पिछले सप्ताह आयकर विभाग के छत्तीसगढ़ कार्यालय ने एक व्यक्ति को नोटिस भेजकर आय संबंधी जानकारी साझा करने के लिए कहा है। विभाग ने कुल 26 सवालों के जवाब मांगे हैं जिसमें पिछले तीन वर्षों के आयकर रिटर्न के ब्योरे और क्रेडिट कार्ड लेनदेन के साथ यह भी पूछा गया है कि क्या वह क्रिप्टोकरेंसी में भी निवेश करते हैं? इसमें कुल 21 सवालों में काफी विस्तृत तरीके से क्रिप्टोकरेंसी संबंधी निवेश, एक्सचेंजों पर लेनदेन का ब्योरा, नोटबंदी के समय किया गया निवेश, निवेश की गई राशि, क्रिप्टो वॉलेट की विशिष्ट पहचान संख्या आदि बहुत सी जानकारी मांगी गई है। इसी तरह के नोटिस दूसरे निवेशकों को भी जारी किए गए हैं।

क्रिप्टोकरेंसी बाजार क्यों डाउन है? क्यों क्रिप्टो बाजार नीचे है? | Why crypto market is down?

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बिजनेस एवं निवेश में हमेशा केवल फायदा ही नहीं होता। बहुत बार नुकसान भी होता है। कई बार अच्छा रिटर्न दे रही करेंसी में इन्वेस्टमेंट क्रिप्टोकरेंसी की भारत में स्थिति और निवेशकों का भविष्य भी बहुत बड़ा नुकसान देकर जाता है।

ऐसा संबंधित मार्केट में उतार-चढ़ाव की वजह से होता है। इस उतार-चढ़ाव के कई कारण होते हैं। क्रिप्टोकरेंसी मार्केट कितना डाउन है एवं यह क्यों डाउन है? आज इस पर हम आपको इस पोस्ट में जानकारी देंगे।

क्रिप्टोकरेंसी बाजार क्या हैं? (What is cryptocurrency market?)

सबसे पहले समझ लेते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी बाजार क्या है? सामान्य रूप से क्रिप्टोकरेंसी बाजार अथवा क्रिप्टोकरेंसी मार्केट वह जगह है, जहां क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-फरोख्त एवं ट्रेडिंग होती है।

इसे अलग अलग नामों से भी जाना जाता है। जैसे- क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज, डिजिटल करेंसी एक्सचेंज, काॅइन मार्केट एवं क्रिप्टो मार्केट आदि।

क्रिप्टोकरेंसी बाजार डाउन क्यों है? (Why cryptocurrency market is down?)

आम बजट में भारत सरकार द्वारा क्रिप्टोकरेंसी में 30 फीसदी टैक्सेशन की घोषणा के बाद क्रिप्टो मार्केट में बिटकाॅइन के रेट नीचे पहुंच गए। टैक्सेशन की घोषणा के बाद क्रिप्टो निवेशकों में बेचैनी बढ़ गई और इसमें बिकवाली बढ़ गई। यह स्थिति पहली बार नहीं आई है।

क्रिप्टोकरेंसी बाजार क्यों डाउन है? क्यों क्रिप्टो बाजार नीचे है? | Why crypto market is down?

दिसंबर, 2021 में भी सरकार के रवैये ने आम भारतीय क्रिप्टो निवेश्कों को खूब परेशान किया है। उस दौरान भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज पर निवेशकों ने जल्दबाजी में अपनी करेंसी बेच डाली। विशेषज्ञ क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों ने इसका लाभ उठाते हुए गिरे भाव पर दांव लगाया एवं क्रिप्टोकरेंसी खरीद ली। वे कीमत गिरने का ही इंतजार कर रहे थे।

आपको जानकारी दे दें कि यद्यपि भारत में अभी तक क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को वैध दर्जा प्राप्त नहीं, ऐसे में कई क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज के संचालक इस पर टैक्सेशन को इसके लीगल किए लाने का पहला दरवाजा मानकर चल रहे हैं, जिसे वे पार कर चुके हैं। सरकार भी इस संबंध में फैसला लेने में अधिक देर करने की स्थिति में नहीं है।

क्रिप्टो मार्केट में गिरावट के समय क्या करना चाहिए? (What to do when Crypto market is down?)

