कानपुर ब्यूरो
Updated Thu, 08 Dec 2022 11:54 PM IST

प्रभावित होगा ५० करोड़ का व्यापार

अतिवृष्टि व ओलावृष्टि का प्रभाव किसानों के अलावा अब नगर के व्यापार पर भी पड़ रहा है। नगर के व्यापार के आंकड़ों के अनुसार तीन साल के अंदर नगर का एक अरब ५० करोड़ रुपए का व्यापार प्रभावित हुआ है। हर साल करीब 50 करोड़ रुपए का व्यवसाय प्रभावित हो रहा है।

संपूर्ण क्षेत्र कृषि पर आधारित होने के कारण नगर की अर्थव्यवस्था गड़बड़ाती नजर आ रही है। बीते दिनों क्षेत्र में ओलावृष्टि के चलते किसानों के साथ-साथ अब व्यापारी भी हाथ पर हाथ धरे बैठे हुए हैं। ओलावृष्टि से इस वर्ष व्यापार पर इसका बुरा असर पड़ेगा। दूसरी और लाखों रुपए की उधारी की भी वसूली नहीं हो सकेगी।

मंदा पड़ा धंधा : किराना दुकान के संचालक वीरेंद्र राजपूत ने बताया कि तीन साल से धंधा मंदा पड़ा हुआ है। ग्राहक केवल अति आवश्यक सामग्री की ही खरीद कर रहे हैं। सीजन के समय ही थोड़ा बहुत व्यापार होता है। लाखों की उधारी डूबने की कगार पर है। इस वर्ष भी ओलावृष्टि से धंधा मंदा रहेगा।

नहीं हो पा रहा व्यापारियों का हिसाब: नगर के इलेक्ट्रिक दुकान संचालक विमल राजपूत ने बताया कि गर्मी शुरू होते ही कूलर पंखों का स्टॉक कर लिया जाता है, लेकिन इस वर्ष लाखों की उधारी की वसूली नहीं होने से व्यापारियों का भी हिसाब नहीं हो पा रहा है। इस बार व्यापारियों की स्थिति भी काफी खराब है। लेबर के भुगतान के लिए भी मुश्किल से रुपया निकल पा रहा है।

इसी प्रकार कपड़ा, बर्तन, सराफा, जनरल स्टोर्स आदि दुकानों पर भी प्रतिवर्ष नगर में ५० करोड़ तक का व्यापार हो जाता है, लेकिन इस वर्ष भी बाजार में सन्नाटा पसरा दिखाई दे रहा है।

१००० के स्थान पर बिकीं केवल २५० बाइक

नगर की महिमा मोटर्स के संचालक राजेश लखेरा ने बताया कि प्रतिवर्ष १००० से १२०० बाइक सीजन में विक्रय कर दी जाती हैं, लेकिन तीन सालों से २०० से २५० बाइकों की ही सेल बमुश्किल हो सकी है। ग्राहक केवल भाव पूछकर लौट जाते हैं। सोनल ऑटो मोबाइल के संचालक पंकज सोनल ने बताया कि कंपनी द्वारा ऑफर देने के बाद भी व्यापार में उठाव नहीं हो पा रहा है। बाइकों की सेल धीरे-धीरे कम होती जा रही है।

अमेरिका बना भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार, 2021-22 में द्विपक्षीय व्यापार 119.42 अरब व्यापारियों के लिए व्यापार की स्थिति की समीक्षा डॉलर पर

नयी दिल्ली, 29 मई (भाषा) अमेरिका बीते वित्त वर्ष (2021-22) में भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बन गया है। इससे दोनों देशों के बीच मजबूत होते आर्थिक रिश्तों का पता चलता है। इस तरह भारत के साथ व्यापार के मामले में अमेरिका ने चीन को पीछ़े छोड़ दिया है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2021-22 में अमेरिका और भारत का द्विपक्षीय व्यापार बढ़कर 119.42 अरब डॉलर पर पहुंच गया। 2020-21 में यह आंकड़ा 80.51 अरब डॉलर का था। आंकड़ों के अनुसार, 2021-22 में भारत का अमेरिका को निर्यात बढ़कर 76.11 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो

वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2021-22 में अमेरिका और भारत का द्विपक्षीय व्यापार बढ़कर 119.42 अरब डॉलर पर पहुंच गया। 2020-21 में यह आंकड़ा 80.51 अरब डॉलर का था।

आंकड़ों के अनुसार, 2021-22 में भारत का अमेरिका को निर्यात बढ़कर 76.11 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 51.62 अरब डॉलर रहा था। वहीं इस दौरान अमेरिका से भारत का आयात बढ़कर 43.31 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 29 अरब डॉलर था।

आंकड़ों के अनुसार, 2021-22 में भारत-चीन द्विपक्षीय व्यापार 115.42 अरब डॉलर रहा, जो 2020-21 में 86.4 अरब डॉलर था।

वित्त वर्ष के दौरान चीन को भारत का निर्यात मामूली बढ़कर 21.25 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो 2020-21 में 21.18 अरब डॉलर रहा था।

वहीं इस दौरान चीन से भारत का आयात बढ़कर 94.16 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो 2020-21 में 65.21 अरब डॉलर पर था। वित्त वर्ष के दौरान भारत का चीन के साथ व्यापार घाटा बढ़कर 72.91 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो 2020-21 में 44 अरब डॉलर रहा था।

व्यापार क्षेत्र के विशेषज्ञों का मानना है कि आगामी वर्षों में भारत का अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार और बढ़ेगा, जिससे दोनों देशों के आर्थिक रिश्तों को और मजबूती मिलेगी।

भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (फियो) के उपाध्यक्ष खालिद खान ने कहा कि भारत एक भरोसेमंद व्यापार भागीदार के रूप में उभर रहा है और वैश्विक कंपनियां चीन पर अपनी व्यापारियों के लिए व्यापार की स्थिति की समीक्षा निर्भरता कम कर रही हैं। वैश्विक कंपनियां अपने कारोबार का भारत और अन्य देशों में विविधीकरण कर रही हैं।

खान ने कहा, ‘‘आगामी बरसों में भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार और बढ़ेगा। भारत, अमेरिका की हिंद-प्रशांत आर्थिक रूपरेखा (आईपीईएफ) पहल में शामिल हुआ है। इससे आर्थिक रिश्तों को और मजबूती मिलेगी।’’

भारतीय बागान प्रबंधन संस्थान (आईआईपीएम), बेंगलूर के निदेशक राकेश मोहन जोशी ने कहा कि 1.39 अरब की आबादी के साथ भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार है। तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के चलते अमेरिका और भारत की कंपनियों के पास प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, विनिर्माण, व्यापार और निवेश के काफी अवसर हैं।

जोशी ने बताया कि भारत द्वारा अमेरिका को मुख्य रूप से पेट्रोलियम उत्पादों, पालिश हीरों, फार्मा उत्पाद, आभूषण, हल्के तेल आदि का निर्यात किया जाता है। वहीं अमेरिका से भारत पेट्रोलियम पदार्थ, तरल प्राकृतिक गैस, सोने, कोयले और बादाम का आयात करता है।

अमेरिका उन कुछ देशों में है जिनके साथ भारत व्यापार अधिशेष की स्थिति में है।

अमेरिका के साथ भारत का व्यापार अधिशेष 32.8 अरब डॉलर का है। 2013-14 से 2107-18 तक और उसके बाद 2020-21 में चीन भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था। चीन से पहले संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था।

भारतीय उद्योग व्यापार मण्डल ने 41वां राष्ट्रीय व्यापारी दिवस आजादी के 75वें अमृत महोत्सव के साथ मनाया

राजधानी दिल्‍ली में 41वें राष्ट्रीय व्यापारी दिवस के मौके पर मौजूद मुख्‍य अतिथि.

राजधानी दिल्‍ली में 41वें राष्ट्रीय व्यापारी दिवस के मौके पर मौजूद मुख्‍य अतिथि.

