CBI conducting searches against brokers at more than 10 locations in Delhi, Mumbai, Kolkata, Gandhinagar, Noida and Gurugram in connection with the NSE co-location scam case: Sources— ANI (@ANI) May 21, 2022

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का मुख्यालय कहां है?

Explanation : नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (National Stock Exchange) का मुख्यालय दक्षिण मुंबई में वर्ली में स्थित है। इसकी स्थापना 1992 में देश में पहले डीमैटरियलाइज्ड इलेक्ट्रॉनिक एक्सचेंज के रूप में हुई थी। जिसकी संस्तुति 1991 में 'फेरवानी समिति' (Pherwani Committee) ने की थी। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज एक इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म है जहां स्टॉक, डेरिवेटिव, बांड, ETF आदि जैसे विभिन्न वित्तीय नेशनल स्टॉक एक्सचेंज साधन उपलब्ध हैं। बता दे कि वर्ष 1992 तक, 'बंबई स्टॉक एक्सचेंज' (BSE) भारत में सबसे लोकप्रिय स्टॉक एक्सचेंज था। बीएसई फ्लोर-ट्रेडिंग एक्सचेंज के रूप में कार्य करता था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना देश के पहले डिम्युचुअलाइज्ड स्टॉक एक्सचेंज के रूप में हुई थी। यह तकनीकी रूप से उन्नत, स्क्रीन-आधारित ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (बीएसई के फ्लोर-ट्रेडिंग के विपरीत) को पेश करने वाला भारत का पहला स्टॉक एक्सचेंज भी था। यह स्क्रीन-आधारित ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म भारत में एक्सचेंज बिजनेस में क्रांति लेकर आया। जिसके कारण एनएसई भारत में व्यापारियों/निवेशकों का पसंदीदा स्टॉक एक्सचेंज बन गया।. अगला सवाल पढ़े

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नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की पूरी जानकारी | National Stock Exchange – NSE in Hindi

National Stock Exchange (of India) – NSE in hindi – नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनएसई) मुंबई में स्थित भारत का अग्रणी स्टॉक एक्सचेंज है. NSE को 1992 में देश में पहली डिम्यूट्यूलाइज्ड इलेक्ट्रॉनिक एक्सचेंज ( Demutualized Electronic Exchange ) के रूप में स्थापित किया गया था.

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) - National Stock Exchange (NSE)

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) - National Stock Exchange (NSE)

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज भारत का सबसे बड़ा और तकनीकी रूप से अग्रणी स्टॉक एक्सचेंज है। यह मुंबई में स्थित है। इसकी स्थापना 1992 में हुई थी। कारोबार के लिहाज से यह विश्व का तीसरा सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। इसके वीसैट (VSAT) टर्मिनल भारत के 320 शहरों तक फैले हुए हैं। एनएसई की इंडेक्स निफ्टी 50 का उपयोग भारतीय पूंजी बाजारों के बैरोमीटर के रूप में भारत और दुनिया भर के निवेशकों द्वारा बड़े पैमाने पर किया जाता है। एनएसई का कॉपोरेट ढांचा

एनएसई का शेयर सूचकांक

निफ्टी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक है. निफ्टी क्या है और इसे कैसे गिनते हैं

इस बारे में हिंदी में लेख. NIFTY in Hindi, निफ्टी क्या है और इसे कैसे गिनते हैं? निफ्टी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध 50 प्रमुख शेयरों का सूचकांक है. निफ्टी दो शब्दों को मिला कर बना है NATIONAL और FIFTY. इससे यह प्रतीत होता है कि निफ्टी शब्द नेशनल स्टॉक एक्सचेंज नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध सर्वोच्च पचास शेयरों पर आधारित है. निफ्टी की चाल से आपको बाजार की चाल का हाल मालूम हो जाता है. यदि निफ्टी में तेजी है तो आप मान सकते हैं कि बाजार में भी तेजी है. यदि निफ्टी में गिरावट है तो आप मान सकते हैं कि बाजार में भी गिरावट है. हालांकि निफ्टी केवल पचास शेयरों की कीमत के आधार पर ही गिना जाता है फिर भी निफ्टी की दिशा बाजार की दिशा का भी संकेत देती है.

NSE Co-Location Scam Case: सीबीआई ने 10 ठिकानों पर चलाया तलाशी अभियान, दिल्ली-मुंबई समेत यहां हुई कार्रवाई

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NSE Co-Location Scam Case: सीबीआई ने एनएसई को-लोकेशन घोटाले मामले में शनिवार को बड़ी कार्रवाई की। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एजेंसी के अधिकारी मुंबई, गांधीनगर, दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम और कोलकाता समेत 10 से अधिक स्थालों में तलाशी ले रहे है। सभी ठिकाने मामले में संबंधित दलालों के हैं। एक अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की पूर्व सीईओ और एमडी चित्रा रामकृष्ण और समूह संचालन अधिकारी आनंद सुब्रमण्यम के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है।