किसी भी चीज में गिरावट का अर्थ यह कतई नहीं होता कि आप उसे छोड़ दें। खास तौर पर शेयर मार्केट के जानकार गिरावट के समय ही शेयरों में निवेश बढ़ाने की नसीहत देते हैं।

क्रिप्टो मार्केट में क्रिप्टोकरेंसी की भारत में स्थिति और निवेशकों का भविष्य भी यही फार्मूला लागू होता है। यदि कोई निवेशक अच्छे से मार्केट रिसर्च करता है और उसे यह बेस मजबूत दिखता है तो यह क्रिप्टो करेंसी में निवेश का सबसे अच्छा समय कहा जा सकता है।

प्रमुख क्रिप्टो करेंसी में 24 घंटे के भीतर आई गिरावट का लेखा जोखा

अब एक नजर डाल लेते हैं पिछले 24 घंटे के भीतर प्रमुख क्रिप्टो करेंसी में आई गिरावट के स्तर पर। यह निम्नवत है-

हमने इस पोस्ट के माध्यम से आपको बताया कि क्रिप्टोकरेंसी बाजार क्यों डाउन है। यदि आप भी इस करेंसी में इन्वेस्ट करने के इच्छुक हैं तो उससे पहले इस मार्केट के उतार-चढ़ाव को अच्छी तरह से समझ लें।

इस पोस्ट को लेकर आपके मस्तिष्क में कोई शक शुबहा है तो हमसे पूछ सकते हैं। करेंसी के संबंध में जागरूकता के मद्देनजर इस पोस्ट को अधिक से अधिक शेयर करना न भूलें। धन्यवाद।

कितना सुरक्षित है क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना? कितना है प्रॉफिट और क्या हैं रिस्क?

cryptocurrencies: क्रिप्टोकरेंसी एक तकनीक का उपयोग करके काम करती है जिसे ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी (Blockchain Technology) कहा जाता है.

  • Paurav Joshi
  • Publish Date - October 18, 2021 / 04:37 PM IST

कितना सुरक्षित है क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना? कितना है प्रॉफिट और क्या हैं रिस्क?

देश में क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrencies) के कई फॉर्म Bitcoin, Ethereum, Tether, Dogecoin क्रिप्टोकरेंसी की भारत में स्थिति और निवेशकों का भविष्य और न जाने क्या -क्या आ चुके हैं. हर तरफ क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बहुत जोर-शोर से चर्चा हो रही है. कई लोग इसमें निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं. हाल ही में, क्रिप्टोकरेंसी में भारी गिरावट देखी गई है. भारत में क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrencies) को लेकर सबसे बड़ा सवाल यह है कि इसे कानूनन किस तरह की मान्यता प्राप्त अहि और इसमें निवेश करना कितना सुरक्षित है.

RBI ने निवेशकों को किया है कई बार सतर्क

सरकार ने “RBI द्वारा जारी आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के लिए एक सुविधाजनक ढांचा बनाने” और “भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने” के लिए द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल 2021 का प्रस्ताव पेश किया है. भारत में क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य को लेकर अलग-अलग तरह के अनुमान लगाए क्रिप्टोकरेंसी की भारत में स्थिति और निवेशकों का भविष्य जा रहे हैं. भारतीय रिजर्व बैंक ने समय-समय पर निवेशकों को सतर्क किया है और उन्हें आभासी मुद्राओं से जुड़े जोखिमों के बारे में चेतावनी दी है.

क्रिप्टोकरेंसी क्या है?

क्रिप्टोकरंसी एक प्रकार का पेमेंट है जिसके बदले में आप सामान और सेवाएं ऑनलाइन खरीद सकते हैं. क्रिप्टोकरेंसी एक तकनीक का उपयोग करके काम करती है जिसे ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी (Blockchain Technology) कहा जाता है.

