इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है ?
सुबह 9:15 बजे से लेकर शाम को 3:30 बजे तक जो शेयर आपने इंट्राडे कहकर लिया है उसे 3:10 तक बेचना ही पड़ता है उस ट्रेड में आपको चाहे नुकसान हो, चाहे फायदा दोनों में से एक चीज ” बुक ” करनी ही पड़ेगी फायदा होता है तो आपकी पूंजी बढ़ जाएगी
और शेयर का रेट घट गया और आपको घटे रेट पर शेयर को बेचना ही पड़ेगा तो आपकी पूंजी घट जाएगी इसको (इंट्रा डे) बाजार कहते है इस बाजार में
इंट्राडे का व्यापार करने के लिए आपके पास कम से कम
₹50,000,00/= (पचास लाख) तो होना ही चाहिए
नहीं तो शॉर्ट टर्म या long टर्म निवेश कर
शेयर की डिलीवरी लेकर व्यपार करे!
अगर आप एक या ₹2,000,00/=लाख से इंट्राडे का व्यापार करेंगे तो आपकी पूंजी आहिस्ता आहिस्ता घटती इंट्रा डे ट्रेडिंग नियम जाएगी और एक दिन आप शेयर बाजार से बिल्कुल कंगाल हो जाएंगे।
इक्विटी बाजार में ट्रेडिंग 2 सेगमेंट होते है
1) कैश ट्रेडिंग
इस प्रकार के ट्रेडिंग में आप मॉर्निज के बिना आपके खुदके पैसों ट्रेडिंग कर सकते है। इसमें आप शेयर की दिलीविरी लेकर खरीद और बिक्री कर ट्रेडिंग करते है। इसमें आपको बहोत कम रिटर्न्स मिलता है। मगर इसमें आर्थिक जोखिम भी बहोत कम होता है। शेयर बाजार में पेशे आदर ट्रेडर इस तरह के ट्रेडिंग नहीं करते है । इसमें लेवल लघु समय ( < 1 वर्ष ) के निवेशक ट्रेडिंग करते है।
2) डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग
इस प्रकार के ट्रेडिंग में आप ब्रोकर मॉर्निज पैसों के साथ आपके ट्रेडिंग कर सकते है। इसमें आप स्टॉक ( ITC , HDFC , Reliance ) , करेंसी ( USD/INR ) , इंडेक्स ( NIFTY 50 / SENSEX ) और कमोडिटी ( Cruid Oil , Gold , Silver ) की दिलीविरी लिए बिना खरीद और बिक्री कर ट्रेडिंग करते है। इसमें आपको बहोत ज्यादा रिटर्न्स मिलता है। मगर इसमें आर्थिक जोखिम बहोत ज्यादा होता है। शेयर बाजार में पेशेदार ट्रेडर इस तरह के ट्रेडिंग करते है ।
डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग 2 तरह के होते है
a) फ्यूचर ट्रेडिंग
शेयर मार्किट में फ्यूचर ट्रेडिंग या फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट ट्रेडिंग का मतलब होता हे की आप किसी भी स्टॉक / इंडेक्स को उसकी एक्सपाइरी डेट से पहले खरीद या बेच सकते हे, कोई भी फिक्स प्राइस पर।
b) ऑप्शन ट्रेडिंग
शेयर इंट्रा डे ट्रेडिंग नियम बाजार मेंहर दिन शेयर और इंडेक्स की मूल्य ऊपर नीचे होते रहता है । इस में अगर आप किसी शेयर को भबिष्य के किसी निधारित मूल्य (strick price) में बेचना और ख़रीदना हो तो आपको किसी के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट करना होता है । इस को आसान भासा में स्टॉक हेजिंग कहे ते है इस के निबेश की रिस्क कम होजा ता है । सभी कॉन्ट्रैक्ट का एक निधारित समय सीमा होता है । इसी कॉन्ट्रैक्ट (Option) को बेचना और खरीदना को option trading कहते है ।
इंट्राडे और डिलीवरी ट्रेडिंग में क्या अंतर है?
