- 1. मौजूदा समय में अधिकांश निवेशक म्यूचुअल फंड के जरिये निवेश करते हैं। बाजार में गिरावट आने से उनके पोर्टफोलियो में भी गिरावट आएगी। इससे उनको नुकसान उठाना होगा।
- 2. शेयर बाजार में तेजी से किसी देश की अर्थव्यवस्था को आंका जाता है। वहीं, गिरावट आने पर उस देश की अर्थव्यवस्था में सुस्ती की आशंका बढ़ जाती है। तेजी जारी रहने पर रोजगार के नए अवसर पैदा होते हैं और गिरावट में कम होते हैं।
- 3. शेयर बाजार में बड़ी गिरावट आने पर न सिर्फ नौकरियों के अवसर में कमी क्या बाजार में गिरावट आने पर बांड सुरक्षित हैं आती है बल्कि वेतन वृद्धि भी प्रभावित होती है क्योंकि बाजार की चाल से अर्थव्यवस्था के माहौल को पता चलता है। गिरावट आने पर माहौल खराब होता है।
- 4. शेयर बाजार में गिरावट आने से निवेशक सुरक्षित निवेश की ओर रुख करते हैं। इससे सोने की क्या बाजार में गिरावट आने पर बांड सुरक्षित हैं मांग तेजी से बढ़ती है जिससे कीमतों में तेजी से इजाफा होता है।
- 5. वर्तमान में जीवन बीमा कंपनी से लेकर पेंशन फंड मैनेज करने वाली कंपनियां शेयर बाजार में निवेश करती हैं। बाजार में गिरावट आने से आपको मिलने वाले रिटर्न में कमी आ सकती है। रिटायरमेंट प्लानिंग पर इसका बड़ा असर देखने को मिल सकता है।
Stock Market News: कल की गिरावट में निवेशकों के स्वाहा हुए 9 लाख करोड़ रुपये, एक दिन में बाजार ने गंवाई कई महीनों की तेजी
Stock Market News: कल सोमवार को हफ्ते का पहला कारोबारी सेशन था और शेयर बाजार ने इतनी भारी गिरावट दिखाई कि इसे ब्लैक मंडे कहना किसी भी तरह से गलत नहीं होगा.
By: ABP क्या बाजार में गिरावट आने पर बांड सुरक्षित हैं Live | Updated at : 21 Dec 2021 09:03 AM (IST)
Edited By: Meenakshi
शेयर बाजार (फाइल फोटो)
Stock Market News: कल का दिन शेयर बाजार के लिए ब्लैक मंडे (Black Monday) साबित हुआ और निवेशकों के एक ही दिन में 9 लाख करोड़ (9 Lakh Crore) रुपये से ज्यादा डूब गए. पिछले कुछ दिनों से जारी बाजार (Stock Market) की गिरावट के चलते निफ्टी और सेंसेक्स इस साल के अपने ऊपरी स्तर से बेहद नीचे आ चुके हैं. निफ्टी (Nifty) करीब 2200 अंक और सेंसेक्स (Sensex) करीब 7000 अंकों से ज्यादा टूट चुके हैं.
शुरुआती मिनटों में ही निवेशकों के 10 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हुए
गौरतलब है कि बाजार में कल शुरुआती कुछ मिनटों में ही निवेशकों के 10 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा डूब गए थे और शाम तक बाजार में थोड़ी रिकवरी आई जिससे ये नुकसान थोड़ा कम हुआ. ऐसी बड़ी गिरावट के दिन बाजार में चौतरफा बिकवाली और गिरावट का लाल निशान ही हावी रहा और दलाल स्ट्रीट का रंग लाल हो गया. बाजार के बेंचमार्क इंडेक्स 2 फीसदी से ज्यादा टूट गए और इसी के चलते निवेशकों के 9 लाख करोड़ रुपये साफ हो गए.
कल कैसे बंद हुए थे बाजार
कल के दिनभर के कारोबार के बाद सेंसेक्स 1189.73 अंक यानी 2.09 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुआ वहीं निफ्टी 371.00 अंक यानी 2.18 फीसदी की गिरावट के साथ 16,614.20 के लेवल पर बंद हुआ. बैंकिंग और रियलटी शेयरों की भारी गिरावट ने निवेशकों के चेहरे पर मायूसी ला दी और दिनभर इंवेस्टर्स इससे जूझते रहे.
