आधिकारिक सूत्रों ने आगे कहा, "वे क्रिप्टो सिक्कों की खरीद और बिक्री के लिए सुविधा मध्यस्थ सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। इन सेवाओं पर 18 प्रतिशत की जीएसटी दर लागू होती है, जिससे ये सभी बच रहे हैं। ये सेवा प्रदाता बिटकॉइन का आदान-प्रदान करने के लिए अपनी सुविधा के लिए एक कमीशन ले रहे थे, लेकिन जीएसटी कर का भुगतान नहीं कर रहे थे। इन लेन-देन को डीजीजीआई द्वारा इंटरसेप्ट किया गया था और उन्हें ऐसे सबूतों के साथ पेश किया गया था जो जीएसटी का भुगतान न क्रिप्टोक्यूरेंसी जमा और लेनदेन करने को साबित करते थे।

क्रिप्टो बैन: सही कदम या भूल

भारत में इन दिनों क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चर्चा हरेक की जुबान पर है भले ही उसने इसमें कभी निवेश किया हो या नहीं. अब सरकार इस पर कानून लाने वाली है, लेकिन यह काम भी बड़ा उलझन भरा है. जाानिए क्यों?

भारतीय संसद के इस हफ्ते शुरू हुए शीतकालीन सत्र की खास बात कृषि या विकास संबंधी परियोजनाएं न होकर एक ऐसी करेंसी या मुद्रा रही जो न देखी जा सकती है, न छुई जा सकती है और जिसकी कीमत तेजी से घटती-बढ़ती रहती है. इसे क्रिप्टोकरेंसी या डिजिटल करेंसी कहते हैं, जिस पर सरकार या बैंक का नियंत्रण नहीं होता है. यह करेंसी ब्लॉकचेन तकनीक पर बनी होती है, जो किसी डेटा को डिजिटली सहेजता है.

अब जो करेंसी किसी के नियंत्रण में नहीं है, उस पर सरकार कानून कैसे ला सकती है? इसका जवाब हां और ना दोनों है. भले ही सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई कानून न बनाया हो, लेकिन भारत का आयकर विभाग क्रिप्टो निवेश पर होने वाली इनकम पर टैक्स लेता है. हालांकि क्रिप्टो टैक्स के नियम ज्यादा साफ नहीं हैं, लेकिन अगर किसी निवेश पर टैक्स लिया जा रहा है तो इसका मतलब है कि सरकार उसे आय का स्रोत मान रही है.

दूसरा क्रिप्टोक्यूरेंसी जमा और लेनदेन पक्ष यह है कि सरकार इसे पेमेंट का माध्यम मानने से इनकार कर रही है. हाल ही में संसद की ओर से जारी एक बुलेटिन में कहा गया कि बिटकॉइन या इथेरियम जैसी अन्य क्रिप्टोकरेंसी को करेंसी का दर्जा नहीं दिया जा सकता है. यानि इनसे कोई भी दूसरा सामान नहीं खरीदा जा सकेगा.

नुकसानदेह हो सकता है सरकार का रवैया

सरकार की यह हिचक लंबे अर्से में नुकसान ही कराएगी क्योंकि कई छोटे-बड़े देशों ने क्रिप्टोकरेंसी को पेमेंट का माध्यम मान लिया है. मसलन, अमेरिका स्थित दुनिया के सबसे बड़े मूवी थिएटर चेन एएमसी ने कुछ क्रिप्टोकरेंसी से पेमेंट किए जाने को मंजूरी दे दी है. वहीं, कोरोना महामारी से बुरी तरह तबाह हो चुके टूरिज्म बिजनेस को दोबारा खड़ा करने के लिए थाइलैंड ने क्रिप्टो निवेशकों का स्वागत करते हुए कहा है कि वे उनके यहां आकर क्रिप्टो के जरिए सामान खरीद सकते हैं.