बाजार में कितनी क्रिप्टोकरेंसीज मौजूद हैं?

मार्केट रिसर्च वेबसाइट CoinMarketCap.com के अनुसार, बाज़ार में 6,700 से अधिक विभिन्न क्रिप्टोकरेंसी उपलब्ध हैं और हररोज नयी करेंसी मार्किट में आ रही है. CoinMarketCap.com क्रिप्टोकरेंसी की भारत में स्थिति और निवेशकों का भविष्य के अनुसार, 13 अप्रैल 2021 को, सभी क्रिप्टोकरेंसी का कुल मूल्य $2.2 ट्रिलियन से अधिक हो गया था और सबसे लोकप्रिय डिजिटल मुद्रा मतलब बिटकॉइन का कुल मूल्य, लगभग $1.2 ट्रिलियन था.

क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के लाभ

दुनिया की सबसे पॉपुलर और सबसे पुरानी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन ने वित्त वर्ष 2020-21 में 800 फीसदी का रिटर्न दिया है. अप्रैल, 2020 में यह 6,640 डॉलर के रेट पर ट्रेड कर रहा था और फिर एक साल की अवधि में यानी अप्रैल, 2021 तक यह 65,000 डॉलर पर पहुंच गया. बिटकॉइन के अलावा और भी कई अन्य क्रिप्टो कॉइन्स में जबरदस्त उछाल आई और निवेशकों ने बढ़िया रिटर्न कमाया.

क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के खतरे

इस साल अप्रैल में बाजार ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंचा था. लेकिन अप्रैल के अंत में क्रिप्टो मार्केट क्रैश हो गया. अधिकतर करेंसी की वैल्यू गिर गई. बिटकॉइन $30,000 के अंदर आ गया. अभी बिटकॉइन $62,000 पर है. ऐसे में यह समझना जरूरी है कि क्रिप्टो कॉइन्स बहुत ही ज्यादा वॉलटाइल यानी उतार-चढ़ाव का शिकार होती हैं और निवेश के पैसे डूबने का खतरा रहता है. दूसरी कमी यह है कि आप क्रिप्टोकरेंसी को हर जगह फ्लैट करेंसी यानी कि रुपया, डॉलर वगैरह की तरह इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं. फिलहाल ऐसी बहुत कम जगहें हैं, जहां आप क्रिप्टोकरेंसी को पेमेंट के लिए इस्तेमाल कर सकें यानी कि इसे रुपये के अल्टरनेट की तरह इस्तेमाल कर सकें. ऊपर से इसपर कोई सरकारी रेगुलेशन नहीं है, तो वो किसी अप्रत्याशित स्थिति को न्यौता दे सकता है.

भारत में क्रिप्टोकरेंसी और NFT विज्ञापनों के लिए ASCI ने जारी की नई सख्त गाइडलाइंस

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ASCI Guidelines for Crypto & NFT Ads: भारत में मौजूदा वक़्त में क्रिप्टोकरेंसी और NFTs को लेकर स्थिति अभी भी पूरी तरह से स्पष्ट होती नज़र नहीं आ रह है। लेकिन लगातार सरकार और वैधानिक संगठनों की ओर से जारी बयानों के चलते ये तो साफ़ हो चला है कि देश में क्रिप्टो व NFTs जैसे डिगिताल एसेट्स को जल्द क़ानूनी मान्यता नहीं मिलती नहीं दिखाई दे रही है।

और अब इस दिशा में एक और बड़ा क़दम आया है, जो देश में क्रिप्टो व एनएफ़टी इंडस्ट्री के लिए बेहद अहम है। असल में एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया (ASCI) ने वर्चुअल डिजिटल एसेट (Virtual Digital Asset) जैसे – क्रिप्टोकरेंसी, एनएफ़टी आदि से संबंधित विज्ञापनों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है।

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देश में लगातार क्रिप्टो और एनएफ़टी निवेशकों से पूरी जानकारी ना साझा करते हुए, उन्हें डिजिटल एसेट्स में निवेश की ओर आकर्षित करने जैसी शिकायतों के चलते ये क़दम उठाया गया है।