क्यों आ रही है बाजार में लगातार गिरावट
दुनिया के कई देशों में ओमिक्रोन वेरिएंट का बढ़ता असर कई देशों के शेयर बाजार पर असर डाल रहा है और भारतीय बाजार भी इससे अछूते नहीं रह पाए. वहीं एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशक) की तरफ से बाजार में भारी मुनाफावसूली भी इसके पीछे का एक बड़ा कारण है. दिसंबर की शुरुआत से अब तक विदेशी निवेशक घरेलू क्या बाजार में गिरावट आने पर बांड सुरक्षित हैं शेयर बाजार से 26,000 करोड़ रुपये निकाल चुके हैं और इसका प्रभाव तो बाजार के गिरने के रूप में आने की आशंका थी ही जो सच साबित हो रही है.
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Published at : 21 Dec 2021 09:03 AM (IST) Tags: NSE Stock Market sensex nifty bse हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
आर्थिक मंदी में गिरता क्यों है शेयर बाजार? मंदी में कैसी होनी चाहिए निवेश की रणनीति
लम्बी अवधि के निवेशक जानते हैं कि आर्थिक मंदी हमेशा के लिए नहीं रह सकती.
एक निवेशक तो मंदी से गुजर रही स्टॉक मार्केट में पैसा लगाना चाहिए या नहीं? गिरावट में पैसा लगाना सुरक्षित रहेगा क्या? लम . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : July 29, 2022, 16:51 IST
हाइलाइट्स
एक निवेशक तो मंदी से गुजर रही स्टॉक मार्केट में पैसा लगाना चाहिए या नहीं?
प्रॉफिट मार्जिन नहीं बढ़ता है तो शेयरों के भाव भी गिरने लगते हैं.
शेयर बाजार में किसी भी कारण गिरावट आती है तो शेयर खरीदने का अच्छा मौका होता है.
नई दिल्ली. अगर शेयर बाजार ऊपर भाग रहा हो तो भी निवेशक डरे रहते हैं कि खरीदें या नहीं, क्योंकि मार्केट में किसी भी समय गिरावट आ सकती है. और अगर बाजार लगातार गिर रहा हो तो भी निवेशक डरते हैं, पता नहीं कहां तक गिरेगा? जब आर्थिक मंदी के हालात हों तो बाजार की गिरावट का कोई स्तर नहीं होता. मंदी की भी कोई निश्चित अवधि नहीं होती.
ये सिचुएशन आपके सामने भी अक्सर आती होगी. आज हम इस जटिल विषय को समझने में आपकी मदद करेंगे. बड़ा सवाल यही है कि एक निवेशक तो मंदी से गुजर रही स्टॉक मार्केट में पैसा लगाना चाहिए या नहीं? गिरावट में पैसा लगाना सुरक्षित रहेगा क्या?
गिर रहे शेयर बाजार की स्थिति को समझने के लिए आपको बाजार में त्योहारों पर लगने वाली सेल को समझना होगा. गिरते बाजार में लगभग सभी शेयर सेल पर होते हैं, मतलब अपनी असली कीमत से कम पर मिल रहे होते हैं. लेकिन जिस प्रकार त्योहारों की सेल में हर चीज सस्ती मिलने की वजह से भी आप सबकुछ नहीं खरीदते हैं, वैसे ही शेयर बाजार में सेल के समय हर स्टॉक खरीदना उचित नहीं है.
मंदी में क्यों गिरते हैं शेयर?
इसे समझना काफी आसान है. मंदी के दौरान लोग अपने खर्च को कंट्रोल कर लेते हैं. वे ज्यादा खर्च करने की अपेक्षा ज्यादा बचत करने लगते हैं. इससे कंपनियों को अच्छा प्रॉफिट नहीं मिल पाता और उनके रेवेन्यू में ग्रोथ नहीं होती. जब उनका रेवेन्यू या प्रॉफिट गिरने लगता है तो कंपनी अपने कई सारे काम रोक देती है, जैसे कि अपनी क्षमताओं का विस्तार या सरप्लस कैपेसटी को रोकना. जब कंपनियों के काम-धंधे रुक जाते हैं और प्रॉफिट मार्जिन नहीं बढ़ता है तो शेयरों के भाव भी गिरने लगते हैं.
इसके अलावा, विदेशी निवेशक, जिन्होंने शेयर बाजार में अच्छा-खासा पैसा लगाया होता है, वे भी गिरते बाजार में ज्यादा जोखिम नहीं लेना चाहते और बाजार से पैसा निकाल लेते हैं. चूंकि विदेशी निवेशकों को अपने यहां ब्जाय दरें अच्छी मिलने लगती हैं तो वे पैसा ब्याज के लिए पार्क कर देते हैं या फिर निवेश के लिहाज से सेफ हेवन माने वाले वाले सोने और चांदी में लगाते हैं.
निवेश का मौका है आर्थिक मंदी!
