पापड़ के पैकेट में डॉलर ही डॉलर… दिल्ली एयरपोर्ट पर 15 लाख डॉलर के साथ पकड़ा गया शख्स. #papad pic.twitter.com/up1HCW7jxE — Nitesh Ojha (@niteshojha786) August 2, 2022

Delhi News: 15 लाख का डॉलर पापड़ के पैकेट में छिपाकर ले जा रहा था शख्स, दिल्ली एयरपोर्ट पर पकड़ा गया

Man Arrested Delhi Airport: जांच पड़ताल देखकर शख्स थोड़ा हिचकिचाया जिसे देखकर सुरक्षाकर्मियों को उसपर संदेह हुआ और फिर उन्होंने उसकी तलाशी ली. जिसके बाद शख्स के पास से विदेशी करेंसी बरामद हुई.

By: ABP Live | Updated at : 02 Aug 2022 07:47 PM (IST)

दिल्ली एयरपोर्ट पर गिरफ्तार शख्स के सामान की तलाशी लेते हुए सुरक्षाकर्मी

Man Arrested at Delhi Airport: दिल्ली (Delhi) में बैंकॉक (Bankok) जाने वाला एक शख्स 15 लाख रुपये से ज्यादा विदेशी मुद्रा ( Foreign Currency) ले जाने के आरोप में पकड़ा गया है. ये शख्स इंदिरा गांधी एयरपोर्ट (IGI Airport) से गिरफ्तार (Arrest) किया गया है. शख्स पापड़ के पैकेट में 15 लाख से ज्यादा कीमत के डॉलर छुपा कर ले जा रहा था. तभी एयरपोर्ट पर तैनात सीआईएसएफ (CISF) के जवानों ने इसे पकड़ लिया.

इस शख्स की पहचान ऋषिकेश नाम से हुई है. दरअसल, दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल- III पर जवान सुरक्षा संबंधी जांच-पड़ताल कर रहे थे. इसी दौरान ऋषिकेश नामका ये शख्स भी वहां पहुंचा. जांच पड़ताल देखकर पहले तो वो थोड़ा सा हिचकिचाया जिसे देखकर सुरक्षाकर्मियों को उसपर संदेह हुआ और फिर उन्होंने उसकी तलाशी ली. इस दौरान उस यात्री के पास से पापड़ के पैकेट में छिपाई गई विदेशी करेंसी बरामद हुई. ये करेंसी अमेरिकी डॉलर थे जिसकी भारतीय रुपयों में 15 लाख से भी ज्यादा वैल्यू थी. शख्स इस करेंसी को छिपाकर देश से बाहर ले जा रहा था.

मामले की सूचना वरिष्ठ अधिकारियो को दी गई
अधिकारियों ने बताया कि जब उन्हें आरोपी पर शक हुआ तो वो उसे सामान की जांच के लिए शख्स को रैंडम चेकिंग वाली जगह पर ले जाया गया. जब एक्सरे मशीन से उस शख्स के सामान की जांच की गई तो उसके सामान में कुछ विदेशी करेंसी की संदिग्ध तस्वीरें दिखाई दीं. इसके बाद तुरंत ही इस मामले की जानकारी सीआईएसएफ के वरिष्ठ अधिकारियों और कस्टम विभाग के अधिकारियों को दी गई.

सीआईएसएफ ने आरोपी को कस्टम विभाग के किए हवाले
गिरफ्तार किए गए शख्स का नाम ऋषिकेश (Hrishikesh) है और वो विस्तारा की फ्लाइट (Vistara Flight) संख्या यूके-121 से बैंकॉक (Bankok) जा रहा था. जब एयरपोर्ट (Airport) पर तैनात सीआईएसएफ (CISF) के जवानों को उस शख्स पर संदेह हुआ तो उसके सामान की तलाशी (Search) ली गई और पापड़ के पैकेट में अमेरिकी डॉलर (US Dollar) बरामद किए गए. बरामद किये गए अमेरिकी डालर को गिनने पर पता चला ये 19 हजार 900 अमेरिकन डॉलर हैं जिसकी भारतीय रुपयों (Indian Rupees) में मूल्य की बात की जाए तो ये लगभग साढ़े 15 लाख रुपये के आस-पास होते हैं. पूछताछ के दौरान शख्स इन रुपयों के बारे में हिसाब नहीं दे पाया जिसके बाद उसकी गिरफ्तारी हुई. एयरपोर्ट पर तैनात सीआईएसएफ (CISF) के अधिकारियों ने इस शख्स को कस्टम विभाग (Custom Department) को सौंप दिया है.