प्राइवेट बैंकों ने तो एटीएम भी लगा रखा हैतस्वीर: Christian Beutler/picture alliance/KEYSTONE/dpa

हालांकि, भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी को एसेट क्लास यानि स्टॉक, बॉन्ड जैसा मानने को तैयार दिख रही है. इसका मतलब है कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी को करेंसी न मानकर निवेश का माध्यम मानने को तैयार है. संसद की ओर से जारी बुलेटिन की एक अन्य टिप्पणी भी भ्रम पैदा करने वाली है. सरकार ने कहा है कि वह प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगा देगी. यह प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी आखिर है क्या? सरकार ने इसे लेकर कोई व्याख्या नहीं दी है. क्रिप्टो जगत में प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी जैसी कोई चीज होती ही नहीं है क्योंकि सारी क्रिप्टोकरेंसी ‘प्राइवेट' ही हैं, ‘पब्लिक' या सरकार के नियंत्रण में तो हैं नहीं.

ब्लॉकचेन तकनीक से परहेज नहीं

एक अन्य मुद्दा जिस पर सरकार का रुख कन्फ्यूज कर रहा है वह है डिजिटल रुपये. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को ब्लॉकचेन तकनीक भा गई है क्योंकि इसकी वजह से रिकॉर्ड को सहेजना और करेंसी को जारी करना आसान है. सरकार को भले क्रिप्टोकरेंसी से दिक्कत हो, लेकिन वह खुद रुपये को डिजिटली जारी करना चाहती है. यानि हो सकता है कि भारतीय रुपया जल्द क्रिप्टोक्यूरेंसी जमा और लेनदेन ही बिटकॉइन या डॉजकॉइन की तरह डिजिटल हो जाए.

हाल के दिनों में सरकार के रवैये ने आम भारतीय क्रिप्टो निवेशकों को खूब छकाया. भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज जैसे वजीरएक्स और कॉइनडीसीएक्स पर निवेशकों ने जल्दबाजी में अपनी करेंसी बेच डाली. पुराने और मंझे हुए क्रिप्टो निवेशकों ने इसका फायदा उठाया और गिरे हुए भाव पर दाव लगाकर क्रिप्टोकरेंसी को अपनी झोली में डाल लिया. ऐसा ही होता है क्रिप्टोकरेंसी बाजार में, जहां कीमत के गिरने का इंतजार कर रहे निवेशक झट से पैसे लगाकर प्रॉफिट लेकर चले जाते हैं.

कंपनियों को सरकार के फैसले का इंतजार

भारत में स्थित क्रिप्टो कंपनियां फिलहाल सरकार के बिल लाने का इंतजार कर रही हैं. वह कई वर्षों से सरकार के साथ बातचीत कर रही थीं क्योंकि उन्हें मालूम है कि रेगुलेशन और कानून आने से उन्हीं का फायदा होगा और क्रिप्टो को लेकर आम लोगों में विश्वास जगेगा. यही वजह है कि क्रिप्टो बिल को लेकर तमाम अटकलों के बावजूद अरबों की संपत्ति वाला क्रिप्टो एक्सचेंज कॉइनडीसीएक्स अब अपना आईपीओ शेयर बाजार में लाने वाला है. आईपीओ के जरिए उसे विस्तार मिलेगा और वह आम लोगों में अपने शेयर बेचकर धन की उगाही कर सकेगा.

कई देशों में बिटकॉइन के प्रचार की कोशिशें हो रही हैंतस्वीर: Salvador Melendez/AP Photo/picture alliance

भारत को लेकर बड़ी कंपनिया आश्वस्त हैं कि यहां चीन की तरह क्रिप्टो पर बैन लगाकर तानाशाही नहीं चलेगी. एनालिटिक फर्म चेनएनालिसिस ने भी भारत को क्रिप्टो का हब करार दिया है, जो बिना किसी गाइडलाइंस के देश ने हासिल किया है. यह बड़ी उपलब्धि है और सरकार को इसे गंवाना नहीं चाहिए.

