वर्तमान में, नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) के तहत ग्राहक योगदान एवं उसपर निवेश रिटर्न के लिए के लिए कर लाभ पाने के पात्र है। इसके अलावा, एनपीएस से बाहर निकलने पर वार्षिकी की खरीद मूल्य पर भी कर नहीं लगाया जाता है और केवल ग्राहकों की पेंशन आय सामान्य आय का हिस्सा मानी जाती है उसपर ग्राहक के लिए लागू उचित सीमांत दर लगाया जाता है। इसी तरह के कर उपचार एपीवाई के ग्राहकों के लिए लागू है।
सभी म्यूचुअल फंड के बारे में
स्टॉक और बॉन्ड जैसी संपत्ति हासिल करने के लिए, एक परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी (एएमसी) एक म्यूचुअल फंड स्थापित करने के लिए विभिन्न व्यक्तियों और फर्मों से धन एकत्र करती है। एएमसी द्वारा जमा किए गए निवेश की निगरानी के लिए फंड मैनेजरों को नियुक्त किया जाता है। संक्षेप में, म्यूचुअल फंड कई प्रतिभागियों के पैसे को बॉन्ड, इक्विटी और अन्य न्यूनतम निवेश के साथ सर्वोत्तम रिटर्न तुलनीय उत्पादों में निवेश करने के लिए जमा करते हैं। म्यूचुअल फंड में निवेशकों को उनके द्वारा निवेश की गई राशि के आधार पर फंड यूनिट आवंटित की जाती हैं। केवल मौजूदा शुद्ध परिसंपत्ति मूल्य पर ही निवेशक फंड यूनिट खरीद या बेच सकते हैं। अंतर्निहित होल्डिंग्स की अस्थिरता के जवाब में एक म्यूचुअल फंड का शुद्ध परिसंपत्ति मूल्य (एनएवी) प्रतिदिन बदलता है। म्युचुअल फंड भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा कड़ाई से नियंत्रित होते हैं और इसलिए, जोखिम मुक्त निवेश विकल्प के रूप में माना जा सकता है।
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अटल पेंशन योजना
भारत सरकार का सह योगदान वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2019-20 के लिए यानी 5 साल के लिए उन ग्राहकों को उपलब्ध है जो 1 जून, न्यूनतम निवेश के साथ सर्वोत्तम रिटर्न 2015 से 31 मार्च, 2016 की इस अवधि के दौरान इस योजना में शामिल होते हैं और जो न्यूनतम निवेश के साथ सर्वोत्तम रिटर्न किसी भी वैधानिक और सामाजिक सुरक्षा योजना में शामिल नहीं हैं एवं आयकर दाताओं में शामिल नहीं हैं। सरकार का सह-योगदान पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा पात्र स्थायी सेवानिवृत्ति खाता पेंशन संख्या को केंद्रीय रिकार्ड एजेंसी से ग्राहक द्वारा वर्ष के लिए सभी किस्तों का भुगतान की पुष्टि प्राप्त करने के बाद वित्तीय वर्ष के अंत में लिए ग्राहक के बचत बैंक खाता/डाकघर बचत बैंक खाते में कुल योगदान का 50% या 1000 रुपये का एक अधिकतम अंशदान जमा किया जाएगा। वैसे लाभार्थी जो वैधानिक सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के अंतर्गत आते हैं, एपीवाई के तहत सरकार के सह-योगदान प्राप्त करने के पात्र नहीं हैं। उदाहरण के लिए, निम्नलिखित अधिनियमों के तहत सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के सदस्य एपीवाई के तहत सरकार के सह-योगदान प्राप्त करने के लिए पात्र नहीं हो सकते है:
Post Office Saving Scheme: पोस्ट ऑफिस की ये स्कीम करे मालामाल, बच्चे से लेकर बूढ़े खुशहाल!
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 05 जून 2022,
- (अपडेटेड 05 जून 2022, 12:07 PM IST)
- वरिष्ठ नागरिक के लिए भी है स्कीम
- बच्ची के नाम न्यूनतम निवेश के साथ सर्वोत्तम रिटर्न से भी कर सकते हैं बचत
हम अपने पैसे को वहां निवेश (Invest) करना चाहते हैं, जहां बढ़िया रिटर्न (Best Return) के साथ पैसे के सुरक्षित रहने की भी गारंटी मिले. ऐसे निवेशकों के लिए भारतीय पोस्ट ऑफिस (Post Office Saving Scheme) कई स्कीमें चलाता है. इनमें आप कम पैसे निवेश कर के बढ़िया रिर्टन पा सकते हैं. साथ ही आपकी रकम भी यहां पूरी तरह से सुरक्षित रहती है. इस वजह से ही पोस्ट ऑफिस की कुछ बचत योजनाएं काफी पॉपुलर हैं.