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Published at : 02 Aug 2022 07:40 PM (IST) Tags: cisf dollar Delhi airport हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi

33 लाख रुपए की विदेशी मुद्रा के साथ सीआईएसएफ ने दो आरोपियों को पकड़ा

सीआईएसएफकी सतर्कता के चलते इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से विदेशी करेंसी को गैर कानूनी तरीके से विदेश भेजने की कोशिश को नाकाम कर दिया गया है। इस साजिश को अंजाम तक पहुंचाने के लिए मुख्य आरोपी ने अपने ड्राइवर के इस्तेमाल की कोशिश की थी। वह अपने मंसूबे में सफल हो पाता इससे पहले सीआईएसएफ ने दोनों को पकड़ लिया। इनके कब्जे से करीब 33 लाख रुपए की विदेशी मुद्रा बरामद की गई है। दोनों आरोपियों को विदेशी नगदी के साथ सीआईएसएफ ने कस्टम के हवाले कर दिया है।

बैगेजमें गुप्त जगह बनाकर रखी थी विदेशी मुद्रा : सीआईएसएफप्रवक्ता मंजीत सिंह के अनुसार सिक्योरिटी होल्ड एरिया में मुसाफिरों का बैगेज एक्स-रे कर रहे सब इंस्पेक्टर विकास कुमार ने एक बैग के भीतर नगदी रखी देखी। इसी नगदी को बैग के भीतर खास सतह बनाकर रखा गया था। जांच में पता चला कि यह बैग शकील खान का था। बैग खुलवाने पर सीआईएसएफ ने 18545 यूरो और 24550 ब्रिटिश पाउंड बरामद किए। पूछताछ में शकील ने बताया कि वह एयर इंडिया की फ्लाइट एआई-114 से अमृतसर जा रहा था। यह करेंसी उसकी नहीं बल्कि थाई एयरवेज की फ्लाइट टीजी-324 से बैंकाक जा रहे बलजीत सिंह की है। जिसके बाद सीआईएसएफ ने इंटरनेशनल सिक्योरिटी होल्ड एरिया से बलजीत सिंह नामक शख्स को हिरासत में ले लिया। दोनों आरोपियों को सीआईएसएफ ने विदेशी मुद्रा गुप्त विदेशी नगदी के साथ कस्टम के हवाले कर दिया।

कस्टमसे बचने के लिए ड्राइवर की मदद से रची साजिश : कस्टमआयुक्त संजय मंगल के अनुसार शकील ने बताया कि वह बलजीत सिंह का ड्राइवर है। साजिश के तहत उसे रुपयों से भरा बैग इंटरनेशनल ड्यूटी फ्री एरिया में बलजीत सिंह को सौंपना था। यहां से विदेशी करेंसी के साथ बलजीत बैंकाक रवाना होने वाला था। बलजीत ने पूछताछ में अपना गुनाह कबल लिया है। दोनों को कस्टम एक्ट की धारा 104 के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया है।

'गुप्त काल के शासकों ने चलाए सबसे ज्यादा सिक्के'

संग्रहालय में चल रही 'भारतीय मुद्रा' शीर्षक कार्यशाला का समापन, संग्रहालय कर्मचारियों का हुआ सम्मान\Bएनबीटी, लखनऊ :\B गुप्तकाल को भारत का स्वर्ण .

संग्रहालय में चल रही 'भारतीय मुद्रा' शीर्षक कार्यशाला का समापन, संग्रहालय कर्मचारियों का हुआ सम्मान

\Bएनबीटी, लखनऊ :\B गुप्तकाल को भारत का स्वर्ण युग ऐसे ही नहीं कहा जाता, इस काल के राजाओं ने सबसे ज्यादा सिक्के चलाए। यह बात लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व प्रो़ प्रशांत श्रीवास्तव ने कही। शनिवार को उत्तर प्रदेश संग्रहालय निदेशालय की भारतीय मुद्राएं विषयक कार्यशाला का समापन हो गया। इस दौरान मुख्य अतिथि प्रो़ प्रशांत श्रीवास्तव ने कहा कि गुप्त शासकों में चंद्रगुप्त प्रथम के सिक्के ज्यादा जाने जाते हैं, जिन पर चंद्रगुप्त के साथ उनकी पत्नी कुमार देवी का चित्र बना है, जो लिच्छवी गणराज्य की राजकुमारी थीं। लिच्छवी राजनैतिक रूप से ज्यादा शक्तिशाली था। इन सिक्कों के जरिए पता चला कि लिच्छवियों से सम्बंध जोड़कर गुप्त सम्राज्य खुद को गौरवशाली मानता था। बाद में चंद्रगुप्त के बाद उनके बेटे स्कंदगुप्त ने सिक्के चलाए, जिसपर लिच्छवियों के पुत्र शब्द का इस्तेमाल किया गया।

