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Quantitative Analysis (Hindi)

क्या होता अगर आप नंबर क्रंच कर के पैसा कमा सकते ? हाँ, यदि आपको नंबर्स कैल्कुलेट करना पसंद है तो आप पैसा कमा सकते हैं। क्वांटिटेटिव एनालिसिस से कंपनी की फाइनेंशियल स्टेटमेंट को समझकर आने वाले समय मे उसकी स्थिरता के बारे मे अंदाज़ा लगाया जा सकता है। यह कोर्स आपको यह समझने मे मदद करेगा कि कंपनियों के विकास कि संभावनाओं का मूल्यांकन उनके फाइनेंशियल बुक्स को देखना क्यों आवश्यक है।

Course Outline

  • फाइनेंशियल स्टेटमेंट को समझना
  • फंडामेंटल एनालिसिस
  • वैल्यूएशन एनालिसिस
  • बिहेवोरियल एनालिसिस

About Course

क्या आप भी नंबर और स्टैटिस्टिक्सका विश्लेषण करना पसंद करते हैं ?क्या होगा अगर हम आपको बताएं कि नंबर और स्टैटिस्टिक्सके विश्लेषण से आपको पैसा बनाने मे मदद मिल सकती है? इन्वेस्टिंग से पहले कई प्रकार के रिसर्च किए जाते हैं उनमे से एक है क्वांटिटेटिव एनालिसिस।इसमे मुख्य रूप से फाइनेंशियल रेश्यो, बैलेंस शीट,कैश फ्लो स्टेटमेंट,और अन्य फाइनेंशियल पैरामीटर का विश्लेषण होता है जो सेंटिमेंट और पर्सनल बायस को अलग रखकर कंपनी कि स्थिरता को दर्शाता है और उस कंपनी के भविष्य मे विकास कि संभावनाओं का अनुमान लगाने मे मदद करता है।

हालांकि अगला सवाल है कि यह विश्लेषण कैसे किया जाए ?कंपनी कि पास्ट परफॉर्मेंस और स्टॉक मार्केट डेटा को कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है ?हमने इस कोर्स मे इसी विषय पर चर्चा की है। हमने बताया है की कैसे आप इन नंबर्स के जरिए मार्केट मे मौजूद बेहतरीन कंपनियों की तलाश कर सकते हैं। आप सीखेंगे की कैसे इन कैल्कुलेशन को एक सही जगह लगाया जाए जिससे सर्वोत्तम परिणाम निकल कर आए। यह कोर्स डीटेल मे है और समझने मे आसान है जिसके माध्यम से आप नंबर्स का सही उपयोगकरना सीखेंगे।

What you will get?

Course Syllabus

फ़ाइनेंशियल स्टेट्मेंट को समझना

  • अकाउंटिंग इक्वेशन
  • बैलेन्स शीट - 1
  • बैलेन्स शीट -2
  • प्रोफ़िट एंड लॉस स्टेट्मेंट (Profit & Loss Statement)
  • कैश फ़्लो स्टेट्मेंट (Cash Flow Statement)

फंडामेंटल एनालिसिस

  • प्रोफ़िटेबिलिटी रेश्योस (Profitability Ratio) I
  • प्रोफ़िटेबिलिटी रेश्योस (Profitability Ratio) II
  • ऐक्टिविटी रेश्यो (Activity Ratio)
  • लिक्विडिटी रेश्यो
  • सॉल्वेन्सी रेश्यो
  • लैवरेज
  • कॉर्पोरेट एक्शन्स
  • अर्निंग पर शेयर (Earning Per Share)

वैल्यूएशन एनालिसिस

  • वैल्यूएशन रेश्यो
  • नेट वर्थ, मार्केट वैल्यू और एंटरप्राइस वैल्यू
  • वैल्यूएशन मैथड – 1
  • वैल्यूएशन मैथड – 2
  • वैल्यूएशन – उदाहरण

बिहेवोरियल एनालिसिस

  • साय्कोलॉजिकल बायस – 1
  • साय्कोलॉजिकल बायस – 2

Need answers? Find them here

What are the prerequisites required for this course?

There are no prerequisites for the course. However, it would be helpful if you first watch ' “Why should you invest in stock market’' as it would help you understand the basics of investing.