भारतीय उद्योग व्यापार मण्डल का 41वां राष्ट्रीय व्यापारी दिवस आजादी के 75वें अमृत महोत्सव के साथ मनाया गया. समारोह के मु . अधिक व्यापारियों के लिए व्यापार की स्थिति की समीक्षा पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : August 09, 2022, 21:40 IST

नई दिल्‍ली. भारतीय उद्योग व्यापार मण्डल का 41वां राष्ट्रीय व्यापारी दिवस आजादी के 75वें अमृत महोत्सव के साथ मनाया गया. समारोह के मुख्य अतिथि केन्‍दीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल और विशिष्ठ अतिथि अश्विनी चौबे व भानुप्रताप सिंह वर्मा रहे. समारोह का उद्घाटन अर्जुनराम मेघवाल ने दीप प्रज्जवलित कर किया.

बीयूवीएम के राष्ट्रीय चेयरमैन बाबूलाल गुप्ता तथा राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय प्रकाश जैन ने अतिथियों का स्वागत किया. अतिथियों को बीयूवीएम की ओर से प्रतिवेदन दिए गए. प्रतिवेदन पर चर्चा करते हुए राष्ट्रीय चेयरमैन गुप्ता ने कहा कि जीएसटी में सरलीकरण की आवश्यकता है. जीएसटी की दरें 5 व 12 प्रतिशत की दो ही श्रेणी होनी चाहिये. 28-29 जून को आयोजित जीएसटी काउंसिल ने कुछ ऐसे निर्णय लिए गए जो व्यापार व उद्योग को कष्टदायी है.

अपने संबोधन में अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि राष्ट्र भाजपा की सरकार के अन्तर्गत दिनों-दिन प्रगति कर रहा है. एक ओर स्वच्छता अभियान एवं जनधन योजना से नागरिकों को लाभान्वित किया जा रहा है. दूसरी ओर एमएसएमई के व्यापारियों के लिए व्यापार की स्थिति की समीक्षा लिये सरकार ने 76 हजार करोड़ का बजट रखा है और उद्योग के साथ-साथ ट्रेड को भी परिभाषा में शामिल किया गया है.

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चत्रकूट : छापा डालकर छोटे व्यापारियों का किया जा रहा शोषण

Kanpur Bureau

कानपुर ब्यूरो
Updated Thu, 08 Dec 2022 11:व्यापारियों के लिए व्यापार की स्थिति की समीक्षा 54 PM IST

फोटो-1- शहर के बस स्टैंड स्थित एक दुकान में जांच पड़ताल के दौरान मौजूद एसजीएसटी की टीम। संवाद

फोटो-1- शहर के बस स्टैंड स्थित एक दुकान में जांच पड़ताल के दौरान मौजूद एसजीएसटी की टीम। संवाद - फोटो : CHITRAKOOT

