, वे कुबेर मुद्रा का उपयोग रोजाना कर सकते हैं। यह मुद्रा आपके धनी बनने की इच्छा को पूरा करने के लिए आपको प्रेरित करती है। धन की मांग की तरह विशिष्ट लक्ष्य की तलाश में इस प्रकार की मुद्रा सुझाई जाती है।
इसका एक महत्वपूर्ण पहलू यह भी है कि प्रत्येक व्यक्ति को समृद्धि पाने के लिए आवश्यक प्रयास करने चाहिए। मात्र मुद्रा के प्रयास करना पर्याप्त नहीं है!! इससे केवल आपको अपने लक्ष्य प्राप्त करने की शक्ति मिलती है। मन मुद्रा क्या है और इसके कार्य क्या है? शांत होना चाहिए और कुबेर मुद्रा का प्रयास करते समय अनावश्यक विचारों से परेशान नहीं होना चाहिए। आपको अपने मुद्रा क्या है और इसके कार्य क्या है? लक्ष्य की कल्पना करनी चाहिए और कुबेर मुद्रा करते समय स्वयं को उन लक्ष्यों को प्राप्त करनी चाहिए।
कुबेर मुद्रा क्या है और इसके कार्य क्या है? मुद्रा कैसे करें:
कुबेर मुद्रा करने के लिए आपको अपने हाथ के अंगूठे, तर्जनी और मध्यमा उंगुली के ऊपरी सिरे को मिलाएं। अन्य दो उंगुली को मोड़ कर मुद्रा क्या है और इसके कार्य क्या है? हथेली से सटाएँ। यह मुद्रा दोनों हाथों से किया मुद्रा क्या है और इसके कार्य क्या है? जाना चाहिए।
कुबेरा मुद्रा के अभ्यास से आपको आत्मविश्वास और शांति की अनुभूति होती है। आपको इस मुद्रा को करने से पहले अपने लक्ष्यों को कल्पना करनी चाहिए। आप इस मुद्रा को अधिक समय तक भी कर सकते हैं। कुबेर मुद्रा का अभ्यास करने के लिए किसी प्रकार का समय प्रतिबंध और सावधानियों की आवश्यकता नहीं मुद्रा क्या है और इसके कार्य क्या है? हैं।
कुबेरा पूजा:
जो लोग भगवान कुबेर की पूजा करते हैं, उन्हें आशीर्वाद मिलता है। कुबेर अपने भक्तों को शक्ति, बेहतर व्यापारिक ज्ञान, धन आय में वृद्धि, वित्तीय स्वतंत्रता, बहुतायत, धन और समृद्धि आदि देते हैं। भगवान कुबेर की पूजा करने के लिए शुभ तिथि 15 अक्टूबर से 15 नवंबर के बीच हैं।
कुबेर पूजा के लिए गुरूवार का दिन शुभ होता है। कुबेर उत्तरी दिशा का स्वामी है। उनका विशिष्ट प्रतीक नेवला है, अक्सर उनके मुंह से गहना निकलते दिखाया जाता है। बौद्ध संप्रदाय में, उन्हें जम्भला के नाम से भी जाना जाता है। वह हमेशा भारी का प्रतिनिधित्व करते हैं और बहुमूल्य वस्तुओं से ढंके होते हैं।
जानिए ई-रूपी कैसे करेगी काम? क्या होंगे इस डिजिटल करंसी के फीचर्स?
राज एक्सप्रेस। भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा बीते मंगलवार को डिजिटल रुपए के पहला पायलट प्रोजेक्ट को शुरू किए जाने की घोषणा की गई थी। जिसके बाद 1 दिसम्बर 2022 से इसे देश के चार महानगरों में लॉन्च किया गया है। इन चार महानगरों में मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर का नाम शामिल है। खुदरा डिजिटल मुद्रा क्या है और इसके कार्य क्या है? रुपए के इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत एसबीआई, आईसीआईसीआई, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट को शामिल किया गया है। यह डिजिटल रुपया सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी पूर्णरूप से एक कानूनी मुद्रा के रूप में स्वीकार किया जाएगा। तो मुद्रा क्या है और इसके कार्य क्या है? चलिए जानते हैं ई-रूपी के बारे में विस्तार से-
M0 M1 M2 M3 M4 मुद्रा की पूर्ति (Money Supply) के मापक
RBI (Reserve Bank of India) को कभी-कभी यह मूल्यांकन करना पड़ता है कि अर्थव्यवस्था में मुद्रा की आपूर्ति कहाँ-कहाँ व्याप्त है? अर्थव्यवस्था में विस्तृत मुद्रा का जो स्टॉक है, वह कैसे और कहाँ circulate हो रहा है? इस मूल्यांकन के बाद ही RBI मुद्रा आपूर्ति (money supply) को घटाने-बढ़ाने पर पॉलिसी बनाती है जिससे उसे अर्थव्यवस्था को overall monitor करने में मदद मिलती है. Money Supply को देखकर ही RBI existing policy में change लाती है और money supply घटाती बढ़ाती है…Money Supply कैसे घटाती-बढ़ाती है, इसके लिए मैंने पहले भी आर्टिकल लिखा है, क्लिक करें.
इस टॉपिक पर आगे बात करने से पहले हमें मुद्रा आपूर्ति (money supply) के विषय में ठीक से जान लेना होगा. Money Supply अर्थव्यवस्था में प्रचलित (circulated) मुद्रा की मात्रा (amount of money) है. यहाँ पर मुद्रा का मतलब सिर्फ नोट और सिक्के से नहीं हुआ, इसमें बैंक में जमा किये गए Demand और Time Deposits, Post Office Deposits etc. शामिल हैं.
International Monetary Fund : क्या है अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF)? कार्य, इतिहास और विशेषताएं
International Monetary Fund एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन(international organisation) है जिसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय मौद्रिक मुद्रा क्या है और इसके कार्य क्या है? सहयोग (international monetary cooperation) को बढ़ावा देना है . IMF अंतरराष्ट्रीय व्यापार के विस्तार और संतुलित विकास की सुविधा देता है. यह वैश्विक मौद्रिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए, वित्तीय स्थिरता को सुरक्षित करने के लिए, अंतरराष्ट्रीय व्यापार की सुविधा, उच्च रोजगार और सतत आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की सुविधा, और दुनिया भर में गरीबी को कम करने के लिए काम कर रहा है.
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