What is the duration of this course?

It's slow and it's steady; buckle up, and get ready. This course falls under the Marathon category and can be completed in a duration of 2-3 hrs.

What will be covered in this course?

In the course, we have discussed financial statements, financial ratios in detail. Apart from the financial metric we have also discussed the behavioural biases that people should avoid while investing.

Do I need to install any specific software for this course?

No, you do not need to install any specific software for this course. However, it is advised for a user to have an active Internet connection and an फंडामेंटल एनालिसिस कोर्स updated web browser for a seamless learning experience.

What is the validity of this course?

Finology provides you with an opportunity to access all its tools and courses at a minimal price of Rs 499 a month. Hence, you can access this course as long as your subscription is active.

About Finology Quest

Quest is a 101 guide for anyone who wants to learn investing. The aim of these online finance courses is to make people financially literate and to make them understand the essential financial concepts and learn company analysis, so that one can know how to create & grow their wealth in the stock market.

Why choose Quest?

Quest will make you aware about investing and the secret to growing wealth. As against popular opinion, you do not always need to earn more money to be rich. In fact, financial awareness is the key to wealth creation & Quest will help you to make this journey simpler. The courses in Quest are easy to understand and explained using close-to-reality scenarios which makes learning fun and relatable. Plus, you can access it anytime and anywhere on the go, which is a cherry on the top!

For whom the Quest is?

Quest is for anybody who wants to enjoy learning finance and investing on the go. The aim of Quest is to make people financially aware. So, if you are someone making your babysteps into the markets, look no further. From personal finance to investing, Quest is your one-stop platform for almost everything finance!

The companies discussed on this website are solely for educational purposes and should not be construed as investment advice. We may or may not hold positions in any or all of these companies. However, these aren't recommendations and hence, we held no responsibility for any consequences of investment actions based on these videos.

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क्या है टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस? शेयर बाजार में पैसा कमाने के लिए जरूरी है ये ज्ञान, जानें इसे कैसे सीखें

शेयर बाजार में निवेश के लिए जरूरी है टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस की समझ

टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस में किसी भी शेयर या कंपनी के पिछले और वर्तमान प्रदर्शन के आधार पर भविष्य की संभावना का अ . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : November 03, 2022, 11:42 IST

हाइलाइट्स

टेक्निकल एनालिसिस में इंडिकेटर के जरिए स्टॉक के प्राइस की मूवमेंट का अंदाजा लगाया जाता है.
फंडामेंटल एनालिसिस में किसी भी कंपनी के बिजनेस मॉडल और ग्रोथ स्टोरी का अध्ययन किया जाता है.
टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस सीखने के लिए कई बुक, कोर्स और ऑनलाइन कंटेंट उपलब्ध है.

नई दिल्ली. शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले इसकी पर्याप्त समझ होनी चाहिए. किसी भी स्टॉक को खरीदने के लिए उसके बारे में अच्छे से अध्ययन करना होता है और यह दो तरीकों टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस के जरिए किया जाता है. लेकिन, आम निवेशक को इसके बारे में ज्यादा समझ नहीं होती है लेकिन बाजार में सक्रिय रूप से काम करने वाले निवेशक और मार्केट एक्सपर्ट्स इसकी गहरी समझ रखते हैं. हालांकि, टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस की समझ विकसित करना ज्यादा मुश्किल नहीं है.

आइये जानते हैं कि आखिर टेक्निकल और फंटामेंटल एनालिसिस क्या है और कैसे इसके बारे में समझ विकसित करके शेयर बाजार में सक्रिय निवेशक के तौर पर काम किया जा सकता है. इन दोनों तरीकों से आप शेयर की कीमत का सही अनुमान और भविष्य से जुड़ी संभावनाओं के बारे में पता लगा सकते हैं, साथ ही स्टॉक कब खरीदें और कब बेचें, यह निर्णय लेने में भी आपको मदद मिलेगी.

क्या है टेक्निकल एनालिसिस?

