विदेशी मुद्रा भंडार 7.5 अरब डॉलर घटा
अलग अलग सेगमेंटों की दो सूचीबद्ध बीमा कंपनियों एचडीएफसी लाइफ और आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस ने अपने अप्रैल-जून तिमाही के नतीजे पेश कर दिए हैं। दोनों कंपनियों के वित्तीय नतीजों ने दलाल पथ को निराश किया है।
एचडीएफसी लाइफ का शुद्ध प्रीमियम सालाना आधार पर 23 प्रतिशत बढ़ा और उसके नए व्यवसाय एवं नवीकरण योजनाओं में 27 प्रतिशत और 19 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। कंपनी का कर-बाद लाभ (पीएटी) सालाना आधार पर 21 प्रतिशत बढ़कर 370 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
37वें महीने में पर्सिस्टेंसी रेशियो सुधरा, लेकिन 61वें महीने के हिसाब से इसमें गिरावट दर्ज की गई। नए व्यवसाय की वैल्यू (वीएनबी) वृद्धि सालाना आधार पर 25 प्रतिशत रही। यह अनुमान के मुकाबले कम थी, लेकिन वीएनबी मार्जिन तिमाही आधार पर 60 आधार अंक तक सुधरकर 26.8 प्रतिशत पर रहा।
सालाना प्रीमियम इक्विलेंट (एपीई) सालाना आधार पर 22 प्रतिशत बढ़कर 1,900 करोड़ रुपये हो गया। यूलिप और रिटेल टर्म इंश्योरेंस के लिए मांग कमजोर थी, शायद इसकी वजह बाजारों में अस्थिरता थी। एपीई में, एन्युटी सालाना आधार पर 42 प्रतिशत बढ़ी, जबकि गैर-पीएआर (नॉन-पार्टिसिपेटिंग) और पीएआर सेगमेंटों में 27 और 22 प्रतिशत का इजाफा दर्ज किया गया।
एम्बेडेड वैल्यू पर परिचालन प्रतिफल (आरओईवी) पहली तिमाही में 210 आधार अंक बढ़कर 16.5 प्रतिशत हो गया, लेकिन स्वयं एम्बेडेड वैल्यू में कमी दर्ज की गई। एम्बेडेड वैल्यू एक्साइड लाइफ अधिग्रहण के समायोजन के बाद तिमाही आधार पर 1 प्रतिशत घटकर 29,700 करोड़ रुपये रह गई।
विदेशी मुद्रा व्यापार क्या है?
क्या आप उस समय को याद कर सकते हैं जब आप बचपन में नोट और सिक्के एकत्र किया करते थे? ज्यादातर, उस समय, बच्चों का झुकाव विदेशी मुद्रा की ओर अधिक था। सिग्नेचर से लेकर कलर तक सब कुछ आंखों में झिलमिलाहट दे रहा था।
और, जैसे-जैसे उनमें से कई बड़े हुए, उनमें एक मुद्रा का शेष विश्व की मुद्रा से संबंध का पता लगाने की जिज्ञासा होने लगी। यह अवधारणा विदेशी मुद्रा व्यापार के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसे विदेशी मुद्रा व्यापार भी कहा जाता है। अधिक जानने के लिए उत्सुक हैं? जानने के लिए आगे पढ़ें।
विदेशी मुद्रा बाजार क्या है?
विदेशी मुद्रा (एफएक्स) एक बाज़ार है जहाँ कई राष्ट्रीय मुद्राओं का कारोबार होता है। यह सबसे अधिक तरल और सबसे बड़ा हैमंडी दुनिया भर में हर दिन खरबों डॉलर का आदान-प्रदान हो रहा है। यहां एक रोमांचक पहलू यह है कि यह एक केंद्रीकृत बाजार नहीं है; बल्कि, यह दलालों, व्यक्तिगत व्यापारियों, संस्थानों और बैंकों का एक इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क है।
बड़े पैमाने पर विदेशी मुद्रा बाजार न्यूयॉर्क, लंदन, टोक्यो, सिंगापुर, सिडनी, हांगकांग और फ्रैंकफर्ट जैसे प्रमुख वैश्विक वित्तीय केंद्रों में स्थित हैं। संस्थाएं हों या व्यक्तिगत निवेशक, वे इस नेटवर्क पर मुद्राओं को बेचने या खरीदने का आदेश पोस्ट करते हैं; और इस प्रकार, वे एक दूसरे के साथ बातचीत करते हैं और अन्य पार्टियों के साथ मुद्राओं का आदान-प्रदान करते हैं।
यह विदेशी मुद्रा बाजार चौबीसों घंटे खुला रहता है, लेकिन किसी भी राष्ट्रीय या अचानक छुट्टियों को छोड़कर, सप्ताह में पांच दिन खुला रहता है।
विदेशी मुद्रा जोड़े और मूल्य निर्धारण
ऑनलाइन विदेशी मुद्रा व्यापार एक जोड़ी तरीके से होता है, जैसे EUR/USD, USD/JPY, या USD/CAD, और बहुत कुछ। ये जोड़े राष्ट्रीयता का प्रतिनिधित्व करते हैं, जैसे कि यूएसडी अमेरिकी डॉलर के लिए खड़ा होगा; सीएडी कैनेडियन डॉलर और अधिक का प्रतिनिधित्व करता है।
इस जोड़ी के साथ, उनमें से प्रत्येक के साथ एक मूल्य जुड़ा हुआ है। उदाहरण के लिए, मान लें कि कीमत 1.2678 है। अगर यह कीमत एक USD/CAD जोड़ी से जुड़ी है, तो इसका मतलब है कि आपको एक USD खरीदने के लिए 1.2678 CAD का भुगतान करना होगा। याद रखें कि यह कीमत तय नहीं है और उसी के अनुसार बढ़ या घट सकती है।
ट्रेडिंग कैसे होती है?