ASCI Guidelines for Crypto & NFT Ads: All Details

सबसे पहले तो आपको बता दें Advertising Standards Council of India (ASCI) के मुताबिक़ अब से वर्चुअल डिजिटल एसेट (VDA) उत्पादों और सेवाओं के विज्ञापनों में कुछ ऐसे Disclaimer को शामिल करना होगा;

“क्रिप्टो उत्पाद और एनएफटी अनियमित हैं और अत्यधिक जोखिम भरे हो सकते हैं। इस तरह के लेनदेन से किसी भी नुकसान के लिए कोई नियामक का सहारा नहीं लिया जा सकता है।”

“Crypto products and NFTs are unregulated and can be highly risky. There may क्रिप्टोकरेंसी की भारत में स्थिति और निवेशकों का भविष्य be no regulatory recourse for any loss from such transactions.”

नए दिशानिर्देशों में ये साफ़ कहा गया है कि तय किए गए इस Disclaimer को एक औसत उपभोक्ता के लिए प्रमुख रूप से पेश करना होगा।

इसको प्रिंट, वीडियो, ऑडियो प्रारूप के साथ-साथ सोशल मीडिया पोस्ट, कहानियों आदि में निर्देशों के मुताबिक़ शामिल करना होगा।

आइए इस दिशानिर्देश से जुड़े कुछ अहम बिंदुओं को जान लेते हैं;

  • नए दिशानिर्देश अभी वर्चुअल डिजिटल एसेट संबंधी तमाम विज्ञापन माध्यमों पर लागूँ होंगें। विज्ञापन में स्पष्ट रूप से लिखना होगा कि क्रिप्टो और एनएफ़टी अनियमित उत्पाद हैं और निवेश में भारी जोखिम निहित हो सकता है।
  • वर्चुअल डिजिटल एसेट संबंधी उत्पादों और सेवाओं के विज्ञापनों में “कस्टोडियन”, “करेंसी”, “सिक्योरिटीज” और “डिपॉजिटरी” जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। इसका कारण ये बताया गया है कि सामान्यतः इन शब्दों का इस्तेमाल नियमित (रेगुलेटेड) उत्पादों के लिए किया जाता है।
  • 12 महीने से कम की अवधि के लिए रिटर्न को शामिल नहीं किया जा सकता है।
  • वर्चुअल डिजिटल एसेट की क़ीमत को साफ़ तौर पर बताना होगा और विज्ञापन में शामिल सेलिब्रिटीज को पहले जोखिम के बारे में बताना होगा।
  • VDA पर आधारित विज्ञापनों में “भविष्य में मुनाफे में वृद्धि का वादा या गारंटी” देने संबंधित कोई भी बयान नहीं दिया जाएगा।
  • विज्ञापन देने वाले के बारे में सही जानकारी और उनसे संपर्क करने के ज़रिए जैसे फोन नंबर या ईमेल की जानकारी दी जानी आवश्यक होगी।
  • विज्ञापनों में वर्चुअल डिजिटल एसेट उत्पादों की तुलना किसी अन्य रेगुलेटेड एसेट से नहीं की जा सकेगी।
  • इन डिगिताल उत्पादों की क़ीमत और इससे होने वाले मुनाफ़े की सही और स्पष्ट जानकारी देनी होगी। मान लीजिए ‘ज़ीरो कॉस्ट’ का ज़िक्र किया जाता है तो उसमें उन सभी खर्चो को शामिल करना होगा, जिससे ग्राहक को ऑफर या ट्रांजैक्शन से संबंधित सटीक जानकारी मिल सके।
ASCI Crypto ads Guidelines: 1 अप्रैल 2022 से देशभर में लागू हो जाएगी ASCI की नई गाइडलाइन्स

आपको बता दें ASCI द्वारा विज्ञापनों के लिए जारी की गई ये गाइडलाइंस 1 अप्रैल 2022 से देशभर में लागू कर दी जाएगी।