फिलहाल सरकार को ब्लॉकचेन तकनीक से कोई दिक्कत नहीं, न ही क्रिप्टोकरेंसी इनकम पर मिलने वाले टैक्स से. लेकिन विडंबना यह है कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने को भी आतुर है. यह वही बात हो गई है कि कमरे में हाथी रखा है और सबने उसकी अपनी तरह से व्याख्या की है. भारत सरकार को क्रिप्टोकरेंसी पर व्यापक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए. एक ऐसा देश जो आईटी सेक्टर का हब हो, जहां 50 करोड़ इंटरनेट यूजर्स हो और जिसने डिजिटल इंडिया का ख्बाव देखा हो, वह ब्लॉकचेन और क्रिप्टोकरेंसी के उदय के दौर में पिछड़ कर रह जाएगा.

ये भी देखिए: बिटकॉइन कैसे काम करता है और यह किस काम आता है

DGGI Raids Cryptocurrency Firms: DGGI ने क्रिप्टोकरेंसी फर्मों पर मारा छापा मारा; 70 करोड़ रुपये जब्त

जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय ने कर चोरी के आरोप में क्रिप्टोकरेंसी फर्मों पर नकेल कसते हुए शनिवार को आधा दर्जन से ज्यादा कार्यालयों में छापेमारी की है।

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DGGI Raids Cryptocurrency Firms: कर चोरी के आरोप में क्रिप्टोकरेंसी फर्मों पर नकेल कसते हुए जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय ने शनिवार को भारत भर में क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज फर्मों के आधा दर्जन कार्यालयों पर छापे मारे। सूत्रों के अनुसार, मुंबई सीजीएसटी और डीजीजीआई द्वारा क्रिप्टोकरेंसी व्यापार पर कार्रवाई के दौरान लगभग 70 करोड़ रुपये की कर चोरी का पता चला है। एजेंसी ने कर चोरी को लेकर उत्तर प्रदेश में राजनीतिक दलों से जुड़ी कई फर्मों पर भी छापेमारी की है।

डीजीजीआई ने क्रिप्टो कार्यालयों पर मारा छापा
क्रिप्टोकरेंसी सेवा प्रदाताओं के लगभग आधा दर्जन कार्यालयों की तलाशी ली गई है। सूत्रों ने एएनआई को बताया है कि डीजीजीआई द्वारा बड़े पैमाने पर माल और सेवा कर (जीएसटी) चोरी का पता चला है। क्रिप्टो वॉलेट और एक्सचेंज ऐसे प्लेटफॉर्म हैं जहां व्यापारी और उपभोक्ता बिटकॉइन, एथेरियम, क्रिप्टोक्यूरेंसी जमा और लेनदेन रिपल आदि जैसी डिजिटल संपत्ति के साथ लेनदेन कर सकते हैं।

आधिकारिक सूत्रों ने आगे कहा, "वे क्रिप्टो सिक्कों की खरीद और बिक्री के लिए सुविधा मध्यस्थ सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। इन सेवाओं पर 18 प्रतिशत की जीएसटी दर लागू होती है, जिससे ये सभी बच रहे हैं। ये सेवा प्रदाता बिटकॉइन का आदान-प्रदान करने के लिए अपनी सुविधा के लिए एक कमीशन ले रहे थे, लेकिन जीएसटी कर का भुगतान नहीं कर रहे थे। इन लेन-देन को डीजीजीआई द्वारा इंटरसेप्ट किया गया था और उन्हें ऐसे सबूतों के साथ पेश किया गया था जो जीएसटी का भुगतान न करने को साबित करते थे।

