डिस्क्लेमरः किसी भी म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल प्लानर की राय जरूर लें। किसी भी तरह के नफा-नुकसान की जिम्मेदारी दैनिक जागरण की नहीं होगी।

किस उम्र से निवेश की शुरुआत करें

दुनिया भर में सबसे सफल लोग वो लोग हैं, जिन्होंने शुरुआत प्लानिंग के साथ करी जाहे ये उनके पेशेवर करियर में हो या वित्तीय निवेश में हो। ऊंचाइयों तक पहुंचना और सभी अवरोधों को पार करना इतना आसान नहीं है। कदम दर कदम सफल लोगों ने वह हासिल किया है जो अब उनके पास है - सम्मान, धन और शक्ति। यह कुछ दिनों या महीनों की बात नहीं है, बल्कि वर्षों और दशकों की मेहनत और भक्ति की भी है। निवेश शुरू करने के लिए एक आदर्श उम्र तब होती हैं, जब आप वित्तीय तौर पर एक नियमित आय अर्जित करते है। भारतीय संदर्भ में, यह आमतौर पर 24-27 वर्ष की आयु में होती हैं।

जल्दी क्यों शुरू करें?

जीवन में शुरुआती निवेश आरंभ करने के साथ लाभ भी होता हैं | क्योंकि प्रारंभिक आयु अधिक प्रभावशाली होती है, आप जो सीखते हैं वह जीवन भर आपके साथ रहता है। यह अनुभव आपको न केवल निवेश में, बल्कि जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी उतार-चढ़ाव में क्या मुझे डेट फंड्स में निवेश करना चाहिए? प्रबंधन करने का एक विचार देता हैं।

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SIPs से आपको रुपये की लागत को औसत करने (रुपये कॉस्ट एवरेजिंग) में भी मदद मिलती है।

सिस्टेमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान आपकी EMI के पेमेंट जैसा होता है। यह फाइनेंशियल इंवेस्टमेंट का एक सिस्टेमैटिक तरीका है। इसके तहत बाजार में एक नियमित अंतराल (आम तौर पर मासिक आधार) पर निवेश के लिए एक निर्धारित राशि को अलग रख लिया जाता है।

नई दिल्ली, दीपक जैन। पड़ोस में क्रिकेट खेलना मेरे बचपन की सबसे यादगार चीजों में शामिल है। हम हर मैच को इंटरनेशनल टूर्नामेंट की तरह गंभीरता से खेला करते थे और हर गेंद एक तरह की दुविधा पैदा करती थी। मैं अपने समय में अपनी टीम का एक बढ़िया बल्लेबाज था और एक अच्छा स्कोर खड़ा करना मेरी जिम्मेदारियों में शामिल था। जब भी मैं कोई गेंद खेलता था तो इस दुविधा में रहता था कि इसे मुझे रक्षात्मक तरीके से सिंगल के लिए खेलना चाहिए या बाहर निकलकर छक्का जड़ना चाहिए? हर विकल्प के अपने फायदे थे और उसी से जुड़े हुए परिणाम। एक तरह जबरदस्त उत्साह हुआ करता था। दूसरी तरह आउट होने और इस वजह से मैच गंवाने का डर। धीरे-धीरे मैंने यह फैसला किया कि मैं हर गेंद को उसकी मेरिट और वक्त की नजाकत के हिसाब से खेलूंगा।

म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट कैसे करे – आसान हिन्दी में बेहतरीन आर्टिकल्स की एक शुरुआती गाइड

म्युचुअल फंड इन्वेस्टमेंट हर एक इन्वेस्टर के बीच काफ़ी लोकप्रिय हैं । जिसका कारण है इससे मिलने वाले फायदे। इसके कईं फायदों में से कुछ सबसे महत्वपूर्ण फ़ायदे नीचे दिए हैं, जो इन्वेस्टर्स को अपनी ओर खींचते है और जिसकी वजह से –

  • इन्वेस्टर्स कितनी भी राशि के साथ शुरुआत कर सकते हैं ( 500 जितना कम भी )
  • इन्वेस्टर्स, अलग-अलग स्टॉक्स और डेट,गोल्ड जैसे इंस्ट्रूमेंट्स में इन्वेस्ट कर सकते हैं
  • हर महीने ऑटोमेटेड इन्वेस्मेंट्स शुरू कर सकते हैं (SIP)
  • डीमैट अकाउंट खोले बिना भी इन्वेस्ट कर सकते हैं