प्रो़ प्रशांत ने सल्तनत काल से मुगलकालीन शासकों के सिक्कों का विश्लेषण पेश किया। उन्होंने गुलाम, खिलजी, लोधी वंश के शासकों की चलाई मुद्राओं के बारे में बताया। कार्यशाला में बतौर प्रतिभागी शामिल हुए संग्रहालय के कर्मचारियों को संग्रहालय निदेशक डॉ़ एके सिंह और प्रो़ प्रशांत ने सम्मानित किया। इस दौरान संग्रहालय प्रकृति विज्ञान की प्रभारी डॉ़ अलशाज फातिमी, सहायक निदेशक डॉ़ रेनू दुबे, डॉ़ विनय कुमार सिंह सहित अन्य मौजूद रहे।

करेंसी स्वैप किसे कहते हैं और इससे अर्थव्यवस्था को क्या फायदे होंगे?

करेंसी स्वैप का शाब्दिक अर्थ होता है मुद्रा की अदला बदली. जब दो देश/ कम्पनियाँ या दो व्यक्ति अपनी वित्तीय जरूरतों को बिना किसी वित्तीय नुकसान के पूरा करने के लिए आपस में अपने देशों की मुद्रा की अदला बदली करने का समझौता करते हैं तो कहा जाता है कि इन देशों में आपस में करेंसी स्वैप का समझौता किया है.

Currency Swap

विनिमय दर की किसी भी अनिश्चित स्थिति से बचने के लिए दो व्यापारी या देश एक दूसरे के साथ करेंसी स्वैप का समझौता करते हैं.

विनिमय दर का अर्थ: विनिमय दर का अर्थ दो अलग अलग मुद्राओं की सापेक्ष कीमत है, अर्थात “ एक मुद्रा के सापेक्ष दूसरी मुद्रा का मूल्य”. वह बाजार जिसमें विभिन्न देशों की मुद्राओं का विनिमय होता है उसे विदेशी मुद्रा बाजार कहा जाता है.

वर्ष 2018 भारत और जापान ने 75 अरब डॉलर के करेंसी स्वैप एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किये हैं जिससे कि दोनों देशों की मुद्राओं में डॉलर के सापेक्ष उतार चढ़ाव को कम किया जा सके.

इस एग्रीमेंट का मतलब यह है कि भारत 75 अरब डॉलर तक का आयात जापान से कर सकता है और उसको भुगतान भारतीय रुपयों में करने की सुविधा होगी. ऐसी ही सुविधा जापान को होगी अर्थात जापान भी इतने मूल्य की वस्तुओं का आयात भारत से येन में भुगतान करके कर सकता है.

आइये इस लेख में जानते हैं कि करेंसी स्वैप किसे कहते हैं?

करेंसी स्वैप का शाब्दिक अर्थ होता है "मुद्रा की अदला बदली". अपने अर्थ के अनुसार ही इस समझौते में दो देश, कम्पनियाँ और दो व्यक्ति आपस में अपने देशों की मुद्रा की अदला बदली कर लेते हैं ताकि अपनी अपनी वित्तीय जरूरतों को बिना किसी वित्तीय नुकसान के पूरा किया जा सके.

करेंसी स्वैप को विदेशी मुद्रा लेन-देन माना जाता है और किसी कंपनी के लिए कानूनन जरूरी नहीं है कि वह इस लेन-देन को अपनी बैलेंस शीट में दिखाए. करेंसी स्वैप एग्रीमेंट में दो देशों द्वारा एक दूसरे को दी जाने वाली ब्याज दर फिक्स्ड और फ्लोटिंग दोनों प्रकार की हो सकती है.

करेंसी स्वैप से भारतीय अर्थव्यवस्था को क्या लाभ होंगे?

1. मुद्रा भंडार में कमी रुकेगी: डॉलर को दुनिया की सबसे मजबूत और विश्वसनीय मुद्रा माना जाता है यही कारण है कि पूरे विश्व में इसकी मांग हर समय बनी रहती है और कोई भी देश डॉलर में पेमेंट को स्वीकार कर लेता है.