टेक्निकल एनालिसिस में किसी भी शेयर के चार्ट को देखकर उसकी डेली, वीकली और मंथली मूवमेंट और प्राइस के बारे में जानकारी हासिल की जाती है. चार्ट के जरिए सबसे शेयर के सपोर्ट और रेजिस्टेंस देखा जाता है. यहां सपोर्ट से मतलब है कि स्टॉक कितनी बार किसी एक खास भाव से ऊपर की ओर गया है. ज्यादातर एनालिस्ट सपोर्ट लेवल पर ही खरीदी की सलाह देते हैं.

वहीं, रेजिस्टेंस का मतलब है कि कोई स्टॉक कितनी बार किसी एक भाव से फिर से नीचे की ओर लौटकर आया है. अगर कोई शेयर अपने रेजिस्टेंस को तोड़कर ऊपर की ओर जाता है तो इसे ब्रेकआउट कहते हैं यानी कि अब शेयर का भाव और बढ़ेगा. इसके विपरीत, यदि स्टॉक सपोर्ट लेवल को तोड़ देता है तो उसके नीचे जाने की संभावना ज्यादा रहती है.

टेक्निकल एनालिसिस में अहम इंडिकेटर
टेक्निकल एनालिसिस में इंडिकेटर अहम टूल्स होते हैं. दरअसल ये शेयर की मूवमेंट को लेकर अहम संकेत देते हैं. इनमें मूविंग एवरेज, RSI, MACD, सुपर ट्रेंड और बोलिंजर बैंड समेत कई इंडिकेटर्स शामिल हैं. हर इंडिकेटर का अपना महत्व है लेकिन शेयर बाजार में सक्रिय ज्यादातर निवेशक मूविंग एवरेज, MACD और RSI इंडिकेटर को अहम मानते हैं.

मूविंग एवरेज इंडिकेटर के जरिए किसी भी स्टॉक के पिछले 5, 10, 20, 50, 100 और 200 दिन के एवरेज प्राइस का अध्ययन किया जाता है. अलग-अलग टाइम फ्रेम पर स्टॉक के भाव में बढ़त और गिरावट से तेजी व मंदी का अनुमान लगाया जाता है. वहीं, RSI यानी रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स एक ग्राफ के जरिए यह प्रदर्शित करता है कि शेयर में कितनी खरीदारी और बिकवाली हावी है.

फंडामेंटल एनालिसिस क्यों जरूरी?
फंडामेंटल एनालिसिस में किसी भी कंपनी के बिजनेस मॉडल और ग्रोथ स्टोरी का अध्ययन किया जाता है. इसमें मुख्य रूप से कंपनी के फाइनेंशियल्स यानी आर्थिक आंकड़ों पर नजर डाली जाती है. इनमें P/E Ratio और P/B Ratio जैसे रेशियो को देखा जाता है. अगर प्राइस अर्निंग रेशियो की वैल्यू कम है तो इसका मतलब है कि इसमें ग्रोथ की काफी गुंजाइश है. वहीं, प्राइस टू बुक वैल्यू रेशियो कम है तो इसका मतलब हुआ कि स्टॉक अंडरवैल्यूड है.

फंडामेंटल एनालिसिस में कम्पनी की सम्पत्तियों तथा देनदारियों की अध्ययन करके कम्पनी की नेट वैल्यू निकाली जाती है. इसके आधार पर कम्पनी के स्टॉक की कीमत का अनुमान लगाया जाता है. इसमें कम्पनी की डिविडेंड पॉलिसी भी देखी जाती है. इस तरह की स्टडी से अंडरवैल्यूड कंपनियों के बारे में पता लगाया जा सकता है जिनके भविष्य में बेहतर प्रदर्शन करने की संभावना होती है.

कैसे सीखें टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस
टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस के बारे में जानने के बाद अब सवाल उठता है कि यह ज्ञान कहां से लिया या सीखा जाए. टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस के लिए कई बुक्स और इंटरनेट पर ऑनलाइन कंटेंट उपलब्ध है.

इसके अलावा आप नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिक्योरिटी मार्केट (NISM) के जरिए शेयर मार्केट में बतौर रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइज के तौर पर काम करने के लिए कई कोर्सेस ज्वाइन कर सकते हैं. इनमें टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस से जुड़े विषयों को कवर किया जाता है.