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ASCI की मानें तो इन दिशानिर्देशों को सरकार और अन्य तमाम स्टेकहोल्डर्स के साथ विचार-विमर्श के बाद ही अंतिम स्वरूप दिया गया है। बताया गया कि VDA संबंधित विज्ञापनों के लिए नई गाइडलाइंस को लेकर पिछले काफ़ी समय से चर्चा की जा रही थी।

ध्यान देने वाली बात ये है कि इस बार के बजट 2022 में जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने भारत में किसी भी वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के ट्रांसफ़र (लेनदेन) आदि से होने वाली आय पर 30% टैक्स लगाने का ऐलान किया तो देश में डिजिटल एसेट्स के क़ानूनी भविष्य को लेकर अटकलें तेज कर दी थीं।

ये कहा जाने लगा था कि सरकार इसको क़ानूनी मान्यता देने का मन बना रही है। लेकिन इसके बाद ख़ुद वित्त मंत्री की ओर से इन अटकलों का खंडन कर दिया गया, और बताया गया कि टैक्स लगाने का ये मतलब बिल्कुल नहीं है कि सरकार इसको आधिकारिक रूप से मान्यता दे रही है।

इसके साथ ही कुछ ही दिनों पहले, भारत के वित्त सचिव, टीवी सोमनाथन (TV Somanathan) ने अपने बयान में कहा कि बिटकॉइन (Bitcoin) और इथीरियम (Ethereum) या नॉन फंजीबल टोकन (NFTs) को भारत क्रिप्टोकरेंसी की भारत में स्थिति और निवेशकों का भविष्य में कभी भी वैध मुद्रा (लीगल टेंडर) घोषित नहीं किया जा सकता।

और हाल में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांता दास (Shaktikanta Das) ने भी निजी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को देश की वित्तीय और व्यापक आर्थिक स्थिरता के लिए एक बड़ा ख़तरा बताया था।

ऐसे में भारत में क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य को लेकर अभी भी कुछ साफ़ तौर पर कह पाना मुश्किल सा ही क्रिप्टोकरेंसी की भारत में स्थिति और निवेशकों का भविष्य नज़र आ रहा है, लेकिन इतना ज़रूर है कि इसको अभी तक पूरी तरह से नकारा भी नहीं गया है।

क्रिप्टोकरेंसी का निवेश रिटर्न में जरूर दिखाएं

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पिछले सप्ताह आयकर विभाग के छत्तीसगढ़ कार्यालय ने एक व्यक्ति को नोटिस भेजकर आय संबंधी जानकारी साझा करने के लिए कहा है। विभाग ने कुल 26 सवालों के जवाब मांगे हैं जिसमें पिछले तीन वर्षों के आयकर रिटर्न के ब्योरे और क्रेडिट कार्ड लेनदेन के साथ यह भी पूछा गया है कि क्या वह क्रिप्टोकरेंसी में भी निवेश करते हैं? इसमें कुल 21 सवालों में काफी विस्तृत तरीके से क्रिप्टोकरेंसी संबंधी निवेश, एक्सचेंजों पर लेनदेन का ब्योरा, नोटबंदी के समय किया गया निवेश, निवेश की गई राशि, क्रिप्टो वॉलेट की विशिष्ट पहचान संख्या आदि बहुत सी जानकारी मांगी गई है। इसी तरह के नोटिस दूसरे निवेशकों को भी जारी किए गए हैं।

दरअसल क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों के बीच इस बात को लेकर हमेशा से संशय की स्थिति रही है कि वे अपने निवेश को आयकर रिटर्न में दर्शाएं या नहीं और क्रिप्टोकरेंसी पर आयकर देने से इसे सरकारी स्वीकार्यता मिलेगी या नहीं। सवाल यह भी है कि कहीं इसके बाद सरकार उस व्यक्ति पर नजर तो नहीं रखने लगेगी? साथ ही क्रिप्टोकरेंसी को आयकर रिटर्न में दिखाने के तरीकों को लेकर भी निवेशकों के पास समुचित जानकारी नहीं है।