शुरुआती इन्वेस्टर्स के लिए इस म्युचुअल फंड इन्वेस्टमेंट गाइड में हमने कुछ आर्टिकल्स को आपके लिए चुना है। जो म्युचुअल फंड को समझने में और कैसे इन्वेस्ट करना शुरू करें, इसमें आपकी मदद करेंगे। हम सुझाव देंगे कि आप इस पेज को बुकमार्क कर लें ताकि आप इन आर्टिकल्स को अपनी सुविधा के अनुसार कभी भी पढ़ सकें।

क्या मुझे डेट फंड्स में निवेश करना चाहिए?

मैंने वर्ष 2005 से एचडीएफसी टॉप 200 में एसआईपी के जरिये निवेश किया है। मुझे प्रवेश अधिभार का भुगतान न करना पडे, क्या इसके लिए मुझे इसे बंद कर नए सिरे से निवेश करने की जरूरत होगी? - रश्मि

इस साल 1 अगस्त से सेबी की घोषणा के बाद से म्युचुअल फंडों में निवेश पर अब किसी तरह का प्रवेश अधिभार नहीं लगता है। लेकिन 1 अगस्त से पहले शुरू की गई सभी एसआईपी पर प्रवेश अधिभार पहले की तरह लगेगा। लिहाजा, आप अगर क्या मुझे डेट फंड्स में निवेश करना चाहिए? पहले शुरू की गई एसआईपी को बंदकर फिर से नई शुरुआत करना चाहती हैं, तो निश्चित तौर पर यह एक सराहनीय फैसला है।

वर्ष 2007 के उत्तरार्ध में मैंने जेएम कॉन्ट्रा-ग्रोथ में 55,000 रुपये का निवेश किया है। इस समय फंड की मौजूदा कीमत 38,000 रुपये है। फंड का प्रदर्शन काफी दयनीय रहा है। क्या बाजार में मौजूद अन्य योजनाओं का लाभ उठाने के लिए मुझे क्या मुझे डेट फंड्स में निवेश करना चाहिए? इस फंड से अपने निवेश को निकाल लेना चाहिए या फिर कम से कम अपने घाटे की भरपाई के लिए इसमें निवेश बनाए रखना चाहिए? - सुशील पाराशर

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SIPs से आपको रुपये की लागत को औसत करने (रुपये कॉस्ट एवरेजिंग) में भी मदद मिलती है।

सिस्टेमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान आपकी EMI के पेमेंट जैसा होता है। यह फाइनेंशियल इंवेस्टमेंट का एक सिस्टेमैटिक तरीका है। इसके तहत बाजार में एक नियमित अंतराल (आम तौर पर मासिक आधार) पर निवेश के लिए एक निर्धारित राशि को अलग रख लिया जाता है।

नई दिल्ली, दीपक जैन। पड़ोस में क्रिकेट खेलना मेरे बचपन की सबसे यादगार चीजों में शामिल है। हम हर मैच को इंटरनेशनल टूर्नामेंट की तरह गंभीरता से खेला करते थे और हर गेंद एक तरह की दुविधा पैदा करती थी। मैं अपने समय में अपनी टीम का एक बढ़िया बल्लेबाज था और एक अच्छा स्कोर खड़ा करना मेरी जिम्मेदारियों में शामिल था। जब भी मैं कोई गेंद खेलता था तो इस दुविधा में रहता था कि इसे मुझे रक्षात्मक तरीके से सिंगल के लिए खेलना चाहिए या बाहर निकलकर छक्का जड़ना चाहिए? हर विकल्प के अपने फायदे थे और उसी से जुड़े हुए परिणाम। एक तरह जबरदस्त उत्साह हुआ करता था। दूसरी तरह आउट होने और इस वजह से मैच गंवाने का डर। धीरे-धीरे मैंने यह फैसला किया कि मैं हर गेंद को उसकी मेरिट और वक्त की नजाकत के हिसाब से खेलूंगा।

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