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कंपनी के सभी Fundamental Analysis in Hindi | कैसे सीखे

दोस्तों, शेयर मार्किट में Fundamental Analysis और Technical Analysis को सीखना बहुत मुश्किल काम है इसे 1 या 2 दिन में नहीं बल्कि इसे सिखने में 1 वर्ष से ज्यादा लग जाता है. इसलिए हमें यह समस्या का समाधान करने के लिए 1 Fundamental Analysis Series फंडामेंटल एनालिसिस कोर्स सुरु की है. इस series में आपको step by step Fundamental Analysis सिखने को मिलेगा.

इस पोस्ट के लिंक को अपने phone में bookmarks कर लें या URL को कॉपी कर लें, जिससे आप जब भी उस लिंक click करेंगे तो डायरेक्ट इस पोस्ट में पहुच जायेंगे.

यदि आप आर्टिकल को पढना नहीं चाहते है तो हमारे दोवारा recommend कोर्स को ज्वाइन कर सकते है जो काफी सस्ता है. और मार्किट में इस course को सिखने के लिए 50,60,70 हजार रुपय देने होते है. Share Market Courses Online In Hindi language & english

Quantitative Analysis (Hindi)

क्या होता अगर आप नंबर क्रंच कर के पैसा कमा सकते ? हाँ, यदि आपको नंबर्स कैल्कुलेट करना पसंद है तो आप पैसा कमा सकते हैं। क्वांटिटेटिव एनालिसिस से कंपनी की फाइनेंशियल स्टेटमेंट को समझकर आने वाले समय मे उसकी स्थिरता के बारे मे अंदाज़ा लगाया जा सकता है। यह कोर्स आपको यह समझने मे मदद करेगा कि कंपनियों के विकास कि संभावनाओं का मूल्यांकन उनके फाइनेंशियल बुक्स को देखना क्यों आवश्यक है।

Course Outline

  • फाइनेंशियल स्टेटमेंट को समझना
  • फंडामेंटल एनालिसिस
  • वैल्यूएशन एनालिसिस
  • बिहेवोरियल एनालिसिस

About Course

क्या आप भी नंबर और स्टैटिस्टिक्सका विश्लेषण करना पसंद करते हैं ?क्या होगा अगर हम आपको बताएं कि नंबर और स्टैटिस्टिक्सके विश्लेषण से आपको पैसा बनाने मे मदद मिल सकती है? इन्वेस्टिंग से पहले कई प्रकार के रिसर्च किए जाते हैं उनमे से एक है क्वांटिटेटिव एनालिसिस।इसमे मुख्य रूप से फाइनेंशियल रेश्यो, बैलेंस शीट,कैश फ्लो स्टेटमेंट,और अन्य फाइनेंशियल पैरामीटर का विश्लेषण होता है जो सेंटिमेंट और पर्सनल बायस को अलग रखकर कंपनी कि स्थिरता को दर्शाता है और उस कंपनी के भविष्य मे विकास कि संभावनाओं का अनुमान लगाने मे मदद करता है।

हालांकि अगला सवाल है कि यह विश्लेषण कैसे किया जाए ?कंपनी कि पास्ट परफॉर्मेंस और स्टॉक मार्केट डेटा को कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है ?हमने इस कोर्स मे इसी विषय पर चर्चा की है। हमने बताया है की कैसे आप इन नंबर्स के जरिए मार्केट मे मौजूद बेहतरीन कंपनियों की तलाश कर सकते हैं। आप सीखेंगे की कैसे इन कैल्कुलेशन को एक सही जगह लगाया जाए जिससे सर्वोत्तम परिणाम निकल कर आए। यह कोर्स डीटेल मे है और समझने मे आसान है जिसके माध्यम से आप नंबर्स का सही उपयोगकरना सीखेंगे।

What you will get?

Course Syllabus

फ़ाइनेंशियल स्टेट्मेंट को समझना

  • अकाउंटिंग इक्वेशन
  • बैलेन्स शीट - 1
  • बैलेन्स शीट -2
  • प्रोफ़िट एंड लॉस स्टेट्मेंट (Profit & Loss Statement)
  • कैश फ़्लो स्टेट्मेंट (Cash Flow Statement)