विशेषज्ञों का कहना है कि अगर किसी व्यक्ति ने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किया है तो उसे आयकर रिटर्न भरते समय इसका खुलासा जरूर करना चाहिए। कर संबंधी सलाह देने वाली कानूनी फर्म क्वैगमायर कंसल्टिंग के संस्थापक अनुष भसीन की राय है कि व्यक्ति को अपनी हर प्रकार की आय का खुलासा आयकर रिटर्न में करना चाहिए। वह कहते हैं, 'आयकर कानून काफी सरल है। किसी आय की कानूनी वैधता जांचने के बजाय उसका जोर इस बात पर रहता है कि किसी भी स्रोत से आय हो तो उस पर कर चुकाया जाना चाहिए।'

तो क्या आयकर रिटर्न भरने से क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को सरकारी स्वीकार्यता माना जाएगा? उच्चतम न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता विजय पाल डालमिया इससे इनकार करते हैं। वह कहते हैं, 'आयकर रिटर्न भरने से आपकी आय या उसके स्रोत को कानूनी वैधता नहीं मिलती। हालांकि देश में क्रिप्टोकरेंसी को अवैध घोषित नहीं किया गया है और सभी निवेशकों को रिटर्न में संबंधित जानकारी घोषित करनी चाहिए।' भसीन कहते हैं, 'आयकर कानून के अनुसार कानूनी तौर पर वैध अथवा अवैध, किसी भी तरीके से हुई आय को आयकर रिटर्न में शामिल करना चाहिए। अगर हम आय को रिटर्न में नहीं दिखाते तो कानूनी तरीके से कमाई गई आय भी अवैध या काला धन मान ली जाएगी।'

सामान्य वेतनभोगियों को आईटीआर-1 फॉर्म भरना होता है लेकिन अगर कोई व्यक्ति क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन कर रहा है तो उसे कारोबार की प्रकृति के हिसाब से फॉर्म का चयन करना होगा। कारोबारी गतिविधियों के लिए आईटीआर-3 फॉर्म भरा जाता है। भसीन बताते हैं, 'क्रिप्टोकरेंसी गतिविधियों को तीन श्रेणियों में बांटना होगा। पहला, लंबी अवधि का निवेश होता है, जिसमें निवेशक को पूंजीगत लाभ कर के हिसाब से गण्ना करनी होगी। दूसरा, दैनिक या उतार-चढ़ाव को देखकर खरीद-बिक्री करना होता है, जिसमें क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन से होने वाली आय को कारोबारी आय के तहत दिखाना होगा। तीसरा, अगर आप माइनिंग करते हैं तो इसे पूरी तरह वाणिज्यिक गतिविधि माना जाएगा। इसमें आय के साथ साथ माइनिंग में आने वाले खर्च की गणना भी करनी होगी और उसके बाद ही शुद्घ लाभ या हानि को आयकर रिटर्न में दर्शाना होगा।'

एक समस्या यह भी आती है कि क्रिप्टोकरेंसी को खरीदने-बेचने पर ही कर देना होगा अथवा क्रिप्टो-टु-क्रिप्टो कारोबार को भी इसमें शामिल करना चाहिए? भसीन कहते हैं, 'वर्तमान आयकर कानून में स्पष्ट प्रावधान है कि किसी भी वस्तु या जिंस की खरीद के बाद उसके आदान-प्रदान या बिक्री पर कर देना होगा। इसलिए अगर हम एक क्रिप्टोकरेंसी को दूसरी क्रिप्टोकरेंसी में बदलते हैं तो उसे भी आयकर रिटर्न में दर्शाना चाहिए।' एक से अधिक बार खरीद या बिक्री पर होने वाले लाभ-हानि की गणना के लिए 'फस्र्ट इन फस्र्ट आउट' (फीफो) प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है। भसीन की सलाह है कि अगर निवेशक को वास्तव में हानि हुई है तो उसे रिटर्न में दिखाया जाना चाहिए ताकि आगे के वर्षों में उसे लाभ के बदले ऑफसेट किया जा सके।'