शेयर बाजार में 1 दिन केलिए ट्रेडिंग करते है तो उसको इंट्राडे ट्रेडिंग कहते है। इसमें आपको शेयर को एक ही दिन में 9:15 AM से 3:30 PM तक खरीद बिक्री करना होता है। इसमें केबल ट्रेडिंग कर सकते है । मगर आपको लंबी अबधि केलिए निवेश केलिए शेयर की डिजिटल फॉरमेट के जरिए डिलीवरी लेनी होती है। इसमें आपको शेयर को डिजिटल फॉरमेट में खरीद के T +2 दिनों में आपके CDSL / NSDL एकाउंट में शेयर जमा होता है । इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको बहोत ज्यादा ब्रोकेज़ ( प्रति आर्डर ₹20/- ) का शुल्क देना होता है। मगर शेयर की डिलीवरी में ब्रोकेज़ बहोत कम लगता है। इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको > 30% ज्यादा इनकम टैक्स भरना होता है। मगर डिलीवरी ट्रेडिंग / निवेश में आपको ( 10 % से 15 % ) तक की इनकम टैक्स लगता है। इंट्राडे ट्रेडिंग शेयर बाजार के अनुभवी लोगों करना चाहिए । अगर आप शेयर में नए हो तो आपको डिलीवरी ट्रेडिंग / निवेश करना चाहिए।
ट्रेडिंग करने केलिए सबसे अच्छी ट्रेडिंग कंपनी कौन सी है?
बाजार में बहोत सारे ऐप है जो कि ऑप्शन ट्रेडिंग देते है मगर सबमें अलग ब्रोकेज चार्ज और मार्जिन के नियम अलग अलग है । इस लिए आपको बहोत सावधानी से अपना ब्रोकर चुने । में आपको कुछ ब्रोकर की सलाह देसकता है ।
1. जेरोधा सेकुरिट्स
2. ऐंजल इंट्रा डे ट्रेडिंग नियम ब्रोकिंग
3. मोतीलाल ओसबल सेकुरिट्स
4. IIFL सेकुरिट्स
5. उप स्टॉक
बाजार में भारी उतार-चढ़ाव के बीच शेयर मार्केट में इन 10 बातों का रखें ध्यान, नुकसान से बचेंगे और फायदे में रहेंगे
शेयर बाजार लॉन्ग टर्म के लिए निवेश की बेहतर जगहों में से एक है न कि जुआ घर. मजबूत कंपनी में निवेश करिए और लंबे समय या मध्यम अवधि के लिए अच्छा रिटर्न पाइए.
शेयर बाजार में आए नए या युवा निवेशक अक्सर कुछ सामान्य गलतियां करते हैं. इस वजह से उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ता है. कि . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : February 28, 2022, 08:05 IST
Investment Tips: रूस-यूक्रेन संकट के बीच दुनिया भर के शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव चल रहा है. भारतीय शेयर बाजार में उथल-पुथल जारी है. इन सबके बीच निवेशक सोच रहे हैं कि कहां इंट्रा डे ट्रेडिंग नियम और कैसे निवेश करें. किन गलतियों से बचें और क्या करें ? खासतौर से कोरोना के बाद कोरोड़ों की संख्या में नए डिमैट अकाउंट खुले हैं. इन नए निवेशकों को कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना जरूरी है.
शेयर बाजार में आए नए या युवा निवेशक अक्सर कुछ सामान्य गलतियां करते हैं. इस वजह से उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ता है. किसी निवेशक को कुछ बुनियादी बातों को जरूर सीखना चाहिए और सामान्य सी गलतियां करने से बचना चाहिए.
आईए जानते हैं ऐसी ही दस प्रमुख बातें …
1- पहले कंपनी को समझें
यह निवेश का पहला और बेसिक नियम है, जिसे हर एक निवेशक को फॉलो करना चाहिए. वैसे हर आदमी से यह उम्मीद करना मुश्किल है कि वह हर एक कंपनी की समझ रखे. इसके बावजूद हमें प्रयास करना चाहिए कि कम से कम कंपनी के बिजनेस की बेसिक समझ रखें, जैसे कंपनी क्या करती है और अपनी प्रतिद्वन्दी कंपनियों के सामने कैसे खड़ी है.
2- पोर्टफोलियों कैसा होना चाहिए
अक्सर हम देखते हैं कि निवेशक या तो अपने पोर्टपोलियो में विविधता नहीं रखते या फिर अत्यअधिक विविधता कर लेते हैं. जबकि इन इंट्रा डे ट्रेडिंग नियम दोनों के बीच संतुलन रखना सबसे महत्वपूर्ण है. जैसे मान लीजिए आपके पास दस शेयर हैं और आपने किसी एक या दो सेक्टर के ही सारे शेयर ले रखें हैं. इससे बचना चाहिए. दस में से दो बैंकिंग सेक्टर, दो मेटल सेक्टर, दो फार्मा सेक्टर, दो टेक सेक्टर इस तरह से पोर्टफोलियों में विविधता रखनी चाहिए. ज्यादा संख्या में भी शेयर रखने से बचना चाहिए. इसलिए जोखिम से बचने के लिए एक संतुलित वाली पोर्टफोलियों रखें.