डॉलर की सर्वमान्य स्वीकारता के कारण जब भारत से विदेशी पूँजी बाहर जाती है या विदेशी निवेशक अपना धन वापस निकलते हैं तो वे लोग डॉलर ही मांगते हैं जिसके कारण भारत के बाजार में डॉलर की मांग बढ़ जाती है जिसके कारण उसका मूल्य भी बढ़ जाता है. ऐसी हालात में RBI को देश के विदेशी मुद्रा भंडार से डॉलर निकालकर मुद्रा बाजार में बेचने पड़ते हैं जिससे भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आती है.

यदि भारत का विभिन्न देशों के साथ करेंसी स्वैप एग्रीमेंट है तो भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में (डॉलर के साथ विनिमय दर में परिवर्तन होने पर) कमी बहुत कम आएगी.

2. करेंसी स्वैप का एक अन्य लाभ यह है कि यह विनिमय दर में परिवर्तन होने से पैदा हुए जोखिम को कम करता है साथ ही यह ब्याज दर के जोखिम को भी कम कर देता है. अर्थात करेंसी स्वैप समझौते से अंतरराष्ट्रीय बाजार में मुद्रा की कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव से राहत मिलती है.

3. वित्त मंत्रायल की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि भारत और जापान के बीच हुए करेंसी स्वैप समझौते से भारत के कैपिटल मार्केट और विदेशी विनिमय को स्थिरता मिलेगी. इस समझौते के बाद से भारत जरूरत पड़ने पर 75 अरब डॉलर की पूंजी का इस्तेमाल कर सकता है.

4. जिस देश के साथ करेंसी स्वैप एग्रीमेंट होता है संबंधित देश सस्ते ब्याज पर विदेशी मुद्रा गुप्त कर्ज ले सकता है. इस दौरान इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि उस वक्त संबंधित देश की करेंसी का मूल्य क्या है या दोनों देशों के बीच की मुद्राओं के बीच की विनिमय दर क्या है.

आइये करेंसी स्वैप एग्रीमेंट को एक उदाहरण की सहायता से समझते हैं;

मान लो कि भारत में व्यापार करने करने वाले व्यापारी रमेश को 10 साल के लिए 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर की जरूरत है. रमेश किसी अमेरिकी बैंक से 1 मिलियन डॉलर का लोन लेने का प्लान बनाता है लेकिन फिर उसे याद आता है कि यदि उसने आज की विनिमय दर ($1 = रु.70) पर 7 करोड़ का लोन ले लिया और बाद में रुपये की विनिमय दर में गिरावट आ जाती है और यह विनिमय दर गिरकर $1 = रु.100 पर आ जाती है तो रमेश को 10 साल बाद समझौते के पूरा होने पर 7 करोड़ के लोन के लिए 10 करोड़ रूपये चुकाने होंगे. इस प्रकार रमेश को लोन लेने पर बाजार में उतार चढ़ाव के कारण 3 करोड़ रुपये का घाटा हो सकता है.

लेकिन तभी रमेश को एक फर्म से पता चलता है कि अमेरिकी व्यापारी अलेक्स को 7 करोड़ रुपयों की जरूरत है. अब रमेश और अलेक्स दोनों करेंसी स्वैप का एग्रीमेंट करते हैं जिसके तहत रमेश 7 करोड़ रुपये अलेक्स को दे देता है और अलेक्स 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर रमेश को. दोनों के द्वारा समझौते की राशि का मूल्य $1 =रु.70 की विनिमय दर के हिसाब से बराबर है.

अब रमेश, अलेक्स को अमेरिका के बाजार में प्रचलित ब्याज दर (मान लो 3%) की दर से 1 मिलियन डॉलर पर ब्याज का 10 साल तक भुगतान करेगा और अलेक्स, रमेश को भारत के बाजार में प्रचलित ब्याज दर (मान लो 6%) के हिसाब से 7 करोड़ रुपयों के लिए ब्याज देगा.

समझौते की परिपक्वता अवधि (date of maturity) पर रमेश, अलेक्स को 1 मिलियन डॉलर लौटा देगा और अलेक्स भी रमेश को 7 करोड़ रुपये लौटा देगा. इस प्रकार के आदान-प्रदान के लिए किया गया समझौता ही करेंसी स्वैप कहलाता है.