सेकेंडरी पीओपी सर्वर से जोड़ा था

उन्होंने कहा, 'जांच से अबतक पता चला है कि 2010 से 2015 तक रामकृष्ण एनएसई के मामलों का प्रबंधन कर रहे थे। ओपीजी सिक्योरिटीज प्राथमिकी के आरोपियों में से एक फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस में 670 कारोबारी दिनों में सेकेंडरी पीओपी सर्वर से जुड़ा था।' सीबीआई ने एनएसई के अधिकारियों द्वारा कुछ दलालों को तरजीह देने और रामकृष्ण व सुब्रमण्यम के कार्यकाल के दौरान इससे हुए अनुचित लाभ के आरोपों की जांच को खुला रखा है।

CBI conducting searches against brokers at more than 10 locations in Delhi, Mumbai, Kolkata, Gandhinagar, Noida and Gurugram in connection with the NSE co-location scam case: Sources

— ANI (@ANI) May 21, 2022

मोटे पैकेज पर की फर्जी नियुक्ति

अधिकारियों ने कहा कि रामकृष्ण ने 2013 में पूर्व सीईओ रवि नारायण की जगह ली थी। उन्होंने सुब्रमण्यम को अपना सलाहकार नियुक्त किया था। जिन्हें वार्षिक 4.21 करोड़ रुपए के वेतन पर ग्रुप संचालन अधिकारी के रूप में पदोन्नत किया गया था। सुब्रमण्यम की विवादास्पद नियुक्ति और बाद में प्रमोशन, महत्वपूर्ण निर्णयों के अलावा, एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा निर्देशित किया गया था।

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एनएसई सर्वर का किया गलत इस्तेमाल

अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई ने 2018 में दिल्ली स्थित ओपीजी सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड के मालिक और प्रमोटर, स्टॉक ब्रोकर संजय गुप्ता को स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग सिस्टम तक जल्दी पहुंच प्राप्त करने के आरोप में बुक किया था। यह भी आरोप लगाया गया था कि निजी कंपनी के मालिक और प्रमोटर ने एनएसई के अज्ञात अधिकारियों के साथ साजिश में एनएसई के सर्वर आर्किटेक्चर का दुरुपयोग किया।

SEBI ने BSE और NSE पर लगाया पांच करोड़ का जुर्माना, Karvy मामले में लापरवाही का है आरोप

Sebi Penalises NSE and BSE on Laxity in Karvy Stock Brocking Case

Karvy Stock Broking घोटाले में लापरवाही बरतने को लेकर पूंजी बाजार नियामक SEBI ने नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज और BSE पर 5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। BSE पर तहन करोड़ और NSE पर दो करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

नई दिल्ली, पीटीआइ। पूंजी बाजार नियामक SEBI ने BSE और NSE पर जुर्माना लगाया है। दोनों पर यह जुर्माना ब्रोकरेज फर्म कार्वी स्टाक ब्रोकिंग लिमिटेड के घोटाले से जुड़ा है। दोनों स्टाक एक्सचेंजों पर आरोप है कि उन्होंने कार्वी द्वारा ग्राहकों के 2300 करोड़ रुपये की सिक्योरिटीज के गलत तरीके से इस्तेमाल को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। सेबी ने बीएसई पर तीन करोड़ रुपये और एनएसई पर दो करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। यह पूरा मामला कार्वी स्टाक ब्रोकिंग द्वारा अपने ग्राहकों की सिक्योरिटीज के दुरुपयोग से जुड़ा है।

Sula Vineyards IPO Allotment today (Jagran File Photo)

कार्वी ने अपने 95 हजार से अधिक ग्राहकों की 2300 करोड़ रुपये की सिक्योरिटीज को सिर्फ एक डीमैट खाते से गिरवी रखा। ब्रोकरेज फर्म ने खुद और अपने ग्रुप की कंपनियों के लिए इसे गिरवी रखकर आठ बैंकों/एनबीएफसी से 851.43 करोड़ रुपये का फंड जुटाया। इस मामले में सेबी ने एनएसई और बीएसई के साथ मिलकर जून 2019 से जांच शुरू की। एनएसई ने एक फोरेंसिक आडिटर नियुक्त किया और सेबी के पास नवंबर 2019 में एक प्रारंभिक रिपोर्ट दाखिल की। इस रिपोर्ट के आधार पर सेबी ने एक अंतरिम आदेश जारी किया और फिर एक और आदेश जारी किया।

FPIs invest Rs 10555 cr in equities in December (Jagran File Photo)

2019 के अपने आदेश में सेबी ने डिपाजिटरीज को एनएसई की निगरानी में एक डीमैट खाते से नेशनल स्टॉक एक्सचेंज उन सभी ग्राहकों के खाते में सिक्योरिटी ट्रांसफर करने का आदेश दिया, जिन्होंने पूरा भुगतान किया था। इसके बाद ग्राहकों को सिक्योरिटीज लौटाई गई। दिसंबर 2019 में नेशनल सिक्योरिटीज डिपाजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) ने एलान किया था कि कार्वी स्टाक ब्रोकिंग डीमैट अकाउंट से 82559 ग्राहक को सिक्योरिटीज लौटा दी गई हैं। इसके बाद एनएसई ने नवंबर 2020 में कहा था कि कार्वी के निवेशकों के 2300 नेशनल स्टॉक एक्सचेंज करोड़ रुपये की सिक्योरिटीज और फंड से जुड़े मामले को हल कर लिया गया है। अब इस मामले में मंगलवार को सेबी ने फिर आदेश जारी कर एनएसई और बीएसई पर जुर्माना लगाया है।

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