चूंकि सप्ताह के दिनों में बाजार 24 घंटे खुला रहता है, आप किसी भी समय मुद्रा खरीद या बेच सकते हैं। पहले, मुद्रा व्यापार केवल तक ही सीमित थाहेज फंड, बड़ी कंपनियां, और सरकारें। हालांकि मौजूदा समय में कोई भी इसे जारी रख सकता है।
कई बैंक, निवेश फर्म, साथ ही खुदरा विदेशी मुद्रा दलाल हैं जो आपको खाते और व्यापार मुद्राएं खोलने का अवसर प्रदान कर सकते हैं। इस बाजार में व्यापार करते समय, आप किसी विशिष्ट देश की मुद्रा को दूसरे के लिए प्रासंगिकता में खरीदते या बेचते हैं।
हालांकि, एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में विदेशी मुद्रा प्रधानमंत्री दलालों कोई भौतिक आदान-प्रदान नहीं होता है। इस इलेक्ट्रॉनिक दुनिया में, आमतौर पर, व्यापारी एक निश्चित मुद्रा में एक स्थिति लेते हैं और आशा करते हैं कि खरीदारी करते समय मुद्रा में ऊपर की ओर गति हो सकती है या बेचते समय कमजोरी हो सकती है ताकि इससे लाभ कमाया जा सके।
इसके अलावा, आप हमेशा दूसरी मुद्रा के लिए प्रासंगिकता में व्यापार कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप एक को बेच रहे हैं, तो आप दूसरा खरीद रहे हैं और इसके विपरीत। ऑनलाइन बाजार में, लेनदेन की कीमतों के बीच उत्पन्न होने वाले अंतर पर लाभ कमाया जा सकता है।
विदेशी मुद्रा व्यापार के तरीके
मूल रूप से, तीन तरीके हैं जो निगम, व्यक्ति और संस्थान विदेशी मुद्रा ऑनलाइन व्यापार करने के लिए उपयोग करते हैं, जैसे:
हाजिर बाजार
विशेष रूप से, यह बाजार सभी मुद्राओं को उनकी वर्तमान कीमत के अनुसार खरीदने और बेचने के लिए है। कीमत मांग और आपूर्ति से निर्धारित होती है और राजनीतिक स्थितियों, आर्थिक प्रदर्शन और वर्तमान ब्याज दरों सहित कई कारकों को दर्शाती है। इस बाजार में, एक अंतिम सौदे को स्पॉट डील कहा जाता है।
वायदा बाजार
हाजिर बाजार के विपरीत, यह अनुबंधों के व्यापार में एक सौदा है। वे उन पार्टियों के बीच ओटीसी खरीदे और बेचे जाते हैं जो खुद समझौते की शर्तों को समझते हैं।
वायदा बाजार
इस बाजार में, वायदा अनुबंधों को खरीदा और बेचा जाता हैआधार शिकागो मर्केंटाइल एक्सचेंज जैसे सार्वजनिक जिंस बाजारों पर उनके मानक आकार और निपटान की तारीख। इन अनुबंधों में कुछ विवरण शामिल होते हैं, जैसे कारोबार की गई इकाइयां, वितरण, मूल्य में न्यूनतम वृद्धि और निपटान तिथियां।
प्रशिक्षण की आवश्यकता
विदेशी मुद्रा व्यापार के गतिशील वातावरण में पर्याप्त प्रशिक्षण आवश्यक है। चाहे आप एक अनुभवी या मुद्रा व्यापार के विशेषज्ञ हों, लगातार और संतोषजनक लाभ प्राप्त करने के लिए अच्छी तरह से तैयार होना आवश्यक है।
बेशक, इसे करने से आसान कहा जा सकता है; लेकिन असंभव कभी नहीं। यह सुनिश्चित करने के लिए कि आप अपनी सफलता को न छोड़ें, अपना प्रशिक्षण कभी बंद न करें। एक मौलिक व्यापारिक आदत विकसित करें, वेबिनार में भाग लें और यथासंभव प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए शिक्षा प्राप्त करना जारी रखें।
अर्थव्यवस्था-दलाल स्ट्रीट को नहीं चाहिए जंग
अगर हालात बिगड़ते हैं तो बाजार के लिए चिंता के पर्याप्त कारण, नतीजे भयंकर होने की आशंका हुई गहरी
