सेबी ने यूरोपियन स्टाइल के ऑप्शंस लॉन्च को मंजूरी दी है
इक्विटी मार्केट के उलट कमोडिटी मार्केट में ऑप्शंस एक्सपायरी पर फ्यूचर्स प्राइस पर सेटल होंगे और ऑप्शन होल्डर ट्रेडिंग टूल्स का सीमित विकल्प को अपनी पोजिशन फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट्स में कनवर्ट करने का ऑप्शन होगा. इक्विटी मार्केट में एक्सपायरी पर ऑप्शन का सेटलमेंट स्टॉक या इंडेक्स के कैश यानी स्पॉट मार्केट रेट पर होता है. इक्विटी मार्केट में सेबी कैश मार्केट को रेगुलेट करता है जबकि एग्री कमोडिटी में सेबी कैश नहीं सिर्फ फ्यूचर्स को रेगुलेट करता है. यहां का कैश वाला कमोडिटी मार्केट राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है.

Share Your Experience About Binance Futures Responsible Trading: Limited Edition NFTs to Be Won!

Binance Futures takes responsible trading seriously and encourages our users to trade responsibly. Learn about Responsible Trading and share your experiences about responsible trading to receive NFT rewards. The top 50 entrants will receive rare NFTs from NARAKA and have their stories featured on the Responsible Trading page !

Activity Period: ट्रेडिंग टूल्स का सीमित विकल्प 2021-07-13 12:00 PM (UTC) to 2021-07-31 11:59 AM (UTC)

How to participate - Users have to complete the following tasks to be eligible for the NFT rewards:

  • Read the content on Responsible Trading page
  • Tweet about Binance Futures Responsible Trading content or retweet this campaignon Twitter with the hashtags: #BinanceFutures & #ResponsibleTrading. The Twitter post should contain the following:
    • What does Responsible Trading mean to you?
    • Your learnings from Responsible Trading page
    • At the end of the campaign, Binance will select the top 50 winners to each win a rare NFT from NARAKA . (Good quality sharings on Twitter will have a higher chance of being selected.)
    • All other eligible entrants will each win a Binance 4th anniversary Limited Edition NFT.

    5 मिनट में जानिये कमोडिटी मार्केट में कैसे करें ऑप्शन ट्रेडिंग

    5 मिनट में जानिये कमोडिटी मार्केट में कैसे करें ऑप्शन ट्रेडिंग

    इसे एक उदाहरण से समझा जा सकता है. वायदा कारोबार में आप 30 हजार के भाव पर गोल्ड की एक लॉट खरीदते हैं. लेकिन सोने का भाव 1000 रुपये टूट जाता है और 29 हजार तक आ जाता है तो एक लॉट पर आपको एक लाख रुपये का नुकसान उठाना पड़ता है. वहीं, ऑप्शन ट्रेडिंग में अगर ट्रेडिंग टूल्स का सीमित विकल्प आपने कॉल ऑप्शन खरीदा है तो 50 रुपये प्रति दस ग्राम प्रीमियम चुकाकर यह नुकसान ट्रेडिंग टूल्स का सीमित विकल्प घटकर सिर्फ 5000 रुपये रह जाता है.

    फ्यूचर ट्रेडिंग से कैसे अलग है ऑप्शन ट्रेडिंग
    फ्यूचर बाज़ार में हेजिंग का टूल नहीं है यानी इसमें सौदे को ओपन (खुला) छोड़ते हैं या फिर स्टॉपलॉस लगाते हैं . अगर स्टॉपलॉस लगाने पर उस स्तर पर सौदा खुद ही कट जाता है लेकिन नुकसान जरूर होता है. स्टॉपलॉस न लगाया तो नुकसान ज्यादा होता है. जबकि पुट ऑप्शन में खरीदे हुए सौदे को हेज कर सकते हैं. इसी तरह बिके हुए सौदे को कॉल ऑप्शन के जरिये नुकसान की सीमा को बांध सकते हैं.

    Cryptocurrency : क्रिप्टो में निवेश करें या स्टॉक, बॉन्ड, गोल्ड जैसे विकल्प ही बेहतर होंगे?

    Cryptocurrency : क्रिप्टो में निवेश करें या स्टॉक, बॉन्ड, गोल्ड जैसे विकल्प ही बेहतर होंगे?