फंडामेंटल एनालिसिस

  • प्रोफ़िटेबिलिटी रेश्योस (Profitability Ratio) I
  • प्रोफ़िटेबिलिटी रेश्योस (Profitability Ratio) II
  • ऐक्टिविटी रेश्यो (Activity Ratio)
  • लिक्विडिटी रेश्यो
  • सॉल्वेन्सी रेश्यो
  • लैवरेज
  • कॉर्पोरेट एक्शन्स
  • अर्निंग पर शेयर (Earning Per Share)

वैल्यूएशन एनालिसिस

  • वैल्यूएशन रेश्यो
  • नेट वर्थ, मार्केट वैल्यू और एंटरप्राइस वैल्यू
  • वैल्यूएशन मैथड – 1
  • वैल्यूएशन मैथड – 2
  • वैल्यूएशन – उदाहरण

बिहेवोरियल एनालिसिस

  • साय्कोलॉजिकल बायस – 1
  • साय्कोलॉजिकल बायस – 2

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What are the prerequisites required for this course?

There are no prerequisites for the course. However, it would be helpful if you first watch ' “Why should you invest in stock market’' as it would help you understand the basics of investing.

What is the duration of this course?

It's slow and it's steady; buckle up, and get ready. This course falls under the Marathon category and can be completed in a duration of 2-3 hrs.

What will be covered in this course?

In the course, we have discussed financial statements, financial ratios in detail. Apart from the financial metric we have also discussed the behavioural biases that people should avoid while investing.

Do I need to install any specific software for this course?

No, you do not need to install any specific software for this course. However, it is advised for a user to have an active Internet connection and an updated web browser for a seamless learning experience.

What is the validity of this course?

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About Finology Quest

Quest is a 101 guide for anyone who wants to learn investing. The aim of these online finance courses is to make people financially literate and to make them understand the essential financial concepts and learn company analysis, so that one can know how to create & grow their wealth in the stock market.

Why choose Quest?

Quest will make you aware about investing and the secret to growing wealth. As against popular opinion, you do not always need to earn more money to be फंडामेंटल एनालिसिस कोर्स rich. In fact, financial awareness is the key to wealth creation & Quest will help you to make this journey simpler. The courses in Quest are easy to understand and explained using close-to-reality scenarios which makes learning fun and relatable. Plus, you can access it anytime and anywhere on the go, which is a cherry on the top!

For whom the Quest is?

Quest is for anybody who wants to enjoy learning finance and investing on the go. The aim of Quest is to make people financially aware. So, if you are someone making your babysteps into the markets, look no further. From personal finance to investing, Quest is your one-stop platform for almost everything finance!

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Stock Market Trading: बेस्ट करियर ऑप्शन में से एक है स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग, जानें कैसे करें कोर्स

Stock Market Trading Courses: यहां जानें स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग में करियर विकल्प क्या हैं और आप इसमें किन योग्यताओं के साथ जॉब कर सकते हैं।