विशेषज्ञ बताते हैं कि अगर किसी क्षेत्र विशेष से संबंधित आय पर देश में स्पष्टï नियम नहीं बनाए गए हैं तो भी उस पर आयकर देना होगा। भसीन कहते हैं, 'आयकर कानून बिल्कुल स्पष्ट है। किसी भी स्रोत से आपको आय हुई है तो उस पर कर देना होगा।' क्रिप्टोकरेंसी के क्षेत्र में कानूनी परामर्श देने वाली संस्था क्रिप्टो कानून के संस्थापक काशिफ रजा कहते हैं, 'दो हालात हो सकते हैं। अगर सरकार कानून बनाकर क्रिप्टोकरेंसी को नियमित करती है तो इस करेंसी में किए गए सभी प्रकार के लेनदेन का खुलासा एक निश्चित अवधि में करने के लिए कहा जा सकता है। अगर सरकार इस पर प्रतिबंध लगा देती है तो सभी प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी को एक निश्चित अवधि में समाप्त करने के लिए कहा जाएगा। दोनों ही परिस्थितियों में आपको क्रिप्टोकरेंसी में निवेश सार्वजनिक करना होगा और अगर आपने इसकी जानकारी आयकर रिटर्न में नहीं दी तो सरकार आपसे सवाल पूछ सकती है।'

भसीन बताते हैं कि अगर क्रिप्टोकरेंसी में किए गए सभी तरह के निवेश के बजाय आंशिक निवेश की ही सूचना दी जाती है तो 50 फीसदी जुर्माना लगाया जा सकता है। अगर किसी भी तरह की जानकारी साझा करने से कन्नी काट ली जाए तो 200 फीसदी जुर्माना लगाया जाता है। इसके अलावा संदेह होने पर आयकर विभाग किसी भी व्यक्ति से पूछताछ कर उसकी आय के बारे में जानकारी मांग सकता है। वह कहते हैं, 'आयकर कानून की धारा 131 के तहत की गई पूछताछ में कोई जवाब नहीं देने पर धारा 132 के तहत विभाग छापा मार सकता है।'

अगर निवेशक विदेशी एक्सचेंजों पर क्रिप्टोकरेंसी में कारोबार कर रहे हैं तो उन्हें अतिरिक्त सतर्कता की आवश्यकता है। डालमिया बताते हैं, 'विदेशी एक्सचेंजों पर कारोबार के मामले में आयकर कानून के साथ साथ विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) की धाराएं भी लगती है। अगर इन परिसंपत्तियों या निवेश का खुलासा नहीं किया जाता है तो काला धन (अज्ञात विदेशी आय तथा परिसंपत्ति) एवं कर अधिनियम 2015 की धारा 49 के तहत दंड दिया जा सकता है।' भारत सरकार ने दूसरे देशों के साथ इस तरह के कई समझौते भी किए हैं। भसीन बताते हैं, 'भारत सरकार के 103 देशों के साथ समझौते हैं जिसमें क्रिप्टोकरेंसी के लिए लोकप्रिय माल्टा, एस्टोनिया और ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड भी शामिल हैं। केंद्र इन सभी देशों से अपने नागरिकों द्वारा किए गए लेनदेन का ब्योरा मांग सकती है।'

भारत में फिलहाल क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है, लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक सभी बैंकों को इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खाते बंद करने का आदेश दे चुका है। इसलिए निवेशकों को काफी सावधानी बरतने की आवश्यकता है। अभी तक के सभी लेनदेनों का विवरण एक जगह इक_ïा करें ताकि जरूरत पडऩे पर आसानी से इसका उपयोग किया जा सके। एक्सचेंजों से समय-समय पर निवेश संबंधी रिपोर्ट डाउनलोड कर उसे अपने रिकॉर्ड में शामिल करें। अगर आपने इससे पहले कभी आयकर रिटर्न में क्रिप्टोकरेंसी का खुलासा नहीं किया है तो पिछले क्रिप्टोकरेंसी की भारत में स्थिति और निवेशकों का भविष्य वर्षों का संशोधित रिटर्न भरा जा सकता है। भसीन बताते हैं कि इसके लिए 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाता है और 1 फीसदी प्रतिमाह की दर से ब्याज भी वसूला जाता है।

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