    Cryptocurrency और निवेश के ट्रेडिशनल टूल्स में हैं कई फर्क और नफे-नुकसान. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    भारत में जब निवेश की बात आती है तो निवेशक ऐसे विकल्प चुनना चाहते हैं, जहां उन्हें एक निश्चित अवधि में कम रिस्क के साथ ज्यादा रिटर्न मिल जाए. स्टॉक, बॉन्ड, गोल्ड जैसे कई पारंपरिक विकल्प मौजूद हैं, लेकिन अब क्रिप्टोकरेंसी भारत (Cryptocurrency in India) में भी निवेशकों को अपनी ओर खींच रही है. भविष्य में क्रिप्टोकरेंसी की अहमियत को बढ़ता देखकर यहां इसकी स्टोर वैल्यू के लिए निवेश बढ़ रहा है. रिजर्व बैंक (RBI) ने 2018 में डिजिटल करेंसी फ्रॉड के डर से सभी बैंकों पर क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन करने पर बैन लगा दिया था. हालांकि, 2020 के मार्च महीने में सुप्रीम कोर्ट ने इस बैन को निरस्त कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट के इस रुख के बाद से भारत में क्रिप्टोकरेंसी का बड़ा बाजार तैयार किया है. लेकिन हम एक बार नजर डालते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी, पहले से मौजूद ट्रेडिशनल ऑप्शन्स से कितनी अलग है.

    क्रिप्टोकरेंसी vs स्टॉक

    क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग टूल्स का सीमित विकल्प और स्टॉक मार्केट में क्या फर्क है, इससे शुरू करते हैं. दोनों ही बाजार में अच्छे-बुरे दिन देखने को मिलते हैं. हालांकि, स्टॉक मार्केट का इतिहास लंबा है, इससे निवेशकों को आगे का रुख तय करने में मदद मिलती है, वो ट्रेंड्स और प्रिडिक्शन के लिए इन आंकड़ों की मदद लेते हैं, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी का बाजार अभी काफी नया है. यहां ट्रेडिंग टूल्स का सीमित विकल्प उतने आंकड़ों का सहारा नहीं होता. स्टॉक मार्केट में कई तरह के रिस्क होते हैं, बिजनेस, फाइनेंशियल, बाजार में वॉलेटिलिटी यानी अस्थिरता, सरकार का नियंत्रण और नियमन वगैरह जैसी चीजें हैं, जो इस बाजार को प्रभावित करती हैं. लेकिन क्रिप्टोकरेंसी का इकोसिस्टम डिसेंट्रलाइज्ड है, यानी अधिकतर करेंसी को कोई सरकार या कोई समूह या संस्था कंट्रोल नहीं करती है.

    बॉन्ड्स भी निवेश का एक माध्यम होते हैं. ये एक तरह से किसी कंपनी या सरकार की ओर से किसी निवेशक से लिए जाने वाले लोन की तरह होते हैं. यानी कि जब कोई निवेशक किसी कंपनी से या सरकार से कोई बॉन्ड खरीदता है तो वो कंपनी या सरकार उसके कर्ज में आ जाती है. जब तक वो कंपनी या सरकार उस निवेशक का लोन नहीं चुकाती है, तब तक उसे इसपर ब्याज मिलता रहता है. बॉन्ड के साथ रिस्क वाली बात यह है कि अगर कंपनी दिवालिया हो जाती है तो एक तो उसे ब्याज मिलना बंद हो जाएगा, दूसरा उसका मूलधन भी डूब जाएगा.

    क्रिप्टोकरेंसी vs फॉरेक्स

    फॉरेक्स या फॉरेन एक्सचेंज, में निवेशक विदेशी करेंसीज़ में निवेश करते हैं. क्रिप्टोकरेंसी दुनिया भर में कई जगहों पर पेमेंट के तौर पर स्वीकार की जाने वाली करेंसी है और फॉरेक्स में निवेशक भी ग्लोबल बाजार से डील करते हैं. लेकिन जो बड़ा फैक्टर है वो अलग-अलग देशों की आर्थिक स्थिति. निवेशकों को किसी भी फॉरेन करेंसी से अच्छा रिटर्न मिलने की संभावना तभी होती है, जब उस देश की अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन कर रही हो, इसी आधार पर यह देखा जा सकता है कि उन्हें कितना लाभ हो रहा है. ऐसे में क्रिप्टोकरेंसी के मुकाबले यह माध्यम थोड़ा रिस्की है.

    सोना-चांदी खरीदना हमारे देश की पसंद के अलावा एक परंपरा भी रही है. आज के वक्त में लोग इन बहुमूल्य धातुओं में विशेषतौर पर आभूषण वगैरह खरीदने के लिए लिहाज से निवेश करते हैं. ऐसे में इनकी कीमत तय करने में मार्केट सेंटिमेंट यानी बाजार की धारणा सबसे बड़ी भूमिका निभाता है. अगर रिस्क की बात करें तो इनमें जो निगेटिव पॉइंट है वो है- पोर्टेबिलिटी, इंपोर्ट टैक्स और इनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना. वहीं, क्रिप्टोकरेंसी के साथ ऐसा कुछ नहीं है. ये डिजिटल करेंसी है, न इसे कहीं से लाना-ले जाना है, न ही आपको इसपर कोई इंपोर्ट टैक्स देना है. इसकी सिक्योरिटी भी डिजिलाइज्ड है, ऐसे में इन कारणों से क्रिप्टो, मेटल्स के मुकाबले ज्यादा आसान निवेश माध्यम है.

