उधर पंचायत स्तर पर लाभुकों को इसकी कोई सूचना नहीं दी गई. जबकि कांड्रा पंचायत का एक व्हाट्सएप ग्रुप पंचायत संबंधी कार्यों और सूचनाओं के आदान- प्रदान के लिए ही बना है. बावजूद इसके ना तो स्थानीय मुखिया ने, ना ही किसी वार्ड सदस्य ने आम लोगों को कंबल वितरण आरंभ होने की सूचना देने की आवश्यकता महसूस की. लोगों का यह भी आरोप है कि आनन- फानन में कंबल वितरण का निर्णय लिया गया और इसमें चहेतों को तरजीह दी गई. गौरतलब है कि कांड्रा में कुल 16 वार्ड है जिनमें केवल 9 ही वार्ड में वार्ड सदस्य निर्वाचित हुए हैं शेष 7 वार्डों में कोई प्रत्याशी ही नहीं था. जिसके कारण वहां कोई भी वार्ड सदस्य नहीं है. इसका खामियाजा उक्त वार्ड के निवासी समय- समय पर भुगतते चले आ रहे हैं. यहां भी कंबल वितरण के दौरान वार्ड सदस्य विहीन वार्ड के लोगों को नि:शुल्क कंबल पाने से वंचित होना पड़ा है. आम लोगों को सूचना नहीं मिलने की बात अगर छोड़ भी दी जाए तो यहां आश्चर्य की बात है कि कई वार्ड सदस्यों को भी कंबल वितरण की कोई सूचना नहीं थी. पूछे जाने पर वार्ड सदस्यों ने इस सम्बन्ध में अनभिज्ञता जाहिर की. जब इस संबंध में मीडिया ने स्थानीय मुखिया और पंचायत सचिव से जानकारी लेने का प्रयास किया तो उनके द्वारा भी कंबल वितरण की कोई स्पष्ट जानकारी नहीं प्रदान की गई. इससे आम लोगों द्वारा जनप्रतिनिधियों पर लगाए जा रहे मनमानी के आरोप को बल मिल रहा है.

kandra-politics-in-blanket-distribution कांड्रा: कंबल बांटने में भी राजनीति, चहेते लोगों को कंबल बांटकर मुखिया ने की खानापूर्ति, पंचायत में हो रही किरकिरी, वार्ड पार्षदों ने खोला मोर्चा

कांड्रा (Bipin Varshney) बीते तीन दिसंबर को इंडिया न्यूज़ वायरल पर हमने कांड्रा पंचायत Pattern Trader से आरंभ करना में गरीबों के लिए प्राप्त सरकारी कंबल का वितरण न होने की खबर प्रकाशित की थी. खबर प्रकाशित होते ही पंचायत की मुखिया शंकरी सिंह कुंभकर्णी निद्रा से जागी और आनन- फानन में सोमवार को बगैर पंचायत के अन्य Pattern Trader से आरंभ करना पार्षदों को सूचित किए चुनिंदा लोगों के बीच कम्बल वितरण कर Pattern Trader से आरंभ करना खाना पूर्ति कर दिया.

बता दें कि गरीबों को ठंड से राहत प्रदान करने के उद्देश्य से कांड्रा पंचायत को 200 कंबल आवंटित हुआ था, जो महीनों से गोदाम की शोभा बढ़ा रहे थे. गरीब इस ठिठुरती ठंड में प्रकृति का प्रकोप झेलने को विवश थे. इंडिया न्यूज़ वायरल में खबर प्रसारित होते ही स्थानीय जनप्रतिनिधि अचानक कुंभकर्णी निंद्रा से जागे और Pattern Trader से आरंभ करना सोमवार को कंबल का वितरण आरंभ हो गया, लेकिन यहां भी जनप्रतिनिधियों ने पूर्व की भांति मनमाने तरीके से चुनिंदा लोगों को कंबल वितरण कर खानापूर्ति कर डाली.

भारत में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए राष्ट्रीय नीति के मसौदे पर सुझाव आमंत्रित

Inviting suggestions on Draft National Policy for Micro, Small and Medium Enterprises in India

सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम (MSME) 6 करोड़ से अधिक इकाइयों के साथ भारतीय .

सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम (MSME) 6 करोड़ से अधिक इकाइयों के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था का एक अत्यधिक जीवंत और मजबूत क्षेत्र है, जो कि कृषि क्षेत्र के बाद सबसे अधिक 11 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करता है, जिसकी सकल घरेलू उत्पाद में 28% और निर्यात में 40% हिस्सेदारी शामिल है। अन्य क्षेत्रों की तरह, MSME भी कोविड के दौरान उत्पादकता के मामले में प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुआ हैं, इसलिए MSME की दक्षता और उत्पादकता को आर्थिक विकास के समग्र उद्देश्यों के लिए प्राप्त करने और भारतीय अर्थव्यवस्था की V शेप रिकवरी के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

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