3- दूसरे के पोर्टफोलियो का अनुकरण
सफल निवेशकों के पोर्टफोलियो को देखना गलत नहीं है और शुरुआत में उसके निवेश निर्णय से आप भी सीख सकते हैं. इसके साथ ही निवेश की अपनी समझ विकसित करें. लंबे समय में दूसरे को ब्लाइंडली फॉलो करना खतरनाक होता है क्योंकि हर निवेशक के पास विभिन्न फैक्टर होते और अपने प्लान होते हैं. इस चीज को आप ऐसे समझ सकते हैं कि हम सभी जानते हैं कि कार कैसे चलाते हैं लेकिन जब आप सड़क पर गाड़ी लेकर जाते हैं तो सामने वाली कार को देख कर चलाते हैं या अपने हिसाब से निर्णय लेते हैं. सामने वाली कार को फॉलो करना कितना खतरनाक हो सकता है यह आप समझ सकते हैं. यही स्थिति निवेश में भी होती है.
4- अपने निवेश के साथ भावनात्मक लगाव न रखें
सबसे खराब निवेश के निर्णय वो होते हैं जो आप भावनाओं के आधार पर लेते हैं या फिर आपके निर्णय लेने की प्रक्रिया को आपके इमोशन प्रभावित करते हैं. यह देखने की बजाय कि कंपनी का प्रदर्शन और उसका फंडामेंटल कैसा है.
5- अपनी निवेश के सिद्धांत पर अडिग रहें
जब हम किसी कंपनी को निवेश के लायक समझते हैं तब हम उससे संबंधित कुछ प्रमुख निर्धारक बिंदु देखते हैं. कंपनी कितना विकास करेगी और भविष्य में कंपनी की रणनीति क्या होगी, ऐसी बहुत सारी चीजें हम समझते हैं. यह कंपनी का एक्सपेंसन प्रोजेक्ट, रेवेन्यू ग्रोथ, मार्केट शेयर गेन, प्रोडक्ट की आगे वैल्यू एडिशन जैसे महत्वपूर्ण बिंदु होते हैं. यदि इनमें से किसी भी चीज को आप निवेश के बाद गड़बड़ होते हुए पाते हैं तो तुरंत समीक्षा करिए.
6. घाटे से डरिए मत, सीखिए
हां, यह हर निवेशक के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज है इसे सीखना और इससे बचना. सभी लोग कभी न कभी, किसी न किसी स्टॉक में गलत निर्णय ले लेते हैं, यह कोई बड़ी बात नहीं है. यह हमारे सीखने की प्रक्रिया का भी हिस्सा है. अगर कभी आप गलत शेयर ले लिए हैं और घाटा हो रहा है तो घाटे से डरिए मत, उससे निकल लीजिए. ज्यादा देर मत करिए और किसी दूसरे स्टॉक में मौका देखिए. घाटे से डरिए मत, सीखिए.
7. पेनी स्टॉक से बचना चाहिए
अक्सर नए निवेशक जल्दी पैसा कमाने के चक्कर में पेनी स्टॉक इंट्रा डे ट्रेडिंग नियम में पैसा लगा देते हैं. किसी दूसरे का सुन के कि इस 2 रुपए के स्टॉक ने 6 महीने में 500 फीसदी रिटर्न दिया, निवेश नहीं करना चाहिए. सैमको सिक्योरिटी के रिसर्च हेड उमेश मेहता कहते हैं पेनी स्टॉक जब चढ़ता है या उसमें अपर सर्किट लगने लगता है तो लोग पैसा लगाने के लिए जल्दीबाजी करने लगते है. लेकिन जब पेनी स्टॉक गिरता है या उसमें लोअर सर्किट लगता है तो निवेशक शेयर बेट भी नहीं पाते औऱ घाटा उठाना पड़ता है. इसलिए हमेशा फंडामेंटली मजबूत कंपनियों में निवेश करें.