    क्रिप्टोकरेंसी vs फिक्स्ड डिपॉजिट

    फिक्स्ड डिपॉजिट तब सही होते हैं, जब आपको ट्रेडिंग टूल्स का सीमित विकल्प कोई लॉन्ट टर्म इन्वेस्टमेंट करना हो. इसमें आपको रिटर्न के लिए मैच्योरिटी तक इंतजार करना पड़ता है. अगर आप रिटर्न के लिए लंबा इंतजार नहीं करना चाहते या एफडी का विकल्प छोड़ रहे हैं तो आप क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर सकते हैं. यहां बाजार में ट्रेडिंग टूल्स का सीमित विकल्प तेजी-से उतार-चढ़ाव आता है और आप तेजी से फैसले ले सकते हैं. यहां बाजार के गिरने पर आप अपना पैसा निकाल सकते हैं. लेकिन एक बात जो जाननी चाहिए वो ये कि एफडी को माइन करने या जेनरेट करने के लिए किसी को अलग से कुछ नहीं करना पड़ता. बस एफडी बनवाई और मैच्योरिटी तक भूल गए. लेकिन क्रिप्टोकरेंसी को सर्कुलेशन में लाने के लिए माइनिंग की जाती है. निवेशकों को इनपर अपना वक्त ट्रेडिंग टूल्स का सीमित विकल्प देना होता है क्योंकि बाजार में काफी अनिश्चितता होती है.

    निवेश के ट्रेडिशनल टूल्स में लोग सहज महसूस कर सकते हैं क्योंकि इनकी आदत हैं. वहीं क्रिप्टोकरेंसी का बाजार नया है और इसके अपने अलग फायदे और नुकसान हैं, ऐसे में आपको समझदारी से अपना ट्रेडिंग टूल्स का सीमित विकल्प चुनाव करना चाहिए.

    ट्रेडों को बेचने के माध्यम से अपने नुकसान को कैसे सीमित करें

    बेचना विकल्प समाप्त हो रहा है

    गर्भपात किसी को भी हो सकता है। आप चार्ट का विश्लेषण करते हैं, स्थिति को खोलते हैं, और महसूस करते हैं, आपको ऐसा नहीं करना चाहिए था। आपके लिए खुशखबरी है। Olymp Trade की संभावना प्रदान करता है ट्रेड ऑर्डर बेचना तुरंत, चाहे वे मुद्रा जोड़े हों, क्रिप्टोक्यूरेंसी, या इस मामले में, वित्तीय डेरिवेटिव। इस पद्धति के साथ, आपको यह समाप्त होने तक प्रतीक्षा करने की आवश्यकता नहीं होगी। यह आपके लाभ को अवरुद्ध करने या नुकसान को सीमित करने में परिणाम देगा।

    प्रत्येक ऑप्शन ट्रेड समय समाप्ति से पहले बंद हो सकता है

    ऑर्डर कैसे बेचे?

    आपके व्यापार को बेचने ट्रेडिंग टूल्स का सीमित विकल्प के दो तरीके हैं। आप चार्ट पर प्रस्ताव पर माउस को मँडरा सकते हैं ताकि विक्रय मूल्य वाली खिड़की दिखाई दे। जब भी स्वीकार्य हो, कीमत के साथ एक बटन पर क्लिक करें। दूसरा तरीका मंच के दाईं ओर दिखाई दे रहे "अभी बेचें" बटन को दबाएं जहां आपके ट्रेड और ऑर्डर प्रदर्शित होते हैं।

    जब आप व्यापार में प्रवेश करते हैं और सब कुछ वांछित दिशा में जाता है, तो वित्तीय व्युत्पन्न व्यापार को बेचने का कोई मतलब नहीं है। हालांकि, यदि आपको कुछ बिंदु पर पता चलता है कि बाजार विपरीत दिशा में जा रहा है और आप पैसे खोने का सामना कर रहे हैं, तो आप किसी व्यापार को बेचने की संभावना का उपयोग कर सकते हैं।

    यदि बाजार सही दिशा में जा रहा है तो विकल्प बेचने का कोई मतलब नहीं है

रेटिंग: 4.54
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 686