शुक्रवार को मुंबई जोन के जीएसटी मुंबई ईस्ट कमिश्नरेट ने क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज वजीरएक्स से 40.5 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का पता लगाया और जीएसटी चोरी, ब्याज और जुर्माना से संबंधित नकद में 49.20 करोड़ रुपये की वसूली की। CoinDCX द्वारा किए गए दावे के अनुसार, उनका क्रिप्टो ऐप भारत में बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी को तुरंत खरीदने की अनुमति देता है और इसके 7.5 मिलियन से अधिक उपयोगकर्ता हैं और 7 बिलियन क्रिप्टो खरीदे गए एक करोड़ से अधिक डाउनलोड हैं। जिस वेबसाइट के अनुसार CoinSwitch Kuber ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म ने USD 5 बिलियन से अधिक की प्रक्रिया की है। भारत में दिल्ली-एनसीआर से बाहर स्थित BuyUcoin के एक मिलियन से अधिक उपयोगकर्ता हैं और इसने 800 मिलियन अमरीकी डालर से अधिक का कारोबार किया है।

क्रिप्टोकरेंसी बिल
क्रिप्टोकरेंसी और इसके उपयोग की अंतर्निहित तकनीक क्रिप्टोक्यूरेंसी जमा और लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए 'कुछ अपवादों' के साथ भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को गैरकानूनी घोषित करने के लिए आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2021 के क्रिप्टोकरेंसी और विनियमन को तैयार करने वाली केंद्र की योजना के बीच ये छापे मारे गए। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अपना खुद का डिजिटल पैसा स्थापित करेगा क्योंकि निवेशकों के पैसे की सुरक्षा और क्रिप्टोक्यूरेंसी जमा और लेनदेन इस तरह के निवेश पर भ्रामक मीडिया प्रचार लंबे समय से चिंता का विषय रहा है। व्यापार, खनन और क्रिप्टो जारी करने पर प्रतिबंध लगाने से पहले केंद्र 3-6 महीने की निकास अवधि भी निर्धारित करेगा। विधेयक पर अभी भी चर्चा चल रही है और इसे अभी कैबिनेट की मंजूरी मिलनी बाकी है।

क्रिप्टोकरेंसी का लेनदेन पड़ सकता है महंगा, बिना वारंट हो सकती है डेढ़ साल तक की जेल

नई दिल्ली: संसद में चल रहे शीतकालीन सत्र में सरकार क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सख्त कानून बना सकती है। इस कानून के क्रिप्टोक्यूरेंसी जमा और लेनदेन तहत क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन करने पर गैर जमानती धाराओं में बिना वारंट गिरफ्तारी कर जेल भेजा जा सकता है, साथ ही 20 करोड़ रुपये तक के जुर्माने का भी प्रावधान किया जायेगा।

एक अधिकारी ने कहा कि संसद में पेश होने वाले बिल के अनुसार, क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-बिक्री, जमा करने या होल्ड करने का काम सिर्फ एक्सचेंज के जरिये ही किया जा सकेगा। और किसी भी नियम का उल्लंघन करने पर गैर ज़मानती वारंट पर गिरफ्तारी भी हो सकती है। इस मामले में सरकार डेढ़ साल की सजा और 20 करोड़ रुपये तक जुर्माना लगाने का नियम भी बना सकती है।

सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी के अंधाधुंध विज्ञापनों पर भी रोक लगाने की तैयारी कर ली है, ऐसा इसीलिए क्योंकि इससे निवेशकों को गलत जानकारी देकर उकसाने की शिकायतें सामने आयी हैं। बिल में क्रिप्टोकरेंसी को होल्ड करने वाले वॉलेट पर भी प्रतिबंध लगाया जा सकता है और यह काम सिर्फ एक्सचेंज के जरिये करने की छूट होगी। अनुमान के मुताबिक, करीब दो करोड़ भारतीयों ने क्रिप्टोकरेंसी में 45 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया हुआ है।

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बनने वाले कानून में सरकार निवेशकों को संपत्ति की घोषणा करने और नए नियमों का पालन करने के लिए पर्याप्त समय दे सकती है। इससे स्पष्ट है कि सरकार की मंशा इस पर पूर्ण प्रतिबंध के बजाए नियमन करने की है। बिल में क्रिप्टोकरेंसी के बजाए क्रिप्टोएसेट शब्द का इस्तेमाल किया जाएगा। साथ ही छोटे निवेशकों के हितों की सुरक्षा के लिए निवेश की न्यूनतम क्रिप्टोक्यूरेंसी जमा और लेनदेन सीमा भी तय की जाएगी।