इस प्रकार करेंसी स्वैप की सहायता से रमेश और अलेक्स दोनों ने विनिमय दर के उतार चढ़ाव की अनिश्चितता से बचकर अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा कर लिया है.

समय की जरुरत को देखते हुए भारत ऐसी ही समझौते अन्य देशों के साथ करने की तैयारी कर रहा है. भारत, कच्चा टेल खरीदने के लिए ईरान के साथ ऐसा ही समझौता करने की विदेशी मुद्रा गुप्त प्रोसेस में है. अगर भारत और ईरान के बीच यह समझौता हो जाता है तो भारत हर साल 8.5 अरब डॉलर बचा सकता है.

उम्मीद है कि ऊपर दिए गए विश्लेषण और उदाहरण की सहायता से आप समझ गए होंगे कि करेंसी स्वैप किसे कहते हैं और इससे किसी अर्थव्यवस्था को क्या फायदे होते हैं.

पापड़ के पैकेट में 15 लाख डॉलर छिपाकर ला रहा था शख्स, एयरपोर्ट पर पकड़ा गया

दिल्ली के इंद्रिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर CISF ने 15.5 लाख रुपये की विदेशी करेंसी बरामद की गई है. ये करेंसी पापड़ के पैकेट के बीच मे छिपाकर हिन्दुतान से बाहर ले जाई जा रही थी.

पापड़ के पैकेट में 15 लाख डॉलर छिपाकर ला रहा था शख्स, एयरपोर्ट पर पकड़ा गया

देश की राजधानी दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जहां सीआईएसएफ अधिकारी ने बताया कि बैंकॉक से जाने वाले एक शख्स को कुरकुरे पापड़ के पैकेट की परतों के बीच 15 लाख रुपए से ज्यादा के अमेरिकी डॉलर ले जाने के आरोप में गिरफ्तार किया विदेशी मुद्रा गुप्त गया है. दरअसल, दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल- III पर सुरक्षा जांच-पड़ताल को दौरान यात्री को सुबह करीब 5 बजे रोका गया था. जिसकी पहचान ऋषिकेश के रूप में हुई है. बता दें कि, ये करेंसी पापड़ के पैकेट के बीच मे छिपाकर हिन्दुतान से बाहर ले जाई जा रही थी.

दरअसल,सीआईएसएफ अधिकारी ने बताया कि शक होने पर आरोपी के सामान की जांच के लिए रैंडम चेकिंग प्वाइंट पर ले जाया गया. जहां एक्सरे मशीन के जरिए उसके सामान की जांच करने पर, सामान में कुछ विदेशी मुद्रा छुपाए जाने की संदिग्ध फोटो देखी गई. हालांकि, मामले की सूचना सीआईएसएफ के सीनियर अधिकारियों और कस्टम विभाग के अधिकारियों को दी गई. इस दौरान गिरफ्तार किए गए यात्री के पास से कुल $19,900 अमेरिकी डॉलर पकड़े गए. जहां भारतीय रुपए के हिसाब से करीब साढ़े विदेशी मुद्रा गुप्त 15 लाख रुपए के कीमत के हैं.

CISF ने अमेरिकन डॉलर किए बरामद

पापड़ के पैकेट में डॉलर ही डॉलर…

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CISF ने आरोपी को कस्टम विभाग के किए हवाले

वहीं, ऋषिकेश नाम का शख्स विस्तारा की फ्लाइट संख्या यूके-121 से बैंकॉक जा रहा था. ऐसे में शक होने पर जब CISF ने उसे रोक कर उसके बैग की तलाशी ली तो बैग में पापड़ के पैकेट के बीच में छिपाकर रखे गए 19 हजार 900 अमेरिकन डॉलर बरामद कर लिए गए हैं. जिनकी कीमत करीब साढे 15 लाख रुपए है. इस दौरान पूछताछ में ऋषिकेश नाम का यात्री इन अमेरीकी डॉलर का कोई सही हिसाब नहीं दे पाया. जिसके विदेशी मुद्रा गुप्त बाद मामले में आगे की कार्रवाई के लिए यात्री को लगभग 15.5 लाख रुपए की विदेशी मुद्रा के साथ CISF के अधिकारियों ने कस्टम विभाग को सौंप दिया है. वहीं, अधिकारी का कहना है कि इतनी बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा ले जाने के लिए वह वैलिड़ अथॉरिटी नहीं दी जा सकती है.

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