चित्रकूट। एसजीएसटी की टीम के छापों का विरोध होने लगा है। गुरुवार को जांच टीम की व्यापारियों ने हूटिंग की। उप्र उद्योग व्यापार मंडल के कार्यकर्ताओं ने जीएसटी के सर्वे के नाम पर मारे जा रहे छापे की कार्रवाई का विरोध किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री को संबोधित पत्र डीएम को देकर इस कार्रवाई को रोके जाने की मांग की है।
जिलाध्यक्ष ओम केसरवानी के नेतृत्व में दिए गए पत्र में बताया कि जीएसटी सर्वे की छापे की कार्रवाई तीन दिनों से दुकानों में की जा रही है। इस सर्वे से इंस्पेक्टर राज और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है। व्यापारी समाज का उत्पीड़न हो रहा है। इससे व्यापारियों मेें खासी नाराजगी है। उद्योग व्यापार मंडल के युवा जिलाध्यक्ष राहुल गुप्ता, प्रदीप गुप्ता, श्रीराम गुुप्ता, बनवारी लाल, भोला सिंह कुशवाहा, सुशील कक्का, आलोक केसरवानी, शैलेंद्र केशरवानी, ऋषि कुमार भी मौजूद रहे।
राष्ट्रीय जन उद्योग व्यापार संगठन के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन व्यापारियों के लिए व्यापार की स्थिति की समीक्षा शानू गुप्ता के नेतृत्व में व्यापारियों ने पुरानी बाजार में वाणिज्यिक कमिश्नर विजय सोनी को मांग पत्र सौंपा। इसमें कहा कि एसजीएसटी टीम की छापेमारी से जिले के व्यापारियों में भय का माहौल है।
इस कार्यवाई को तत्काल व्यापारियों के लिए व्यापार की स्थिति की समीक्षा प्रभाव से रोका जाए।
अनावश्यक छोटे व मझोले व्यापारियों को परेशान न करें। व्यापारी नेता ने कहा कि कोरोना काल से दो वर्ष तक व्यापारी बहुत ही प्रभावित हुए है। आर्थिक स्थिति कमजोर हुई है। अब समय सुधर रहा है। ऐसे में व्यापारियों को राहत देने की जरूरत है।
विनोद आर्य, नन्द किशोर गुप्ता, शेशू जायसवाल, संतोष गुप्ता, करामत अली, अखिलेश मौर्य, सुनील जायसवाल, रविराज अग्रहरि, विष्णु केसरवानी, राजेन्द्र, अजय कुमार, संजय सोनी, उमेश केसरवानी, महादेव वर्मा आदि व्यापारी मौजूद रहे।

चित्रकूट। एसजीएसटी की टीम के छापों का विरोध होने लगा है। गुरुवार को जांच टीम की व्यापारियों ने हूटिंग की। उप्र उद्योग व्यापार मंडल के कार्यकर्ताओं ने जीएसटी के सर्वे के नाम पर मारे जा रहे छापे की कार्रवाई का विरोध किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री को संबोधित पत्र डीएम को देकर इस कार्रवाई को रोके जाने की मांग की है।


जिलाध्यक्ष ओम केसरवानी के नेतृत्व में दिए गए पत्र में बताया कि जीएसटी सर्वे की छापे की कार्रवाई तीन दिनों से दुकानों में की जा रही है। इस सर्वे से इंस्पेक्टर राज और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है। व्यापारी समाज का उत्पीड़न हो रहा है। इससे व्यापारियों मेें खासी नाराजगी है। उद्योग व्यापार मंडल के युवा जिलाध्यक्ष राहुल गुप्ता, प्रदीप गुप्ता, श्रीराम गुुप्ता, बनवारी लाल, भोला सिंह कुशवाहा, सुशील कक्का, आलोक केसरवानी, शैलेंद्र केशरवानी, ऋषि कुमार भी मौजूद रहे।


राष्ट्रीय जन उद्योग व्यापार संगठन के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन शानू गुप्ता के व्यापारियों के लिए व्यापार की स्थिति की समीक्षा नेतृत्व में व्यापारियों ने पुरानी बाजार में वाणिज्यिक कमिश्नर विजय सोनी को मांग पत्र सौंपा। इसमें कहा कि एसजीएसटी व्यापारियों के लिए व्यापार की स्थिति की समीक्षा टीम की छापेमारी से जिले के व्यापारियों में भय का माहौल है।
इस कार्यवाई को तत्काल प्रभाव से रोका व्यापारियों के लिए व्यापार की स्थिति की समीक्षा जाए।
अनावश्यक छोटे व मझोले व्यापारियों को परेशान न करें। व्यापारी नेता ने कहा कि कोरोना काल से दो वर्ष तक व्यापारी बहुत ही प्रभावित हुए है। आर्थिक स्थिति कमजोर हुई है। अब समय सुधर रहा है। ऐसे में व्यापारियों को राहत देने की जरूरत है।

विनोद आर्य, नन्द किशोर गुप्ता, शेशू जायसवाल, संतोष गुप्ता, करामत अली, अखिलेश मौर्य, सुनील जायसवाल, रविराज अग्रहरि, विष्णु केसरवानी, राजेन्द्र, अजय कुमार, संजय सोनी, उमेश केसरवानी, महादेव वर्मा आदि व्यापारी मौजूद रहे।

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