संध्या द्विवेदी/मंजीत ठाकुर
- 07 मार्च 2019,
- (अपडेटेड 07 मार्च 2019, 7:17 PM IST)
मुंबई स्थित एक अर्थशास्त्री को 25 फरवरी से निवेशकों के लिए रोजाना अपनी सलाह बदलनी पड़ रही है. दिन की शुरुआत पुलवामा आतंकी हमले पर भारत के प्रतिशोधात्मक कार्रवाई की खबर से बाजार को लगे आर्थिक झटके के आकलन से हुई. 26 फरवरी को दुनिया की नींद इस खबर के साथ खुली कि भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के प्रशिक्षण शिविरों को नष्ट करने के लिए हवाई हमले किए. सरकार ने इसे 'गैर-सैन्य एहतियाती कार्रवाई' बताया तो अर्थशास्त्री ने तर्क दिया कि यह संघर्ष आगे नहीं बढ़ेगा. 27 फरवरी को टीवी चैनलों पर भारत के खिलाफ पाकिस्तान की कार्रवाई की खबरें तैरने लगीं तो वे चिंतित हो उठे.
आखिरी बार ऐसी नाजुक स्थिति भारतीय संसद पर हमले के बाद 2001 में देखी गई थी. 1999 के करगिल युद्ध के दौरान, भारत के पास बताने के लिए कोई खास विदेशी निवेश नहीं था. आज वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ भारत का वास्ता बहुत अधिक है. 2019 में, अधिकांश भारतीय स्टार्ट-अप विदेशी निवेशकों द्वारा वित्त पोषित हैं. दिसंबर 2018 में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 393 अरब डॉलर रहा, जो ऐतिहासिक उच्च स्तर के करीब था. हालांकि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) प्रति वर्ष 7 प्रतिशत की गिरावट के साथ 33.5 अरब डॉलर हो गया है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस ऐंड पॉलिसी के प्रो. एन.एल. भानुमूर्ति कहते हैं, ''अगर मैं एक निवेशक होता, तो मैं मई तक (जब आम चुनाव होने वाले हैं) की अनिश्चितता में फूंक-फूंक कर कदम रखता.''
1998 में पोकरण-2 परीक्षणों के बाद भारत को प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा था. लेकिन 2019 में, दुनियाभर में बढ़ता संरक्षणवाद दूसरी चुनौतियां पेश कर रहा है.
कोटक महिंद्रा ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक नीलेश शाह कहते हैं, ''विदेशी निवेशकों को शांति की जरूरत है. हमने जबसे उदारीकरण की ओर कदम रखे हैं, कई आतंकवादी हमले हुए हैं. अगर युद्ध की आशंकाएं बढ़ती हैं, तो चिंता होनी लाजिमी है.''
सर्जिकल स्ट्राइक 2.0 पर इक्विटी बाजारों की प्रतिक्रिया 26 फरवरी को तेज थी, हालांकि दिन में फिर वापसी हुई. 27 फरवरी को, बीएसई सेंसेक्स ने शुरुआती बढ़त से 600 अंकों तक नीचे चला गया था. यह पिछले दिन की तुलना में 0.19 प्रतिशत यानी 68 अंक नीचे 35,905 पर बंद हुआ. निफ्टी में 0.26 फीसदी की गिरावट दिखी.
एक अन्य अर्थशास्त्री कहते हैं, ''हालांकि, यह नकारात्मकता थोड़े समय की है. दीर्घावधि में, यह सकारात्मक है—इससे राजनैतिक अनिश्चितता घटेगी.'' करगिल युद्ध के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था ने उड़ान भरी. ईवाइ इंडिया के डी.के. श्रीवास्तव कहते हैं, ''आमतौर पर अल्पकालिक युद्ध अर्थव्यवस्था में मांग की उत्तेजना पैदा करते हैं. इस दौरान सिर्फ खर्च ही नहीं, मांग भी बढ़ जाती है. एफआइआइ और एफडीआइ को स्थगित कर दिया जाएगा. राजकोषीय घाटे में कमी हो सकती है.''