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वरिष्ठ नागरिक बचत योजना
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS) 60 साल से अधिक उम्र वाले लोगों के लिए हैं. हालांकि, कुछ शर्तों के साथ रिटायर्ड कर्मचारियों (Government Retired Employee's) के लिए इस स्कीम में निवेश करने की उम्र 55 साल रखी गई है. वहीं, कुछ शर्तों के साथ डिफेंस के क्षेत्र से रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए ये उम्र 50 साल रखी गई है. इस स्कीम में निवेश करने की लिमिट 15 लाख रुपये है. इसमें 7.4 फीसदी के दर से ब्याज मिलता है और इसे तीन महीने के आधार पर दिया जाता है. इस स्कीम में निवेश करने पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत छूट भी मिलती है.
सुकन्या समृद्धि योजना
सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) खास तौर पर बेटियों के लिए है. इस स्कीम पर सरकार सरकार 7.6 प्रतिशत सालाना दर से ब्याज दे न्यूनतम निवेश के साथ सर्वोत्तम रिटर्न रही है. सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) योजना के तहत 10 वर्ष या उससे कम उम्र की लड़की के अभिभावक उसका अकाउंट खोल सकते हैं. इस योजना के तह न्यूनतम राशि 250 रुपये और अधिकतम राशि 1.5 लाख रुपये जमा कर सकते हैं. खाता खुलने की तारीख से 21 साल बाद या बेटी की उम्र 18 साल होने पर शादी के समय सुकन्या समृद्धि अकाउंट मैच्योर होता है. सुकन्या समृद्धि योजना के तहत खाता किसी पोस्ट ऑफिस या बैंक में खाता खुलवा सकते हैं.
FD, SIP, Crypto या Gold में कौन महिलाओं के लिए सबसे बेहतर निवेश विकल्प, जानिए यहां
Written By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Updated on: September 20, 2022 12:37 IST
Photo:INDIA TV FD, SIP, Crypto या Gold में कौन महिलाओं के सबसे बेहतर
Best Investment Option: हर व्यक्ति के जीवन में सही निवेश (Best Investment) करना एक अहम योगदान रखता है। सही निवेश ही आपको भविष्य में आने वाली परेशानियों में एक मजबूत इंसान बने रहने में मदद करता है। कहा जाता है कि अगर व्यक्ति के बैंक अकाउंट (Bank Account) में पैसा होता है तो वह बड़ी समस्या का भी आसानी से समाधान निकाल लेता है। यही बात महिलाओं के लिए भी लागू होती है। निवेश का सही विकल्प व्यक्ति के जीवन भर की कमाई (Lifetime Income) का एक उचित रिटर्न प्रदान करता है। हालांकि, निवेश के लिए सबसे अच्छा विकल्प सेलेक्ट करना हमेशा भ्रमित करने वाला होता है। इसके लिए एक अच्छे विशेषज्ञ की आवश्यकता होती है।
महिलाओं की बढ़ रही भागीदारी
आमतौर पर ज्यादातर महिलाएं उस तरह का निवेश चुनना पसंद करती हैं, जिसमें रिस्क कम और अच्छा रिटर्न मिलने की गारंटी होती है। अगर हम पिछले जेनेरेशन की बात करें तब उस तरह के निवेश एक बेहतर ऑप्शन थे जहां आप एक निर्धारित पूंजी को तय रिटर्न रेट के मुताबिक इन्वेस्ट कर दिया करते थे। आज के परिपेक्ष्य में यह बात पुरानी लगती है। इस समय निवेश के कई सारे ऑप्शन आ गए हैं, जिसे नई जेनेरेशन की महिलाओं द्वारा अपनाया भी जा रहा है। फाइनेंस मार्केट को आमतौर पर मेल-ड्रिवेन माना जाता है लेकिन अब उसमें महिलाओं की भागीदारी तेजी से बढ़ रही है। आज के निवेश मार्केट में महिलाओं के निवेश करने के लिए इक्विटी और एसआईपी से लेकर ईटीएफ और यहां तक कि पुरानी एफडी तक निवेश विकल्पों का एक विशाल अवसर है, जहां थोड़े से जोखिम के साथ अच्छा रिटर्न हासिल किया जा सकता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) में निवेश जोखिम कम करने वाला एक प्रभावी तरीका हो सकता है। पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) और FD लंबी अवधि के नजरिए से वित्तीय स्थिरता हासिल करने के लिए अच्छे विकल्प हैं।