लम्बी अवधि के निवेशकों के दिमाग में एक बात हमेशा रहती है कि आर्थिक मंदी हमेशा के लिए नहीं रह सकती. जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था मंदी से बाहर निकलेगी, वैसे-वैसे ही शेयर बाजार में भी पॉजिटिविटी आएगी. इसलिए जब भी शेयर बाजार में किसी भी कारण गिरावट आती है तो शेयर खरीदने का अच्छा मौका होता है.
अब आप भी सोच रहे होंगे कि गिरावट में खरीदना तो ठीक, लेकिन गिरावट में भी कब खरीदा जाए. इस बात का क्या गारंटी है कि गिरावट वहीं तक होगी या बाजार और नहीं गिरेगा? तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ये तो कोई भी नहीं जान सकता कि बाजार कहां तक गिरेगा और कहां से उठेगा. लेकिन यदि आपका नजरिये लम्बी अवधि के लिए निवेश करने का है तो आप गिरावट में थोड़ा-थोड़ा माल उठाना शुरू कर सकते हैं. माल से अभिप्राय शेयर्स से है.
यहां एक बात और ध्यान में रखने लायक है कि निवेशकों के लिए मंदी के दौरान निवेश करने की सबसे अच्छी रणनीति यह होती है कि कम कर्ज वाली कंपनियों में निवेश करें, जिनका कैश फ्लो भी अच्छा हो और बैलेंस शीट मजबूत हो. इसके विपरीत, अत्यधिक लीवरेज, चक्रीय (साइकिलिक), या स्पेक्युलेटिव कंपनियों के शेयरों से बचा जाना चाहिए.
निवेश के लिए 2 तरह की रणनीतियां
इक्विटी म्यूचुअल फंड्स (Equity mutual funds): इस रणनीति में, सीधे शेयरों में निवेश करने की कोशिश करने के बजाय निवेशक म्यूचुअल फंड के माध्यम से निवेश करने का विकल्प चुन सकते हैं. जब शेयर बाजार एक मंदी के दौर से उबरता है, तो रिकवरी आमतौर पर व्यापक होती है. मतलब कई स्टॉक एक साथ ऊपर जाते हैं. डायवर्सिफाइड म्यूचुअल फंड में निवेश करना इसलिए बेहतर होता है, क्योंकि निवेशक कुछ चुनिंदा शेयरों पर दांव लगाने के बजाय, इस तरह की व्यापक रिकवरी से लाभ उठा सकते हैं. इस रणनीति से मिलने वाला रिटर्न सबसे अच्छा होता है. यहां एक फैक्टर आपके फेवर में यह भी होता है कि म्यूचुअल क्या बाजार में गिरावट आने पर बांड सुरक्षित हैं फंड हाउस किसी खराब शेयर में पैसा नहीं लगाते.
सीधे स्टॉक्स में निवेश: यह रणनीति केवल उन निवेशकों के लिए अच्छी है, जिनके पास शेयर बाजार का पर्याप्त ज्ञान है. जिन्हें पता है कि शेयर बाजार कैसे संचालित होता है और कीमतों में उतार-चढ़ाव का कारण क्या बाजार में गिरावट आने पर बांड सुरक्षित हैं क्या होता है. यह उन निवेशकों के लिए भी उपयुक्त है, जो अधिक जोखिम उठाने की क्षमता रखते हैं या वित्तीय संकट के बिना नुकसान को अवशोषित करने की क्षमता रखते हैं. ऐसे निवेशक इस बात से भी वाकिफ हैं कि एक बेयर बाजार में कुछ क्षेत्र दूसरों की तुलना में जल्दी रिकवर करने वाले होते हैं. उदाहरण के लिए, उपभोक्ता, फार्मा और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों की कंपनियों की मांग हमेशा बनी रहती है और ये जल्दी रिकवर करती हैं. इसी तरह, जानकार निवेशक रियल एस्टेट जैसे चक्रीय क्षेत्रों से बचते हैं, जहां टर्नअराउंड अवधि लंबी हो सकती है.