8- जल्दी से जल्दी करोड़पति बनने की चाहत वाले शेयर बाजार से दूर रहें
अक्सर नए निवेशक शेयर बाजार में रातों रात करोड़पति बनना चाहते हैं. वो किसी और का सुन रख होते हैं या फिर बाजार को सट्टा का अड्डा समझते है. ऐसा सोचने वालों को बाजार से दूर रहना चाहिए. शेयर बाजार लॉन्ग टर्म के लिए निवेश की बेहतर जगहों में से एक है न कि जुआ घर. मजबूत कंपनी में निवेश करिए और लंबे समय या मध्यम अवधि के लिए अच्छा रिटर्न पाइए.
9 – नए निवेशकों को इंट्रा डे इंट्रा डे ट्रेडिंग नियम ट्रेडिंग से बचना चाहिए
वर्तमान में बाजार में बहुत ही ज्यादा उतार-चढ़ाव है. सामान्य परिस्थिति में भी नए निवेशक को इंट्रा डे ट्रेडिंग से बचना चाहिए. यहीं जल्दी पैसा डूबता है. क्योंकि आपको बाजार का लंबा अनुभव औऱ ज्ञान नहीं है. बारिकियां नहीं पता है. लिहाजा घाटा होने की आशंका बहुत ज्यादा होती है. इसलिए बेहतर कंपनी में निवेश करें न कि इंट्रा डे ट्रेडिंग करें.
10- जितना पैसा लगाइए उतना ही ज्यादा पढ़िए
शेयर बाजार में आप जितना ज्यादा पैसा लगा रहे हैं उतना ही ज्यादा पढ़िए. मार्केट, कंपनी, रिजल्ट, विशेषज्ञों की सलाह, ग्लोबल मार्केट का रूख इन सारी चीजों के बारे में जितना जानेंगे, आपके लिए बेहतर होगा.
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Equity में करते हैं निवेश तो अवधि के हिसाब से समझें टैक्स का पूरा कैलकुलेशन
इंट्राडे ट्रेडिंग से हुई कमाई पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स का भुगतान करना पड़ता है.
Tax On Equity Investment : बाजार के जानकारों का कहना है कि शेयर मार्केट में इस समय उतार-चढ़ाव का दौर बना हुआ है. ज्याद . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : April 13, 2022, 11:10 IST
नई दिल्ली. इक्विटी (Equity) को निवेशक की पोर्टफोलियो का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है. हालांकि, विभिन्न प्रकार के इक्विटी में निवेश पर टैक्स (Tax) के अलग-अलग नियम होते हैं. मान लीजिए, होल्डिंग की अवधि पर कैपिटल गेन्स टैक्स (Capital Gains Tax) लगता है. स्टॉक और इक्विटी आधारित म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश पर एक साल की लंबी अवधि के लिए निवेशक को कैपिटल गेन्य टैक्स का भुगतान करना पड़ता है.
हालांकि, यूलिप में निवेश पर यह पैरामूटर लागू नहीं होता है. टैक्स निवेश पर मिलने वाले कुल रिटर्न पर असर डालते हैं. बाजार के जानकारों का कहना है कि शेयर मार्केट में इस समय उतार-चढ़ाव का दौर बना हुआ है. ज्यादातर नए निवेशक सीधे या म्यूचुअल फंड के जरिये इक्विटी में पैसे लगा रहे हैं. इक्विटी में निवेश पर इससे होने वाले लाभ पर टैक्स का भुगतान करना पड़ता है.
निवेश की अवधि के हिसाब से टैक्स
कुछ निवेशक स्टॉक मार्केट में शॉर्ट टर्म के लिए पैसा लगाकर मुनाफा कमाते हैं. वहीं, कुछ लोग लॉन्ग टर्म में निवेश कर लाभ कमाते हैं. इक्विटी के मामले में एक साल या उससे ज्यादा समय के निवेश को लॉन्ग टर्म निवेश माना जाता है. अगर आप 12 महीने से पहले इसे भुनाते हैं तो इसे शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट माना जाता है. इन पर इसी हिसाब से टैक्स का भुगतान करना पड़ता है.