देश में क्रिप्टोकरेंसी का आधार लगातार बढ़ता जा रहा है इसीलिए सरकार निवेशकों को इन जोखिमों से बचने की तैयारी में लगी है। चेनालिसिस की अक्तूबर में जारी रिपोर्ट के अनुसार, जून 2021 तक भारत में क्रिप्टो का बाजार 641 फीसदी बढ़ चुका है।

Cryptocurrency Kya Hai? क्रिप्टोक्यूरेंसी क्या है और यह कैसे काम करती है?

क्रिप्टो करेंसी क्या है

क्रिप्टो करेंसी क्या है? बिटकॉइन पहली और सबसे प्रसिद्ध क्रिप्टोकरेंसी है। क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल या वर्चुअल टोकन हैं जो अपने लेनदेन को सुरक्षित करने और नई इकाइयों के निर्माण को नियंत्रित करने के लिए क्रिप्टोग्राफी का उपयोग करते हैं।

बिटकॉइन 2009 में एक अज्ञात व्यक्ति या लोगों के समूह द्वारा बनाया गया था जो खुद को सातोशी नाकामोटो कहते थे। क्रिप्टोकरेंसी विकेंद्रीकृत हैं , जिसका अर्थ है कि वे सरकार या वित्तीय संस्थान के नियंत्रण के अधीन नहीं हैं।

क्रिप्टो करेंसी क्या है

क्रिप्टो करेंसी क्या है

परिचय : क्रिप्टो करेंसी क्या है और इसे क्यों बनाया गया ?

क्रिप्टोक्यूरेंसी एक डिजिटल या आभासी मुद्रा है जो अपने लेनदेन को सुरक्षित करने और नई इकाइयों के निर्माण को नियंत्रित करने के लिए क्रिप्टोग्राफी का उपयोग करती है। क्रिप्टोकरेंसी विकेंद्रीकृत हैं , जिसका अर्थ है कि वे सरकार या वित्तीय संस्थान के नियंत्रण के अधीन नहीं हैं। बिटकॉइन , पहली और सबसे प्रसिद्ध क्रिप्टोकरेंसी में से एक , 2009 में बनाया गया था।

बिटकॉइन : यह कैसे काम क्रिप्टोक्यूरेंसी जमा और लेनदेन करता है और इसे कहां से खरीदें

क्रिप्टोक्यूरेंसी एक डिजिटल या आभासी मुद्रा है जो अपने लेनदेन को सुरक्षित करने और नई इकाइयों के निर्माण को नियंत्रित करने के लिए क्रिप्टोग्राफी का उपयोग करती है। क्रिप्टोकरेंसी विकेंद्रीकृत हैं , जिसका अर्थ है कि वे सरकार या वित्तीय संस्थान के नियंत्रण के अधीन नहीं हैं। बिटकॉइन , पहली क्रिप्टोक्यूरेंसी , 2009 में बनाई गई थी।

क्रिप्टोकरेंसी का अक्सर विकेन्द्रीकृत एक्सचेंजों पर कारोबार किया जाता है और इसका उपयोग वस्तुओं और सेवाओं को खरीदने के लिए भी किया जा सकता है। बिटकॉइन सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोक्यूरेंसी है और इसे कॉइनबेस और जेमिनी जैसे एक्सचेंजों पर खरीदा जा सकता है। Ethereum, Litecoin और Bitcoin Cash भी लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी हैं जिन्हें विभिन्न एक्सचेंजों पर खरीदा जा सकता है।