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हाइलाइट्स

  • स्टॉक मार्केट क्यों है बेस्ट करियर ऑप्शन?
  • जानें कोर्स के लिए कौन-सी योग्ताएं हैं जरूरी
  • इस फील्ड में जॉब करने से मिलते हैं कई फायदे
  • आप अपने खुद के मालिक हो सकते हैं।
  • करेक्ट नॉलेज और स्ट्रेटजी के साथ, आप मार्केट से अच्छा पैसा कमा सकते हैं।
  • आप कैश मार्केट (cash market) से डेरिवेटिव मार्केट (derivative market) तक बढ़ सकते हैं और लीवरेज को अपना फ्रेंड बना सकते हैं
  • आप रिसर्चर या ट्रेनर भी बन सकते हैं
  • आप सेबी पंजीकृत निवेश सलाहकार (SEBI registered Investment Advisor) या सेबी पंजीकृत अनुसंधान विश्लेषक (SEBI registered Research Analyst) बन सकता है और कंसल्टिंग कर सकते हैं।
  1. स्टॉकब्रोकर (Stockbroker)
  2. फाइनांशियल एडवाइजर (Financial Advisor)
  3. इनवेस्टमेंट एडवाइजर (Investment Advisor)
  4. पोर्टफोलिया मैनेजमेंट सर्विस (Portfolio Management Services) (PMS)
  5. रिसर्च एनालिस्ट (Research Analyst)
  6. ऑनलाइन स्टॉक ट्रेडिंग (Online Stock Trading)
  7. फाइनांशियल एनालिस्ट (Financial Analyst)
  8. इक्वीटी इनालिस्ट (Equity Analyst (Fundamental/ Technical)
  9. मार्केट रिसर्चर (Market Researcher)
  10. एमएफ डिस्ट्रिब्यूटर / एडवाइजर (MF Distributor/Advisor)
  11. इंश्योरेंस डिस्ट्रीब्यूटर / एडवाइजर (Insurance distributor/advisor)
  • एक क्लीयर ट्रेडिंग प्लान तैयार करना। ट्रेडिंग प्लान का लक्ष्य श्ूजर के लिए क्लीयर और मीनिंगफुल होना चाहिए।
  • स्ट्रैटजी को लागू करने के लिए ट्रेडर को टेक्नोलॉजी और मेथ्ड से फैमिलियर होना चाहिए।
  • आउटकम को प्राप्त करने की प्लानिंग के लिए, ट्रेडर को प्लानिंग पर भरोसा करना चाहिए।
  • लगातार सफलता प्राप्त करने में सक्षम होने के लिए रेवेंज ट्रेडिंग (revenge trading), रीसेंसी बायस (recency bias), स्टीरियोटाइपिंग इत्यादि जैसे बिहेवेरियल बायसेज (behavioral biases) के बारे में हमेशा अवेयर रहना चाहिए।
  • हमेशा कुछ नियम रखें और हमेशा उनका पालन करें।
  • ट्रेडिंग को फुलटाइम प्रोफेशन/बिजनेस के रूप में मानें जिसमें बिजनेस करने की लागत में आपको होने वाली हानि होती है। नुकसान से कभी भी न हिचकिचाएं और हमेशा स्ट्रिक्ट स्टॉप-लॉस का पालन करें।
  1. ट्रेडर ज्यादातर सेल्फ थॉट ब्रीड (self-taught breed) होते हैं। हालांकि, एक प्रोफेशनल ट्रेडर को शुरू करने के लिए फाइनांस की मूल बातें समझने की जरूरत है। कॉलेज की डिग्री आजकल एक प्रीकंडीशन है - कम से कम यदि आप ट्रेडिंग को सिरियसली लेना चाहते हैं या किसी सम्मानजनक फाइनांशियल इंस्टीट्यूशन या कॉर्पोरेशन में ट्रेडिंग से रिलेटेड करियर बनाना चाहते हैं।
  2. अधिकांश ट्रेडर के पास मैथ्स, फाइनांस, अकाउंटिंग, इकोनॉमिक्स या इंडस्ट्री में डिग्री होती है। डिफाइंड क्राइटेरिया के रूप में, शुरुआत करने के लिए आयु 18 वर्ष हो ऐसा जरूरी नहीं है। शेयर बाजार में निवेश करने की कोई न्यूनतम उम्र नहीं है। नाबालिग और वयस्क दोनों शेयरों में निवेश कर सकते हैं।
  3. माता-पिता या गार्जियन द्वारा संबंधित दस्तावेज जमा करने के बाद नाबालिग के नाम पर अकाउंट खोला जा सकता है। नाबालिग के वयस्क होने तक माता-पिता या गार्जियन अकाउंट की देखरेख करते हैं। नाबालिग के 18 साल के होने के बाद, डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट व्यक्ति को कुछ केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) दस्तावेज प्राप्त करने के लिए एक एडवाइजरी भेजता है ताकि वह नया अकाउंट खोल सके और उसमें डिटेल ट्रांसफर कर सके।
  4. डीमैट अकाउंट खोलने के लिए पैन कार्ड जरूरी है। इसे खोलते समय आपको केवाईसी दस्तावेजों के साथ अपने पैन कार्ड की एक प्रति जमा करनी होगी। दूसरी ओर, किसी के लिए इस इंडस्ट्री में इनवेस्टेंट एडवाइजरी या किसी कंसल्टिंग फंडामेंटल एनालिसिस कोर्स कंपनी में प्रोफेशनल के रूप में काम करने के लिए एनआईएसएम सर्टिफाइड होना चाहिए और इकोनॉमिक्स / बिजनेस मैनेजमेंट / फाइनांस या इसी तरह के कोर्स में मास्टर या ग्रेजुएट होना जरूरी है।

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