लॉन्ग टर्म पर 10 फीसदी टैक्स
जानकारों का कहना है कि अगर कोई निवेशक लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करता है तो होने वाली कमाई पर लॉन्ग इंट्रा डे ट्रेडिंग नियम इंट्रा डे ट्रेडिंग नियम टर्म कैपिटल गेन्स के हिसाब से 10 फीसदी टैक्स लगता है. हालांकि, अगर कमाई एक लाख रुपये तक है तो इस पर कैपिटल गेन्स टैक्स नहीं लगता है. निवेशक अगर 12 महीने से पहले ही इसे भुनाना चाहता है तो उसे 15 फीसदी के हिसाब से शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स का भुगतान करना पड़ता है.
इंट्राडे ट्रेडिंग का समझें गणित
अगर कोई निवेशक इंट्राडे ट्रेडिंग करता है यानी वह उसी दिन शेयर खरीदकर बेच देता है. कुल मिलाकर इसमें निवेशक एक दिन में ही शेयरों में निवेश कर मुनाफा कमाता है. इंट्राडे ट्रेडिंग से हुई कमाई पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स का भुगतान करना पड़ता है, जो मुनाफे का 15 फीसदी होगा.
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17 रुपये का यह शेयर बन गया रॉकेट, 52-वीक हाई पर पहुंचा भाव, 2 दिन में निवेशक मालामाल
कोटक सिक्योरिटीज के एनालिस्ट्स का मानना है कि बैंक के शेयर काफी पाॅजिटिव है और इसे निवेश के विचार के रूप में देखा जाना चाहिए। एक्सपर्ट के मुताबिक, जल्द ही यह शेयर 19 रुपये के पार जा सकता है।
Yes Bank Share Price: यस बैंक (Yes Bank) के शेयरों में आज जबरदस्त तेजी है। यह बैंकिंग स्टॉक (Banking stock) NSE आज 13.44% की तेजी के साथ 17.30 रुपये पर पहुंच गया। इस तेजी के बाद यह शेयर जनवरी 2021 के बाद के हाई पर पहुंच गए। इंट्रा डे ट्रेडिंग में आज यह शेयर लगभग 15% तक उछल कर 17.88 रुपये तक चला गया था जो कि इसका अब तक का ऑल टाइम हाई शेयर प्राइस है। इससे पहले 25 जनवरी 2021 को यह शेयर 17.55 रुपये पर गया था।
इस वजह से बढ़ रहा है शेयर
पिछले दाे कारोबारी दिनों में यस बैंक का शेयर 20 प्रतिशत से अधिक चढ़ गया। दरअसल, शेयरों में तेजी के पीछे एक बड़ी वजह है। वजह यह है कि बैंक दो दिग्गज ग्लोबल प्राइवेट इक्विटी निवेशकों कार्लाइल और एडवेंट इंटरनेशनल से लगभग 1.1 बिलियन (8,900 करोड़ रुपये) की इक्विटी पूंजी जुटाने की घोषणा की है। पिछले सप्ताह यस बैंक ने अपनी बोर्ड की बैठक में निजी इक्विटी निवेश के प्रस्तावों को मंजूरी दी थी। यस बैंक अपनी 10% इक्विटी हिस्सेदारी कार्लाइल ग्रुप और एडवेंट इंटरनेशनल को 8,898 करोड़ रुपये में बेचेगा। बता दें कि प्राइवेट सेक्टर के यस बैंक कार्लाइल को ₹13.78 प्रति शेयर पर 184 करोड़ इक्विटी शेयर जारी करेगा। जिन फंड्स को यस बैंक की हिस्सेदारी बेची जाएगी उनके नाम सीए बॉस्क्यू और वेरवेंटा होल्डिंग्स हैं।
21 दिन में 51% उछल गया यह स्टॉक, राकेश झुनझुनवाला के पास हैं कंपनी के 8.28 करोड़ शेयर
ब्रोकरेज फर्म हैं बुलिश
कोटक सिक्योरिटीज के एनालिस्ट्स का मानना है कि बैंक के शेयर काफी पाॅजिटिव है और इसे निवेश के विचार के रूप में देखा जाना चाहिए। शेयर बाजार के एक्सपर्ट के अनुसार, फंड जुटाने और मजबूत तिमाही नतीजों के बाद यस बैंक के शेयर बढ़ रहे हैं। शेयर इंडिया के चेयरमैन और रिसर्च हेड रवि सिंह के मुताबिक, जल्द ही यह शेयर 19 रुपये के पार जा सकता है।
(डिस्क्लेमर: यहां सिर्फ शेयर के परफॉर्मेंस की जानकारी दी गई है, यह निवेश की सलाह नहीं है। शेयर बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है और निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)
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