बिना जोखिम के FD में निवेश बेहतर
15 महीने के लिए 2 करोड़ रुपये से कम की FD पर RBL बैंक सामान्य वर्ग को 7% और वरिष्ठ नागरिकों को 7.5% की ब्याज दर प्रदान करता है। वहीं एसबीआई 5-10 साल की FD पर सामान्य वर्ग के लिए 5.65% और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 6.45% का इंटरेस्ट रेट ऑफर कर रहा है। आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक की उच्चतम दर 3-5 साल के कार्यकाल पर सामान्य नागरिकों के लिए 6.10% और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 6.60% की दर से ब्याज दर दे रहा है।
श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस में अगर आप फिक्स्ड डिपॉजिट करते हैं तो आपको मोटा रिटर्न मिल सकता है। बैंक आम जनता के लिए 8.25% और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 8.75% की अधिकतम ब्याज दर ऑफर कर रही है। यह ऑफर 60 महीनों के लिए डिपॉजिट करने पर दी जा रही है। उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक ने हाल ही में 12 अगस्त 2022 को ₹2 करोड़ से कम की FD पर ब्याज दरों में बदलाव किया था। बैंक अब आम नागरिक के लिए 7.50% और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 8.25% की अधिकतम ब्याज दर दे रही है, जो 5 साल के डिपॉजिट पर मिल रहा है। इंडसइंड बैंक की उच्चतम दर 61 महीने से कम यानि 1 वर्ष 6 महीने के FD पर वरिष्ठ नागरिकों के लिए 7.50% है, जबकि इन कार्यकालों पर सामान्य वर्ग के लिए दर 6.75% है।
पीपीएफ अकाउंट में निवेश टैक्स दायरे से बाहर
पब्लिक प्रोविडेंट फंड अकाउंट (PPF) एक सरकार समर्थित छोटी बचत योजना है, जिसमें एक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम ₹500 से अधिकतम ₹1.50 लाख का निवेश होता है। पीपीएफ 7.1% की ब्याज दर प्रदान करता है। इस योजना में अर्जित ब्याज आयकर अधिनियम के तहत कर मुक्त है। इस अकाउंट में आप अगले 15 सालों तक के लिए निवेश कर सकते हैं। बता दें, एफडी और पीपीएफ दोनों खातों पर आईटी अधिनियम की धारा 80C के तहत 1.5 लाख रुपये की कर छूट का लाभ मिलता है।
क्रिप्टो को लेकर भारत में अभी भी तस्वीर साफ नहीं हुई है। भारत सरकार के तरफ से इसको लेकर कोई नियम अभी तक नहीं बनाया गया है। विशेषज्ञ का मानना है कि अगर आप छोटे निवेशक हैं तो क्रिप्टो में निवेश ना करें। क्योंकि इसमें नुकसान होने की संभावना काफी अधिक है।
Income Tax बचाने के लिए यहां करें निवेश, लॉक-इन सिर्फ 3 साल और रिटर्न भी मिलेगा शानदार
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। अप्रैल के साथ ही नए वित्त वर्ष का आगाज हो चुका है और यह समय है इनकम टैक्स बचाने की प्लाेनिंग करने के साथ-साथ उसे अमली जामा पहनाने की। अगर आप अभी से छोटी रकम का निवेश टैक्स सेविंग के लिए करेंगे तो साल के अंत में आप पर अचानक आर्थिक बोझ नहीं बढ़ेगा। साथ ही, अभी से किए गए निवेश न्यूनतम निवेश के साथ सर्वोत्तम रिटर्न पर एक साल के दौरान आप बेहतर रिटर्न भी अर्जित कर पाएंगे। वैसे तो आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत इनकम टैक्स बचाने के तमाम विकल्प हैं जैसे- बैंकों के टैक्स सेविंग एफडी, लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी, पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS) आदि। हालांकि, आज हम चर्चा करेंगे सिर्फ ELSS की, जिसे आपको सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी सिप (SIP) के जरिए अभी से निवेश की शुरुआत कर देनी चाहिए।
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