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गिरावट के साथ बंद हुआ शेयर बाजार, आने वाले सप्ताह में रिकवरी की उम्मीद
Stock Market Outlook निवेशक फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स के निवेश व डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमतों पर नजर रखेंगे। बता दें कि अगले सप्ताह Nifty के 17350 और 17100 पर सपोर्ट व 17800 पर रजिस्टेंस दिखाने की संभावना है।
नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। इस सप्ताह शेयर मार्केट गिरावट के साथ बंद हुआ। एक तरफ जहां Nifty 0.11% की गिरावट के साथ 17539.45 के आंकड़े पर बंद हुआ, तो वहीं Sensex 0.05% की गिरावट के साथ 58,803.33 के आंकड़े पर बंद हुआ। आने वाले सप्ताह में निवेशकों की नजर 5 सितम्बर को जारी किये जाने वाले S&P Global Services PMI के आंकड़ों पर रहेगी। बता दें कि S&P Global India Services PMI जून के 59.2 के आंकड़े के मुकाबले गिर कर जुलाई महीने में 55.5 पर आ गया था।
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इसके अतिरिक्त 9 सितम्बर को जारी होने वाले Deposit Growth व Bank Loan Growth के आंकड़े भी आने वाले सप्ताह में काफी महत्वपूर्ण रहेंगे। देश में अगस्त महीने में वैल्यू ऑफ लोन में आई 8.4% की बढ़त के साथ यह आंकड़े काफी महत्वपूर्ण रहेंगे। साथ ही इसी दिन फॉरेन एक्सचेंज रिसर्व के आंकड़े भी जारी किए जाएंगे।
निवेशकों के लिए फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स के निवेश व डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमतों पर भी नजर रखेंगे। बता दें कि अगले सप्ताह Nifty के 17350 और 17100 पर सपोर्ट व 17800 पर रजिस्टेंस दिखाने की संभावना है।
5 में प्वाइंट में जानें शेयर बाजार की गिरावट से आप पर क्या होगा असर
यह साल शेयर बाजार के लिए काला साबित हो रहा है। इस साल एक जनवरी को सेंसेक्स 41,349 प्वाइंट्स पर खुला था। इस दिन 43 प्वाइंट गिरकर 41,306 प्वाइंट्स पर बंद हुआ था। 13 मार्च को खबर लिखे जाने तक सेंसेक्स.
यह साल शेयर बाजार के लिए काला साबित हो रहा है। इस साल एक जनवरी को सेंसेक्स 41,349 प्वाइंट्स पर खुला था। इस दिन 43 प्वाइंट गिरकर 41,306 प्वाइंट्स पर बंद हुआ था। 13 मार्च को खबर लिखे जाने तक सेंसेक्स 3000 अंक टूट चुका है। इस साल 11662 अंक तक सेंसेक्स गिर चुका है। आमतौर पर शेयर बाजार में गिरावट आने से यह माना जाता है कि शेयरों में निवेश करने वाले निवेशकों को ही नुकसान होता है, लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं है।
बाजार में गिरावट आने से म्यूचुअल फंड के जरिये निवेश करने वाले निवेशकों को भी नुकसान उठाना पड़ता है। इसकी वजह यह है कि शेयरों में गिरावट आने से उन म्यूचुअल फंड हाउस को नुकसान उठाना होता है जो उनमें निवेश किए होते हैं। उनकी फंड की वैल्यू घटती है। इसका असर निवेशकों के पोर्टफोलियो पर भी होता है। निवेशक का पोर्टफोलियो में गिरावट आती है। वहीं, दूसरी ओर कंपनियों को शेयरों में गिरावट से बाजार का माहौल खराब होता है। इससे अप्रत्यक्ष रूप से जॉब के मौके और वेतन वृद्धि पर भी असर होता है।
- 1. मौजूदा समय में अधिकांश निवेशक म्यूचुअल फंड के जरिये निवेश करते हैं। बाजार में गिरावट आने से उनके पोर्टफोलियो में भी गिरावट आएगी। इससे उनको नुकसान उठाना होगा।
- 2. शेयर बाजार में तेजी से किसी देश की अर्थव्यवस्था को आंका जाता है। वहीं, गिरावट आने पर उस देश की अर्थव्यवस्था में सुस्ती की आशंका बढ़ जाती है। तेजी जारी रहने पर रोजगार के नए अवसर पैदा होते हैं और गिरावट में कम होते हैं।
- 3. शेयर बाजार क्या बाजार में गिरावट आने पर बांड सुरक्षित हैं में बड़ी गिरावट आने पर न सिर्फ नौकरियों के अवसर में कमी आती है बल्कि वेतन वृद्धि भी प्रभावित होती है क्योंकि बाजार की चाल से अर्थव्यवस्था के माहौल को पता चलता है। गिरावट आने पर माहौल खराब होता है।
- 4. शेयर बाजार में गिरावट आने से निवेशक सुरक्षित निवेश की ओर रुख करते हैं। इससे सोने की मांग तेजी से बढ़ती है जिससे कीमतों में तेजी से इजाफा होता है।
- 5. वर्तमान में जीवन बीमा कंपनी से लेकर पेंशन फंड मैनेज करने वाली कंपनियां शेयर बाजार में निवेश करती हैं। बाजार में गिरावट आने से आपको मिलने वाले रिटर्न में कमी आ सकती है। रिटायरमेंट प्लानिंग पर इसका बड़ा असर देखने को मिल सकता है।
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