भारत ने 1996 में पाकिस्तान को जो सबसे पसंदीदा राष्ट्र (एमएफएन) का दर्जा दिया था, उसे खत्म कर दिया है. हालांकि, पाकिस्तान ने भारत को वैसा ही दर्जा देने से इनकार कर दिया था. इस्लामाबाद की अपनी नकारात्मक सूची में 1,209 आइटम हैं जिसका अर्थ है कि पाकिस्तान भारत से इन वस्तुओं के आयात की अनुमति नहीं देता है.
विशेषज्ञों का मानना है कि एमएफएन को रद्द करने से पाकिस्तान पर बहुत अधिक प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि पाकिस्तान को भारत की ओर से होने वाला निर्यात, पाकिस्तान से भारत में होने वाले आयात की तुलना में विदेशी मुद्रा प्रधानमंत्री दलालों बहुत अधिक है. भारत ने 2017-18 में 48.85 करोड़ डॉलर (3,468 करोड़ रु.) का आयात किया और 1.92 अरब डॉलर (13,632 करोड़ रु.) के मूल्य के सामान का निर्यात किया. भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार 2017-18 में मामूली वृद्धि हुई और यह 2.41 अरब डॉलर (17,111 करोड़ रु.) हो गया, जबकि 2016-17 में यह 2.27 अरब डॉलर (16,117 करोड़ रु.) था.
दोनों देशों के बीच तनाव बढऩे से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर बहुत बुरा असर पड़ेगा क्योंकि प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व में पाकिस्तान ने पुनरुद्धार की उम्मीदें लगा रखी हैं. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर इकोनॉमिक स्टडीज ऐंड प्लानिंग के विश्वजीत धर कहते हैं, ''पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था थोड़ी बेहतर हो जाती, तो पड़ोस में एक बड़ा बाजार तैयार होता.'' वह अवसर अब खतरे में है.
इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन में आया उछाल, विदेशी मुद्रा भंडार में फिर आई गिरावट
केंद्रीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी मुद्रा भंडार चार नवंबर को समाप्त सप्ताह में 1.087 अरब डॉलर घटकर 529.994 अरब डॉलर पर आ गया।
सितंबर में भारत का औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 3.1 प्रतिशत बढ़ा है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) सितंबर, 2021 में 4.4 प्रतिशत बढ़ा था। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का उत्पादन सितंबर, 2022 में 1.8 प्रतिशत बढ़ा। समीक्षाधीन अवधि में माइनिंग सेक्टर उत्पादन 4.6 प्रतिशत और बिजली उत्पादन 11.6 प्रतिशत बढ़ा।
विदेशी मुद्रा भंडार का हाल: केंद्रीय रिजर्व विदेशी मुद्रा प्रधानमंत्री दलालों बैंक के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी मुद्रा भंडार चार नवंबर को समाप्त सप्ताह में 1.087 अरब डॉलर घटकर 529.994 अरब डॉलर पर आ गया। बता दें कि अक्टूबर 2021 में, देश का विदेशी मुद्रा भंडार 645 बिलियन डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था।
आपको बता दें कि इस दौरान सोने का भंडार 705 मिलियन अमरीकी डॉलर घटकर 37.057 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया।
विदेशी मुद्रा भंडार 6 सप्ताह के उच्चतम स्तर पर
मुंबईः देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार तीसरे सप्ताह बढ़ते हुए 05 फरवरी को समाप्त सप्ताह में 2.33 अरब डॉलर की बढ़ौतरी के साथ 6 सप्ताह के उच्चतम स्तर 351.48 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इससे पहले 29 जनवरी को समाप्त सप्ताह में यह 349.15 अरब डॉलर रहा था। यह 25 दिसंबर को समाप्त सप्ताह के बाद विदेशी मुद्रा भंडार का उच्चतम स्तर है। उस समय यह 352.05 अरब डॉलर रहा था।
रिजर्व बैंक द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, विदेशी मुद्रा भंडार के सबसे बड़े घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति में इस दौरान 1.81 अरब डॉलर की बढ़ौतरी हुई और यह 328.44 अरब डॉलर पर पहुंच गया। स्वर्ण भंडार भी 45.66 करोड़ डॉलर बढ़कर 17.67 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास सुरक्षित निधि में भी इस दौरान वृद्धि हुई है। यह 1.68 करोड़ डॉलर की बढ़त विदेशी मुद्रा प्रधानमंत्री दलालों के साथ 1.31 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। विशेष आहरण अधिकार भी 5.16 करोड़ डॉलर बढ़कर 4.04 अरब डॉलर हो गया।
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