कॉइनबेस दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों में से एक है। यह पहली बार है कि प्रतिवादी ने अमेरिका में क्रिप्टोकरेंसी बाजारों से जुड़े अंदरूनी व्यापार मामले में अपना अपराध स्वीकार किया है। इस आरोप में अधिकतम 20 साल की जेल की सजा का प्रावधान है। अब उन्हें 13 दिसंबर को जज प्रेस्का द्वारा सजा सुनाई जाएगी।

क्रिप्टो करेंसी क्या है

Crypto Insider Trading Case: कॉइनबेस के पूर्व अधिकारी के भाई निखिल वाही ने कबूला आरोप, जानें पूरा मामला

क्रिप्टोकरेंसी इनसाइडर ट्रेडिंग मामले में जुलाई में गिरफ्तार किए गए निखिल वाही ने अपना अपराध कबूल कर लिया है। जिसके बाद यूएस डिस्ट्रिक्ट जज लोरेट प्रेस्का ने उन्हें दोषी करार दिया। निखिल वाही क्रिप्टो एक्सचेंज कॉइनबेस ग्लोबल के पूर्व प्रोडक्ट मैनेजर इशान वाही के भाई हैं। उन्हेोंने अमेरिका की एक अदालत में कुबूल किया है कि वह इंसाइडर ट्रेडिंग में शामिल थे। गौरतलब है कि अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि यह क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ा पहला इंसाइडर ट्रेडिंग का पहला मामला है।

यूएस डिस्ट्रिक्ट जज लोरेट प्रेस्का की अदालत में वर्चुअल पेशी के दौरान निखिल ने कहा कि उन्होंने कॉइनबेस के डेटा से गोपनीय जानकारी हासिल कर खरीदारी की थी। इस मामले में अभियोजन पक्ष ने यह भी आरोप लगाया था कि इशान वाही ने अपने भाई और एक अन्य दोस्त समीर रमानी को उन डिजिटल एसेट्स के बारे में बताया था जो जल्दी कॉइनबेस पर ट्रेड के लिए आने वाली थीं। इन तीनों पर 15 लाख डॉलर (करीब 12 करोड़ रुपये) से ज्यादा का अवैध लाभ कमाने का आरोप है।

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Crypto Updates Hindi: ब्रायन आर्मस्ट्रांग ने कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से अनौपचारिक दबाव की वजह से Coinbase पर यूपीआई को डिसेबल किया गया है.

आर्मस्ट्रांग ने CoinBase के तिमाही नतीजे के मौके पर कहा, "क्रिप्टो की खरीदारी के लिए यूपीआई सेवा लांच होने के कुछ दिन बाद ही हमने इसे डिसेबल कर दिया क्योंकि क्या कॉइनबेस वैध है भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से अनौपचारिक दबाव देखने को मिल रहा था."

भारत का केंद्रीय बैंक आरबीआई देश में बैंकिंग सेवाओं का नियामक है. आर्मस्ट्रांग ने कहा, "भारत एक अलग बाजार है. एक बार जब सुप्रीम कोर्ट ने यह कहा कि वह क्रिप्टो करेंसी को बैन नहीं कर सकता तब सरकारी तंत्र में मौजूद अलग-अलग संस्थाओं ने इस पर काबू पाने के अलग-अलग उपाय शुरू कर दिए हैं. इसमें भारतीय रिजर्व बैंक भी शामिल है."

क्रिप्टो करेंसी क्या है इसके लाभ और नुकसान

Crypto Currency kya hai नोट एवं सिक्कों के अलावा अब धीरे-धीरे एक प्रकार की और करेंसी दुनिया में प्रचलित हो रही है, जिसे क्रिप्टो करेंसी कहते हैं। इसमें प्रत्येक लेन-देन का डिजि़टल हस्ताक्षर द्वारा सत्यापन किया जाता है और क्रिप्टोग्राफी (Cryptography) की मदद से उसका रिकॉर्ड रखा जाता है। इसका भौतिक अस्तित्व नहीं होता। यह सिर्फ ऑनलाइन रूप से डिजिट्स के रूप में उपलब्ध रहती है। इस करेंसी से आप सामान खरीद-बेच सकते हैं अथवा निवेश कर सकते हैं। कुछ क्रिप्टो करेंसी का मूल्य उनकी लोकप्रियता के कारण काफी अधिक है, लेकिन इसके साथ एक तथ्य यह भी है कि इसके मूल्य में स्थिरता नहीं है। क्रिप्टो करेंसी के मूल्य में बहुत तेज़ी से उतार-चढाव होता रहता है, जिस कारण इसकी कीमतें दिन में बार बदलती रहती हैं।