एथेरियम : यह क्या है और इसका उपयोग कैसे करें

क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल या वर्चुअल टोकन हैं जो अपने लेनदेन को सुरक्षित करने और नई इकाइयों के निर्माण को नियंत्रित करने के लिए क्रिप्टोग्राफी का उपयोग करते हैं। क्रिप्टोकरेंसी विकेंद्रीकृत हैं , जिसका अर्थ है कि वे सरकार या वित्तीय संस्थान के नियंत्रण के अधीन नहीं हैं। बिटकॉइन , पहली और सबसे प्रसिद्ध क्रिप्टोक्यूरेंसी , 2009 में बनाई गई थी। एथेरियम एक नई क्रिप्टोकरेंसी है जो ब्लॉकचेन तकनीक का भी उपयोग करती है।

क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग वस्तुओं और सेवाओं को खरीदने के लिए किया जा सकता है , या निवेश के रूप में रखा जा सकता है। क्रिप्टोकरेंसी का अक्सर विकेन्द्रीकृत एक्सचेंजों पर कारोबार किया जाता है और इसका उपयोग नई क्रिप्टोकरेंसी बनाने के लिए भी किया जा सकता है।

लाइटकॉइन : एक संक्षिप्त क्रिप्टोक्यूरेंसी जमा और लेनदेन अवलोकन

क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल या वर्चुअल टोकन हैं जो अपने लेनदेन को सुरक्षित करने और नई इकाइयों के निर्माण को नियंत्रित करने के लिए क्रिप्टोग्राफी का उपयोग करते हैं। क्रिप्टोकरेंसी विकेंद्रीकृत हैं , जिसका अर्थ है कि वे सरकार या वित्तीय संस्थान के नियंत्रण के अधीन नहीं हैं। बिटकॉइन , पहली और सबसे प्रसिद्ध क्रिप्टोक्यूरेंसी , 2009 में बनाई गई थी।

क्रिप्टोकरेंसी का अक्सर विकेन्द्रीकृत एक्सचेंजों पर कारोबार किया जाता है और इसका उपयोग वस्तुओं और सेवाओं को खरीदने के लिए भी किया जा सकता है। बिटकॉइन सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोक्यूरेंसी है , लेकिन लिटकोइन , रिपल , एथेरियम और बिटकॉइन कैश सहित हजारों अन्य हैं। क्रिप्टोकरेंसी अक्सर अस्थिर होती हैं और बड़ी कीमतों में उतार – चढ़ाव का अनुभव कर सकती हैं।

निष्कर्ष

अंत में , क्रिप्टोक्यूरेंसी एक डिजिटल या आभासी मुद्रा है जो अपने लेनदेन को सुरक्षित करने और नई इकाइयों के निर्माण को नियंत्रित करने के लिए क्रिप्टोग्राफी का उपयोग करती है। क्रिप्टोक्यूरेंसी विकेंद्रीकृत है , जिसका अर्थ है कि यह सरकार या वित्तीय संस्थान के नियंत्रण के अधीन नहीं है। यह कई उपयोगकर्ताओं के लिए एक आकर्षक विकल्प बनाता है जो पारंपरिक मुद्रा के विकल्प की तलाश में हैं। जबकि क्रिप्टोकुरेंसी अभी भी अपने शुरुआती चरण में है , इसमें हमारे सोचने और पैसे का उपयोग करने के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव करने की क्षमता है।

भारत के दिग्गज क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स | What are some of the crypto trading platforms in India

भारत के दिग्गज क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 2018 में भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। हालांकि, पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने क्रिप्टोक्यूरेंसी जमा और लेनदेन इस प्रतिबंध को हटा दिया था। यह भारतीय निवेशकों खासकर डिजिटल रूप से कुशल लोगों के लिए स्वागत योग्य कदम था। क्रिप्टो बाजार में निवेश और व्यापार में व्यस्त भारतीयों के साथ साथ क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म और बिटकॉइन एक्सचेंजों की बढ़ती संख्या इस बात की गवाही देती है।

बिनेंस एक्सचेंज को दुनिया का सबसे बड़ा क्रिप्टो प्लेटफॉर्म माना जाता है, लेकिन भारत में भी कुछ लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज प्लेटफॉर्म हैं।

  • वज़ीरएक्स एक भारतीय बिटकॉइन और क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज है जहां आप इथीरियम, रिप्पल, लिटकॉइन और बिटकॉइन में ट्रेडिंग कर सकते हैं। हालांकि इसके लिए आपको स्पॉट प्लेटफॉर्म पर 0.2% चार्ज देना होगा। वज़ीरएक्स के दावों की मानें तो इसकी प्रमुख विशेषताओं में शामिल है इसका इस्तेमाल करना आसान है, लेन-देन तेजी के साथ होता है और विश्वस्तरीय सुरक्षा इंतजाम है। वज़ीरएक्स पी2पी ट्रांजैक्शन की भी सुविधा प्रदान करता है।
    भारत में शीर्ष क्रिप्टो एक्सचेंजों में शामिल है, खासकर नौसिखिये लोगों के लिए। आप इसके ग्राहकों के अनुकूल प्लेटफॉर्म पर तत्काल लेनदेन के माध्यम से अपना क्रिप्टो पोर्टफोलियो बना सकते हैं। विशेषज्ञ ट्रेडर कॉइन डीसीएक्स का उपयोग सिंगल एक्सेस के माध्यम से और बहुत कम स्प्रेड के साथ कर सकते हैं। उपयोगकर्ता 0.1% ट्रेडिंग शुल्क देकर 250 से अधिक क्रिप्टोकरेंसी में इसके स्पॉट ट्रेडिंग, मार्जिन और फ्यूचर प्लेटफॉर्म पर खरीद और बिक्री कर क्रिप्टोक्यूरेंसी जमा और लेनदेन सकते हैं। आप इसकी विकेन्द्रीकृत उधार सेवा में भी निवेश कर सकते हैं। का उपयोग 15 लाख से अधिक लोग करते हैं और यह भारत में सबसे पुराने क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म में से एक है। यह ऑफलाइन डेटा स्टोरेज और टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन के साथ सुरक्षा का भरोसा देता है। यूपीआई और बैंक हस्तांतरण की भी अनुमति है। हालांकि, बिटकॉइन ट्रेडिंग चार्ज 0.7% वसूला जाता है जो कि काफी अधिक है।
    नौसिखियों के लिए एक अन्य लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है। यह ग्रेड-ए सुरक्षा का दावा करता है और ऑफ़लाइन कोल्ड स्टोरेज में 95% स्टोरेज के अभ्यास का पालन करता है। बिटबन्स बिटकॉइन बेचने और खरीदने के लिए यूपीआई और बैंकिंग हस्तांतरण की सुविधा देता है और साथ ही पी2पी जमा भी स्वीकार करता है। इसका ट्रेडिंग शुल्क 0.03% से 0.25% तक है। क्रिप्टोकरेंसी को सुरक्षित रूप से भेजने और प्राप्त करने के लिए एक क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है जो कि वॉलेट सेवा भी प्रदान करता है। यह 2014 से क्रिप्टोकरेंसी बाजार में है और इसने 30 लाख से अधिक ग्राहकों को सेवा प्रदान की है। एक अतिरिक्त सुरक्षा सुविधा के रूप में ज़ेबपे में आउटगोइंग लेनदेन को अक्षम करने की सुविधा है। बनाने वाले पर ट्रेडिंग शुल्क 0.15%, लेने वाले पर 0.25% और इंट्राडे पर 0.1% है।

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 2018 में भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। हालांकि, पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रतिबंध को हटा दिया था। यह भारतीय निवेशकों खासकर डिजिटल रूप से कुशल लोगों के लिए स्वागत योग्य कदम था। क्रिप्टो बाजार में निवेश और व्यापार में व्यस्त भारतीयों के साथ साथ क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म और बिटकॉइन एक्सचेंजों की बढ़ती संख्या इस बात की गवाही देती है।

बिनेंस एक्सचेंज को दुनिया का सबसे बड़ा क्रिप्टो प्लेटफॉर्म माना जाता है, लेकिन भारत में भी कुछ लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज प्लेटफॉर्म हैं।

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