इस करेंसी की सबसे खास बात यह है कि यह पूरी तरह से विकेंद्रीकृत है अर्थात् इस पर किसी भी देश अथवा सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। इसी कारण शुरुआत में इसे अवैध करार दिया गया, लेकिन बाद में BITCOIN की लोकप्रियता को देखते हुए कई देशों ने इसे वैध कर दिया। कुछ देश तो अभी भी इसके विरुद्ध हैं।

क्रिप्टो करेंसी के प्रकार

प्रमुख क्रिप्टो करंसियों के प्रकार हैं- ETHERIUM, (ETH), RIPPLE (XRP), LITECOIN (LTC), COSMOS (ATOM), NAMECOIN (NMC) और BITCOIN] जोकि दुनिया की पहली क्रिप्टो करेंसी है। इसे वर्ष 2009 में जापान के सतोशी नाकामोतो ने बनाया था। इस करेंसी को शुरुआत में बहुत संघर्ष करना पड़ा, लेकिन आज यह दुनिया की सबसे महंगी डिजि़टल करेंसी है। इन क्रिप्टो करंसियों के आलवा वर्तमान में 1500 से अधिक क्रिप्टो करेंसी हैं।

  1. डिजि़टल करेंसी होने के कारण चोरी हो जाने का डर नहीं होता।
  2. इसे खरीदना-बेचना तथा निवेश करना बहुत आसान हो जाता है, क्योंकि इसमें कई डिजि़टल वॉलेट्स उपलब्ध हैं।
  3. इसकी कीमतों में बहुत तेज़ी से उछाल आता है, जिस कारण यह निवेश हेतु अच्छा विकल्प है।

क्रिप्टो करेंसी के नुकसान

  1. इस पर किसी भी सरकारी संस्था का कोई नियंत्रण नहीं है, जिस कारण इसकी कीमतों में अप्रत्याशित उतार-चढ़ाव आता रहता है।
  2. इसे डिजि़टल होने के कारण हैक किया जा सकता है। ETHERIUM करेंसी के साथ ऐसा हो चुका है।

कई देशों ने क्रिप्टो करेंसी को वैध कर दिया है, लेकिन कुछ देश अभी भी इसके खिलाफ़ हैं। भारत में भी उच्चतम न्यायालय द्वारा 04 मार्च, 2020 को ही इस करेंसी में निवेश एवं व्यापार पर आरबीआई द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को हटा दिया गया है। क्रिप्टो करेंसी व्यापार, निवेश, तकनीकी और अन्य विभिन्न क्षेत्रों में तेज़ और कम खर्च वाली भविष्य की विनिमय प्रणाली की अवधारणा को प्रस्तुत करती है, लेकिन वर्तमान में इसके संदर्भ में गोपनीयता, मूल्य-अस्थिरता और विनियमन की नीति का अभाव आदि अनेक समस्याएं दिखाई पड़ती हैं। भारत सरकर ने हाल ही में यह अनिवार्य किया है कि सभी कम्पनियाँ क्रिप्टो करेंसी में किए गए निवेश की घोषणा करेंगी।

क्रिप्टो एक्सचेंज कॉइनबेस ने रूस से जुड़े 25 हजार खातों को किया ब्लॉक

फोटो: IANS

नवजीवन डेस्क

प्रमुख क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंजों में से एक, कॉइनबेस ने अवैध गतिविधियों में लिप्त रूसी व्यक्तियों या संस्थाओं से संबंधित 25 हजार से अधिक अकाउंट्स को अवरुद्ध कर दिया है। कॉइनबेस ने कहा कि जब कोई यूजर (उपयोगकर्ता) अकाउंट क्या कॉइनबेस वैध है खोलता है, तो वह अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ, संयुक्त राष्ट्र, सिंगापुर, कनाडा और जापान द्वारा प्रदान की गई स्वीकृत व्यक्तियों या संस्थाओं की सूची के साथ-साथ क्रीमिया, उत्तर कोरिया, सीरिया और ईरान जैसे स्वीकृत क्षेत्रों से यूजर्स को अवरुद्ध करने के लिए प्रदान की गई जानकारी की जांच करता है।

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ब्रायन आर्मस्ट्रॉन्ग ने निवेशकों से एक बातचीत में कहा, "लॉन्चिंग के कुछ ही दिन बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के कुछ अनौपचारिक दबावों के चलते हमने यूपीआई का इस्तेमाल बंद कर दिया।" उन्होंने यह भी कहा कि आरबीआई का यह कदम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन हो सकता है। लेकिन, हम आरबीआई के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं और फिर से लॉन्चिंग पर फोकस कर रहे हैं।

हालांकि RBI के सूत्रों का कहना है कि ब्रायन का यह दावा गलत है। उन्होंने बताया, "कॉइनबेस के सीईओ ने जो बयान दिया है, वह गलत और भ्रामक है।"

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